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कैसे प्रथिमिकी (एफ आई आर) दर्ज करें

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तकनीकी तौर पर एफआईआर किसी अपराध के घटने की वह प्रथम सूचना है जो किसी व्यक्ति द्वारा पुलिस अधिकारी को दी जाती है। दूसरे शब्दों में, यह मूल रूप से वह शिकायती दस्तावेज़ है जो अपराध सम्बन्धी कानूनी प्रक्रिया की शुरुआत करता है। सर्वप्रथम संज्ञेय और गैर संज्ञेय अपराध में अंतर को समझना महत्वपूर्ण है। एफआईआर संज्ञेय अपराधों के लिए दर्ज की जाती है। आपराधिक प्रक्रिया संहिता, जिसे आम तौर पर 'सीआरपीसी' के नाम से जाना जाता है, के अंतर्गत संज्ञेय अपराध के मामले में पुलिस सीधे एफआईआर दर्ज़ कर के तुरंत जांच शुरू कर सकती है। अभियुक्त को बिना वारंट के भी गिरफ्तार किया जा सकता है। बलात्कार, हत्या, अपहरण और चोरी जैसे अपराध इस श्रेणी में आते हैं। गैर संज्ञेय अपराध के मामले में पुलिस को मामला रजिस्टर करने और जांच शुरू करने के लिए न्यायालय से अनुमति लेना अनिवार्य है। अभियुक्त को बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं किया जा सकता और इस श्रेणी का अपराध जमानती होता है। डराना धमकाना, अतिक्रमण, सार्वजनिक उत्पात, संपत्ति की हेराफेरी, शारीरिक हमला, जालसाजी, चोट पहुंचाना और धोखा देना गैर संज्ञेय अपराधों के उदाहरण हैं।

संपादन करेंचरण

  1. इसे तुरंत दर्ज किया जाना चाहिए। यदि दर्ज़ करने में देरी होती है तो इसका उल्लेख प्रपत्र में किया जाना चाहिए।
  2. यदि व्यक्ति मौखिक सूचना देता है तो संबंधित पुलिस स्टेशन पर तैनात पुलिस प्रभारी द्वारा इसे लिखवा कर व्यक्ति को पढ़ कर सुनाया जाना चाहिए।
  3. प्रथिमिकी को कार्बन शीट का प्रयोग करते हुए चार प्रतियों में बनाया जाना चाहिए।
  4. एफआईआर अपराध की सूचना देने वाले प्रथम व्यक्ति की ओर से दर्ज़ होनी चाहिए। भाषा का चयन सुनिश्चित कर लिया जाना चाहिए।
  5. प्रभारी अधिकारी का व्यवहार प्रथम सूचना देने वाले व्यक्ति के प्रति सहनाभुतिपूर्ण होना चाहिए और सूचना देने वाले व्यक्ति का व्यवहार पुलिस प्रभारी के प्रति सम्मानजनक होना चाहिए।
  6. जटिल शब्द, तकनीकी शब्दावली और अनावश्यक विवरणों से बचें।
  7. यह प्रयास होना चाहिए की एफआईआर लिखने में काटा-पीटी न हो।
  8. सुनिश्चित करें कि पुलिस स्टेशन पर आगमन / प्रस्थान के समय का उल्लेख एफआईआर और दैनिक डायरी में किया गया है.
  9. प्रथिमिकी में सही सूचना दर्ज़ होनी चाहिए, जिसमें निम्नलिखित आवश्यक विवरण शामिल है:
    • आप क्या जानकारी देना चाहते हैं?
    • आप किस हैसियत से सूचना दे रहे हैं?
    • अपराध के दोषी कौन हैं?
    • अपराध किसके विरुद्ध हुआ है - पीड़ित / शिकायतकर्ता?
    • अपराध कब हुआ (समय)?
    • अपराध कहाँ हुआ (विशिष्ट स्थान/मोहल्ला/क्षेत्र)?
    • आप को अपराध का क्या कारण लगता है?
    • अपराध किस प्रकार घटित हुआ (वास्तविक घटनाक्रम)?
    • क्या कोई गवाह थे? (यहाँ नामों की आवश्यकता होगी।)
    • क्या नुकसान हुआ? (धन / कीमती सामान / संपत्ति / शारीरिक क्षति, आदि)
    • घटनास्थल पर क्या निशान मिले? (क्या कोई हथियार / सबूत मौजूद है)
  10. एफ.आई.आर दर्ज़ हो जाने पर, आपको इसे ध्यान से पढ़ कर हस्ताक्षर करने चाहिए।
  11. पुलिस अधिकारी द्वारा दर्ज़ एफआईआर का इन्द्राज़ राज्य सरकार के संबंधित रिकॉर्ड में किया जाना चाहिए।
  12. आपको अपने रिकॉर्ड के लिए एफआईआर की प्रति लेने का अधिकार है और आपको यह अवश्य लेनी चाहिए। इसके लिए आपको किसी प्रकार का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
  13. कानूनन आपको शपथ पत्र देने की आवश्यकता नहीं है।

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