आपने कार बढ़िया ढंग से चलाते रहने के लिये कई महत्वपूर्ण चीजों में से एक जो आप कर सकते हैं वो है कार के इन्जिन ऑयल और फिल्टर को नियमित रूप से बदलना। समय के साथ कार का ऑयल खराब हो जाता है और फिल्टर दूषित पदार्थों से जाम (clogged) हो जाता है। आपके कार की टाइप और आपके ड्राइविंग हैबिट्स के आधार पर कम से कम 3 महीने या (4800 किमी) या अधिक से अधिक 24 महीने या (32000 किमी) के बाद इसे बदलना पड़ेगा (ओनर्स मैनुअल से सर्विस इन्टरवल्स के बारे में जानें)। सौभाग्यवश, ऑयल को बदलना आसान भी है और सस्ता भी; आवश्यकता पड़ने पर जितनी जल्दी आप ऑयल बदलेंगे उतना ही अधिक अच्छा रहेगा।
संपादन करेंचरण
संपादन करेंकार को जैक लगा कर ऊपर उठाना
- कार को किसी समतल और पर्याप्त जगह वाले स्थान पर ले जायें:
- कार को 5 से 10 मिनट के लिये खड़ी कर दें ताकि ऑयल थोड़ा गर्म हो जाये। गर्म ऑयल को निकालते समय सावधानी बरतें।
- कार को खड़ी करके पार्किंग र्ब्रेक लगा दें और चाभियां निकाल लें: कार से बाहर आ जायें।
- टायर्स को स्थिर रखने के लिये ह्वील चॉक / ब्लॉक लगायें: ह्वील ब्लॉक्स (wheel blocks) को टायर पर लगाना चाहिये जो जमीन पर रहेगा।
- कार के जैकिंग प्वाइंट्स को ढूढें: यदि आपको संदेह है तो ओनर्स मैनुअल में विशिष्ट जानकारियां देख लें।
- कार को जैक से ऊपर उठायें:
- आपको इसे कार के एक ही ओर करना पड़ेगा।
- जैकिंग प्वाइंट्स पर जैक स्टैण्ड्स लगायें।
- कार को रोक के रखें: कार को जोर लगाकर हिलायें ताकि ये सुनिश्चित हो जाये कि वह सुरक्षित है।
- इन्जिन के नीचे ऑयल इकट्ठा करने के लिये बर्तन (drain pan) रखें।
- कार को 10 मिनट तक ठण्डा होने दें। सावधान रहें क्योंकि इन्जिन / इक्जास्ट गर्म हो सकता है।
संपादन करेंऑयल निकालना
- जरूरी चीजें एकत्रित कर लें: कार के लिये आपको उचित ऑयल फिल्टर और नये साफ ऑयल की आवश्यकता पड़ेगी।
- ऑयल कैप हटायें: कार का हुड खोलें और इन्जिन के ऊपर स्थित ऑयल कैप को ढूंढ लें।
- ऑयल पैन को ढूंढ लें: कार के नीचे एक फ्लैट मेटल पैन को ट्रान्समिशन की तुलना में इन्जिन के नजदीक ढूंढें।
- इन्जिन ड्रेन प्लग़ को ढूंढ लें।
- सुनिश्चित कर लें कि वह इन्जिन ऑयल ड्रेन प्लग ही है, ट्रान्समिशन ड्रेन प्लग नहीं। यदि आप संशय में हैं तो इक्जास्ट को ढूंढें। इक्जास्ट हमेशा इन्जिन से जुड़ा हुआ होता है और एक ट्यूब के रूप में कार के अगले भाग से शुरू होकर पिछले भाग तक जाता हैं। ऑयल पैन और ड्रेन प्लग, इन्जिन के नीचे ही स्थित होंगे।
- ऑयल प्लग को हटायें: यदि पर्याप्त जगह उपलब्ध हो तो उचित आकार के सॉकेट या रेंच को प्रयोग करके प्लग को काउन्टर-क्लॉक वाइज घुमाकर ढीला करें। आपको ड्रेन प्लग गास्केट को भी निकाल कर बदल देना चाहिये। कोई मेटल वाशर यदि अच्छी स्थिति में हो, तो उसे दुबारा प्रयोग में लाया जा सकता है।
