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कैसे अपने स्वप्नों को नियंत्रित करें

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किसी व्यक्ति का अपने स्वप्नों को नियंत्रित करना सबसे लुभावना अनुभव हो सकता है। क्या आप अपने सबसे कल्पनाशील स्वप्नों का स्वप्न पुनः देखना चाहते हैं, या स्वयं को अपने अवचेतन स्वप्न में राजा या रानी बने देखना चाहते हैं?

संपादन करेंचरण

संपादन करेंअपने स्वप्नों को अभिलेखित करें

  1. एक छोटी कॉपी खरीदें: यह आपके स्वप्नों की दैनिकी, या डायरी होगी। इसमें आप जो स्वप्न देखना चाहते हैं, या देखने की आशा है, और जो स्वप्न याद हैं, उन्हें लिखेंगे।
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    • अपने बिस्तर के निकट अपनी दैनिकी और एक कलम रखें जिससे आप अपने स्मरण से स्वप्न की घटनाओं को उठने के साथ ही तुरंत लिख सकें। तनिक भी विलंब से उसका स्मरण धूमिल हो जाएगा।
    • कंप्यूटर के वर्ड प्रोसेसर भी पर अपनी स्वप्न दैनिकी लिख सकते हैं, मगर इसे उन्मुक्त भाव से कॉपी पर लिखना एक बेहतर विकल्प होगा। कागज़ और कलम की सहायता से लिखने में थोड़ा अधिक समय लगेगा जिससे आपकी बुद्धि और देखे हुये स्वप्न में बेहतर मेल होगा।
  2. जैसा स्वप्न आप देखना चाहते हैं कॉपी में लिख लें: इसे आप अपना “लक्ष्य स्वप्न” कह सकते हैं। हर रात सोने से पहले आप लिखें। जब आप सोते हैं तो उस वातावरण की कल्पना कर रहे हैं जिसका अनुभव आप करना चाहते हैं।
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    • तस्वीरें बनाएँ, और विस्तार से दिशाओं के बारे में लिखें: जितना संभव हो सके उतना अधिक वर्णन करें; अगर आपको लगे कि वर्णन अधिक हो गया है, तो मुद्दे पर आयें। छोटी से छोटी बात भी महत्त्वपूर्ण है।
    • अपने स्वप्न में आप जो अनुभव करने वाले हैं उसकी योजना बनाएँ, जिससे स्वप्न देखते समय आप उससे अवगत रहें।
    • सोने जाने के पहले टेलीविज़न या सिनेमा न देखें, वरना आप अपने लक्ष्य के स्थान पर उसके बारे में ही देखेंगे।
  3. हर सुबह, उठने के साथ ही, अपना स्वप्न लिख लें। चाहें आपने अपनी उम्मीद के अनुरूप स्वप्न न भी देखा हो, आप उसे लिख लें। नीचे लिखे “टिप्स” की सहायता से क्या लिखना है ये जानें,
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    • दिनचर्या से बंधे हुये एक खिलाड़ी के समान, आप अपने मस्तिष्क को देखे हुये स्वप्नों को याद रखना सिखा रहे हैं। जितने नियम से आप अपने मस्तिष्क को प्रशिक्षित करेंगे उतने ही स्पष्ट और चमकीले आपके स्वप्न होंगे।
    • अपने वांछित स्वप्न और आए हुये स्वप्न की समानताओं को लिखिए। यथा संभव सारी विशिष्टताओं को लिखिए। सभी समानताओं और असमानताओं के संबंध में विचार करिए। जब आप स्वप्न का विवेचन करें तो ध्यान रखिए कि स्वप्न न तो स्पष्ट छवि दिखाते हैं और न ही प्रश्नों के वैसे उत्तर ही देते हैं जैसा आपका मस्तिष्क जागृत अवस्था में देता है। इसके स्थान पर मस्तिष्क उपमाओं के द्वारा सम्प्रेषण करता है।

