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कैसे ब्लोटिंग से बचें

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ब्लोटिंग से ग्रसित व्यक्ति को भयंकर कष्ट और बेचैनी होती है और पेट फूलना इस रोग का मुख्य लक्षण है। आपको जींस पहनने में कितनी कठिनाई होगी और उस के ऊपर से ब्लोटिंग का कष्ट इस समस्या को और भी गम्भीर बना देता है। भाग्यवश, नियमित भोजन करने और कुछ अन्य उपायों से इस समस्या से बचा जा सकता है।

संपादन करेंचरण

संपादन करेंसही प्रकार का खाना खाएँ

  1. चर्बी युक्त, प्रोसेस्सड और जंक भोजन का सेवन न करें: परिवर्तित (processed) भोजन हर तरह से आपके के लिए ख़राब है, इसमें अनेक दोष होता है और पेट को भी कठिनाई होती है। अधिक चर्बी वाला और अधिक शक्कर युक्त खाना पेट में देर से पचता है और खाना पेट में लम्बे समय के लिए रहता है।[१] इस वजह से दिन भर का भोजन पेट में जा कर इकट्ठा होता रहता है।
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  2. ठंडा जमा हुआ खाना और चीनी रहित (sugar free) खाना भी अच्छा नहीं होता है: जमें ठंडे खाने में प्रिज़रवेटिव और नमक अधिक मात्रा में पाया जाता है, और इसके सेवन से आपके पेट में सूजन होती है। चीनी मुक्त खाना इसका विकल्प नहीं है क्योंकि, चीनी से अल्कोहल पैदा होता है इस कारणवश पेट और आँतों में जीवाणु सक्रिय हो जाते हैं, जिससे पेट में गैस बनती है। गैस के कारण से ही पेट में सूजन होती है और पेट फूल जाता है (पानी से नहीं)।
  3. रेशे (Fiber) से भरपूर खाना खाएँ: दादी माँ बताती थीं कि फलों और सब्ज़ियों में पाए जाने वाले रेशे आपको स्वस्थ्य और नियमशील रखते हैं। यदि आपको क़ब्ज़ है तो आप रेशेदार सब्ज़ियाँ और फल खाएँ और भरपूर मात्रा में पानी पिएँ और नियम से शौच जाएँ।
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    • कुछ सर्वश्रेष्ठ रेशेदार फल? रस्पबेरी, सेब और नाशपाती। सब्ज़ियाँ? मटर, ब्रोकोली और अर्टीचोक (artichoke)। अनाज? गेंहू से बना स्पाघेटी ,जौ और चोकर। और बीन्स, दालें, स्प्लिट पी में दो गुना ज़्यादा रेशे फलों, सब्ज़ियों और अनाज के बनिस्पत पाया जाता है।[२] पर ये सभी रेशे के लिए अच्छे हैं।
    • यदि आप को क़ब्ज़ नहीं है तो, अतिरिक्त रेशा युक्त भोजन लेने से पेट फूलने की समस्या और गम्भीर हो जाती है। अगर आप नियमित रूप से शौच जाते हैं तो ठीक है। जब आपको गैस के साथ ब्लोटिंग या पेट फूलने की शिकायत है, तब आप रेशेदार भोजन का सेवन करने से बचें।[३]
  4. गैसीय भोजन को लेने से बचें: क्रूसिफरस सब्ज़ियों का सेवन कम करें। जब तक की आपका शरीर इसे लेने का आदी न हो जाए। ये स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं इसलिए इनका उपयोग धीरे धीरे बढ़ाएँ।
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    • कुछ गैसीय आहार जैसे बीन्स, ब्रोकोलि, बंदगोभी, पत्तागोभी, फूलगोभी, और केल (kale) बोकचोय।[४][५] बताए गए खाद्य पदार्थ आपके लिए बहुत अच्छे हैं इस लिए इनको धीरे धीरे खाने की आदत डालें।
    • कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन का सेवन कम करें। आपकी माँसपेशियाँ ग्लाईकोजेन, एक प्रकार का कार्बोहाईड्रेट है, जो पानी को भी 1:3 ग्लाईकोजेन और पानी के अनुपात में संचित कर के रखता है। अगर आप कार्बोहाईड्रेट, जैसे पास्ता और बेगल इत्यादि, कम खाएँगे, तो शरीर में पानी की अतिरिक्त मात्रा कम इकट्ठा होगी।
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  5. सब्ज़ियों को खाने के पहले पकाएँ: पकी हुई सब्ज़ियों को पचाना आसान होता है बनिस्पत कच्ची सब्ज़ियों के।
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    • पकाने के दौरान कुछ रेशों और एंज़ाइम के नष्ट होने के कारण पेट ख़राब हो सकता है और गैस की वजह से पेट फूल जाता है।
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    • सब्ज़ियों को जहाँ तक हो सके भाप में पकाएँ। सब्ज़ियों को भाप में पकाने से पानी में घुलने वाले पोशक तत्व पानी के साथ बह जाने से बच जाते हैं।
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  6. पेय पदार्थ को ध्यान से चुनें: पानी सबसे अच्छा विचार है। अगर आपको ये अरुचिकर विचार लगता है तो पानी में कुछ फल मिला लें। चाय पीना भी अच्छा है, ये न केवल आपकी भूख को दबाता है बल्कि ये ब्लोटिंग को भी कम करता है।[४]
