पैर के नाखूनों में होने वाले फंगल (Toe Nail Fungus, onychomycosis) संक्रमण अप्रिय होते हैं - उनकी वजह से आप नाखून का रंग बिगड़ना, दुर्गन्ध आना, पूय निकलना से लेकर पूरे नाखून का निकल जाना तक अनुभव कर सकते हैं। यह चिंताजनक स्थिति है, पर खुश खबरी यह है कि इसका सही उपचार और देखभाल करने से आपका नाखून फिर से स्वस्थ हो सकता है। इसका उपचार करना आसान है पर उसमें काफी समय लगता है और एक डॉक्टर की सहायता की ज़रूरत होती है। इस लेख में कुछ सरल, प्रभावशाली उपायों की चर्चा और उपचार के बारे में आम जानकारी दी गयी है।
संपादन करेंचरण
संपादन करेंएक डॉक्टर से राय करें
- जल्दी उपचार करें: जल्दी से जल्दी उपचार करना ज़रुरी है। इससे चिकित्सा करने में आसानी और दुबारा संक्रमण होने की कम संभावना होगी। नाखून को निकालना नहीं पड़ेगा। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि : संक्रमण अपने आप से नहीं जायेगा और घर में करे गए उपाय बिरले ही काम करते हैं।
- सामान्य उपचार के तरीके समझें: इलाज करने के कई उपाय हैं। डॉक्टर आपके संक्रमण की स्थिति के अनुसार उपाय निर्धारित करेगा। [१][२]इन उपायों को कई हफ्तों तक इस्तेमाल करने के बाद आपको अपने पैर के नाखूनों में कुछ सुधार नज़र आयेगा। इसलिए आपको धैर्य के साथ बताये हुए उपाय का पालन करना चाहिए।
- कुछ केसेस (cases) में स्थानिक दवाइयाँ बताई जाएंगी। आपका डॉक्टर इन क्रीम्स और लोशन्स को लगाने का तरीका बताएगा। कई महीने, ठीक होने तक, दिन में दो बार नाखूनों को रोगाणुओं से मुक्त (disinfect) करके कैनेस्टेन क्रीम (Canesten cream) लगायें। यह धीरे काम करती है पर इसका अच्छा असर होता है।
- फंगस के संक्रमण का प्रतिकार करने के लिए खाने वाली (oral) दवाइयाँ भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन यदि स्वास्थ्य की स्थिति ठीक न हो ये समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं। इसलिए आपके डॉक्टर को आपकी चिकित्सा का इतिहास (medical history) मालूम होना चाहिए।
- कभी कभी इन संदूषणों का प्रतिकार करने के लिए फंगस विरोधी प्रलाक्षा (antifungal lacquer) इस्तेमाल करते हैं। इसे नेल पॉलिश के समान नाखून पर लगाकर समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। किन्तु इसके लिए नुसखे की आवश्यकता होती है।
- अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें: डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना ज़रुरी है, नहीं तो संक्रमण के वापस आने या और ख़राब होने की आशंका है। भिन्न उपचार के तरीकों को एक साथ इस्तेमाल करने से पहले भी अपने डॉक्टर से राय लें।
संपादन करेंसंक्रमण वाले नाखून की सही देखभाल
- संक्रमण वाले नाखून में जितनी ज़्यादा हो सके उतनी हवा लगने दें: नम मोज़े और जूते न पहने वे फफूँद को उत्पन्न करते हैं। जितना हो सके नंगे पांव चलें। जब संभव हो सैंडल्स पहने। मोज़े या होज़री को एक दिन से ज़्यादा, बिना धोये न पहनें। सफ़ेद मोज़ों को विरंजित (bleach) कर सकते हैं इसलिए वे अच्छे रहेंगे।
- कसे हुए जूतों से दूर रहें: कसे हुए जूतों में पैर की उँगलियाँ एकदम पास पास होती हैं और एक से दूसरी उँगली में फंगस फैल सकता है। जूते के अंदर का नम, गर्म और बंद वातावरण फफूँद को बहुत प्यारा लगता है। यदि आपको हील्स पहनने का शौक है और उसमें आपकी पैरों की उँगलियाँ गुच्छित (bunching) होती हैं, कुछ दिनों के लिए उन्हें विश्राम करने दें। ऐसे जूते पहनें जिनमें हवा का प्रवेश हो सके। कसी हुई होज़री से भी इस तरह की परेशानी हो सकती है।
- गीले होने के बाद पैरों को अच्छी तरह से सुखाएं: स्नान करने या तैरने के बाद, या अन्य किसी भी ऐसी गतिविधि के बाद अपने पैरों का पसीना या पानी अच्छी तरह पोंछें। इससे संक्रमण और खराब नहीं होगा। सार्वजनिक पूल्स या उसके समान अन्य अवसरों से दूर रहें जहाँ संक्रमण फैलने की सम्भावना हो, नहीं तो अपने पैरों को ढक कर रखें।
