बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से सही से बढ़ने के लिए प्यार भरी छुअन की ज़रुरत होती है । बच्चों की मालिश करने से उनके माँसपेशियों का विकास होता है और बिमारी से लड़ने की ताक़त भी बढ़ती है । अपने बच्चे के साथ वक़्त बिताने का और नजदीकियां बढ़ाने का यह सबसे अच्छा तरीका है । कब और कैसे बच्चे की मालिश करनी है यह जानना आपके लिए बहुत ज़रूरी है ।
संपादन करेंचरण
संपादन करेंएक असरदार मालिश करना
- सबसे पहले बच्चे को एक आरामदायक स्थान पर लिटायें: एक ऐसा कमरा चुनें जिसमें हलकी रौशनी और थोड़ी सी गर्माहट हो । ध्यान रहे कमरा ज्यादा ठंडा न हो क्योंकि आप बच्चे के कपडे उतारेंगे । बच्चे को ज़मीन पर एक हलकी तौलिया या कम्बल बिछा कर उस पर लिटायें । चाहें तो थोडा हल्का संगीत लगा लें ।
- आप अपने बच्चे के पूरे कपड़े निकालकर या फिर सिर्फ डायपर पहने हुए मालिश कर सकती हैं । जिससे आपके बच्चे को आराम मिले वही तरीका अपनाएं ।
- अगर आप बच्चे को सुलाने से पहले शांत करने के लिए मालिश कर रहीं हैं तो आप उसकी मालिश उसके सोने की जगह के पास में करें ताकि अगर वो बीच मालिश में सो जाये तो आप उससे आसानी से उसके पालने में लिटा सकें ।
- मालिश के लिए खाद्य तेल (edible oil) का इस्तेमाल करें: इसमें आप ऑलिव, अवोकेडो या कोई भी खाद्य तेल इस्तेमाल कर सकती हैं । इससे अगर बच्चा अपनी ऊँगली मुंह में डाल भी ले तो उससे कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। किसी और तेल का इस्तेमाल न करें क्योंकि वह आपके बच्चे के पेट को ख़राब कर सकता है ।
- मूंगफली या बादाम का तेल या फिर ऐसा कोई तेल जिससे एलर्जी हो जाये ऐसे तेल का इस्तेमाल न करें ।
- अगर तेल ठंडा हो तो उससे बच्चे के शरीर पर लगाने से पहले अपने दोनों हाथों के बीच में रगड़ कर गरम कर लें ।
- हलके हाथों से बच्चे की मालिश करें: उतनी ताक़त न लगायें जितनी एक बड़े इंसान की मालिश को करने में लगाते हैं । अपनी उँगलियों से अपने बच्चे के शरीर को मलें और ज्यादा दबाव न लगायें । इस मालिश का मकसद अन्दर तक दर्द हटाना नहीं हैं आपको सिर्फ बच्चे को रिलैक्स्ड महसूस कराना है ।
- बच्चे की पीठ, पेट, हाथों, पैरों, सर और गर्दन पर अच्छे से मालिश करें। अपने बच्चे के शरीर को प्यार से पकडें।
- जैसे जैसे आपका बच्चा बड़ा हो आप थोड़े से और दबाव से मालिश कर सकती हैं । एक बढ़ता हुआ बच्चा एक नवजात से थोड़ी सी ज्यादा तेज़ मालिश को बर्दाश्त कर सकता है ।
- एक ही दिशा में मालिश करें: आम तौर पर दिल की विपरीत दिशा में मालिश करने से बच्चा जल्दी और आसानी से सो पाता है । आप दिल की तरफ को भी मालिश कर सकते हैं लेकिन उससे आपका बच्चा और उत्साहित महसूस करेगा ।
- दिशा का चयन आप मालिश करने के वक़्त के हिसाब से भी कर सकते हैं, अगर आप उसके खेल के वक़्त पर मालिश कर रहे हैं तो बच्चे को इसमें काफी मज़ा आएगा । पर अगर आप इस तरह की मालिश उसके सोने से पहले करेंगे तो वह उसको शांत करने के बजाये उत्तेजित कर देगा ।
- दिल की विपरीत दिशा में मालिश करना एक चिड़चिड़े बच्चे को शांत करने का अच्छा तरीका है ।
