आप अपनी आवाज़ भारी या कर्कश फील कर सकते हैं और वो भी बिना किसी कारण से | हो सकता है कि आप भारी और कर्कश साउंड के लिए पूरे दिन अपनी टोन धीमी रखना चाहते हों | ऐसे कई फैक्टर्स हैं जिनसे गहरी, भारी आवाज पायी जा सकती है |
[संपादन करें]चरण
[संपादन करें]आवाज़ का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करें
- जोर से खूब चिल्लाएं:[१] अपने फेफड़ों के ऊपरी हिस्से से आवाज़ निकालते हुए अपनी फेवरेट टीम को प्रोत्साहित करते हुए जोर से चिल्लाएं या किसी शोर-शराबे वाले कॉन्सर्ट में जाएँ और अपने दोस्त से बातचीत करने की कोशिश करें | लम्बे समय तक भारी आवाज़ का इस्तेमाल करें और फिर अगले ही दिन इसके प्रभाव देखें |[२]
- ऊंची आवाज़ में गायें: गाना गाते समय वोकल कॉर्ड में वाइब्रेशन होता है | आवाज़ की जितनी ऊंची पिच होती है, वाइब्रेशन उतने ही तेज़ी से होते हैं | ये वाइब्रेशन बहुत ज्यादा होने के कारण वोकल फोल्ड्स में इर्रीटेशन हो सकता है जिससे ये एकसाथ पूरी तरह से काम करना बंद कर सकते हैं और आपको आवाज़ को भारी या कर्कश बना सकते हैं |
- इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपको अपनी वोकल रेंज से बाहर जाकर गाना पड़ेगा |
- जहाँ तक आपकी आवाज़ पहुँच सकती हो, उतने हाई नोट में गायें और इसके बाद जितनी ज्यादा सांस खींच सकते हैं, खींचकर आवाज़ को और ज्यादा ऊंचाई तक ले जाएँ |
- ऐसा लगातार कुछ घंटों तक जारी रखें |
- फुसफुसाकर बात करें: नार्मल बात करने की तुलना में फुसफुसाहट आवाज़ को ज्यादा स्ट्रेसफुल बना सकती है | जब आप फुसफुसाते हैं तो अपने वोकल कॉर्ड्स को एकसाथ ज्यादा कसकर दबाते हैं जिसके कारण आवाज़ में दबाव पड़ सकता है |[५]
- खूब रोयें: लम्बे समय तक रोते रहने से भी आवाज़ में भारीपन आ जायेगा | यह विशेषरूप से उन बच्चों या नवजातों के केस में काफी देखा जाता है जो पूरी रात रोते रहते हैं | सुबह तक उनकी आवाज़ भारी हो जाती है |
[संपादन करें]अपनी आदतें बदलें
- अपने शरीर को डिहाइड्रेट रखें: डिहाइड्रेशन के कारण आवाज़ भारी हो सकती है | हाइड्रेशन की कमी से गले में स्वरयंत्र (larynx), वोकल फोल्ड्स और म्यूकस मेम्ब्रेन सूख जाते हैं |[६]
- इसके लिए आप पानी न पियें या पानी की जगह पर ऐसे पेय पदार्थ पियें जिनके कारण डिहाइड्रेशन होता है जैसे अल्कोहल या कॉफ़ी |
- एक्सरसाइज करें और शरीर से पसीने के रूप में पानी बहायें |
- सीवियर डिहाइड्रेशन के कारण भ्रम, सिरदर्द, बुखार, बेहोशी बल्कि मौत भी हो सकती है | इस स्थिति तक न पहुंचें |[७]
- मसालेदार फूड्स खाएं: सीने की जलन या आमाशय में बना एसिड आपके गले तक पहुँच जाता है जिसके कारण गले के टिश्यू में इर्रीटेशन होगा | स्पाइसी फूड्स के करान इस तरह के रिफ्लक्स हो सकते हैं जिनसे आपको कांशी जैसी फीलिंग आएगी और ज्यादा इर्रीटेशन होने पर स्वरयंत्र के आसपास के टिश्यू इर्रीटेड होते हैं जिससे आवाज़ प्रभावित हो जाती है |[८]
- जो लोग रेगुलर स्पाइसी फूड्स खाते हैं, उन पर यह ट्रिक काम नहीं कर पाती |
- ऐसी डिश खाएं जिससे आपका शरीर अवगत न हो | कुछ ऑप्शन्स हैं- अफ्रीकन, इथियोपियन या चायनीज़ |[९]
- स्पाइसी फ़ूड सर्व करने वाले अधिकतर रेस्टोरेंट्स अपने मेन्यु में स्पाइस लेवल नोट कर देते हैं | सबसे तीखी स्पाइसी डिश आर्डर करें |
- एसिड रिफ्लक्स से बचें क्योंकि इनके कारण अलसर और पेटदर्द हो सकता है | इसका इलाज एसिड ब्लॉकर्स से किया जाता है |
- कर्कश आवाज़ डेवलप करें: आप अपने गले को नुकसान पहुंचाए बिना भी अपने बोलने की टोन को बदलने की प्रैक्टिस कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको आवाज़ का रेजोनेंस (प्रतिध्वनी) भी बदलना पड़ेगा |[१०]
- कहें "उहह" और देखें कि अभी यह कहाँ रेजोनेट होती है | अगर वाइब्रेशन सिर या नाक से आ रहे हैं तो इसे नीचे की ओर ले जाएँ जिससे यह छाती तक जाए |
