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कैसे ये बताएं कि मोती असली है या नही

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क्या आप मोतियों से बने जेवर खरीदने की सोंच रहे हैं, या मोतियों से बना कुछ आपको पारिवारिक विरासत के रूप में प्राप्त हुआ है? आप कुछ आसान से परीक्षण कर मिनटों में ये पता कर सकते हैं कि मोतियों से बनी जो चीज आपके पास है वो असली है या नकली। एक बार अगर आप देख के या छू के मोती के असली या नकली होने के लक्षणों को समझने लगेंगे तो आपको कभी भी असली समझ के नकली मोती से बने गहने खरीद लेने का डर नही सताएगा।

संपादन करेंचरण

संपादन करेंमोती को छू के पहचानने के तरीके

  1. मोतियों को अपने सामने के दाँतों पर रगड़ें: एक या दो मोतियों को अपने अंगूठे और तर्जनी ऊँगली से पकड़ें और अपने सामने के दाँतों के चबाने वाले किनारों के बीच दबाएँ। बाएँ से दायें, और दायें से बाएँ रगड़ते हुए मोतियों को दाँतों के बीच घुमाते रहें। सामान्यत: असली मोती की बनावट थोड़ी खुरदुरी या कुरकुरी सी होती है, और इसकी उपरी सतह में थोड़ी-बहुत खामियां भी होती हैं। शीशे या प्लास्टिक से बने नकली मोती लगभग पूर्ण प्रतीत होते हैं।[१]
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    • आप मोती के असली होने की जाँच शुरू करने से पहले शायद अपने दांत साफ़ करना चाहें क्योंकि इस जाँच से सही परिणाम मिलने के लिए ये बहुत जरूरी है कि आपके दाँतों में खाने के अवशेष फंसे हुए नही हों।
  2. मोतियों को आपस में रगड़ कर जाँचें: कुछ मोती अपनी उँगलियों के सहारे पकड़ें और आपस में उन्हें रगड़ के जाँचें। घर्षण के कारण होने वाली सनसनाहट को महसूस करने की कोशिश कीजिये। सामान्यत: जब असली मोतियों को आपस में रगड़ा जाता है तो थोड़ा घर्षण होता है क्योंकि मोती की बाहरी सतह पूरी तरह चिकनी नही होती है।[२] दूसरी तरफ नकली मोतियों की बाहरी सतहें अक्सर चिकनी बनायी जाती हैं, इसलिए जब उन्हें आपस में रगड़ा जाता है तो वो घर्षण उत्पन्न करने की बजाय फिसलने लगते हैं।
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    • इस परीक्षण के बाद अपने हाथों को ध्यान से देखें। जब दो मोतियों को एक-दूसरे के साथ रगड़ा जाता है तो उनकी बाहरी परतें कुछ उखड़ सी जाती हैं। अगर अपने मोतियों को रगड़ने के बाद आपको महीन, पाउडर जैसा, सफ़ेद अवशेष मिले तो यह रगड़ के कारण पाउडर बन के झड़ने वाली मोती की उपरी सतह है — यह इस बात का संकेत है कि वे मोती असली हैं।[३]
  3. मोती पूर्ण रूप से गोल हैं या नही, ये जांचें: मोती प्राकृतिक उत्पाद हैं, इसलिए हर मोती दूसरे से थोड़ा अलग सा होता है जैसे हिमकण या उँगलियों के निशान एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। ज्यदातर मोती पूर्ण रूप से गोल नही होते बल्कि थोड़े अंडाकार से होते हैं, और इसके अलावा उनमे छोटी-मोटी अन्य खामियां भी होती हैं। अगर आपके पास जो मोती हों वो आपको पूरी तरह से गोल लग रहे हों तो आपके मोतियों के नकली होने की प्रबल सम्भावना होती है।
