October 29, 2018, 9:00 pm
पानी से बने हार्ड वाटर स्पॉट्स का प्रमुख कारण उसमें मोजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं | जब कोई सतह गीली होती है, तो उसका पानी सूख जाता है लेकिन उस पर मिनरल डिपाजिट बने रहते हैं | स्प्रिन्क्लेर्स, कार वाशेस, और शावर ये सब आपके ग्लास पर हार्ड वाटर के निशान छोड़ सकते हैं | रासायनिक तौर पर, ये डिपाजिट एल्कली स्वभाव की होती हैं, इसलिए उन्हें हटाने के लिए एसिड की ज़रुरत पड़ती है | घर में मोजूद कुछ पदार्थों के इस्तेमाल से, आप उन्हें हटा कर आगे मिनरल डिपाजिट होने से रोक सकते हैं |
- एक स्कुँर्ट बोतल में आधा पानी और आधा विनेगर भरें: सस्ता और असरदार प्लेन वाइट डिस्टिल्ड विनेगर ऐसी अवस्था में सबसे बेहतरीन विनेगर साबित होता है |[१] विनेगर की अधिक कंसंट्रेशन ज्यादा असरदार होती है, इसलिए पानी के निशानों की तीव्रता को ध्यान में रखते हुए विनेगर और पानी का अनुपात बनाएं |
- विनेगर के मिश्रण को पानी पर स्प्रे करें: इस मिश्रण को ग्लास पर स्प्रे करें, ध्यान दें की जहाँ पर भी आपको निशान दिख रहे हैं उन्हें ढंग से भिगो दें | उस विनेगर को समा जाने दें और ज्यादा गंदे स्थानों पर बार बार उसे स्प्रे करें |
- विनेगर मिश्रण से एक टॉवल को भिगोयें: एक रफ टॉवल को विनेगर और पानी में भिगो दें, और उससे ग्लास के स्प्रे किये गए हिस्से को पोंछें | आप थोड़ी देर उस टॉवल को उस हिस्से में बना हुआ भी रहने दे सकते हैं, इससे विनेगर अच्छे से समा जायेगा |[२]
- ग्लास को हलके से टॉवल से स्क्रब करें: अपनी रफ, गीली टॉवल से ग्लास को स्क्रब करें | आपको शायद ज्यादा जोर से स्क्रब नहीं करना पड़े | टॉवल पर मोजूद बम्प्स स्पॉट्स को हटाने में और विनेगर को उन निशानों में सामने में मदद करते हैं
- विनेगर मिश्रण को लगे रहने दें: दाग जितने मुशकिल होंगे, उतना ही विनेगर को अपना काम करने में समय लगेगा | विनेगर को समाने दें, और अगर लगे की वह सूखने वाला है तो उसे फिर लगा दें |[३]
- विनेगर मिश्रण को एक ड्राई टॉवल या स्कुईजी से साफ़ करें: आप को शायद एक और बार उस हिस्से को विनेगर मिश्रण या साफ़ पानी से स्प्रे करना पड़े, उसके बाद किसी साफ़, सूखे टॉवल( या पेपर टॉवल) या स्कुईजी से पानी को हटा दें | ये ध्यान रहे की आप ग्लास की सतह पर विनेगर के मिश्रण या पानी को सूखने नहीं दें, नहीं तो और निशान पड़ जायेंगे |
संपादन करेंअन्य प्राकृतिक पदार्थों की मदद से
- विनेगर की बजाय नींबू जूस की मदद से: नींबू जूस में भी वही एसिडिक खूबियाँ होती हैं जो की विनेगर में मोजूद होती हैं, और इसलिए ये भी उतना ही असरदार साबित होता है |[४] ताज़ा नींबू बोतल में बंद नींबू जूस से ज्यादा बेहतर काम करता है |
- नींबू को काटने से पहले उसे थोड़े दबाव के साथ किसी सख्त सतह पर रोल करने की कोशिश करें | इससे नींबू के जूस को निकालना आसान हो जाता है |
- नींबू का जूस निचोड़ कर पानी से भरी एक स्प्रे बोतल में डालें, या फिर टॉवल की मदद से ग्लास पर नींबू जूस लगायें |
- इसके इलावा, आप सीधा नींबू को ग्लास के सतह पर लगा सकते हैं | बस नींबू को दो टुकड़ों में काटें और खुले हिस्से को ठीक ठाक दबाव के साथ ग्लास पर रगड़ें |
- नींबू को समाने दें, उसके बाद पानी या किसी और ग्लास क्लीनर की मदद से सतह पर से हटा दें |
- नींबू या संतरे के एसेंशियल आयल की मदद से: अपनी सेहत और सफाई से जुड़े फायदों की वजह से एसेंशियल आयल बहुत लोकप्रिय होते जा रहे हैं | साइट्रस- बेस्ड एसेंशियल आयल जैसे नींबू और संतरा हार्ड वाटर के निशान हटाने में कामयाब रहते हैं | इसका एक और फायदा भी होता है: तेल वाटर रेपेल्लेंट की तरह काम करता है और इससे भविष्य में और दाग पड़ने की संभावना कम होती है |
- तेल की कुछ बूँदें पानी में डालें, और स्पंज या टॉवल की मदद से मिश्रण को ग्लास पर लगायें |
- इस को समाने दें, और फिर स्पंज या टॉवल से हलके से स्क्रब करें |
- ग्लास पर से पानी से साधारण ग्लास क्लीनर की मदद से इसे हटायें |
- उस हिस्से पर सफ़ेद टूथपेस्ट लगायें: सुनने में अजीब लगेगा, लेकिन टूथपेस्ट ऐसे बिल्ड अप निकालने के लिए बना होता है और इसलिए वह हार्ड वाटर के निशानों पर भी बेहतरीन काम करता है [५]
- टूथपेस्ट को थोड़े से पानी से मिलाएं ताकि वह आसानी से फैले और आपका कम टूथपेस्ट इस्तेमाल हो |
- ग्लास पर पेस्ट लगायें और उसे ठहरने दें |
- हलके से ब्रश, टॉवल या स्पंज से स्क्रब करें |
- पानी की मदद से टूथपेस्ट को ग्लास पर से हटायें |
- ग्लास को पानी या साधारण ग्लास क्लीनर से साफ़ करें, पर ध्यान दें की उसे अच्छे से सुखा दें ताकि पानी के निशान फिर नहीं पड़ें |
- बेकिंग सोडा और विनेगर का पेस्ट बनाएं: जब आप दोनों को मिलायेंगे तो पेस्ट में बुलबुले उठेंगे | आप उन बुलबुलों के शांत होने का इंतज़ार कर सकते हैं, या फिर आप ऐसे ही पेस्ट को सीधा ग्लास पर लगा सकते हैं | विनेगर और बेकिंग सोडा को किसी बंद डब्बे में नहीं मिलाएं, नहीं तो गैस एक्सपेंशन के कारन डब्बे का ढक्कन उड़ सकता है |
- ग्लास पर पेस्ट लगायें और उसे ठहरने दें |[६]
- हलके से ब्रश, टॉवल या स्पंज से स्क्रब करें |
- पानी की मदद से पेस्ट को ग्लास पर से हटायें |
- ग्लास को पानी या साधारण ग्लास क्लीनर से साफ़ करें, पर ध्यान दें की उसे अच्छे से सुखा दें ताकि पानी के निशान फिर नहीं पड़ें |
संपादन करेंअब्रैसिव क्लीनर की मदद से
- एक पाउडरड अब्रैसिव क्लीनर ढूँढें: कुछ अब्रैसिव क्लीनर हैं कॉमेट, या फिर सिर्फ साधारण बेकिंग सोडा | [७] ये सब पाउडरड क्लीनर हैं जिन्हें किसी सतह पर छिड़का जा सकता है |
- ग्लास की सतह को भिगो लें: पहले ग्लास को भिगोना, और फिर उस पर पाउडर लगाना आसान रहता है | इस तरीके से, पाउडर ग्लास की सतह से चिपक जायेगा | पानी और अब्रैसिव के मिलने से एक क्लीनिंग पेस्ट बन जायेगा |
- इस पाउडरड क्लीनर को ग्लास पर लगायें: कई बार ऐसे पाउडर क्लीनर के ऊपर छेद दिए होते हैं जिनसे छिड़कने में आसानी होती है | अगर आपके में छेद नहीं है, या फिर आप बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आप पाउडर को छोटे सिफ्टर में डाल कर सतह पर छिड़क सकते हैं |
- “एल्बो ग्रीज़” का इस्तेमाल करें: अब्रेसिव क्लीनर का सबसे बड़ा फायदा होता है उसके ग्रेन्युल द्वारा माइक्रो स्क्रब्बिंग एक्शन को कर पाना |[८] ये ग्रेन्युल सही से काम करें, इसके लिए आपको जोर से उसे स्क्रब करना पड़ेगा | इसे दोहरे फायदे की तरह सोचें: एक समय पर सफाई और व्यायाम दोनों!
- प्रोडक्ट को पानी से धो डालें: जहाँ कुछ क्लीनिंग प्रोडक्ट ग्लास पर रह जाते हैं, वहीँ अब्रेसिव क्लीनर तो ज़रूरी ही निशान छोड़ता है क्यूंकि वह ग्लास साफ़ करने के लिए नहीं बनाये जाते | पानी से क्लीनर को सही से साफ़ करना और उसके बाद साधारण ग्लास क्लीनर से सफाई करने से अब्रेसिव क्लीनर के निशान पूरी तरह से मिट जाते हैं |
- ग्लास को सुखाएं: एक बार अपने क्लीनर को साफ़ कर दिया और ग्लास क्लीनर से भी ग्लास को साफ कर दिया तो ध्यान से उसे सुखा दें ताकि और पानी के निशान नहीं बनें |
- एक अब्रैसिव स्क्रबर की मदद से: अब्रेसिव क्लीनर के बजाय आप अब्रेसिव स्क्रबर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं | सैंड पेपर की तरह स्क्रबर आपके ग्लास पर लगे निशान और धब्बों को सफाई से मिटाता है | कुछ लोकप्रिय अब्रेसिव स्क्रबर हैं स्टील वूल,[९] रफ ग्रीन स्क्रब स्पंज, और मैजिक इरेज़र नाम का एक उत्पाद, जो की एक स्पंज होता है |
संपादन करेंक्लीनिंग प्रोडक्ट्स की सहायता से
- हार्ड वाटर के निशान मिटा पाने वाला उत्पाद ढूँढें: कुछ ऐसे उत्पाद हैं जो ख़ास तौर से ग्लास और अन्य सतहों से हार्ड वाटर के निशान हटाने के लिए बनाये गए होते हैं | आप पहले घर में मोजूद उत्पादों का इस्तेमाल कर के देख लें, क्योंकि एक ही समस्या के लिए कई क्लीनिंग उत्पाद खरीदना महंगा पड़ सकता है | ये कुछ उत्पाद हैं जो आपको हार्ड वाटर के निशान हटाने में मदद कर सकते हैं:
- हेर्बो पेस्ट
- जोफ्फ़ टेप एंड शावर क्लीनर
- लालन लाइम स्केल रिमूवर
- हार्पिक एक्स्ट्रा स्ट्रोंग
- पैकेजिंग पर लिखे निर्देशों के मुताबिक उत्पाद को लगायें: इनमें से अधिकतर उत्पाद या तो टॉवल या स्पंज के माध्यम से या फिर स्प्रे करके लगाये जा सकते हैं | अक्सर ऐसे उत्पाद ये सुझाव देते हैं की आप इन्हें कुछ देर तक सफाई वाले हिस्से में बने रहने दें |
- कुछ उत्पाद आपको बार बार पोंछने की कहेंगे, लेकिन स्क्रब्बिंग नहीं क्यूंकि उससे बिना वजह गंदगी हो सकती है |[१०]
- ये जानने के लिए की उत्पाद सतह को ख़राब तो नहीं करेगा उसे थोड़े से हिस्से में लगा कर जांच लें |
- ये ध्यान रहे की उत्पाद को उसी ग्लास पर रखें जिसे आपको साफ करना है: क्लीनर वहां के पास की दीवारों, खिडकियों, टाइल, फ्लोरिंग, या कार पेंट को नहीं नुकसान पहुंचाए |
- अगर ज़रुरत लगे तो प्रोटेक्टिव गीयर पहनें: कई क्लीनर कास्टिक होते हैं और इंसानों और जानवरों दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं | अगर ज़रुरत लगे तो ग्लव्स और गॉगल्स जैसे प्रोटेक्टिव ऑय वियर पहनें |
- किसी क्लीनर के इस्तेमाल के बाद अपने हाथ ज़रूर धोएं, और क्लीनर से संपर्क के ठीक बाद अपने मुंह, नाक या आँखों में हाथ डालने की गलती नहीं करें |
- कुछ क्लीनर ये सुझाव् देते हैं की आप उनका इस्तेमाल हवादार हिस्से में करें ताकि उनमें से निकले फयूम्स से आपके शरीर को नुकसान नहीं हो |
- ध्यान से उत्पाद पर लिखे वार्निंग लेबल को पढ़ें |
- हिस्से को पानी या विनेगर के मिश्रण से धोएं: क्लीनिंग उत्पाद के इस्तेमाल के बाद, आपको ग्लास को पानी और विनेगर मिश्रण की मदद से साफ़ करके उसके सारे निशान मिटा देने चाहिए | ध्यान से ग्लास को पूरी तरह से सुखा दें |
- उत्पादों को सुरक्षित स्थान पर रखें: क्लीनिंग उत्पादों को हमेशा बच्चों और पेट्स की पहुँच से दूर, ढक्कन कस के बंद कर और बोतल के बाहर से फैला हुआ क्लीनर पौंछ कर रखना चाहिए | किसी दरवाज़े के पीछे लॉक वाली अलमारी की सबसे उपरी शेल्फ पर रखना उत्तम होगा |
संपादन करेंपानी के धब्बों को पड़ने से रोकना
- पानी के धब्बों का तुरंत इलाज करें: अगर हार्ड वाटर के निशानों का बनने की शुरुआत में ही इलाज कर दिया तो उन्हें हटाना आसान रहता है | जैसी निशान बनने लगे वैसे ही हफ्ते में एक या दो बार विनेगर मिश्रण से धब्बों पर स्प्रे करना सही रहेगा |
- ठहरा हुआ पानी हटा दें: हार्ड वाटर के निशान हटाने का सबसे बेहतर तरीका है उन्हें बनने ही नहीं देना | सबसे पहले अगर आप सतह पर पानी को ठहरने और सूखने नहीं देंगे तो निशान बनेंगे ही नहीं |[११]
- अगर आपको ग्लास पर पानी दिखे तो उसे तुरंत ही सूखे टॉवल से पौंछ दें |
- एक स्कुईजी की मदद से ग्लास पर से ठहरा पानी हटा दें | इससे आपका ग्लास सदा साफ़ और स्वच्छ दिखेगा |[१२]
- अपनी खिड़कियों को सूखा रखें: पानी के धब्बे रोकने का सबसे सरल तरीका है खिड़कियों को गीला ही नहीं होने दिया जाए | अगर आप कार विंडोज पर बने पानी के निशानों से परेशान हैं, तो कार को गेराज जैसे ढकी जगह में खड़ा करें | किचन और बाथरूम सिंक के पास स्थित खिड़कियों पर पानी जाने से रोकने के लिए ब्लाइंड या परदे लगायें |
- ग्लास पर वाटर रेपेल्लेंट का इस्तेमाल करें: कोई उत्पाद जो पानी को रेपेल करता है, जैसे आयल बेस्ड क्लीनर या कोई अन्य उत्पाद आपके ग्लास पर पानी के निशान बनने से रोक सकता है |[१३] किसी उत्पाद को तब तक कार की खिड़कियों पर इस्तेमाल नहीं करें जब तक उसपर साफ तौर पर ऐसा नहीं लिखा हो की ऐसा करने से वेट या ड्राई परिस्थितियों में विजिबिलिटी नहीं प्रभावित होगी |
- आप जिस भी तरीके का इस्तेमाल करेंगे, वह उस पर निर्भर है, की आपके धब्बे कितने सख्त हैं | अगर धब्बों को पड़े काफी समय हो गया है तो ज्यादा कठिन तरीके का इस्तेमाल करना पड़ सकता है |
- आप इन्हीं तरीकों से कॉफ़ी पॉट से लाइम स्केल हटा सकते हैं | 25% सफ़ेद विनेगर और 75% पानी को वाटर होल्डिंग टैंक में डालें और कॉफ़ी पॉट को चला दें | अगर स्केल नहीं हटे तो फिर इस कदम को दोहराएं |
- आप जितनी देर ग्लास पर मिनरल डिपाजिट को बने रहने देंगे, उतना ही उन्हें हटाना मुश्किल हो जायेगा |
- अगर आसानी से मिल जाए तो, आप चाहें तो विनेगर के बजाय नींबू जूस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं | नींबू में भी वही एसिडिक कंटेंट होता है जो अल्कली कंपाउंड्स को ख़त्म करने में आपकी मदद करता है |
- ग्लास कुक टॉप क्लीनर बहुत अच्छा काम करते हैं, और ग्लास पर और धब्बे पड़ने से भी रोकते हैं |
- नेचुरल स्टोन या टाइल पर कोर्रोसिव उत्पादों का प्रयोग नहीं करें | किसी बड़े स्थान पर उत्पाद को लगाने से पहले उसको किसी छोटे से हिस्से में टेस्ट कर के देख लें |
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October 30, 2018, 10:00 pm
साधारण शब्दों में, फ्लर्टिंग का मतलब है, किसी को ये दिखाना की आप उसकी तरफ आकर्षित हैं | अगर आप किसी के साथ फ्लर्ट करने के लिए तैयार हैं, तो इसका मतलब है की आप उसे काफी ज्यादा पसंद करते हैं और आपका आकर्षण उनके लिए काफी तीव्र है ! फ्लर्टिंग की शुरुआत करने में पहले पहल चिंता होती है, पर घबराएं नहीं- जिसको आप “सच” में पसंद करते हैं उसके सामने नर्वस होना आम बात है लेकिन आत्मविश्वास से किसी के साथ फ्लर्ट करने के कई तरीके हैं | चाहे आप टेक्स्ट, ऑनलाइन या व्यक्तिगत तौर पर फ्लर्ट कर रहे हैं आपको अपनी भावनाएं व्यक्त करने, और दूसरे व्यक्ति को उनके बारे में शक में रहने के बीच एक तालमेल बैठाना होगा | अगर आप ये जानना चाहते हैं की फ्लर्ट कैसे करें या फिर आपको किसी को जानने में मदद चाहिए, तो ये आर्टिकल आपको इस जुड़ी हुई राय देगा |
संपादन करेंआमने सामने फ्लर्ट करना (Flirting In-Person)
- ऑय कांटेक्ट बनाएं: जब आप फ्लर्ट करने की कोशिश करना शुरू करते हैं तो सबसे पहले ऑय कांटेक्ट बनाना सबसे सहज और उत्तम रहता है | आप उस व्यक्ति की आँखों में गहरायी से झाँक सकते हैं, लेकिन बीच बीच में नज़र हटा लें नहीं तो मामला सीरियस हो सकता है | इसे कुछ इस तरह से करें:
- देखते हुए पकड़े जायें | उसको घूरे नहीं, बल्कि थोड़ी थोड़ी देर में नज़र डालते रहें | ऐसा तब तक करते रहें जब तक वह आपको ऐसा करते पकड़ नहीं ले | एक पल के लिए देखते रहें, मुस्कुराएं और नज़र फेर लें |
- जब आप उससे बात कर रहे हों तो उसकी आँखों में देखें, ख़ास तौर से बातचीत के प्रमुख मौकों (जैसे जब आप उसे कॉम्प्लीमेंट दे रहें हों) पर |
- अपने क्रश को देख विंक करें या अपनी भौहों को हलके से उठाएं | वैसे तो थोड़ा चीज़ी लगता है पर अगर हिसाब से करें तो सही रहेगा | ऐसा तब करें जब आप किसी कमरे में हों और उस व्यक्ति की तरफ देख रहे हों, या फिर जब आप एक ग्रुप में मिल कर बात कर रहे हों और आपको कुछ उससे ही सिर्फ कहना हो |
- लड़कियां भी लड़कों को देख सकती हैं, पलके झुका लें, और फिर उसको झुकी हुई पलकों से देखें |
- मुस्कुराएं: जब आप किसी ऐसे शख्स से बात करते हैं जिसे आप पसंद करते हैं, आप खुद ब खुद मुस्कुराएंगे पर कई बार आप बात शुरू होने से पहले ही अपनी मुस्कराहट का फायदा उठा सकते हैं | आप तब भी मुस्कुरा सकते हैं जब आप हॉल में उसके पास से गुजरें, या फिर कमरे के आर पार खड़े हों | आपको एक बड़ी मुस्कराहट देने की ज़रुरत नहीं है, बस; एक छोटी सी मुस्कराहट काम कर जाएगी | ऐसा करने की कोशिश करें:
- धीरे से मुस्कुराएं | अगर आप किसी की तरफ देख रहे हैं पर बात नहीं कर रहे हैं, जोर से हंसने के बजाय धीरे से मुस्कराहट को अपने चहरे पर फैलने दें | हलकी, धीमी मुस्कराहट को अक्सर सेक्सी माना जाता है |
- जब भी आप ऑय कांटेक्ट करें, तब मुस्कुराएं | ज्यादा असर के लिए अगर आप किसी की आँखों में देख रहे हैं, तो अचानक मुस्कुरा दें | (अगर ये एक वास्तविक मुस्कराहट है, तो व्यक्ति को आपके मुंह की तरफ देखे बिना उसका अंदाज़ा हो जायेगा- इससे आपकी आँखें सिकुड़ जाती हैं और इसे दुशेन्न स्माइल (Duchenne smile) भी कहते हैं) |
- अपने मुँह के बजाय, अपनी आँखों से मुस्कुराने की कोशिश करें | जब आप मुस्कुराएं आपका पूरा चहरा चमक जाना चाहिए |
- बात करें: अपना परिचय दें — या दुविधा बनी रहने दें (ऑप्शनल | अगर आप जिसके साथ फ़्लर्ट करना चाह रहे हैं उसे पहले से नहीं जानते हैं, एक इंट्रोडक्शन (उसके बिना भी ) फ्लर्टिंग शुरू करने का अच्छा तरीका है | किसी चीज़ी पिक्क आप लाइन से बात शुरू करने की अपनी इच्छा को दबाएँ | सिर्फ “Hi” कह कर अपनी इंट्रोडक्शन (परिचय) या एक सीधा सा सवाल ज्यादा असर छोड़ता है |
- अगर आपका क्रश आपका नाम भी नहीं जानती और आप एक लोकप्रिय व्यक्ति हैं तो, किसी भी पल अपने को इन्ट्रोडयूस करें | आप ऐसे कह सकते हैं, “Hi, में हूँ [नाम] | और आप.....? ये ध्यान रहे की आप उस व्यक्ति का नाम समझ जाएँ | उसका नाम याद रखने के लिए, उसके बताने के बाद एक बार और उसे दोहरा लें (जैसे “रीता, मुझे ये नाम काफी पसंद है“)
- या, फिर अगर आप इसे एक चुनौती की तरह ले रहे हैं, तो अपनी पहचान को कुछ देर के लिए राज़ रखें | अगर वह सच में जानना चाहती है, तो वह पूछेगी या फिर आप पर बताने के लिए दबाव डालेगी |
- बातचीत की शुरुआत करें: चाहे आप किसी व्यक्ति को जानते हो या नहीं, बातचीत फ्लर्टेशन को आगे बढ़ाने का सबसे आसान तरीका है | जिससे आप फ़्लर्ट कर रहे हैं वह आपकी हिम्मत और आत्मविश्वास से प्रभावित होगा | ये कुछ गाइडलाइन्स हैं:
- किसी ऐसे से बात करीं जिसे आप पहले से नहीं जानते हों | कोई बातचीत शुरू करने का सबसे आसान तरीका है ऐसी कोई बात बोलें जिसका अंत प्रश्न से हो: "मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा की इस हफ्ते इतनी बारिश हुई है" या "इस स्थान पर काफी भीड़ है, है ना?" आप जो कहें वो महत्वपूर्ण नहीं है — आप बस उस व्यक्ति को खुद से बात करने के लिए न्योता दे रहे हैं |
- जिसे आप जानते हैं उसके साथ बात करने के लिए कोई आम विषय चुनें | अगर आप उससे पहले मिले हुए हैं तो आप दोनों के बीच किसी आम रूचि या अनुभव पर बात करें | मसलन, आप कोई साथ में क्लास ले रहे हों, या वो ट्रेन जो आप दोनों ही काम के लिए लेते हैं उनके बारे में बात कर सकते हैं | फिर से, विषय महत्वपूर्ण नहीं है- ये अहम् है की आप उसे अपने से बात करने के लिए न्योता दे रहे हैं |
- जवाब को समझें | अगर दूसरा व्यक्ति प्रेम से बात का जवाब देता है, तो ही बात को आगे बढाएं | अगर वो जवाब नहीं देता है या फिर उलझा हुआ लग रहा है, तो शायद वो आपके साथ फ्लर्टिंग करने में इंटरेस्टेड नहीं है |
- हलकी फुलकी बात करें: जब बातचीत शुरू करें तो ज्यादा निजी बातें नहीं करें | अपने आस पास एक वातावरण के बारे में, या फिर आपने अगर कोई शो देखा है उसके बारे में बात करें | अगर वह व्यक्ति बिना परेशान हुए आपके साथ विषयों पर बहस करने में रूचि दिखाए तो ठीक नहीं तो निजी जानकारी (धर्म, पैसा, रिश्ते, पढ़ाई इत्यादि) को बीच में नहीं लायें | आम तौर पर, ऐसे मुद्दों से दूर रहें, जिनसे आप निजी तौर पर जुड़े हैं (जैसे आपका या उसका धर्म) और ऐसे विषयों पर बात करें जिनमें आप दोनों का निजी हिस्सा नहीं हो |
- जब आप हलके विषयों पर बात करे रहे हों जैसे, पेट्स, रियलिटी टेलीविज़न, या आपके पसंदीदा वेकेशन स्पॉट्स तो फ़्लर्ट करना आसान होता है | इसका मतलब ये नहीं की आपको फ़्लर्ट करने के लिए बेवक़ूफ़ दिखना चाहिए, पर इसका मतलब है की आपको गहरायी वाली बातों पर चर्चा नहीं करनी चाहिए |
- हंसी मज़ाक करें | हंसी मज़ाक में बात करने का मतलब है की बात को ज्यादा संजीदा नहीं बनाएं, कभी मजाक में अपने क्रश को थपथपाएं, या किसी अलग से विषय पर अचानक बात करने लगें | इसका मतलब ये भी है की बातचीत के दौरान अपने ऊपर ज्यादा दबाव नहीं डालें |
- बॉडी लैंग्वेज की मदद से अपने इरादे व्यक्त करना: बिना बोले कुछ ऐसे इशारे कर आप उनको वो बता सकते हैं जो आप मुंह से नहीं कह पा रहे हैं | ये करने की कोशिश करें:
- अपने शरीर को "खुला" रखें: अपने हाथों और पैरों को मोड़ें नहीं, क्योंकि इसका मतलब होता है की आप उस इंसान से दूरी बनाना चाहते हैं |
- अपने शरीर को दूसरे व्यक्ति की तरफ करें | ऐसे बैठें या खड़े हों ताकि आप उस व्यक्ति का सामना कर रहे हों | अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को उसकी तरफ रखें, और पैर भी उसी दिशा में रखें |
- "टच बैरियर" को तोड़ दें | धीरे से उस व्यक्ति को हाथ को छूने की कोशिश करें या फिर उसके पासे से निकलते समय उससे हलके से टकराएं |
- अपने बालों से खेलें (लड़कियां) | अपने बालों से खेलना नर्वस होने की निशानी है, जो की एक अच्छी बात है यदि आप किसी को पसंद करते हैं- आप “चाहते” हैं की वह जाने की आप नर्वस है क्योंकि इसका मतलब है आप उसमें इंटरेस्टेड हैं | जानकर इस बात को बताने के लिए, बात करते समय हलके से बालों की एक लट को अपनी उँगलियों के आस पास घुमाएं |
- "टच बैरियर" को तोड़ दें: पहले एक दो बार जब आप अपने क्रश को छुएं, ये ध्यान रहे की आप उसको ट्रैप नहीं करें | स्थान के मुताबिक वह टच एक्सीडेंटल होनी चाहिए, उससे ज्यादा नहीं | सीधा हाथ या बांह पकड़ने का प्रयत्न नहीं करें, ऐसे कुछ करें जैसे आप उनके हाथ पर से कोई काल्पनिक वस्तु हटा रहे हैं, या फिर यूँ ही पैरों और घुटने को छूने दें |
- आपकी ये टच की कोशिशि बिना बुरा माने ठुकराई भी जा सकती है, तो अगर आपका क्रश इस प्रकार के संपर्क के लिए तैयार नहीं है, आप उसे अपने को पूरी तरह ठुकराने के लिए मजबूर नहीं करेंगे |
- शुरूआती बात में ही उसको कॉम्प्लीमेंट दें: थोड़ा फॉरवर्ड लगेगा, लेकिन उसको इस बात का एहसास कराना की आप पक्की दोस्ती शुरू करने से पहले डेटिंग करना चाहते हैं फ्रेंड जोन से जल्दी बाहर निकलने का तरीका है | आत्मविश्वास दिखाएं, और मौके को हाथ से छूटने “नहीं” दें – क्या पता दूसरा मौका कब मिलेगा | इन तकनीकों का इस्तेमाल करें:
![Flirt Step 18.jpg]()
- कॉम्प्लीमेंट देते समय ऑय कांटेक्ट बनाये रखें | यदि आपने नज़र हटाई तो आपकी नीयत पर भरोसा करना कठिन होगा |
- अपनी आवाज़ की टोन और वॉल्यूम दोनों को हल्का सा कम कर लें | अपनी सामान्य आवाज़ से थोड़ी हलकी आवाज़ में कॉम्प्लीमेंट देने से थोड़ा सेक्सी और इंटिमेट फीलिंग आती है | इसके इलावा, उसे सुनने के लिए दूसरे व्यक्ति को आपके नज़दीक भी आना पड़ेगा |
- अपने क्रश के और इंटरेस्ट को अपने फायदों के लिए इस्तेमाल करें| अगर आपको पता है की वह व्यक्ति किसी और को डेट कर रहा है, तो आप इस बात का फायदा अपने कॉम्प्लीमेंट में ले सकते हैं |
- इस कॉम्प्लीमेंट को बातचीत से जोड़ लें | उदाहरण के तौर पर, अगर जिस लड़की को आप पसंद करते हैं वह ये कह रही है की उसका दिन ख़राब बीता, तो आप कह सकते हैं “ मुझे आप जैसी खूबसूरत लड़की को दुखी देखना बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा | मैं कैसे मदद कर सकता हूँ?”
- लुक्स पर कॉम्प्लीमेंट देने से पहले थोड़ा ध्यान रखें | अगर आप किसी लड़की की आँखों की तारीफ करेंगे, तो उसे अच्छा लगेगा लेकिन अगर आप छूटते ही उसके फिगर की तारीफ करेंगे की वह डर सकती है | कोशिश करें और सिर्फ इन चीज़ों से जुड़े कॉम्प्लीमेंट दें:
- आँखें
- मुस्कराहट
- होंठ
- बाल
- हाथ
- अपनी बातों को छोटा और मधुर रखें: ये याद रखें की डिमांड बढ़ाने के लिए सप्लाई कम करना ज़रूरी होता है, इसलिए उस व्यक्ति से थोड़ी ही बात करें | उससे हर रोज़ नहीं बात करें | इसे एक ख़ास मौका समझ कर हफ्ते में कुछ बार ही करें |
- बातचीत को 5 से 10 मिनट से ज्यादा लम्बा नहीं होने दें | जितनी ज्यादा देर बात होगी, उतनी ही ये सम्भावना होगी की आप की बातें समाप्त हो जाएँगी |
- उस व्यक्ति को अपने पास आने दें | एक बार आपने बातचीत शुरू कर एक इंटरेस्ट दिखा दिया, पीछे हट जाएँ और देखें की क्या वह भी “आपसे” बात करना चाहता है | ये उसकी आपके प्रति रूचि को समझने, और टेंशन बढ़ाने का अच्छा तरीका है |
- बात को आगे बढाएं: अगर अभी तक आपकी फ्लर्टिंग सफल रही है, और आप दूसरे व्यक्ति को और अच्छे से जानना चाहते हैं, तो यही समय है डेट पर जाने की कोशिश करने का | ये कुछ तरीके हैं:
- उस व्यक्ति से पूछें की क्या उसके किसी आने वाले दिन के कोई प्लैन्स हैं | मसलन, आप कह सकते हैं, “तो, तुम शनिवार रात को क्या कर रहे हो?” हाँ या ना में जवाब मिलने के बजाय इसे एक ओपन क्वेश्चन की तरह रखे- इस तरह आपको ज्यादा जानकारी मिल जाएगी | ये मत पूँछें की वह “आज रात” या फिर कल क्या कर रहा है | डेट को कुछ दिन बाद की रखें ताकि आप ज्यादा उत्सुक नहीं लगें |
- एक ख़ास मौके का सुझाव दें और पूछें की क्या वह साथ चलना चाहेगा | ये कोशिश तब काम करती है जब आप ग्रुप डेट करने की कोशिश कर रहे हैं | आप कुछ ऐसा कह सकते हैं, “ हम कुछ दोस्त इस शुक्रवार मूवी जाने की सोच रहें हैं, और अगर तुम आओगे तो हमें अच्छा लगेगा |
- सीधी बात करें | अगर आप को पूरा भरोसा है, तो बिना कुछ सोचे धावा बोल दें | मस्लन, आप कुछ ऐसा कह सकते हैं, “में तुम्हें डेट पर ले जाना चाहता हूँ | तुम कब फ्री होगी” ?
संपादन करेंटेक्स्टिंग या चैटिंग से फ्लर्टिंग
- अपनी एप्रोच कास्जुँल रखें: इतने नर्वस नहीं हो जाएँ की ये भी भूल जायें की क्या बात कर सकते हैं | इसके बजाय, शांत रहें और बातचीत को बड़े आराम से शुरू करें | अगर आपने इससे पहले उस व्यक्ति से कभी ऑनलाइन बात नहीं की है, आपको उससे बात करने का कोई बहाना आसानी से मिल सकता है, जैसे आप होमवर्क के बारे में या किसी ऐसी स्पोर्ट्स टीम के बारे में बात कर सकते हैं जिसे आप दोनों पसंद करते है | अगर आप किसी व्यक्ति को पहली बार टेक्स्ट कर रहे हैं, तो ध्यान रहे की उसे ये मालूम हो की आप कौन हैं ताकि वह डर नहीं जाए | टेक्स्ट और चैटिंग के माध्यम से बात शुरू करने के ये कुछ तरीके हैं :
- "Hi, क्या चल रहा है ?"
- "क्या आपने [उस इवेंट की बात करें जिसके बारे में आप दोनों जानते हैं] देखा/सुना ?"
- "तुम्हारा हफ्ता कैसा जा रहा है?"
- अपने बारे में ज्यादा बात नहीं करें: अक्सर ज़्यादातर लोग अपने बारे में ज्यादा बात करना पसंद करते हैं क्योंकि वह एक ऐसा विषय है जिसके बारे में उन्हें काफी कुछ मालूम है | आसान रास्ता चुनकर सिर्फ “अपने” बारे में लगातार, बात करने के बजाय दूसरे व्यक्ति को अपने बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करें | लेकिन, आप बीच में उस व्यक्ति को अपने बारे कुछ बातें बता सकते हैं जिससे उसको आपके बारे में सवाल पूछने में आसानी होगी | उसके बाद उन्हें ये मौका मिल जायेगा की वह ऐसी चीज़ों के बारे में बात करें जिनमें आप दोनों की रूचि है |
- ये तरीका दो तरह से काम करता है: न सिर्फ ये आपकी बातचीत को आगे बढ़ाता है, पर इससे आप अपने क्रश के बारे में और बातें जान सकते हैं |
- ये करने के लिए आपको व्यक्ति के बारे में पहले से जानकारी होना ज़रूरी नहीं है | अगर आप उसे अच्छे से नहीं जानते हैं, तो भी आप पूछ सकते हैं :
- "तुम्हारा दिन कैसा गया?"
- "तो तुम खाली समय में क्या करते है?"
- अगर आप उस व्यक्ति को बिलकुल नहीं जानते, तो उसकी ऐसी किसी रूचि या शौक की बात करें जिसके बारे में आपको पता हो | मसलन, शायद वह बास्केटबाल खेलता है, या वह किताबें पढ़ने का शौक़ीन है | "तुमने कल रात वो गेम देखा?" या "क्या तुमने हाल में कोई अच्छी किताबें पढ़ी हैं?" शुरुआत करने के आसान तरीके हैं |
- ये जान लें की आपको कब ज्यादा जानकारी मांगने की पहल करनी है: आप ज्यादा निजी मुद्दों पर बात किये बिना भी बातचीत को रोचक रख सकते हैं | उदाहरण के तौर पर, अपने क्रश से ये पूछना की क्रॉस कंट्री भागने के बारे में; उसे क्या पसंद है, इतनी जल्दी उससे पारिवारिक रिश्तों या नजदीकी दोस्ती के बारे में पूछना थोड़ा ज्यादा हो जायेगा | आप ये एक मजाकिया या फ्लिर्रटेशीयस तरीके से कह सकते हैं ताकि वह ज्यादा संजीदा नहीं लगे, या फिर ऐसे जैसे आप उसका इंटरव्यू ले रहे हों | ये कुछ तरीके हैं जिनसे आप फ्लिर्रटेशीयस तरीके से और जानकारी पा सकते हैं:
- "तो क्या तुम सारी रात ऑनलाइन बिताना चाहते हो, या फिर तुम्हारे इस शाम की कुछ और रोचक प्लान हैं?"
- "तो क्या तुम आज की रात के गेम में भाग लेने वाले हो?"
- "मेने तुम्हारे प्रोफाइल पिक्चर में उस क्यूट किटी को देखा | तो क्या उसके साथ अपना सारा समय बिताते हो?"
- अपने क्रश को बातचीत की शुरुआत में ही कॉम्प्लीमेंट कर दें: घबरा कर इस कदम को छोड़ नहीं देना- ये मुश्किल लगेगा, पर है बहुत ज़रूरी | एक कॉम्प्लीमेंट का मतलब है की आप डेटिंग में इंटरेस्टेड हैं, और आप फ्रेंड जोन से आसानी से बाहर आ सकते हैं | अगर आप अपने क्रश को कॉम्प्लीमेंट देना भूल जायेंगे और बातचीत को सिर्फ दोस्ताना स्तर पर रखेंगे, तो अगली बार बहुत देर हो जाएगी | ये कुछ कोम्प्लिमेंट्स हैं जिनका आप इस्तेमाल कर सकते हैं :
- अगर आप अपने क्रश को अभी ढंग से नहीं जानते हैं, पर जानना चाहते हैं, तो उस प्रकार का कोम्प्लिम्नेट दें | कुछ ऐसा कहें, “तुमसे बात करना कितना आसान है,” या फिर “मुझे विश्वास नहीं हो रहा की में तुम जैसे रोचक इंसान को जान पा रहा हूँ” |
- बातचीत के दौरान कॉम्प्लीमेंट देने की कोशिश करें | उदाहरण के तौर पर, अगर जिस लड़की को आप पसंद करते हैं वह ये कह रही है की उसका दिन ख़राब बीता, तो आप कह सकते हैं “मुझे आप जैसी खूबसूरत लड़की को दुखी देखना बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा | मैं कैसे मदद कर सकता हूँ?”
