हम सबको अच्छी तरह पता है कि स्वस्थ शरीर कितना महत्व रखता है और इसके लिए व्यायाम कितना जरूरी है। किन्तु बहुत कम लोगों का ध्यान इस बात पर जाता है कि आंखों का व्यायाम भी किया जा सकता है। आँख के व्यायाम करने से आंखें स्वस्थ रहतीं हैं तथा आँखों पर कम तनाव पड़ता है।
ध्यान दें कि नीचे दिए गए चरण आपकी दृष्टि सुधारने के विचार से नहीं दिए गये हैं बल्कि इनसे आपकी दृष्टि पूरे दिन अपने सर्वोत्तम स्तर पर बनी रहेगी और भविष्य में दृष्टि और अधिक खराब नहीं होगी।
ध्यान दें कि नीचे दिए गए चरण आपकी दृष्टि सुधारने के विचार से नहीं दिए गये हैं बल्कि इनसे आपकी दृष्टि पूरे दिन अपने सर्वोत्तम स्तर पर बनी रहेगी और भविष्य में दृष्टि और अधिक खराब नहीं होगी।
संपादन करेंचरण
- किसी कुर्सी पर आराम से बैठ जाइए: अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें ताकि वे कुछ गरम हो जाँय। अपनी आँखों को बन्द करके उनके उपर अपनी हथेलियों को रखें। किन्तु आँखों पर अधिक दबाव न डालें। नाक को हथेलियों से न ढकें। यह सुनिश्चित करें कि हथेलियों और आँख के बीच प्रकाश किरणों के जाने के लिए कोई रास्ता न बचे और प्रकाश किरणे आँख में न जा सकें। आपको फिर भी कुछ रंग बिरंगे आकार दिख सकते हैं। घनी कालिमा की कल्पना कीजिए और इसी पर अपना ध्यान केन्द्रित करें। धीरे-धीरे गहरी साँसे लेते हुए तथा किसी सुखद घटना को याद करते हुए किसी दूरस्थ दृष्य की कल्पना करें। कुछ देर कालिमा ही कालिमा के दर्शन करने के बाद हथेलियों को आँखों से हटा लीजिए। 'हथेली क्रिया' (पामिंग) ३ मिनट या इससे अधिक करें।
- अपनी आँखों को 3 से 5 सेकेण्ड के पूरी तरह बन्द कर लीजिए। यह क्रिया सात बार दोहराइए।
- मांखों को मलिए
- गरम एवं ठण्डा दबाना (Hot and Cold Compress): दो तौलिए लीजिए। पहले तौलिए को गरम पानी में भिगो लीजिए, दूसरे को ठण्डे जल में भिगो लें। एक तौलिए को लेकर उसे अपने चेहरे पर आँख की भौंहों, बन्द आँख की पुलतियों और गालों पर हल्के से दबाइए। एक बार गरम तौलिए से और फिर ठण्डे तौलिए से, फिर गरम से - यह क्रिया करें। अन्त में ठण्डे तौलिए से करने के बाद इसे समाप्त करें।
- पूरे चेहरे की मालिश: किसी तौलिए को गरम जल में भिगो दें। आँखों को बचाते हुए अपने गर्दन, ललाट तथा गालों को इस तौलिए से रगड़ें। इसके बाद अपनी अंगुलियों के अग्रभागों से अपने ललाट तथा अपनी बन्द आँखों को हल्के से मालिश करें।
- पुतलियों (Eyelid) की मालिश: अपनी आँखों को बन्द कर लें तथा उन्हें अपने अंगुलियों के वृत्तीय गति से एक-दो मिनट तक मालिश करें। ध्यान रहे कि आप आँखों को बहुत हल्के से ही दबाएँ और इसके पहले आपने अपने हाथों को साफ कर लिया हो ताकि आँखों को कोई नुकसान न हो।
- अपने दोनो हाथों की तीन अंगुलियों से आँखों की ऊपरी पुतलियों को दबाएँ। यह दबाव एक-दो सेकेण्ड तक बनाए रखें। यह क्रिया 5 बार करें।
- बैठ जाँय और आराम करें: अपनी आंखों को दक्षिणावर्त (clockwise) घुमाएँ, फिर वामावर्त (counter-clockwise) घुमाएँ। यह क्रिया 5 बार करें। बीच-बीच में पलकों को झपका लें। .