संपादन करेंजागरण का अभ्यास करना

  1. अपने लक्षित स्वप्न का बार बार ध्यान करिए: प्रत्येक रात्रि, सोने से पूर्व, जितनी बार हो सके, उतनी बार उसे मन ही मन दोहराइए।
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    • किसी चीज़ को एक या दो बार पढ़ने के बाद आपका मस्तिष्क समझता है कि उसे पता है कि प्रत्येक शब्द का अर्थ क्या है और वह आलसी हो जाता है: वह केवल शब्दों अर्थ के स्थान पर केवल उनकी रूपरेखा का संसाधन करता है। आप सुनिश्चित करिए कि आपको सोने से पूर्व, अपने लक्षित स्वप्न का सम्पूर्ण अर्थ स्पष्ट हो चुका हो।
  2. लेटिए, आँखें बंद करिए और अपने लक्षित स्वप्न के बारे में गंभीरता से विचार करिए। धीरज रखिए। विशिष्ट विवरणों का ध्यान करिए।
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    • अपने लक्षित स्वप्न की जैसी छवियों के संबंध में, जैसा आप अवचेतन में दिखते हों वैसे ही दिवास्वप्न देखिये। आपका अवचेतन बहुत सी ऐसी छवियां भी उत्पन्न करेगा जिनका आपके लक्षित स्वप्न से कुछ लेना देना नहीं होगा, इसलिए असम्बद्ध छवियों की छंटनी कर दीजिये और जो सम्बद्ध हों उन पर ही ध्यान केन्द्रित करिए।
    • अपने लक्षित स्वप्न की पृष्ठभूमि में चलने वाली ध्वनियों और वार्तालाप की कल्पना करिए; उनको वास्तव में अपनी मस्तिष्क में सुनने की कल्पना करिए। अपनी भावनाओं, मनोभावनाओं आदि से सम्बद्ध अनुभूतियों को महसूस करने का प्रयास करिए।
    • यदि कोई ध्वनि या छवि स्पष्ट नहीं होती है तो अपने स्वप्न का अपनी स्वप्न पुस्तिका में पुनः अध्ययन करने का प्रयास करिए।
  3. अपने लक्षित स्वप्न को देखने का प्रयास करिए: खुद को पूरे सपने में से ले कर जाइए। कल्पना करिए कि आपकी दृष्टि में वह कैसा लगेगा।
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    • जैसे आप चाहते हों, अपने लक्षित स्वप्न को ठीक उसी क्रम में ध्यान में लाने का प्रयास करिए।
    • खूब सोचिए मगर धैर्य बनाए रखिए। तनावग्रस्त मत होइए। बस शांत रहिए।
    • अपने मस्तिष्क में इन छवियों और ध्वनियों को ले कर सोने जाइए। जब आप जागें, तब चाहे जैसे भी हों, मगर अपने स्वप्नों के अभिलेखन की याद रखिए।

संपादन करेंस्वप्न में नियंत्रण प्राप्त करना

  1. दिन भर “वास्तविकता की जांच” करते रहिए: वास्तविकता की जांच का अर्थ है, स्वयं से यह पूछना : “मैं जाग रहा हूँ या स्वप्न देख रहा हूँ?” इससे, अंततोगत्वा, जब आप सो रहे होंगे तब स्वप्नों की दुनिया और वास्तविकता में अंतर बता पाएंगे।
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    • वास्तविकता की जांच स्वप्न और वास्तविकता में मूल अंतरों की ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराता है: स्वप्न में, परिस्थितियाँ अस्थिर होती हैं; वास्तविकता में स्थितियाँ वैसी ही बनी रहती हैं। स्वप्न में टेक्स्ट विभिन्न शब्दों में परिवर्तित हो जाता है; पेड़ों के रंग और आकार बादल जाते हैं; घड़ियाँ आगे का समय बताने के स्थान पर, पीछे को चलने लगती हैं। वास्तविकता में, टेक्स्ट वही बना रहता है, पेड़ ज़मीन में गड़े रहते हैं और घड़ियाँ सीधी ही चलती हैं।
    • वास्तविकता और स्वप्नों, दोनों ही में, जांच का एक बढ़िया तरीका है टेक्स्ट को देखना। जैसे कि आपके कमरे के एक पोस्टर पर लिखा है “अमिताभ बच्चन”। एक मिनट के लिए अपनी पीठ फेरिए और फिर पोस्टर की ओर देखिये। उस पर तब भी लिखा होगा “अमिताभ बच्चन”, तब वास्तविकता जांच आपको बता देती है कि आप जाग रहे हैं। परंतु यदि जब आप पलट कर देखते हैं और पाते हैं कि पोस्टर पर लिखा है “हेमा मालिनी” तब वास्तविकता जांच आपको यह बताती है कि आप स्वप्न देख रहे हैं।
  2. वास्तविकता जांच में प्रवीणता प्राप्त करें: जब आपको स्वप्न में यह एहसास होने लगे कि आप स्वप्न देख रहे हैं, तब आप यह समझ लें कि अब आपका अपने सपनों पर नियंत्रण शुरू हो गया है।
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    • जब आप यह खाई पार कर चुकें और एहसास कर लें कि आप स्वप्न देख रहे थे, तब स्वयं को शांत करिए। यदि आप स्वप्नों को नियंत्रित कर पाने के विचार से उत्तेजित हो उठेंगे, तो संभवतः दुर्घटनावश उत्तेजना के कारण नींद से उठ बैठेंगे।
    • पहले छोटी छोटी गतिविधियों से शुरू करें। पुनः, याद रखिए कि यह उत्तेजना नियंत्रण के बारे में बात हो रही है, अकस्मात उठ बैठने के बारे में नहीं। जब आप का पूर्ण नियंत्रण होता है, तब खाना बनाने, सीढ़ी चढ़ने, या स्केटबोर्डिंग जैसी नीरस चीज़ें भी मज़ेदार हो सकती हैं।
  3. धीरे धीरे बड़ी गतिविधियों की ओर बढ़िए: बहुत से लोगों को उड़ने में, सागर की गहराई में तैरने में, और काल यात्रा में मज़ा आता है। बड़ी वस्तुओं को इधर से उधर करने का, दीवार के आर पार जाने का या टेलिकाइनेसिस का प्रयास करिए। आपके स्वप्नों की सीमाओं का निर्धारण आपकी कल्पना ही करती है।
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संपादन करेंसलाह

