एनीमिया (Anemia) एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें आपके शरीर के टिशूज और आर्गन्स (organs) आवश्यक आक्सीजन से वंचित रहते हैं क्योंकि आपका रेड ब्लड काउंट काफी कम होता है या आपके रेड ब्लड सेल्स ठीक ढंग से फंक्शन नहीं कर रहे होते हैं। 400 से अधिक प्रकार की एनीमिया पहचानी जा चुकी है जिन्हें तीन सामान्य श्रेणियों में बांटा गया है: न्यूट्रीशनल, अर्ली ऐक्वायर्ड (early acquired) और जेनेटिक (genetic)। यद्यपि सभी तरह के एनीमिया के लक्षण मूल रूप से समान ही होते हैं तथापि उनके ट्रीटमेंट अलग-अलग होते हैं।
संपादन करेंचरण
संपादन करेंएनीमिया के सामान्य लक्षणों की पहचान करना
- अपने थकान के स्तर की जांच करें: सभी तरह के एनीमिया में पाया जाने वाला यह सबसे सामान्य लक्षण है। यह जानने के लिए कि क्या कुछ रातों को ठीक से सो न पाने के कारण आपको थकान लग रही है या उसका एनीमिया से कोई संबंध हो सकता है, निम्नलिखित प्रश्नों के बारे में सोचें। यदि आपका उत्तर हाँ में है तो आपको एनीमिया हो सकता है।[१]
- क्या आप सुबह उठने के बाद थका हुआ महसूस करते हैं और दिन भर ऐसा ही महसूस करते हैं?
- क्या आप थके होने की वजह से आफिस या स्कूल में कनसेंट्रेट करने में या ठीक से काम करने में कठिनाई महसूस करते हैं?
- क्या आप बेसिक टास्क्स या घर के कार्य पूरा करने के लिए अपने अंदर ऊर्जा की कमी का अनुभव करते हैं या आपको लगता है कि इन ऐक्टिविटीज़ को करने से आप पूरी तरह से पस्त हो जाएँगे?
- इस बात को समझें कि आपको कमजोरी महसूस होती है या चक्कर आते हैं: थकान का संबंध बहुत सारे कंडीशंस से हो सकता है परंतु जब इसके साथ में कमजोरी या चक्कर जुड़ा हुआ हो तो एनीमिया की संभावना अधिक हो जाती है। यदि आपको अक्सर इस लिए बैठना पड़ता है, क्योंकि आप कमजोरी या चक्कर के कारण खड़े नहीं रह सकते हैं तो एनीमिया की जांच अवश्य करवायें।[२]
- यदि लक्षण तेज़ हों तो तुरंत डाक्टर से मिलें: यदि इलाज़ न कराया गया तो एनीमिया के कारण प्राण-घातक परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।[३] यदि आप नीचे दिये गए कम सामान्य लक्षणों में से किसी एक का भी अनुभव करते हैं तो यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि आप अपने डाक्टर से मिलें:
- पैरों में नम्बनेस या कोल्डनेस
- पीली स्किन
- तेज या अनियमित हार्टबीट
- सांस का उखड़ना (Shortness of breath)
- सीने में दर्द
- तापमान कुछ भी हो परंतु अग्रांग (extremities) का अत्यधिक ठंडा होना।
संपादन करेंडाक्टर के यहाँ क्या अपेक्षित है यह जानना
- अपने डाक्टर को अपनी मेडिकल हिस्ट्री बताएं: चूंकि एनीमिया के लक्षण बहुत सारे कंडीशंस से मिलते जुलते हैं इसलिए आपका डाक्टर यह जानने के लिए बहुत सारे सवाल पूछ सकता है कि किस तरह का उपचार किया जाना चाहिए। आप जिन भी लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं उनके बारे में अपने डाक्टर को बताएं साथ ही अपने डाइट, लाइफस्टाइल और फैमिली हेल्थ हिस्ट्री के बारे में भी बताएं।
