यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) या मूत्रमार्ग का संक्रमण अत्यधिक असुविधाजनक हो सकता है, इसलिए आपको यह जानकर थोडा आश्चर्य होगा कि जो लोग इससे पीड़ित होते हैं वो इससे जल्दी छुटकारा पाने के लिए उतावले रहते हैं | हालाँकि, UTI से गंभीर परेशानी निर्मित होने से रोकने के लिए इसका तुरंत इलाज़ किया जाना ज़रूरी होता है, लेकिन UTIs कभी-कभी अपने आप चार से पांच दिन में ठीक हो जाता है और यहाँ दिए गये कई घरेलू उपचारों का भी उपयोग किया जा सकता है, लेकिन मुख्य रूप से इस बात की सिफारिश की जाती है कि सबसे जल्दी और अधिक से अधिक उपचारित किये जाने के लिए आपको प्रोफेशनल ट्रीटमेंट लेना चाहिए |[१]
संपादन करेंचरण
संपादन करेंUTI के लिए चिकित्सीय उपचार लें
- लक्षणों को पहचानें: यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) बहुत ही आम होता है, लेकिन यह बहुत ही असुखद और असुविधाजनक हो सकता है | UTIs संक्रमण, ऊपरी यूरिनरी ट्रैक्ट का संक्रमण, (किडनी और यूरेटर), निचला यूरेनरी ट्रैक्ट संक्रमण (किडनी और मूत्रमार्ग) या दोनों हो सकते हैं |[२]
- अगर आपको UTI हो तो आप मूत्रत्याग करते समय जलन अनुभव करेंगे |
- आपको अपने पेट के निचले हिस्से में दर्द भी अनुभव हो सकता है |[३]
- ऊपरी या निचले यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के अलग-अलग लक्षणों को जानें: अलग-अलग संक्रमण में अलग-अलग लक्षण होते हैं | अपने लक्षणों के बारे में जानना उपयोगी हो सकता है, क्योंकि अगर आपको डॉक्टर के पास जाना पड़े तो आप उन्हें अच्छी तरह से साफ़-साफ़ अपने लक्षण बता सकते हैं | निचले यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण के लक्षणों में शामिल हैं - बार-बार मूत्रत्याग के लिए जाना, धुंधले या रक्त युक्त मूत्र का जाना, कमरदर्द, बदबूदार मूत्र, और आमतौर पर बीमारी अनुभव करना |[४]
- अगर आपको ऊपरी UTI हो तो आप हाई टेम्परेचर (38 डिग्री सेल्सियस या 100 डिग्री फेरनहाइट से ज्यादा) अनुभव कर सकते हैं |
- आपको मितली और अनियंत्रित कंपकपी भी हो सकती है |
- अन्य लक्षणों में शामिल हैं - उल्टियाँ होना और दस्त होना |[५]
- जानें कि मेडिकल ट्रीटमेंट कब लेना चाहिए: माइल्ड UTIs के 25-40% केसेस अपने आप ठीक हो जायेंगे, लेकिन आधे से भी ज्यादा बने रह सकते हैं जो मेडिकल केयर न मिलने पर खुद ही जटिलताओं के जोखिम में आ जाते हैं | अगर आप UTI अनुभव करें और आपको हाई टेम्परेचर हो या आके लक्षण अचानक बिगड़ जाएँ तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ |[६]
- अगर आप गर्भवती हैं या डायबिटिक हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए |
- सही डायग्नोसिस करने के लिए आपको डॉक्टर को दिखाना होगा |[७]
- आपको UTI है या नहीं, इस बात का निर्धारण करने के लिए और किस बैक्टीरिया के कारण हुआ है, यह जानने के लिए डॉक्टर आपका यूरिन टेस्ट करवाएंगे |[८] इन बैक्टीरिया कल्चर को पूरा होने में 48 घंटे का समय लगता है |
- एंटीबायोटिक्स के कोर्स लें: UTIs एक बैक्टीरियल संक्रमण है और इसीलिए डॉक्टर अधिकतर एंटीबायोटिक्स प्रेस्क्राइब करते हैं जिसे सबसे अधिक सिफारिश योग्य उपचार माना जाता है | एंटीबायोटिक्स विशेषरूप से UTI से बार-बार पीड़ित होने वाली महिलाओं को दी जाती हैं | एंटीबायोटिक्स के लॉन्ग-टर्म कोर्स बार-बार होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद कर सकते हैं |[९]
- UTI के इलाज़ के लिए मुख्य रूप से प्रेस्क्राइब की जाने वाली एंटीबायोटिक्स हैं-नाइट्रोफुरनटोइन (nitrofurantoin जो furandantin, macrobid, या macrodantin के ब्रांड नाम से मिलती हैं), और ट्राइमिथोप्रिम (trimethoprim) के साथ सल्फामेथोक्साजोल (sulfamethoxazole) (जो bactrim या septra के ब्रांड नाम से मिलते हैं) |[१०]परन्तु, सिप्रोफ्लोक्सासिन (ciprofloxacin) (जिसे cipro कहा जाता है) और लेवोफ्लोक्सासिन (levofloxacin) (जिसे levaquin कहा जाता है) भी लिखी जाती हैं |[११].
