समंदर की मछलियों में, तेलापिया आज आपके दावत की ख़ास आकर्षण बन सकती है। यह हल्के-जायके वाली मुलायम सफेद मछली है जिसे शौकीन लोग इन दिनों बेहद पसंद करने लगे हैं। तेलापिया को बड़ी आसानी से ग्रिल कर सकते हैं, इसमें पर्याप्त सख्ती जरूर होती है कि ग्रिल पर रखते वक्त इसकी पपड़ी नहीं छूटती या यह गिर नहीं पड़ती। इस मछली की बेहद लजीज ग्रिलिंग के लिए इन आसान चरणों को आजमाइए।
संपादन करेंचरण
संपादन करेंग्रिलिंग के लिए तेलापिया के साथ तैयारी
- मछली वाले की दुकान से सही तेलापिया चुनिए: मनचाही ग्रिलिंग के लिए, हर टुकड़ा कम से कम 1 इंच (2.54cm) जरूर होना चाहिए। मछली का ताजा होना उसके लजीज होने के लिए बहुत जरूरी है। वे मछलियाँ ही छांटे जिनकी चमड़ी चमकदार हो, आँखें, कान और गिल्स साफ़-सुथरे हों, और जिनमें मछली की “बू" बहुत कम हो। अगर कटी-कटाई मछली खरीद रहे हैं, तो देख लीजिये कि ये पानी में ज्यादा डुबोयी हुई न हों। टुकड़ों को दबा कर देख लीजिये – इन्हें सख्त होना चाहिए और ऊँगली से दबाने के बाद दबी हुई चमड़ी वैसी ही तेजी से अपनी जगह वापस लौटेगी जैसे तब होता है जब आप अपनी जिस्म पर ऊँगली से दबाते हैं।[१]
- तेलापिया खरीदते वक्त इसकी ताजगी की सबसे आसान पहचान इसकी गंध होती है। ज्यादातर समुद्री खाद्य में एक ख़ास किस्म की महक होती है, जो आपको समंदर की याद दिलायेगी। समंदर की महक जो ताजी और मछली जैसी हो, उसमें और खराब मछली की बदबूदार गंध में फर्क होता है।
- आपके आस-पास अगर ताजी तेलापिया नहीं मिल रही है, तो बर्फ में जमी मछलियाँ कुछ बुरी नहीं हैं। बेशक जमी हुई तेलापिया में भी बदबू बिल्कुल नहीं होनी चाहिए और इसे बिना नमी वाले पात्र में बंद होना चाहिए। अगर मछली के टुकड़ों में कहीं भी सफ़ेद या काले धब्बे हों, तो इसका मतलब है कि उनकी पैकेजिंग सही तरीके से नहीं हुई थी। इनसे बचना चाहिए। सूखे या बर्फीले धब्बों के लिए भी यही बात लागू होती है।
- खरीदने के तुरंत बाद ही कसकर बंधे पैकेट में अच्छी तरह बंद करके मछली को फ्रीजर में रखें: रेफ्रिजरेटर में तभी रखें, जब आपको इन्हें एक-दो दिन में ही पकाना हो। अगर आपको इससे ज्यादा दिनों में पकाना हो, तो मछली को शून्य डिग्री फारेनहाईट (-18 डिग्री सेल्सियस) पर जमा लेना चाहिए।
- अगर आप तेलापिया को फ्रीज में जमा कर रखना चाहते हैं, या पहले से जमी-जमाई बर्फ वाली मछली खरीदना चाहते हैं, तो तेलापिया को रेफ्रिजरेटर में कम से कम 24 घंटे के लिए पिघला लीजिये। इससे मछली में एक ताजा रंग और स्वाद आ जाएगा।
- तेलापिया को पैकेट से निकालें और अच्छी तरह इसे साफ़ कर लें: मछली को ठन्डे पानी में धो लीजिये। गर्म या कुनकुना पानी बैक्टेरिया को जन्म देने में मददगार हो सकता है, जिसे खाकर आप बीमार हो जाएँगे। मसाला वगैरह लगाने से पहले एक साफ पेपर टॉवल से मछली को थपथपा कर सुखा लीजिये।
- मछली में तेल और मसाले लगायें: पकाने से पहले मछली के हर पीस पर दोनों ओर से हल्की मात्रा में ऑलिव आयल लगायें। फिर अपनी मनचाहे रेसिपी के हिसाब से इसमें मसाला लगा लें। ताजी तेलापिया का मजा लेने का एक स्वस्थ तरीका यह होता है कि इसमें ऑलिव आयल लगाकर नमक और काली मिर्च छिड़क ली जाए। तेलापिया में मसाले लगाने के दूसरे तरीके ये भी हैं;
- नींबू और लहसुन: नींबू के रस को पिघले हुए मक्खन या ऑलिव आयल में मिला लीजिये। मिश्रण में ताजे या पावडर की शक्ल में लहसुन के अलावा नमक और काली मिर्च (मसाले के टेस्ट के लिए) डालिए। मिश्रण को मछली के दोनों ओर पोतें।