    • गैस से भरा सोडा आपके पेट में जा कर हलचल मचाता है और इससे आपकी आँतों में गैस का प्रकोप बढ़ जाता है। न केवल ये खाली केलोरी है बल्कि पेट में सूजन या ब्लोटिंग का कारण भी बन जाता है (diet वाले पेय पदार्थ भी व्यर्थ हैं)। क्या आपको और कारण चाहिए?
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    • पेय पदार्थ खट्टे या अम्लीय होते हैं जो पेट और आँतों में जलन पैदा करते हैं। इसके परिणामस्वरूप पाचन नली में सूजन आ जाती है और पेट फूलने से बेचैनी बढ़ जाती है। कुछ अम्लीय पेय पदार्थ चाय, कॉफ़ी, रस और अल्कोहल हैं।
    • चीनी के सब्स्टिट्यूट (sugar substitute) से बने पेय का सेवन करने से बचें। सोर्बिटोल (Sorbitol), ज़ाईलिटोल (Xylitol), और मैन्निटोल (Mannitol) चीनी के अल्कोहल है जिसके कारण ब्लोटिंग होती है।
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  7. नमक कम खाएँ: आप इस बात को पहले भी सुन चुके होंगे। नमक खाने से सूजन होता है। आप जितना नमक भोजन में लेंगे, नमक उतना ही पानी को पकड़ कर संचय लेगा, और शरीर में पानी इकट्ठा हो जाएगा। एक चम्मच नमक में 2,300 mg सोडीयम होता है, परंतु आपके शरीर को केवल 200mg प्रतिदिन चाहिए।[६] इस संदर्भ पर बात करें।
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    • अधिक मात्रा में नमक का सेवन आपके हृदय और धमनियों के लिए अच्छा नहीं होता है। ये बहुत गम्भीर विषय है जहाँ एक चम्मच नमक में, शरीर की ज़रूरत से 10 गुना ज़्यादा सोडीयम होता है, यहाँ अच्छी बात ये है कि सारा सोडीयम खाने में ऊपर से नमक डालने से ऐसा होता है। अगर खाना बनाने के समय कम नमक का इस्तेमाल करेंगे, तो आप की समस्या ही ख़त्म हो जाएगी।
  8. गरम मसाले का सेवन कम करें: काली मिर्च और लाल मिर्च पेट के एसिड को उत्तेजित करता है। दूसरी गरम सामग्री जैसे गरम मसाले वाली सॉस और सिरका भी पेट में गैस बनाता है। पेट में ऐसिड स्त्राव से जलन होती है और इस करणवश पेट फूल जाता है।
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  9. ऐसा भोजन ग्रहण करें जो पेट में सूजन या ब्लोट न होने दे: ऐसा कहीं किसी भोज्य पदार्थ पर नहीं लिखा है कि पेट फूलने को रोकता है। एक अध्ययन के मुताबिक़ कुछ खाद्य पदार्थ शरीर से अतिरिक्त पानी और गैस को दूर करते हैं। पुदीने की चाय (peppermint tea), अदरक, अन्ननास, पार्सले, और दही इसमें मदद करते हैं।[४]
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    • केला, आम, पालक, टमाटर, मेवा और अस्परेगस में बहुत अदिक मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है, जिसमें अस्पाराजिन होता है, जो प्राकृतिक मूत्रवर्धक या डाईयूरेटिक (diuretic) होता हैं।[७] और ये पेट की सूजन को कम करता है।
    • आप पुदीना और अजवाइन (parsley) अवश्य खाएँ। ये दोनों औषधियाँ पेट के लिए अच्छी होती हैं और गैस से सूजन को कम करने में सहायक होती हैं। पार्सले डाइयूरेटिक होता है, और पाचन तंत्र साफ़ करता है। पोदीना बाइल के प्रवाह को बढ़ाता है। इससे चर्बी को आसानी से पचाने में मदद करता है।[८]
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    • पोटैशीयम खोजें।[९] पोटैशियम, शरीर में सोडीयम की मात्रा को बराबर कर, तरल पदार्थ को नियमित करता है। अधिक पोटैशीयम युक्त खाना, जैसे केला,आलू, पालक, मेवा, आम, टमाटर, हैं।
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  10. प्रोबायोटिक्स लें: ये एक तरह के अच्छे जीवाणु हैं जो पाचन तंत्र को नियमित करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। जब आपका पाचन तंत्र नियमित हो जाता है, तो इसके बाद पेट फूलना और गैस बनना बंद हो जाते हैं।
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    • आपकी आँतों में जीवाणु के असंतुलन के कारण गैस और सूजन से पेट फूल (bloating) जाता है। इसी कारण प्रोबायोटिक लेने की सलाह दी जाती है जो इन लक्षणों से राहत दिलाता है।
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    • दही सबसे आम प्रोबायोटिक का स्रोत है। आप इसके परिपूरक (supplement) भी ले सकते हैं।
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संपादन करेंसही तरीके से खाएँ