- एंटीबायोटिक्स में अतिरिक्त रूप आमतौर पर मिलने वाली AZO को ब्लैडर के दर्द को कम करने के लिए लिया जा सकता है |
- एंटीबायोटिक्स का कोर्स पूरा करें: अपने डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन और सलाह के अनुसार, एंटीबायोटिक्स का एक से सात दिन का कोर्स लें | अधिकतर महिलाओं को 3 से 5 दिन एंटीबायोटिक्स पर रखा जाता है | पुरुषों को एंटीबायोटिक्स 7 से 14 दिन के लिए दी जा सकती हैं | हालाँकि एंटीबायोटिक्स ट्रीटमेंट लेने के लगभग तीन दिन बाद ही लक्षण ख़त्म हो जाते हैं लेकिन आपके यूरिनरी ट्रैक्ट में उपस्थित सभी बैक्टीरिया को मारने के लिए इन्हें पांच दिन लिया जा सकता है |[१२] It may take even longer for men.
- जब तक डॉक्टर आपको कोई और निर्देश न दें तब तक डॉक्टर के द्वारा लिखी गयी सभी एंटीबायोटिक्स को लेकर ख़त्म करना चाहिए |
- एंटीबायोटिक्स का कोर्स खत्म होने के पहले उन्हें लेना बंद कर देते हैं, तो आप बैक्टीरिया को पूरी तरह से ख़त्म नहीं कर पाएंगे |[१३]
- अगर सभी एंटीबायोटिक्स लेने के बाद भी आपके लक्षण लगातार बने रहें या कुछ दिन के बाद भी आपको कोई फायदा न लगे तो अपने डॉक्टर से फिर से संपर्क करें |[१४]
- प्रभावी जटिलताओं के प्रति सचेत रहें: गंभीर UIT से, गंभीर जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं जिनसे किडनी फेलियर या रक्त में विषाक्तता हो सकती है | ये सामान्य नहीं होतीं और ये आमतौर पर पहले से डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्यायों से जूझ रहे लोगों को प्रभावित करती हैं | अगर आपका प्रतिरक्षा तंत्र कमज़ोर है तो आपको जटिलताएं और संक्रमण होने की सम्भावना अधिक हो सकती है | [१५]
- गर्भवती महिला को UTIs होने पर जीवन को खतरे में डालने वाले जोखिम की सम्भावना बढ़ जाती है और इसलिए इन्हें हमेशा फिजिशियन से परीक्षण कराना चाहिए |
- जिन पुरुषों को बार-बार UTIs होता है उनमें प्रोस्टेट के संक्रमण होने की सम्भावना होती है जिसे प्रोस्टेटाइटिस (prostatitis) कहते हैं |[१६]
- गंभीर ऊपरी UTI के लिए, या अगर कोई जटिलता हो जाये तो आपको हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट लेने की ज़रूरत पड़ सकती है |
- इसमें एंटीबायोटिक्स शामिल होंगी, लेकिन आपको इसे बारीकी से मॉनिटर करते रहना होगा और शायद आपको हाइड्रेटेड रहने के लिए ड्रिप लगवानी पड़ सकता है |[१७]
संपादन करेंघर पर UTI को कंट्रोल करें
- खूब सारा पानी पियें: UTI का इलाज़ करने का एकमात्र रास्ता सच में एंटीबायोटिक्स हैं, लेकिन इन्हें देने के कुछ दिन बाद ये बाहर निकल जाती हैं यहाँ कुछ चीज़ें दी गयी हैं जिनसे लक्षणों को खत्म करने में मदद मिल सकती है और फिर से संक्रमण होने की सम्भावना कम हो सकती है | इनमे से सबसे सीधा तरीका ही कि दिनभर खूब सारा पानी पियें, लगभग हर घंटे एक गिलास पानी पियें |[१८]
- जब आप मूत्रत्याग करके अपने ब्लैडर को साफ़ करते हैं तो उसके साथ ही बैक्टीरिया भी बहकर निकल सकते हैं |[१९]
- अपनी यूरिन को रोकें नहीं | मूत्र रोकने से UTI की स्थिति और ख़राब हो सकती है, क्योंकि इससे बैक्टीरिया प्रजनन करने के लिए प्रेरित होते हैं |