- बोल्ड बनें: अगर इनमें से कोई भी सुझाव काम नहीं करता, तो अपने क्रश को एक बोल्ड कॉम्प्लीमेंट दें | इन सब तरीकों और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करें जो आपके क्रश के लिएय उपयुक्त बैठते हों :
- " मुझे उम्मीद है की तुम्हें पता है की तुम बात करने के लिए मेरे सबसे पसंदीदा/सुन्दर/आकर्षक इन्सान हो इत्यादि |"
- "माफ़ करना अगर तुम्हें ये ज्यादा लगे, पर मुझे ये कहना होगा की तुम एक गज़ब/ सुन्दर/ बेहतरीन इत्यादि व्यक्ति हो" |
- ज्यादा जल्दबाजी नहीं दिखाएं: अपनी भावनाओं के साथ जल्द ही कॉम्प्लीमेंट देने की गलती नहीं करें | अगर आप उस व्यक्ति को आपकी भावनाओं के बारे में असमंजस में छोड़ देंगे तो उससे आपका आकर्षण और बढ़ेगा, और एक रहस्यमयी एहसास भी बना रहेगा | आपको ये कोशिश करनी है की व्यक्ति खुद से ये नहीं पूछे की आप उसे पसंद करते हैं की नहीं, बल्कि ये सोचे की आप उसे “कितना” पसंद करते हैं | अगर आप सीधे ये कहेंगे की, “मेरा तुम पर क्रश है” या “मुझे तुम शुरू से ही हॉट लगे हो”, तो आप इस बातचीत से रहस्य को निकाल रहे हैं |
- इसके बजाय, आप कोई टेक्स्ट या मेसेज भेज सकते हैं जैसे, “आज तुम अपने नए स्वेटर में क्यूट लग रहे थे” या फिर कुछ ऐसा जो बिना सब बोले फ्लिरटेशीय्स लगे |
- खुद लुभाने के बजाय अपने क्रश को ये काम करने के लिए मनाएं: हांलाकि फ्लर्टिंग से उस व्यक्ति को पता चल जाना चाहिए, की आप उसे पसंद करते हैं, आपको सारा काम खुद नहीं करना चाहिए | इस के बजाय, आपको उसकी सिर्फ इतनी तारीफ करनी है जिससे उसे पता चल जाए की आप उसमें इंटरेस्टेड हैं, लेकिन वह ये सोचता रहे की आप उसे कितना पसंद करते हैं | ऐसा करने के लिए, कोम्प्लिमेंट्स सब्जेक्टिवेली के बजाय ओब्जेक्टिवेली दें | ये कुछ सब्जेक्टिवेली और ओब्जेक्टिवेली कोम्प्लिमेंट्स के उदाहरण हैं:
- "मुझे तुम्हारी आँखें बहुत पसंद है, वह बहुत खूबसूरत हैं" | सुनने में, ये कॉम्प्लीमेंट बहुत अच्छा लगता है, और शायद इसकी तारीफ भी हो | लेकिन एक रोमांटिक कॉम्प्लीमेंट देने में सदेव “आई लाइक/लव *खूबी डालें*” कहना एक आम गलती है | इससे दूसरे व्यक्ति को लगता है की उसने आपका दिल जीत लिया है | ये तब बढ़िया रहता है जब आपका रिश्ता बहुत मज़बूत हो, पर शुरुआत में ऐसा कहने से आप उसे “बहुत आसान” बना रहे हैं |
- "तुम्हारी आँखें बहुत अच्छी हैं, वह बहुत खूबसूरत हैं" | हांलाकि दोनों वाक्य एक ही बात बोल रहे हैं, दूसरे वाक्य को सुन कर लग रहा की ये बात आप देख कर अपनी राय के तहत कह रहे हैं | इसका मतलब है की आपको वह व्यक्ति आकर्षक तो लगता है पर इस बात को आप सीधे नहीं कह रहे हैं | कायदे से, सुनने वाला ये बात सुनकर खुश होगा और ये जानना चाहेगा की आपको वह कितना आकर्षक लगता है |
- हलके से छेड़ें: क्योंकि आप बॉडी लैंग्वेज का इस्तेमाल नहीं कर सकते, आपको अपने शब्दों से ही माहौल को मस्ती वाला बनाना होगा | शुरुआत में अन्दर के जोक्स (ऐसे मौकों के बारे में जब आप दोनों मोजूद थे), व्यंग्य(“हाँ मुझे मालूम है की तुम सुबह एक राक्षस जैसे दिखते होगे”) और बढ़ा चढ़ा के बोलना(“तुम मेरे से इस काम में लाखों गुना बेहतर होगे”) |
- ये साफ़ कर दें की आप मज़ाक कर रहे हैं | टेक्स्ट पर बात करने का सबसे बड़ा नुकसान ये है की आप शब्दों के पीछे छुपी भावनाओं को नहीं पढ़ सकते हैं | अगर आप किसी को छेड़ कर उसके साथ फ्लर्ट करना चाहते हैं, तो ये ध्यान रहे की आप उसे बता दें की ये एक मज़ाक था | आप इसके लिए विन्किंग स्माइली फेस, आल कैप्स या एक्स्क्लामेशन पॉइंट या इस्तेमाल कर सकते हैं | बस ज्यादा इमोटिकॉन का इस्तेमाल नहीं करें नहीं तो व्यक्ति को अजीब लग सकता है |
- अगर आपने कुछ ऐसा भेज दिया है जिसको गलत समझा जा सकता है, तो उसका अर्थ साफ़ कर दें | “जोक” या “जे के” लिख कर अपने को बचा लें |
- हमेशा अपने क्रश को अपनी और चाहत की उम्मीद के साथ छोड़ें: माना की आप को इस व्यक्ति से काफी समय तक बात करने की इच्छा हो रही होगी लेकिन इससे पहले की बात ठहरने लग जाए(ऐसा हर बातचीत के साथ होता है) आप बात को बंद कर दें | एक अजीब सी चुप्पी से बचने का सबसे आसान तरीका है की उसके होने से पहले ही बातचीत से बाहर आ जायें | अगर आप बातचीत को किसी अच्छे ख्याल के साथ छोड़ेंगे तो आपके बातचीत के साथी को अगली बार की बात का इंतज़ार रहेगा |
- जाने से पहले अगली बातचीत का समय तय कर लें | कुछ ऐसा बोलें “तो में तुम्हें अब कल मिलूंगा?” या “ में तुमसे जल्द बात करूंगा” |
- अगर आप ऑनलाइन बात कर रहे हैं, तो बंद करने से पहले ये लिख दें की आपने बातचीत का मज़ा लिया | ज्यादा पेचीदा नहीं- बस एक सादा सा “ये बहुत बढ़िया था” या “मुझे तुमसे बात करके बहुत मज़ा आया है” काफी है |
- अपने क्रश को ज्यादा कॉम्प्लीमेंट नहीं दें | अगर आप उसकी हर खूबी पर एक कॉम्प्लीमेंट दे देंगे तो उनका अर्थ और महत्त्व कम हो जायेगा | इसके बजाय, उन्हें ऐसी चीज़ों के लिए दें जो उस व्यक्ति के लिए अहम् हैं, जैसे उनकी किसी ख़ास उपलब्धि की तारीफ करना |
- ज्यादा संजीदा नहीं हों: याद रहे की फ्लर्टिंग मस्ती का दूसरा नाम है और अगर आपकी कोशिश सफल नहीं होती तो हिम्मत नहीं हारें- हर बातचीत बिलकुल सही नहीं बैठेगी | पॉजिटिव रहें, और किसी और के साथ कोशिश करें | किसी और चीज़ की तरह ही, फ्लर्टिंग भी प्रैक्टिस के साथ बेहतर होती है | ये भी ज़रूरी नहीं की हर फ्लर्टिंग के अंत में कुछ हो; हर फ्लर्टेशन के अंत में डेट हो ये ज़रूरी नहीं | कई बार, अंत में कुछ होगा इसके बजाय आप सिर्फ मस्ती के लिए फ्लर्ट करते हैं |
- फ्लर्टिंग से आप नए लोगों से मिल, घुलमिलना और खुश रहना सीख सकते हैं | आपको उसको परफेक्ट बनाने के लिए अपने आप पर प्रेशर डालने की ज़रुरत नहीं है |
- फ्लर्टिंग के समय शिकायत नहीं करें | याद रहे, दुनिया सिर्फ आपके इर्द गिर्द नहीं घूमती है | अगर आप ज्यादा शिकायत करोगे, तो बाकी लोगों को आप डीप्रेस्सिंग लगेंगे और वह आप से दूर हो जायेंगे | इसका मतलब ये भी है की आप अपनी खुद निंदा कर रहे हैं जो की हम्बल — सही नहीं है |
- जब आप किसी के साथ फ्लर्ट कर रहे हों तो फ़ोन का इस्तेमाल (टेक्स्टिंग) नहीं करें | इससे ऐसा लगता है की आप किसी और से बात करने में ज्यादा इंटरेस्टेड हैं या फिर आप किसी और के साथ रिलेशन में हैं |
- अगर आप किसी लड़की के साथ फ्लर्ट कर रहे हैं और टच बैरियर तोड़ने के बारे में सोच रहे हैं, तो थोड़ा तमीज से पेश आयें | मसलन, जब वह अपना संतुलन खो रही हो तो आप उसे सहारा दें, जैसे जब वह गाड़ी से उतर या उसमें चढ़ रही हो, या जब वह किसी उबड़ खाबड़ स्थान या पानी के पड्डल के ऊपर से गुज़र रही हो | जब आप अपना हाथ देते हैं तो वह किस प्रकार जवाब देती है? क्या वह जल्दी हाथ में हाथ देती है ? या फिर वह हाथ छुड़ाने की जल्दी में है ?
- तब किसी के साथ फ्लर्ट नहीं करें, यदि आपकी उसमें रोमांटिक तौर पर रूचि नहीं हो, हाँ अगर आपको मालूम है की 100% उसकी भी रूचि नहीं है तो आप ऐसा कर सकते हैं | नहीं तो, आप उनकी उम्मीद बढ़ा देंगे, जिससे आपको बाद में शर्मिंदगी या अनुचित व्यव्हार का सामना करना पड़ सकता है |
- फ्लर्टिंग हर जगह सही नहीं रहती | मसलन किसी के अंतिम संस्कार में आप फ्लर्ट नहीं कर सकते | वर्कप्लेस में भी आप फ्लर्टिंग नहीं कर सकते | अगर आप वर्क पर फ्लर्ट करते हैं, तो अपना सबसे बेहतरीन व्यव्हार पेश करें, और यदि व्यक्ति इंटरेस्टेड नहीं है तो बात को आगे नहीं बढ़ाएं |
- स्थान के मुताबिक फ्लर्टिंग करें | किसी लाइब्रेरी या डांस हॉल में मिलने से, शायद ज्यादा बातचीत नहीं हो पाए | ऐसी स्थिति में, मुस्कुराएं, रूचि दिखाएं, और उसके बाद कहीं मिलने का कार्यक्रम तय कर लें | लेकिन, किसी भी सूरत में, उनके पीछे इसलिए नहीं घूमें की आप उनसे बात करने में सकुचाते हैं; इससे वह आपसे डर सकता है | जो पहला मौका मिले उनसे बात कर लें |
- अगर आपको किसी का नंबर मांगने में शर्म लग रही है, तो उसे अपना नंबर दे दें | अगर वो आप में इंटरेस्टेड हैं तो वह आपको कॉल करेंगे | आप उसे अपना ईमेल एड्रेस भी दे सकते हैं |
- कुछ मौकों पर, फ्लर्टिंग को गलत माना जाना सकते हैं | बिना मतलब का फ्लिर्रटेश्यीयस व्यहवहार योन शोषण की श्रेणी में आता है | योन शोषण उसके पीड़ित को मानसिक तौर पर प्रभावित करता है, हो सकता है ये आपके स्कूल या वर्कप्लेस के नियमों के हिसाब से गैरकानूनी हो |
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October 31, 2018, 10:00 pm
अक्सर ऐसा होगा की आपको अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार की मुसीबत के समय में मदद करने के लिए जाना पड़े | हम सभी थोड़ी देर तक तो मदद करने के लिए आसानी से तैयार हो जाते हैं | लेकिन अगर आप अपने को ऐसी स्थिति में पाएं की मेहमान लम्बे समय तक रुक जाए, तो बिना ड्रामा के उन्हें निकालना थोड़ा मुश्किल हो सकता है |
- सोचें की आप क्यूँ चाहते हैं की वह चले जाएँ: किसी भी बातचीत को शुरू करने से पहले ये ज़रूरी है की आप अपने मन में वजह सोच लें | ऐसे कोई समझौतों के बारे में सोचें जो शुरुआत में आपके बीच हुए होंगे, या कोई ऐसे वादे जो कीये/तोड़े गए | स्थिति और उनके मोजूदा बर्ताव को समझें, और उस हिसाब से अपनी वजह तय करें | वैसे “मुझे तुम्हारे साथ रहना अच्छा नहीं लगता है” एक वाजिब वजह है किसी को जाने के लिए कहने के लिए, आपको उसके साथ और जानकारी जैसे, “आप कभी बर्तन साफ़ नहीं करते”, या “आपने महीनों पहले जाने को कहा था” इत्यादि जोड़ सकते हैं |
- जो भी मुद्दे हुए हैं उनको तारिख के साथ लिखते जाएँ | अगर स्थिति कठिन होने की उम्मीद है तो आपको उनको व्यव्हार की विस्तृत जानकारी लिखनी ज़रूरी है |
- ये बातचीत आसान नहीं होगी, ये भी हो सकता है इससे आपके रिश्तों में दरार पड़ जाये | लेकिन आपस में इतनी समस्याओं और मुद्दों के साथ रहने से भी आपकी दोस्ती प्रभावित होती है, इसलिए अगर वो ज्यादा देर रुक गए हैं तो आपको एक फैसला लेना ही पड़ेगा |
- अगर आपने उनके घर में आने से पहले कुछ नियम बांधे थे, तो इस बातचीत को आगे बढ़ाने में इतनी तकलीफ नहीं होगी | आपके घर में किसी के आने से पहले अपनी उम्मीदों के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साईग्न करवा लेना सही रहता है |
- धीमी और इज्ज़तपूर्वक लहजे में बात करें: हांलाकि अब तक परेशान, दुखी या तंग हो चुके होंगे ये बेहतर होगा की आप सीधे गुस्से में आकर कोई अनावश्यक मांगे नहीं रखें | आप क्यूँ चाहते हैं की वह चले जांयें वह सारे कारण बताएं, और उन्हें ये भी समझाएं की ऐसा करना आपके लिए कितना मुश्किल है | उनसे ऐसे बात करें जैसे आप अपने कोवर्कर से करेंगे, मतलब बिना गुस्से की सिर्फ मुद्दे की बात |
- कहें, "हमें तुम्हें अपने साथ रख कर मज़ा तो बहुत आया, लेकिन अब हमें हमारी जगह वापस चाहिए और इसलिए तुम्हें दो हफ़्तों में यहाँ से जाना होगा” |
- हो सकता है वो किसी वजह से आपके साथ रह रहे हों, आपको इसके लिए उन्हें समय से भेजने के लिए कम्युनिटी असिस्टेंस सर्विसेज के बारे में पता करना होगा | अगर ऐसा हो की यहाँ से जाने से उनको सड़क पर या कार में जिंदगी बितानी पड़ेगी तो आपको किसी इमरजेंसी सर्विस का पता करना होगा | ऐसा करने से उन्हें अस्थायी तौर पर घर मिल सकता है |
- जो वजहें आपने पहले सोची थीं उन पर टिके रहें: अगर कोई समस्या रही है या उन्होनें कोई वादे तोड़े हैं, तो आपको उन्हीं याद दिलाना होगा की कैसे उन्होनें अपनी तरफ से वादा नहीं निभाया और अब उन्हें नयी जगह ढूंढ लेनी चाहिए |
- विस्तार से, निजी कारणों में नहीं जाते हुए उन्हें जाने की वजह के लिए उदहारण दें: ऐसे मत कहिये की “क्योकि में तुमसे नफरत करता हूँ” या “क्योकि तुम आलसी” हो | उनको बेइज्ज़त करने से बेहतर हैं की आप उन्हें ठोस उदाहरण दें | यहाँ पर एक सूची मददगार साबित होगी | अगर उनके साथ बहुत सारे मुद्दे हुए हैं, तो हर एक घटना को तारिख के साथ लिखें | अगर वो पूछें “क्यों” तो 2 -3 ऐसे घटनाएं बताएं जब उन्होनें वादे तोड़े हैं या आपके लिए मुश्किल बड़ाई है |
- जहाँ तक हो सके उन्हें जाने के लिए कहने के उनकी कमियों के बजाय अपनी वजहों पर जोर दें | "हमें ज्यादा जगह चाहिए," "हम तुम्हें यहाँ और रखना अफ्फोर्ड नहीं कर सकते," इत्यादि |
- एक पक्की तारीख बताएं जब उन्हें जाना चाहिए: उन्हें ये कहेंगे की उन्हें आज रात ही जाना है तो उससे चिंता बढ़ सकती है, क्योंकि आपके दोस्त या रिश्तेदार के पास जाने के लिए कोई और स्थान नहीं होगा | इसके बजाय, एक ऐसी तारीख चुनें जिस तक उन्हें जाना ज़रूरी है और ये कहें की ये आखरी डेडलाइन है | सामान्यतः, उन्हें कम से कम 1-2 हफ़्तों का वक़्त, या फिर महीने के अंत तक का समय दें ताकि उन्हें अगली जगह चुनने का वक़्त मिल जाए |
- "में चाहता हूँ की तुम अप्रैल 20 तक यहाँ से पूरी तरह से चले जाओ" |
- अगर उनके पास कोई लाज़मी वजह है की वह तारीख क्यों उचित नहीं है, तो आप उनसे बात कर के कोई बेहतर तारीख तय कर सकते हैं | लेकिन, 3-5 दिन से ज्यादा तारीख को नहीं बदलें |
- रिश्तों के बीच मधुरता रखने के लिए विकल्प और आवश्यक जानकारी ढूंढ कर रखें: अगर आपके पास सुविधा है तो अपने मेहमान के घर बदलने को आसान बनाने के लिए कुछ आईडिया सोच कर रखें | आप उन्हें बातचीत के समय सामने ला सकते हैं ताकि उन्हें लगे की उन्हें जाना तो है पर और विकल्प भी हैं | हो सकता है की आपके दिए आईडिया को वो ख़ारिज कर दें, पर ये एहसास की आपको उनकीं चिंता है वह इस बात के दुःख को कम कर देगा |
- अपने फैसले को लेकर अडिग, साफ़ और सटीक रहें: एक बार अपने सोच लिए की उन्हें बाहर भेजना है, तो अपनी बात पर टिके रहें| ये बातचीत पेचीदा हो सकती है, और चाहे आप कितनी भी कोशिश कर लें भावनाओं को चोट लग सकती है | आपको अपने फैसले पर फिर भी अडिग रहना हैं | अगर आपका साथी आपको आपका फैसला बदलने को कहता हैं, तो वह ये मान लेंगे की वह बिना बदले नियम और वादों को तोड़ सकते हैं | अगर बात इतनी बिगड़ गयी है की आपको उन्हें बाहर भेजना पड़ रहा है, तो आपको उन्हें भेजना ही है |
- ये समझें की इससे आपका रिश्ता भी ख़राब हो सकता है: अपने दोस्त या रिश्तेदार को बाहर निकालना तनावपूर्ण काम है, और हो सकता है इस बात की वजह से आपके आपसी रिश्ते ख़राब हों | अंत में, आपको ये समझना ज़रूरी है की उन्हें ज्यादा दिन तक अपने घर में रखने से भी आपका रिश्ता ख़राब हो रहा है | अगर आपमें सदा लड़ाई रहती है, आपका दोस्त/रिश्तेदार आपका फायदा उठा रहा है, या आप दोनों के विचार मेल नहीं खाते, तो एक छत के नीचे रहने से रिश्ता और बिगड़ेगा | लेकिन, रिश्ते को बनाये रखने के लिए कुछ तरीके इस्तेमाल किये जा सकते हैं | आप ऐसा कर सकते हैं:
- उन्हें नयी जगह या नौकरी ढूँढने में सहायता करें |
- तनाव वाली स्थितियों में भी गालियाँ देने से बचें | अगर वो गुस्सा हैं, तो भी आप शांत रह कर ये बताएं की क्यों आपके लिए ये ज़रूरी है की वह नयी जगह ढूंढ लें | गालियाँ देना नहीं शुरू करें |
- मिलने का वक़्त तय करें, डिनर पर उन्हें आमंत्रित करें, और एक दूसरे के साथ दोस्ती का सम्बन्ध बनाये रखें |
- अगर आप में बड़ी लड़ाई हुई है, या किसी भी बात पर आप दोनों में सहमती नहीं हो रही है, तब रिश्ता तोड़ देना ही बेहतर होगा |
संपादन करेंकानूनी तौर पर लोगों को निकालना
- उन्हें एक सर्टिफाइड लैटर भेज कर 30 दिन में घर खाली करने को कहें: वैसे तो मेहमान, किरायदार की श्रेणी में नहीं आते हैं, फिर भी कुछ किरायदार-मकान मालिक के नियम इस रिश्ते पर लागू हो सकते हैं यदि वह आपके साथ 30 दिन से ज्यादा रह चुके हैं |[१]किसी वकील से बात करें जो आपको एविक्शन नोटिस बना कर भेजने में मदद करेगा | अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए एक लिखित चेतावनी पहले से देना सही रहता हैं |
- इस चेतावनी से वह कानूनन तौर पर “मर्ज़ी किरायदार(एट-विल टेनेन्ट)” घोषित हो जायेंगे | आपको ये स्टेटस कानूनी कारवाई करने के लिए चाहिए होगी इसलिए इस कदम को नहीं छोड़ें |
- ध्यान दें की लैटर में कैसी भाषा का इस्तेमाल हो रहा है ताकि वह टेनेन्ट नियमों की मदद से खुद को निकाले जाने से बचा नहीं सकें | अपने देश के नियम देखें, और ये साफ़ कीजिये, की आपका उस व्यक्ति से किस प्रकार का रहने का समझौता हुआ था, ख़ास तौर से अगर वह किराया नहीं दे रहे हैं |
- अपने स्थानीय कोर्ट में ऑफिशियल टेनेन्ट एविक्शन आर्डर फाइल करें: अगर वह तब नहीं घर छोड़ेंगे, तो आप उन्हें कोर्ट तक ले जा सकते हैं | अगर उन्होनें राशन अथवा किसी बिल का भुगतान किया है, तो कायदे से वह “मर्ज़ी किरायदार(एट-विल टेनेन्ट)”बन जाते हैं, और तब उन्हें कानूनी दांव पेच से निकलवाना भी मुश्किल हो जायेगा |[२]अगर उन्होनें पहली लिखित चेतावनी को नज़रंदाज़ कर दिया है, तो आपको अपने स्थानीय डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एविक्शन प्रोसीडिंग्स दर्ज कर के उन्हें बाहर करना होगा |[३]
- अगर आप कोर्ट आर्डर देने वाले हैं, तो आपके पास बेजोड़ वजहों की सूची (“जस्ट कॉज फॉर एविक्शन”)और लीज और अन्य अग्रीमेंट की कॉपी तैयार होनी चाहिए |
- सामान्यतः, आपके लैटर में वो स्थान का ज़िक्र होना चाहिए जहाँ आप उनके सामान को रख देंगे यदि वह खुद नहीं जाते, साथ ही वह तारीख भी जब आप उनके सामान को अपने घर से हटा देंगे |[४]
- ताले तभी बदलें यदि आपको अपनी सुरक्षा की चिंता हो: अगर आप अचानक एक “मर्ज़ी किरायदार(एट-विल टेनेन्ट)” को लॉक आउट कर देंगे, खास तौर से अगर उनका सामान घर में ही है, तो आपको महंगे सिविल केस या कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है | किसी मेहमान के लिए ताले बदलने से वह आपको गलत परिस्थितियों में जेल भी करवा सकता हैं ख़ास तौर से जब उसकी वजह से उन्हें तकलीफ हुई है या वह अपनी प्रॉपर्टी तक नहीं पहुँच पा रहे हैं | वैसे भी ऐसा करने से तनाव और बढ़ेगा और मुद्दा भयानक रूप ले सकता है |[५]
- एक बार आपके पास कोर्ट आर्डर आ जाये, और/ या आपने पुलिस को खबर दे दी है की आपको अपनी सुरक्षा की चिंता है, आप सुरक्षित तरीके से अपने ताले बदल सकते हैं |
- अगर वह फिर भी जाने से इनकार करें तो पुलिस को फ़ोन करें: जब तक वह घर के लाजमी सदस्य नहीं है, उनकी मेल(mail) आती हो या वह लीज़ पर हैं, आप उन्हें “घुसपैठीया” करार कर घर से निकलवा सकते हैं | ज़ाहिर तौर पर, पुलिस को तभी बुलाया जाता है जब स्थिति काफी गंभीर हो, और 100 नंबर का ज़िक्र सुनते ही व्यक्ति खुद घर से चला जाता है | कुछ पुलिस अफसर ऐसे मामलों में पड़ने से मना कर देते हैं | लेकिन, अगर आपने कोर्ट में एविक्शन के लिए लैटर जमा कर दिया है तो वह आपके मेहमान को घुसपैठीया मान कर घर से निकाल देंगे |
संपादन करेंमहमानों के लिए नियम तय करना
- शुरू से ही नियम और हदें तय कर लें: अगर आपको लग रहा है की कोई मेहमान कम घर का सदस्य ज्यादा बनता जा रहा है, तो जल्द से जल्द कुछ नियम तय कर लें | इससे आपको जब उन्हें बाद में निकालना पड़े तब के लिए कोई बेहतर वजह मिल जाती है—आप इमोशनल हुए बिना पहले तय किये इन नियमों के बारे में कह सकते हैं |
- पहले हफ्ते में ही अपनी उम्मीदें तय कर लें | क्या उन्हें किराया देना पड़ेगा? क्या उन्हें नौकरी के लिए इंटरव्यू देने की ज़रुरत है ? अगर वो आपके साथ रहना चाहते हैं तो उनके साथ पहले से ही ये बातें तय कर लें |
- एक लिखित और हस्ताक्षर किया हुआ इनफॉर्मल कॉन्ट्रैक्ट आसान तरीका है नियम और गाइडलाइन और आपस की उम्मीदें तय करने का | अगर आप इस डॉक्यूमेंट को नोटरायिज़ कर दें तो और बेहतर होगा | काफी बैंक अपने ग्राहकों को नोटरी की सुविधा मुफ्त में देती हैं |
- उनके जाने की तारीख तय करें: उन्हें जाने के लिए कहने से पहले, बैठ कर उनसे एक बार बात करे लें की वह कब जाने की सोच रहे हैं | फैसला उन पर छोड़ दें, क्योंकि फिर वह तय की गयी तारीख से मुकर नहीं पाएंगे | अगर उनके दिमाग में कोई तारीख नहीं है, तो आप दोनों मिल कर तय कर लें | कुछ ठोस सोचें, जैसे जब “उन्हें नौकरी मिल जाए” या “6 महीनों के बाद” |
- अगर उन्हें नौकरी चाहिए, तो साथ मिल कर कुछ लक्ष्य तय कर लें जो उन्हें पाने हैं—हर दिन एक नौकरी के लिए अप्लाई करना, रिज्यूमे दोबारा लिखना इत्यादि | ये ध्यान दें की वो वाकई नौकरी ढूंढ रहे हैं भी या सिर्फ मुफ्त चीज़ों का आनंद ले रहे हैं |
- अगर आपको इस बात पर दुविधा है की उन्हें आपके साथ रहना चाहिए की नहीं, तो एक ट्रायल पीरियड तय करें | जब वह रहने आयें तो आप उन्हें कहें की उनके पास रहने के लिए 2-3 महीने हैं, जिसके बाद आप निश्चित नहीं हैं की वह और रह पाएंगे |[६]
- जैसे जैसे समस्याएं बढें उनके बारे में लिखते रहें: अगर आपका दोस्त या रिश्तेदार नियम तोड़ रहा है, आपकी बेईज्ज़ती कर रहा है या अपने वादों से पीछे हट रहा है तो एक नोटबुक में हर घटना डेट और समय के साथ लिखें | फिर, ऐसा करने से आप जब उनसे बात करेंगे तो आपके पास दुख भरी पुकार और बेकार की बातों के बजाय कुछ मुद्दे होंगे |
- इसे जितना कम निजी रखें उतना बेहतर | किसी को जाने के लिए कहने से दोस्ती नहीं टूटनी चाहिए, खास तौर से अगर आप अपनी वजहों को भावनाओं के बजाय तथ्यों पर आधारित करेंगे |
- उन्हें दुबारा से अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करें: कुछ लोग थोड़े से ही प्रोत्साहन से जिंदगी में आगे बढ़ जाते हैं | जब वह नौकरी के लिए अप्लाई करें तो उनके रिज्यूमे और कवर लैटर पढ़ें, उनके साथ ओपन हाउस में जाएँ, और उन्हें स्वतंत्र बन पंख फ़ैलाने में उनकी मदद करें | अगर आप किसी को आत्मनिर्भर बनने में मदद करेंगे तो वह बिना किसी लड़ाई के चले जायेगा |
- उनके लक्ष्य और वादों की साथ में नियमित तौर पर समीक्षा करें, और उन्हें हासिल करने में उनकी सहायता करें |
- अगर आप उनके घर बदलने में उन्हें फाइनेंस कर दें, तो ये उनको आगे बढ़ने देने में मदद करेगा |[७]
- हर कीमत पर भावनाओं को नियंत्रण में रखें | यहाँ लक्ष्य लड़ाई करना नहीं बल्कि इस पर बातचीत करना है आपकी इच्छा क्या है और कैसे आपके मेहमान को उनका मान रखना चाहिए |
- ज़्यादातर, हर किसी को ये बातचीत आमने सामने एक दूसरे से करनी चाहिए | ज्यादा लोगों के होने से वह अपने को घिरा हुआ महसूस करेंगे और वापस हमला कर सकते हैं |
- ध्यान रहे की एविक्शन की बात के समय आपके मेहमान के पास आपका कोई कीमती सामान नहीं हो |
- ये सुनिश्चित करें की आप गुस्सा नहीं है | अगर आप किसी घटना या स्थिति को लेकर अभी तक गुस्से में हैं तो बात शुरू करने से पहले खुद को शांत कर लें |
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November 1, 2018, 10:30 pm
अपनी गर्लफ्रेंड के साथ में बातचीत जारी रख पाना काफी मुश्किल काम हो सकता है, खासकर कि तब, जब आप दोनों ही इस तरह से फोन पर लंबे समय तक बातचीत करने के आदी न रहे हों।
वैसे तो किसी को भी बिना देखे, उसके हाव-भाव से मिलने वाले संकेतों, जैसे कि उसके चेहरे के भाव और बॉडी लेंग्वेज को देखे बिना प्रतिक्रिया दे पाना या ऐसे में जबकि आपको ऐसा फील हो कि आपके पास में बात करने के लिए कुछ ज्यादा नहीं है, तो बातचीत के टॉपिक्स को ढूंढ पाना काफी मुश्किल होता है। वैसे तो अपनी ही गर्लफ्रेंड से बात करना, आपके लिए इतना भी चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। असल में, कुछ ज़रा सी जानकारी और अच्छे एटिट्यूड के साथ, आप खुद ही आगे बढ़ते जाएंगे।
संपादन करेंबात करने लायक चीजों को तलाशना (Finding Things to Talk About)
- ओपन-एंडेड सवाल करें: ये किसी भी इंसान के साथ में अच्छी बातचीत जारी रखने का एक अच्छा तरीका है, जिसमें आपकी गर्लफ्रेंड से लेकर आपके ग्रैंडफादर तक, आपसे मिलने वाले हर एक तरह के लोग शामिल हैं। ज़्यादातर लोगों को खुद के बारे में बातें करना बहुत अच्छा लगता है, और अगर आप उनके लिए इस तरीके से बातचीत करने के एक ऐसे दरवाजे को खोल देते हैं, जिससे ज़्यादातर लोग जरूर गुजरेंगे।[१] उससे बहुत ज्यादा ओपन-एंडेड सवाल करें, और हाँ या न वाले जवाब मिलने की उम्मीद वाले सवाल न करें। ऐसा करने का मकसद यही है, आप उससे कुछ ऐसी बातें पूछें, जिसका जवाब नेचरली बहुत बड़ा हो और उसे ऐसा न लगे, कि वो इंटरव्यू में बैठी हुई है।
![Keep a Phone Conversation Going with Your Girlfriend Step 1 Version 3.jpg]()
- उसके पूरे दिन के बारे में पूछें। ये शुरुआत करने का सबसे स्पष्ट तरीका है। जब भी किसी से “आपका आज का दिन कैसा रहा?” पूछा जाता है, तो ज़्यादातर लोग इसके बारे में ज्यादा कुछ सोचे बिना, बस “बहुत अच्छा रहा” कहकर निकल जाते हैं। इससे आपको आगे बढ़ने लायक कुछ नहीं मिलेगा। इसकी बजाय, कुछ और ज्यादा स्पष्ट, जैसे कि, “क्या आज तुमने कोई रोचक काम किया?” या “क्या तुम आज सुबह आए तूफान से पहले ही काम पर लग गई थी?” पूछकर देखें। हालांकि इससे आपको कोई बहुत मनोरंजक बात करने तो नहीं मिल जाएगी, लेकिन इससे आप दोनों ही आसानी से बात जरूर करना शुरू कर देंगे।
