अपनी गर्लफ्रेंड के साथ में बातचीत जारी रख पाना काफी मुश्किल काम हो सकता है, खासकर कि तब, जब आप दोनों ही इस तरह से फोन पर लंबे समय तक बातचीत करने के आदी न रहे हों। वैसे तो किसी को भी बिना देखे, उसके हाव-भाव से मिलने वाले संकेतों, जैसे कि उसके चेहरे के भाव और बॉडी लेंग्वेज को देखे बिना प्रतिक्रिया दे पाना या ऐसे में जबकि आपको ऐसा फील हो कि आपके पास में बात करने के लिए कुछ ज्यादा नहीं है, तो बातचीत के टॉपिक्स को ढूंढ पाना काफी मुश्किल होता है। वैसे तो अपनी ही गर्लफ्रेंड से बात करना, आपके लिए इतना भी चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। असल में, कुछ ज़रा सी जानकारी और अच्छे एटिट्यूड के साथ, आप खुद ही आगे बढ़ते जाएंगे।
संपादन करेंचरण
संपादन करेंबात करने लायक चीजों को तलाशना (Finding Things to Talk About)
- ओपन-एंडेड सवाल करें: ये किसी भी इंसान के साथ में अच्छी बातचीत जारी रखने का एक अच्छा तरीका है, जिसमें आपकी गर्लफ्रेंड से लेकर आपके ग्रैंडफादर तक, आपसे मिलने वाले हर एक तरह के लोग शामिल हैं। ज़्यादातर लोगों को खुद के बारे में बातें करना बहुत अच्छा लगता है, और अगर आप उनके लिए इस तरीके से बातचीत करने के एक ऐसे दरवाजे को खोल देते हैं, जिससे ज़्यादातर लोग जरूर गुजरेंगे।[१] उससे बहुत ज्यादा ओपन-एंडेड सवाल करें, और हाँ या न वाले जवाब मिलने की उम्मीद वाले सवाल न करें। ऐसा करने का मकसद यही है, आप उससे कुछ ऐसी बातें पूछें, जिसका जवाब नेचरली बहुत बड़ा हो और उसे ऐसा न लगे, कि वो इंटरव्यू में बैठी हुई है।
- उसके पूरे दिन के बारे में पूछें। ये शुरुआत करने का सबसे स्पष्ट तरीका है। जब भी किसी से “आपका आज का दिन कैसा रहा?” पूछा जाता है, तो ज़्यादातर लोग इसके बारे में ज्यादा कुछ सोचे बिना, बस “बहुत अच्छा रहा” कहकर निकल जाते हैं। इससे आपको आगे बढ़ने लायक कुछ नहीं मिलेगा। इसकी बजाय, कुछ और ज्यादा स्पष्ट, जैसे कि, “क्या आज तुमने कोई रोचक काम किया?” या “क्या तुम आज सुबह आए तूफान से पहले ही काम पर लग गई थी?” पूछकर देखें। हालांकि इससे आपको कोई बहुत मनोरंजक बात करने तो नहीं मिल जाएगी, लेकिन इससे आप दोनों ही आसानी से बात जरूर करना शुरू कर देंगे।
- आप दोनों ही की मिलती-जुलती रुचियों और समानताओं के बारे में बात करें। हो सकता है, कि आप और आपकी गर्लफ्रेंड की बहुत सारी रुचियाँ एक-दूसरे से मिलती हों। ये किसी ऐसे विषय को सामने लाने का एक बहुत अच्छा तरीका है, जिसके ऊपर आप-दोनों ही अपनी तरफ से सवाल रखते हुए बातचीत कर सकें। उससे किसी ऐसे टीवी शो के लेटेस्ट एपिसोड के बारे में पूछें, जो आप दोनों को ही पसंद है या फिर क्या उसने आप-दोनों के पसंदीदा लेखक का इंटरव्यू देखा है, या फिर उससे ऐसी ही और किसी चीज़ को ऊपर बात करें, जो आपको और उसे भी अच्छी लगती है।
