गुलाब जामुन एक पारंपरिक मिठाई है जो दक्षिण एशियाई देशो जैसे; भारत और पाकिस्तान, और कुछ केरीबीयन देश जैसे त्रिनिदाद और जमैका में लोकप्रिय है | भारत में ज्यादातर लोग इन मिष्ठानों को छुट्टियों में जैसे कि, दीवाली और गणेश चतुर्थी पर बनाते हैं | हालांकि, यह मीठी, चाशनी में डूबी हुई मिठाई किसी भी अवसर पर बनाई जा सकती है | गुलाब जामुन बनाने के लिए पहले चरण से शुरू करें |
संपादन करेंसामग्री
संपादन करेंसना हुआ आटा (लोई)
- 1 कप गुलनार (carnation) दूध पाउडर
- 1/2 कप बिस्क़ुइक्क (Bisquick), वैकल्पिक रूप से 1/2 कप कोई भी आटा और 1/2 छोटी चम्मच बेकिंग सोडा उपयोग कर सकते हैं
- 2 बड़े चम्मच पिघला हुआ मक्खन
- 1/4 कप पूर्ण दूध
- तलने के लिए वनस्पति तेल
संपादन करेंचाशनी
- 2 कप शक्कर
- 1 कप पानी
- 4-5 इलायची
- 5 बड़े चम्मच गुलाबजल
- चुटकी भर केसर
संपादन करेंसजावट
- 5-10 पिस्ता के कतरन
संपादन करेंचरण
संपादन करेंचाशनी और सने हुए आटे को बनाना
- शुरूआती तैयारियाँ: शक्कर, पानी, इलायची, केसर और गुलाबजल को एक पैन में 5 मिनट के लिए गरम करें | इस मिश्रण को मिलाने के लिए अच्छे से घुमाएं | जरुरत से ज्यादा गरम न करें, वरना चाशनी कैरामेल बन जाएगी | अगर चाशनी कैरामेल बननी शुरू हो गयी है तो थोड़ा पानी डालकर मिश्रण को अच्छे से हिलाएं और वापस गरम करें |
- चाशनी तैयार करें: आंच बंद कर दें और चाशनी को एक तरफ रख दें--आपको आटे की बनी गेंदों को भिगोने के लिए इसकी जरुरत पड़ेगी | वैकल्पिक, आप इसे धीमी आंच पर गरम करने के लिए भी रख सकते हैं|
- दूध पाउडर, बिस्कुइक और मक्खन को मिलाए: इन्हे बर्तन में अच्छे से मिला लीजिए | आपको पहले मक्खन को पिघलाना पड़ेगा ताकि यह आसानी से मिल सकें | ये सारे तत्व इस स्वादिष्ट मिठाई में अनूठी प्रकृति डाल देंगें |
- इस सूखे मिश्रण में पूर्ण दूध डालकर मजबूत आटा गूंथें: आटे को तब तक गूंथते रहें जब तक आपको मोटी, मलाईदार पदार्थ मिलें | अगर आटा मलाईदार नहीं है तो इसमें और दूध डालकर इसे चिकनी, मलाईदार होने तक गूंथें |
- आटे को 20 हिस्सों में बाँट दें: यह जरुरी नहीं की हर हिस्सा ठीक, या एक जैसा हो | सिर्फ 20 हिस्से बनाए, जिसे आप गेंद का आकार देंगें | हर एक गेंद का आकार छोटे निम्बू से भी छोटा होना चाहिए | जब आप उन्हें गरम तेल में तलेंगी तो वे बड़े हो जाऐंगे, और आप नहीं चाहेंगी कि वे ज्यादा बड़े हो |
- हर एक भाग को अपने दोनों हाथों की मदद से गेंद का आकर दें: आप आटे को पाटे पर भी रखकर इन्हे गेंद का आकार दे सकती हैं | जितनी चिकनी हो सकें गेंदों को बनाएं क्यूंकि, दरारें पड़े हुए जामुनों को जब चाशनी में डुबोएंगे तो वे बिखर जाएंगे | आप घी या तेल को अपने हाथों पर लगाकर गेंदों को ओर चिकना भी बना सकते हैं | जब आपका काम हो जाए तो उन्हें एक थाली में रख दें और तलने के लिए तैयारी करें |