  1. आप आराम से खाएँ: अपने व्यस्त जीवन शैली में हमें कई ख़राब आदते लग जाती हैं और हम जल्दीबाज़ी में भोजन ग्रहण करते हैं। जल्दी बाज़ी में खाना खाने के दौरान हवा भी निगल जाते हैं और ये पेट में फँस कर पेट को फूला देती है।
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  2. आप खाने को निगलने के पहले 30 बार चबाएँ: आपको अच्छा न लगे परंतु ये अत्यंत प्रभावी तरीक़ा है, जिसमें आप खाने की मात्रा को ले कर सचेत हो जाएँगे। ऐसा करने से गैस और पेट फूलने या ब्लोटिंग की परेशानी भी कम हो जाएगी।
  3. कम खाएँ परंतु बार बार खाएँ: कम खाने से आपके पेट और कमर दोनों ठीक रहते हैं। दिन में 4-5 बार कम मात्रा में भोजन लेना ठीक होगा बनिस्पत 3 बार अधिक मात्रा में। इससे आपका पाचन तंत्र स्वस्थ रहेगा और अधिक भूख के कारण ज़्यादा खाने की प्रवृति को नियंत्रण में रखेगा।
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    • क्या आपको किसी त्योहार के बाद तबियत ख़राब लगती है। ये बेचैन करने वाला एहसास ज़्यादा खाने से होता है और इसको जाना ही पड़ेगा। कम और कई बार खाने से आप में ज़्यादा शक्ति और स्फूर्ति होती है। भोजन खाने से आपको अच्छा लगना चाहिए न की शक्तिहीन।
  4. देर रात में ज़्यादा खाना ना खाएँ: ख़ास तौर पर कार्बोहाईड्रेट। जब आप देर रात में भारी खाना खाते हैं तो सवेरे उठने पर कमज़ोरी लगती है और आँखें सूजी हुई होती हैं। रात भर शरीर में पानी रुकने से सुबह शरीर स्पंज की तरह लगता है। भारी खाना दोपहर में लें। ऐसा करने से भोजन के बाद व्यायाम करने का समय भी मिल जाता है।
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  5. स्ट्रॉ का इस्तेमाल न करें: ऐसी कोई चीज़ का इस्तेमाल न करें जिससे बेकार की हवा शरीर में जाए। खाने के समय बात करने से भी हवा अंदर जाती है। खाने-पीने के समय भी हवा अंदर जाता है[७] और इसके परिणामस्वरूप गैस से पेट फूल जाता है।
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संपादन करेंसूजन से बचने वाली आदतें डालें