  • शांत क्षेत्र में सोइए जहां और कोई विकर्षण न हों (न तो लैपटॉप और न ही आई पैड)। पूरा ध्यान आने वाले स्वप्न पर लगाईये।
  • सुनिश्चित करिए कि आप पूरी नींद लेने की योजना के साथ सोने आयें। बहुत कम नींद आपकी सुस्पष्ट स्वप्नों की संभावनाओं को कम कर देती है।
  • यह जानने के लिए कि आप स्वप्न देख रहे हैं हाथ पर चिन्ह बनाना भी एक विधि है। जब आप सोएँ तब यह सोचिए, “जब मैं अपने हाथों को देखुंगा, तब मुझे यह एहसास होगा कि मैं सो रहा हूँ।“ जब आप जागें और पाएँ कि इस ने काम नहीं किया, तो फिर से प्रयास करिए। अंततोगत्वा आप सपने में केवल इतना सोचेंगे “मेरा हाथ!” और आप अपने स्वप्न पर नियंत्रण करना शुरू कर देंगे।
  • स्वप्न पर नियंत्रण का दूसरा तरीका यह है कि आप एक हाथों वाली घड़ी की ओर देखें और सेकंड वाली सुई को पीछे की ओर चलाने का प्रयास करें। जब आप जाग रहे होंगे तब तो यह होगा नहीं, मगर यही चीज़ सपने में करिए; यदि सेकंड वाली सुई पीछे को चलने लगती है तो समझ लीजिये कि आप स्वप्न देख रहे हैं।
  • कोई ऐसा प्रतीक अपने सिरहाने या छत पर लगाइये, जिसे आप आसानी से देख सकें। सोने से पहले उसे कुछ मिनटों के लिए ध्यान से देखिये, और फिर कुछ मिनटों तक तब देखिये जब आप जागें। इससे आप अपने स्वप्नों को सुस्पष्टता से याद रख सकेंगे।
  • यदि आप सोने जाते समय ध्यान केन्द्रित करने का प्रयास करेंगे तो आप जागते रह जाएँगे। उपरिलिखित गतिविधियों का उद्देश्य यह है (लक्षित स्वप्न लिखना आदि) कि आप अपना ध्यान अपने चेतन के स्थान पर अवचेतन पर केन्द्रित करें।
  • स्वप्न नियंत्रण का अर्थ सुस्पष्ट स्वप्नदर्शन नहीं है, हालांकि दोनों में समानताएँ हैं। सुस्पष्ट स्वप्नदर्शन के संबंध में और जानकारी के लिए ‘हाऊ टु ल्यूसिड ड्रीम’ (How to Lucid Dream) पढ़िये।
  • अपनी स्वप्न पंजिका में निम्न को अभिलिखित करें:
    • तिथि
    • स्वप्न कब का था भूत, वर्तमान अथवा अतीत?
    • स्वप्न में कौन कौन था, जाना पहचाना या अनजाना?
    • आपकी भावनाएँ और आपके मनोभाव
    • स्वप्न की कहानी
    • देखी हुई कोई खास बात जैसे रंग, आकार, संख्याएँ, आकृतियाँ
    • क्या कोई संघर्ष था?
    • क्या जैसे जैसे समस्याएँ आयीं तब वैसे वैसे आप उनका सामना करते गए?
    • क्या स्वप्न में ऐसा कुछ था जिसका स्वप्न आपने पहले भी कभी देखा हो?
    • समापन
    • यदि आप मकड़ियों से डरते हों, तब अपने सपनों में मत कहिए, “मैं आशा करता हूँ कि मैं सपने में मकड़ियाँ नहीं देखुंगा”। इससे आपके अवचेतन को मकड़ियों का विचार आता है और वे उसको आपके स्वप्नों में प्रतिस्थापित कर देते हैं। हालांकि यह तब ठीक है जब आप अपने भय पर विजय प्राप्त करना चाहते हों।
  • यदि आपको लगता है कि आप स्वप्न देख रहे हैं टु अपने हाथों की अंगुलियों को गिनने का प्रयास करिये। स्वप्न में आप नहीं कर पाएंगे, जबकि वास्तविक जीवन में तो इसमें कोई कठिनाई नहीं है।
  • आने वाले कार्यक्रमों (प्रतियोगिताएं, परीक्षाएँ आदि) के बारे में स्वप्न न देखने का प्रयास करिये। यदि आपका स्वप्न अच्छा नहीं होगा तो यह केवल आपको वास्तविक जीवन में इन कार्यक्रमों के संबंध में और चिंतित करवा देगा।
  • जब आप जाग रहे हों तब कल्पना करिये कि आप सपना देख रहे हैं। अपनी परिकल्पना का एक चित्र बनाइये। अच्छे बुरे की चिंता मत करिये, सोने जाने से पूर्व जो आप सोच रहे हैं, उसका चित्र बनाइये। वह आपको सोचने और उसकी कल्पना करने में सहायता करेगा।
  • जब आप अपने स्वपन को लिख रहे हों, तो जल्दी करिये ताकि आप कोई विवरण छोड़ न दें या भूल न जाएँ।
  • 3 बजे सुबह का अलार्म लगायेँ, जो कि संभवतः आपकी गहरी नींद का समय होगा। जैसे ही आप उठें, गहन चिंतन कीजिये कि आप किस चीज़ के बारे में स्वप्न देखना चाहते हैं, किसी चित्र को देखिये, गाना सुनिए या बस यूं ही लेटे रहिए। संभावना यही है कि शायद आप अर्धनिद्रा में हों ही।
  • जब आप सोने जाने लगें, तब आप जो भी स्वप्न देखना चाहते हैं उसके विषय में बारंबार सोचिए और ऊंचे से नीचे की गिनती गिनिए। इस प्रक्रिया को हर रात दोहराइए।
  • जो घटनाएँ हुई ही न हों, निरुद्देश्य ही उनकी विस्तृत कल्पना को मत जोड़ बैठिए।
  • जिन चीजों का होना आप नहीं चाहते हैं, उनके विषय में मत सोचिए। आपका अवचेतन आपके भय को, आपके विरुद्ध प्रयोग करेगा!
  • ड्रीम:औन (DREAM:ON) नामक ऐप आपके स्वप्नों को प्रभावित कर सकता है।
  • स्वप्नों से डरिए मत। यदि आप भयभीत हों, तो याद रखिए कि यह तो बस एक सपना है!
  • यदि आपको लगता है कि सपने को लिखने से कुछ लाभ नहीं हो रहा है, तो आप अपने सपने को एक कॉमिक बना सकते हैं। यह न केवल आपके सपने को अभिलिखित करेगा बल्कि आपको भी खुश रहने के लिए कुछ कारण प्रदान करेगा। यह तो बस तसवीरों के साथ लिखना भर है।
  • बस इतना याद रखिए कि कुछ रातों में ही यह नहीं हो जाएगा। धीरज रखिए।