संपादन करेंगेंदों को तलना
- तेज आंच पर तेल गरम करें: जब गरम हो जाए, आंच को कम करके मध्यम करें | आप या तो वनस्पति तेल का इस्तेमाल, या फिर 50/50 वनस्पति और घी डालकर कर सकते हैं | आपको आंच को बार-बार कम से मध्यम करना होगा ताकि तेल ज्यादा गरम न हो |
- गेंदों को एक-एक करके धीरे-धीरे से, कड़ाई के अंदर डालें: जब आप गरम तेल के साथ कार्य कर रहे हों तो सावधानी बरतें; थोड़ा पीछे की तरफ खड़े हों ताकि अगर तेल उछले तो भी आप पर न गिरे | आप एक कड़छी या चम्मच की मदद से गेंदों पर हल्का सा दबाव दे सकते हैं |
- आटे की गेंदों को कड़ाई में अच्छे से डूबने दें: यह प्रक्रिया का एक हिस्सा है--उन्हें बाहर निकालने की कोशिश मत करें | तलने पर वे अपने आप ही ऊपर आ जाएंगी |
- तीन मिनट तक गेंदों को पकाते रहे: वे हर तरफ से पक सकें इसलिए उन्हें गोल-गोल हिलाते रहें | एक समय में एक मुट्ठी से ज्यादा जामुन बनाना आप पसंद नहीं करेंगे, वरना बहुत भीड़ हो जाएगी, जिससे तेल का तापमान गिर जायेगा और तेल ठंडा हो जायेगा | जब गेंद हर तरफ से भूरा हो जाये तो हर गेंद को तेल में से निकाल लीजिये | इस कार्य के लिए झरनी का प्रयोग सब से अच्छा है क्यूंकि उस में से सारा तेल झर जाता है |
- आटे की गेंदों को टिश्यू पेपर पर रखें: इस प्रक्रिया में बचा हुआ तेल सोख लिया जाएगा। आप इन गेंदों को टिश्यू पेपर पर हलकी थपकी मार कर भी अतिरिक्त तेल सुखा सकते हैं |
- चाशनी को धीमी आंच पर गरम करें: आप उसे दोबारा गरम कर सकते हैं या फिर उन्हें खाना पकाने की प्रक्रिया के दौरान धीमी आंच पर पड़े रहने दे सकते हैं |
- गरम चाशनी को कटोरे में डालें: आप इस प्रक्रिया के लिए कटोरा, गहरा बर्तन या ट्रे का भी उपयोग कर सकते हैं |
- गुलाब जामुनों को चाशनी में 1-2 घंटे के लिए भिगो दें: ध्यान रखें की ये गेंदें चाशनी में अच्छे से भीग जाएँ | कई लोग पूरी रात इन्हे चाशनी में भीगे रहने देते हैं ताकि जामुन अच्छे से चाशनी को सोख लें |
- परोसें: एक बार गुलाब जामुन चाशनी को पी लें तो वे खाने के लिए तैयार हैं | आप इन पर पिस्ते की कतरन से सजावट करके भी खा सकते हैं | आप इन्हे ऐसे ही या वैनिला आइसक्रीम या दही के साथ भी खा सकते हैं| ज्यादातर लोग इन्हे गरम खाना पसंद करते हैं, परन्तु ये ठन्डे भी बहुत अच्छे लगते हैं | अगर और बच जाए तो आप उन्हें फ़्रिज में प्लास्टिक ढक्कन लगाकर हफ्ते भर के लिए रख सकते हैं|
संपादन करेंसलाह
- तैयारी का समय: लगभग 1 घंटा, और अच्छी तरह से चाशनी पीने के लिए लगभग रात भर का समय दें।
- सर्विंग साइज: 2 प्रति व्यक्ति
संपादन करेंचेतावनी
- गेंदों को तलते समय सावधानी बरतें |