  1. पेट फूलने और गैस को क़ाबू में करें: पीरीएड में बहुत कष्ट होता है तो इससे ही तबियत ख़राब लगती है, और उस पर गैस और पेट में सूजन हो जाए तो बहुत बड़ी समस्या पैदा हो जाती है। इस दौरान नमक कम खाएँ, हल्का व्यायाम करें।और ऊपर बताए गए खाद्य पदार्थों को खाएँ। ये कुछ दिनो में ख़त्म हो जाएगा इस लिए परेशान ना हों।
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    • अगर आप कुछ और भी करना चाहते हैं तो कैलशियम और मैगनीशियम लें। आपको लगे की पेट में गैस है और ब्लोट कर रहा है तो परिपूरक लें। मिडोल (midol) से बढ़िया कुछ नहीं है।[७]
  2. च्युइंगम को कैसे चबाते हैं इसकी जानकारी आपको होनी चाहिए: अगर आप च्युइंगम मुँह में घुमाते हैं और ग़ुब्बारे की तरह फूला कर फोड़ते हैं तो यह ख़राब है, बिलकुल वैसे ही जैसे खाने के समय बात करना और पीने के समय स्ट्रॉ का प्रयोग करना। आप अधिक वायु निगल लेते हैं और वो अंदर जा कर इकट्ठा हो कर तकलीफ़ देता है। इस कारणवश च्युइंगम को चबाने के समय मुँह बंद कर के खाएँ।
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  3. खाने से एलर्जी (Allergy) के बारे में सोचें: कुछ लोगों को गेहूँ या ग्लुटन और दुग्ध उत्पादों से एलेर्जी होती है और उनको पता भी नहीं चलता है और इससे ब्लोटिंग होने लगती है। कुछ तो अपने आप ग़लत इलाज करने लगते हैं तो इससे बढ़िया है कि आप चिकित्सकिय सलाह लें।
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    • कुछ दुग्ध उत्पादों में कम मात्रा में लैक्टोस होता है। अगर आपको लगे तो ख़ुद एक प्रयोग कर सकते हैं, जैसे पुरानी चीज़ और दही में भी कम मात्रा में लैक्टोस होता है। इसको खाने से आपके आहार में क्या असर होगा और यह देखें कि इसको विभिन्न तरह की चीज़ों के साथ खाएँगे तो क्या परिणाम होंगे।[४]
  4. दबाव से बचें: दबाव अनेक प्रकार की बीमारियों को जन्म देता है और ब्लोटिंग उनमें से एक है। दबाव में कोर्टिसोल (cortisol) नामक हार्मोन के सक्रिय होने से शक्कर और चर्बी युक्त खाद्य पदार्थ खाने की तीव्र इच्छा होती है। कुछ व्यायाम करने से ख़ून में कोर्टिसोल की मात्रा को कुछ समय में नियमित किया जा सकता हैं। आप से बेहतर और कौन जान पाएगा कि आप किस चीज़ से शांत हो सकेंगे।
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    • यदि आपने पहले नहीं आज़माया हो तो ध्यान या योग आज़मा सकते हैं। यह दोनो ही कोर्टिसोल को कम करते हैं और योग तो कैलोरी भी कम करता है। केवल ।5 मिनट का क़ीमती समय अपने लिए निकालने से शरीर और मन के लिए हितकर साबित होता है।
    • सिर्फ़ साँस के अभ्यास से ही तनाव को कम करने बहुत ज़्यादा मदद मिल जाती है। एक शांत जगह पर बैठ कर 10 बार ध्यान के साथ ख़ूब लम्बी साँस लें।[१०]