- आप दोनों ही की मिलती-जुलती रुचियों और समानताओं के बारे में बात करें। हो सकता है, कि आप और आपकी गर्लफ्रेंड की बहुत सारी रुचियाँ एक-दूसरे से मिलती हों। ये किसी ऐसे विषय को सामने लाने का एक बहुत अच्छा तरीका है, जिसके ऊपर आप-दोनों ही अपनी तरफ से सवाल रखते हुए बातचीत कर सकें। उससे किसी ऐसे टीवी शो के लेटेस्ट एपिसोड के बारे में पूछें, जो आप दोनों को ही पसंद है या फिर क्या उसने आप-दोनों के पसंदीदा लेखक का इंटरव्यू देखा है, या फिर उससे ऐसी ही और किसी चीज़ को ऊपर बात करें, जो आपको और उसे भी अच्छी लगती है।
- उससे मदद या सलाह माँगें। ऐसा जरूरी है, कि आपकी गर्लफ्रेंड को जब भी अपनी बात सुनाने के लिए किसी की जरूरत हो, या अपने आँसू बहाने के लिए किसी कंधे की जरूरत हो, तो आपको अपनी तरफ से उसे सहानुभूति देना चाहिए, लेकिन अगर उसे ऐसा फील होता है, कि आप तो कभी उससे मदद नहीं माँगते, तो वो शायद इसे एक बोझ समझने लगेगी। बात भी सही है, कोई भी इंसान किसी ऐसे इंसान के साथ डेट नहीं करना चाहेगा, जो एक इमोशनल रोबोट है, और जिसे कभी मदद ही नहीं चाहिए होती। अगर आपको कोई परेशानी नहीं है, तो जबरदस्ती में ऐसे ही किसी समस्या को न गढ़ लें, लेकिन अगर आप किसी बात को लेकर परेशान हैं, तो ऐसे में उससे सलाह लेने से बिल्कुल न घबराएँ।
- उससे पूछें, कि जब वो 7 साल की थी, तब वो बड़ा होकर क्या बनना चाहती थी। वैसे तो ये एक ज़रा अजीब सा सवाल है। लेकिन इससे उसे ऐसा फील होगा, कि आप उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने में रुचि ले रहे हैं और साथ ही आपको भी एक नया नजरिया मिल जाएगा।[२]
- आपके दिन के बारे में कोई छोटी सी स्टोरी सुनाएँ: अगर आज के दिन में आपके साथ कुछ बहुत फनी और मजेदार हुआ है, तो उसे इसके बारे में जरूर बताएँ। ऐसा करते वक़्त, ऐसा भी हो सकता है, कि आप परिस्थिति में बहते चले जाएँ और कुछ बहुत अजीब बात कहने लग जाएँ, तो जहां तक हो सके, अपनी तरफ से शिकायतों की झड़ी लगाने से बचें।
- कोई प्लान बनाएँ या उस पर चर्चा करें: उन सारी मजेदार चीजों के ऊपर बात करें, जो आप-दोनों मिलकर इस वीक कर सकते हैं। अगर आपके पास में पहले से ही एक प्लान तैयार रखा है, तो फिर उससे उस प्लान के लिए अपने उत्साह के ऊपर बात करें, या फिर उसके सामने उस प्ले के ऊपर कोई बात छेड़ दें, जो आप दोनों देखने जाने वाले हैं। इससे न सिर्फ आप दोनों को एक्साइटेड होने में मदद मिलेगी, बल्कि उसे इस बात का भी अहसास हो जाएगा, कि वो आपकी लाइफ का कितना अहम हिस्सा है।
- आपके लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं को उसके साथ में शेयर करें: ऐसा नहीं है, कि आपको पूरी बातचीत में बस अपनी ही तरफ की बातें करते रहना है, लेकिन कोई भी किसी ऐसे इंसान को डेट नहीं करना चाहेगा, जिसकी लाइफ में कोई जुनून ही नहीं। उसे आपकी कुछ इच्छाओं और सपनों के बारे में बताएँ।
- गॉसिप करें: आपकी चर्चा में एक हिस्सा गॉसिप का भी होना चाहिए और आपको किसी के भी बारे में बहुत ज्यादा पर्सनल या बुरी बात भी नहीं बोलना है, लेकिन अगर आपको कहीं भी ऐसा लगता है, कि आपकी बातें अब यहीं रुकने वाली हैं, तो ऐसा करने से आप वापस अपनी जगह पा सकते हैं। दुनिया में ऐसे बहुत कम ही लोग हैं, जिन्हें किसी के ऊपर गॉसिप करना पसंद न हो।[३]
- फॉलो-अप करें: उसे किसी ऐसी बात की याद दिला दें, जो उसने कभी आपको बाद में बताने के लिए कहा हो, इससे उसे ये समझ आएगा, कि आप भी उसमें रुचि ले रहे हैं। इससे क्या होगा कि अगर आपके बीच में चल रही किसी चर्चा की रफ्तार धीमी हो जाती है, तो आप उसके सामने एक बिल्कुल ही नया टॉपिक लाकर, खुद को बचा सकते हैं।
संपादन करेंसहानुभूति के साथ सुनना (Listening Empathetically)
- उसे समझने की कोशिश करें: इस तरह से ध्यानपूर्वक सुनने को “एक्टिव रूप से सुनना (active listening)” या “विचारशील रूप से सुनना (reflective listening)” भी कहा जाता है। जो कि किसी को सुनने और उस पर प्रतिक्रिया देने का एक ऐसा तरीका है, जिसमें बोलने वाले इंसान को समझने की ओर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। ये शायद एक ऐसी सबसे जरूरी कला है, जिसे आपको ग्रहण करना चाहिए। गर्लफ्रेंड के साथ में की जा रही आपकी ये बातचीत न सिर्फ आसानी से और नेचरली खुद-ब-खुद आगे बढ़ती जाएगी, बल्कि इससे उसे ऐसा अहसास होगा, कि उसे सच में देखा और सुना जा रहा है, और इससे आप दोनों जरा ज्यादा करीब भी आ जाएँगे।[४]
- उस की तरफ ध्यान दें: किसी भी मजबूत रिश्ते में, इससे जुड़े हुए लोगों के बीच में बातचीत के लिए एक महत्वपूर्ण जगह होना बहुत जरूरी है। ऐसा कहा गया है, कभी-कभी आपको दूसरे की अपेक्षा जरा ज्यादा ध्यान और सपोर्ट की जरूरत पड़ती है। संवेदनशीलता के साथ में सुनने वाले इंसान में ऐसी काबिलियत होती है, कि जब भी सामने वाले इंसान को जरूरत हो, तो वो अपने द्वारा बोली जाने वाली बात को, सामने वाले के द्वारा नज़रअंदाज़ करने देता है, वो भी अपने खुद के इगो को बीच में लाए बिना।
- सच में उसकी तरफ पूरे दिल से ध्यान दें: आप इसका दिखावा नहीं कर सकते, तो इसलिए ऐसा करने की कोशिश भी न करें। आपके द्वारा सामने वाले की बातों को सुनना भूले बिना, आपके लिए उसकी बातों के ऊपर दिये जाने लायक जवाब की तलाश में जुट जाना बेहद आसान है। इसका पूरा अर्थ संवेदनशीलता का अंत ही है। वो जो कुछ बोलना चाहती है, उसे बिना बीच में रोके बोलने दें।
- कुछ ऐसी ओपन-एंडेड, नॉन-जजमेंटल प्रतिक्रिया दें, जो दर्शाती हैं कि आप सुन रहे थे: बिल्कुल कभी-कभी ये उतना ही आसान होता है, जितना कि उसे कहना कि “ये सुनने में बहुत बुरा लग रहा है। मुझे मालूम है, कि तुम्हें तुम्हारे डॉग से कितना प्यार था।” इससे उसे ऐसा पता चलता है, कि आप उसे सुन रहे हैं और आपको उसके लिए फील भी हो रहा है, और आप उसे और भी बोलने के लिए भरपूर मौका दे रहे हैं।
- उसकी फीलिंग्स को वापस उसके सामने दोहराएँ: अगर वो आपको, उसके फ्रेंड्स के साथ में हुए झगड़े की कहानी सुनाती है, तो ऐसे में कुछ ऐसा बोलने से बचें, “ऐसा लग रहा है, कि तुम्हारे फ्रेंड्स एकदम बेवकूफ हैं। उन्हें तुम्हारी अच्छाई की कोई कद्र ही नहीं है।” आपको ये प्रतिक्रिया देने का थोड़ा सा सपोर्टिव तरीका जरूर लग सकता है, लेकिन सच्चाई तो ये है, कि वो अपने फ्रेंड्स से प्यार करती है, और उनके लिए आपकी तरफ से किया गया कोई भी कमेंट, वापस आपको ही परेशानी में डाल सकता है। इसकी जगह पर कुछ इस तरह से प्रतिक्रिया देने की कोशिश करें, “ऐसा लग रहा है, कि तुम उसके तुमसे इस तरह से बात करने को लेकर बहुत दुखी हो।” आपकी कही हुई इस बात से उसकी फीलिंग्स को वैधता मिल जाएगी, वो भी बिना किसी पर दोष डाले, और बिना माँगी सलाह दिये बिना।
- उसे और ज्यादा बात बताने के लिए बुलाएँ: कुछ इस तरह के वाक्य का इस्तेमाल करें, जैसे कि “मुझे इसके बार में कुछ और भी बताओ,” “मैं इसके बारे में और ज्यादा सुनना चाहता हूँ,” “तुमको कैसा फील हो रहा है?” या “फिर तुमने क्या किया?” ऐसे बोलते रहने से, उसे आपके साथ में और ज्यादा शेयर करने की प्रेरणा मिलेगी।
संपादन करेंमददगार या सपोर्टिव होना (Being Supportive)
- उसके द्वारा पहले कभी बताई, किसी बात के ऊपर सवाल करें: इससे उसे ऐसा लगेगा, कि आप सच में उसके द्वारा बोली जाने वाली बातों पर ध्यान देते हैं, और आप भी उन सारी चीजों की परवाह करते हैं, जो उसके लिए जरूरी हैं। उससे कुछ ऐसा पूछकर देखें, “क्या तुम्हारा बॉस आज भी उतना ही खडूस था?” या “तुम्हारी माँ अब कैसा फील कर रही हैं?” या “तुमने वो बुक पूरी पढ़ ली, जिसे तुम बहुत दिलचस्पी से पढ़ रही थी?”[५]
- वो जब तक आपसे कोई हल ना मांगे, तब तक उसे कोई सुझाव न दें: ज़्यादातर पुरुष अक्सर ही किसी परेशानी के हल का प्रैक्टिकल तरीका बताने के लिए, अपनी किसी परेशानी का उदाहरण देने लगते हैं। वहीं दूसरी तरफ, ज़्यादातर महिलाएँ, किसी भी समस्या के लिए प्रैक्टिकल सुझाव की बजाय, हमदर्दी की आशा रखती हैं। जब भी आपकी गर्लफ्रेंड आपको किसी ऐसी परेशानी के बारे में कुछ बताती है, जिससे वो काफी परेशान है, तो आपके मन में सबसे पहले उसके हल सुझाने का ख्याल आएगा। इसे बिल्कुल न मानें। इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है, कि वो आपके साथ बात शेयर करके सिर्फ अपना दिल हल्का करना चाह रही है। अगर उसको आपकी सलाह चाहिए होती, तो वो सीधे आपसे माँग लेती। तब तक के लिए, ऐसा मानकर चलें, कि वो सिर्फ आपकी तरफ से संवेदना चाहती है और चाहती है, कि उसे कोई समझे।[६][७]
- दर्शाएँ, कि आप भी उसकी कही बातों से कहीं न कहीं संबन्धित हैं: ये जरूरी नहीं, कि ये सारी परिस्थितियों पर लागू ही होगा, लेकिन कभी-कभी एक ऐसी कहानी बताना, जब आपने भी ऐसी ही किसी परिस्थिति का सामना किया हो, इससे उसे उसके अनुभव के सही होने की पुष्टि हो जाएगी और उसे ज़रा कम अकेलापन भी महसूस होगा। हालाँकि इसे बहुत ज्यादा भी न खींच दें। आपको उसे एकदम किनारे करके, सारी चर्चा का विषय खुद को नहीं बना डालना है।
- उसकी फीलिंग्स को गलत साबित न करें: कभी भी ऐसी कोई बात न बोलें, जैसे कि, “तुम ओवर-रिएक्ट कर रही हो,” “इतना घबराने की कोई जरूरत नहीं,” “तुमको कल अच्छा फील होगा,” “ये उतना ज्यादा भी बुरा नहीं है,” या “इसमें इतना दुखी होने वाली क्या बात है।” फिर चाहे आपको उसकी तरह फील हो या न हो, एक इमोशनल प्रतिक्रिया देना ही सही रहेगा, इससे उसकी फीलिंग्स नहीं बदल जाएंगी। उसकी भावनाओं को कम न करें। न ही हमेशा समझदारी की उम्मीद लगाएँ। इमोशन्स या भावनाओं का समझदारी से कोई लेना-देना नहीं होता, और लोगों के पास में दुखी होने की हमेशा कोई वजह भी नहीं होती। आपके साथ भी सम्मान भरा व्यवहार ही होना चाहिए, लेकिन उसे ऐसा भी ना कहें, कि वो वेवजह ही परेशान हो रही है या उसके सामने और ज्यादा समझदारी भरी प्रतिक्रियाओं के उदाहरण की लाइन न लगा दें। आपको बाद में भी इसके लिए वक़्त मिलेगा। अभी आपको सिर्फ सुनने का काम करना है।[८]
- उसकी तरफ से आपकी फीलिंग्स का सम्मान पाने की भी उपेक्षा भी रखें। याद रखें, कि बातचीत जारी रखने और उसे पूरा सपोर्ट देने की सारी ज़िम्मेदारी सिर्फ आपकी ही नहीं है। उसकी तरफ से भी इसमें आपके जितना प्रयास मिलना चाहिए। अगर वो ऐसा नहीं कर पा रही है, तो इसे लाने के लिए बिना कोई दोष लगाए, एक तरीका खोजें। हमेशा “मैं” वाले वाक्य का इस्तेमाल करें और आप अपनी फीलिंग्स पर फोकस करें। ऐसा कुछ कहकर देखें, कि “कभी-कभी तो मुझे ऐसा लगता है, कि अपनी बातचीत जारी रखने का पूरा प्रेशर सिर्फ मेरे ऊपर ही है। तुम्हें कभी ऐसा फील हुआ?” या “मुझे लगता है, कि मैं इमोशनल सपोर्ट देने के लिए बहुत ज्यादा कोशिश करता हूँ। तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा, अगर मैं भी कभी अपना दिल हल्का करने के लिए तुमसे कुछ कहूँ?” अगर वो आपके ऊपर किसी भी चर्चा को स्वीकार करने का संकेत नहीं देती, तो फिर आपको इस रिश्ते के भविष्य के ऊपर विचार करके देख लेना चाहिए।
- बातचीत करने के दूसरे तरीकों का इस्तेमाल भी करें। बहुत से लोग टेलीफोन पर बहुत ज्यादा चिंचित या परेशान महसूस करते हैं। अगर आप भी ऐसा ही फील करते हैं या आपको लगता है, कि उसे ऐसा फील होता है, तो फिर ऐसे में फोन पर बात करने की जगह, सीधे वीडियो कॉल कर लें, या टेक्स्ट मैसेज भेज दें या फिर जो भी आपको सही लगे, उसे करके देखें। उसके सामने ये बात स्पष्ट कर दें, कि आप उससे बात करना नज़रअंदाज़ नहीं कर रहे हैं, लेकिन आपको ऐसा लगता है, कि आप ऐसे दूसरे तरीके से, उससे जरा ज्यादा अच्छी तरह से बात कर पाएंगे।
- कभी ना खत्म होने वाली बातचीत न करें। अगर आप में से कोई भी एक दुखी है या उसे कोई परेशानी है, तो आपको ज़रा कम ही बात करना चाहिए। और कभी-कभी आपको ऐसे वक़्त पर भी बातें खत्म कर देनी चाहिए, जबकि बातचीत काफी अच्छे से चल रही हो। कभी भी बात करने के मुद्दों से बाहर न हो जाएँ, और आप दोनों के बीच में एक अनचाही सी खामोशी न बनने दें। याद रखें, आपके पास में अभी भी आमने-सामने मिलने पर करने लायक बातें होनी चाहिए।
- जितना अच्छे से हो सके, बातचीत को खत्म करने की कोशिश करें। आप भी अपनी कोशिशों पर पानी नहीं फेरना चाहते होंगे।
- "बेचारी लड़की" जैसे कुछ ध्यान लेने वाले वाक्य, बहुत अजीब तरीके से बाहर आते हैं और उसे ऐसा लगता है, कि उसके पैरेंट्स से बात हो रही है। ऐसे कोई भी वाक्य इस्तेमाल न करें, जो कि आपके पैरेंट्स इस्तेमाल करते हैं; इससे ज़रा अजीब सा तनाव बन जाता है।
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November 2, 2018, 10:30 pm
एक क्विक पावर-नैप आपको उनींदेपन से लड़ने, अधिक सतर्क होने और प्रोडक्टिव बनने में आपकी सहायता कर सकती है। यदि आपको पावर-नैप की आवश्यकता है, तो सुनिश्चित करें कि आप इसे सही ढंग से लें, ताकि जब आप उठे तो ताज़गी महसूस करें न की मदहोशी ।
संपादन करेंनैप के लिए एक अच्छा स्थान ढूँढना
- नैप के लिए एक अच्छी जगह खोजें: पावर-नैप से अधिकतम लाभ पाने के लिए, आपको एक शांतिपूर्ण और शोर-रहित जगह खोजने की आवश्यकता होगी, जहां दूसरे लोग आपको परेशान न करें।
- ऑफिस में नैप लेना: नेशनल स्लीप फाउंडेशन के एक सर्वे में पाया गया है कि, लगभग 30% लोगों को अपने काम पर सोने की इजाजत दी गई है, और कुछ एम्प्लॉयर्स (employers) तो कर्मचारियों को नैप के लिए जगह भी प्रदान करते हैं।[१]यदि आपका कार्य-स्थल नैप लेने के लिए अनुकूल नहीं है, तो आप अपनी कार में पावर-नैप ले सकते हैं।
- सड़क पर नैप लेना: यदि आप गाड़ी चला रहे हैं, तो पार्किंग के लिए एक रेस्ट-एरिया खोजें। सड़क के किनारे पार्क न करें। हमेशा कार का इंजिन बंद करें और आपातकालीन ब्रेक लगाएँ। यदि रात का समय है, तो अच्छी तरह से रौशन क्षेत्र में पार्क करें जहां बहुत से लोगों का आना जाना हो तथा गाड़ी के सभी दरवाजे बंद कर दें।
- स्कूल में नैप लेना: यदि आपके पास समय है, और इसकी अनुमति है, तो नैप के लिए एक अच्छे जगह के रूप में, पुस्तकालय का उपयोग करें। यह आमतौर पर स्कूल में सबसे शांत स्थान होता है। उसके बाद, यदि आपके पास कार है, तो आप उसमें भी नैप ले सकते हैं।
- एक अंधेरा कमरा चुनें: प्रकाश को रोकने से आप जल्दी सो पाएंगे। यदि आप अंधेरे कमरे में नहीं जा सकते हैं, तो अंधेरे का भान करने के लिए, स्लीप-मास्क पहनें या कम से कम धूप का चश्मा लगा लें।
- सुनिश्चित करें कि स्थान बहुत गर्म या बहुत ठंडा नहीं है: आप चाहते हैं कि आपकी नैपिंग आरामदायक हो, इसलिए एक शीतल लेकिन आरामदायक जगह की तलाश करें। ज्यादातर लोग 65 डिग्री फ़ारेनहाइट या 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास सबसे अच्छी नींद लेते हैं।[२]
- यदि आपकी नैपिंग की जगह बहुत ठंडी है, तो एक कंबल रखे या एक आरामदायक जैकेट रखें जिसे आप पहन सकें। यदि आपकी नैपिंग की जगह बहुत गर्म है तो, यदि संभव हो तो, कमरे में एक पंखा रखने पर विचार करें।
- गाइडेड-नैप-रिकॉर्डिंग्स को सुने: कई वीडियोज़, रिकॉर्डिंग्स और ऐप्स उपलब्ध हैं जो रिलैक्सेशन-तकनीकों के माध्यम से नैपिंग के लिए आपका मार्गदर्शन करेंगे। ये स्ट्रीमिंग वेबसाइट्स पर ऑनलाइन मिल सकते हैं या आप उन्हें फोन या टैबलेट पर डाउनलोड भी कर सकते हैं।
- यदि आप गाइडेड नैप के लिए अपने फोन का उपयोग कर रहे हैं, तो इसे एयरप्लेन-मोड में रखें। यह फोन काल्स या संदेश अलर्ट्स से आपका ध्यानभंग नहीं होने देगा।
- शांतिदायक संगीत चालू करें: रिलैक्सिंग संगीत आपके दिमाग को सही स्थिति में ला सकता है। यदि आपको संगीत विचलित करने वाला लगता है, तो आप व्हाइट न्वाइज़ (खाली शोर) का भी प्रयोग कर सकते हैं। यदि आप अपनी कार में हैं, तो आप अपने रेडियो में, स्टेशनों के बीच आने वाली स्टैटिक पर लगाकर, इसका उपयोग कर सकते हैं।
संपादन करेंअपने नैप की अवधि का चयन करना
- तय करें कि आप कितनी देर तक नैप लेना चाहते हैं: मूलतः, एक पावर नैप 10 से 30 मिनट के बीच का होना चाहिए।[३] वैसे तो, छोटे और लंबे नैप्स भी विभिन्न लाभ प्रदान कर सकते हैं। इस प्रकार, आपको यह तय करना है कि आपको कितनी देर तक नैप लेनी है, और उस समय-सीमा का पालन करना है।
- दो से पांच मिनट के लिए नैप: यदि आपके पास अधिक समय नहीं है, लेकिन आप इतनी नींद में हैं कि आप जो कुछ भी कर रहे हैं, उसे जारी नहीं रख पा रहे हैं, तो दो से पांच मिनट की नैप, जिसे "नैनो-नैप" कहा जाता है, आपको नींद से निपटने में मदद कर सकती है।[४]
- पांच से बीस मिनट के लिए नैप: सतर्कता, स्टैमिना, और मोटर-परफॉर्मेंस बढ़ाने के लिए, पांच से बीस मिनट तक के नैप्स अच्छे होते हैं। इन नैप्स को "मिनी-नैप्स" के रूप में जाना जाता है।[५]
- बीस मिनट की नींद: अधिकांश लोग जब “पावर-नैप” की बात करते हैं, तो इसी का उल्लेख करते हैं और अधिकांश लोगों के लिए यह एक आदर्श भी है। छोटे नैप्स के लाभों के अलावा, एक पावर-नैप, मस्तिष्क को अपने शॉर्ट-टर्म मेमोरी में एकत्रित अनावश्यक जानकारी से छुटकारा पाने में मदद कर सकती है, और मसल-मेमोरी में भी सुधार कर सकती है।[६]
- एक पावर-नैप स्लीप-साइकल के पांच चरणों में से पहले दो के लाभों को कैप्चर करता है। ये पहले दो चरण, पहले बीस मिनट में होते हैं। आपके नर्वस सिस्टेम में मौजूद इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स, आपको अधिक आराम किया हुआ और सतर्क महसूस कराने के अलावा, आपके मसल-मेमोरी में शामिल न्यूरॉन्स के बीच के संबंध को भी मजबूत करते हैं, जिससे आपका मस्तिष्क तेज़ी से और अधिक सटीक तरीके से काम करता है।
- यदि आप बहुत से महत्वपूर्ण तथ्यों को याद करने की कोशिश कर रहे हैं, उदाहरणस्वरूप किसी परीक्षा के लिए, तो पावर-नैप लेना विशेष रूप से उपयोगी हो सकता है।
- पचास से नब्बे मिनट तक की नींद: "लेज़ी मैंस नैप" के रूप में जानी जाने वाली यह लंबी नैप आपको स्लो-वेव-आरईएम (REM)-स्लीप तक पहुंचने देता है (आमतौर पर इसे गहरी नींद के रूप में जाना जाता है)।[७] मतलब यह है कि आपको एक पूरे स्लीप-साइकल से गुजरना पड़ता है।
- यदि आपके पास समय है और, उदहरणस्वरूप रात भर जागने के बाद आप शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद थका हुआ महसूस कर रहे हैं, तो यह नैप उपयोगी हो सकती है क्योंकि यह आपके शरीर को स्वयं को रिपेयर करने के लिए पर्याप्त समय देती है।
- तीस मिनट या उससे अधिक की नैप के प्रभावों से सावधान रहें: यद्यपि, लंबे नैप्स लेने के फायदे हैं परंतु साथ ही आप "स्लीप इनर्शिया sleep inertia" के विकसित होने का जोखिम भी उठाते हैं, जो नैपिंग के बाद शरीर में कभी-कभार महसूस होने वाला भारीपन और आलस्य होता है।[८]
संपादन करेंअपने नैप से अधिकतम लाभ उठाना
- अपने मोबाइल फोन और किसी अन्य संभावित ध्यान भटकाने वाली चीज़ को ऑफ करें: यदि आप अपने फोन का अलार्म घड़ी के रूप में उपयोग कर रहे हैं, तो एयरप्लेन-मोड चालू करें ताकि, आप नोटिफिकेशंस से बाधित न हों।
- यदि बैकग्राउंड न्वाइज़ से बचना मुश्किल हो, या यदि आप टिनिटस (tinnitus) से पीड़ित हैं, तो सॉफ्ट, आरामदायक संगीत बजानेवाले हेडफ़ोन लगाने से मदद मिल सकती है। आप ईयर-प्लग्स का भी उपयोग कर सकते हैं।
- यदि आप काम पर हैं, तो अपने दरवाजे के बाहर "डू नॉट डिस्टर्ब (Do Not Disturb)" का साइन लगा दें: सूचना लगा दें कि आप फिर कब से उपलब्ध होंगे। यह सहकर्मियों को, गलती से आपको परेशान करने से, रोकेगा।
- नैप के तुरंत पहले कैफीन लें: यह विरोधाभासी लग सकता है, क्योंकि कैफीन एक मजबूत उत्तेजक होता है, परंतु आप इसका उत्तेजक प्रभाव तुरंत महसूस नहीं करेंगे, विशेष रूप से यदि आप तीस मिनट से कम समय की नैप ले रहे हैं तो। कैफीन को आपके आहार नाल से गुजरना पड़ता है, और उसे अवशोषित होने में 45 मिनट तक लग सकते हैं। 20 मिनट की नैप से ठीक पहले एक "कैफीन नैप" लेना, जिसमें 200 मिलीग्राम कैफीन का उपभोग किया जाता है, आपके प्रदर्शन में सुधार ला सकता है और एक बार जाग जाने के बाद, आपको कम नींद महसूस होगी।[९]
- यदि दोपहर के बाद देर हो चुकी हो, तो आपको शायद कैफीन नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे, रात को सोने का समय होने पर आपके लिए सो जाना अधिक कठिन बन सकता है। हाँ, यदि आप कैफीन छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, तो आप कैफीन नहीं भी ले सकते हैं।
- अलार्म सेट करें: एक बार जब आप अपनी कॉफी (या ग्रीन टी, या कैफीन जेल्लो शॉट caffeine jello shot इत्यादि) को समाप्त करने के करीब हों, तो अलार्म सेट करें जो आपको वांछित समय के बाद जगाएगा। अलार्म सेट करने से आपको आराम करने में मदद मिलेगी, क्योंकि आप जानते हैं कि आप जितना इरादा रखते हैं उससे अधिक नहीं सो पाएंगे।
- इस बाद का ध्यान रखें कि आपको कितनी देर तक सोए रहने की आवश्यकता है। यदि आप 20 मिनट की नींद लेना चाहते हैं, और आमतौर पर सोने के लिए आपको लगभग पांच मिनट लगते हैं, तो आप अपना अलार्म 25 मिनट के लिए सेट करना चाहेंगे। यदि आप बहुत जल्दी सो जाते हैं, तो आपको केवल वांछित नैप समय में अतिरिक्त एक या दो मिनट जोड़ना पड़ सकता है।
- यदि आप उन लोगों में से हैं जिन्हे "स्नूज़ snooze" बटन दबाकर फिर सो जाने की आदत है, तो अपने अलार्म को कमरे में अपनी पहुँच से दूर रखें, या यदि आप कार में हों तो जितना संभव हो सके उतनी दूर रखेँ, ताकि इसे बंद करना आपके लिए आसान न हो।
- अपनी आंखें बंद करें और रिलैक्स करें: यदि आप कैफीन का उपभोग कर रहे हैं, तो आप कैफीन को समाप्त करने के तुरंत बाद ऐसा कर सकते हैं, और यदि कैफीन का उपभोग नहीं कर रहे हैं, तो आप स्वयं को कम्फ़र्टेबल बनाने और अलार्म सेट करने के ठीक बाद ऐसा कर सकते हैं।
- तुरंत सोने के लिए "4-7-8 एक्सर्साइज़" आजमाएं: यदि आपको सो पाने में परेशानी हो रही हो तो इस एक्सर्साइज़ को आजमाएं: अपनी आंखें बंद करें और सांस को पूरी तरह से बाहर निकालें। फिर चार तक गिनते हुए धीरे-धीरे सांस अंदर लें। सात तक गिनते हुए अपनी सांस को रोंके; फिर अपने मुंह से, एक सीटी (whooshing) की ध्वनि निकालते हुए, आठ तक गिनते हुए सांस बाहर छोड़ें। एक सांस अंदर लें, और उसके बाद इस चक्र को तीन या चार बार दोहराएं।[१०] यह एक्सर्साइज़, केवल 60 सेकंड्स में समाप्त हो जाती है और आपको तुरंत सुलाने में सहायक होनी चाहिए।
- आप चाहें तो अपने दिमाग से सभी विचारों को हटाने का भी प्रयास कर सकते हैं। परंतु इसके बजाय, केवल अपने श्वसन पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें। यह मेडिटेशन करने के समान ही है, लेकिन आपको रिलैक्स होने में मदद पहुंचा सकती है ताकि आप फौरन सो सकें।
- धीरे-धीरे 100 से 1 की ओर गिनने का प्रयास करें। यदि आप भूल जाते हैं कि आप किस नंबर पर हैं, तो बस 100 से फिर से शुरू करें। यह आपके दिमाग को उन ख़यालों से दूर रखेगा जो आप को जागाए हुआ रखते हैं।[११]
- आप वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध पावर-नैप-मशीनों या सीडी (CDs) में से किसी एक को भी आजमा सकते हैं जो नींद की स्थिति में जाने को प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किए गए विशेष साउंड-ट्रैक को चलाते हैं।
- अपनी आंखें बंद रखेँ: भले ही आप अपने नैप के दौरान सोने में असमर्थ रहे हों, फिर भी आप आंखें बंद रखें और मेडिटेशन करें। भले ही आप सो न पाए हों, फिर भी थोड़ा सा रिचार्ज करने में आप अपने मस्तिष्क की मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, अपनी दिनचर्या में नींद के छोटे-छोटे समय को शामिल करना (उदाहरण के लिए दोपहर के भोजन के बाद हर दिन नैप लेना) आपको उस समय के दौरान अपने शरीर को "नैप" लेने में मदद कर सकता है और इससे आपका सो पाना ज्यादा आसान होगा। [१२]
- अलार्म बंद होने के तुरंत बाद जग जाएँ: लंबे समय तक सोने का प्रलोभन छोड़ें। आदर्श रूप में, सो कर उठने के बाद आप अपने को तरो-ताज़ा महसूस करेंगे, लेकिन कभी-कभी आपको ऐसा लग सकता है कि आपको और अधिक सोने की इच्छा है ; इस प्रलोभन को त्यागने की पूरी कोशिश करें क्योंकि यह आपकी नींद की रूटीन को बदल सकती है, और आप दूसरी बार जागने पर नींद की इनर्शिया से ग्रसित हो सकते हैं।
- शारीरिक गतिविधि का आकलन करते रहें: कुछ जम्पिंग-जैक्स या पुश-अप्स करके, अपने हार्ट-रेट को, थोड़ा बढ़ाएं, उसकी जगह पर थोड़ी-बहुत जॉगिंग भी कर सकते हैं।
- अपने चेहरे को धुलें और ब्राइट लाइट (उदाहरण के लिए, सूरज की रोशनी) में जाएँ, जो आपको ज्यादा जगा हुआ महसूस करने में मदद कर सकता है, बशर्ते आप नैप के बाद भी आलस्य महसूस कर रहे हों।[१३]
- दोपहर में देर तक नैपिंग, आपके सोने के पैटर्न को नुकसान पहुंचा सकती है और आपको सुबह नींद से वंचित महसूस करा सकती है।
- दिन में बहुत लंबे समय तक सोना आपको रात में जगाये रखेगा। इसे ध्यान में रखेँ।
- अपने को जबर्दस्ती उठाएँ! हालांकि सोते रहना आपके लिए बहुत आरामदायक हो सकता है, लेकिन आपको जागने और अपने काम पर जाने की जरूरत होगी। जरूरत से ज्यादा पावर नैपिंग, आपके सोने के पैटर्न को गड़बड़ कर सकती है, इसलिए इसे छोटा और स्नैपी (तेज) बनाएं!