- थोडा क्रैनबेरी जूस आजमायें: क्रैनबेरी जूस पीना अक्सर UTI के लिए घरेलू उपचार के रूप में उपयोग किया जाता है | हालाँकि इसके बहुत कम प्रमाण हैं कि क्रैनबेरी जूस सच में संक्रमण से मुकाबला करता है लेकिन यह संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है |[२०] अगर आपको बार-बार UTIs होते हों तो हाई-स्ट्रेंथ वाले क्रैनबेरी कैप्सूल्स लें |[२१] पानी के साथ लें क्योंकि खूब सारा पानी आपके सिस्टम से टोक्सिन को बाहर बहा देता है और सिस्टम को साफ़ रखने में मदद करता है |
- अगर आपको या आपके परिवार में किसी को किडनी के संक्रमण का इतिहास हो तो क्रैनबेरी जूस न लें |
- अगर आप खून को पतला करने वाली दवाएं लेते हों तो आपको क्रैनबेरी जूस नहीं पीना चाहिए |[२२]
- क्रैनबेरी जूस लेने का कोई विशिष्ट मेडिकली डोज़ नहीं है जो इसकी प्रभावशीलता को सिद्ध कर सके |[२३]
- केवल एक स्टडी में यह पाया गया है कि जो महिलाएं सांद्रित क्रैनबेरी जूस की दिन में एक टेबलेट लेती थी या जिन महिलाओं ने एक साल तक दिन में तीन बार क्रैनबेरी जूस पिया था उनमे सकारात्मक परिणाम पाए गये |[२४]
- विटामिन C सप्लीमेंट लें: जैसे ही आपको UTI के लक्षण अनुभव होना शुरू हों, आप विटामिन C सप्लीमेंट लें जिससे UTI के लक्षणों को विकसित होने से रोकने में मदद मिल सकती है | विटामिन C यूरिन को अम्लीय बनाता है जिससे बैक्टीरिया ब्लैडर में अपनी कॉलोनी नहीं बना पाते और इससे आपके शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूती मिलती है |[२५]
- हर घंटे 500 मिलीग्राम का डोज़ लेने की कोशिश करें, लेकिन अगर आपको दस्त होने लगें तो इसे लेना बंद कर दें |[२६]
- आप माइल्ड एंटी-इंफ्लेमेटरी चाय जैसे गोल्डनसील, एचिनासा और नेटल के साथ विटामिन C सप्लीमेंट भी जोड़ सकते हैं |
- अगर कुछ बाद तक लक्षण बने रहें तो डॉक्टर को दिखाएँ |
- प्रकोपक पदार्थों को लेने से बचें: आपके द्वारा ली जाने वाली विशेष प्रकार की चीजें जो प्रकोपक उया उत्तेजक हो सकती हैं, उनका प्रभाव UTI होने की स्थिति में और बढ़ जाता है | दो मुख्य चीज़ें जिनसे बचना चाहिए, वे हैं- कॉफ़ी और अल्कोहल | ये न सिर्फ उत्तेजक होती हैं बल्कि ये आपको डिहाइड्रेट करती हैं जिससे आपके यूरिनरी ट्रैक्ट से बैक्टीरिया को बहाकर बाहर निकालना और मुश्किल बन सकता है |[२७]
- आपको अपने UTI के साफ़ हो जाने के बाद भी ऐसे सॉफ्ट ड्रिंक्स लेने से बचना चहिये जिनमे साइट्रस जूस पाया जाता हो |[२८]
- अगर आप इन संक्रमणों के प्रति संवेदनशील हों तो अपनी डाइट से कैफीन और अल्कोहल को निष्काषित कर देने को भी भविष्य में होने वाले UTI के विरुद्ध सुरक्षात्मक उपायों के रूप में उपयोग किया जा सकता है |
संपादन करेंस्वस्थ और स्वच्छ रहें
- मूत्राशय की उत्तम स्वच्छता को बनाये रखें: चूँकि यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के प्रति सुरक्षात्मक उपाय के रूप से आमतौर पर उचित स्वच्छता पर जोर दिया जाता है इसलिए यह संक्रमण से जल्दी छुटकारा पाने का एक आवश्यक अंग है | आप जितने अधिक स्वच्छ और स्वस्थ रहने का अभ्यास करते रहेंगे, उतने ही जल्दी ठीक हो जायेंगे |[२९]
- बाथरूम का उपयोग करने के बाद, आगे से पीछे तक पोंछें | यह मुख्य रूप से महिलाओं के लिए जरुरी होता है, जिन्हें हमेशा सामने से पीछे तक पोंछना चाहिए |[३०]