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    • असली मोती भी पूरी तरह गोल हो सकते हैं, लेकिन इस तरह के मोती कम ही पाए जाते हैं, और इनकी कीमत बहुत ही ज्यादा होती है। [४]
    • क्या आप ये निर्णय नही ले पा रहे हैं कि कोई मोती पूर्ण रूप से गोल है या नही? आप मोती को ध्यान से एक चपटी सतह पर लुढकाएँ। जो मोती पूर्ण रूप से गोल नही होते वो एक सीधी रेखा पर लगातार नही लुढ़क सकते हैं।[५]
  4. छू कर मोती के ठण्डेपन को महसूस करें: इस तरीके से मोती को जाँचने के लिए ये जरूरी है कि जिन मोतियों की आप जाँच करें, उन्हें आप अपने शरीर पर पहन नही रहे हों। मोतियों को अपने हाथों में लें और उन्हें छू कर आप कैसा महसूस कर रहे हैं, इस बात पर ध्यान केन्द्रित करें। त्वचा के संपर्क में आने के कारण गर्म होने से पहले असली मोती थोड़ी देर के लिए काफी ठण्डे महसूस होते हैं।[६] ये एहसास करीब-करीब वैसा ही होता है जैसा आपको किसी संगमरमर के फर्श पर नंगे पाँव चलने पर होता है।
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    • दूसरी तरफ प्लास्टिक के मोतियों का तापमान लगभग कमरे के तापमान के बराबर होगा और वे बहुत तेजी से गर्म हो जाएँगे।[७]
    • ध्यान दें: अच्छी क्वालिटी के, शीशे के नकली मोतियों को छू कर भी आपको ठंडेपन का एहसास होगा। इसलिए अगर आपने एकमात्र यही परीक्षण मोतियों के ऊपर किया हो तो आप इस परीक्षण के परिणामों को सत्यापित करने के लिए अन्य परीक्षणों के परिणामों को भी देखें।
  5. आपके हाथ में जो मोती हो उसके वजन का कुछ अनुमान लगायें: आप एक या दो मोतियों को अपने हाथ में लेकर उछाल कर अनुमान लगायें कि उनका कितना वजन हो सकता है। ज्यादातर असली मोती बराबर आकार के नकली मोतियों की तुलना में कुछ हद तक अधिक वजनदार महसूस होंगे। नकली मोती (खासकर प्लास्टिक से बने मोती) आपको अपर्याप्त वजन के महसूस हो सकते हैं।
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    • हम इस परीक्षण के परिणामों को पूरी तरह से विश्वसनीय नही मान सकते और इसके कारण स्पष्ट हैं। कुछ छोटे-छोटे मोतियों के वजन का अनुमान लगाना आसान काम नही है। इसलिए अगर आपको सटीक परिणाम चाहिए तो आप जिन मोतियों को जाँच रहे हों उनकी तुलना आपको कुछ ऐसे मोतियों से करनी चाहिए जिनके बारे में आपको पता हो कि वो असली हैं या नकली। भले ही आपको पूरा भरोसा हो कि आपने मोतियों का बिलकुल सही वजन पता कर लिया है, फिर भी आप अन्य परीक्षण करके ही मोतियों के असली या नकली होने का निष्कर्ष निकालें।