- उससे मदद या सलाह माँगें। ऐसा जरूरी है, कि आपकी गर्लफ्रेंड को जब भी अपनी बात सुनाने के लिए किसी की जरूरत हो, या अपने आँसू बहाने के लिए किसी कंधे की जरूरत हो, तो आपको अपनी तरफ से उसे सहानुभूति देना चाहिए, लेकिन अगर उसे ऐसा फील होता है, कि आप तो कभी उससे मदद नहीं माँगते, तो वो शायद इसे एक बोझ समझने लगेगी। बात भी सही है, कोई भी इंसान किसी ऐसे इंसान के साथ डेट नहीं करना चाहेगा, जो एक इमोशनल रोबोट है, और जिसे कभी मदद ही नहीं चाहिए होती। अगर आपको कोई परेशानी नहीं है, तो जबरदस्ती में ऐसे ही किसी समस्या को न गढ़ लें, लेकिन अगर आप किसी बात को लेकर परेशान हैं, तो ऐसे में उससे सलाह लेने से बिल्कुल न घबराएँ।
- उससे पूछें, कि जब वो 7 साल की थी, तब वो बड़ा होकर क्या बनना चाहती थी। वैसे तो ये एक ज़रा अजीब सा सवाल है। लेकिन इससे उसे ऐसा फील होगा, कि आप उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने में रुचि ले रहे हैं और साथ ही आपको भी एक नया नजरिया मिल जाएगा।[२]
- आपके दिन के बारे में कोई छोटी सी स्टोरी सुनाएँ: अगर आज के दिन में आपके साथ कुछ बहुत फनी और मजेदार हुआ है, तो उसे इसके बारे में जरूर बताएँ। ऐसा करते वक़्त, ऐसा भी हो सकता है, कि आप परिस्थिति में बहते चले जाएँ और कुछ बहुत अजीब बात कहने लग जाएँ, तो जहां तक हो सके, अपनी तरफ से शिकायतों की झड़ी लगाने से बचें।
- कोई प्लान बनाएँ या उस पर चर्चा करें: उन सारी मजेदार चीजों के ऊपर बात करें, जो आप-दोनों मिलकर इस वीक कर सकते हैं। अगर आपके पास में पहले से ही एक प्लान तैयार रखा है, तो फिर उससे उस प्लान के लिए अपने उत्साह के ऊपर बात करें, या फिर उसके सामने उस प्ले के ऊपर कोई बात छेड़ दें, जो आप दोनों देखने जाने वाले हैं। इससे न सिर्फ आप दोनों को एक्साइटेड होने में मदद मिलेगी, बल्कि उसे इस बात का भी अहसास हो जाएगा, कि वो आपकी लाइफ का कितना अहम हिस्सा है।
- आपके लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं को उसके साथ में शेयर करें: ऐसा नहीं है, कि आपको पूरी बातचीत में बस अपनी ही तरफ की बातें करते रहना है, लेकिन कोई भी किसी ऐसे इंसान को डेट नहीं करना चाहेगा, जिसकी लाइफ में कोई जुनून ही नहीं। उसे आपकी कुछ इच्छाओं और सपनों के बारे में बताएँ।
- गॉसिप करें: आपकी चर्चा में एक हिस्सा गॉसिप का भी होना चाहिए और आपको किसी के भी बारे में बहुत ज्यादा पर्सनल या बुरी बात भी नहीं बोलना है, लेकिन अगर आपको कहीं भी ऐसा लगता है, कि आपकी बातें अब यहीं रुकने वाली हैं, तो ऐसा करने से आप वापस अपनी जगह पा सकते हैं। दुनिया में ऐसे बहुत कम ही लोग हैं, जिन्हें किसी के ऊपर गॉसिप करना पसंद न हो।[३]
- फॉलो-अप करें: उसे किसी ऐसी बात की याद दिला दें, जो उसने कभी आपको बाद में बताने के लिए कहा हो, इससे उसे ये समझ आएगा, कि आप भी उसमें रुचि ले रहे हैं। इससे क्या होगा कि अगर आपके बीच में चल रही किसी चर्चा की रफ्तार धीमी हो जाती है, तो आप उसके सामने एक बिल्कुल ही नया टॉपिक लाकर, खुद को बचा सकते हैं।