- सेक्स करने के पहले और बाद में सफाई रखें: यौन संबंध एक ऐसा जरिया होता है जिससे बैक्टीरिया महिला के मूत्रमार्ग (urethra) में प्रवेश कर सकते हैं और अंततः ब्लैडर तक पहुँच सकते हैं |[३१] इससे बचने के लिए, यौन गतिविधियों के पहले और बाद में गुदा क्षेत्र और प्रजनन क्षेत्र साफ़ रखने चाहिए | महिलाओं को भी यौन गतिविधियों के पहले और बाद में मूत्रत्याग करना चाहिए |
- सही कपडें पहनने: विशेष प्रकार के कपडे UTI से मुक्ति पाने के क्रस्ते में बहुत मुश्किल खड़ी कर सकते हैं | बिना हवा के आवागमन युक्त मटेरियल से बने हुए टाइट-फिटिंग के अंडरवियर मूत्राशय या ब्लैडर के लिए एक नम और बैक्टीरिया-फ्रेंडली वातावरण निर्मित कर सकते हैं | इसी कारण, अन-अवशोषक फैब्रिक्स जैसे नायलॉन के स्थान पर कॉटन के अंडरवियर का उपयोग करना चाहिए |[३४]
- टाइट-फिटिंग वाले पैन्ट्स या शॉर्ट्स पहनने से बचें | टाइट-फिटिंग वाले कपड़ों के कारण पसीना आता है और नमी बनती है जो बैक्टीरिया के लिए एक उत्तम प्रजनन स्थल बन सकती है |
- सही अंडरवियर पहनने से संक्रमण के बढ़ने या और बिगड़ने को रोकने में मदद मिल सकती है, लेकिन इससे UTI ठीक नहीं होगा |
संपादन करेंसलाह
- पर्याप्प्त पानी पीने के साथ खूब आराम करें |
- परेशानी को कम करने के लिए एक हीटिंग पैड का उपयोग करें | हालाँकि इससे UTI से छुटकारा तो नहीं मिलेगा, लेकिन आपके लक्षणों में राहत मिल सकती है | हीटिंग पैड गर्म होना चाहिए लेकिन बहुत ज्यादा गर्म नहीं और इसे UTI से सम्बंधित दबाव, दर्द और अन्य परेशानियों को कम करने के लिए पेट के निचले हिस्से पर लगाना चाहिए |
- UTI के उपचार के दौरान सेक्स न करें क्योंकि इससे आप नए बैक्टीरिया के संपर्क में आ सकते हैं और आपकी रिकवरी पूरी तरह से होने की सम्भावना कम हो सकती है |
- अन्य दवाएं लेते हुए दर्द को कम करने के लिए कुछ इबुप्रोफेन (ibuprofen) ली जा सकती हैं |
- खूब सारा पानी पियें और डॉक्टर के द्वारा प्रेस्क्राइब्ड मेडिसिन लें |
संपादन करेंचेतावनी
- अगर घरेलू उपचारों से आप अपने सिस्टम में 24 से 36 घंटे में कोई बड़ा सुधार न देखें तो आपको प्रोफेशनल मेडिकल हेल्प की ज़रूरत होती है |
- अगर घरेलू उपचार से लाभ हो तो भी बचे हुए बैक्टीरिया को डबल चेक करने के लिए एक प्रोफेशनल यूरिन टेस्ट करवाने के बारे में सोचना चाहिए |
- लम्बे समय तक रहने वाले बिना जटिलताओं वाले UTIs भी किडनी के घातक संक्रमण विकसित कर सकते हैं |
- एक सुरक्षात्मक उपाय के रूप में रोज़ क्रैनबेरी लेना भी बहुत प्रभावी होता है, लेकिन अगर क्रैनबेरी जूस के उपभोग से सक्रीय संक्रमण होने की सम्भावना हो तो सावधानी रखें |
- चूँकि क्रैनबेरी जूस बहुत अम्लीय होता है इसलिए यह सच में पहले से उपस्थित UTI को और बिगाड़ सकता है | अम्लीय खाद्य और पेय पदार्थ पगले से सूजे हुए ब्लैडर को उत्तेजित कर सकते हैं |
संपादन करेंचीज़ें जिनकी आपको आवश्यक होगी
- क्रैनबेरी जूस
- पानी
- विटामिन C
- गोल्डनसील (goldenseal), एचिनासा (echinacea), और नेटल (nettle) सप्लीमेंट
- कॉटन के अंडरगारमेंट्स
- ढीली फिटिंग वाले पैन्ट्स या बोटोम्स
- एंटीबायोटिक्स
संपादन करेंस्रोत और उद्धरण
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