संपादन करेंमोती को ध्यान से देखकर किये जाने वाले परीक्षण (Visual Tests)

  1. छोटी-छोटी त्रुटियों पर ध्यान दें: जैसा कि ऊपर बताया गया है, पूरी तरह से गोल, और बिना किसी दाग-धब्बे या अन्य त्रुटी वाले असली मोती एक तरह से दुर्लभ ही होते हैं। असली मोतियों में दाग-धब्बे, या अन्य प्रकार की विकृति होना सामान्य बात है।[८] असली मोतियों की बाहरी सतहें भी उन मोतियों के अलग-अलग भागों में प्रकाश को अलग-अलग तरह से प्रतिबिंबित कर सकती हैं। नकली मोती अक्सर उम्मीद से भी ज्यादा पूर्ण होते हैं — वे पूरे गोल होते हैं, उनकी सतहों के हर भाग में एकसमान चमक होती है, और उनपर कोई निशान नही होता।
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    • हालाँकि पूर्ण रूप से गोल, असली मोती कम पाए जाते हैं, लेकिन जितने भी पाए जाते हैं वो बहुत सारे गहनों के निर्माण के लिए पर्याप्त होते हैं। फिर भी, सामान्यत: कोई भी नेकलेस सिर्फ इन्ही मोतियों का प्रयोग करके नही बनाया जाता है। अगर आपको कोई ऐसा नेकलेस दिखे जिसमे सिर्फ एकसमान, पूर्णत: गोल, असली मोतियों का प्रयोग हुआ हो तो पूरी सम्भावना बनती है कि वो नकली मोतियों का नेकलेस है।[९]
  2. मोती की चमक तेज और प्रभावित करने वाली है या नही, ये जाँचें: किसी कीमती पत्थर की आभा ही उसका वो गुण है जिसके कारण जौहरी उसे खास बताते हैं। मोती की आभा ही इसे खूबसूरत बनाती है। अच्छी क्वालिटी के मोतियों को जब प्रकाश की किरणें छूती हैं तब उनसे तेज, शुद्ध आभा निकलती है जो उन्हें प्रदीप्त कर देती हैं। अगर आप ध्यान से देखें तो आप मोती की सतह पर अपना प्रतिबिंब भी देख सकेंगे।[१०]
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    • इस परीक्षण से जुड़ी एक समस्या ये है कि कुछ कम गुणवत्ता वाले मोती फीके, किसी खड़िया के जैसी चमक वाले होते हैं और वे नकली मोतियों से मिलते-जुलते लग सकते हैं। इसलिए इस लेख में दिए दूसरे परीक्षणों द्वारा मोतियों को जाँचने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचें।[११]
  3. मोती का ओवरटोन जाँचें: अच्छी क्वालिटी के मोतियों की कीमत अक्सर उनके ओवरटोन के आधार पर लगायी जाती है — वह छुपा हुआ रंग जो किसी असली मोती के सतह पर प्रकाश की किरणों के पड़ने के बाद दिखता है, ऐसा कुछ शायद ही किसी नकली मोती में होता हो क्योंकि इसकी नक़ल करना बेहद मुश्किल है। अगर आपके मोती पर प्रकाश की किरण के पड़ने पर वह थोड़ा रंगीन सा लगे तो पूरी संभावना है कि वह असली है। गुलाबी, या हाथीदाँत जैसा रंग सफ़ेद मोतियों के दो ऐसे ओवरटोन हैं जिनको सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है, लेकिन इनके अलावा भी कई तरह के रंग संभव हैं। खासकर गहरे रंग के मोतियों के लिए तरह-तरह के ओवरटोन हो सकते हैं।[१२]
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    • कुछ असली मोतियों में स्पष्ट ओवरटोन नही होता। इसका मतलब ये है कि अगर आपको अपने मोती में स्पष्ट ओवरटोन ना दिखे तो ये कोई ऐसा संकेत नही है कि आप उन्हें नकली मान लें।
  4. आपको कुछ संकेत मिल सकें, इसके लिए ड्रिल होल के पास ध्यान से देखें: सामान्यत: जो मोती किसी लड़ी में पिरोये गए होते हैं, या किसी नेकलेस में लगाये गए होते हैं, उनमें धागा डालने के लिए छेद बनाये गए होते हैं। आप किसी मोती के ऐसे छेद को ध्यान से देखें तो आप ये जान सकते हैं कि वो असली है या नकली। आगे वो खास चीजें बताई गयी हैं जिनपर आपको ध्यान देना है।[१३]
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    • छेद के आस-पास के किनारे सही आकार-प्रकार के होने चाहिए। असली मोतियों में ड्रिल होल के आस-पास के किनारे पैने होते हैं जैसे किसी खोखले सिलिंडर में होते हैं। ज्यादातर नकली मोतियों में ड्रिल होल के आस-पास के किनारे खुरदुरे या गोल होते हैं। लेकिन, अगर असली मोती लंबे समय से इस्तेमाल किए जा रहे हों तो उनमे भी ड्रिल होल के आस-पास के किनारे गोल हो सकते हैं। नकली मोती पूर्ण रूप से बेलनाकार होने की बजाय सतह पर बाहर की तरफ झुके हुए से प्रतीत हो सकते हैं।[१४]
    • छिद्र के पास उखड़ा हुआ पेंट या कोटिंग। इस्तेमाल किए जाने पर जब नकली मोतियों की आपस में रगड़ होती है तब कृत्रिम कोटिंग छिद्रों के आस-पास से उखड़ सकती है। हो सकता है कोटिंग उखड़ने पर आपको प्लास्टिक या शीशे का टुकड़ा दिखे। अगर ऐसा हो तो मतलब साफ़ है कि आपका मोती नकली है।
  5. मोती के छिद्र से अंदर झाँके ताकी बाहरी सतह से केंद्र के बीच सीधी रेखा दिख सके: असली मोतियों में करीब-करीब हमेशा एक स्पष्ट बाहरी सतह होती है जबकि नकली मोतियों में पतली, कृत्रिम बाहरी परत हो सकती है या फिर कई बार कोई भी परत नही होती। अगर आपके मोती में ड्रिल होल हो तो किसी मैग्नीफाइंग ग्लास से आप मोती के अंदर देखें। सामान्यत: असली मोतियों में आप एक स्पष्ट रेखा देखेंगे जो बाहरी सतह को केंद्र (मोती का अंदरूनी भाग) से अलग कर रही होगी।
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संपादन करेंउच्च स्तर के परीक्षण