- प्रतिदिन एक ही समय पर नैपिंग करने का प्रयास करें जिससे आपकी नींद का एक निश्चित समय तय हो जाए।
- अपने नैप लिए सबसे उपयुक्त अवधि तय करें! कुछ लोग 20 मिनट की नैप के बाद अच्छा महसूस करते हैं, जबकि अन्य 30 मिनट की नैप के बाद अच्छा महसूस करते हैं।
- कैफीन लेकर एक नैप लें, या ऊपर वर्णित प्री-नैप कैफीन विधि का प्रयास करें। फिर भी, इस बात से अवगत रहें कि अकेले कैफीन आपको उतना लाभ नहीं पहुंचा पाएगा जितना कि पावर नैप, खासकर उच्च खुराक में।
- एक पावर-नैप-मशीन या सीडी (जैसे गुण के अनुसार नामित पावर नैप (Power Nap) का उपयोग करने का प्रयास करें जो एक विशेष ऑडियो-ट्रैक चलाता है जिसके माध्यम से आपके दिमाग को थोड़े समय की नींद के लिए निर्देशित करता है। पावर-नैप (Power Nap) मस्तिष्क को गहरी और आरईएम (REM) स्लीप के साइकल से गुजारता है, जिससे उपयोगकर्ता केवल 20 ही मिनट के आराम के बाद ताज़ा हो जाता है।
- यदि आप उनींदे महसूस कर रहे हैं, तो प्रतीक्षा न करें; एक त्वरित झपकी ले लें।
- कभी-कभी जान-बूझ कर या स्वाभाविक रूप से (यदि आप उदास महसूस कर रहे हैं), सोने के ठीक पहले रोने से आपको फौरन सोने में मदद मिल सकती है।
- याद रखें कि एक पावर-नैप आपको अधिक प्रोडक्टिव बनाती है। कुछ लोग झपकी के लिए अनिच्छुक होते हैं क्योंकि उन्हे यह "आलस्य" लगता है, परंतु यदि ऐसा होता, तो सफल अधिकारी और एथलीट क्यों पावर-नैपिंग करते? लियोनार्डो दा विंची, अल्बर्ट आइंस्टीन और थॉमस एडिसन सभी कथित रूप से समर्पित पावर-नैपर्स थे।[१४]
- आमतौर पर सोडा, कॉफी, चाय, और "एनर्जी-ड्रिंक्स" में पाई जाने वाली कैफीन एक शक्तिशाली और संभावित नशे की लत डालने वाली दवा है। कैफीन का अत्यधिक उपयोग निर्भर हो जाने का कारण बन सकती है, और सामान्य स्लीप साइकल्स में हस्तक्षेप जैसे साइड इफेक्ट्स का कारण बन सकती है।[१५] इसलिए, कैफीन की खपत को कम से कम रखना महत्वपूर्ण है।
- यदि आपको रात में सोने में परेशानी हो रही हो, तो दिन के दौरान सोने में संकोच न करें अन्यथा अधिक आवश्यकता के समय आप थका हुआ महसूस करेंगे। बस अपनी नैप्स को छोटा रखें, जिससे आपके नींद का पूरा शेड्यूल गड़बड़ न हो सके।
- एक पावर-नैप केवल कुछ हद तक ही मदद कर सकती है, और अच्छी रातों में आराम के लाभों का स्थान नहीं ले सकती है। यदि आप नींद से वंचित हैं, तो पावर-नैपिंग के पूर्ण लाभों का एहसास करने से पहले, आपको अपनी नींद की कमी को दूर करना होगा।
संपादन करेंचीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी
- नैप लेने के लिए जगह
- अलार्म घड़ी
- कैफीन (वैकल्पिक)
- रिलैक्सिंग संगीत (वैकल्पिक)
- स्लीप-मास्क (वैकल्पिक)
- ईयर-प्लग (वैकल्पिक)
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November 3, 2018, 10:30 pm
पढ़ाई के समय कंसन्ट्रेट करना मुश्किल है, खास तौर से अगर विषय आपको काफी ज्यादा पसंद नहीं हो तो | हांलाकि पढ़ाई स्कूल का सबसे रोचक काम नहीं होता है, उसे इतना बोरिंग भी नहीं समझना चाहिए जैसा उसे बताया जाता है | पढ़ाई के समय दृढ़ता, और कुछ असरदार पढ़ाई की तकनीकों की मदद से, सबसे बोरिंग सब्जेक्ट को भी आसान बनाया जा सकता है |
संपादन करेंपढ़ते समय कंसन्ट्रेट करने के लिए तैयार रहना
- एक अनुकूल पढ़ाई का माहोल बनाएं: अक्सर ध्यान से कंसन्ट्रेट करने के लिए, पढ़ते समय ध्यान बटानें वाली चीज़ों को दूर करना एक बेहतरीन आईडिया है | आप ऐसा स्थान ढूँढें जो की देखने में सुन्दर और सुविधाजनक भी हो |
- ऐसा शांत एरिया ढूँढें, जैसे प्राइवेट रूम या लाइब्रेरी | अगर आपको स्वच्छ हवा चाहिए, ऐसे स्थान पर जाएँ जहाँ कोई ध्यान बंटाने वाली चीज़ें नहीं हो और, अगर ज़रुरत हो तो आप इन्टरनेट से कनेक्ट कर सकें |
- ये ध्यान में रखें की हर किसी की खुद की स्टडी एनवायरनमेंट की प्राथमिकता होती है | जहाँ कुछ लोग शांति में पढ़ना पसंद करते हैं, कई लोग ऐसे शोर में पढ़ पाते हैं जो वाइट नॉइज़ जैसे लगता है |
- हमेशा अपने पर विश्वास रखें |
- अगर आपको अपनी पढ़ाई करने की प्राथमिकता नहीं मालूम, तो अलग जगहों पर कोशिश करें, कभी ग्रुप में कभी अकेले, कभी म्यूजिक के साथ या उसके बिना इत्यादि पढ़ने का प्रयत्न करें | अलग वातावरण में आपकी कंसन्ट्रेट और असरदार तरीके से पढ़ाई करने की क्षमता जल्द ही दिखाई देने लग जाएगी |
- अपनी पढ़ाई का सारा सामान इकठ्ठा करें: आपके पढ़ाई के सामान में शामिल होंगे नोट्स, टेक्स्टबुक, स्टडी गाइड, पेपर, हाईलाइटरज़ या और कोई वस्तु जो आपको पढ़ते समय कंसन्ट्रेट और मेहनती होने के लिए चाहिए; साथ ही ग्रेनोला बार या नट्स जैसा स्नैक, और एक बोतल पानी[१]|
- आपका सभी सामान पास में ही रखा होना चाहिए ताकि पढ़ाई के समय आपको बार बार उठ कर उन्हें लाना नहीं पढ़े क्योंकि इससे आपकी पढ़ाई में विघ्न पड़ेगा |
- स्टडी स्पेस की सफाई करें: वो सब सामान हटा दें जिसकी आपको पढ़ाई के लिए ज़रुरत नहीं है, और बेहतर कंसंट्रेशन और कम तनाव के लिए अपने स्पेस की व्यवस्थित रखें | आपकी कंसंट्रेशन को सहयोग नहीं देना वाले किसी भी सामान के आस पास होने से सिर्फ आपका ध्यान बंट सकता है |
- इसमें शामिल हैं खाने के डिब्बे, कागज़ का कचरा और अन्य चीज़ें |
- फालतू इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स से अनप्लग करें: ऐसे सभी इलेक्ट्रोनिक्स बंद कर दें जिनकी आपको ज़रुरत नहीं है, खास तौर से सेल फ़ोन, गाने बजाने वाले डिवाइस, और कंप्यूटर (अगर आपको कंप्यूटर की अपना मटेरियल पढ़ने के लिए ज़रुरत नहीं हो) |
- जब आप कंसन्ट्रेट करने की कोशिश कर रहे हों तो आपका लैपटॉप और कंप्यूटर आपके लिए डीस्त्रेक्शन का स्रोत्र बन सकता है
- एक रूटीन से पढ़ाई करें: पढ़ाई का एक टाइम टेबल बनाएं, और उसका पालन करें | इससे आप पढ़ाई के समय को आदत बनाने में आसानी होगी, और आप सहजता से अपने स्टडी प्लान को पालन कर पाएंगे | पूरे दिन के अपने एनर्जी लेवल का ध्यान रखें | क्या आप दिन में ज्यादा स्फूर्ति (इसलिए बेहतर कंसन्ट्रेट कर पाते हैं) महसूस करते हैं या रात में [२]? इससे आप जिस समय ज्यादा स्फूर्ति महसूस कर रहे हैं उस समय अपने सबसे मुश्किल विषयों की पढ़ाई कर सकते हैं |
- एक बार उस समय का अंदाज़ा हो गया की आप कब ज्यादा स्फूर्ति महसूस करते हैं, तो आप ये कोशिश कर सकते हैं की आप उसी समय पर पढ़ें, और इस तरह से अपनी काम पर कंसन्ट्रेट और फोकस करने की क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं |
- एक स्टडी पार्टनर ढूँढें: कई बार किसी और के साथ अपने स्टडी मटेरियल को रिव्यु करने से पढ़ाई की बोरियत कम होती है, आप विषयों में दुविधा को किसी और के साथ बाँट सकते हैं, और चीज़ों को नए नज़रिए से देख सकते हैं | ये पार्टनर आपको आपकी पढ़ाई को ट्रैक पर रखने में मदद कर, आगे की पढ़ाई पर कंसन्ट्रेट करने में मदद कर सकता है |
- कुछ लोगों को स्टडी पार्टनर डिस्ट्रेक्ट करने वाले लगते हैं | स्टडी पार्टनर ढूंढते समय किसी ऐसे शख्स को ढूँढें जो समझदार और एकाग्र है, और हो सकता है क्लास में आप से भी ज्यादा एक्टिव छात्र हो | इस तरह से, आप हमेशा उनके बराबर पढ़ाई करने की कोशिश करेंगे |
- अपने लिए कोई इनाम सोच कर रखें: पढ़ाई शुरू करने से पहले, ऐसा कुछ सोचें जो आप अपने आप को सही से पढ़ाई करने के लिए भेंट करना चाहेंगे | मसलन एक घंटे तक हिस्ट्री नोट्स को रिव्यु करने के बाद, आप अपने रूममेट से अपने दिन के बारे में बात करें, डिनर बनाएं या अपना पसंदीदा टीवी प्रोग्राम देखें [३] | इनाम आपको एक निर्धारित समय तक पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकता है, और फिर आप अपने को इतनी देर तक पढ़ाई करने के लिए पुरस्कृत कर सकते हैं |
- बढ़े प्रोजेक्ट के लिए, अपनी ज्यादा मेहनत के लिए, एक बढ़िया सा इनाम सोचें[४]|
संपादन करेंपढ़ाई के समय कंसंट्रेशन बनाये रखना
- पढ़ाई का कोई असरदार सा तरीका ढूँढें: पढ़ते समय एक ऐसे असरदार तरीके को ढूंढना जो आपको सूट करता है आपको कंसन्ट्रेट करने में मदद करता है | फिर हर व्यक्ति अलग तरीके से पढ़ता है, तो आपको खोज कर के ऐसा तरीका ढूंढना हो जो आको फोकस बनाये रखने में सहायता करे | हकीकत में, आप जितने तरीकों से अपने पढ़ाई के सामान को टटोलेंगे, आपके पढ़ाई पर बने रहने और जो भी आप पढ़ रहे हैं उसको समझने की सम्भावना बेहतर होगी[५] | कई बार, सिर्फ रीडिंग्स, नोट्स और क्विज इत्यादि को देखना भर ही पढ़ाई का एक असरदार तरीका साबित हो सकता है, पर कुछ और पढ़ाई के तरीकों में शामिल है:
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- नोट कार्ड बनाना: वोकेबुलरी या अकादमिक शब्दों के लिए, नोट कार्ड और फ़्लैश कार्ड बना कर उन्हें बार बार रिव्यु करने से आप आसानी से शब्द, टर्म्स और कॉन्सेप्ट्स समझ सकते है
- ड्राइंग: किसी पढ़ाई में स्ट्रक्चर और डायग्राम का रिव्यु करना ज़रूरी होता है | ऐसे डायग्राम और स्ट्रक्चर को कॉपी कर, खुद से ड्रा करने से आप जो पढ़ना चाहते हैं उसे क्रिएट और विजुँलायिज़ करने में मदद मिलती है, जिससे आप उसे ज्यादा समय तक याद रख सकते हैं |
- आउटलाइन बनाना: आउटलाइन बनाने से आप छोटी जानकारी के साथ बढ़े कॉन्सेप्ट्स को भी समझ सकते हैं | जब एग्जाम पास आये तो ऐसा करने से आप जानकारी की विजुअल सेक्शन और ग्रुपिंग क्रिएट कर सकते हैं जो आपको चीज़ें याद रखने में मदद करेगी |
- एलाबोरेटिव इन्टेर्रोगेशन की मदद से | एलाबोरेटिव इन्टेर्रोगेशन एक तरीका है जिससे आप जिस चीज़ को याद कर रहे हैं उसकी सच्चाई के लिए एक्सप्लेनेशन देते हैं | कुछ ऐसा समझ लीजिये जैसे आप एक मज़बूत वजह दे रहे हैं की क्यूँ कोई वाक्य या तथ्य अहम् है[६] | आप इस तरीके की सहायता से जोर से कॉन्सेप्ट्स के बारे में बात कर सकते हैं और उसकी अहमियत को समझाते हुए उसके बारे में और चीज़ें जान सकते हैं |
- एक एक्टिव लर्नर बनें: जब भी कोई लेक्चर पढ़ें या सुनें, तो उसके मटेरियल के साथ जुड़ने का प्रयत्न करें | इसका मतलब ये की बस मटेरियल को लिए बैठे रहने से, चुनौती समझ कर अपने से उसके बारे में पूछें | अपने आप से पूछें की आप किस चीज़ का लेक्चर सुन रहे हैं, उस मटेरियल को अपनी जिंदगी से जोड़ें, अभी तक जो भी अपने अपनी जिंदगी में सीखा है उससे इसकी तुलना करें और फिर इस मटेरियल को और लोगों को समझाएं |
- अपनी पढ़ाई के साथ एक्टिवली जुड़ने से मटेरियल आपको मटेरियल का अर्थ समझ में आएगा और वो आपको रोचक भी लगेगा, जो, एक तरह से, कंसन्ट्रेट करना आसान बनाएगा |
- कुछ दिमागी कंसंट्रेशन स्ट्रेटेजीस की प्रैक्टिस करें: अपनी कंसंट्रेशन को सुधारने के लिए समय और सब्र की ज़रुरत होती है | इन स्ट्रेटेजी को प्रैक्टिस करने के बाद आप कुछ दिनों में परिवर्तन देखने लगेंगे[७] | कुछ कंसंट्रेशन स्ट्रेटेजीस हैं:
- बी हियर नाउ (Be here now)| ये आसान लेकिन बेहद असरदार स्ट्रेटेजी आपके भटके मन को वापस मोजूदा कार्य पर ले आएगी: जब आपको एहसास हो जाए की आपका ध्यान आपकी पढ़ाई पर से हट गया है, अपने से कहें, “बी हियर नाउ (Be here now),” और अपने ख्यालों को नियंत्रण में ला कर, फिर से अपने स्टडी मटेरियल पर ध्यान दें |
- उदहारण के तौर पर, अगर आप क्लास में हैं और आपका ध्यान इस बात पर चला जाए की आपको कॉफ़ी पीने का मन है और साथ में कैफ़े में मिलने वाला आखरी ब्राउनी भी ख़त्म हो चुका होगा | जब आप अपने से कहें, “बी हियर नाउ (Be here now),” आपका ध्यान वापस से लेक्चर की ओर आ जायेगा, और फिर कोशिश करने पर वह वहीँ रहेगा[८]|
- अपने दिमाग के भटकने का ध्यान रखें| ये ध्यान दें की आपका ध्यान कब कब आपकी पढ़ाई पर से हटता है | जैसे जैसे आप अपने को वापस मोजूदा कार्य पर लाने में सफल रहेंगे, जितनी बार आपका ध्यान बंटेगा वह भी कम होता चला जायेगा[९]|
- थोड़ी देर चिंता भी करें: क्षोधों के मुताबिक जब लोग एक निश्चित समय बैठ कर उन चीज़ों की चिंता करते हैं जो उन्हें परेशान करती है, तो अगले चार हफ़्तों तक लोग 35 % कम चिंता करते है[१०] | इससे साबित होता है की जब आप आप एक निर्धारित समय में चीज़ों पर सोच विचार करते हैं, तो जब आपको और चीज़ों पर ध्यान देना होता है उस समय आपका दिमाग कम चिंताग्रस्त रहता हैं |
- अगर पढ़ाई करते समय आपको किसी बात की चिंता करने का मन करे, तो याद करें की आपके पास चिंता करने का अलग समय है | अपने को दोबारा कंसन्ट्रेट कराने के लिए “बी हियर नाउ (Be here now)” तरीके का इस्तेमाल भी कर सकते हैं |
- उदहारण के तौर पर, आने वाले एग्जाम, अपने परिवार या किसी और बात की चिंता करने के लिए पढ़ने से पहले अपने को आधा घंटा दें | इस समय में सारी चिंता कर लें ताकि जब आप को पढ़ाई करनी हो, आपका सारा ध्यान वहीँ पर हो[११]|
- स्टडी गोल सेट करें: हांलाकि जो विषय आप पढ़ने जा रहे हो वह ज़रूरी नहीं है की बेहद रोचक हों, आप कंसंट्रेशन को बेहतर करने के लिए अपनी सोच में परिवर्तन ला सकते हैं | अपने लिए गोल सेट करके, आप अपने पढ़ाई अनुभव को सिर्फ एक बार विषय में “गेट थ्रू,” कर लेना, से आगे बढ़ा चेक पॉइंट्स तक पहुंचना और हर स्टडी सेशन के साथ लगातार प्रगति करने वाली स्थिति में पहुंचा सकते हैं[१२]|
- मसलन, ऐसे सोच रखना की “में आज रात तक पूरा चैप्टर 6 ख़त्म कर लूँगा,” कुछ ऐसा गोल सेट करें की, “में 04:30 तक सेक्शन 1-3 पढूंगा, और फिर वाल्क के लिए जाऊंगा” | इस तरह से पहाड़ जैसे दिखने वाला पढ़ाई का सेशन हल्का और आसानी से पूर्ण होने वाला बन जाता है | पढ़ाई के समय को इस तरह से बांटने से आपकी कंसन्ट्रेट करने की क्षमता बढ़ती है और आपके स्टडी गोल को हासिल करना आसान हो जाता है |
- छोटी ब्रेक्स के साथ पढ़ाई करें: आम तौर पर, आधे घंटे की पढ़ाई के बाद 5-10 मिनट की ब्रेक लेना किसी कार्य पर कंसंट्रेशन को बनाये रखने का सबसे असरदार स्टडी स्केडयूल होता है | एक छोटी ब्रेक लेने से आपके दिमाग को रेलक्स करने का समय मिलता है, ताकि आगे चलके वह और जानकारी को संजो सके |
- थोड़ा घूमें | एक घंटे तक बैठे रहने के बाद उठ कर स्ट्रेच करें | अपने खून के बहाव को नेह्तर बनाने के लिए आप योग, पुश अप्स, या कोई और एक्सरसाइज कर सकते हैं | पढ़ाई के बीच ली गयी ये छोटी ब्रेक आपकी पढ़ाई के समय के नतीजों को बेहतर और ध्यान पूर्वक बनाता है |
- आप जो भी याद कर रहे हैं उसे इमेजिन करें, ताकि आपके दिमाग में आने वाली तस्वीर आपको विषय की याद दिला सके |
- अपने स्टडी मटेरियल को जोर से पढ़ें, कई बार जोर से किसी चीज़ को पढ़ना आपकी विषयों को लेकर दुविधा को कम कर सकता है |
- हर दो घंटे की पढ़ाई के बाद 20 मिनट की ब्रेक लें और रिलैक्स करें ताकि आप अच्छे से कंसन्ट्रेट कर सकें | अपने लिए कुछ खाने को लें, पानी पीयें, और थोड़ी देर के लिए बाहर जाएँ |
- ये ध्यान रहे की आपका दिमाग एक विषय से दूसरे विषय तक जाने में वक़्त लेता है | मसलन, अगर आप 1 घंटे के लिए साइंस पढ़ते हैं और फिर एकदम से इंग्लिश पर पहुँच जाते हैं, तो आपकी पढ़ाई के पहले दस मिनट नए विषय के लिए एडजस्ट होने में लग जायेंगे | जब ऐसा हो तो कुछ आसान सा काम कर लें |
- एग्जाम के दिन से पहले नींद पूरी करें क्योंकि वह बहुत ज़रूरी है |
- ग्रुप में पढ़ें | इससे आपको अपने कॉन्सेप्ट्स को समझने में आसानी होगी |
- अपने बिस्तर पर पढ़ाई नहीं करें क्योंकि इससे आपको नींद आती रहेगी |
- पढ़ते समय अपने पास खाने और पीने के लिए हमेशा कुछ पौष्टिक सामान रखें | इससे आपकी एनर्जी लेवल हाई रहेंगे और आप ज्यादा थकेंगे भी नहीं | कायदे से, आप हर घंटे के बाद एक स्नैक ब्रेक ले लें |
- नियमित और सही पढ़ाई के लिए एक टाइम टेबल सेट कर के उसका सही से पालन करें |
- एग्जाम के एक रात पहले रट्टा नहीं लगायें | रट्टा लगाना चीज़ों को याद रखने का एक कम असरदार तरीका है, और वह तनाव को जन्म देता है, जिससे पढ़ाई करना और मुश्किल हो जाता है |
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November 4, 2018, 10:00 pm
हमारे ग्रह के सर्वाइवल (survival) के लिए प्रदूषण को रोकना महत्वपूर्ण है, और इससे भी महत्वपूर्ण है इस पर निर्भर लोगों का स्वास्थ्य और खैरियत (well-being)। जिस हवा में हम सांस लेते हैं वह खतरनाक दूषित पदार्थों से भरी हुई है, और हमारे महासागरों और जलमार्गों को केमिकल्स ने जहरीला बना दिया है। यदि रोका न गया तो प्रदूषण, हमारी पृथ्वी ग्रह को उसकी सुंदरता, जीवंतता (vitality) और विविधता (diversity) से विहीन कर सकती है। ऐसे व्यावहारिक तरीकों के बारे में जानने के लिए, जिनसे आप प्रदूषण रोकने में मदद कर सकते हैं, पढ़ते रहें ।
संपादन करेंसस्टेनेबल (sustainable) ट्रांसपोर्टेशन च्वाइसेज़ (choices) बनाना
- जब भी संभव हो पैदल चलें या अपनी साइकिल चलाएं: प्रदूषण रोकने में मदद के लिए सबसे अच्छी चीजों में से एक है छोटी यात्रा के लिए अपनी कार का उपयोग करना बंद करना। यदि मौसम अच्छा हो और आपको बहुत दूर न जाना हो, तो पैदल या साइकिल से जाने पर विचार करें। इस प्रकार, आप वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगे और इस प्रक्रिया में आपका कुछ व्यायाम हो जाएगा और ताज़ी हवा भी मिल जाएगी।[१]
- पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन का उपयोग करें: बस, ट्रेन या सब-वे का उपयोग करना, आपके व्यक्तिगत वाहन का उपयोग न करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने का एक बढ़िया तरीका है। यदि आपके निवास के पास अच्छा पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन उपलब्ध है, तो उसका लाभ उठाएं। चूंकि, पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन का उपयोग करते समय आपको सड़क पर नज़र रखने के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं होता है, इसलिए इस दौरान आप कुछ पढ़ सकते हैं, नए समाचारों के बारे में पता कर सकते हैं, या केवल आराम ही कर सकते हैं।
- अपनी यात्राओं को कंसालिडेट (Consolidate) करें: कुछ ही दिनों की अवधि में बहुत सारी छोटी यात्राएं करने के लिए, हर बार जब आप अपनी कार में बैठते हैं, तो पर्यावरण में अधिक प्रदूषण बढ़ाते हैं। अपने प्रदत्त कार्यों को, थोड़ा-थोड़ा करके कुछ दिनों में करने के बजाय, एक साथ, एक ही राउंड ट्रिप में करने की कोशिश करें। अपनी यात्राओं को एक लंबी यात्रा में कंसालिडेट करने से आपकी बचत भी होगी क्योंकि, यदि आप गाड़ी तब स्टार्ट करते हैं जब इंजन ठंडा होता है तो आपकी गाड़ी, चलने के लिए 20% अधिक ईंधन का इस्तेमाल करती है।[२]
- स्कूल या काम पर जाने के लिए कार-पूल का उपयोग करें: स्कूल या काम के लिए लंबे समय तक यात्रा कई लोगों के जीवन का हिस्सा होता है। यदि पैदल चलना और पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन आपके लिए अच्छे विकल्प नहीं हैं, तो अपने स्कूल या काम की जगह पर जाने के लिए किसी कार-पूल में शामिल होने पर विचार करें। बारी-बारी ड्राइविंग करने और दूसरों के साथ यात्रा करने से, आप कार्बन उत्सर्जन (emission) को कम करेंगे और हर हफ्ते ईधन के खर्च में बचत भी करेंगे। [३]कार-पूलिंग, अपने सहकर्मियों के साथ दोस्ती करने का और आपके कम्यूट (commute) करने के तनाव को कम करने का एक शानदार तरीका है।[४]
- अपने वाहन का नियमित रूप से रख-रखाव कराएं: अपनी कार को कम इस्तेमाल करने के तरीके खोजने के अलावा, अपनी कार को अच्छी हालत में रखने से भी कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिल सकती है। एक अतिरिक्त बोनस के रूप में, अपनी कार को अच्छी हालत में रखने से आपके वाहन को अधिक बड़ी समस्याओं से बचाने में मदद मिलेगी। कार के अच्छी तरह से चलने के लिए, उसका नियमित रख-रखाव करें।[५]
- प्रत्येक तीन महीने या 3,000 मील (लगभग 4800 किलोमीटर) चलने के बाद ऑयल बदलवाएं।
- टायरों में हवा, अपने वाहन की रिकमेन्डेशन्स (recommendations) के अनुसार भरवाएं।
- अपने वाहन में, रिकमेन्डेशन्स के अनुसार, एयर, ऑयल और फ्यूल-फ़िल्टर बदलवाएं।
- सुरक्षित ड्राइविंग करें: असुरक्षित ड्राइविंग की आदतों से भी प्रदूषण बढ़ता है, इसलिए एक सुरक्षित ड्राइवर बनकर आप वायु-प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं। सुरक्षित ड्राइविंग की आदतें, आपकी कार में लगने वाले ईंधन की मात्रा को कम करके, आपके पैसे भी बचा सकतीं हैं। जब आप वाहन चला रहे हों, तो सुरक्षित रहने के लिए इन्हें याद रखें:[६]
- एक्सेलरेटर हलके से दबाना और धीरे-धीरे एक्सेलरेट करना
- गति-सीमा पर या उसके नीचे ड्राइविंग करना
- कार की गति को स्थिर रखना (क्रूज़-कंट्रोल का उपयोग करने का प्रयास करें, यदि आपके कार में यह सुविधा है।)
- वाहन को रोकने के लिए अपने को समुचित समय देना
- अगली गाड़ी लेते समय, एक हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर विचार करें: इलेक्ट्रिक कार केवल बिजली पर चलती हैं, इसलिए वे ज़ीरो उत्सर्जन (zero emission) वाहन होते हैं। हाइब्रिड कार्स, चलने के लिए बिजली और ईंधन के कंबीनेशन का उपयोग करती हैं। यद्यपि, इलेक्ट्रिक कार्स सबसे कम प्रदूषण करती हैं तथापि, दोनों ही ऑप्शन्स प्रदूषण को रोकने में मदद करेंगे। यद्यपि, हाइब्रिड कार्स अभी भी चलने के लिए कुछ ईधन का उपयोग करती हैं, फिर भी हाइब्रिड कार्स में, रेगुलर कार्स की तुलना में काफी बेहतर फ्यूल इकॉनमी होती है, और पारंपरिक कारों की तुलना में कम ग्रीनहाउस-गैसों का उत्सर्जन करती हैं। पारंपरिक ईंधन से चलने वाली कारों की तुलना में, उनमें रख-रखाव की भी कम आवश्यकता होती है।[७]
- ध्यान रखें कि इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कार्स की कीमत अधिकांश पारंपरिक कार्स की तुलना में अधिक होती है।
संपादन करेंसस्टेनेबल (sustainable) फूड च्वाइसेज़ बनाना
- जब भी संभव हो स्थानीय भोजन ही चुनें: देश और दुनिया भर से भोजन लाने के लिए काफी अधिक मात्रा में ईंधन की आवश्यकता होती है। इस अत्यधिक ईंधन का उपयोग, वायु-प्रदूषण को बढ़ावा देता है। आपके टेबल पर, हजारों मील की यात्रा करके आए भोजन को खरीदने के बजाय, आस-पास के खेतों से आए भोजन को चुनें जिन्हें सस्टेनेबल तरीकों का उपयोग करके उगाया गया है। खरीदने से पहले, जानकारी के लिए, किसानों या उगाने वालों से प्रदूषण को रोकने के लिए उनके द्वारा अपनाए जा रहे तकनीक के बारे में पूछें। [८]
- फलों और सब्जियों को सीधे उन्हें उगाने वालों से खरीदने के लिए, लोकल फार्म-स्टैंड या किसानों के बाजार में जाएं।
- स्थानीय रूप से उगाए गए और उत्पादित किए गए खाद्य पदार्थों के लिए अपने पड़ोस के फूड-कोआपरेटिव से खरीदारी करें।
- स्थानीय रूप से उगाए गए उत्पाद और अन्य लोकल आइटेम्स लिए अपने पड़ोस की किराने की दुकान में पता करें।
- फैक्ट्री-फार्म्स से लिए गए एनिमल प्रोडक्ट्स को खाना कम करें या बंद ही कर दें: फैक्ट्री-फार्म्स बहुत बड़े एफ़िशिएन्सी-फोकस्ड आपरेशन्स होते हैं जो मांस, दूध, पनीर और अंडे जैसे एनिमल प्रोडक्ट्स का उत्पादन करते हैं।[९] फैक्ट्री-फार्म्स, प्रदूषण को बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान देते हैं और उनमें से कुछ तो हवा और जल के प्रदूषण में इतना बड़ा योगदान देते हैं जितना बड़ा एक छोटा शहर करता है। [१०] प्रदूषण को रोकने में मदद करने के लिए, फैक्ट्री-फार्म्स से आने वाले एनिमल प्रोडक्ट्स को खरीदना और खाना बंद करें।
- यदि आपको ऐसी सलाह दी गई है कि आप एनिमल प्रोडक्ट्स को पूरी तरह से न छोड़ें, तो इसे सप्ताह में एक या दो बार तक सीमित करने का प्रयास करें। आप सस्टेनेबली रेज्ड मीट्स (sustainably raised meats), जैसे कि घास पर पले गाय का मांस, या किसी स्थानीय शिकारी से हिरण के मांस के बारे में पता कर सकते हैं।
- यदि आप ज्यादा बड़ा प्रभाव डालना चाहते हैं, तो शाकाहारी या वेगन (vegan) बनने पर विचार करें।
- आर्गैनिक (organic) रूप से उगाए गए फल और सब्जियां चुनें: आर्गैनिक फलों और सब्जियों को किसानों द्वारा उगाया जाता है जो सस्टेनेबल फ़ार्मिंग तरीकों का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, वे रासायनिक कीटनाशकों, जो ग्राउंड-वाटर के प्रदूषण में योगदान देते हैं, का उपयोग करने से बचते हैं । आर्गैनिक फल और सब्जियों को चुनकर आप खेती के ऐसे तरीकों को बढ़ावा देंगे जो पर्यावरण के लिए बेहतर हैं। हैं।[११]
- ऐसे फल, सब्जियां, और अन्य उत्पादों की तलाश करें जिन्हें "और्गनिक" या "सर्टिफाइड और्गनिक" के रूप में लेबल किया गया हो।
- अपने फलों और सब्जियों को स्वयं उगाएँ: अपने बैकयार्ड में एक बगीचा शुरू करना, प्रदूषण रोकने में मदद करने का एक और शानदार तरीका है। पौधे और पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन में परिवर्तित करते हैं और कार्बन सिंक के रूप में कार्य करते हैं, जिसका अर्थ है कम प्रदूषण। इसके अलावा, आपके बैकयार्ड में जो फल और सब्जियां उगते हैं, वे स्टोर से आए सामान की जगह ले लेते हैं, जिन्हें आपकी प्लेट तक आने के लिए कई मील की यात्रा करनी पड़ती है।[१२]
- यदि आप बागवानी के लिए नए हैं, तो छोटे से शुरूआत करें। अपने आंगन में एक छोटा कंटेनर गार्डेन लगाएं या अपने बैकयार्ड में कुछ टमाटर, लेट्युस , और ककड़ी के पौधे लगाएं। बागवानी के साथ सहज होने के बाद, कुछ वर्षों के अंतराल में, आप अपने बगीचे का आकार बढ़ा सकते हैं।
संपादन करेंसस्टेनेबल एनर्जी च्वाइसेज बनाना
- जब आप कमरे में न हों, तो रोशनी और इलेक्ट्रॉनिक्स बंद रखें: और भी ऊर्जा बचाने के लिए, आप उन्हें अनप्लग भी कर सकते हैं। सभी इलेक्ट्रॉनिक्स को पावर स्ट्रिप में प्लग करना भी एक अच्छी स्ट्रेटेजी होती है, क्योंकि आप आसानी से पावर स्ट्रिप को बंद कर सकते हैं जिससे एक ही समय में सभी इलेक्ट्रॉनिक्स बंद हो जाएंगे।
- उन छोटे बदलावों की तलाश करें जो ऊर्जा की बड़ी बचत का कारण बन सकतें हैं: ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो आप यह सुनिश्चित करने के लिए कर सकते हैं कि, यथासंभव ऊर्जा की बचत हो। ऊर्जा बचाने के लिए इन स्ट्रेटेजीज़ को ध्यान में रखें।
- अपने वॉटर हीटर का तापमान 120℉ (49 C) पर रखें। आपके घर के कुल ऊर्जा खर्च का 14-25% केवल पानी गर्म करने में इस्तेमाल होता है। 120℉ (49 C) पर वॉटर हीटर को सेट करने से उस ऊर्जा में से कुछ बचत करने में मदद मिलेगी।[१३]
- कपड़े हवा में सुखाएँ। यदि ड्रायर का उपयोग करने के बजाय आप अपने कपड़ों को सूखने के लिए बाहर डालें, तो आप अपने कार्बन फुट-प्रिंट को सालाना लगभग 1,100 किलोग्राम तक कम कर सकते हैं ।[१४]
- बर्तनों को हवा में या हाथ से सुखाएँ। डिशवॉशर के उपयोग से होने वाली घरेलू ऊर्जा में 2.5% की कमी लाएँ। अपने डिशवॉशर पर ड्राइ साइकल चलाने के बजाय डिशवॉशर का दरवाजा खोल दें।
- एनर्जी एफ़िशिएंट (energy efficient) लाइट बल्ब्स चुनें। कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लाइट बल्ब्स (सीएफएल), आपके घर को प्रकाशित करने में खर्च होने वाली ऊर्जा का 75% तक बचा सकते हैं। ये बल्ब्स, सामान्य लाइट बल्ब्स की तुलना में, गर्मी भी कम उत्पन्न करते हैं।[१५]
- थर्मोस्टेट को गर्म महीनों में 78℉ (25 C) पर और ठंडे महीनों में 68 (20 C) पर सेट करें: अपने हीटिंग और एयर कंडीशनिंग सिस्टम को साल भर कम इस्तेमाल करके, आप अपने ऊर्जा उपयोग में एक बाड़ी कर सकते हैं।
- ठंडे महीनों के दौरान रात में अपने हीटर को 55℉ (13 C) पर रखें और गर्म रहने के लिए कंबल का प्रयोग करें।
- अपने घर में तापमान को नियंत्रित करने में मदद के लिए एयर कंडीशनर के बजाए पंखों का उपयोग करें। पंखे, एयर कंडीशनर की तुलना में बहुत कम ऊर्जा का उपयोग करते हैं।[१६]
- सुनिश्चित करें कि आपकी खिड़कियां और एयर-डक्ट्स अच्छी तरह से बंद हैं: सरल समाधान जैसे कि, खिड़कियों के फ्रेम के चारों ओर कपड़ा ठूँसना (कौलकिंग – caulking) और शीशों (panes) को फिर से ग्लेज़ करना अपनाएं अन्यथा आपको उन्हें बदलना पड़ेगा। आप सर्दियों में अपने घर से निकलने वाली गर्मी की मात्रा को कम करने के लिए खिड़की के ट्रीटमंट और कवरिंग भी करवा सकते हैं।[१७]
- यदि आपने अपने घर के लिए नई खिड़कियां खरीदने का फैसला करते हैं, तो उन खिड़कियों की तलाश करें जिन्हे ENERGY STAR® विंडो के रूप में नामित किया गया हो। इन खिड़कियों को, ऊर्जा बचत के लिए, कुछ मानदंडों को पूरा करना पड़ता है।[१८]
- अपने कम्यूनिटी-च्वाइस-एनर्जी आप्शंस में देखें: कुछ शहरों में रेजीडेंट्स को कम लागत पर सस्टेनेबल कीमतों पर प्राप्त ऊर्जा खरीदने की अनुमति मिलती है, जो आमतौर पर मिलने वाली ऊर्जा की तुलना में सस्ती होती है। उदाहरण के लिए, आप कोयले या गैस के बजाय वायु, सोलर पैनलों या पानी से प्राप्त की गयी ऊर्जा को खरीद सकते हैं। यह पता करने के लिए चेक करें कि आपके शहर में यह विकल्प उपलब्ध है या नहीं।[१९]
- देखें कि फ्युल स्विचिंग आपके लिए एक विकल्प है या नहीं: फ्युल-स्विचिंग में आपके ऊर्जा स्रोतों को, गैस जैसे कम सस्टेनेबल की जगह, इलेक्ट्रिसिटी जैसे अधिक सस्टेनेबल में बदलना शामिल है। उदाहरण के लिए, आप अपने घर में एक इलेक्ट्रिक स्टोव को गैस स्टोव से बदल सकते हैं, या गैस फर्नेस को इलेक्ट्रिक हीटर से बदल सकते हैं।[२०]
संपादन करेंकम करना, पुन: उपयोग करना, और री-साइकिल करना
- जब भी संभव हो, यूज्ड आइटम्स खरीदें: यूज्ड प्रोडक्टस को खरीदकर, आप नई सामग्रियों के निर्माण की मांग को कम करने में मदद करेंगे। आप पैसे भी बचाएंगे। यूज्ड आइटम्स को खोजने के लिए स्थानीय थ्रिफ्ट शॉप, फर्नीचर और ऐप्लाएन्स स्टोर्स तथा स्थानीय विज्ञापनों में देखें। [२१]
- री-यूजेबल आइटम्स को खरीदें: भोजन के लिए डिस्पोजेबल कप्स, प्लेट्स, बर्तनों तथा स्टोरेज कंटेनर्स के द्वारा बहुत सारा कचरा पैदा होता है। डिस्पोजेबल डिनर-वेयर का उपयोग करके कचरे से गड्ढा भरने में योगदान करने के बजाय, मुख्य रूप से री-यूजेबल आइटम्स का उपयोग करें।[२२]
- न्यूनतम पैकेजिंग वाले आइटम्स को चुनें: भोजन को सुरक्षित रखने के लिए उपयोग की जाने वाली पैकेजिंग के लिए नये रॉ-मैटीरियल्स और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए, कम से कम पैकेजिंग-युक्त खाद्य पदार्थ ही खरीदें जैसे कि, थोक वस्तुएं या अनपैक्ड प्रोडक्ट्स। यदि आप को पैक किया गया कुछ खरीदना ही पड़े, तो न्यूनतम पैकेजिंग वाले आइटम्स चुनने का प्रयास करें।[२३]
- स्टायरोफोम में पैक किए गए उत्पादों को खरीदने से बचें। स्टायरोफोम एक आम पैकेजिंग सामग्री है, लेकिन यह गड्ढा भरने में इस्तेमाल हो सकने वाले कचरे को बढ़ाने में काफी योगदान देता है क्योंकि, इसे री- साइकिल करना मुश्किल होता है। स्टायरोफोम-उत्पादन, हाइड्रोकार्बन के रिलीज के माध्यम से प्रदूषण में भी योगदान देता है।[२४]
- हर चीज़ को री-साइकिल करने के लिए, आप जो कुछ भी कर सकते हैं, उसे करें: आपके द्वारा खरीदे जाने वाले लगभग हर चीज को री-साइकिल किया जा सकता है। उन उत्पादों से बचने का प्रयास करें जिनके पैकेज पर री- साइकिल सिंबल नहीं है या जो मिश्रित सामग्रियों से बने हैं जो री-साइक्लिंग के लिए आसान नहीं होते हैं।[२५]
- पता लगाएँ कि, क्या आपकी वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी री-साइक्लिंग पिक-अप सेवाएं प्रदान करती है। यदि नहीं, तो आप हमेशा अपने छांटे गए री-साइक्लेबल चीजों को पास के री-साइक्लिंग सेंटर में ले जा सकते हैं।
- री-साइकिल्ड सामग्री से बने आइटम्स खरीदें: री-साइकिल्ड सामग्री से बने आइटम्स को खरीदकर, आप उत्पादित होने वाली नई सामग्रियों की मात्रा को कम करने में मदद करेंगे।[२६]
- उन वस्तुओं की तलाश करें जिनमें "री-साइकिल्ड कन्टेन्ट-प्रॉडक्ट" या "पोस्ट कंस्यूमर कन्टेन्ट" शब्द शामिल हों।
- री-साइकिल्ड सामग्रियों से बने आइटम्स अक्सर यह दर्शाते हैं कि, उत्पाद की सामग्री में री-साइकिल्ड सामग्री से कितनी मात्रा में आई है। उन वस्तुओं की तलाश करें जिनमें दूसरों की तुलना में यह प्रतिशत अधिक हो।
संपादन करेंवॉटर सप्लाइ से केमिकल्स को बाहर रखना
- कम मात्रा में तथा एन्वायरानमेन्ट-फ्रेंडली केमिकल्स का प्रयोग करें: जिन केमिकल्स का उपयोग हम अपने घरों, कारों और यहां तक कि अपने शरीर को धोने के लिए करते हैं, वे नाली में बहकर सीवर प्रणाली में मिल जाते हैं, परंतु अक्सर वे ग्राउंड-वॉटर में मिल जाते हैं। ये केमिकल्स, हमारे इकोसिस्टम को बनाने वाले पौधों और जानवरों के लिए अच्छे नहीं होते हैं, और वे मनुष्यों के कंजंप्शन के लिए भी स्वास्थकर नहीं होते हैं। जब भी संभव हो, केमिकल्स के बजाय प्राकृतिक, स्वस्थ विकल्पों का उपयोग करें।[२७]
- उदाहरण के लिए, अपने बाथरूम या रसोई को साफ़ करने के लिए एक हेवी-ड्यूटी क्लीनर का उपयोग करने के बजाय, सिरका और पानी या बेकिंग सोडा और साल्ट-पेस्ट के मिश्रण का उपयोग करें। इन प्राकृतिक घरेलू चीजों से काम भी उतना ही अच्छा होता है, और जब आप उन्हें नाली में बहाते हैं तो वे पानी को प्रदूषित नहीं करते हैं।
- अपना खुद का कपड़े धोने का डिटर्जेंट और डिश-सोप बनाने का प्रयास करें। यदि आपके पास समय नहीं है, तो पूरी तरह नैचुरल इंग्रेडिएंट्स से बने डिटर्जेंट खरीदें।
- जब आपको किसी टॉक्सिक पदार्थ का अच्छा विकल्प न मिल रहा हो, तो उसकी उतनी ही मात्रा का उपयोग करें, जिससे कम में ही निपट जाए और काम भी पूरा सम्पन्न हो जाए।
- पेस्टिसाइड्स और हर्बिसाइड्स का उपयोग न करें: इन शक्तिशाली केमिकल्स को सीधे जमीन पर छिड़का जाता है, और जब बारिश होती है तो वे मिट्टी में ऐब्जार्ब होकर भूजल में मिल जाते हैं। आप शायद इतना ही चाहते हैं कि, एफिड्स (aphids) आपका टमाटर खाना बंद कर दें, लेकिन पेस्टिसाइड्स का बगीचे में छिड़काव उससे कहीं ज्यादा हानिकारक होगा, जब वह भूजल में मिल जाता है जिसकी आवश्यकता जीवित रहने के लिए, मनुष्यों और अन्य जीवों को भी होती है।
- दवा फ्लश (flush) न करें: बड़ी मात्रा में दवाओं को वॉटर सप्लाइ से बाहर निकालने में, वॉटर-सैनिटेशन-सिस्टम को बहुत कठिनाई होती है और ये दवाएं, हर पानी पीने वाले को कुप्रभावित करती हैं। बाजार में मिल रही प्रत्येक दवा पर इस बात के स्पेसिफिक निर्देश होते हैं कि उन्हें कैसे डिस्पोज़ करना चाहिए। यदि आपको दवा फेंकने की ज़रूरत हो, तो फ़्लशिंग का उपयोग करने के बजाय उसे फेंकने का उचित तरीका जानें।
- कुछ अत्यधिक-नियंत्रित-दवाएं होती हैं, जिन्हें अधिकारीगण, गलत हाथों में पड़ने से बचाने के लिए, फ़्लशिंग की सलाह देते हैं। ये उस सामान्य नियम के अपवाद हैं जिनके अनुसार दवाओं को फ्लश नहीं किया जाना चाहिए।
- यह पता लगाने के लिए कि क्या वे दवा डिस्पोज़ करने के लिए कोई कंटेनर प्रदान करते हैं, अपनी स्थानीय फार्मेसी या पुलिस विभाग से पता करें।
- टॉक्सिक वेस्ट (waste) को सही ढंग से डिस्पोज़ करें: कुछ पदार्थों को कूड़े के साथ बाहर नहीं फेंकना चाहिए, क्योंकि वे जमीन द्वारा सोखे जाएंगे और अंततोगत्वा, भूजल को जहरीला बनाएँगे। यदि आपके पास टॉक्सिक केमिकल है और आप आश्वस्त नहीं हैं कि उन्हें कैसे फेंकना है, तो इसे पता करने के लिए अपने स्थानीय सैनिटेशन डिपार्टमेन्ट से संपर्क करें कि टॉक्सिक-वेस्ट-डिस्पोजल स्थल कहां है। उन्हें वहां ले जाएं ताकि यह सुनिश्चित हो कि वे ठीक से संभाले जाएंगे।
- एन्वायरानमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी के पास विभिन्न प्रकार के टॉक्सिक वेस्ट्स की सूची होती है। here.
- ध्यान रखें कि आइटम्स जैसे कि, सीएफएल्स, बैटरीज़, और अन्य स्पेशल प्रोडक्ट्स को स्पेशल री-साइक्लिंग की जरूरत होती है। पानी और मिट्टी में मरक्यूरी को मिलने से रोकने से लिए, कुछ राज्यों को भी इन वस्तुओं को री-साइकिल करने की आवश्यकता होती है। इन वस्तुओं को री-साइक्लिंग के लिए वे कौन से विकल्प प्रदान करते हैं, यह जानने के लिए अपनी वेस्ट-मैनेजमेंट-कंपनी से पता करें।[२८]
- पानी कंजर्व करें: हमारे पास जो भी पानी है उसकी अच्छी देखभाल करना और जितना संभव हो सके उसे कंजर्व करना महत्वपूर्ण होता है। पानी का बर्बाद होना एक मूल्यवान रिसोर्स का दुरुपयोग करने जैसा होता है और पर्यावरण पर इसका बड़ा कुप्रभाव पड़ता है। अपने दैनिक जीवन में ऐसे उपाय करना आसान होते हैं, जो आपको कम पानी का उपयोग करने और अपने एरिया के इको-सिस्टम के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। पानी बचाने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं:
- पानी के लीकेज को तुरंत ठीक करें।
- अपने नल और शौचालयों में पानी की बचत करने वाले उपकरणों का उपयोग करें, जैसे कम प्रवाह वाले शॉवरहेड।
- बर्तन धोएं के लिए पानी लगातार न बहाएँ।
- पुराने शौचालयों और उपकरणों को ऐसे नए मॉडल्स के साथ बदलें जो कम पानी का उपयोग करते हैं।
- अपने लॉन को अत्यधिक पानी न दें, खासकर यदि आप ड्राइ एरिया में रहते हों।
संपादन करेंखुद शामिल होना और दूसरों को शिक्षित करना
- अपने एरिया के प्रमुख प्रदूषकों के बारे में जानें: अपनी लाइब्रेरी में जाएं, इंटरनेट शोध करें, और उन लोगों से बात करें जो आपको, जहां आप रहते हैं वहाँ के प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों के बारे में, बता सकते हैं। जितना संभव हो उतना सीखना आपको प्रदूषण के बारे में बेहतर समझ पाने में मदद करेगा।
- लोग तो हवा और पानी को साफ रखने के लिए अपने हिस्से का कार्य कर ही लेते हैं, मुख्य अपराधी तो एन्वायरानमेंटली डैमजिंग इंडस्ट्रियल प्रैक्टिसेज वाले कॉर्पोरेशन्स हैं। जहां आप रहते हैं वहां के पानी और हवा की रक्षा के लिए, यह जानना महत्वपूर्ण है कि उन्हें खतरे में कौन डाल रहा है।
- आप जो जानते हैं वो लोगों को बताएं: हालांकि बहुत से लोग वायु प्रदूषण को रोकने के बारे में चिंतित हैं, परंतु कई लोग समस्या की गंभीरता को समझ नहीं पाते हैं या यह नहीं जानते हैं कि इसके बारे में क्या करना है। चूंकि आपने प्रदूषण पर कुछ रिसर्च किया है, इसलिए अन्य लोगों के साथ इसके बारे में बात करके, स्थिति बदलने के लिए आप अपने ज्ञान का उपयोग करें। जितना अधिक लोगों को प्रदूषण के बारे में जानकारी होगी, उतनी ही अधिक इस बात की संभावना होगी कि, हम सामूहिक रूप से, इसे रोकने के लिए, एक रास्ता खोज ही लेंगे।
- केवल अन्य लोगों के साथ प्रदूषण के बारे में बात करना दिलचस्प चर्चाओं का कारण बन सकता है। उन लोगों के सवालों के जवाब देने को तैयार रहें जो ऐसा सोचते कि वे इसे रोकने में मदद करने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते हैं।
- प्रदूषण और इसके कारण होने वाली क्षति एक बहुत ही गंभीर विषय है कि कुछ लोग इसबारे में चर्चा करने के अवर्स (averse) हो सकते हैं। एक ऐसे व्यक्ति के रूप में, जो इस मुद्दे की परवाह करता है, दूसरों के दृष्टिकोणों के प्रति सेंसिटिव रहें और पृथ्वी पर क्या हो रहा है, इसकी गहरी समझ हासिल करने में उनकी सहायता करने के तरीकों को ढूंढें।
- अपने स्कूल या स्थानीय समाचार पत्र के लिए एक लेख लिखें: प्रदूषण को रोकने के तरीके के बारे में जानकारी प्रकाशित करके फैलाने से दूसरों को समस्या के बारे में अधिक जागरूक होने में मदद मिलेगी। एक संपादकीय लिखें जो समस्या और समाधान दोनों पर चर्चा करता है जिसे लोग तुरंत अपने दैनिक जीवन में लागू करना शुरू कर सकते हैं।
- स्थानीय प्रदूषकों का विरोध करें: क्या आपके क्षेत्र में कोई ऐसी फैक्टरी या इंडस्ट्री है जो आपके स्थानीय पर्यावरण के प्रदूषण में योगदान दे रहा है? आप क्या हो रहा है के बारे में मुखर होने से और दूसरों के साथ, जो आपके पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखना चाहते हैं, जुड़ने से एक फर्क बना सकते हैं। ऑनलाइन रिसर्च करें और अपने क्षेत्र में चीजों की स्थिति के बारे में और जानें। घर से परिवर्तन शुरू होता है, और एक स्थानीय कार्यकर्ता बनना एक अंतर लाने का सबसे अच्छा तरीका है।
- एक एन्वायरानमेंटल ग्रुप में शामिल हों: आपके एरिया में प्रदूषण रोकने पर काम कर रहे मौजूदा समूह हो सकते हैं। यदि आप किसी एक को नहीं ढूंढ पा रहे हैं, तो आप और आपके मित्र एक समूह शुरू कर सकते हैं जो सप्ताह में एक या अधिक बार मुद्दों पर चर्चा करने के लिए, और विचारों को ब्रेनस्टोर्म करने के लिए मिलता है कि आप क्या मदद कर सकते हैं।[२९] फेसबुक, ट्विटर और अपने पड़ोस में, आसपास, साइन पोस्ट करके दूसरों को बात फैलाने में शामिल होने के लिए शामिल करें। एवेंट्स करें जो प्रदूषण के बारे में बात फैलाने में मदद करेंगी और लोगों को इसके बारे में कुछ करने का मौका देगी। एवेंट्स के लिए यहां कुछ विचार दिए गए हैं:
- एक नदी या क्रीक कि सफाई करवाएँ।
- प्रदूषण के बारे में एक डॉक्यूमेंटरी की स्क्रीनिंग आयोजित करें।
- बच्चों से बात करने के लिए विद्यालयों में जाएं कि वे प्रदूषण को रोकने में कैसे मदद कर सकते हैं।
- पानी को केमिकल-फ्री रखने के अपने विचारों के बारे में बात करने के लिए अपने स्थानीय प्रतिनिधि से संपर्क करें।
- एक समूह में शामिल हों जो हवा को साफ करने में मदद करने के लिए पेड़ लगाए।
- बाइक कार्यकर्ता बनें। अपने शहर में सुरक्षित मार्ग बनाने के लिए काम करें।
- कभी कभी अपनी आस्तीन को चढ़ायें और प्रदूषण को कम करने में मदद करने के लिए कुछ करें। यदि आप कचरा फेंकते हैं, तो उसे उठाएँ!