संपादन करेंसहानुभूति के साथ सुनना (Listening Empathetically)
- उसे समझने की कोशिश करें: इस तरह से ध्यानपूर्वक सुनने को “एक्टिव रूप से सुनना (active listening)” या “विचारशील रूप से सुनना (reflective listening)” भी कहा जाता है। जो कि किसी को सुनने और उस पर प्रतिक्रिया देने का एक ऐसा तरीका है, जिसमें बोलने वाले इंसान को समझने की ओर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। ये शायद एक ऐसी सबसे जरूरी कला है, जिसे आपको ग्रहण करना चाहिए। गर्लफ्रेंड के साथ में की जा रही आपकी ये बातचीत न सिर्फ आसानी से और नेचरली खुद-ब-खुद आगे बढ़ती जाएगी, बल्कि इससे उसे ऐसा अहसास होगा, कि उसे सच में देखा और सुना जा रहा है, और इससे आप दोनों जरा ज्यादा करीब भी आ जाएँगे।[४]
- उस की तरफ ध्यान दें: किसी भी मजबूत रिश्ते में, इससे जुड़े हुए लोगों के बीच में बातचीत के लिए एक महत्वपूर्ण जगह होना बहुत जरूरी है। ऐसा कहा गया है, कभी-कभी आपको दूसरे की अपेक्षा जरा ज्यादा ध्यान और सपोर्ट की जरूरत पड़ती है। संवेदनशीलता के साथ में सुनने वाले इंसान में ऐसी काबिलियत होती है, कि जब भी सामने वाले इंसान को जरूरत हो, तो वो अपने द्वारा बोली जाने वाली बात को, सामने वाले के द्वारा नज़रअंदाज़ करने देता है, वो भी अपने खुद के इगो को बीच में लाए बिना।
- सच में उसकी तरफ पूरे दिल से ध्यान दें: आप इसका दिखावा नहीं कर सकते, तो इसलिए ऐसा करने की कोशिश भी न करें। आपके द्वारा सामने वाले की बातों को सुनना भूले बिना, आपके लिए उसकी बातों के ऊपर दिये जाने लायक जवाब की तलाश में जुट जाना बेहद आसान है। इसका पूरा अर्थ संवेदनशीलता का अंत ही है। वो जो कुछ बोलना चाहती है, उसे बिना बीच में रोके बोलने दें।
- कुछ ऐसी ओपन-एंडेड, नॉन-जजमेंटल प्रतिक्रिया दें, जो दर्शाती हैं कि आप सुन रहे थे: बिल्कुल कभी-कभी ये उतना ही आसान होता है, जितना कि उसे कहना कि “ये सुनने में बहुत बुरा लग रहा है। मुझे मालूम है, कि तुम्हें तुम्हारे डॉग से कितना प्यार था।” इससे उसे ऐसा पता चलता है, कि आप उसे सुन रहे हैं और आपको उसके लिए फील भी हो रहा है, और आप उसे और भी बोलने के लिए भरपूर मौका दे रहे हैं।
- उसकी फीलिंग्स को वापस उसके सामने दोहराएँ: अगर वो आपको, उसके फ्रेंड्स के साथ में हुए झगड़े की कहानी सुनाती है, तो ऐसे में कुछ ऐसा बोलने से बचें, “ऐसा लग रहा है, कि तुम्हारे फ्रेंड्स एकदम बेवकूफ हैं। उन्हें तुम्हारी अच्छाई की कोई कद्र ही नहीं है।” आपको ये प्रतिक्रिया देने का थोड़ा सा सपोर्टिव तरीका जरूर लग सकता है, लेकिन सच्चाई तो ये है, कि वो अपने फ्रेंड्स से प्यार करती है, और उनके लिए आपकी तरफ से किया गया कोई भी कमेंट, वापस आपको ही परेशानी में डाल सकता है। इसकी जगह पर कुछ इस तरह से प्रतिक्रिया देने की कोशिश करें, “ऐसा लग रहा है, कि तुम उसके तुमसे इस तरह से बात करने को लेकर बहुत दुखी हो।” आपकी कही हुई इस बात से उसकी फीलिंग्स को वैधता मिल जाएगी, वो भी बिना किसी पर दोष डाले, और बिना माँगी सलाह दिये बिना।