- आप बच्चे को दूध दुहने वाले तरीके से भी मालिश कर सकते हैं: अपने बच्चे के हाथों और पैरों को मालिश करने का यह एक अच्छा तरीका है । अपने ऊँगली और अंगूठे से अपने बच्चे के पैर या हाथ पर एक गोलाकार या सी के आकार से मालिश करें । बड़े हलके हाथ से इस प्रक्रिया को उसके हाथ या पैर पर करें बिलकुल ऐसे जैसे दूध दुहते हैं । ऐसा कई बार करें ।
- ज्यादा कस कर बच्चे को न पकडे और ध्यान रहे की उस के हाथों या पैरों को कोई चोट न पहुंचे ।
- ऐसा तब तक करें जब तक उसके पूरे शरीर की मालिश न हो जाये ।
- बच्चे को घुमावदार मालिश भी कर सकते हैं: ऐसी मालिश से बच्चे को काफी आनंद मिलता है।[१] हलके हाथों से उसके अंगों पर ऐसे मालिश करें जैसे आटा गूंध रहे हों । अपने हाथों को, उस कपडे या तौलिये जिस पर बच्चा लेटा है, के विपरीत दिशा में ले जाकर मालिश करें। ऐसा सब हाथों और पैरों के साथ करें ।
- अपने बच्चे को मालिश करते वक़्त गुदगुदाएँ नहीं: यह मालिश आप उसे आराम देने के लिए कर रही हैं और गुदगुदाने से हो सकता है उसको अच्छा न लगे । आपके बच्चे को मालिश का वक़्त शांत होने का और आराम का लगना चाहिए । उसे गुदगुदाने से वह उत्तेजित हो सकता है।
संपादन करेंमालिश का सही वक़्त चुनना
- बच्चे की मालिश सोने से पहले करना: मालिश करना एक बहुत ही अच्छा तरीका है बच्चे को शांत करके सुलाने के लिए तैयार करने का ।[२] अगर आप ऐसा नियमित समय से करेंगे तो उसे शांति से सोने की आदत हो जाएगी । उसे रात में नहाने के बाद और सुलाने से आधे घंटे पहले आप उसे मालिश कर सकते हैं ।
- उसे तब मालिश करें जब वो चिड़चिड़ा रहा हो: मालिश करने से आप अपने बच्चे के नज़दीक महसूस करते हैं और बच्चे को भी यह एहसास होता है की कोई उसके पास है । ऐसे में मालिश करने से उसका चिड़चिड़ापन कम हो जाता है । कई माता पिता मालिश करके ही अपने बच्चे को शांत करते हैं |
- यह ध्यान रखें की बच्चे को मालिश करने से पहले उसकी बाकी ज़रूरतें जैसे की भूख, थकावट या कोई और ज़रुरत हो वह पहले पूरी कर दी जाये । अगर उसने खाना नहीं खाया है तो उसको मालिश में मज़ा नहीं आएगा ।
- खाना खिलाने के 45 मिनट बाद मालिश करें । अगर आप खाने के ठीक बाद उसकी मालिश करेंगे तो उसका पेट ख़राब हो सकता है । बच्चे बहुत जल्दी उलटी कर देते हैं और ऐसे में मालिश करने से उसका सारा खाना उलटी करके बाहर आ सकता है । इसीलिए उसे खाना हजम करने के लिए काफी वक़्त देदें ।
- बच्चे को तब मालिश करें जब उसका खुद का मन हो: कई बार बच्चे मालिश कराना नहीं चाहते ऐसे में अगर वो परेशान दिखे तो मालिश रोक दें । अगर वो रोये या अपनी देह को जकड ले तो उस वक़्त मालिश न करें।
- अगर आपको ऐसा लगे की मालिश के वक़्त बच्चे को कहीं दर्द हो रहा है तो हलके हाथ से मालिश करें । अगर मालिश करने के तरीके से कोई परेशानी नहीं है तो उसे एक पडिअट्रिशन के पास ले जायें ।
- अगर बच्चा मालिश का आनंद ले रहा है तो वह आपके स्पर्श से खुश होगा ।
- मालिश आधे घंटे के लिए करें: पांच मिनट मालिश करने से शुरुआत करें । इससे बच्चे को मालिश की आदत पड़ने में आसानी होगी, धीरे धीरे करके वक़्त को आधे घंटे तक बड़ादें । आधा घंटा उपयुक्त समय है बच्चे की मालिश करने का। [३]