- कॉफी शॉप में कॉफी लेने के लिए अपना खुद का ट्रैवल मग ले जाएँ।
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November 5, 2018, 10:00 pm
अपने लिए एक वर्कआउट नियम बना लेना, आपकी मसल्स को टोन करने, शरीर से कुछ वजन कम करने और त्वचा को ढीली पड़ने से बचाने का काफी दमदार तरीका होता है। फेशियल एक्सर्साइज़ और फेशियल योगा करना, अपने चेहरे की मसल्स को सुदृढ़ बनाकर और झुर्रियाँ कम करके, अपनी उम्र को कम दिखाने का बहुत अच्छा तरीका है। अगर आपके चेहरे पर मसल्स संबंधी कोई समस्या है, तो एकदम सुदृढ़ और कॉन्फिडेंट लुक पाने के लिए, अपनी मसल्स को मजबूत बनाने के लिए ये सारी एक्सर्साइज़ काफी मददगार रहेंगी। आपके चेहरे पर लगभग 50 मसल्स पाई जाती हैं, और इनकी एक्सर्साइज़ करने से आपको अपनी आँखों के तनाव और गर्दन और चेहरे के तनाव को कम करने में काफी मदद मिलती है। अपने चेहरे की मसल्स के ऊपर कुछ काम करने से आप अपने चेहरे को और भी ज्यादा आकर्षक बना सकते हैं।
संपादन करेंअपने माथे और आँखों की एक्सर्साइज़ करना (Exercising Your Forehead and Eyes)
- अपनी इंडेक्स फिंगर (तर्जनी) से अपने माथे को खीचें: सिर्फ अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करके आप अपने माथे पर कुछ इस तरह से प्रैशर दे सकते हैं, जिस से अपनी आइब्रो को शिफ्ट करते ही आपके चेहरे का वो हिस्सा मजबूत बन सके। ये आपके माथे की रेखाओं को नर्म करने में मदद कर सकता है।[१]
- अपनी दोनों इंडेक्स फिंगर को, अपनी एक-एक आँखों के ऊपर रखें।
- अपनी आइब्रो को ऊपर उठाते वक़्त, अपनी आँखों को भी खीचें।
- अपने माथे को मजबूत बनाने के लिए इसे 10 बार दोहराएँ।
- अपने हाथ से अपने माथे को धकेलें: ये एक साधारण सी एक्सर्साइज़, आपकी हथेलियों के जरिये, आइब्रोज को झुकाते हुए एक तरह का रजिस्टेंस पैदा करती है। इस वर्कआउट को करने से आपके माथे की रेखाओं को हल्की करने में मदद मिलती है।[२]
- अपनी दोनों ही हथेलियों को अपने माथे के एक-एक तरफ कुछ ऐसे रख लें, ताकि आपकी दोनों हथेलियों का निचला हिस्सा एक-एक आइब्रो के ऊपर रख जाए। आपकी हथेलियों में अच्छी तरह से त्वचा समानी चाहिए।
- अपनी आइब्रो की मसल्स को कुछ इस तरह से ऊपर चढ़ाएँ, जैसे कि आप सर्प्राइज़ हुए हैं, फिर इन्हें कुछ ऐसे नीचे झुकाएँ, जैसे कि आप गुस्से में हैं।
- 10 बार ऐसे ऊपर चढ़ाएँ और नीचे लाएँ, फिर इसे ऊपर चढ़ाकर 30 सेकंड के लिए होल्ड करके रखें। नीचे लाएँ और 30 सेकंड के लिए होल्ड करके रखें, फिर और 10 बार इस ऊपर और नीचे करने की प्रक्रिया को पूरा करें।
- ब्रो लिफ्ट्स (brow lifts) करें: अपनी उंगलियों और अपनी आइब्रोज की मदद से, आप अपने माथे की मसल्स की एक्सर्साइज़ कर सकते हैं। बस ज़रा सा दबाव भी, एक्सर्साइज़ करने के लिए काफी अच्छा रजिसटेन्स तैयार कर सकता है।[३]
- दोनों हाँथ की दो उंगलियों से शांति का प्रतीक (V साइन) बनाकर, और फिर अपनी उंगलियों के सिरों को अपनी दोनों आइब्रो पर रखें।
- अपनी उंगलियों के सहारे, वहाँ की त्वचा को आराम से नीचे की तरफ लाएँ, फिर अपनी ब्रो को ऊपर और नीचे धकेलें।
- अपनी ब्रोज पर इस ऊपर और नीचे लाने की प्रक्रिया को 10 बार दोहराएँ।
- पहले 10 के 3 सेट करें, फिर दोबारा एक और 10 के 3 सेट करें।
- आपकी पलकें (आइलिड्स) स्ट्रेच करें: आपकी पलकें सबसे आसान मसल्स हैं, जिन पर काम किया जा सकता है और इनके लिए ज्यादा रजिस्टेंस की जरूरत भी नहीं होती। आपकी उँगलियों की मदद से इन्हें स्ट्रेच किया जा सकता है, झुर्रियाँ हटाने में और आपको और ज्यादा मजबूत पलकें देने में भी मदद कर सकता है।[४]
- बैठ जाएँ और अपनी आँखें बंद कर लें।
- अपनी पलकों को रिलैक्स रखते हुए, आइब्रोज को ऊपर उठाने के लिए अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करें। ऊपर उठाते वक़्त, अपनी आँखों को बंद रखें और जितना ज्यादा स्ट्रेच कर सकें, करने की कोशिश करें।
- इस पोजीशन को 10 सेकंड के लिए होल्ड करके रखें, फिर रिलैक्स करें और इसे 10 बार दोहराएँ।
- एक आइ स्क़्वीज (आँखों को भींचें) करें: अपने मुंह से थोड़ा खींचने वाले रजिस्टेंस का इस्तेमाल करके, अपनी आंखों को बंद रखते हुए, इन्हें भीचने की कोशिश करें, और अपनी पलकों की स्ट्रेचिंग को और आगे बढ़ाएं। क्योंकि इस एक्सर्साइज़ में अलग-अलग तरह की मसल्स का इस्तेमाल होता है, जिसकी वजह से सिर्फ आपकी आँखों की स्ट्रेचिंग होने के बजाय, पूरे चेहरे की स्ट्रेचिंग हो जाती है।[५]
- अपने होंठों को नीचे की ओर खीचें, ताकि आपके चेहरे की मसल्स टाइट हो जाएँ, फिर अपने होंठों को एक तरफ खीचें।
- अपने होंठों को एक साइड पर रखकर अपनी किसी एक आँख को एक सेकंड के लिए बंद करके भीचें। फिर दूसरी आँख के लिए भी ऐसा ही करें।
- हर एक आँख के लिए 10 के 3 सेट करें, फिर छोटा सा रेस्ट लें, फिर वापस एक और 10 के 3 सेट करें।
- अपनी आँखों को पकड़कर, चेहरे को स्ट्रेच करें: इससे आपको ज्यादा बड़ी-बड़ी आंखें पाने के लिए, आपकी पलकों के चारों ओर मांसपेशियों को बनाने में मदद मिलेगी। अपनी उँगलियों की मदद से, आँखों के खुलने और बंद होने की बेसिक प्रक्रिया पर एक रजिस्टेंस बनाएँ।[६]
- अपने अंगूठे और इंडेक्स फिंगर की मदद से अपनी आँखों के चारों ओर एक सी (C) बनाएँ। अपनी इंडेक्स फिंगर के अपनी आइब्रो के ऊपर होने की और अंगूठे के आपके गालों पर रखे होने की पुष्टि करें।
- आपकी आँखों को बंद कर लें और फिर धीरे-धीरे अपनी पलकों को एक-साथ भीचें। अपनी आँखों को खोले बिना टेंशन को रिलीज करें।
- 25 बार तक अपनी पलकों को भींचना और रिलैक्स करना चालू रखें।
संपादन करेंअपने चेहरे की एक्सर्साइज़ करना (Exercising Your Mouth)
- मुस्कुराकर एक्सर्साइज़ करें: अपनी मुस्कान को सुदृढ़ बनाने के सबसे सरल तरीकों में से एक तरीका यही है, कि आप इसे करने की प्रैक्टिस करें। इस एक्सर्साइज़ में, आपको अपने मुँह को एक पूरी मुस्कान या हँसी की स्थिति में लाना है, वो भी अलग-अलग पोजीशन बनाए रखते हुए। ये आपको अपने चेहरे पर और आपके हँसने की काबिलियत पर काफी अच्छा कंट्रोल प्रदान करेगी।[७]
- अपने होंठों को एक-साथ रखकर, अपने मुँह के कोनों को स्ट्रेच करके मुस्कुराते हुए शुरुआत करें।
- इसके बाद, अपने मुँह को थोड़ा ऊपर की तरफ मोड़ें, ताकि आपके ऊपरी दाँत दिखने लगें।
- अपने दाँत दिखाते हुए आप जितना ज्यादा हँस सकें, हँसें।
- जब आप अपनी हद तक पहुँच जाएँ, फिर अपनी मुस्कान को वापस शुरुआती पॉइंट पर लाकर, अपने मुँह को जरा आराम दें।
- अपनी मुस्कान के इस विस्तार के दौरान, बीच-बीच में कई जगहों पर रुकें और इस पोजीशन को 10 सेकंड के लिए होल्ड करके रखें।
- अपनी मुस्कुराहट पर एक दबाव डालें: इसके पहले बताई हुई एक्सर्साइज़ की तरह ही, ये भी आपकी मुस्कान की अलग-अलग स्टेज के जरिए आपके चेहरे की मसल्स पर काम करेगी। इसमें आपकी उंगलियाँ, आपके मुँह के पास में मौजूद दूसरी मसल्स पर जरा ज्यादा रजिस्टेंस पैदा करने में मदद करेंगी।[८]
- एक पूरी मुस्कान दें, और फिर अपनी उंगलियों की मदद से दोनों कोनों पर दबाव बनाते हुए इसे एक ही जगह पर होल्ड करके रखने की कोशिश करें।
- उंगलियों की मदद से किसी भी मूवमेंट पर रुकावट लगाते हुए, अपने होंठों को आधा बंद करें, फिर पूरा।
- हर एक पोजीशन को 10 सेकंड के लिए होल्ड करके रखें।
- एक फेस लिफ्ट (face lift) एक्सर्साइज़ करें: होंठों में कसावट बनाए रखने और होंठों के अच्छे आकार को बनाए रखने के लिए, ये एक्सर्साइज़ आपके ऊपरी होंठ के चारों ओर की मसल्स पर काम करती है। आपके द्वारा सही तरीके से ऐसा करने से आपको एक ऐसी सुदृढ़ मुस्कान पाने में मदद मिलती है, जिसमें आपके ज्यादा से ज्यादा ऊपरी दाँत नजर आएँ।[९]
- अपने मुँह को हल्का सा खोलें और अपनी नाक को जरा सा फैलाएँ। अपनी नाक को ज्यादा से ज्यादा सिकोड़ने की कोशिश करें, फिर अपनी ऊपरी होंठ को जितना ज्यादा ऊपर ले जा सकें, ले जाएँ और फिर इसे 10 सेकंड के लिए होल्ड करके रखें।
- अपने मुँह को हल्का सा खुला रहने दें और अपनी एक उंगली को, अपनी आँख के नीचे, चीकबोन पर रखें। अपने चेहरे के ऊपर दबाव बनाए रखते हुए, ऊपरी होंठ को धीरे से ऊपर की ओर मोड़ें। इसे 10 सेकंड के लिए होल्ड करके रखें, फिर धीरे से ओरिजिनल पोजीशन पर वापस आ जाएँ।
- होंठों की एक्सर्साइज़ करें: ये एक सिंपल सी एक्सर्साइज़ हैं, जो आपके होंठों में ब्लड का फ़्लो बढ़ाती है। ये आपके होंठ के उभारों को स्वस्थ, जीवंत और एक नेचरल कलर देगा।[१०]
- अपने ऊपरी और निचले होंठ के रिलैक्स होने की पुष्टि करते हुए, चेहरे को हल्का सा खोलें।
- अपने निचले होंठ को उस वक़्त तक आगे लेकर आएँ, जब तक कि ये आपके ऊपरी होंठ के साथ संपर्क में नहीं आ जाते।
- अपने निचले और ऊपरी होंठ को अपने के अंदर ले जाएँ। दबाव को और बढ़ाएँ, फिर रिलैक्स करें।
- जबड़े के हिस्सों को मजबूत बनाने की एक्सर्साइज़ करें: ये एक्सर्साइज़ आपके जबड़े के भाग, निचले जबड़े और हँसने, बोलने और चबाने के साथ-साथ आपका मुँह जो भी कुछ करता है, उनके लिए जरूरी हिस्सों के ऊपर काम करती है। इस तरह की एक्सर्साइज़ डबल चिन की समस्या से बचाती है और साथ ही आपके चेहरे के निचले हिस्सों को उम्र के प्रभाव से बचाती है।[११]
- अपने मुँह को और खासतौर पर अपने दांतों और होंठों को हल्का सा बंद करके रखें।
- अपने होंठ को खोले बिना, आप जितना अपने दाँतो को अलग कर सकें, करें।
- अपने जबड़े को हल्के से सामने की ओर ले आएँ। अपनी निचली होंठ को ऊपर की ओर जितना स्ट्रेच कर सकें, करें और इसे 5 सेकंड के लिए होल्ड करके रखें।
- धीरे से अपने जबड़े, होंठ और फिर अपने दाँतों को वापस इनकी असली स्थिति में ले आएँ।
- अपने मुँह से ओ-ई (OO-EE) करें: अपने मुँह को ठीक इसी साउंड के अनुसार मूव करने से आपके होंठों पर काम होने के साथ-साथ आपके ऊपरी होंठ और नाक के बीच की मसल्स के ऊपर भी काम होगा। ये एक काफी आसान एक्सर्साइज़ है, जिसमें आपको सिर्फ अपने मुँह से आवाज निकालते हुए, अलग-अलग तरह के फेशियल मूवमेंट करने हैं।[१२]
- अपने मुँह को खोलें, फिर अपने होंठों को एक-साथ कुछ इस तरह से सिकोड़ लें, ताकि आपके दाँत तो अलग-अलग हो जाएँ, लेकिन ये दिखाई न दें।
- अब एक अजीब सा मूवमेंट करते हुए, अपने होंठों को सिकोड़ने के लिए, “ओ (OO)” बोलें।
- अब फिर से एक अजीब से मोशन के जरिये, अपने होंठों को एक उचित आकार में स्ट्रेच करने के लिए, इस आवाज को “ई (EE)” में बदल लें। आप अगर एक अलग तरह के वर्कआउट के लिए “ई (EE)” की जगह पर “आह (AH)” भी बोल सकते हैं।
- अब “ओ (OO)” और “ई (EE)” को 10 बार दोहराएँ और फिर इसे 3 सेट्स तक दोहराएँ।
- अपनी उंगली चूसें: अपने होंठों को सुदृढ़ बनाने के लिए, उंगली चूसने की इस क्रिया के वक़्त एक नेचरल दबाव बनाए रखें। इसे एक ही समय में हटाकर, इसके खिलाफ काम करने के लिए अतिरिक्त रजिस्टेंस प्रदान करने में सक्षम होंगे।[१३]
- अपनी उंगली को अपने मुँह में डालें और इसे जितना ज़ोर से चूस सकें, चूसें।
- इसे करते वक़्त, इसे बड़े आराम से अपने मुँह से निकालें।
- इसे 10 बार दोहराएँ।
- मुसकुराते वक़्त अपने गालों को दबाएँ: ये आपके गालों की मसल्स को मजबूत बनाने में मदद करेगा। इस एक्सर्साइज़ को करते वक़्त अपने सिर को पीछे की तरफ रखने की पुष्टि कर लें।[१४]
- अपनी बीच वाली तीनों उंगलियों के मदद से अपने गालों को दबाएँ।
- दबाते वक़्त, अपनी उंगलियों को वापस पीछे की ओर धकेलने के लिए, आप जितना ज्यादा मुस्कुरा सकें, मुस्कुराएँ।
- अपने गालों को ऊपर खींचें: ये एक्सर्साइज़ आपके हँसने वाली रेखाओं को और आपके आँख के नीचे मौजूद महीन रेखाओं को हल्की बनाने में मदद करेगी। आपके दोनों हाँथ यहाँ आपके चेहरे और त्वचा की मसल्स को स्ट्रेच करने का काम करेंगे।[१५]
- अपनी हथेलियों को बड़े ही आराम से अपने गालों पर रखें।
- अपने होंठों के कोनों को ऊपर की ओर तब तक खीचें, जब तक कि आपके ऊपरी दाँत और मसूड़े नजर न आएँ।
- इस पोजीशन को 30 सेकंड तक के लिए होल्ड करके रखें, फिर इसे 3 और बार दोहराएँ।
- अपने होंठों को भीचें: ये एक्सर्साइज़ आपको आपकी होंठों की मसल्स को आपके अनुरूप ढालने में मदद करेगी। फिर से आपके हाँथ, आपके मुँह और नाक के पास के चेहरे को भीचने में मदद करेंगे।[१६]
- अपनी हथेलियों को अपने चेहरे पर कुछ इस तरह से रखें, ताकि इनका बाहरी भाग आपकी हँसी की रेखा पर हो और निचला भाग आपके जबड़े की ऊपरी भाग पर हो। अपने चेहरे पर दबाव बनाने के लिए, अपनी पूरी हथेली का इस्तेमाल करें।
- अपने होंठों को एक-साथ धकेलने के लिए, अपने होंठों की मसल्स (न कि अपने हाँथों) का इस्तेमाल करें। फिर अपनी हथेलियों को ऊपर अपनी नाक की तरफ धकेलें और इसे 10 सेकंड के लिए ऐसे ही रहने दें।
- इस एक्सर्साइज़ को 3 बार दोहराएँ।
संपादन करेंअपने चेहरे की देखभाल करना (Taking Care of Your Face)
- ज्यादा से ज्यादा मुस्कुराया करें: अपनी खास एक्सर्साइज़ के साथ ही, रेगुलर एक्सर्साइज़ आपके मसल्स को मजबूत बनाने में मदद करती है, वो भी आप इस एक्सर्साइज़ को करते समय उतने भी अजीब नहीं लगेंगे जितना कि आप बाकी की एक्सर्साइज़ को करते वक़्त लगेंगे। इसके साथ ही, मुस्कुराने से आप ज्यादा कॉन्फिडेंट और रिलैक्स भी नजर आ सकते हैं और साथ ही इससे आपका रोज़मर्रा का तनाव भी कम हो सकता है।[१७]
- अपने चेहरे को साफ रखें: अपने चेहरे की अशुद्धियों को हटाने के लिए अपने चेहरे को नियमित रूप से धोया करें और अपनी त्वचा को साफ रखें। इसके साथ ही, चेहरे को धोने के लिए, सिंपल क्लींजर, मॉइस्चराइज़र, और रेटिनोइड (retinoid) जैसे से स्किन केयर प्रोडक्ट्स भी शामिल कर लें। ये नियम काफी आसान भी है, क्योंकि बहुत सारे प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने की वजह से, उनमें मौजूद इंग्रेडिएंट्स एक-दूसरे के प्रभाव को खत्म भी कर सकते हैं।[१८][१९]
- अच्छी त्वचा के लिए अच्छा खाएँ: आपकी स्किन को खिला हुआ और जवां बनाना, फेशियल एक्सर्साइज़ का ही एक हिस्सा है। आपके चेहरे की स्किन को बेहतर बनाने के लिए, आपको अपनी डाइट का खासा ख्याल रखना होगा। विटामिन ए और सी के साथ-साथ ओमेगा-3 फेटी एसिड्स वाले भोजन को अपनी डाइट में शामिल कर लें। ये डाइट आपको आपकी त्वचा को साफ रखने में और आपके चेहरे के मसल्स को अच्छी तरह से सुदृढ़ बनाए रखने में मदद करेगी।[२०][२१]
- आपके चेहरे के लिए मौजूद कुछ अच्छे फूड्स में ये नाम शामिल हैं, गाजर, अखरोट, पालक, टमाटर और ब्लूबेरी, बीन्स, जैसे गहरे रंग वाले और पत्तेदार फल, मटर और दाल, सैल्मन (salmon) और मैकेरल (mackerel) जैसी फैटी फिश, नट्स, लहसुन और डार्क चॉकलेट। असल में, हर वो फूड, जो आपके पूरे शरीर के लिए हैल्दी हो, वो आपके चेहरे और त्वचा के लिए भी हैल्दी होता है।
- प्रोसेस्ड और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेड़ और अनहैल्दी फ़ैट्स की अधिकता वाले फूड्स, आपकी त्वचा की उम्र बढ़ाने के कारक होते हैं, इसलिए इन्हें खाने से दूर ही रहें।
- अपने चेहरे को धूप से बचाएँ: आप अगर सावधानी नहीं बरतेंगे, तो ऐसे में तेज़ धूप आपकी त्वचा को आसानी से खराब कर सकती है और साथ ही आपके चेहरे पर नजर आने वाली उम्र को भी बढ़ा सकती है। तेज़ धूप वाले वक़्त (दिन के 10 बजे से लेकर दोपहर के 2 बजे तक) में बाहर जाने से बचें, ऐसे कपड़े पहनें, जो आपके शरीर को पूरा ढँके हों और संसक्रीन की एक लेयर भी लगाएँ।[२२][२३]
- वर्कआउट शुरू करने से पहले अपने हाँथों को अच्छी तरह से धो लें। चेहरे को छूने से, चेहरे पर तेल और गंदगी चिपक सकती है, जिसकी वजह से आपको पिंपल हो सकते हैं।
- इन एक्सर्साइज़ को आप खड़े रहकर या बैठे रहकर, आपको जैसा भी सही लगे, उसी स्थिति में भी कर सकते हैं।[२४] इन सारी एक्सर्साइज़ को आपको आईने के सामने खड़े होकर करना चाहिए, कम से कम पहली बार तो करना ही चाहिए, ताकि आप भी देख सकें, कि आप क्या कर रहे हैं।
- इन एक्सर्साइज़ को आपको रोजाना सोने जाने के पहले करना चाहिए, ऐसा नहीं है, कि आपको एक-साथ सारी एक्सर्साइज़ करना है, बस एक/दो एक्सर्साइज़ चुन लें।
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November 5, 2018, 10:00 pm
रूसी (डैंड्रफ) जैसे हमें लगता है वैसे औरों को दिखाई नहीं देती है, और अगर हम कुछ सावधानियां बरतें तो लोगों के लिए उसे देख पाना और मुश्किल हो जायेगा | अक्सर, रूसी स्कैल्प पर आती है और हलकी और छोटे निशानों से लेकर मोटे, बड़े क्रस्ट जैसी हो सकती है | रूसी किसी भी उम्र में दिख सकती है, पर ये जिंदगी भर आदमियों को परेशान करती है | विज्ञान के नज़रिए से, रूसी स्कैल्प पर होने वाली बीमारी सेबोर्रहेक डर्मेटाइटिस का नतीजा होती है |[१] कुछ तरीके और तकनीकें होती हैं जिनसे आप इस सामान्य सी स्थिति से छुटकारा पा सकते हैं |
संपादन करेंतुरंत रूसी का हल निकालना
- एक ड्राई शैम्पू से इसे कोंब करें: अगर घर से बाहर निकलने से पहले आप ड्राई शैम्पू का इस्तेमाल करते हैं तो वह आपके सर की स्कैल्प को क्लीन और मोइस्चरायिज़ कर के रखती है | ये ड्रगस्टोर पर या ऑनलाइन मिल सकता है और स्प्रे या पाउडर फॉर्म में आता है | लगाने के किये, अपने बालों पर कुछ बार स्प्रे करें या फिर थोड़ा अपनी स्कैल्प पर स्प्रिंक्ल करें | इस स्प्रे या पाउडर को कोंब करें, जिससे कोई भी रूसी के फलैक्स होंगे वह निकल जायेंगे | हर स्ट्रोक के बाद अपने कोंब को धोना नहीं भूलें |[२]
- इसके बजाय आप टेलकम पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, पर इससे आपके काले बाल स्लेटी, सफ़ेद या डॉटेड लग सकते हैं |
- सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों को अपने बालों से ढकें: अपने स्कैल्प का वो हिस्सा ढूँढें जहाँ सबसे ज्यादा रूसी है, और फिर अपने बाल ऐसे कोंब करें की ये हिस्सा ढक जाए | हेयरस्टाइलिंग उत्पाद ऐसा करने में आपकी मदद करेंगे, पर अपने बालों को फ्ल्फ्फ़ करने से भी स्थिति सुधर सकती है |[३]
- रूसी को छुपा लेना किसी मसले का हल नहीं है, और इस बात का ध्यान रखें की ये सिर्फ एक अस्थायी हल है | रूसी से छुटकारा पाने के लिए ऐसे तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए जो समस्या को जड़ से मिटा दे |
- हलके रंग पहनें: ऐसी शर्ट, ड्रेस, या टॉप पहने जो सफ़ेद, स्लेटी, या मैटेलिक रंगों में हों | इससे सफ़ेद और पीले रूसी के फलैक्स इतनी आसानी से नज़र नहीं आयेंगे |[४]
- टेक्सचर और पैटर्न वाले कपड़े भी रूसी को छुपाने का काम करेंगे |
- टोपी या स्कार्फ डालें: कोई भी टोपी, हैट या स्कार्फ आपकी स्कैल्प पर मोजूद रूसी को छुपा सकती है | जब तक आपने उसे पहना है, वह आपके कपड़ों पर गिरने वाले रूसी के फलैक्स की संख्या भी कम करेगा | इसके इलावा, अगर आपके बालों में कुछ फ्लेक्स चिपके हैं तो वो लोगों को नज़र नहीं आयेंगे |
- लिंट रोलर साथ में रखें: घर से बाहर निकलने से पहले एक मिनी लिंट रोलर जेब में डालना नहीं भूलें | जब भी आपको अपने कपड़ों पर रूसी के फलैक्स दिखें, तो बाथरूम जाकर लिंट रोलर की मदद से उन्हें कपड़ों पर से हटा दें |
- अगर आपका अपनी पीठ पर हाथ नहीं जा रहा है, तो अपने किसी दोस्त या साथी से मदद मांगें |[५]
संपादन करेंएक दिन में रूसी के फ्लेक्स कम करना
- हल्का गर्म मिनरल आयल लगायें: एक छोटा बाउल तेल का गर्म करें और उसे अपने स्कैल्प पर मस्साज करें [६] | तेल आपकी स्कैल्प को मोइस्चरायिज़ करेगा और फ्लेकिंग को भी घटाएगा | अगर आपको प्राकृतिक तेल चाहिए तो शोधों के मुताबिक, 5% टी ट्री तेल मदद करता है | प्योर ओलिव और पीनट आयल भी कई बार सुझाये जाते हैं, पर उनका इस्तेमाल खतरे से खाली नहीं है क्योंकि वह रूसी पैदा करने वाले फंगस के लिए खाना भी बन सकते हैं |
- मिनरल आयल के इस्तेमाल को लेकर अफवाहें, जैसे इनमें टोक्सिन होते हैं या ये पोर्ज़ को बंद कर देते हैं, शायद गलत हों, अगर आप स्किन केयर प्रोडक्ट के तहत बिकने वाले प्योर मिनरल आयल का इस्तेमाल करेंगे | उत्पाद जो रूसी कम करने का दावा करते हैं वह जांच एजेंसी द्वारा टेस्ट किये गए होते हैं और अगर उनमें टोक्सिन होते या वो खतरनाक होते तो वह बाज़ार में बिक नहीं सकते हैं |[७][८]
- तेल को हलके से गर्म करें | इतना गर्म नहीं कर दें की संभालना मुश्किल हो जाए, ख़ास तौर से खौलते तापमान तक तो बिलकुल नहीं |
- तेल को कुछ घंटों तक लगा छोड़ दें: वैसे ये इलाज एक एंटी डैंड्रफ शैम्पू के एक बार इस्तेमाल से जल्दी रूसी हटा सकता है, फिर भी बेहतर असर के लिए अच्छा होगा अगर आप तेल को कुछ घंटों के लिए छोड़ दें | ऐसे समय में अपने बालों को साफ़ रखने के लिए शावर कैप का इस्तेमाल करें |[९]
- तेल को शैम्पू या हलके डिटर्जेंट से धो लें: खाली पानी से धोने से तेल सही से निकल नहीं पायेगा | इसके बजाय, कुछ बार शैम्पू लगा कर तेल निकालने का प्रयत्न करें | अगर इससे भी तेल नहीं निकले, अपने बालों पर 10 मिनट के लिए कंडीशनर रखा छोड़ें , और फिर धो डालें | अंतिम विकल्प के तौर पर थोड़ा सा लिक्विड डिश सोप इस्तेमाल में लाया जा सकता है, पर इससे आपके बालों को नुकसान पहुँच सकता है या फिर वह रूखे हो सकते हैं |
- टार –बेस्ड शैम्पू भी सही रहेगा, और वह भी अधिक रूसी मिटाने में मदद करेगा, पर कई लोगों को वह पदार्थ उसकी महक और निशान छोड़ने की वजह से ज्यादा पसंद नहीं होता है |[१०]
- रात के लिए दवाईयों का इस्तेमाल करें: कई आयल ट्रीटमेंट और लॉन्ग टर्म केयर शैम्पू भी रूसी कम करने में असरदार हो सकते हैं लेकिन अगर उन्हें 8 घंटों तक बालों में छोड़ दिया जाए, मतलब पूरी रात के लिए | ऐसा एंटी डैंड्रफ शैम्पू की तलाश करें जिसमें कोल् टार और केरातोलाय्तिक्स हों | अगर उसमें केरातोलाय्तिक्स, या ऐसे पदार्थ नहीं हैं जो मरी त्वचा की सेल को ख़त्म करती हैं तो यूरिया, सैलिसिलिक एसिड या सल्फर से युक्त शैम्पू की तलाश करें |
- अगर आप इनको बालों में लगा कर सोने का इरादा रखते हैं तो, इन सब को लगाने से पहले एक अच्छी फिटिंग वाली शावर कैप ढूंढ लें |[११]
संपादन करेंडैंड्रफ शैम्पू के इस्तेमाल से
- हलके डैंड्रफ के लिए एंटी डैंड्रफ शैम्पू का चुनाव करें: कई ऐसे पदार्थ होते हैं जो डैंड्रफ का इलाज कर सकते हैं | हलके डैंड्रफ जिसमें ज्यादा खुजली और सूजन नहीं है उस के लिए, ऐसे शैम्पू ढूँढें जिनमें मरी स्किन सेल को तोड़ने वाले पदार्थ हों जैसे सैलिसिलिक एसिड या यूरिया | क्योंकि स्कैल्प के सूखने और ज्यादा रूसी होने की सम्भावना रहती है, ये सुझाव दिया जाता जय की इसे साइड इफ़ेक्ट कम करने के लिए मोइस्चरायिज़ करने वाले कंडीशनर के साथ इसका प्रयोग करें |[१२][१३]
- तीव्र रूसी के लिए शैम्पू ढूँढें: अगर आपके फलैक्स मोटे, सफ़ेद और आपकी स्कैल्प पर (या तो अकेले या फिर बालों के बीच में) मोजूद है तो आपकी इस बीमारी की वजह मलास्सेजिया नाम का यीस्ट जैसा फंगस है | [१४] मलास्सेजिया एक स्किन सरफेस यीस्ट है जिसे लोगों में रूसी पैदा करने का ज़िम्मेदार माना गया है | ये यीस्ट व्यक्ति के शरीर की बीमारी से लड़ने की ताकत को भी प्रभावित करता है | ज्यादा तीव्र केस में, ऐसा शैम्पू ढूँढें जिसमें केटाकोनोजोल (ketaconozole 1% शक्ति) या सिक्लोपिरोक्स (ciclopirox) शामिल हों | सेलेनियम सल्फाइड (Selenium sulfide (1% शक्ति) भी असरदार है, पर लोगों को वह तेल पसंद नहीं आते जो उसकी वजह से उनके स्कैल्प पर बनते हैं |
- एक डॉक्टर आपके ओवर द काउंटर मिलने वाले शैम्पू से ज्यादा तीव्र शैम्पू का सुझाव दे सकते हैं, खास तौर से 2% केटाकोनोजोल वाले एंटी फंगल शैम्पू | शुरुआत में आराम पाने के लिए इसका सुझाव फोम/शैम्पू की तरह हफ्ते में दो बार करने के लिए कहा जाता है | इसके बाद, आप इसे हफ्ते में एक बार या हर दूसरे हफ्ते इस्तेमाल कर सकते हैं |[१५] आपको 1% सिक्लोपिरोक्स से बने शैम्पू का भी सुझाव दिया जा सकता है जिसे आप हर हफ्ते दो बार बालों पर इस्तेमाल कर सकते हैं |[१६][१७]
- अगर आपके काले, रूखे बाल हैं, जो हर रोज़ शैम्पू लगाने से रूखे हो सकते हैं, एक टोपिकल स्टेरॉयड ऑइंटमेंट जैसे फ्लुसिनोलोन (fluocinolone acetonide) का भी इस्तेमाल किया जा सकता है |[१८] इसे आप अपने रूखे बालों पर पोमेड की तरह लगा सकते हैं |
- शैम्पू का इस्तेमाल करें: शैम्पू लगाने के लिए, अपने बालों को गीला करें, उसके बाद अपनी स्कैल्प पर डैंड्रफ शैम्पू को हलके से मस्साज करें | धोने से पहले उसको पांच से 10 मिनट तक अपने बालों में बने रहने दें | जब तक फ्लेकिंग, खुजली और सूजन कम नहीं हो इस एंटी डैंड्रफ शैम्पू का दिन में एक बार इस्तेमाल करें |
- अगर कुछ दिनों तक एंटी डैंड्रफ शैम्पू के इस्तेमाल के बाद भी आपको सुधार नहीं दिखता है, तो किसी और पदार्थ वाले शैम्पू का इस्तेमल करें | क्योंकि रूसी यीस्ट की एक स्पीसि की वजह से होती है, एंटी फंगल शैम्पू इस समस्या का किसी और तरीके से हल निकाल सकती है |[१९]
- कुछ लोग दो शैम्पू के इस्तेमाल से फायदा देखते हैं, जिसमें वह एक दिन एक और दूसरे दिन दूसरे शैम्पू का इस्तेमाल करते हैं |[२०][२१]
- जैसे जैसे स्थिति सुधरे शैम्पू करने की आवृति कम कर दें: एक बार आपको स्थिति में काफी सुधार दिखे, तो एंटी डैंड्रफ शैम्पू के इस्तेमाल को सिर्फ हफ्ते में दो या तीन बार के लिए कर लें, और अगर रूसी काफी कम हो जाती है तो इससे भी कम कर सकते हैं | एक बार तीव्र फ्लेकिंग कम हो जाती है, आपको हर रोज़ शैम्पू करने की ज़रुरत नहीं है |
- अगर आप प्रिस्क्रिप्शन –स्ट्रेंग्थ शैम्पू, या एक से ज्यादा प्रकार के ट्रीटमेंट का इस्तेमाल कर रहे, तो दो हफ्ते बाद इस्तेमाल या तो बंद या कम कर दें नहीं तो घातक साइड इफ़ेक्ट का सामना करना पड़ सकता है |[२२]
संपादन करेंलम्बे समय तक रूसी को नियंत्रण में रखना
- हेयर केयर उत्पादों का इस्तेमाल रोक दें: अगर रूसी के फ्लेक्स पतले, पारदर्शी, और स्कैल्प के बजाय सिर्फ आपके बालों में मोजूद हैं, तो शायद ये हेयर स्टाइलिंग प्रोडक्ट के इस्तेमाल का नतीजा हैं | ये देखें की आपके बालों के उत्पाद में पैराफिनाइलेनेडीअमीन, एक ऐसा पदार्थ जो रूसी पैदा करता है, तो नहीं है | इसके इलावा हेयर डाई में मोजूद एल्कोहोल और रसायनों के इस्तेमाल से बचें | ये समस्या अलग अलग पदार्थ वाले कई सारे उत्पादों के इस्तेमाल से भी हो सकती है |[२३]
- इस तरह की स्कैल्प की समस्या हेयर स्टाइलिंग उत्पादों को बदलकर या बालों को बार बार धोने से कम की जा सकती है |[२४]
- अगर आपको नहीं समझ आ रहा है की समस्या कहाँ है, तो एक एक करके इस्तेमाल बंद करें जब तक ये नहीं पता चल जाए की असल ज़िम्मेदार कौन है |
- शैम्पू करने की आवृत्ति ज्यादा करें: सेबोर्र्हिक डर्मेटाइटिस, वो स्थिति जो ख़राब, तेलिय स्कैल्प की त्वचा को जन्म देती है, आपके बालों और उनके पोर्ज़ में मोजूद तेल से और बिगड़ सकती है | ज्यादा बार शैम्पू करने से ऐसे पदार्थ निकल जायेंगे और आपकी स्कैल्प से रूसी भी |
- घर से बाहर जाने से पहले एक फटाफट से किया शैम्पू आपके रूसी के लिए कमाल कर सकता है |
- ज्यादा धूप में रहें: अपने स्कैल्प को थोड़ी देर धूप में रखने से फायदा होता है | अल्ट्रावायलेट रेज़ आपकी त्वचा में मोजूद फलैक्स को कम कर सकती हैं | लेकिन, धूप में ज्यादा देर बने रहना आपकी त्वचा के लिए नुकसानदायक भी है इसलिए ज्यादा देर तक धूप में ना लेटें ना ही बाहर जाएँ | इसके बजाय, घर से बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगायें और बस इतनी देर बाहर रहें की आपकी स्कैल्प पर असर हो जाए |[२५]
- डॉक्टर से इलाज की बात करें: अगर कई हफ़्तों तक इलाज करने के बाद भी आपके बालों में मोजूद रूसी के स्तर से आप संतुष्ट नहीं हैं, तो डॉक्टर की सलाह लें | रूसी से कोई शारीरिक समस्या नहीं होगी, पर अगर आप निजी कारणों से उससे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो डॉक्टर ज्यादा तीव्र दवाई का सुझाव देगा | हो सकता है वह आपको अधिक स्टेरॉयड ट्रीटमेंट बताएगा जिससे आपकी सूजन और खुजली कम हो जाए |
- ज्यादा बड़ी समस्या के लिए, आईसोत्रेतिनोइन का सुझाव दिया जाता है, पर इसके कुछ तीव्र साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं, इसलिए इसे सिर्फ आखरी विकल्प की तरह इस्तेमाल किया जाता है |[२६]
- अगर मेडिकल रूसी इलाजों से फायदा नहीं हो रहा है, घरेलु नुस्खे या ऐसे इलाज देखें जिनमें रसोई के पदार्थ इस्तेमाल हो रहे हों | इन सब की वैज्ञानिक तौर पर कोइ पुष्टि नहीं की गयी है, पर कई लोगों को इसमें सफलता मिली है | अगर ट्रीटमेंट के दौरान आपकी स्कैल्प रूखी, खुश्क या लाल हो जाती है तो उसे बंद कर दें |
- प्रिस्क्रिप्शन ड्रग्स के निर्देश ध्यान से पढ़ें | जल्दी जल्दी या ज्यादा दिनों तक इस्तेमाल करने से तकलीफदायक साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं |
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November 13, 2018, 12:00 am
अपनी प्रेमिका को अजीब से टेक्स्ट भेज कर थक गए हैं क्या ? फिर, नीचे लिखे चरणों का पालन कर के फ्लिर्टिंग एक्सपर्ट बनें, और डेट तक बात को पहुँचाने के लिए तैयार हो जाएँ!