  1. किसी माइक्रोस्कोप का प्रयोग कर परतदार पैटर्न ढूंढें: इस प्रयोग के लिए 64 मैग्नीफाइंग पॉवर या उससे ज्यादा पॉवर के माइक्रोस्कोप सही हैं। असली मोतियों की सतहों पर किसी मेज के समान परतदार पैटर्न दिखते हैं। ये पैटर्न किसी टोपोग्राफिकल मैप जैसे लगते हैं। [१५] माइक्रोस्कोपिक स्केलिंग के कारण ही असली मोतियों की ठोस बनावट होती है।
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    • इसके विपरीत नकली मोतियों की सतहें दानेदार होती हैं, और चाँद पर दिखने वाले गड्ढों जैसे उभारों से भरी हुई होती हैं।[१६]
  2. अपने मोतियों की तुलना सर्टिफाइड असली मोतियों से करें: ऊपर बताये गए सभी परीक्षण आप आसानी से कर सकेंगे अगर आपके पास कुछ ऐसे मोती हों जिनके बारे में आपको पता हो कि वो असली ही हैं और मोतियों को परखने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। अपने मोतियों को परखने के लिए आप किसी जौहरी से भी संपर्क कर सकते हैं जो आपके मोतियों को सर्टिफाइड असली मोतियों से तुलना कर के परखे। एक विकल्प यह भी है कि किसी दोस्त या रिश्तेदार से कुछ असली मोती उधार लेकर आप अपने मोतियों से तुलना करें।
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    • कॉमन सेंस से ये निर्णय लें कि सर्टिफाइड असली मोतियों के उपलब्ध होने पर आप कौन-कौन से परीक्षण करेंगे। उदाहरण के तौर पर किसी और के कीमती पत्थरों पर आप दाँतो से परीक्षण, या घर्षण परीक्षण नही करना चाहेंगे।
  3. अपने मोतियों का किसी विशेषज्ञ से मूल्यांकन करवाएं: अगर अपने मोतियों की प्रमाणिकता सुनिश्चित करने में आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो तो आप अपने मोतियों को किसी सम्मानित जौहरी या रत्न विशेषज्ञ के पास ले जा कर जाँच करवाएं। इन प्रोफेशनल लोगों के पास टूल्स होते हैं, ट्रेनिंग होती है, और सालों का अनुभव भी, इसलिए ये आसानी से ये बता सकते हैं कि आपके मोती असली हैं या नकली। इसके साथ-साथ ये आपके मोतियों की गुणवत्ता का स्तर भी बता सकते हैं। लेकिन ये विकल्प सस्ते नही होते हैं। एक सामान्य मूल्यांकन के लिए आपको 6 से 7 हजार रुपये, या उससे भी ज्यादा मूल्य चुकाना पड़ सकता है।[१७]
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  4. एक्स-रेडियोग्राफिक (X-radiographic) परीक्षण करवाएं: मोती असली हैं या नकली, ये जाँचने के लिए आप किसी विशेषज्ञ द्वारा ये परीक्षण करवा सकते हैं। इस परीक्षण में एक्स-रे (X-ray) मशीन का प्रयोग होता है। असली मोती एक्स-रे में अर्धपारदर्शी, भूरे रंग के दिखेंगे जबकि नकली मोती नेगेटिव प्रिंट में सॉलिड वाइट और पॉजिटिव प्रिंट में सॉलिड ब्लैक दिखेंगे।[१८]
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  5. रेफ्राक्टोमीटर परीक्षण आर्डर करें: यह उच्च स्तर का परीक्षण यह पता करने के लिए किया जाता है कि मोती से कितना प्रकाश गुजर पा रहा है। इससे मोती की प्रमाणिकता का पता चलता है। सामान्यत: मोतियों की रेफ्राक्टोमीटर रीडिंग जिसे रेफ्राक्टिव इंडेक्स (refractive index) कहते हैं, वह 1.530 और 1.685 के बीच होती है। इन दोनों मानों के अंतर को मोती का बाईरेफ्रिन्जेंस (birefringence) कहा जाता है जिससे यह निर्धारित होता है कि कोई मोती प्रकाश पड़ने पर कैसा दिखेगा। मोती के इन गुणों के आधार पर कोई विशेषज्ञ ये बता सकता है कि वे असली हैं या नही।[१९]
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संपादन करेंआपको क्या-क्या नही करना चाहिए