- मालिश के बहुत फायदे होते हैं, इससे आपके बच्चे की बढ़त अच्छी होती है उसे बीमारी से लड़ने की ताक़त मिलती है और उसका हाजमा भी सही रहता है । इससे उसका मानसिक विकास भी अच्छे से होता है ।
- इसके इलावा बच्चे की मालिश करने से आपसी रिश्ते में भी सुधार होता है । इससे पिताओं को अपने बच्चों से प्यार बढाने का मौका मिलता है ।
संपादन करेंशरीर के ख़ास अंगों की मालिश करना
- उसके हाथों और पैरों की अच्छे से मालिश करें: बच्चे की जांघ को अपने अंगूठे और ऊँगली के बीच में लें उसके जांघ से नीचे के पैरों को हलके हाथों से मालिश करें और उसके पैरों की उँगलियों को खोलें और बंद करें । ऐसे ही दूसरे पैर के साथ करें और उसके घुटनों को एक साथ खोलें और बंद करें ।[४]
- आप बच्चे के किसी भी अंग से मालिश शुरू कर सकते हैं । कई लोग पैरों से शुरुआत करते हैं ताकि बच्चे को शांत होने में कम वक़्त लगे । जब आप मालिश कर रहे होते हो तो बच्चे को उसका पूरा आनंद लेना चाहिए ।
- याद रहे के आपको बहुत हलके हाथ से मालिश करनी है । उसके पैरों को न खींचें न दबाव डालें । अगर वो अपने पैरों को सीधा करले तो उसे ज़बरदस्ती मोडें नहीं ।
- उसके छाती और पेट की मालिश करना: इस जगह पर मालिश करने से बच्चा बहुत जल्दी शांत हो जाता है । उसके दिल की विपरीत दिशा की तरफ को उसकी छाती की मालिश करें । अपने हाथों से ऐसे उसकी त्वचा को शांत करें जैसे किताब के पन्नों को करते हैं । फिर पेट की मालिश के लिए घडी की सुइयों की दिशा में मालिश करें । इससे बच्चे का हाजमा अच्छा होता है । ऐसा तब तक करें जब तक बच्चा शांत न हो जाये।
- अगर आप खेल के वक़्त पर मालिश कर रहे हैं तो बच्चे की छाती की मालिश दिल की तरफ को करें ।
- ध्यान से बच्चे की पेट की मालिश करते वक़्त उसे गुदगुदाएँ नहीं ।
- चेहरे और सर की मालिश करना: अपनी उँगलियों से उसके सर पर गोलाकार बनाएं । अपनी उँगलियों को उसके माथे और गालों पर चलायें और उसके होठों पर मुस्कराहट बना दें - उसके आँख और नाक की मालिश न करें क्योंकि हो सकता है ऐसा करने से उसे परेशानी हो सकती है ।
- उसकी पीठ की मालिश: हलके हाथ से बच्चे को पेट के बल लिटायें । उसकी पीठ पर बीच से बाहर की तरफ को मालिश करें । उसके कंधे न पकडें पर गोलाकार में उसके कन्धों और नीचे की पीठ को मलें ।
संपादन करेंसलाह
- अपने बच्चे से आहिस्ता से बात करें और उसे अपनी दिनचर्या के बारे में बताएं ।
- एक डायपर पास में रखें अगर उसको पिशाब आ जाये तो ।
- हलके और नर्म हाथों से मालिश करें । बहुत ज्यादा हल्का हाथ भी न रखें की उसे गुदगुदी हो और ज्यादा कर्रा हाथ भी न करें जिससे उसे चोट पहुंचे ।
- छोटे बच्चों को मालिश के दौरान झुला भी सकते हैं । आप उन्हें अपनी गोद में या फिर घुटनों और पैरों के बीच में लिटा सकती हैं आप पैर मोड़कर या हीरे के आकार में बना कर भी बेठ सकती हैं ।
संपादन करेंचेतावनी
- अगर किसी वक़्त बच्चा रोये या उसे मालिश अच्छी न लगे तो मालिश बंद कर दें और किसी और दिन उसकी मालिश करें।
संपादन करेंचीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी
- गरम तौलिया या कम्बल
- खाने का तेल
संपादन करेंस्रोत और उद्धरण
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