- इन्तजार करें: कार में से पूरा ऑयल निकलने में कई मिनट लगेंगे। जब क्रैन्क केस में से ऑयल निकलना पूरी तरह से बंद हो जाये तब प्लग बदलें। ड्रेन प्लग पर नया वाशर लगायें। 3 चीजों की जाँच करके उनकी सफाई करें: ड्रेन, प्लग और गास्केट। नये गास्केट को ड्रेन प्लग पर लगायें।
संपादन करेंऑयल फिल्टर बदलना
- फिल्टर असेम्बली को ढूंढ लें: फ़िल्टर्स का कोई निर्दिष्ट स्थान नहीं होता है क्योंकि कार के मॉडल के आधार पर वह इन्जिन के आगे, पीछे या बगल में कहीं भी हो सकता है।
- जो फ़िल्टर आपने बदलने के लिये खरीदा है उसे देखें ताकि आपको ये अंदाजा हो जाये कि आपको क्या ढूंढना है। आम तौर पर वे सफेद, नीले या काले सिलिन्डर्स होते हैं जो लगभग 4-6 इंच (10.2-15.2 सेमी) लम्बे और 3 इंच (7.6 सेमी) चौड़े सूप कैन (soup can) की तरह होते हैं।
- कुछ गाड़ियों, जैसे बी एम डब्लू, मर्सीडीज़ और नये वोल्वो, में फिल्टर एलिमेण्ट (filter element) या कार्ट्रिज (cartridge) साधारण स्पिन-ऑन टाइप (spin-on type) के ठीक उल्टा होते हैं। इनमें बिल्ट-इन रिजर्वायर (built-in reservoir) के ढक्कन को खोलकर पूरे फिल्टर एलिमेण्ट को ही बाहर निकालना पड़ता है।
- ऑयल फिल्टर को खोलें: सबसे पहले तो हाथ से ही कस के पकड़ कर उसे धीरे से काउन्टर-क्लॉक वाइज घुमायें। यदि आप फिल्टर को हाथ से नहीं खोल पाते हैं तो उसे खोलने के लिये आपको एक ऑयल फिल्टर रिमूवल टूल (oil filter removal tool) की जरूरत पड़ेगी। फिल्टर को पूरी तरह से निकालने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि ड्रेन पैन उसके नीचे है। इससे आपको ऑयल को छलकने से रोकने में मदद मिलेगी।
- फिल्टर निकालते समय ऑयल को ज्यादा छलकने से बचाने के लिये आप फिल्टर को चारो ओर से एक प्लास्टिक बैग में लपेट सकते हैं इससे यदि ऑयल छलकेगा भी तो बैग में ही रह जायेगा। फिल्टर को बैग में उल्टा खड़ा कर दें ताकि जब तक आपका काम समाप्त हो इसमें से ऑयल भी निकल जाये।
- सुनिश्चित करें कि पैन अभी भी कार के नीचे ही है ताकि कुछ ऑयल यदि छलके भी तो उसी में गिरे। कुछ ऑयल तो फिल्टर में ही अटका रहता है जो उसे खोलते ही बाहर आ जायेगा।
- नया फिल्टर तैयार करें: अपनी उंगली को नये ऑयल में डुबोयें और नये फिल्टर के ग़ास्केट रिंग पर लगायें। इससे गास्केट पर चिकनाहट आ जायेगी और फिल्टर के लिये एक अच्छा सील (good seal) उत्पन्न हो जायेगा साथ ही यह भी सुनिश्चित हो जायेगा कि अगली बार आप इसे खोलकर निकाल पायेंगे।
- फिल्टर को लगाने से पहले आप उसमें थोड़ा सा ऑयल भी डाल सकते हैं। इससे कार को ऑयल प्रेशर वापस पाने में अपेक्षाकृत कम समय लगेगा। यदि फिल्टर खड़ा (vertically) लगा हुआ है तब तो आप इसे लगभग ऊपर तक भर सकते हैं। परंतु यदि यह थोड़ा बहुत झुकी स्थिति में लगा हुआ है तो फिल्टर के स्पिन करने से ठीक पहले थोड़ा ऑयल छलकेगा जरूर।