  1. मोतियों को जाँचने के लिए सिर्फ एक परीक्षण के भरोसे ना रहें: ऊपर बताये गए परीक्षणों में से कोई एक गलत परिणाम भी दे सकता है, इसलिए सही परिणाम पाने के लिए बहुत सारे परीक्षण करें।
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    • अलग-अलग परीक्षण भ्रामक परिणाम दे सकते हैं। इस बात के कई उदाहरण हैं। एक उदाहरण यह है कि अगर असली मोतियों को ख़ास तरीके से पॉलिश किया गया हो तो वह दाँतो से किये जाने वाले परीक्षण, और घर्षण वाले परीक्षण में काफी चिकने साबित होते हैं।[२०]
  2. मोतियों को जला के परीक्षण ना करें तो अच्छा है: कुछ सूत्रों की मानें तो मोतियों को आग में जला के जाँचने की सलाह मिलेगी। ऐसी गलत धारणा है कि नकली मोती जल जाते हैं या पिघल जाते हैं जबकि असली मोतियों को कुछ नही होता। वास्तविकता इससे भिन्न है। ये सच है कि ज्यादातर नकली मोती आग से प्रभावित होते हैं, लेकिन ये भी सच है कि कुछ असली मोती भी आग से प्रभावित होते हैं। ऐसे असली मोती जिनपर बाहरी परत चढ़ाई गयी हो, उनपर जलने के कारण धब्बे आ सकते हैं, ड्रिल छिद्रों का स्वरुप बिगड़ सकता है, और उनकी आभा जलने पर कुछ सेकंडों में ही ख़त्म भी हो सकती है।
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    • इसके साथ-साथ ये जानना भी जरूरी है कि मोती ऊष्मा को तेजी से संचालित कर देते हैं और आग में तपाने पर बेहद गर्म हो जाते हैं। इसलिए जब आप उन्हें जला के परीक्षण करें तब सावधानी जरूर बरतें।
  3. गलती से नकली मोतियों को आकर्षक नाम सुनकर ना खरीद बैठें: अगर कोई विक्रेता मोती के गुणों की बजाय अनोखे नाम सुनाकर उन्हें बेचने की कोशिश कर रहा हो तो प्रबल संभावना है कि वो आपको ठगने की कोशिश कर रहा है। उदाहरण के लिए मल्लोरका या मजोरका (Mallorca or Majorca) मोती जिन्हें भूमध्यसागरीय आइलैंड मल्लोरका का नाम दिया गया है, वे असली नही बल्कि मनुष्य के द्वारा ही बनाये गए नकली मोती हैं। इन्हें आकर्षक नाम से लुभा कर, सच्चाई से अंजान ग्राहकों को आसानी से बेच दिया जाता है।
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  4. किसी मोती की कीमत के विषय में अपने सामान्य ज्ञान और बौद्धिक क्षमता पर भरोसा करें: असली मोती की कीमतों में आकार, ओवरटोन, बनावट, और अन्य गुणों के आधार पर काफी अंतर हो सकता है। लेकिन वे कभी भी बहुत ही ज्यादा सस्ते नही होंगे। उदाहरण के लिए, सबसे सस्ते, फ्रेशवाटर मोतियों से बने एक नेकलेस की कीमत भी कुछ हजार रूपयों से कम कभी नही होगी।[२१] अगर कोई विक्रेता आपको कोई ऐसी डील देने को तैयार हो जो विश्वशनीय नही लगे तो समझ लीजिये कि वो आपको असली मोती नही दे रहा है।
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    • एक आधारभूत नियम है कि आपको मोती हमेशा लाइसेंस्ड, सर्टिफाइड मोती विक्रेताओं या जौहरियों से ही खरीदने चाहिए। गली-गली बेचने वाले विक्रेताओं, या गहने गिरवी रखने वाली दुकानों से मोती खरीदने पर आप मुसीबत में पड़ सकते हैं। खास सलाहों के लिए आप हमारी मोती की खरीददारी से संबंधित गाइड देख सकते हैं।