- अपना सीबीसी (CBC) ब्लड टेस्ट करवायें: एक बार यदि डाक्टर इस निष्कर्ष पर पहुँच जाते हैं कि आपको एनीमिया हो सकता है तो आपके रेड ब्लड सेल्स का शेप और काउंट जानने के लिए इस टेस्ट को कराया जाएगा।
- यदि लैब रेजल्ट्स से एनीमिया की पुष्टि होती है तो वे यह भी बता देंगे कि आपको किस तरह का एनीमिया है।
- डाक्टर आपको दवा प्रेस्क्राइब करगा जो इस बात पर निर्भर करेगा कि आपको कौन सा एनीमिया है।[४]
- न्यूट्रीशनल एनीमिया के लिए आपकी डाइट में परिवर्तन किया जाएगा, विटामिन और आयरन के सप्लिमेंट्स या विटामिन बी-12 के इंजेक्शंस दिये जाएँगे। अर्ली ऐक्वायर्ड (early acquired) और जेनेटिक (genetic) एनीमिया के इलाज़ के लिए रेड ब्लड सेल्स के ट्रान्स्फ़्युजंस या हार्मोन्स के इंजेक्शंस दिये जाएँगे।
संपादन करेंविभिन्न प्रकार के एनीमिया को समझना
- आयरन डेफ़िशियेन्सी एनीमिया (IDA) के लक्षणों को देखें: यह सबसे आम तरह का एनीमिया है और कई बार इसे आपका आयरन इनटेक (intake) बढ़ाकर ठीक किया जा सकता है। यदि आपको निम्नलिखित का अनुभव हुआ हो तो संभव है कि आपको इस प्रकार का एनीमिया हो:
- एक भारी मेन्स्ट्रूअल फ़्लो (menstrual flow) क्योंकि मेन्स्ट्रूअल ब्लड के साथ काफी आयरन निकल जाता है जिससे उसकी कमी हो जाती है।
- एक भयंकर चोट जिसमें आपका काफी खून बह गया हो।
- कोई सर्जरी जिसमें आपका काफी खून बह गया हो।
- अल्सर्स या कोलन कैंसर।
- ऐसी डाइट जिसमें आयरन बहुत कम हो।
- पता लगाएँ कि कहीं आपको विटामिन डेफ़िशियेन्सी एनीमिया तो नहीं है: इस तरह का एनीमिया शरीर में विटामिन बी 12 की कमी के कारण होता है। शरीर में नए ब्लड सेल्स बनाने के लिए और अपने नर्वस सिस्टेम को स्वस्थ रखने के लिए शरीर को विटामिन बी12 की आवश्यकता होती है। यदि निम्नलिखित चीजें आपके लिए सत्य हैं तो आपको इस तरह की एनीमिया हो सकती है:
- आपको कोई आटो-इम्यून डिसआर्डर या इंटेस्टाइन संबंधी समस्या हो जिसके कारण आप विटामिन बी12 को कुशलतापूर्वक ऐब्जार्ब नहीं कर पाते हैं।
- आप अपने डाइट में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी12 नहीं लेते हैं। चूंकि यह विटामिन सबसे अधिक उन खाद्य पदार्थों में पाया जाता है जिनके श्रोत जानवर होते हैं इसलिए वेजिटेरियन्स और वेगन्स (vegans) को पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी12 प्राप्त करने में मुश्किल आती है।
- ब्लड डिजीज़ के कारण होने वाले एनीमिया के बारे में अपने डाक्टर से पूछें: कुछ मामलों में एनीमिया किसी ऐसी बीमारी के कारण होता है जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए शरीर द्वारा रेड ब्लड सेल्स को उत्पन्न करने की क्षमता को कुप्रभावित करता है। कहीं आपके मामले में भी तो ऐसा ही नहीं है यह जानने के लिए अपने डाक्टर से बात करें और उचित जांच करवाएँ।