संपादन करेंटेक्स्ट फ्लर्टिंग तकनीकें
- बोरिंग और एक जैसी बातें नहीं करें: टेक्स्ट फ्लर्टिंग का सबसे बड़ा गुनाह जो आप कर सकते हैं वो है बोरिंग और एक जैसी बातें करना | आपके टेक्स्ट मेसेज मज़ेदार और रोचक होने चाहिए | अगर आपके पास कहने के लिए कुछ रोचक या मज़ेदार नहीं है, तो आपको उसे टेक्स्ट नहीं करना चाहिए |
- मसलन, आपको अपनी टेक्स्ट बातचीत की शुरुआत ऐसे बोरिंग मेसेज जैसे “Hi” :-) या “तुम्हारा दिन कैसा जा रहा है” से नहीं करना चाहिए | उसे ऐसे मेसेज हर लड़के से आते होंगे, इसलिए कुछ ऐसा लिखें जिससे आप एक दम अलग प्रतीत हों |
- कुछ अलग सा करने की कोशिश करें, कुछ ऐसा जो उसे जवाब देने पर मजबूर करे, जैसे “कल रात तो तुमने फूटबाल में चीटिंग कर ली | मुझे एक रीमैच चाहिए”|
- थोड़ा पर्सनल हो जाएँ: टेक्स्ट मेसेज कई बार बहुत इम्पर्सनल हो जाते हैं, इसलिए कोशिश करें, की जब भी हो सके उसे थोड़ा पर्सनल कर लें | इससे आप दोनों के बीच के सम्बन्ध में और मधुरता आएगी |
- उसके नाम का मेसेज में इस्तेमाल करें- लड़कियां अपना नाम मेसेज में देखकर काफी आनंद महसूस करती हैं, इससे काफी अपनापन झलकता है |
- इसके बजाय, आप उसे किसी ऐसे नाम से भी बुला सकते हैं जो आपने उसे ख़ास दिया हो, इससे ऐसा लगता है जैसे आप दोनों कोई आपस का मजाक बाँट रहे हैं |
- कुछ ऐसे शब्द जैसे “हम” और “हम दोनों” का अपने मेसेज में इस्तेमाल करें—इससे “में, तुम और ये दुनिया” वाला एहसास जगता है जिसे लड़कियां बहुत पसंद करती हैं |
- उसे कॉम्प्लीमेंट करें: उदाहरण के तौर पर “वाओ, आज तुम्हारे बालों पर में फ़िदा हो गया, तुम कितनी खूबसूरत लग रही हो | बहुत आसान है—लड़कियों को कॉम्प्लीमेंट सुनना अच्छा लगता है, उससे उन्हें ख़ास और महत्वपूर्ण महसूस होता है | तो अगर आप अपने मेसेज में कुछ अच्छे कॉम्प्लीमेंट डाल सकें, तो ज़रूर करें |
- एक क्लासिक (लेकिन असरदार) कॉम्प्लीमेंट से कोशिश करें “में उस काली या नीली ड्रेस में तुम्हारी कल्पना किये बिना खुद को रोक नहीं सकता” या फिर कुछ थोड़ा सा अलग जैसे “तुम्हारा सेंस ऑफ़ ह्यूमर बहुत अजीब है—लेकिन मुझे तो अच्छा लगता है” |
- ये ध्यान दें की कॉम्प्लीमेंट स्वाभाविक लगे—बस उसे खुश करने के लिए कुछ भी नहीं कहें | लड़कियों को दिखावटी लड़कों की पहचान करना आता है |
- थोड़ा रहस्य रखें: इसमें कोई बुराई नहीं है की आप अपने मेसेज में थोड़ा रहस्य बनाये रखें—आपको उसे ऐसे एहसास दिलाना है की जैसे वह आपके पीछे है, ना की आप, इसलिए कभी कभी थोड़ा सा बेरुखा हो जाएँ, बस इतना नहीं की उसे आपके बर्ताव पर शक होने लगे |
- मतलब, अगर वो आपसे पूछे की आपका दिन कैसा था, तो पूरे दिन की एक एक घटना का विस्तार नहीं बताएं (पहले चरण पर जाएँ) | कुछ ऐसा कहें “बहुत अजीब सा था | लोग मुझे हैरान करना नहीं छोड़ते” | उम्मीद है, की उसकी रूचि जाग गयी होगी और वह अपने अगले टेक्स्ट मेसेज में आपसे और जानकारी लेने की कोशिश करेगी |
- या अगर वह आपसे अगले वीकेंड का कार्यक्रम पूछे, तो ज्यादा खुल कर जवाब नहीं दें (हाँ अगर आपके पास सच में कोई विशेष प्लैन है तो अलग बात है) | उसे ये कहना की आप इस वीकेंड बैठ कर पढ़ाई करेंगे उसकी रूचि को जागृत नहीं करेगा | आप उसे कहें की आप ड्रैगन मारने जा रहे हैं या ऐसा ही कुछ बिना सर पैर का—ये ज़रूरी नहीं है की बात सच्ची हो अगर वह मज़ेदार हो तो |
- उसे थोड़ा छेड़ें: छेड़ना फ्लर्टिंग का एक बहुत असरदार तरीका है—ये बिना संजीदा हुए दो लोगों के बीच एक अलग सा प्रेम उत्पन्न करता है |
- जैसा हमने पहले भी कहा है, लड़की को किसी निकनेम (जिसका इस्तेमाल सिर्फ आप करते हों) से बुलाना बिना ठेस पहुंचाए उसका मजाक बनाने का एक अच्छा तरीका है | कुछ ऐसा जैसे “फ्रेक्क्लेस” या “लिटिल मिस परफेक्ट” इसके बेहतरीन उदाहरण हो सकते हैं |
- उसे किसी ऐसी बात को लेकर छेड़ें जो उसने आप दोनों जब आखरी बार साथ थे तब कही या की थी | मसलन, अगर वो आपसे कहे की वो कोक लेने जा रही है तो आप उसे कह सकते हैं “पिछली बार की तरह इस बार भी उसे अपनी नाक से मत निकाल देना” :-) | ये कॉल बेक ह्यूमर का उदाहरण है, और ये उस समय को याद दिलाता है जब आप दोनों ने साथ में मज़े किये थे, और वह उस रिश्ते के बारे में फिर से सोचने लग जाती है |
- ये ध्यान रहे की आप ज्यादा आपत्ति जनक कह कर मर्यादा की सीमा नहीं लांघें, नहीं तो आपका टेक्स्टिंग रिश्ता वहीँ समाप्त हो जायेगा |
- भाषा को नटखट बनाएं: कोई भी टेक्स्ट फ्लर्टिंग रिश्ता तब तक रोचक नहीं होता जब तक उसमें थोड़ा नटखटपन और बात को आगे बढ़ाने के लिए सुझाव नहीं दिए जाते |
- आप एक पुराना तरीका आजमा सकते हैं की उससे पूछें की उसने क्या पहना है, और फिर कुछ ऐसा कहें “मुझे तुम उस ड्रेस में बहुत प्यारी लगी थीं, पर मुझे ऐसा लगता है की इस ड्रेस के पीछे जो है वो ज्यादा प्यारा होगा” |
- एक और तकनीक है की उसके किसी आम जवाब को लेकर उसका एक अलग सेक्स्शुअल मतलब बना दिया जाए | मसलन, अगर वह कहे की “मुझे विश्वास नहीं की वह इतनी बड़ी थी!” ( किसी मूवी या किसी और चीज़ की बात) आप उसका जवाब दे सकते हैं “ तुम ने यही तो कहा था” |
- अगर आप खुद से सेक्स्टिंग के पथ पर जाने से डरते हैं, तो आप उसे ऐसे ही कहें की आप अभी शावर से बाहर आये हैं | इससे बात अब उस पर आ जाती है, अगर वह सेक्स्शुअली फ्लिरटेशियस तरीके (जैसे, “ओह में वो देखना चाहती हूँ) से जवाब दे तो आपको पता चल जायेगा की वह भी यही चाहती है |
संपादन करेंटेक्स्ट फ्लर्टिंग एटिकेट
- अपने मेसेज छोटे और मधुर रखें: लम्बे मेसेज बोर करते हैं और ऐसा लगेगा की आप को कुछ ज्यादा जल्दी है |
- इसलिए, ये ज़रूरी है की आप अपने मेसेज छोटे और मधुर रखें- दो से तीन वाक्यों से ज्यादा नहीं |
- अपने मेसेज को मज़ेदार, मधुर या चतुर बनाने का प्रयत्न करें—फ्लर्टिंग में आप मौसम की बात नहीं कर सकते हैं |
- बराबर मेसेज भेजें: हर टेक्स्टिंग रिश्ते में बराबरी होनी चाहिए—एक व्यक्ति को दूसरे से बहुत ज्यादा टेक्स्ट मेसेज नहीं भेजने चाहिए |
- ज्यादा टेक्स्ट मेसेज भेजने से उसे लगेगा की आपको बहुत जल्दी है और कुछ ज्यादा फालतू भी हैं | वह दबाव भी महसूस कर सकती है—जिससे वह शायद डर जाए या उसका ध्यान भी हट सकता है |
- दूसरी तरफ टेक्स्ट सही से नहीं भेजने से, उसे लगेगा की या तो आपको रूचि नहीं है या आप और भी लड़कियों से साथ में बात कर रहे हैं | अगर ऐसा है तो, तो वह आप से संबंध को बढ़ावा नहीं देगी |
- इसलिए, आपको बराबरी की संख्या में मेसेज भेज कर एक संतुलन ढूँढने की ज़रुरत है, जिसमें उसके थोड़े ज्यादा मेसेज हों तो बेहतर है |
- इसके इलावा ये ध्यान दें की कौन बातचीत शुरू और ख़त्म कर रहा है—हो सके तो कभी आप और कभी वो ऐसा करें |
- स्पेल्लिंग और ग्रामर का ध्यान रखें: आप शायद ये दिखाना चाहेंगे की आप बहुत चतुर और बुद्धिमान हैं, पर अगर आप गलत स्पेल्लिंग लिखेंगे तो ये संभव नहीं होगा | टीनएजरस शायद ऐसा कर पाने में सफल हों, पर 18 साल से ऊपर के लोगों को स्पेल्लिंग और ग्रामर का ख़ास ध्यान देना चाहिए |
- आपको ज्यादा समझदार दिखने के लिए शब्दकोष से भारी भरकम शब्द ढूँढने की ज़रुरत नहीं है, बस मेसेज भेजने से पहले एक बार उस पर नज़र डाल कर देख लें की कोई बढ़ी टाइपो या मिस्स्पेल्लिंग तो नहीं कर रहे हैं |
- आप चिन्ह कैसे लगाते हैं उससे आपके टेक्स्ट को कैसा समझा जायेगा इस पर असर पड़ता है | मसलन, अगर वो लड़की एक नयी ड्रेस में अपना फोटी खींच कर भेजती है, तो "wow!" खाली "wow", से ज्यादा प्रभावशाली होगा जबकि "I like it" के बजाय "I like it..." लिखने से वह उसका अलग मतलब ही निकालेगी |
- ज्यादा एक्स्क्लामेशन पॉइंट, क्वेश्चन मार्क, स्माइली फेसेस, विंक फेसेस और अन्य इमोटिकॉन नहीं बनाएं—अगर सही स्थान पर इस्तेमाल हों तो ये अच्छे लगते हैं, पर अगर ज्यादा इस्तेमाल हों तो बचकाना लगते हैं |
- बातचीत को ज्यादा खींचें नहीं: टेक्स्टिंग की सबसे अहम् कला है ख़तम होती बातचीत को दुबारा शुरू कर पाना |
- अगर आप टेक्स्टिंग सेशन को ज्यादा देर तक खींचेंगे, तो आपके पास बात करने के लिए रोचक विषय ख़त्म हो जायेंगे और फिर बातचीत बोरिंग और अजीब हो जाएगी |
- अदा ये है की उस स्थिति में पहुँचने से “पहले” ही बात को ख़त्म कर दें, ताकि उसको फिर और बात करने का मन करे |
- कुछ क्यूट और फ्लिर्टी बात कह कर ख़त्म करने का प्रयत्न करें जैसे “अभी जाना है, में तुमसे कल बात करूंगा” | मेरे पीछे कुछ गड़बड़ मत करना!” या “सोने का टाइम हो गया- अपनी ब्यूटी स्लीप भी लेना ज़रूरी है | तुमसे सपनों में मिलूंगा!”
- एक्चुअल फ्लर्टिंग की जगह टेक्स्ट फ्लर्टिंग का इस्तेमाल नहीं करें: टेक्स्टिंग को सिर्फ असल के फ्लर्टिंग सेशन के बीच में स्टॉप गैप फ्लर्टिंग के लिए इस्तेमाल करना चाहिए |
- जहाँ टेक्स्टिंग सही है (और कई बार आप ऐसी चीज़ें कह सकते हैं जो आपको आमने सामने कहने में शर्म आएगी), जो बात सामने फ्लर्ट करने में मज़ा ही कुछ और होता है |
- टेक्स्ट सेशन की मदद से अपनी अगली डेट या कैजुअल हैंग आउट की तैयारी करें | इससे आपके टेक्स्टिंग को एक उद्देश्य मिलता है और आप उसका इंतजार कर सकते हैं |
- याद रहे की काफी देर तक आँखों में देखना, एक मुस्कराहट और हलके से हाथ से मारना स्क्रीन पर टाइप्ड शब्दों से ज्यादा असर छोड़ते हैं |
- उसके साथ मजाक करें; लड़कियों को ह्यूमर पसंद होता है |
- टेक्स्ट बैक करने में शर्मायें नहीं! अगर आप उसे वापस टेक्स्ट बैक नहीं करेंगे तो वह सोचेगी आप उसे पसंद नहीं करते और वह आगे बढ़ जाएगी |
- अगर वह आपके टेक्स्ट का जवाब नहीं दे रही है या फिर फ्लर्टिंग तरीके से नहीं दे रही है तो उसके साथ फ्लर्टिंग करते रहना एक अच्छा विचार नहीं है | उदहारण के तौर पर, अगर वह एक या दो शब्दों में जवाब देने लग जाये, तो बातचीत को वहीं ख़त्म कर देना बेहतर होगा |
- ख़राब ग्रामर कई लोगों को बहुत गुस्सा दिलाता है | इसलिए बेहतर होगा टेक्स्ट भेजने से पहले उसे पढ़ लें |
- टेक्स्ट में सिर्फ अपनी बात ही नहीं करें | उससे भी पूछें की उसकी जिंदगी में क्या चल रहा है, और उसे अपने जीवन में घटित हुई, हो रही या होने वाली चीज़ों से जोड़ें |
- बात को ख़त्म कर उसे और बातचीत की चाहत में अपने पीछे पड़ने दें | ऐसा तभी मुमकिन है जब आप उसके साथ एक और चैट शुरू करेंगे |
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November 13, 2018, 12:00 am
एक्सर्साइज़ करना, हैल्दी बने रहने का सबसे अहम भाग है, लेकिन किस तरह से ज्यादा एक्टिव रहा जा सकता है, ये पता लगाना जरा सा मुश्किल काम हो सकता है। अगर आपको फिजिकल एक्टिविटीज़ की आदत नहीं है, तो धीमी गति से शुरुआत करें। 10 से 15 मिनट की वॉक पर जाएँ और अपने ऑफिस जाते वक़्त तेज़-तेज वॉक करके जाएँ या फिर हर दिन 30 मिनट की जॉगिंग करें। हर हफ्ते 2 या 3 स्ट्रेन्थनिंग (strengthening) एक्सर्साइज़ करें, और योगा या पिलाटिज (Pilates) एक्सर्साइज़ करके अपनी फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाने की कोशिश करें। आप जब भी वर्कआउट करें, अपने शरीर की सीमाओं को जरूर ध्यान में रखें और अगर आपको पहले भी किसी तरह की मेडिकल समस्या हो चुकी है, तो एक बार अपने डॉक्टर से जरूर सलाह ले लें।
संपादन करेंएक एक्सर्साइज़ रूटीन तैयार करना (Creating an Exercise Routine)
- अपने एक्सपीरियंस लेवल के हिसाब से अपना रूटीन बनाएँ: अगर आपको फिजिकल एक्टिविटी करने की आदत नहीं है, और आप एक एक्सर्साइज़ रूटीन तैयार करना चाहते हैं, तो पहले धीरे-धीरे इसकी शुरुआत करें। आपको जैसे-जैसे एक्सपीरियंस आता जाए, फिर आपके वर्कआउट की इंटेंसिटी लेवल को धीरे-धीरे बढ़ाने की कोशिश करें।[१]
- उदाहरण के लिए, पहले एक बार में 10 से 15 मिनट की वॉक करते हुए शुरुआत करें। 1 से 2 हफ्ते के बाद, इसे लगभग 30 मिनट तक करने की कोशिश में लग जाएँ। अपनी स्पीड भी बढ़ाने की कोशिश करें। आप चाहें तो 15 मिनट में तक चलना शुरू कर सकते हैं, फिर 30 मिनट में धीरे-धीरे लगभग तक चलना शुरू कर दें।
- जब आप स्ट्रेन्थनिंग एक्सर्साइज़ करें, तब शुरुआत में 8 रिपीटीशन्स के 2 सेट्स (जैसे कि, 8 पुश-अप्स) करके देखें। फिर हर हफ्ते ऐसे 1 या 2 और एक्सट्रा रिपीटीशन्स एड करते रहें, जब तक कि आप 12 से 14 के सेट पर नहीं पहुँच जाते।
- वर्कआउट करने से पहले लगभग 5 से 10 मिनट तक वार्म-अप (Warm up) करें: जब आप वार्म-अप करते हैं, तब अपनी उन मसल्स को टार्गेट करें, जिनसे आप एक्सर्साइज़ करने वाले हैं, लेकिन जरा कम इंटेन्स मूवमेंट का ही इस्तेमाल करें। जैसे कि, जॉगिंग या शरीर के निचले भाग की किसी भी एक्सर्साइज़ को करने से पहले लगभग 5 से 10 मिनट के लिए वॉक जरूर करें।[२]
- अगर आप स्वीमिंग कर रहे हैं, तो पहले इसे धीरे-धीरे ही करें, फिर अपनी स्पीड बढ़ा लें। अपने शरीर के ऊपरी हिस्से पर वर्कआउट करने से पहले, वॉक करें या जॉग करें और अपनी हार्ट रेट बढ़ाने और ब्लड फ़्लो बढ़ाने के लिए हल्के-हल्के से जंप करें।
- हर दिन में लगभग 30 मिनट, एरोबिक (aerobic) एक्सर्साइज़ के लिए निकालें: ऐसा माना जाता है, कि आपको हर रोज तेज़-तेज़ एरोबिक एक्सर्साइज़ करने के लिए लगभग 30 मिनट जरूर निकालना चाहिए। इसके उदाहरण में, तेज़ी से वॉक और जॉग करना, रनिंग, साइकलिंग और स्वीमिंग शामिल है।[३]
- आप जब तेज रफ्तार से एक्सर्साइज़ कर रहे होंगे, तब आपकी हार्ट रेट बढ़नी चाहिए और आप ज़ोर-ज़ोर से साँस ले रहे होंगे। आप अभी भी बोल तो सकते होंगे, लेकिन आपकी साँसें इतनी चढ़ी हुई होगी, कि आप इस वक़्त में गाना तो नहीं गा सकेंगे।
- एक बात याद रखें, कि आप आपके वर्कआउट टाइम्स को छोटे-छोटे भागों में बाँट सकते हैं और अपने पूरे दिनभर में इनके ऊपर काम कर सकते हैं। अगर आपको एक्सर्साइज़ करने की आदत नहीं है, तो दिन में एक बार में लगभग 5 से 10 मिनट के लिए एक्टिव होकर आप इसे अपने लिए आसान जरूर बना सकते हैं।
- हफ्ते में कम से कम 2 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (strength training) जरूर शामिल करें: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, जिसे रेजिस्टेंट ट्रेनिंग (resistance training) के नाम से भी जाना जाता है, इसमें आपकी मसल्स को मजबूत करने के लिए फ्री वेट्स (free weights), रेजिस्टेंट बैंड्स (resistance bands), या आपके अपने शरीर के वजन को इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप अभी बस शुरुआत कर रहे हैं, तो हफ्ते में एक दिन अपर बॉडी और लोअर बॉडी वर्कआउट जरूर करके देखें। समय के साथ, धीरे-धीरे अपने वीकली रूटीन में 3 से 4 स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दिन जरूर शामिल करें।[४]
- एक सिंपल धीमी गति के अपर बॉडी वर्कआउट में 30 सेकंड के प्लैंक्स (planks) के 2 सेट और क्रंचेस, पुश-अप्स, और डंबल शोल्डर प्रेसेस के 12 रिपीटीशन्स के साथ 2 सेट शामिल हैं।
- अपने पैरों को मजबूत करने के लिए, स्क्वेट्स (squats), ग्लूट ब्रिजेस (glute bridges), काफ़ रेजेस (calf raises) और लंजेज़ के 12 रिपीटीशन्स के साथ 2 सेट शामिल हैं।
- आमतौर पर, आपको किसी भी सेट के बीच में लगभग 30 से 60 सेकंड के लिए आराम करना चाहिए। अगर आप मसल पावर को बढ़ाना चाहते हैं और आप हाइ-इंटेंसिटी वेट लिफ्ट कर रहे हैं, तो ऐसे में लगभग 3 मिनट तक आराम करने से आपको काफी अच्छे रिजल्ट्स मिल सकते हैं।[५]
- आप चाहें तो अपने घर पर ही या फिर अपने पास में मौजूद किसी जिम में जाकर रेजिस्टेंस मशीन के जरिये, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कर सकते हैं।
- चीजों को मजेदार बनाने के लिए, अपने रूटीन में बदलाव करते रहें: अपनी एक्टिविटीज़ में बदलाव करते रहने से, आप खुद को जल्दी बोर होने से बचा लेंगे, जो आपको आपकी दिशा में बनाए रखने में मदद करेगा। इसके अलावा, अपने वर्कआउट को बदलते रहने से आपका सारा शरीर इसमें बिजी रहेगा और आप किसी भी तरह की चोट से बचे रहेंगे।[६]
- जैसे कि, आप मंडे को जॉगिंग कर सकते हैं, तो ट्यूस्डे को अपर बॉडी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, वेडनसडे को स्विम लैप्स (swim laps) करें, तो थर्सडे को लोअर बॉडी वर्कआउट करें, फ्राइडे को योगा क्लास करें, सैटरडे को साइकल राइड करें और संडे को हल्की सी वॉक पर भी जा सकते हैं।
- स्ट्रेंथ ट्रेनिंग वाले दिनों में, तेज वॉक करते हुए, वार्म-अप करके और आराम करते हुए, अपनी रोजाना की एरोबिक एक्सर्साइज़ करें, जंपिंग जैक्स करें, या फिर रस्सी कूदें। सीढ़ियाँ कूदना और अपने लंच ब्रेक के दौरान वॉक पर जाना आपको एक दिन में एरोबिक एक्सर्साइज़ के 5 या 10 और मिनट दिलाने में मदद कर सकता है।
- एक-साथ 2 दिनों तक एक ही तरह के मसल ग्रुप के ऊपर काम करने से बचें। उदाहरण के लिए, एक दिन के बाद अगले दिन भी बाइसेप्स कर्ल्स और शोल्डर प्रेसेस न करें। मसल्स को रिकवरी में वक़्त लगता है और इनके ऊपर ज्यादा काम करने की वजह से किसी तरह की क्षति भी हो सकती है।
- 5 से 10 मिनट के लिए वॉक करें और कूल डाउन होने के लिए, वर्कआउट के बाद स्ट्रेच करें: वार्म-अप एक्सर्साइज़ के जैसे कूल डाउन, एक्सर्साइज़ का सबसे अच्छा प्रकार होता है, जिसमें आपके शरीर को हार्ड वर्कआउट करते हुए, रेस्ट में लाने में आसानी होती है। 5 से 10 मिनट की वॉक करते हुए और अपने शरीर की उन मसल्स को स्ट्रेच करते हुए, जिनके ऊपर आप वर्कआउट करने वाले हैं, कूल डाउन करें।[७]
- खास मसल्स को लगभग 30 से 60 सेकंड्स के लिए स्ट्रेच करें। उदाहरण के लिए, आप एक पैर के लिए 3 से 4 क्वेड (quad) स्ट्रेच कर सकते हैं और हर एक स्ट्रेच को 10 सेकंड तक रोककर रख सकते हैं।[८]
- एक्सर्साइज़ करने के पहले स्ट्रेच न करें, इससे चोट लगने का खतरा बना रहता है। एक्सर्साइज़ के बाद स्ट्रेच करना, जबकि आपकी मसल्स वार्म हों, ये इन्हें रिकवर होने में मदद कर सकता है और आपकी फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ा सकता है।
संपादन करेंएरोबिक एक्सर्साइज़ करना (Getting Aerobic Exercise)
- रोजाना तेज वॉक करने या जॉगिंग करने जाएँ: वॉक करना और जॉगिंग, एक्टिव रहने का सबसे अच्छा तरीका होता है, खासतौर पर अगर आप अभी एक्सर्साइज़ की शुरुआत ही कर रहे हों। आप अपने लंच ब्रेक के दौरान लगभग 15-मिनट की तेज़ वॉक करने जा सकते हैं, फिर डिनर के बाद अपने आसपास की गलियों में 15 मिनट के लिए वॉक या जॉगिंग कर सकते हैं।[९]
- अगर आप एक बुजुर्ग हैं या फिर आपको जाइंट से जुड़ी हुई समस्या रही है, तो ऐसे में जॉगिंग आपके घुटनों, हिप्स और टखने के लिए कठिन हो सकती है। अपने शरीर की सीमाओं का सम्मान करें और अगर जरूरी लगे, तो बस वॉकिंग ही करें।
- 5 से 15 मिनट के लिए रस्सी कूदें: बच्चों के लिये एक मजेदार खेल होने के साथ ही, रस्सी कूदना, सबसे अच्छी कार्डियो वर्कआउट माना जाता है। एक रस्सी उठाएँ और सीधे 5 मिनट तक कूदने की कोशिश करें। अगर आपको एक्सर्साइज़ करने की आदत नहीं है, तो अगर आप सिर्फ एक मिनट या इससे ज्यादा या कम भी कूद पाते हैं, तो भी कोई बात नहीं।[१०]
- अगर आपको लगता है, कि रुकना चाहिए, तो रुक जाएँ और साँस ले लें। इसके बाद धीरे-धीरे लंबे समय तक रस्सी कूदने की कोशिश करें। जब तक आप सीधे पूरे 5 मिनट तक रस्सी न कूदने लगें, तब तक हर हफ्ते इसमें 30 सेकंड या 1 मिनट बढ़ाते रहें।
- 5 से 15 मिनट के लिए जंपिंग जैक्स (jumping jacks) करें: शुरुआत में अपने दोनों पैरों पर खड़े हो जाएँ और हाँथों को अपने साइड में रहने दें। फिर अपने पैर को बाहर की तरफ मूव करते हुए जंप करें और साथ ही अपने हाँथों को भी सीधे अपने सिर के ऊपर तक लेकर जाएँ। फिर शुरुआती पोजीशन में वापस आ जाएँ और इसे फिर से दोहराएँ।[११]
- रस्सी कूदने की तरह ही, अगर आपको अपनी साँसें बहुत चढ़ी हुई लगें, तो एक ब्रेक ले लें और धीरे-धीरे जंपिंग जैक करने की समयावधि को भी बढ़ाते जाएँ।
- साइकलिंग करें: आप जब सिर्फ शुरुआत कर रहे हों, तब अपने आसपास की गलियों में, साइकल चलाने के लिए बने रास्ते में या फिर किसी पार्क में धीरे-धीरे साइकल चलाएं। शुरू में, 30 मिनट में, लगभग तक चलें, फिर धीरे-धीरे अपनी स्पीड और दूरी को भी बढ़ा लें।[१२]
- जब आपको एक्टिव रहने की आदत लग जाए, फिर 30 मिनट में तक चलने की कोशिश करें। आखिरकार 15 मिनट में को पूरा करने की कोशिश करें।
- अपने आसपास मौजूद पूल में या फिटनेस सेंटर में जाकर स्विम लैप्स (Swim laps) करें: स्वीमिंग करना, फुल बॉडी वर्कआउट का सबसे अच्छा तरीका है, और इसके साथ ही ये आपके रूटीन में एक बदलाव लाने में भी मदद करेगी। 20 मिनट के लिए स्वीमिंग लैप्स करें या फिर जब तक आपको साँसे चढ़ी हुई न लगने लगें, तब तक इसे करें। अगर आपको लगे कि आपको ब्रेक ले लेना चाहिए, तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है, खासतौर पर उस वक़्त तो बिल्कुल भी नहीं, जब आप एक्सर्साइज़ करने की आदत डालने की कोशिश कर रहे हैं।[१३]
- स्वीमिंग लैप्स के अलावा, आप चाहें तो वॉटर एरोबिक्स कर सकते हैं या फिर पूल के चारों तरफ भी घूम सकते हैं। ये उन लोगों के लिए काफी अच्छा विकल्प है, जिन्हें जाइंट की समस्या है या फिर वो लोग, जिनका वजन काफी ज्यादा है।
- जैसे ही आपको एक्टिव रहने की आदत लग जाए, फिर दौड़ने की कोशिश करना शुरू कर दें: अपने आसपास मौजूद रास्तों पर दौड़ने जाएँ या फिर अपने आसपास के इंडोर या आउटडोर ट्रेक की तलाश करें। सीधे पूरे 15 से 30 मिनट के लिए दौड़ने की कोशिश करें, लेकिन अगर आप अभी सिर्फ एक्टिव रहने की शुरुआत ही कर रहे हैं, तो आपको अपने ऊपर ज्यादा दबाव बनाने की जरूरत नहीं है।[१४]
- हर हफ्ते, अपने दौड़ने के वक़्त में एक और एक्सट्रा मिनट एड करने की कोशिश करें। आखिरकार, देखें अगर आप सीधे तक दौड़ सकें, अपना समय नोट करें और फिर हर बार दौड़ते वक़्त अपने समय में कटौती करने की कोशिश करें।
- अगर आप एक बुजुर्ग हैं या फिर आपको हड्डियों से या जाइंट से जुड़ी हुई कोई परेशानी रही है, तो ऐसे में आपके कदमों के लिए दौड़ पाना बहुत मुश्किल लगेगा। याद रखिए, आपको आपके शरीर की सीमाओं के अंदर ही काम करना है।
- खुद को इंटरवल ट्रेनिंग (interval training) से चैलेंज करें: इंटरवल ट्रेनिंग में हाइ-इंटेंसिटी और लो-इंटेंसिटी की एक्सर्साइज़ का विकल्प शामिल रहता है, और ये कैलोरी बर्न करने का सबसे अच्छा तरीका भी है। क्योंकि इसमें हाइ-इंटेंसिटी एक्टिविटीज़, जैसे कि दौड़ना या स्प्रिंट (sprint) करना शामिल होती हैं, इसलिए अगर आपको पहले से ही रेगुलर एक्सर्साइज़ करने की आदत है, तो ऐसे में अपने रूटीन में इंटरवल ट्रेनिंग शामिल करना आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है। अच्छी और बेसिक इंटरवल सेशन के लिए, स्प्रिंट-वॉक रूटीन अपनाकर देखें।[१५]
- पहले 5 से 10 मिनट के लिए तेज़ी से वॉक करके वार्म-अप करें, फिर 5 से 10 मिनट के लिए जॉगिंग करें। जॉगिंग करने के बाद, 30 से 60 सेकंड के लिए स्प्रिंट करें, फिर 5 मिनट के लिए जॉगिंग करें। ऐसे ही 30 से 60 सेकंड के लिए दौड़कर और फिर कम से कम 2 से 3 बार 5 मिनट की जॉगिंग करें, फिर 5 से 10 मिनट के लिए वॉक करते हुए कूल डाउन हो जाएँ।
संपादन करेंस्ट्रेन्थनिंग एक्सर्साइज़ सीखना (Learning Strengthening Exercises)
- अपनी भुजाओं और छाती को मजबूत बनाने के लिए पुश-अप्स करें: अपनी हथेलियों को फर्श पर रखते हुए, अपना चेहरा नीचे की तरफ करके, कंधों के बल पर लेट जाएँ। फिर, अपने सिर, गर्दन, पीठ और पैरों को एक सीध में रखते हुए, अपनी साँसें छोड़ें और अपनी भुजाओं को फैलाते हुए अपने शरीर को ऊपर उठाएँ। आपके हाँथों को और आपके पैर के अंगूठे को आपके शरीर के वजन को सहन करने लायक होना चाहिए।[१६]
- अपनी भुजाओं को सीधा करें, लेकिन अपनी कोहनी को न मोड़ें। खुद को कुछ सेकंड के लिए ऐसे ही रहने दें, फिर खुद को वापस नीचे लाते हुए साँस लें, ताकि आपकी नाक सीधे जमीन को छू जाए। इस स्टेप को 12 रिपीटीशन के 2 सेट में पूरा करें।
- अपने रूटीन में कुछ बदलाव करने के लिए, पुश-अप्स करते वक़्त अपनी हथेलियों को और ज्यादा दूर रखकर देखें। आप अगर चाहें तो सारे ज़ोर को अपनी छाती के बजाय अपने ट्राइसेप्स पर लाने के लिए पुश-अप्स करते वक़्त अपनी भुजाओं को अपने शरीर के और करीब भी रख सकते हैं।
- एक प्लैंक को लगभग 30 से 45 मिनट तक होल्ड करके रखने की कोशिश करें: शुरू करने के लिए, जमीन पर नीचे की तरफ चेहरा करके ठीक वैसे ही लेटें, जैसे कि आप पुश-अप्स करने के लिए लेटे थे। अपने शरीर को ऊपर उठाएँ और अपना सारा वजन अपनी हथेलियों और पैर के अंगूठे पर रखें। इस पोजीशन में कम से कम 30 सेकंड तक रहने की कोशिश करें, खुद को जमीन पर नीचे ले जाएँ, 30 से 60 सेकंड तक ऐसे ही रहें, फिर से इसे दोहराएँ।[१७]
- पोज को होल्ड करते हुए अपने सिर, गर्दन और पीठ को एक सीधी लाइन में रखे रहने दें। ऊपर न देखें; अपने सिर को बीच में ही रखें, ताकि आपका चेहरा नीचे जमीन की ओर हो।
- अगर आपको ये 30 सेकंड ज्यादा चैलेंजिंग नहीं लग रहे हैं, तो इस पोज को 1 मिनट या इससे भी ज्यादा वक़्त तक होल्ड करके रखने की कोशिश करें।
- याद रखिए, आपको ठीक प्लैंक की तरह, इसमें भी वैसे ही साँस लेना है।
- क्रंचेस (crunches) करते हुए अपने पेट की मसल्स के ऊपर काम करें: अपने घुटनों को मोड़े हुए, और पैरों को जमीन की सीध में रखकर, पीठ के बल लेट जाएँ। अपने हाँथों को अपने सीने के सामने बाँध लें या फिर अपने सिर के पीछे रखें, अपने पेट की मसल्स पर ध्यान दें और फिर अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को जमीन से ऊपर ले जाने के साथ-साथ साँस भी छोड़ते जाएँ।[१८]
- अपने शरीर के ऊपरी भाग को तब तक उठाते रहें, जब तक कि आपके हाँथ जमीन से ऊपर न आ जाएँ, इसे 1 से 2 सेकंड तक होल्ड करके रखें, फिर खुद को धीरे-धीरे जमीन पर ले जाते वक़्त, साँस खींचें। 12 रिपीटीशन्स के 2 सेट पूरे होने तक इसे दोहराएँ।
- किसी भी तरह की चोट से बचे रहने और अपनी मसल्स की ज्यादा कसरत करने के लिए, धीमी, और कंट्रोल दर से आगे बढ़ें।
- अगर आप आपके हाँथों को आपके सिर के पीछे रखते हैं, तो इनसे अपने सिर या गर्दन को न खिंचने दें। किसी भी तरह की चोट से बचे रहने के लिए, अपनी उंगलियों के ऊपरी भाग को अपने सिर के पीछे रखें या फिर हाँथों को अपने सीने के सामने क्रॉस कर लें।
- ग्लूट ब्रिजेस (glute bridges) करके अपनी ग्लूट और कोर मसल्स के ऊपर काम करें: अपने घुटनों को मोड़कर, पैरों को सीधे जमीन पर रखकर और अपनी भुजाओं को अपने एक तरफ रखकर, पीठ के बल लेट जाएँ। अपनी कोर मसल्स पर काम करते हुए साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें और धीरे-धीरे अपने हिप्स और पीठ के नीचे के भाग को जमीन से ऊपर उठाएँ। खुद को उस वक़्त तक ऊपर उठाएँ, जब तक कि आपके कंधे और आपके घुटने एक सीध में नहीं आ जाते और अपनी भुजाओं को जमीन पर ही रहने दें, ताकि आपका बैलेंस बना रहे।[१९]
- इस ऊपर उठी हुई पोजीशन में 1 से 2 सेकंड तक बने रहें, फिर खुद को वापस अपनी शुरुआती पोजीशन में लाते हुए, साँस खींचें। इन स्टेप्स को दोहराएँ और 12 ब्रिजेस के दो सेट पूरे करें।
- थोड़ा कठिनाई बढ़ाने के लिए, खुद को ऊपर उठी हुई पोजीशन में होल्ड करके रखने की कोशिश करें, फिर अपने पैर को सीधा करें और ऊपर उठाएँ। पैर को फिर से जमीन तक ले जाएँ, इसे दूसरी तरफ भी दोहराएँ, फिर खुद को जमीन तक नीचे ले जाएँ।