- अपने Adam's apple (गले के सामने की ओर और मध्य में स्थित उभार जो निगलने पर हिलते हैं) को धीरे से होल्ड करें | बोलते समय इन्हें एक चौथाई इंच तक नीचे मूव करने की कोशिश करें |
- आवाज़ को जितना हो सके, धीमा रखते हुए "vocal fry" बनाने की कोशिश करें और साउंड बाहर निकालने के लिए बहुत ही थोड़ी सी हवा का इस्तेमाल करें | इसके कारण गंभीर साउंड निकलता है क्योंकि वोकल फोल्ड्स में वाइब्रेशन सुनाई देता है |[११]
[संपादन करें]बीमार हो जाएँ
- जुकाम से पीड़ित हों: जुकाम से इन्फेक्शन ऊपरी श्वसनतन्त्र तक पहुँच जाता है | इसके कारण ओक्ला फोल्ड्स में सूजन आ जाती है जिसके कारण laryngitis हो जाता है और आवाज़ भारी हो जाती है |[१२]
- जुकाम के सम्पर्क में आने का सबसे आसान तरीका है-खुद को किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में लायें जो पहले से संक्रमित हो |
- खुद को जुकाम से पीड़ित करने के लिए आप सच में ठंडक को पकड नहीं सकते | लेकिन, गले को ठंडक में एक्सपोस करने से आवाज़ में भारीपन आ सकता है |[१३]
- जुकाम अधिकतर 7 से 10 दिन में ठीक हो जाता है लेकिन कई बार ऐसा नहीं भी होता | अगर जुकाम ठीक न हो तो उसके इलाज़ के लिए एंटीबायोटिक्स की जरूरत पड़ती है |[१४]
- खुद को एलर्जन्स के सम्पर्क में लायें: परागकणों को सूंघने से वोकल फोल्ड्स में सूजन आ सकती है | फेफड़ों में इंफ्लेमेशन और नसल ड्रिप के कारण आवाज़ बदल सकती है जिससे आवाज़ सुनने में भरी लगने लगती है |[१५]
- अगर आप अतिरिक्त म्यूकस की परेशानी का समाधान करने के लिए एंटीहिस्टामिन लेते हैं तो वास्तव में इससे गले का प्रोटेक्टिव म्यूकस सूख सकता है और आवाज़ और भी ज्यादा ककर्श और भारी हो सकती है |
- इन्हेलर का इस्तेमाल कई बार करें: अस्थमा से पीड़ित लोगों के लक्षणों कई इलाज़ इन्हेलर के द्वारा किया जाता है | लम्बे समय तक इन्हेलर का इस्तेमाल करने से आवाज़ कर्कश हो जाती है | इसके अलावा, बार-बारी इन्हेलर का इस्तेमाल करने से मुख और गले में लो-ग्रेड वाले यीस्ट इन्फेक्शन होने की सम्भावना बढ़ जाती है जिससे आवाज़ में भारीपन या कर्कशता आ जाती है |[१६]
- डॉक्टर से पूछकर ही उचित डोज़ लें |
- यीस्ट इन्फेक्शन के इलाज़ के लिए डॉक्टर को दिखाएँ |
[संपादन करें]चेतावनी
- अगर आप लगातार बोलते रहते हैं या चीखते या चिल्लाते हैं या फुसफुसाते हैं तो गले में जलन हो सकती है और वोकल कॉर्ड्स में कैलस (कठोर उभार) और छोटे उभार बन जायेंगे जिसके कारण वोइस बॉक्स में डैमेज हो सकता है |
- स्मोकिंग करने से वोकल कॉर्ड्स में नोड्युल बनने लगते हैं और इससे जुकाम और थाइरोइड की परेशानी जैसे मेडिकल इशू डेवलप हो जाते हैं जो स्वास्थ्य ख़राब कर देते हैं | आवाज़ को ककर्श बनाने की कोशिश करने से पहले इन स्थितियों पर विचार करें | अगर आपको इस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम हों तो डॉक्टर को दिखाएँ |
[संपादन करें]रेफरेन्स
- ↑ [v161165_b01]. 12 November 2019.
- ↑ https://www.nidcd.nih.gov/health/hoarseness
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- ↑ http://www.webmd.com/a-to-z-guides/dehydration-adults
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- ↑ http://www.eater.com/2015/4/20/8447099/spicy-food-indian-chinese-thai
- ↑ http://www.seductionscience.com/2011/12-great-voice-exercises-for-developing-a-sexy-seductive-voice/
- ↑ http://www.become-a-singing-master.com/how-to-do-vocal-fry.html
- ↑ http://www.entnet.org/content/hoarseness
- ↑ http://www.webmd.com/cold-and-flu/cold-guide/understanding-common-cold-basics
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- ↑ http://www.huffingtonpost.com/michael-j-pitman-md/allergies-voice_b_864446.html
- ↑ http://www.asthma.partners.org/NewFiles/InhaledSteroids.html