- नये लुब्रिकटेड फिल्टर को सावधानी पूर्वक लगायें और इस बात का खास ध्यान रखें कि थ्रेड्स क्रास न होने पायें: वैसे तो फिल्टर बतायेगा कि उसे कितना टाइट करना है परंतु ज्यादा विशिष्ट जानकारी के लिये बॉक्स पर लिखे हुए स्पेसिफिकेशन्स को पढ़ें। साधरणतया, आप फिल्टर को तब तक टाइट करेंगे जब तक वह गास्केट को छूने न लगे और उसके बाद एक चौथाई चक्कर और।
संपादन करेंनया ऑयल डालना
- कार में ऑयल भरने के लिये बने छिद्र (fill hole) में नया ऑयल डालें: ऑयल कितनी मात्रा में भरा जाना है यह जानकारी आपको ओनर्स मैनुअल में आम तौर पर “कैपेसिटीज” (capacities) के अंतर्गत मिल जायेगा।
- यदि आपने बोतल इस ढंग से पकड़ रखा है कि उसकी टोंटी ऊपर की ओर है तो ऑयल बिना बबलिंग (bubbling) के आसानी से डल जायेगा।
- सुनिश्चित करें कि आप सही ऑयल डाल रहे हैं। आम तौर पर आप अधिकतर कारों में 10डब्लू-30 ऑयल बिना हिचक के डाल सकते हैं परंतु आपको ओनर्स मैनुअल से या ऑटो शॉप में उपस्थित किसी एक्स्पर्ट से जानकारी ले लेनी चाहिये।
- सही माप के लिये हमेशा डिपस्टिक पर ही निर्भर न रहें विशेषकर यदि कार बंद थी और अभी स्टार्ट की गई हो (यदि ऑयल अभी भी गैलरीज में होगा तो स्टिक कम माप दिखायेगा)। यदि आप स्टिक से सही माप लेना चाहते हैं तो सुबह सबसे पहले जब कार किसी समतल सतह पर ठंडी अवस्था में स्थिर खड़ी हो तो उसी समय स्टिक से माप लें।
- ढक्कन (fill cap) को वापस लगायें: आस-पास देख लें कि कोई औजार छूट तो नहीं गया है और हुड को बंद कर दें।
- कार के नीचे झांक कर सुनिश्चित कर लें कि कुछ चू तो नहीं रहा है। यदि कुछ छलक कर गिरा हुआ है तो उसे यथासम्भव ठीक से पोछना ही अच्छा है। भरते समय यदि थोड़ा ऑयल क्रैन्क केस (crankcase) पर गिर जाये तो डरने की कोई बात नहीं है क्योंकि जैसे ही इन्जिन गरम होगा यह धुआं बनकर उड़ जायेगा जिससे जलते हुए ऑयल की गंध आयेगी जो थोड़े देर के लिये डरा सकती है। इससे आपके कार के अंदर भी बदबू आ सकती है।
- इन्जिन स्टार्ट करें: यह देख लें कि इन्जिन स्टार्ट होने के बाद ऑयल प्रेशर लाइट बुझ गई है। अपने कार को न्युट्रल में हैंड ब्रेक लगा कर खड़ी कर दें और कार के नीचे किसी ड्रिप या लीकेज को देखें। यदि फिल्टर और ड्रेन प्लग ठीक से टाइट नहीं होंगे तो वे धीरे-धीरे लीक कर सकते हैं। प्रेशर को बढ़ाने के लिये इन्जिन को एक मिनट तक चलने दें और सुनिश्चित करें कि हर चीज सही ढंग से इन्सटॉल (install) हो गई है।
- वैकल्पिक: ऑयल चेन्ज लाइट को री-सेट करें। यह कार के अलग-अलग मेक और मॉडेल के हिसाब से अलग-अलग होता है इसलिये सही विधि को जानने के लिये ओनर्स मैनुअल को देखें। उदाहरण के लिये, जनरल मोटर्स के अधिकांश कारों में आपको पहले कार को बंद करना पड़ेगा और उसके बाद बिना कार घुमाये इग्निशन को ऑन करना पड़ेगा। तत्पश्चात, गैस पेडल को 10 सेकेण्ड्स में 3 बार पम्प कीजिये। जब आप वापस कार स्टार्ट करें तो लाइट्स को दुबारा सेट करना चाहिये।