संपादन करेंवैकल्पिक या संपूरक विधियाँ
- चिकित्सा के महत्त्व को समझें: नाखून के फंगस का उपचार बहुत पेचीदा होता है। [३] उसे ठीक होने में बहुत समय लग सकता है। गलत उपचार करने से वह आसानी से वापस आ सकता है। इसलिए एक डॉक्टर को दिखाएं और उपचार करें। इस बीच में दर्द को कम करने और जल्दी स्वस्थ होने के लिए कुछ संपूरक उपचार कर सकते हैं। अपने डॉक्टर से राय लेकर यह करें ताकि उनकी बताई हुई दवाइयों के साथ ये विपरीत असर न करें।
- अधिक नाखून को हटायें: ज़्यादा संक्रमण वाले, पैर के नाखून, नीचे बहुत फंगस होने से अपनी जगह पर ऊपर उठ जाते हैं। ऐसे संक्रमण वाले पैर (foot or feet) को 20-30 मिनट के लिए गर्म पानी में डुबाकर रखें। फिर नाखून को काटना शुरू करें। आप यह देखकर आश्चर्यचकित होंगे कि नाखून के नीचे जहाँ जहाँ फंगस है वहाँ पर नाखून आपकी पैर की उँगली से नहीं जुड़ा हुआ है - यह चिंताजनक है पर एक सामान्य अवस्था है। इस नाखून को काट दें और मोटी पपड़ीदार फफूँद को जितना हो सके खुरचकर हटा दें। इसके बाद नियमित रूप से देखभाल करना बहुत ज़रुरी है।
- पैरों के नाखूनों को उँगलियों से कभी न चीरें। हमेशा एक साफ नेल कटर (nail clipper) या लम्बे हैंडल वाली नाखून की कैंची (nail scissors) इस्तेमाल करें। स्नान करने के बाद नाखून सबसे मुलायम होते हैं, उस समय उन्हें काटना अच्छा है।
- यदि दर्द हो तो यह स्वयं न करें। अपने डॉक्टर या पैरों के विशेषज्ञ (podiatrist) को दिखाएँ। ठीक तरह से नाखून को निकलवाकर आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका नया नाखून विकृत होने की जगह स्वस्थ हो।
- विक्क'स वेपोरब (Vick's VapoRub)(TM), या कोई व्यापक ब्रैंड इस्तेमाल करें: अपने बिस्तर के पास "वेपोरब" विलेप रखें और मोज़े पहनने से पहले संक्रमण वाली पैर की उँगली और नाखून पर थोड़ा सा लगायें। लगाने से पहले यह पक्का कर लें की पैर सूखे हों ताकि विलेप के नीचे नमी न दब जाये। इस उपाय में समय लगता है पर व्यापारिक प्रयोगों में भी समय लगता है। ये सस्ता और टिकाऊ उपाय है।
- पानी और सिरका इस्तेमाल करें: रोज़ रात को आधे घंटे के लिए अपनी पैर की उँगलियों को पानी और सिरके के पतले घोल में डुबाकर रखें। इससे आपके पैर के नाखूनों का pH कम हो जाता है और फफूँद जीवित नहीं रह सकते हैं। यह आपको तीन से छह महीने तक रोज़ाना करना पड़ेगा। इसमें बंधन है पर यह काम करता है।
- परमावश्यक तेल इस्तेमाल करें: पैर के नाखूनों के स्वस्थ होने तक रोज़ सुबह और शाम कोई द्रव औषध ( liquid remedy) लगाना उनके संक्रमण को ठीक करने का एक अच्छा प्राकृतिक (natural) तरीका है। आप एक औषध किसी दवाई की दूकान से खरीद सकते हैं। बहुत लोगों को 100% शुद्ध टी-ट्री तेल से फायदा हुआ है - नहीं तो आप 5% से 10% शुद्ध ऑरेंज तेल (ऑरेंज ऑइल क्लीनर नहीं) 50% सिरका और 50% रब्बिंग ऐलकोहॉल के मिश्रण में डालकर इस्तेमाल करें। उपयोग करने से पहले अच्छी तरह से हिलाएं। इसे दवाई डालने के ड्रॉपर से लगायें। ध्यान रखें कि वह नाखून की खुली हुई जगह (exposed nail bed) और उसके किनारों के नीचे तक पहुँच जाये। नए नाखून के निकलते समय मृत टिश्यू को हटाते रहें और नए नाखून के लिए स्वस्थ वातावरण छोड़ें।
संपादन करेंसलाह
- अपने पैरों को पानी में डुबाकर रखें और टी ट्री ऑइल की कुछ बूंदें डालें। 20-30 मिनट डुबाये रखें। पैरों (feet) को हवा में पूरी तरह से सूखने दें। फिर पैरों की उँगलियों में वेपोरब (VapoRub)(TM) लगायें। दवाई को रोके रहने के लिए मोज़े पहनें (दिन या रात में)। यदि आप नियमित रूप से यह करेंगे, आपको कुछ हफ्तों या महीनों में परिणाम नज़र आयेगा।