- स्क्वेट्स (squats) करते हुए अपने पैरों को मजबूत बनाएँ: अपने पैरों को कंधों के बराबर की दूरी पर रखकर, अँगूठों को हल्का सा ऊपर की तरफ करके, बीच में दूरी बनाकर खड़े हो जाएँ, पीठ सीधी रखकर और अपनी भुजाओं को अपने बाजू में रखकर या फिर अपने सीने के सामने क्रॉस करके खड़े हो जाएँ। अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को सीधा रखें और कोर मसल्स को खींचकर रखें, अपने घुटनों को धीरे-धीरे मोड़ें और अपने हिप्स को कुछ इस तरह से नीचे लेकर जाएँ, जैसे कि आप एक चेयर पर बैठने जा रहे हैं।[२०]
- जब आप आपके हिप्स को नीचे झुकाएँ, तब अपने सामने के हिस्से को बाहर की तरफ रखें, ताकि आपका सारा वजन आपकी एड़ियों पर ही रहे। अपने घुटने और पैर के अंगूठे को एक सीध में रखें, और अपने घुटनों को अपने अंगूठे के पीछे झुकने से बचाएं।
- अपने आपको तब तक नीचे ले जाते रहें, जब तक कि आपकी जाँघें जमीन के लगभग सीध में नहीं आ जाती, फिर खुद को शुरुआती पोजीशन में लाने के लिए, खुद को ऊपर उठाने के लिए, अपने पैरों को अपनी एड़ी पर ज़ोर लगाकर धकेलें।
- खुद को नीचे लाते वक़्त साँस खींचें और जब आप आपके पैरों को ज़ोर दें और खुद को ऊपर की तरफ लेकर आएँ, तब साँस छोड़ें। 12 स्क्वेट्स के दो सेट्स पूरा करने के लिए इन्हीं स्टेप्स को दोहराएँ।
- पूरे शरीर के वर्कआउट के लिए बर्पीज (burpees) करके देखें: पहले तो अपने पैरों के बीच में कंधे के बराबर दूरी रखकर उन पर खड़े हो जाएँ, फिर एक जंप करके झुकी हुई पोजीशन में आ जाएँ। अपनी हथेलियों को सीधे जमीन पर रखें और अपने पैरों को पुश-अप्स पोजीशन में ले आएँ और फिर एक पुश-अप करें।[२१]
- पुश-अप्स के बाद, अपने पैरों को खींचकर झुकी हुई पोजीशन में वापस ले आएँ और फिर शुरुआती पोजीशन में खड़े होने के लिए सीधे अपने हाँथों को ऊपर करके साथ जंप करें। 12 बर्पीज के 2 सेट्स पूरे करने के लिए इसे दोहराएँ।
- फ्री वेट्स और जिम की मेंबरशिप के ऊपर खर्च करें: हालाँकि वैसे तो आप बिना किसी वेट, डंबल, बारबेल्स और रेजिस्टेंस मशीन के भी बहुत सारी स्ट्रेथनिंग एक्सर्साइज़ कर सकते हैं, लेकिन ये आपकी वर्कआउट में एक इंटेंसिटी एड करते हैं। किसी भी तरह की चोट से बचने के लिए, पहले हल्के वेट्स के साथ शुरुआत करें और अपने शरीर को उसकी लिमिट से आगे कुछ करने का दबाव न डालें।[२२]
![Exercise Step 16.jpg]()
- ऐसे वेट्स चुनें, जो आपको चैलेंज करते हों, लेकिन अभी भी आपको एक उचित फॉर्म बनाए रखने देते हों। खुद को आईने में देखें और अपनी इस रिहर्सल के स्मूद, स्थिर और कंटरोल्ड होने की पुष्टि कर लें। अगर आपको आपसे जरा भी बैलेंस गिरता हुआ दिखे या फिर आपको इसे बनाए रखने में परेशानी हो रही है, तो फिर आपको किसी हल्के वेट्स का चुनाव कर लेना चाहिए।[२३]
- 12 बाइसेप्स कर्ल्स (biceps curls) के 2 सेट करें। अपने पैरों को कुछ दूरी पर रखते हुए, खड़े हो जाएँ और अपने दोनों हाँथों में डंबल वेट उठा लें। डंबल को अपने कंधे तक उठाकर ले जाने के लिए, अपनी कोहनी को मोड़ें, उन्हें अपने बाजू में एकदम करीब ही रखें। अपनी शुरुआती पोजीशन पर जाते वक़्त साँस अंदर खींचें और बाइसेप्स पर ज़ोर डालते वक़्त साँस बाहर छोड़ें।
- अपनी मुड़ी हुई कोहनियों का इस्तेमाल करते हुए डंबल को ऊपर उठाएँ और अपने कंधों पर ज़ोर दें। अपनी भुजाओं को सीधे अपने सिर के ऊपर ले जाते वक़्त साँस छोड़ें, डंबल्स को वापस अपने कंधों तक लाएँ और दोहराते हुए इसके 12 के 2 सेट पूरे करें।
- अपने आपके उचित फॉर्म या पोजीशन में होने की पुष्टि के लिए अपने किसी अनुभवी फ्रेंड या ट्रेनर से सलाह लें। अगर आप जिम में रेजिस्टेंस मशीन इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसके सही इस्तेमाल की सलाह पाने के लिए एक ट्रेनर जरूर पास में रखें।
संपादन करेंअपने बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी को मजबूत करना (Boosting Your Balance and Flexibility)
- अपनी मसल्स को वार्म-अप करने के बाद स्ट्रेच करें: आपको सिर्फ उन्हीं मसल्स को स्ट्रेच करना चाहिए जो कि एक्टिव हैं और जिनमें ब्लड फ़्लो बढ़ा हुआ है। ठंडी, सुस्त मसल्स को स्ट्रेच करने की वजह से चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। जब कभी भी स्ट्रेच करें, हिलने-डुलने की बजाय, किसी भी एक पोज को होल्ड करके स्ट्रेच की पोजीशन में आते वक़्त साँस अंदर खींचें और किसी पोज को होल्ड करते वक़्त साँस बाहर छोड़ें।[२४]
![Exercise Step 31.jpg]()
- अपनी हैमस्ट्रिंग्स (hamstrings) को स्ट्रेच करने के लिए, अपने पैरों को अपने एकदम सामने रखकर, जमीन पर बैठ जाएँ। अपने पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें, ऐसा उस वक़्त तक करें, जब तक कि आपको आपके पैरों पिछले हिस्से में एक स्ट्रेच महसूस न हो जाए। इस स्ट्रेच को फिर 15 से 20 सेकंड तक होल्ड करके रखें।
- अपने क्वेडस (quads) को स्ट्रेच करने के लिए, खड़े हो जाएँ और सपोर्ट के लिए एक चेयर या दीवार का इस्तेमाल करें। अपने दाँये पैर को अपने पीछे की तरफ लेकर जाएँ, अपने दाँये हाँथ से अपने पैर के अंगूठे को पकड़ें और फिर इसे तब तक आराम से खींचें, जब तक कि आपको अपनी जाँघों के सामने के भाग में एक स्ट्रेच का अहसास न हो जाए। इसे 15 से 20 सेकंड के लिए होल्ड करके रखें और इसे फिर से अपने बाँये पैर के लिए दोहराएँ।
- एक सिंपल शोल्डर स्ट्रेच के लिए, धीरे-धीरे अपने दाहिने कोहनी को अपने शरीर के सामने के विपरीत कंधे की ओर खींचें, जब तक कि आपको अपने दाँये कंधे और पीठ में एक स्ट्रेच महसूस न हो जाए। इसे 15 से 20 सेकंड के लिए होल्ड करके रखें, फिर इसे अपनी दूसरी भुजा के लिए दोहराएँ।
- दीवार के सामने खड़े होकर अपने काल्व्स (calves, पैरों) को खींचें, फिर अपनी हथेलियों को अपने कंधे की ऊंचाई तक इसके सामने रखें। अपनी बाँहों को सीधा और पैरों को जमीन पर रखे हुए, अपने दाँये पैर को पीछे बढ़ाएँ और बाँये घुटने को हल्का सा झुकाएँ। दीवार को तब तक दबाएँ, जब तक कि आपको आपके दाँये पैर में एक स्ट्रेच का अहसास न मिल जाए, इस पोज को 15 से 20 सेकंड के लिए होल्ड करके रखें, फिर इसे अगली साइड के लिए दोहराएँ।
- योगा करना शुरू कर दें: बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के अलावा, योगा आपका ध्यान बढ़ा सका सकता है और आपके स्ट्रेस लेवल को भी कम बनाए रखने में मदद कर सकता है। आप चाहें तो लोकल जिम में जाकर, कम्यूनिटी सेंटर में जाकर या योगा स्टुडियो में जाकर क्लास कर सकते हैं, या फिर अपने ही घर में ऑनलाइन या डीवीडी गाइड की मदद से इसका अभ्यास कर सकते हैं।[२५]
- योगा से लेकर ताई-ची (tai chi) तक, किसी भी एक्सर्साइज़ रूटीन से जुड़े रहने के लिए, ग्रुप क्लास करना सबसे अच्छा रास्ता होता है। इसमें जरा सा सोशल टच जोड़ लेने से, आपको एक्टिव रहना और भी ज्यादा मजेदार लगने लगता है और खुद को इस रूटीन से जोड़े रखने के लिए, आपको इसकी काफी जरूरत भी पड़ेगी।
- पिलाटिज (Pilates) करके देखें: पिलाटिज भी मूवमेंट की एक कला है, जो कि योगा और डांस, से प्रेरित होकर बना है, जो कि मिलकर एरोबिक्स बनता है, बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग है। योगा की तरह ही, इसकी प्रैक्टिस करने के लिए, अपने आसपास मौजूद पिलाटिज ग्रुप्स की तलाश करें, या फिर अपने लोकल जिम या स्टुडियो में जाकर एक क्लास कर लें।[२६]
- वैसे तो ऐसी ग्रुप क्लासेस आपके रूटीन को हमेशा तरोताजा बनाए रख सकती हैं, लेकिन अगर आप चाहें तो पिलाटिज की डीवीडी या फिर ऑनलाइन वीडियो गाइड की तलाश भी कर सकते हैं।
- डांस करके एक्टिव रहें: बैले (ballet) से लेकर फ़्लैमेंको (flamenco) तक, डांस करना एक्सर्साइज़ का सबसे सख्त तरीका है। ये आपकी फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ा सकता है, आपको एरोबिक या एंड्यूरेन्स ट्रेनिंग भी दे सकता है, और आपके शरीर के समन्वय को भी बेहतर कर सकता है। इसकी प्रैक्टिस के लिए अपने आसपास मौजूद किसी ग्रुप की तलाश करें, या फिर एक जिम की तलाश करें या फिर अपने अपने कम्यूनिटी सेंटर में शामिल हो जाएँ।[२७]
- डांस करना सीखना या डांस क्लास जाना काफी मजेदार हो सकता है, लेकिन अगर आप चाहें तो अपने ही घर में अपनी पसंद का म्यूजिक लगाकर, और फिर अपनी इच्छा से कैसे भी डांस कर सकते हैं।
- आपके एक्सर्साइज़ रूटीन में ताई ची (tai chi) को शामिल करें: ताई ची एक चाइनीज मार्शल आर्ट है, जिसमें स्लो मूवमेंट के कुछ भाग शामिल हैं। ये आपके बैलेंस, फ्लेक्सिबिलिटी और ध्यान को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, और साथ ही ये स्ट्रेस मैनेज करने के लिए भी अच्छा है। जैसे कि इसमें बहुत धीमी गति की एक्सर्साइज़ शामिल है, इसलिए अगर आप एक बुजुर्ग हैं, आपको कोई मेडिकल समस्या है, या फिर अभी-अभी आपकी कोई चोट भरी है, तो इसे करना आपके लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है।[२८]
- अपने पास में मौजूद किसी जिम या स्टुडियो में जाकर ताई ची क्लास करें या फिर ऑनलाइन वीडियो गाइड की तलाश करें।
संपादन करेंअपने बिजी शेड्यूल में एक्सर्साइज़ के लिए जगह बनाना (Fitting Exercise into a Busy Schedule)
- एक्टिव बने रहने के लिए, पूरे दिन में से समय के छोटे-छोटे हिस्से को निकालें: ऐसा नहीं है, कि आपको एक्सर्साइज़ के लिए अपने दिन में से पूरा एक घंटा ही निकालना है। इसकी जगह पर, दिन के किसी ऐसे वक़्त पर एक्सर्साइज़ करें, जब आपके पास में करने लायक कुछ न हो।[२९]
- जैसे कि, चाय बनाते वक़्त, इंतज़ार करते हुए या फिर दूध उबलते वक़्त स्क्वेट्स कर लें।
- सुबह उठने के बाद, सबसे पहले एक मिनट प्लैंक्स के लिए निकाल लें।
- ऑफिस में काम करते वक़्त हर घंटे के बाद वॉक करने और स्ट्रेच करने के लिए 5 मिनट निकालें।
- ज्यादा वक़्त तक न बैठे रहें: दिनभर में ज्यादा से ज्यादा वक़्त बस डेस्क पर या चेयर पर बैठे रहना, आपके शरीर के लिए कठिन हो सकता है। जहाँ तक हो सके, एक ऐसी डेस्क का इस्तेमाल करें, जिस पर आप खड़े-खड़े भी काम कर सकें या फिर ट्रेडमील के साथ वाली किसी डेस्क की तलाश करें। अगर ऐसा कर पाना आपके वश में नहीं है, तो किसी न किसी तरह से, खड़े रहने और वॉक करने के लिए कुछ वक़्त जरूर निकालें।[३०]
- आप चाहें तो किसी डेस्क चेयर पर बैठने की बजाय एक एक्सर्साइज़ बॉल पर भी बैठने का सोच सकते हैं। क्योंकि एक बॉल पर बैठने से, आप खुद को स्थिर बनाए रखने के लिए, अपनी मसल्स का इस्तेमाल करेंगे, तो ऐसे में आपके बैठे रहने के बाद भी आपका कुछ वर्कआउट तो जरूर हो जाएगा।
- लिफ्ट या एलिवेटर का इस्तेमाल करने के बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल किया करें: जब आप आपके घर या ऑफिस जाएँ, तब एलिवेटर का इस्तेमाल न करें और इसकी बजाय सीढ़ी चढ़ने लग जाएँ। अगर आप एक-साथ 5 फ्लोर तक सीढ़ियाँ नहीं चढ़ सकते हैं, तो पहले 1 या 2 फ्लोर तक सीढ़ी चढ़कर जाएँ, फिर इसके बाद हर हफ्ते इसमें एक एक्स्ट्रा फ्लोर बढ़ाकर देखें।[३१]
- अगर आप सीढ़ियाँ चढ़ते हैं, तो ऐसा करके जितनी वक़्त आप पैदल चलते हैं, उसकी अपेक्षा दोगुना ज्यादा कैलोरी बर्न कर सकते हैं।
- ड्राइविंग की बजाय साइकल चलाएँ या वॉक करें: आसपास की किसी जगह पर ड्राइव करके जाने की बजाय, जितना हो सके, अपने पैरों का इस्तेमाल करें या फिर सायकल पर निकल जाएँ। जैसे कि, हफ्ते में कुछ बार किसी स्टोर पर पैदल चलकर जाएँ और ग्रोसरी शॉपिंग को वर्कआउट में बदल डालें।[३२]
- अगर आपका ऑफिस काफी दूर है और आप इतनी दूर साइकल से नहीं जा सकते हैं, तो फिर बस पर बैठ जाएँ और अपने ऑफिस के दो स्टॉप पहले उतर जाएँ, फिर बाकी का रास्ता वॉक करके जाएँ।
- कुछ बसों में सायकल के लिए रैक बने होते हैं या फिर आप फोल्डिंग बाइक को बस पर भी ले जा सकते हैं, तो आप अपने बस स्टॉप तक जाने के लिए साइकल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
- जब आप ड्राइव कर रहे हों, तब अपनी गाड़ी को अपने डेस्टिनेशन से कुछ दूरी पर लगाकर रखें या फिर शॉपिंग सेंटर के पार्किंग लॉट में सबसे आखिर में लगा दें।
संपादन करेंसुरक्षित तरीके से एक्सर्साइज़ करना (Exercising Safely)
- एक्सर्साइज़ शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर को दिखा लें: अगर आपको दिल से जुड़ी, हड्डियों की, मसल्स, जाइंट या अन्य किसी तरह की मेडिकल समस्या है, तो ऐसे में आपको डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है। अपने डॉक्टर से आपके लिए सुरक्षित तरीके से एक्सर्साइज़ करने के तरीके के बारे में पूछें और आपकी समस्या के हिसाब से आपके लिए उचित एक्सर्साइज़ सुझाने को कहें।[३३]
- अगर आपको एक्सर्साइज़ करते वक़्त किसी तरह का दर्द हो रहा है, चक्कर आ रहे हैं या फिर और किसी तरह के गंभीर लक्षण नजर आ रहे हैं, तो आपको ऐसे में आपके डॉक्टर से बात कर लेना चाहिए।
- एक्सर्साइज़ करने से पहले, इसके दौरान और इसके बाद में भरपूर पानी पियें: एक्सर्साइज़ करने से पहले लगभग पानी पीने की कोशिश करें, और वर्कआउट के दौरान हर 15 से 20 मिनट के अंदर पानी लें। आपके मसल्स के ऊपर काम करने के लिए और आपके द्वारा बहाये हुए बहुत सारे पसीने की भरपूर्ति करने के लिए, आपके शरीर को भरपूर पानी की जरूरत पड़ेगी।[३४]
- स्पोर्ट्स ड्रिंक्स भी पसीने में बहे नमक और मिनरल्स की आपूर्ति करने में मदद कर सकती हैं। हालाँकि, अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो फिर स्पोर्ट्स ड्रिंक्स की मात्रा को अपने लिए सीमित ही रखें, क्योंकि इस तरह की ड्रिंक में बहुत सारी शुगर होती है और ये आपकी डाइट में एक्सट्रा कैलोरी एड कर देती हैं।
- एक्सर्साइज़ करने के बाद हैल्दी तरीके से लिया हुआ प्रोटीन और कॉम्प्लेक्स कार्ब्स लेना भी अच्छा माना जाता है। इसके उदाहरण में, फल, सब्जियाँ, एक पीनट बटर सैंडविच, लीन मीट, व्होल ग्रैन क्रैकर्स या एक प्रोटीन बार शामिल है।
- आपकी एक्टिविटी के हिसाब से ही कपड़े का चयन करें: आमतौर पर, आपको ऐसे कपड़े पहनना है, जो आपके हिलने-डुलने को या आपके ब्लड फ़्लो को प्रभावित न करते हों। कुछ तरह की एक्सर्साइज़ में, जैसे कि बाइकिंग में आपको फिटिंग वाले कपड़े पहनना होते हैं, लेकिन फिर भी ये बहुत ज्यादा टाइट भी नहीं होना चाहिए। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, तेज़ी से वॉक करना, और बास्केटबॉल या सॉकर जैसे स्पोर्ट्स के लिए, आपको ढ़ीले कपड़े पहनना चाहिए।[३५]
- अपने कपड़ों के मौसम के अनुसार उचित होने की पुष्टि करें। हल्की बाँहों वाले कपड़े पहनें, गर्मी के मौसम में साँस ले सकने योग्य फैब्रिक वाले कपड़े पहनें, और अगर बहुत ठंड है, तो ज़रा मोटे कपड़े पहन लें।
- ऐसे एथलेटिक शूज पहनें जिनमें आपको सपोर्ट और आराम मिले: आप जब शूज शॉपिंग के लिए जाएँ, तब मजबूत रबर सोल्स वाले एथलेटिक शूज की तलाश करें। अच्छे शूज बीच में से नहीं मुड़ा करते, तो इसलिए शूज को सामने और हील से पकड़िए, और फिर आराम से शूज को दबाकर देखें, कि ये प्रैशर सहन कर पा रहे हैं या नहीं।[३६]
- शूज एकदम कम्फ़र्टेबल तरीके से फिट आना चाहिए; ये टाइट नहीं लगना चाहिए और आपके अंगूठे बिना किसी रुकावट के शूज के आखिरी भाग तक जाना चाहिए। शूज की फिटिंग जाँचते वक़्त हमेशा दोनों जोड़ी पहनकर ही देखें।
- ऐसे शूज खरीदें, जो आपके द्वारा की जाने वाली एक्टिविटी के लिए फिट होते हों, जैसे कि रनिंग शूज या बास्केटबॉल शूज। अलग-अलग तरह की एक्टिविटी, अलग-अलग तरह से आपके पैरों पर दबाव बनाते हैं। जैसे कि, रनिंग शूज, आपको रनिंग स्टेप्स के लिए पूरी फ्लेक्सिबिलिटी देते हैं, लेकिन इसमें टेनिस या बास्केटबॉल के लिए जरूरी सपोर्ट देने की ताकत नहीं होती।[३७]
- अगर आपको दर्द का अहसास हो, तो एक्सर्साइज़ करना रोक दें: यहाँ पर आपको “बिना दर्द के कुछ नहीं मिलता (No pain, no gain)” को मानने की जरूरत नहीं है। अगर आपको कहीं भी तकलीफ या तेज़ दर्द हो रहा है, तो उस एक्टिविटी को वहीं रोक दें। उस प्रभावित हिस्से में दर्द को कम करने के हर संभावित प्रयास करें।[३८]
- अगर आपको लगता है, कि आपने खुद को चोट पहुँचा दी है, तो आपको इसे घर पर ही ठीक करते आना चाहिए। आराम करें, हर 3 से 4 घंटे में 20 मिनट के लिए आइस लगाएँ, एथलेटिक टेप की मदद से चोटिल हिस्से को दबाएँ और इसे हार्ट लेवल तक बनाए रखने की कोशिश करें। दर्द को सहने के लिए, आइब्यूप्रोफेन (ibuprofen) जैसी ओवर-द-काउंटर (over-the-counter) मेडिकेशन लेकर देखें।[३९]
- अगर आपको किसी भी तरह की आवाज सुनाई देती है, दर्द का अहसास होता है, अनियंत्रित खून बह रहा है, अपने जाइंट पर वजन लेने में तकलीफ या हिलने में तकलीफ है, या फिर कुछ छोटे-मोटे लक्षण 1 से 2 हफ्ते के अंदर ठीक नहीं होते, तो ऐसे में मेडिकल हैल्प लेने का फ़ैसला करें।
- वर्कआउट के दौरान म्यूजिक सुनना, आपको प्रेरित रखने में और आपका मनोरंजन करते रहने का काफी अच्छा तरीका हो सकता है।
- एक्सर्साइज़ रूटीन स्थिरता की बहुत अहमियत होती है। ऐसे में काफी कम वक़्त में आपको रिजल्ट नजर आएगा। एक्सर्साइज़ को अपनी एक नॉर्मल आदत बना लें और आपके हैल्दी रूटीन को बनाए रखने पर ध्यान दें।
- शरीर के किसी एक हिस्से पर मौजूद वजन को कम करने के लिए किसी खास एक्सर्साइज़ का इस्तेमाल करना नामुमकिन है। जैसे कि, एब (ab) और क्वेड (quad) एक्सर्साइज़, आपके पेट या जाँघों के आसपास मौजूद वजन को कम नहीं करेगी। अगर आप अपने सारे शरीर के वजन को कम करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपने कैलोरी सेवन की मात्रा से भी ज्यादा कैलोरी बर्न करना होगी।
- एक्सर्साइज़ का मकसद आपको हैल्दी बनाना है, न कि मैगजीन में दिखने वाले किसी इंसान की तरह बनाना। अच्छी हैल्दी आदतें अपनाने की कोशिश करें और अपनी तरफ से किए हुए सारे प्रयासों के लिए, अपनी पीठ थपथपाएँ।
- अगर आप किशोर हैं या और छोटे हैं, आपका शरीर अभी भी बढ़ रहा है और शायद कुछ एक्सर्साइज़ आपके बोन्स और जोइंट्स के लिए हानिकारक भी हो सकती हैं। आप अगर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सर्साइज़ करना चाहते हैं, तो इसमें सेफ रहने के लिए, अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
- अगर आपको फिजिकल एक्टिविटी करने की आदत नहीं है या फिर आपको कोई मेडिकल समस्या है, तो एक्सर्साइज़ करने के लिए अपने डॉक्टर से जरूर सलाह ले लें। अगर आप अभी-अभी किसी चोट से उबरे हैं, तो किसी एक डॉक्टर या फिजिकल थेरेपिस्ट से सलाह ले लें।
- जब आपको मसल में या जाइंट में तकलीफ हो रही हो, तब एक्सर्साइज़ न करें और न ही एक साथ 2 दिनों तक एक ही मसल ग्रुप पर एक्सर्साइज़ न करें।
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November 13, 2018, 12:00 am
आप ड्रिंक करने बाहर गए हैं और अपने फ्रेंड्स के साथ में काफी मजे कर रहे हैं, फिर अचानक आपको ठोकर लगती है और आप गिरने लगते हैं या शब्दों को असपष्ट तरीके से बोलने लगते हैं। इससे आपको अंदाज़ा लग जाता है, कि आज आपने शायद थोड़ी ज्यादा पी ली है। ये एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आप अक्सर खुद को पाते हैं, और खुशकिस्मती से ऐसी बहुत सारे तरीके मौजूद हैं, जिनसे आप अपना नशा उतार सकते हैं। जरूरी कदम उठाकर और गलत तरीकों से बचते हुए, आप काफी जल्दी आपका नशा उतार सकेंगे और अगले दिन होने वाले हैंगओवर से भी बच जाएंगे। ये तरीके आपके लिए लंबे समय तक नशे में बनाए रखने का कारण बन सकते हैं।
संपादन करेंनशा उतारने के लिए सही कदम उठाना (Taking the Necessary Steps to Sober Up)
- ड्रिंक करना फौरन बंद कर दें: जैसे ही आपको ये अहसास होने लगे, कि आप अपनी जरूरत से ज्यादा ड्रिंक कर रहे हैं, तब ऐसा करें। आपके हाँथ में जो भी ड्रिंक है, उसे नीचे रख दें।[१]
- आपके शरीर को किसी भी ड्रिंक को पूरी तरह से प्रोसेस कर पाने में लगभग एक घंटे का समय लगता है। तो अगर आपने एक घंटे के अंदर दो या तीन ड्रिंक ले लिए हैं, तो ऐसे में आपके शरीर को इन्हें पूरी तरह से प्रोसेस करने में दो से तीन घंटे का वक़्त लगेगा।
- पानी पियें: बारटेंडर से एक ग्लास भरकर पानी माँगें या फिर खुद ही वॉटर कूलर तक चले जाएँ। ऐसा कहा जाता है, कि आपको हर एक ड्रिंक के लिए एक कप (240 ml) पानी पीना चाहिए। तो अपने हाँथ में मौजूद अगली ड्रिंक लेने से पहले, आपके द्वारा पहले ली हुई ड्रिंक के बाद एक ग्लास पानी जरूर पी लें।[२]
- इसके अलावा, जब आप सोने के लिए लेट रहे हों, तब लेटने से पहले भी एक और ग्लास भरकर पानी पी लें। क्योंकि बार-बार बाथरूम जाने से भी आपके शरीर में मौजूद नमक की मात्रा में कमी आएगी, इसलिए पानी के ग्लास में एक चुटकी नमक भी मिला लें।[३]
- पीनट्स (मूँगफली) और क्रैकर्स खाएँ: कुछ बार्स अपने कस्टमर के लिए एकदम मुफ्त में स्नैक्स दिया करते हैं, जो कि काउंटर पर रखे रहते हैं। अगर आप किसी ऐसी जगह पर बैठकर पी रहे हैं, जहां पर ऐसे ही हल्के स्नैक्स मौजूद हैं, तो अपने पेट में कुछ डालने के लिए इस अवसर का भरपूर लाभ उठाएँ। अगर आप ड्रिंक लेते वक़्त, हल्का-फुल्का स्नैक्स खाते रहते हैं, तो इससे आपको उतना नशा नहीं होगा, जितना इसे न खाते हुए होना चाहिए था।
- बहुत भारी, तेल-मसाले वाले और ज्यादा मात्रा में कुछ भी खाने से बचे रहें, क्योंकि ये आपको बीमार कर सकता है।
- 30 मिनट की झपकी ले लें: नशा उतारने के लिए वक़्त ही एकमात्र असली इलाज़ है, नशा उतारने के लिए आराम करना सबसे अच्छा तरीका रहेगा। जब आप अपने शरीर में खाना और पानी डाल लें, फिर 30 मिनट का अलार्म सेट कर लें और एक झपकी ले लें।[४]
संपादन करेंनशा उतारने के गलत तरीकों से बचना (Avoiding Flawed Tactics for Sobering Up)
- ठंडे पानी का शावर न लें: ठंडे पानी से नहाने की वजह से आप और ज्यादा सतर्क महसूस करने लगेंगे, लेकिन इससे अल्कोहल के प्रभाव में कोई कमी नहीं आएगी। इसके विपरीत, अगर आप गंभीर रूप से नशे में होंगे, तो ठंडे पानी से नहाने की वजह से आपको एक झटका सा लगेगा या आपको अल्कोहल पोइजनिंग भी हो सकती है।[५]
- कॉफी लेने की मात्रा में कमी कर दें: एक कप कॉफी आपको और ज्यादा अलर्ट बना सकती है और आपकी नींद भी उड़ा सकती है। तो इसलिए इसे एक कप पीने में कोई खराबी नहीं। हालाँकि, जहां तक हो सके, बहुत ज्यादा कॉफी पीने से बचें, क्योंकि इसकी वजह से आपको डीहाइड्रेशन हो सकता है। लोकप्रिय धारणा के विपरीत, कॉफी आपको शांत नहीं करती है या न ही आपके रक्त में अल्कोहल के स्तर को कम करती है।[६]
- खुद को उल्टी करने के लिए मजबूर करने से बचें: अगर आप ड्रिंक लेने के फौरन बाद ऐसा नहीं करते, तो ऐसे में ये तरीका बिल्कुल काम नहीं करेगा। जैसे ही अल्कोहल आपके शरीर में घुल जाता है, मतलब कि, जब आपको नशे का अहसास होने लगेगा, तब समझ जाइए, कि इसे करने में देरी हो गई है। अगर आप इस वक़्त पर आप ऐसा करने की कोशिश करेंगे, तो आप आपके शरीर को ही नुकसान पहुंचाएंगे, क्योंकि उल्टी करने की वजह से आपके शरीर कमजोर हो जाता है और डीहाइड्रेशन भी हो जाता है।[७]
- अगर आपको उल्टी करने की इच्छा हो रही है, तो फिर खुद उल्टी करने से रोकने की कोशिश भी न करें। ये अल्कोहल को बाहर निकालने का, आपके शरीर का तरीका है।
- सुरक्षा की दृष्टि से, अपने किसी फ्रेंड से कहें, कि अगर आपको उल्टी आए तो वो आपके साथ में खड़ा रहे, ताकि वो आपको गिरने से और चक्कर आने की वजह से आपको किसी भी तरह की चोट लगने से बचा सके।
संपादन करेंशराब पीने वाली रात की तैयारी (Preparing for a Night of Drinking)
- कार्ब्स की प्रचुरता वाले फूड्स खाएँ: ड्रिंक करने से पहले आपको ऐसा भोजन करना चाहिए, जिसमें कार्ब्स की प्रचुरता हो। आप जब पीना शुरू करते हैं, तब ये कार्ब्स आपके शरीर में मौजूद अल्कोहल की अतिरिक्त मात्रा को सोख लेगा। डेयरी प्रॉडक्ट और नेचरल फैट्स की अधिकता वाले फूड्स भी काफी अच्छे होते हैं, क्योंकि ये आपके पेट में एक सुरक्षा कोटिंग कर देते हैं। ये आपके सिस्टम में अल्कोहल के सोखने की मात्रा में कमी कर देते हैं।[८]
- ड्रिंक करने से पहले लिए जाने वाले फूड्स में, पास्ता, एक बर्गर या सैंडविच, पिज्जा या एवोकैडो के नाम शामिल हैं।[९]
- ड्रिंकिंग को सीमित करें: अपने आप को एक निश्चित संख्या में ड्रिंक लेने तक सीमित करने का प्रयास करें। इस तरीके से आप खुद को ज्यादा ड्रिंक लेने से बचा लेंगे। ऐसा करने का एक तरीका ये है, कि आप बार जाते वक़्त अपने साथ में बहुत कम पैसे लेकर जाएँ। इस तरह से आप बहुत ज्यादा ड्रिंक्स खरीदने से बच जाएंगे। आप चाहें तो बारटेंडर को भी ये बोल सकते हैं, कि वो आपको एक सीमित ड्रिंक्स से ज्यादा ड्रिंक लेने से रोक दे या फिर रात में लेने लायक कुछ नॉन-अल्कोहिक ड्रिंक्स ऑर्डर कर दें।[१०]
- आप चाहें तो खुद को रोक भी सकते हैं और अपने आपको कह सकते हैं, कि आपको पूरी रात में तीन या चार ड्रिंक्स से ज्यादा ड्रिंक लेने की जरूरत नहीं है। ड्रिंक्स के बीच में 30-मिनट का वाटर ब्रेक्स लेते हुए ऐसा करें।
- सर्वर या बारटेंडर से कहें, कि वो आपके खाली ग्लास को सामने से न हटाएँ, और इस तरह से अपने द्वारा लिए जाने वाली ड्रिंक्स की मात्रा को ध्यान में लेते चलें।
- ड्रिंकिंग करने से पहले, अपने फ्रेंड्स से कहें, कि वो आपको कुछ निश्चित ड्रिंक्स पूरे करने के बाद, रोक दे।
- ड्रिंक्स को मिक्स करने से बचें: शराब के साथ बीयर मिक्स करने से बचें, खासकर अगर आपने पहले ही बीयर ले चुकी है। इसके साथ ही वोड्का, रम और व्हिस्की जैसे अन्य ड्रिंक्स को भी मिलाने से बचें। इसकी बजाय एकदम अलग बीयर, वाइन या डार्क लिकर ही लें।[११]
- इसके अलावा, वोड्का और गिन (gin) जैसा क्लियर लिकर, आपके शरीर के लिए व्हिस्की और बर्बन (bourbon) जैसे डार्क लिकर से ज्यादा अच्छा होता है।
- सिर्फ बीयर लें: बीयर पीने के बाद, नशे में आने में काफी वक़्त लगता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इसमें अन्य दूसरे अल्कोहलिक ड्रिंक्स की अपेक्षा तरल की ज्यादा मात्रा होती है। अगर आप कम नशे में होना चाहते हैं, तो फिर शाम को सिर्फ बीयर ही लेने के लिए प्रतिबद्ध रहें।
- जब भी आप ड्रिंक लेने के लिए घर से बाहर निकलें, तब एक बात जरूर पक्की कर लें, कि आपके पास में सेफ़्टी से घर पहुँचने का कोई जरिया मौजूद है। नशे में गाड़ी चलाने की वजह से होने वाले एक्सीडेंड्स से बचे रहने के लिए, अपने साथ में एक ड्राईवर लेकर जाएँ और अपने बारटेंडर को भी उसके बारे में बता दें।
- अगर आपका जी मचलने लगे और/या आप आपके माहौल से खुद को अलग होता हुआ पाते हैं, तो फौरन ड्रिंक करना बंद कर दें।
- अल्कोहल पोइजनिंग को गंभीरता से लें, क्योंकि ये आपके शरीर के लिए काफी हानिकारक भी हो सकता है। अगर आपको ऐसा लगता है, कि आपको या आपके साथ में मौजूद किसी इंसान को अल्कोहल पोइजनिंग का अहसास हो रहा है, तो फौरन ही इमरजेंसी रूम में चले जाएँ।
- आप जब एंटीबायोटिक्स लेते हैं, एंटीथिस्टेमाइंस (antihistamines) लेते हैं, या गर्मी में बिना पानी पिये ड्रिंक करते हैं, तो इनकी वजह से ये नशा आपको और ज्यादा बीमारी का अहसास दिला सकती है। ऐसे किसी भी माहौल में अल्कोहल लेने से बचें।
- पानी पीने के साथ-साथ बहुत ज्यादा अल्कोहल लेने की वजह से आपका ब्लैडर एकदम फुल हो जाता है और आपको यूरिनरी रिटेन्शन हो सकता है। ड्रिंक करते वक़्त इससे बचे रहने के लिए, बार-बार बाथरूम जाना न भूलें।
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November 14, 2018, 12:30 am
फिर चाहे आपका गर्मियों में कहीं घूमने जाने का प्लान हो या किसी शादी या फंक्शन में किसी ड्रेस को पहनने का या फिर आप गोवा के बीचेस में जाना चाहती हों और आपका इरादा वहाँ पर स्विमसूट पहनने का हो और इसलिए आप खुद को शेप में लाना चाह रही हों। अगर आपको अपने शरीर के बीच के हिस्से में ज्यादा वजन महसूस हो रहा है या फिर बस आप आपके आकार को टोन करना चाह रहे हैं, आप बहुत आसानी से अपने पेट को कम कर सकते हैं!