- डिप स्टिक को बाहर निकाल कर ऑयल लेवेल चेक करें: एक बार कार बंद हो जाये और ऑयल को 5 से 10 मिनट तक स्थिर (settle) रहने का समय मिल जाये तो डिप स्टिक को दुबारा बाहर निकाल कर देखें कि ऑयल का लेवेल वहीं है जहां उसे होना चाहिये।
संपादन करेंऑयल का निस्तारण
- ऑयल को एक सील किये जा सकने वाले बर्तन में स्थानान्तरित करें: अब जब कि आपने ऑयल बदल लिया है तो तो निकाले गये कीचड़ भ्ररे पुराने ऑयल को किसी स्थायी बर्तन में डाल लें। सबसे अच्छा होगा कि आप उसे नया ऑयल निकलने से खाली हुए बर्तन में ही डाल दें। ऑयल को प्लास्टिक के फनेल के द्वारा बर्तन में धीरे-धीरे डालें ताकि छलकने न पाये। बर्तन पर “प्रयोग हो चुका ऑयल” (used oil) लिख दें ताकि भविष्य में कोई गलती न हो।
- अन्य विकल्पों में दूध के पुराने जग, विंडशील्ड वाशर फ्ल्युइड-जग या प्लास्टिक की अन्य बोतलें शामिल हैं। यदि पुरानी खाने की बोतलें (old food bottles) प्रयोग में लायें तो उसपर “प्रयोग हो चुका ऑयल” स्पष्ट रूप से लिखना न भूलें।
- पुराने ऑयल को ऐसे बर्तनों में न रखें जिनमें पहले केमिकल्स जैसे कि ब्लीच, पेस्टीसाइड, पेण्ट या ऐन्टीफ्रीज़ रखे गये हों। इससे री-साइकलिंग प्रोसेस प्रदूषित हो जायेगा।
- सुनिश्चित करें कि ऑयल फिल्टर खाली हो गया है: आप इस ऑयल को पुराने ऑयल में मिला सकते हैं और फिल्टर्स भी री-साइकिल किये जा सकते हैं इसलिये उन्हें भी सम्भाल कर रखें।
- अपने एरिया में निर्धारित कलेक्शन स्थान का पता लगायें: आम तौर पर मोटर ऑयल बेचने वालों के पास यह जानकारी सरलता से उपलब्ध होती है। खुदरा विक्रेता जो साल भर में 1000 फिल्टर्स से अधिक बिक्री करते हैं उन्हें पुराने फिल्टर स्वीकार करने पड़ते हैं। [१] बहुत से सर्विस स्टेशन्स जो ऑयल बदलते हैं आपका प्रयोग हुआ ऑयल ले लेंगे परंतु हो सकता है कि इसके लिये थोड़ी फीस लें।
- अगली बार री-साइकिल्ड ऑयल प्रयोग करें: इस्तेमाल हो चुके मोटर ऑयल को तब तक रिफाइन किया जाता है जब तक कि वह नये ऑयल के सर्टिफिकेशन्स और स्पेसिफिकेशन्स के अनुसार न हो जाये। नये ऑयल के पम्पिंग और रिफाइनिंग की तुलना में इस प्रक्रिया में कम एनर्जी लगती है साथ ही मोटर ऑयल को री-साइकिल करके दुबारा उपयोग करने से विदेशों से ऑयल इम्पोर्ट भी कम करना पड़ता है। कुछ मामलों में री-साइकिल्ड ऑयल नये ऑयल से सस्ता भी होता है।
संपादन करेंसलाह
- सख्ती से बंद फिल्टर को खोलने के लिये हैमर और बड़े पेंचकस को छेनी की तरह प्रयोग करने से फिल्टर काउन्टर-क्लॉकवाइज घूम सकता है। ध्यान दें: यदि पतले फिल्टर-वाल में एक बार छेद हो जाता है तो जब तक उसे बदला न जाये, इन्जिन स्टार्ट नहीं हो सकता है।