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    • अगर आप गम्भीर रूप से व्यग्रता और उदासी से ग्रसित हैं तो रोगोपचार ज़रूरी है।
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  5. धूम्रपान त्यागें: ब्लोटिंग (bloating) हो तो, धूम्रपान तुरंत त्याग दें जिससे अतिरिक्त हवा पेट में ना जा सके। इसके अलावा सामान्य स्वास्थ के लिए भी धूम्रपान छोड़ देना चाहिए, क्योंकि ये आपके लिए हानिकारक है। बहुत सी बीमारी जैसे श्वास की परेशानी, फेफड़े का कैंसर, एथेरोसकलेरोसिस (धमनियों का मोटा होना), एवं हृदय रोग धूम्र पान के कारण होता है।[११] ये आपको महँगा पड सकता है और आपके अपनों के लिए अत्यंत गम्भीर साबित हो सकता है। क्या आपको और कारण चाहिए?
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    • कभी भी बहुत देर नहीं होता है। आपके धूम्रपान छोड़ते ही आपका शरीर अपने को स्वतः ठीक करना शुरू कर देता है। कुछ हफ़्तों में ही फेफडों में सुधार होने लगता है।[१२] आप इसे अपने लिए, अपने बजेट के लिए और दूसरे लोगों के लिए जो आपके आस पास रहते हैं त्याग दे।
  6. नियम से व्यायाम करें: खाने और हवा को पाचन तंत्र से निकालने और नियमित करने में हल्का व्यायाम मददगार साबित होता है। और आगे कभी गैस और ब्लोटिंग की समस्या भी नहीं होती है।
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    • 30 मिनट के लिए हफ़्ते में तीन बार या उससे ज़्यादा समय के लिए साइकल चलाएँ। भविष्य में ब्लोटिंग की समस्या को कम करने के लिए इतना बहुत है।
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    • हल्के व्यायाम करने के अन्य उदाहरण हैं, जिसमें 30 मिनट में 2 मील चलना,15 मिनट तक रस्सी कूदना, 30 मिनट तक नाचना, 30 मिनट तक पानी के अभ्यास करना, 20 मिनट तक तैरना और 10 मिनट तक दौड़ना, हल्के व्यायाम के कुछ अन्य उदाहरण है।
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    • भोजन से प्रत्यूरजता (allergy) की सम्भावना पर विचार करें।[१३] अक्सर, भोजन से हल्की प्रत्यूरजता (mild allergy) से पेट फूलने का कारण होता है।
    • दूध के पदार्थ, मूँगफली, बादाम, आटे का लस (gluten), गेहूँ, फली, सोयाबीन, अंडा, और मक्का, मुख्य ऐलर्जी के कारक हैं।
    • पेट फूलने के समय पर निगरानी रखें। यदि किसी ख़ास प्रकार के भोजन के बाद पेट फूलता है तो तुरंत अपने चिकित्सक से सलाह करें। आपके चिकित्सक इसकी और गहराई से जाँच कर के और अच्छे से रोग का निदान कर सकेंगे।

संपादन करेंसलाह

  • पेट फूलने में अनानास भी (pineapple) कारगर सिद्ध हो सकता है।[१४] डिब्बे वाले फल की जगह ताज़ा अनानास खाएँ।

संपादन करेंस्रोत और उद्धरण


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