- इसका एक और फायदा है कि यह जूते और पैर की दुर्गन्ध और "ऐथलीट्स फीट" (athlete's feet) के फंगस से भी छुटकारा देता है।
- चिरकालिक बीमारी जैसे मधुमेह (diabetes), परिसंचारी समस्याएं (circulatory problems), असंक्राम्य की कमी (immune-deficiency) वाले लोगों के पैर के नाखूनों में फंगल संक्रमण होने की ज़्यादा आशंका है।
- देवदार के तल्ले फंगस का उपचार करने के लिए बहुत उपयोगी हैं। देवदार में कुदरती जीवाणु विरोधी रोगप्रतिकारक (natural antibacterial antibodies) होते हैं जो सूक्ष्मजीवों को अपघटित (decompose) करते हैं और दुर्गन्ध व फंगस से बचाते हैं।
- स्नान करने के बाद, जो नाखून स्वस्थ हो रहा है उसे खास ध्यान दें। अपने नाखून के उपकरणों को ऐलकोहॉल से रोगाणुओं से मुक्त करें ताकि अन्य नाखूनों में संक्रमण न फैले। रोकथाम के लिए स्वस्थ नाखूनों पर भी टी ट्री ऑइल लगाने में कोई बुराई नहीं है। आपके नाखून को स्वस्थ होने में कई महीने लग सकते हैं। नियम से देखभाल करके आप सफल हो सकते हैं।
- पूल्स और सार्वजानिक जगहों पर फ्लिप फ्लॉप्स, सैंडल्स या अन्य प्रकार के जूते पहने - नंगे पैरों को किसी और की पैर की ऊँगली का फंगस लेने का अवसर न दें।
- धैर्य रखें, नाखून धीरे बड़े होते हैं। अधिकतर वे फिर से निकल आते हैं। यदि छह महीने के बाद भी एक स्वस्थ नाखून न निकले, अपने डॉक्टर को दिखाएं।
- 2 महीने अपने पैरों (feet) को मुख-धावन में प्रतिदिन 30 मिनट के लिए डुबाकर रखें।
- आयोडीन का टिंक्चर नाखून के किनारों पर दिन में दो तीन बार लगाने से फंगस हटाया जा सकता है। इसे काम करने में कई हफ्ते लग सकते हैं। यदि नियम से लगाया जाये, ये फफूँद को अंत करके नाखून को स्वस्थ कर सकता है।
- अपने पैरों को फफूँद विरोधी (antifungal) साबुन से धोएं। पैरों को अच्छी तरह से पोंछे खास तौर से (पैर की उँगलियों के बीच में, नाखूनों के आस-पास और पैर के नीचे) जहाँ नमी रह जाने की आशंका है। अपने पूरे पैर (foot) में एंटी-फंगल क्रीम लगायें। सूखने के बाद विरंजित (bleach) करे हुए, साफ, सफ़ेद मोज़े पहनें और नमी से दूर रहें (ब्लीच करने से मोज़ों में फफूँद खत्म हो जाएगी।
- भारत में पैरों की देखभाल करने वाले अस्पतालों और क्लीनिक्स के लिए www.novasans.com/podiatry/india देखें।
- कैनेस्टेन फंगल नेल ट्रीटमेंट (Canesten Fungal Nail Treatment) इस्तेमाल करें, यह बहुत अच्छा है।
संपादन करेंचेतावनी
- नाखून काटने और घिसने के सब उपकरणों को रोगाणुओं से मुक्त करें।
- सावधानी से मोज़े पहनकर सोयें, ध्यान रखें कि वे ढीले और साफ हों ...
- आपके पैरों में पसीना आ सकता है : उस नमी से फफूँद बढ़ सकती है। पसीना सूखते समय पैरों में ठंडा लग सकता है।
- संक्रमण वाले नाखूनों पर नेल पॉलिश न लगायें।
- अगर आपके "ठंडे" पैरों में पसीना नहीं आता है, आप साफ, ढीले और पतले मोज़े जिनमें हवा का प्रवेश हो सके, पहन कर सो सकते हैं। नहीं तो घुटनों के नीचे पैरों को किसी चीज़ से ढक सकते हैं ताकि पैरों में ज़्यादा गर्मी न लगे और "पसीना" न आये।
- यदि किसी के पैरों (legs and feet) या पैर की उँगलियों के जीवाणुओं के संक्रमण (bacterial infection) बहुत धीरे स्वस्थ होते हैं उन्हें मधुमेह (diabetes) के लिए खून की जाँच करवानी चाहिए। जीवाणुओं का संक्रमण और मधुमेह दोनों साथ में हों तो घाव स्वस्थ न होने की समस्या होती है। आगे चलके उससे टिश्यू खत्म (gangrene) हो सकता है या नस को हानि पहुँच सकती है।
संपादन करेंस्रोत और उद्धरण
- http://www.apma.org/learn/FootHealth.cfm?ItemNumber=1523 – research source
- NZ Pharmacy Self Care - Fungal Infections, factsheet – research source
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