- ऐसी बीमारियाँ जो किडनी को प्रभावित करती हैं वो शरीर के रेड ब्लड सेल्स को उत्पन्न करने की क्षमता को भी प्रभावित करती हैं।
- इन्हेरिटेड (inherited) ब्लड डिजीज़ के कारण होने वाले एनीमिया में सिकिल सेल (sickle cell) एनीमिया और थैलेसीमिया भी शामिल हैं। कुछ लोगों में, जिनके एक या दोनों पेरेंट्स में यह कंडीशन रही हो, इस तरह के एनीमिया के लिए एक प्रवृत्ति (predisposition) होती है।
- ऐक्वायर्ड (acquired) एनीमिया, ऐसे टाक्सिन्स, वाइरसेज, केमिकल्स या ड्रग्स के एक्सपोजर से भी हो सकते हैं जो शरीर को स्वस्थ रेड ब्लड सेल्स को बनाने से रोकते हैं।
संपादन करेंसलाह
- एनीमिया की पहचान करने के लिए आप घर पर भी टेस्ट कर सकते हैं। अपने नीचे वाले आई-लिड (eyelid) को बाहर की ओर खींच कर देखें कि वो कैसा दिखता है। यदि वह गहरा लाल हो तो आपको एनीमिया नहीं हो सकता है। परंतु यदि वह पीला या सफ़ेद हो तो आपको अपने डाक्टर से पूछना चाहिए।
- कुछ लोग जो डाइटरी एनीमिया से ग्रस्त होते हैं हमेशा यह शिकायत रहती है कि उन्हें ठंड लग रही है। हमारे शरीर द्वारा तापमान के नियमन में भी आयरन का बहुत बड़ा रोल होता है। प्रतिदिन ज्यादा आयरनयुक्त फूड खाकर आप न्यूट्रीशनल एनीमिया से बच सकते हैं।
- वेजिटेरियन और वेगन डाइट, जिसमें अपर्याप्त आयरन होता हो, को लेने के कारण भी एनीमिया हो सकता है क्योंकि अंधिकांश लोग मांस और मछली से अपना आयरन प्राप्त करते हैं। यदि आपके अंदर उपरोक्त लक्षण हों और आप वेजिटेरियन/वेगन हों तो आपको एनीमिया होने की ज्यादा संभावना होती है और यदि आप मांस खाना नहीं चाहते हैं तो आपको आयरन सप्लिमेंट्स लेने की आवश्यकता पड़ सकती हैं।
- यद्यपि एनीमिया किसी भी उम्र के व्यक्ति और स्त्री-पुरुष सभी को हो सकता है परंतु छोटे बच्चों और महिलाओं (जिन्हें अभी मेनोपाज़ न हुआ हो) को ज्यादा खतरा होता है। मेनोपाज़ प्राप्त कर चुकी महिलाएं, वयस्क और किशोर पुरुषों में इसका खतरा कम होता है।
- प्रेग्नेंसी में भी महिलाओं में एनीमिया होने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि उनके शरीर में आयरन के डिमांड के बढ़ने के कारण उनकी फोलिक एसिड और आयरन की आवश्यकता भी बढ़ जाती है। फ़्ल्युइड रिटेन्शन (Fluid retention) के कारण भी रेड ब्लड काउंट कम हो सकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने डाइट में विटामिन और सप्लिमेंट्स अतिरिक्त रूप से शामिल करना चाहिए।
- क्रानिक या गंभीर कंडीशंस, जिनके कारण ब्लीडिंग या स्वेलिंग (swelling) होती है, एनीमिया के खतरे को बढ़ाते हैं।
- बर्फ चूसना या उसकी क्रेविंग होना (जिसे डाक्टर पिका pica कहते हैं) अक्सर आयरन डेफ़िशियेन्सी एनीमिया या किसी अन्य विटामिन डेफ़िशियेन्सी से सम्बद्ध होता है। यह जानकारी होने से आप यह जान सकते हैं कि आप एनीमिक हैं या नहीं।
संपादन करेंस्रोत और उद्धरण
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