- अपने पास ग्रीन, ईको-फ्रैन्डली ऑयल ऐब्जार्बेन्ट प्रोडक्ट (green, eco-friendly oil absorbent product) रखें ताकि ऑयल छलकने पर उसे काम में ला सकें। वे, ऑयल को सोख लेंगे और आपके गैरेज और ड्राइव-वे को साफ रखेंगे। किटी-लिटर (Kitty litter) या क्ले-बेस्ड प्रोडक्ट्स (clay-based products) इस कार्य के लिये प्रभावी उपाय नहीं हैं। आपको ईको-फ्रैन्डली ऑयल ऐब्जार्बेन्ट प्रोडक्ट की बहुत से वेराइटी ऑन-लाइन मिल जायेगी। उनमें सोखने की क्षमता बहुत ज्यादा होती है, आसानी से इस्तेमाल किये जा सकते हैं और री-न्युएबल भी होते हैं।
- बाज़ार में कुछ ऐसे ऑयल ड्रेन वाल्व्स होते हैं जो आपके नार्मल ड्रेन पैन बोल्ट को बदल देते हैं। इससे ऑयल को बदलना अत्यधिक सुविधाजनक हो जाता है और गंदगी भी कम होती है।
- ड्रेन प्लग बोल्ट को निकालते समय आपके बाहों पर ऑयल लगने से बचने के लिये उसे निकालते समय अंदर की ओर बल लगायें (जैसे कि आप उसे छेद के अंदर डालना चाहते हैं)। जैसे ही आपको पता चले कि बोल्ट पूरी तरह से खुल गया है तो उसे तुरंत छेद से बाहर निकाल लें। यदि आप तकदीर वाले होंगे तो आपके हाथों पर कुछ ही बूंदें गिरेंगी। इसलिये जब आप ऑयल प्लग को निकालें तो अपने कलाई पर कोई कपड़ा बांध लें।
- डिस्पोजबल नाइट्राल ग्लव्ज (disposable nitrile gloves) प्रयोग करें। इस्तेमाल हो चुके मोटर ऑयल में बहुत से टॉक्सिक दूषित पदार्थ होते हैं जो आसानी से आपकी त्वचा द्वारा सोखे जा सकते हैं।
संपादन करेंचेतावनी
- भ्रमवश ट्रान्समिशन फ्ल्युइड इनलेट (transmission fluid inlet) को ऑयल इनलेट (oil inlet ) न समझ लें। कार का पूरा ट्रान्समिशन बर्बाद हो जायेगा यदि आप उसमें गलती से ऑयल डाल देंगे।
- सावधानी बरतें ताकि आप जल न जायें। इगनिशन ऑफ कर देने के बहुत देर बाद तक भी कार का इन्जिन, उसके अंदर मौजूद इस्तेमाल हो चुका ऑयल तथा अन्य पार्ट्स इतने गर्म रहते हैं कि आपको जला सकें।
संपादन करेंचीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी
- 4-6 लीटर ऑयल। सुनिश्चित करें कि आप वही ऑयल प्रयोग में लाते हैं जो आपके कार के एपीआइ पर्फोरमेन्स रेटिंग (API performance rating) के समकक्ष हों। सन 2004 से बने हुए अधिकतर कारों को “एसएम” (SM) रेटिंग की आवश्यकता होती है जो पुराने कारों में प्रयोग किये जाने वाले ऑयल से बेहतर होता है।
- सॉकेट रेंच। यूरोपियन या जापानी कारों के लिये आप एक मीट्रिक सेट रखना चाहेंगे।
- ऑयल फिल्टॅर। कुछ में ग्रिप कोटिंग लगी होती है जिससे फिल्टर को इन्स्टॉल करना और टाइट करना आसान हो जाता है।
- ऑयल फिल्टॅर रेंच (वैकल्पिक)। फिल्टर के व्यास पर आधारित विभिन्न साइज़ के ऑयल रेंच उपलब्ध होते हैं। महंगे वाले डबल आर्टिकुलेटेड (double articulated) होते हैं और प्रयोग के लिये सबसे अच्छे होते हैं।
- जैक स्टैण्ड्स
- इस्तेमाल हो चुके ऑयल के लिये एक पैन, फनेल और मजबूत गैलन।
- ऑयल रैग्स या पेपर टॉवेल।
संपादन करेंस्रोत और उद्धरण
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