संपादन करेंचेतावनी

  • आप तुरंत अपने स्वप्नों पर नियंत्रण नहीं कर पाएंगे। आमतौर पर नौसिखियों को कई प्रयास करने पड़ते हैं, और स्वप्नों पर पूर्ण नियंत्रण पाने में कई महीनों का समय लग सकता है। और यदि आप खास तौर पर धैर्यहीन हैं, तब तो शायद यह कभी नहीं हो पाएगा; इसलिए परेशानी छोड़िए!
  • यदि आप पर्याप्त समय तक शांत और निश्चल रहते हैं तब आपको निद्रा पक्षाघात का अनुभव हो सकता है। यह सामान्य है; लोग बहुतेरी रातों में ऐसे ही सोते हैं। निद्रा पक्षाघात से जागृति प्रेरित सुस्पष्ट स्वप्नदर्शन WILD (Wake Induced Lucid Dreaming) हो सकती है, मगर इससे डरने का कोई कारण नहीं है।
  • अपने सपनों में कोई अनुचित या सचमुच का मूर्खतापूर्ण कार्य मत करिए: क्योंकि इसका रिसाव आपके जीवन में प्रारम्भ हो सकता है (मानिए या मत मानिए, कुछ लोग सोचते हैं कि, “ठीक है, मैं यदि इसको स्वप्न में कर सकता हूँ, तो अब मैं इसको कर ही सकता हूँ!”)
  • सावधान रहिए – कुछ लोगों को आधी रात में (झटके से) जगा दिये जाने के बाद, आसानी से नींद नहीं आती है!

संपादन करेंचीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • नोटबुक
  • पेंसिल या कलम

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