- दूर के किसी वस्तु पर नजर टिकाएँ (लगभग 50 मी दूर): उसके बाद अपने सिर को बिना चलाए धीरे-धीरे करके पास की किसी बस्तु (10 मीटर से कम दूरी की वस्तु) पर आँख को फोकस करें। फिर दूर की वस्तु पर आँखों को फोकस करें। 5 बार करें।
- किसी खिड़की से आधा फुट की दूरी पर बैठें। काँच पर, आँखों के ही स्तर पर एक निशान बना लें (जैसे कोई छोटा लाल या काला स्टिकर चिपका दें)। इस निशान से होकर देखें और दूर की किसी वस्तु को देखने की कोशिश करें। उसके बाद अपनी दृष्टि को इस निशान पर केन्द्रित करें।
- अपने सामने एक हाथ की दूरी पर एक पेंसिल पकड़ें: धीरे-धीरे अपने हाथ को नाक की तरफ लाएँ और अपनी आंखों से पेंसिल को लगातार देखने की कोशिश करें (तब तक जब तक आप पेंसिल को न देख पाएँ)। यह क्रिया 10 बार करें। (दूसरा तरीका यह है कि किसी धागे से किसी वस्तु को बांधकर उसे झुला दिया जाय जिससे यह आगे-पीछे दोलन करने लगे। इस घूमती हुई वस्तु पर आँखों को केन्द्रित करने की कोशिश करें।)
- अपने सामने की दीवार की तरफ देखें: कल्पना करें कि आप आँखों से दीवार पर कुछ लिख रहे हैं। अपने सिर को न हिलाएँ, केवल आँखों को ही घुमाएँ। पहले-पहल यह कठिन लग सकता है किन्तु बाद में आनन्द आएगा। जितने ब>दे अक्षर लिखने की कोशिश करेंगे, उतना ही लाभदायक होगा।
- दूर रखी किसी चीज पर अपनी दृष्टि फोकस करें, अर्थात उसे देखने की कोशिश करें: अच्छा हो यदि उस वस्तु और उसके पृष्ठ (बैकग्राउण्ड) में कांट्रास्त कम हो। यह काम प्रत्येक आधे-एक घण्टे बाद कुछ मिनट तक करें।
- आँख को ऊपर और नीचे गति कराएँ: यह काम 8 बार करें। इसके बाद आँख को दाएँ-बाएँ गति कराएँ। इसे भी 8 बार करें। इस बात का ध्यान रखें कि आपकी आँखें जितना किनारे जा सकती हैं उससे अधिक बलपूर्वक ले जाने की कोशिश न करें क्योंकि इससे लाभ के स्थान पर हानि हो सकती है।
- समाप्ति के पूर्व आँखों पर हथेली रखकर 'पामिंग' (Palming) करें या कोई अन्य विश्रान्तिकारी (relaxation) तकनीक चुनकर उसे करें।
संपादन करेंसलाह
- आँखों की पलकों को झपकाने से (Blinking) से आँखें थकती नहीं।
- नजदीक के काम (जैसे कम्प्यूटर के मानीटर को देखना) को बीच-बीच में रोक दिया करें और दूर की वस्तु को देखें। इससे भी आँखों को आराम मिलता है।
- जब भी आँखों को थकान या तनाव का अनुभव हो तो 'पामिंग' कर लिया करें। इससे लाभ मिलता है।
- व्यायाम को नियमित करने से ही लाभ मिलता है, बहुत दिनों पर या कभी-कभार करने से उतना लाभ नहीं होगा। हर घण्टे बाद 30-60 सेकेण्ड का आँखों को गति देने वाला व्यायाम भी बहुत कारगर है। उदाहरण के लिए जब आपका कम्प्यूटर कुछ करने में व्यस्त हो तब आप अपनी आँखों को वृत्ताकार पथ में घुमाने का अभ्यास करें। आपको इन व्यायामों से पहले ही दिन फर्क मालूम पड़ेगा और आप देखेंगे कि आँखे उतनी थकान नहीं महसूस करतीं।
संपादन करेंचेतावनी
- आँखों पर दबाव न लगाएँ।
- इन व्यायामों को करने से पहले अपने हाथ धो लें और ध्यान रखें कि आँख में कुछ चला न जाय।
- इन व्यायामों को करने के पहले अपने आँख के डॉक्टर से सलाह ले लें।
संपादन करेंचीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी
- पेंसिल
- जल
- आँख के ड्रॉप (Eye drops) क्योंकि हो सकता है कि आँखें शुष्क हो गई हों।
संपादन करेंस्रोत और उद्धरण
- http://www.visionvitalizer.com
- http://www.eye-exercises-for-good-vision.com/eye-relaxation-exercises.html
- http://www.totemdog.com/eyesite
- http://www.visionexercise.com/eyesite
- http://www.visionexercise.net/
- Eye Doctor Trainer - Application for Android
- Animated eye exercises to improve vision
- Additional video for the first two steps
- http://www.patrika.com/news/eye-care-in-monsoon/1020388