- उसे और ज्यादा बात बताने के लिए बुलाएँ: कुछ इस तरह के वाक्य का इस्तेमाल करें, जैसे कि “मुझे इसके बार में कुछ और भी बताओ,” “मैं इसके बारे में और ज्यादा सुनना चाहता हूँ,” “तुमको कैसा फील हो रहा है?” या “फिर तुमने क्या किया?” ऐसे बोलते रहने से, उसे आपके साथ में और ज्यादा शेयर करने की प्रेरणा मिलेगी।
संपादन करेंमददगार या सपोर्टिव होना (Being Supportive)
- उसके द्वारा पहले कभी बताई, किसी बात के ऊपर सवाल करें: इससे उसे ऐसा लगेगा, कि आप सच में उसके द्वारा बोली जाने वाली बातों पर ध्यान देते हैं, और आप भी उन सारी चीजों की परवाह करते हैं, जो उसके लिए जरूरी हैं। उससे कुछ ऐसा पूछकर देखें, “क्या तुम्हारा बॉस आज भी उतना ही खडूस था?” या “तुम्हारी माँ अब कैसा फील कर रही हैं?” या “तुमने वो बुक पूरी पढ़ ली, जिसे तुम बहुत दिलचस्पी से पढ़ रही थी?”[५]
- वो जब तक आपसे कोई हल ना मांगे, तब तक उसे कोई सुझाव न दें: ज़्यादातर पुरुष अक्सर ही किसी परेशानी के हल का प्रैक्टिकल तरीका बताने के लिए, अपनी किसी परेशानी का उदाहरण देने लगते हैं। वहीं दूसरी तरफ, ज़्यादातर महिलाएँ, किसी भी समस्या के लिए प्रैक्टिकल सुझाव की बजाय, हमदर्दी की आशा रखती हैं। जब भी आपकी गर्लफ्रेंड आपको किसी ऐसी परेशानी के बारे में कुछ बताती है, जिससे वो काफी परेशान है, तो आपके मन में सबसे पहले उसके हल सुझाने का ख्याल आएगा। इसे बिल्कुल न मानें। इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है, कि वो आपके साथ बात शेयर करके सिर्फ अपना दिल हल्का करना चाह रही है। अगर उसको आपकी सलाह चाहिए होती, तो वो सीधे आपसे माँग लेती। तब तक के लिए, ऐसा मानकर चलें, कि वो सिर्फ आपकी तरफ से संवेदना चाहती है और चाहती है, कि उसे कोई समझे।[६][७]
- दर्शाएँ, कि आप भी उसकी कही बातों से कहीं न कहीं संबन्धित हैं: ये जरूरी नहीं, कि ये सारी परिस्थितियों पर लागू ही होगा, लेकिन कभी-कभी एक ऐसी कहानी बताना, जब आपने भी ऐसी ही किसी परिस्थिति का सामना किया हो, इससे उसे उसके अनुभव के सही होने की पुष्टि हो जाएगी और उसे ज़रा कम अकेलापन भी महसूस होगा। हालाँकि इसे बहुत ज्यादा भी न खींच दें। आपको उसे एकदम किनारे करके, सारी चर्चा का विषय खुद को नहीं बना डालना है।
- उसकी फीलिंग्स को गलत साबित न करें: कभी भी ऐसी कोई बात न बोलें, जैसे कि, “तुम ओवर-रिएक्ट कर रही हो,” “इतना घबराने की कोई जरूरत नहीं,” “तुमको कल अच्छा फील होगा,” “ये उतना ज्यादा भी बुरा नहीं है,” या “इसमें इतना दुखी होने वाली क्या बात है।” फिर चाहे आपको उसकी तरह फील हो या न हो, एक इमोशनल प्रतिक्रिया देना ही सही रहेगा, इससे उसकी फीलिंग्स नहीं बदल जाएंगी। उसकी भावनाओं को कम न करें। न ही हमेशा समझदारी की उम्मीद लगाएँ। इमोशन्स या भावनाओं का समझदारी से कोई लेना-देना नहीं होता, और लोगों के पास में दुखी होने की हमेशा कोई वजह भी नहीं होती। आपके साथ भी सम्मान भरा व्यवहार ही होना चाहिए, लेकिन उसे ऐसा भी ना कहें, कि वो वेवजह ही परेशान हो रही है या उसके सामने और ज्यादा समझदारी भरी प्रतिक्रियाओं के उदाहरण की लाइन न लगा दें। आपको बाद में भी इसके लिए वक़्त मिलेगा। अभी आपको सिर्फ सुनने का काम करना है।[८]