- सोया की चटनी और चीनी शैली वाला पाँच मसालों का पावडर: पाँच मसालों के पावडर को मछली के दोनों ओर छिडकें। एक दूसरे बर्तन में, सोया सॉस और भूरी चीनी बराबर मात्र में मिला लीजिये। मछली को इस मिक्चर में मैरिनेट कीजिये।
- जीरा, लहसुन, और नींबू; एक कटोरे में जीरा, लहसुन, और नींबू का मिश्रण लीजिये। अगर मछली में थोड़ी तीखापन लाना है, तो कुछ मिर्च पाउडर डालें।
संपादन करेंतेलापिया की ग्रिलिंग
- जहाँ ग्रिलिंग करनी है, उस सतह पर कुछ नॉन स्टिक कुकिंग स्प्रे छिड़क लीजिये: यह मछली को पकाने के दौरान इसे चिपकने, टूटने या जगह-जगह सिकुड़ कर झुर्रीदार होने से रोकेगा।
- कुकिंग से पहले अपने ग्रिल को मध्यम आँच पर गर्म कर लीजिये: अगर आप निश्चित नहीं हैं, ग्रिल को मध्यम गर्म कैसे करें, तो इसे कम हीट वाले किनारों की ओर रखें, क्योंकि आपको इसे जलाना नहीं है।
- टुकड़ों को ग्रिल पर रखिये: मछली की एक साइड को करीब 3 से 5 मिनट तक पकाइए। ग्रिलिंग के लिए पूरे कुकिंग के दौरान आँच को मध्यम या धीमा रखना बेहतरीन चुनाव होता है। आप यह बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि ग्रिल की फ्लेम मछली के टुकड़ों को छुए, क्योंकि यह नर्म माँस को जला देगी।[२]
- टुकड़ों को पलटने के लिए स्पैटुला का इस्तेमाल कीजिये: स्पैटुला को सावधानी से मछली के नीचे घुसाएँ जिससे मांस कहीं फट न जाए, इसे ऊपर उठाएँ और धीरे से दूसरी करवट रख दें। मछली को और 3 से 5 मिनट तक पकाएँ।
- ग्रिलिंग के दौरान तेलापिया को बार-बार पलटने या झटकने से नर्म मांस फट कर बाहर आ जाएगा। टुकड़ों को ठीक से पकाने के लिए इसे सिर्फ एक बार पलटिये।
- टुकड़ों को अच्छी तरह से देख लीजिये कि वे पक गए हैं या नहीं: जब मांस अपारदर्शी और सफ़ेद हो जाए तो आप जान जाएँगे कि वे तैयार हो चुके हैं।[३]
- मछली को बिना काटे यह देखने के लिए कि यह चारों ओर से अच्छी तरह से पक गयी है या नहीं, इसके मोटे वाले हिस्से में एक बटर नाइफ घुसाएँ। मांस को अपारदर्शी होना चाहिए।
- हो गया।
संपादन करेंग्रिल की हुई तेलापिया को रखना
- पकी-पकाई तेलापिया को लपेट कर रख लीजिये: इसे एल्युमिनियम फॉयल, प्लास्टिक या फ्रीजर में रख सकते हैं। हाँ, अगर फ्रीज में जमाकर रखने का इरादा है, तो प्लास्टिक में मत रखिये।
- एक एयर टाइट पात्र में भी तेलापिया को रख सकते हैं।
- मछली को एक सील किये जाने योग्य प्लास्टिक बैग में रखिये: बैग को दबाकर जितनी ज्यादा हवा निकाल सकते हैं निकाल दीजिये। अगर इरादा मछली को जमाकर रखने का है, तो सील किये जाने योग्य फ्रीजर बैग का उपयोग कीजिये।
- तेलापिया को स्टोर करें: अगर मछली को फ्रीज में रखना है, तो तीन-चार दिन के लिए ही रखें। बेशक अगर फ्रीजर में रखना चाहते हैं, तो बिना खराब किये इसे दो-तीन महीने तक जरूर रख सकते हैं।[४]
संपादन करेंसलाह
- मछली को इस तरह से तलें कि यह हल्का रंग ले ले और नर्म पट्टियों के रूप में माँस निकलता दिखाई पड़े।
संपादन करेंचीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी
- तेलापिया के टुकड़े
- नल का पानी
- पेपर टॉवल
- ग्रिल
- नॉन स्टिक कुकिंग स्प्रे
- जैतून का तेल
- तेलापिया की रेसिपी (वैकल्पिक)
- मांस के लिए स्पैटुला
- मसाले और सॉसेज
- परोसने वाला प्लैटर
संपादन करेंस्रोत और उद्धरण
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