संपादन करेंसलाह

  • ध्यान दें कि असली मोतियों की दो किस्में होती हैं। पहली किस्म है नेचुरल मोती, जो घोंघे से मिलते हैं। दूसरी किस्म है कल्चर्ड मोती, जिन्हें फार्म में पैदा किया जाता है। नेचुरल मोतियों और कल्चर्ड मोतियों में रंग, आकार, चमक, और अन्य लक्षणों में फर्क हो सकता है। नेचुरल मोती कल्चर्ड मोतियों की तुलना में बहुत कम मिलते हैं और ज्यादा मंहगे होते हैं।
  • अगर आप अपने मोतियों को साफ़ करना चाहते हैं तो किसी अनुभवी जौहरी से मदद लें। आप अगर घर में सफाई के लिए इस्तेमाल किये जानेवाले उत्पादों से मोती साफ़ करते हैं तो हो सकता है कि आपके मोतियों की चमक हमेशा के लिए चली जाए। भगवान का शुक्र है कि कुछ जौहरी कॉम्प्लीमेंट्री क्लीनिंग सर्विस भी देते हैं![२२]

संपादन करेंचेतावनी

  • जब किसी एक मोती पर दाँतों से परीक्षण करें तब सावधान रहें क्योंकि अगर आपने मोती को ठीक से नही दबा रखा हो तो आप गलती से इसे निगल भी सकते हैं।
  • दाँतों से परीक्षण करने पर, या घर्षण परीक्षण करने पर आप अपने मोतियों पर कुछ खरोंचों को देख सकते हैं। अगर आप कुछ बार अंगूठों से रगड़ें तो ये खरोंचे गायब हो जाएँगी।

संपादन करेंस्रोत और उद्धरण


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