संपादन करेंसलाह
- उसकी तरफ से आपकी फीलिंग्स का सम्मान पाने की भी उपेक्षा भी रखें। याद रखें, कि बातचीत जारी रखने और उसे पूरा सपोर्ट देने की सारी ज़िम्मेदारी सिर्फ आपकी ही नहीं है। उसकी तरफ से भी इसमें आपके जितना प्रयास मिलना चाहिए। अगर वो ऐसा नहीं कर पा रही है, तो इसे लाने के लिए बिना कोई दोष लगाए, एक तरीका खोजें। हमेशा “मैं” वाले वाक्य का इस्तेमाल करें और आप अपनी फीलिंग्स पर फोकस करें। ऐसा कुछ कहकर देखें, कि “कभी-कभी तो मुझे ऐसा लगता है, कि अपनी बातचीत जारी रखने का पूरा प्रेशर सिर्फ मेरे ऊपर ही है। तुम्हें कभी ऐसा फील हुआ?” या “मुझे लगता है, कि मैं इमोशनल सपोर्ट देने के लिए बहुत ज्यादा कोशिश करता हूँ। तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा, अगर मैं भी कभी अपना दिल हल्का करने के लिए तुमसे कुछ कहूँ?” अगर वो आपके ऊपर किसी भी चर्चा को स्वीकार करने का संकेत नहीं देती, तो फिर आपको इस रिश्ते के भविष्य के ऊपर विचार करके देख लेना चाहिए।
- बातचीत करने के दूसरे तरीकों का इस्तेमाल भी करें। बहुत से लोग टेलीफोन पर बहुत ज्यादा चिंचित या परेशान महसूस करते हैं। अगर आप भी ऐसा ही फील करते हैं या आपको लगता है, कि उसे ऐसा फील होता है, तो फिर ऐसे में फोन पर बात करने की जगह, सीधे वीडियो कॉल कर लें, या टेक्स्ट मैसेज भेज दें या फिर जो भी आपको सही लगे, उसे करके देखें। उसके सामने ये बात स्पष्ट कर दें, कि आप उससे बात करना नज़रअंदाज़ नहीं कर रहे हैं, लेकिन आपको ऐसा लगता है, कि आप ऐसे दूसरे तरीके से, उससे जरा ज्यादा अच्छी तरह से बात कर पाएंगे।
- कभी ना खत्म होने वाली बातचीत न करें। अगर आप में से कोई भी एक दुखी है या उसे कोई परेशानी है, तो आपको ज़रा कम ही बात करना चाहिए। और कभी-कभी आपको ऐसे वक़्त पर भी बातें खत्म कर देनी चाहिए, जबकि बातचीत काफी अच्छे से चल रही हो। कभी भी बात करने के मुद्दों से बाहर न हो जाएँ, और आप दोनों के बीच में एक अनचाही सी खामोशी न बनने दें। याद रखें, आपके पास में अभी भी आमने-सामने मिलने पर करने लायक बातें होनी चाहिए।
- जितना अच्छे से हो सके, बातचीत को खत्म करने की कोशिश करें। आप भी अपनी कोशिशों पर पानी नहीं फेरना चाहते होंगे।
- "बेचारी लड़की" जैसे कुछ ध्यान लेने वाले वाक्य, बहुत अजीब तरीके से बाहर आते हैं और उसे ऐसा लगता है, कि उसके पैरेंट्स से बात हो रही है। ऐसे कोई भी वाक्य इस्तेमाल न करें, जो कि आपके पैरेंट्स इस्तेमाल करते हैं; इससे ज़रा अजीब सा तनाव बन जाता है।
संपादन करेंस्रोत और उद्धरण
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