संपादन करेंहैल्दी डाइट अपनाना (Following a Healthy Diet)
- सोने जाने के दो या तीन घंटे पहले तक कुछ भी न खाएं: आप जब सोते हैं, तब आपका शरीर धीमा पड़ जाता है, जिसकी वजह से आपके पेट में मौजूद भोजन अच्छी तरह से पच नहीं पाता।
- साथ ही आप भी शाम को और रात में जरा कम एक्टिव हो जाया करते हैं, जिसका मतलब कि आपका शरीर रात में लिए जाने वाली कैलोरी को एनर्जी की तरह बर्न करने के बजाय फैट की तरह स्टोर कर लेता है।
- जहाँ तक हो सके सोने के कम से कम तीन घंटे पहले तक कुछ न खाएँ या फिर अगर हो सके तो "दिन के उजाले (daylight diet)" में खाना शुरू कर दें, जिसका मतलब कि आप सिर्फ दिन के उजाले में ही कुछ खा सकते हैं।
- सेहतमंद खाना खाएं: बात जब पेट कम करने की डाइट की हो रही हो, तो इसके लिए ऐसी कोई खास डाइट मौजूद नहीं है, जिसे आप अपना सकें — आपको सिर्फ फलों, सब्जियों और व्होल ग्रैन जैसे हैल्दी भोजन को लेना है और कैंडी, चिप्स और फास्ट फूड जैसे जंक फूड से दूरी बनाना है। बस इतना सा काम करके भी आपको अपने पेट पर काफी फर्क नजर आने लगेगा। हालाँकि, आपको इसे करने में एकदम जल्दबाज़ी भी नहीं दिखानी है — शुरुआत में धीमी गति से हैल्दी डाइट की तरफ अपना रुख करें, लेकिन नियमित रूप से खाने की अनहैल्दी चीजों को हैल्दी चीजों से बदलते रहें। यहाँ पर ऐसे कुछ सिंपल बदलाव हैं, जिन्हें आप अपना सकते हैं:
![Cure a Fever at Home Step 18 Version 4.jpg]()
- ज्यादा से ज्यादा लीन प्रोटीन खाएँ। बीन्स, नट्स और लीन मीट आपके लिए सही रहेगा।
- व्होल ग्रैन खाएँ। "100% whole grain" या "100% whole wheat" और न सिर्फ "wheat flour" लिखे हुए लेबल्स को देखें। व्होल ग्रैन आपको ज्यादा वक़्त तक भरपेट महसूस कराते हैं और इसकी वजह से आपका पेट बहुत जल्दी कम हो जाएगा।
- लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट खाएँ। अच्छे डेयरी विकल्पों में दूध, योगर्ट और कॉटेज चीज़ शामिल हैं। आइस-क्रीम और हार्ड चीज़ जैसे ज्यादा फैट वाले प्रोडक्ट्स से दूर ही रहें।
- हैल्दी फैट्स खाएँ। ये बात तो आपको भी मालूम होगी, कि सारे फैट बुरे नहीं होते! एवोकैडो, नट्स, ऑलिव ऑइल और फिश ऑइल में पाये जाने वाले मोनोसैचूरेटेड फैट्स आपके लिए काफी अच्छे होते हैं, ठीक ऐसे ही सीड ऑइल्स में मिलने वाले पोलीसैचूरेटेड फैट्स भी अच्छे होते हैं। ये सब आपको वजन कम करने में मदद कर सकते हैं। बस आपको प्रोसेस्ड फूड्स और बेक्ड फूड्स में पाये जाने वाले ट्रांस फैट्स से दूरी बनाना है।[१]
- सोडियम के सेवन की मात्रा को कम करें। सोडियम की वजह से आपके शरीर में पानी की अधिकता (रिटेन) हो जाती है, जिसकी वजह से आप ब्लोटेड नजर आते हैं — खासतौर पर आपके पेट के आसपास के भाग में। जब भी हो सके तब, हाइ-सोडियम फूड्स को कुछ हैल्दी फूड्स से रिप्लेस कर दिया करें। कोशेर (kosher) या समुद्री नमक (सी साल्ट) के लिए रेगुलर टेबल साल्ट का इस्तेमाल करना शुरू कर दें, जिसमें कम सोडियम होता है। हाइ सोडियम फूड्स में सोया सॉस, रेस्टौरेंट मील्स, पिज्जा, मीट, हैम (ham), सौसेस और स्नैक फूड्स शामिल हैं।[२]
- अपने हिस्से के खाने के आकार को कम करें: गलत तरह के फूड्स खाने की बजाय, बहुत सारे लोग अक्सर अच्छी तरह के फूड्स को बहुत ज्यादा खा लिया करते हैं। आपको सिर्फ उतना ही खाना चाहिए, जब तक कि आपको पेट भरा न लगने लगे, फिर वहीं रुक जाएँ। अगर आप पूरे दिन में रेगुलर, हैल्दी स्नैक्स खा रहे हैं, इसकी वजह से आपको फिर भूख नहीं लगना चाहिए
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- जब आप खाना खाते हैं, तो छोटी प्लेट्स का इस्तेमाल करना भी, ज्यादा खाने से बचने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। इस तरीके से आपकी प्लेट ऐसी दिखेगी, जैसे कि आपने इसमें भर-भर के खाना परोसा है, लेकिन असल में आप आमतौर पर जितना खाते हैं, उससे कम ही खा रहे होंगे। इसके साथ ही कोशिश करें, कि अपनी प्लेट का आधा भाग सिर्फ सब्जियों से भरा हो।
- खाते वक़्त बहुत धीरे-धीरे और पूरी तरह से चबाने की कोशिश करें। खाने को अच्छी तरह से चबाने की वजह से पेट में इसे पचाने की प्रक्रिया में मदद होती है, और आपको ब्लोटिंग और गैस का अहसास भी नहीं होता है। ऐसा बोला जाता है, कि आपको हर एक बाइट या कौर को लगभग 32 बार तक चबाना चाहिए।[३]
- खाते वक़्त, खाने की हर एक बाइट के बीच में थोड़ा-थोड़ा ब्रेक लें। ऐसे एक्सट्रा टाइम लेने की वजह से आपको आपके पेट के भरे हुए होने का अहसास हो सकता है और इसकी वजह से आप ओवर-ईटिंग (ज्यादा खाने) से भी बच जाते हैं।
- कच्चे और बिना नमक वाले सीड्स को अगर सीमित मात्रा में खाया जाए, तो ये भी आपके लिए काफी अच्छे स्नैक्स हो सकते हैं, क्योंकि ये आपको ज्यादा भरा हुआ होने का अहसास कराते हैं। ध्यान रखने योग्य बात ये है, कि इनमें बहुत ज्यादा कैलोरी होती है, इसलिए एक बार में इन्हें एक मुट्ठी से ज्यादा न खाएँ।
- लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स (low-glycemic index) फूड्स खाएँ: इस तरह के खाने को पचने में ज्यादा वक़्त लगता है, तो इसलिए आप ज्यादा वक़्त तक भरपेट महसूस करते हैं। आपका शरीर धीरे-धीरे पोषक तत्वों को अवशोषित कर देगा ताकि आप अपने अगले भोजन लेने तक अपने ब्लड में और ज्यादा शुगर की बूंदों को लेने से बच सकें। कुछ खास और सबसे अच्छे लो-जीआई (low-GI) फूड्स में ये नाम शामिल हैं:[४]
- बंदगोभी, गाजर, फूलगोभी, अजवायन, ककड़ी, तुरई, डार्क लीफ लेटस (dark leaf lettuce), प्याज, नाशपाती, टमाटर, सलाद, ब्रोकली, केला, सेब और बेरी खाने के लिए अच्छे फूड्स हैं।
- अपनी डाइट से ज्यादा से ज्यादा शुगर की मात्रा को कम करने की कोशिश करें: आपके सिस्टम में कम शुगर होने की वजह से आपके इंसुलिन लेवल में भी कमी आएगी।
- सावधानी के साथ नकली मिठास (artificial sweeteners) का इस्तेमाल करें। हालाँकि ये आपको ज्यादा कैलोरी लेने से बचते हैं, लेकिन ऐसा भी पता चला है, कि ये आपकी भूख को बढ़ाते हैं, जिसकी वजह से वजन बढ़ने की शिकायत देखी गई है।[५]
- सोडा, अल्कोहल, जूस और कॉफी ड्रिंक्स जैसे पेय पदार्थों के सेवन पर भी नजर रखें। इस तरह के पेय में अक्सर ज्यादा शुगर पायी जाती है।
- दोपहर में 3 और 4 बजे के बीच, प्रोटीन-रिच स्नैक्स लें: एक्सपर्ट्स के अनुसार, दोपहर के तीन और चार बजे के बीच में प्रोटीन-रिच स्नैक्स लेने की वजह से आपका मेटाबोलिज़्म बूस्ट होता है और साथ ही आपका ब्लड शुगर भी बैलेंस होता है।
- एक प्रोटीन बार या शेक, एक मुट्ठी भर बादाम या कद्दू के बीज़ या फिर लो-फैट चीज़ का एक टुकड़ा भी अच्छा विकल्प होगा।
- बेलेंस्ड ब्लड शुगर आपके सिस्टम में इंसुलिन के लेवल को कम करने में मदद करता है, जो कि आपके लिए अच्छा है, क्योंकि इंसुलिन की वजह से सारा फैट शरीर के बीच वाले हिस्से में स्टोर हो जाता है।[६]
- कम खाएँ, लेकिन बार-बार खाएँ: दिन में तीन बार भोजन की ज्यादा मात्रा लेने वाले अपने सामान्य सिस्टम को, छोटे, ज्यादा नियमित भोजन खाने के साथ बदल लें। बहुत से लोग नाश्ते, लंच और डिनर के बीच में कुछ भी नहीं लेते हैं, और यही उनकी सबसे बड़ी गलती होती है, खासतौर पर तब जब वो अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
- हालाँकि, इस तरह की डाइट आपके ब्लड शुगर के लेवल को नेगेटिव तरीके से प्रभावित करती है और इसकी वजह से ज्यादा भूख लगती है और ज्यादा खाना खा लिया जाता है, इसलिए इसकी वजह से वजन कम कर पाना मुश्किल हो जाता है।
- हर तीन से चार घंटे के बाद ऐसे छोटे-छोटे, हैल्दी स्नैक्स लेते रहना और अपने आपको भूख लगने का मौका ही नहीं देना, काफी ज्यादा हैल्दी होता है और ये काफी प्रभावी सिस्टम भी है।[६]
- भरपूर पानी पिया करें: आपको अपने सारे पेय पदार्थों को पानी से रिप्लेस कर लेना चाहिए, खासतौर पर सोडा और शुगर से भरपूर ड्रिंक्स, जिनमें बहुत सारी कैलोरी भरी हुई होती है, और जिसकी वजह से आपका पेट ब्लोट होने लगेगा।
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- आप जहाँ भी एक्सर्साइज़ करने या ऐसी ही कठिन एक्टिविटी करने जाते हैं, वहाँ अपने साथ पानी जरूर लेकर जाएँ और हॉट या हैवी वर्कआउट के बीच में पानी पीने का एक ब्रेक जरूर लें।
- ज्यादा पानी पीने की वजह से आपके शरीर में मौजूद टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करता है और साथ ही आंतों की प्रक्रिया को बनाए रखता है, जो कि दोनों ही चीज़ें पेट कम करने के लिए काम आने वाली हैं।
- अगर आपको सादा पानी पीना काफी बोरिंग लग रहा है, तो इसकी जगह पर सैसी (sassy) वॉटर बनाकर देखें। सैसी वाटर में सादे पानी में कुछ रिफ्रेशिंग और एनर्जी देने वाले इंग्रेडिएंट्स मिलाये जाते हैं, जो आपके मेटाबोलिज़्म को स्पीड देने में और आपके पेट की चर्बी को कम करने में मदद करते हैं। इसे बनाने की विधि अलग हो सकती है, लेकिन ज़्यादातर विधियों में संतरे की स्लाइस, नींबू की स्लाइस, घिसा हुआ अदरक, ककड़ी, ताज़ा पुदीना और ताज़ा तुलसी को मिलाया जाता है। इस मिले हुए पानी को रातभर के लिए ऐसे ही छोड़ दिया जाता है - जो कि अगली सुबह जाकर आपके लिए एक ताज़ा "सैसी" बन जाता है!
- अपने शरीर से मिलने वाले इशारों की ओर ध्यान दें। आपका यूरिन हल्का पीला या एकदम साफ कलर का होना चाहिए; गाढ़ा पीला रंग और बदबू इस बात की निशानी है, कि आप डीहायड्रेटेड हैं।
- अल्कोहल लेना पूरी तरह से बंद कर दें: हालाँकि अपनी डाइट में से अल्कोहल को पूरी तरह से हटा देने वाली बात को आपके द्वारा सह पाना काफी मुश्किल भरा काम होगा, लेकिन आपको सीरियसली अल्कोहल को लेना बंद करना होगा। अल्कोहल, खासतौर पर वाइन और बीयर, में कैलोरी (एक कठिन सच ये है: कि वाइन की एक 750 ml बोटल में लगभग 600 कैलोरी होती है) भरी हुई होती है।
- अल्कोहल की वजह से आपके शरीर में एस्ट्रोजन (estrogen) रिलीज होता है, जिसकी अभी आपको जरूरत ही नहीं है, क्योंकि एस्ट्रोजन की अधिकता की वजह से शरीर का वजन बढ़ने लगता है।
- शायद और भी जरूरी बात ये है, कि अल्कोहल की वजह से भूख बढ़ती है और जिसकी वजह से आपकी इच्छाशक्ति कम होने लगती है, और फिर आप हर वो चीज़ खाने को मन बना लेते हैं, जिससे आप काफी वक़्त से दूर भाग रहे थे, जिनमें बरगर्स, फ्राइस, पिज्जा चॉकलेट और आलू के चिप्स शामिल हैं।[७]
संपादन करेंपेट पतला करने के लिए एक्सर्साइज़ करना (Exercising for a Flat Stomach)
- रोजाना एरोबिक एक्सर्साइज़ करें: बेशक, आप एक दिन में 100 क्रंचेस (crunches) कर सकते हैं, लेकिन अगर आपको आपके पेट में फैट की एक ऐसी लेयर मिल जाए, जो आपके एब्स को ही ढँक रही है, तो फिर ऐसा करने का क्या मतलब? किसी भी तरह के बदलाव को देखने के लिए आपको पहले अपने पेट के फैट की ऊपरी लेयर को बर्न करना होगा। कार्डियो एक्सर्साइज़ आपके कोर टेम्परेचर को बढ़ाएगा और ये सर्कुलेशन को भी बेहतर करेगा, जो कि दोनों ही पतला पेट पाने के लिए जरूरी है। हर रोज कम से कम 30 मिनट के लिए संघर्ष करें, लेकिन हर हफ्ते में 1 या 2 दिन आराम करना भी शामिल करें।
- डांसिंग, रनिंग, ताए-बो (tae-bo), स्विमिंग, साइकलिंग और वॉकिंग जैसी एक्टिविटी को अगर एक अच्छी गति में किया जाए, तो ये आपके लिए एक अच्छा एरोबिक वर्कआउट होगा। असल में, ऐसी कोई भी एक्टिविटी या काम, जो आपके हार्ट रेट को बढ़ा सके, भी आपके लिए काम करेगा! बॉक्सिंग भी एक काफी असरदार कार्डियो वर्कआउट होता है, क्योंकि पंच मारने के लिए इस्तेमाल होने वाली मसल्स, आपके पेट को पतला बनाने में मदद करती हैं।[८]
- स्प्रिंट करना (sprinting) और पावर वॉकिंग के बीच में बदलाव करते हुए इंटरवल कार्डियो ट्रेनिंग करने की कोशिश करें। आप जितना लंबा स्प्रिंट कर सकते हैं, करें। जब आप बहुत ज्यादा थकान महसूस करें, तब वॉक करना शुरू कर दें। जब आपको लगे कि आपको आपकी साँसें वापस मिल गई, दोबारा स्प्रिंट करना शुरू कर दें। लगभग 20 मिनट के लिए ऐसे ही बदल-बदलकर एक्सर्साइज़ करें।
- प्लाइओमेट्रिक्स (plyometrics) शामिल करें: प्लाइओमेट्रिक्स एक ऐसी एक्सर्साइज़ होती है, जिसे करने के लिए एक "विस्फोटक शक्ति" की आवश्यकता होती है। इसमें कार्डियो को स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के साथ जोड़ा जाता है। कम अनुभवी एथलीट्स या बुजुर्ग एथलीट्स के लिए इस एक्सर्साइज़ को करने से चोट लगने का खतरा बना होता है (गिर जाना, खरोच लगना, कंधे की चोट या मोच आना), इसलिए इनके मुक़ाबले, ज्यादा अनुभवी एथलीट्स के लिए प्लाइओमेट्रिक्स एक्सर्साइज़ काफी उपयुक्त होती है। घर पर की जा सकने योग्य कुछ अच्छी प्लाइओमेट्रिक्स एक्सर्साइज़ में ये कुछ नाम शामिल हैं:
- जंपिंग जैक (jumping jacks) करना। खड़े हो जाएँ, फिर अपने हाँथ और पैरों को दूर करते हुए कूदें, शरीर के साथ हवा में "X" बनाएँ, फिर वापस नीचे खड़े हो जाएँ। इसे आप जितनी ज्यादा बार दोहरा सकें, दोहराएँ।
- स्क्वेट-थ्रस्ट (Squat-thrust) पुश-अप्स। शुरुआत में पुश-अप पोजीशन में आएँ, फिर अपने पैरों से पुश ऑफ करें और फिर अपने घुटनों को खींचते हुए अपने सीने के सामने लेकर आएँ, ताकि आपका पैर आपके हाँथों के बीच में आ जाए (अभी भी जमीन पर पुश-अप्स पोजीशन में ही रहें), फिर अपने हाँथों को अपने सिर के ऊपर ले जाते हुए, आप जितना ज्यादा ऊँचा कूद सकें, कूदें। अपने हाँथों की मदद से वापस नीचे स्क्वेट करें, फिर पुश-अप पोजीशन में आने के लिए दोबारा कूदें। आप इसे अच्छे फॉर्म में बने रहकर जितनी बार कर सकें, करें।
- मसल्स बनाने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी शामिल करें: ज्यादा मसल्स आपके मेटाबोलिज़्म को बढ़ा सकते हैं, तो आप समय के साथ ज्यादा से ज्यादा कैलोरी बर्न कर सकेंगे। एक बात ध्यान में लेकर चलें, कि पेट से जुड़ी हुई एक्सर्साइज़ करने की वजह से, उस एरिया का मसल मास बढ़ जाता है, जिसकी वजह से अगर आप ऊपर दर्शाए हुए शरीर के वजन को कम करने के स्टेप को पूरा नहीं करेंगे, तो आप जरा ज्यादा बढ़े हुए या चौड़े नजर आएंगे।
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- क्रंचेस (Crunches) पेट के ऊपरी हिस्से पर काम करते हैं, लेग रेजेस (leg raises) पेट के निचले हिस्से पर काम करते हैं और साइड बेंड्स (side bends) ओब्लिक्स (obliques, जिसे प्यार के हैंडल्स के नाम से भी जाना जाता है) पर काम करते हैं। हर रोज लगभग 15-25 रिपीटीशन भी काफी रहेंगे। अगर आप इससे ज्यादा भी कर सकते हैं, अपने रूटीन में वेट्स का इस्तेमाल करना शुरू करके देखें। एक बात का ध्यान रखें, कि क्रंचेस करने की वजह से आपके मौजूद बेली फैट के नीचे ही मसल्स बन जाएंगी, लेकिन इसकी वजह से सीधे किसी भी जगह का फैट बर्न नहीं होगा।
- अपने पेट की मसल्स पर काम करने के लिए एक्सर्साइज़ बॉल का इस्तेमाल करके देखें। एक अच्छी एक्सर्साइज़, जिसे बॉल एक्सचेंज (ball exchange) के नाम से जाना जाता है। अपने हाँथों को अपने सिर के ऊपर की तरफ फैलाकर, एक्सर्साइज़ बॉल को पकड़े हुए अपने पीठ के बल लेट जाएँ। बॉल को अपने सीने से ऊपर उठाकर लाएँ, इसके साथ ही अपने पैरों को जमीन से ऊपर (इन्हें एकदम स्ट्रेट रखें) उठाएँ। बॉल को अपने टखनों के बीच में रखें, फिर अपने हाँथ और पैरों को जमीन तक नीचे लेकर आएँ। इस एक्सचेंज को दोहराते रहें, इस बार बॉल को अपने टखनों से अपने हाँथों तक लेकर आएँ। इसे दोहराते रहें।[९]
- क्रंचेस करें: आपको बहुत जल्दी ही पतला पेट मिल जाएगा!
- अपने हाथों को अपनी छाती के पास क्रॉस करके या अपने सिर के ऊपर रखकर, फर्श पर लेट जाएँ। अपने घुटनों के झुके हुए होने की पुष्टि करें।
- अपने सिर, गर्दन और कंधों को जमीन से उठाते वक़्त अपने पैरों को जमीन पर ही रहने दें। अपने सिर को आगे की तरफ झुकाने से बचें, क्योंकि इसकी वजह से आपको चोट या किसी तरह की क्षति भी पहुँच सकती है।
- इसे 10 बार दोहराएँ और रोजाना इसे करते हुए इसकी संख्या को बढ़ाते जाएँ।
संपादन करेंहैल्दी ढ़ंग से रहना (Living Healthy)
- किसी एक्सपर्ट से सलाह लें: डॉक्टर्स, सर्टिफाइड डाइटीशियन और पर्सनल ट्रेनर्स आपको वो सारे काम करने में मदद कर सकते हैं, जिनकी जरूरत आपको वजन कम करने के लिए पड़ने वाली है। ये आपको एक ऐसी डाइट और एक्सर्साइज़ दे सकते हैं, जो आपको आपकी इच्छानुसार वजन पाने में मदद कर सकता है। उनके दिशानिर्देशों पर काम करना, अपने अकेले के हिसाब से काम करने की तुलना में काफी आसान होगा।
- आप फुर्तीली एक्सर्साइज़ करने या अपने डाइट में कुछ गंभीर बदलाव करने के लिए हैल्दी हैं या नहीं, इस बात की पुष्टि करने के लिए किसी डॉक्टर से मिल लें। वो आपको एक ऐसा डाइट प्लान तलाश कर दे सकते हैं, जो आपको हुई किसी भी समस्या या हैल्थ कंडीशन के लिए काम करेगा।
- एक रजिस्टर्ड डाइटीशियन आपको डाइट और न्यूट्रीशन से जुड़ी हुई एक प्रोफेशनल सलाह दे सकता है। आप चाहें तो किसी सर्टिफाइड न्यूट्रीशनिस्ट से भी बात कर सकते हैं, हालाँकि ये आपके लिए उस तरह का डाइट प्लान तैयार नहीं कर सकेंगे, जो एक डाइटीशियन बना सकता है।
- एक प्रोफेशनल ट्रेनर आपके लिए एक अलग से एक्सर्साइज़ प्लान बनाने में मदद कर सकता है। वो आपको आपके एक्सर्साइज़ प्लान के जुड़े रहने के लिए और आपकी काबिलियत के हिसाब से आपका सर्वश्रेष्ट देने के लिए भी प्रेरित कर सकते हैं।
- एकदम धुन में आकार डाइट न करने लगें: हैल्दी खाना और एक्सर्साइज़ करना, अपने वजन को कम करने का सबसे अच्छा रास्ता है। ऐसे एकदम धुन में आकर डाइट करने की वजह से वैसे तो आपको बहुत जल्दी रिजल्ट देखने को मिलेंगे, लेकिन ये कुछ ही वक़्त के बाद अपना उल्टा प्रभाव दिखाने लगेंगे और इसकी वजह से आपके शरीर को काफी क्षति भी पहुँच सकती है। आखिर में, इस तरह से डाइट की वजह से आप और ज्यादा खाना शुरू कर देंगे या अनहैल्दी और असहनीय तरीके से खाएँगे, जिसकी वजह से आपका वजन बढ़ने लगेगा। जहाँ तक हो सके, हैल्दी खाने की कोशिश करें।
- खुद को कभी भूखा न रखें: इसकी वजह से आपको मिलने वाले रिजल्ट अस्थायी होंगे और आप बहुत जल्दी हताश हो जाएंगे, जिसकी वजह से आप बहुत जल्दी हार मान लेंगे।
- हालाँकि आपके मन में ये ख्याल आ सकता है, कि भूखे रहने की वजह से आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे, लेकिन असल में ये आपके शरीर को स्थायी क्षति पहुंचा सकती है और इसके साथ ही ये आपके वजन के कम होने की प्रक्रिया को भी कठिन बना देगी।
- धैर्य रखें!: आप हैल्दी तरीके से जल्दी परिणाम नहीं पा सकते। इसके अलावा ऐसी कोई भी विधि, जिसमें आपको बहुत जल्दी वजन कम होता" नजर आए, ये भी आपके शरीर के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। अपनी हैल्थ को लंबे समय तक बनाए रखने और वजन कम करते रहने के लिए अगर आपको कुछ करना है, तो वो है हमारे द्वारा ऊपर दर्शाये हुए स्टेप्स।
- इसके अलावा, एक बात और याद रखें: कुछ लोगों को पेट पतला करने में अन्य लोगों के मुक़ाबले ज्यादा परेशानी होती है। आपका नेचरल बॉडी शेप और आपका अपना फिटनेस लेवल इसमें बहुत अहम भूमिका अदा करते हैं। जो चीज़ दूसरों के लिए काम करती है, जरूरी नहीं कि वो आपके लिए भी उतनी ही अच्छी तरह से काम करे।
- स्ट्रेस का सामना करना सीखें: बहुत से लोग काम की वजह से, फैमिली की वजह से या अन्य किसी वजहों से ज्यादा खा लिया करते हैं, जिसकी वजह से उन्हें स्ट्रेस हो जाता है। इस स्ट्रेस का सामना करने के अलग-अलग तरीकों को ढूँढकर आपको पतला पेट पाने और उसे बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- स्ट्रेस कम करने के लिए जॉगिंग करें या बॉक्सिंग जैसी एक नई हॉबी अपना लें, जो आपको आपकी नेगेटिव फीलिंग के लिए पॉज़िटिव फीलिंग्स में बदलने में मदद करेगी।
- पर्याप्त नींद लें, ताकि आपको हर वक़्त थकावट का अहसास न हो: भरपूर आराम करने से अपना स्ट्रेस कम करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही आपको हर वक़्त खाने की भूख भी नहीं लगेगी। सोने की अच्छी आदतों को अपना लें।
- स्टडीज़ से भी इस बात का पता चला है, कि नींद की कमी से भी आपका वजन अजीब ढंग से बढ़ सकता है, तो इसलिए अपनी नींद के साथ कोई समझौता न करें![१०]
- अपनी इमेज और सेल्फ-कोन्फ़िडेंस को बनाने के ऊपर काम करें: ज़्यादातर लोग बस इसलिए क्योंकि दूसरे लोग उन्हें सही नजरों से नहीं देखते या वो अकेलापन महसूस करते हैं या उन्हें अपने लुक से ही परेशानी है, इसलिए वो खुद को बेहतर महसूस कराने की कोशिश के चलते ज्यादा खाना खा लिया करते हैं। ऐसा मत कीजिये! आप खूबसूरत हैं और आप बहुत अद्भुत भी हैं! आप जब अपने आपको लेकर बेहतर महसूस करने लगेंगे और आप जैसे हैं, उसी में अपनी खुशी ढूंढ लेंगे, फिर आपको आपके पेट के ऊपर जमा हुए इस ज़रा से वजन से बहुत ज्यादा तकलीफ नहीं होगी।
- कभी भी किसी और के शरीर से अपने शरीर की तुलना न करें। हर किसी का अपना खुद का एक बॉडी टाइप होता है और कभी भी कोई दो इंसान एकदम जैसे नहीं दिख सकते। ऐसा कुछ जरूरी नहीं है, कि आपका पेट एकदम सपाट ही होना चाहिए। अगर आप खुद में हैल्दी महसूस करते हैं, तो बस इससे ज्यादा आपको और किसी भी चीज़ की जरूरत नहीं है।
- क्या भरपूर खाना लेने के बाद भी आपको भूख का अहसास हो रहा है? एक ग्लास भरकर पानी पी लें, ये आपके पेट को भर देगा।
- वर्कआउट करते वक़्त म्यूजिक भी सुनते रहने की कोशिश करें! टीवी देखना या ऐसा ही कुछ और करते रहने से आपको अपना ध्यान बनाए रखने में और प्रेरित बने रहने में मदद मिलेगी।
- ऐसा सोचें, कि जब आपका पेट एकदम कम हो जाएगा, तब आप कितने अच्छे दिखने वाले हैं, और बस इसी की कल्पना करते रहें। ये आपको प्रेरित बनाए रखेगा।
- ऐसा माना गया है, कि रोजाना नाश्ता करने से वजन कम होता है, और वहीं नाश्ता नहीं करने की वजह से और ज्यादा वजन बढ़ने लगता है।
- एक सही पॉस्चर बनाए रखें! इससे भी एक बहुत बड़ा अंतर नजर आएगा।
- चाय में शक्कर डालने की बजाय शहद का इस्तेमाल करें।
- स्टार्च (starch) वाला खाना न खाएं।
- एक्सर्साइज़ कर लेने के बाद स्ट्रेच करना न भूलें, नहीं तो आपका शरीर अकड़ सकता है।
- नाश्ता करने से पहले एक्सर्साइज़ करें। आपका शरीर अब एनर्जी के लिए, आपके बॉडी फैट का इस्तेमाल करेगा।
- अगर आपको चिप्स खाने की इच्छा हो रही है, तो एक सेब को कुछ इस तरह के स्लाइस में कट करें, जो चिप्स की तरह नजर आए, और उसे ही चिप्स समझ कर खा लें।
- हालाँकि पानी पीना काफी जरूरी होता है, लेकिन बहुत ज्यादा पानी पीना भी खतरनाक हो सकता है। इसकी अति न करें!
- एकदम जोश-जोश में क्रंचेस (crunches) की अति न कर दें। आपका शरीर खुद आपको इशारा देगा, कि अब आराम करने का वक़्त आ गया है। एक छोटा सा ब्रेक लें, लंबी साँस लें और फिर वापस फिर से शुरू कर दें, जब तक कि आपका वर्कआउट पूरा न हो जाए।
- फलों का रस या फ्रूट जूस पीना आपको हैल्दी लग सकता है, लेकिन इसमें में भी उतनी ही शुगर मौजूद होती है, जितनी किसी भी बाहरी ड्रिंक में होती है।
- अपनी पीठ को किसी भी तरह की चोट से बचाने के लिए, जब तक आपको बहुत अच्छी तरह से कोर मसल्स को कंट्रोल करना न आ जाए, तब तक पुश-अप पोजीशन से प्लाइओमेट्रिक्स एक्सर्साइज़ करने की कोशिश न करें।
- क्रेश डाइटिंग न करें! इसकी वजह से आपके अंदर न्यूट्रीशन की कमी हो सकती है, थकान महसूस हो सकती है, बेचैनी, और शायद आपके अंदर और ज्यादा खाना खाने की ललक भी जाग सकती है। फिर जब आप क्रेश डाइटिंग करना बंद करेंगे, तब इसकी जगह पर "यो-यो (yo-yo) इफेक्ट" आ जाएगा, जिसमें आप नॉर्मल से ज्यादा खाना खाना शुरू कर देंगे, और आपने अभी तक जितना भी वजन घटाया है, अब इसकी वजह से आप उससे भी ज्यादा वजन बढ़ा लेंगे।
- दुबले होने की आस में खुद को भूखा न रखें। ऐसे में आपको अच्छे रिजल्ट तो मिलेंगे, लेकिन ये अस्थायी रिजल्ट होंगे और फिर जब अप दोबारा नॉर्मल तरीके से खाना शुरू करेंगे, तब मेटाबोलिज़्म की स्पीड कम हो जाने के कारण आप पहले जितने वजन के थे, उससे भी कहीं ज्यादा वजन बढ़ा बैठेंगे।
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November 15, 2018, 1:30 am
बच्चों को अनुशासन सिखाने का मतलब, उन्हें सजा देना नहीं होता, बल्कि आपको उन्हें अच्छे से बर्ताव करना सिखाना होता है।[१] आपके बच्चे की उम्र के हिसाब से, आपको उन्हें अलग-अलग तरीके से अनुशासित करना होगा। अपने बच्चे को अनुशासित करते वक़्त, कुछ ऐसे नियम बनाकर शुरुआत करें, जिसे आपका बच्चा अच्छी तरह से समझ पाये। अनुशासन को अमल में लाते वक़्त, एकदम नियमित रहें, और कुछ ऐसे नियम बनाएँ, जो आपके बच्चे को सफलता की तरफ जाने को प्रेरित करे। आपका बच्चा जब कुछ अच्छा करे, तो उसे सपोर्ट करें और उसके अच्छे बर्ताव को प्रोत्साहित भी करें।
संपादन करेंनियम बनाना और नियमितता बनाए रखना (Setting Rules and Building Consistency)
- घर के लिए नियम बनाएँ: आपके बच्चे की उम्र के अनुसार, ये जरूरी है, कि उन्हें सही और गलत बर्ताव के बीच का अंतर मालूम हो। आपके बच्चे को मालूम होना चाहिए, कि घर के लिए नियम बनाकर, आप उनकी तरफ से क्या अपेक्षा रख रहे हैं। आपके बच्चे को मालूम होना चाहिए, कि उनका कौन सा बर्ताव सीमा से बाहर है, और नियम तोड़ने पर क्या होता है।[२]
- ये नियम और इनके परिणाम, आपके बच्चे की उम्र और उसके मेच्योरिटी लेवल के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। एक छोटे बच्चे के लिए, किसी को नहीं मारना है, वाला नियम लगेगा और वहीं किसी बड़े बच्चे के लिए घर से बाहर नहीं जाने (कर्फ़्यू) का नियम लगेगा। आपका बच्चा मेच्योर हो या उसे कुछ नई सीमाओं की जरूरत हो, आपको उनके साथ में एक नम्यता के साथ बात करनी होगी।
- एक रूटीन बना लें: बच्चे अक्सर ही रूटीन के साथ में बढ़ते हैं, क्योंकि इन से उन्हें सेफ, सिक्योर महसूस करने में मदद मिलती है, और जैसे कि इसकी वजह से उन्हें भी अनुमान लग जाता है, अब आगे क्या होना है। अगर आपने ऐसा नोटिस किया है, कि आपका बच्चा हर रोज, एक ही वक़्त पर, किसी बर्ताव से सामना कर रहा है या फिर जब उसे थकान होती है, तो वो रोने लगता है, तो इन सारी बातों को ध्यान में रख लें और फिर एक ऐसा रूटीन बनाएँ, जो उनकी जरूरतों को पूरा कर सके।[३]
- सुबह उठने और रात को सोने जाने का रूटीन तैयार रखें, ताकि आपका बच्चा अपने दिन का अनुमान लगा सके।
- अगर आपके बच्चे के रूटीन में किसी तरह का बदलाव हो रहा है (जैसे डेंटिस्ट के पास जाना या फिर वीकेंड पर किसी फ़ैमिली मेंबर का मिलने आना या मिलने जाना), तो उन्हें पहले से ही इसके बारे में बता दें।
- कुछ बच्चे बिना परेशान हुए, एक एक्टिविटी से दूसरी एक्टिविटी पर नहीं जा पाते हैं। अगर आपके बच्चे को एडजस्ट होने के लिए कुछ वक़्त की जरूरत है, तो इसे भी उसके रूटीन में एड कर दें।
- उनके बर्ताव के लिए कुछ सामान्य परिणाम भी तैयार रखें: ऐसे सामान्य परिणाम बनाकर रखने से, आपके बच्चे के मन में किसी चीज़ को करने पर उसके परिणाम भुगतने की धारणा बनेगी और उनके अंदर अपनी खुद की ज़िम्मेदारी की भावना भी जन्म लेगी। इन नेचरल परिणामों को होने की अनुमति देते समय, अपने बच्चे के विकल्प दें और उन्हें बताएं कि उनके विकल्पों के नतीजे क्या होंगे। आखिर में, आपका बच्चा खुद तय करेगा और उसके नतीजे को भी देख लेगा।[४]
- इन नतीजों के उचित होने और ऐसा कुछ होने की पुष्टि कर लें, जिससे आपके बच्चे को अपनी गलतियों से सीखने में मदद मिले।[५]
- उदाहरण के लिए, अगर आपका बच्चा पार्क जाने के लिए तैयार होने में बहुत ज्यादा वक़्त लेता है, तो फिर इसके परिणामस्वरूप उसे पार्क में खेलने को कम वक़्त मिलेगा।
- इन नतीजों के साथ पक्के रहें: ज़्यादातर पैरेंट्स की, अपने बच्चे को किसी न किसी तरह इन परिणामों से बचा लेने की आदत होती है या वो कभी-कभी उनके अनुचित बर्ताव को सहन करके, उन्हें नतीजे का सामना करने से बचा लिया करते हैं। बच्चों को मालूम होना चाहिए, कि आप कभी भी उन नतीजों का पालन करने से नहीं चूकने वाले हैं और उनकी चालाकी यहाँ कोई काम नहीं आएगी। उन्हें दिखा दें, कि अगर वो गलती करेंगे, तो इसके नतीजे तो इन्हें झेलना ही होंगे।[६]
- आपका बच्चा अगर अपनी गलती के लिए कोई बहाना बनाता है, या अपने गलत व्यवहार के लिए कोई सफाई देता है, तो भी आपको नहीं बदलना है। आप अपनी ओर से स्पष्ट रहें, और कहें, “तुमने एक नियम तोड़ा है, तो तुम्हें इसके परिणाम को तो भुगतना ही पड़ेगा।”
- अगर आपके ज्यादा बच्चे हैं (या आपके साथ में और भी लोगों के बच्चे रहते हैं), तो ऐसे में अपने नियमों के लिए हर एक बच्चे के साथ में एक-समान बर्ताव करना बेहद जरूरी है। नहीं तो, ऐसे में उन्हें ऐसा लगेगा, कि आप उनके साथ में नाइंसाफी कर रहे हैं।
- वास्तविक उम्मीदें रखें: अपने बच्चों के बर्ताव के लिए बहुत ज्यादा उम्मीदें बना लेने से, उन्हें अपने ऊपर एक तरह के प्रैशर का अहसास होने लगेगा, वहीं अगर आप इस उम्मीद को एकदम ही कम कर देंगे, तो इससे भी आपका बच्चा बिगड़ने की राह पर चला जाएगा या वो कभी भी अपनी पूरी इच्छा से कुछ नहीं करेगा। सारे बच्चे अलग होते हैं, और उन सबके अंदर अलग-अलग तरह की ताकत (स्ट्रेंथ) और अलग-अलग कमजोरियाँ (वीकनेस) भी होती हैं। अगर आपका एक बड़ा बच्चा है, तो ऐसे में अपने छोटे बच्चे से, उस बड़े बच्चे की तरह बर्ताव करने की उम्मीद न लगाएँ।[७]
- आपके बच्चे की उम्र के अनुसार, आपको उसके साथ में कैसा बर्ताव करना चाहिए, जो उसके लिए उचित हो, और जो उसके विकास में मदद भी करे, अपने आपको इन सारी बातों से परिचित रखें।
संपादन करेंएक छोटे बच्चे या यंग बच्चे को अनुशासित करना (Disciplining a Toddler or Young Child)
- उनके ध्यान को किसी और तरफ लगा दें: छोटे बच्चे बहुत जल्दी चिढ़ जाते हैं और शोर मचाना शुरू कर देते हैं! अगर आपका छोटा बच्चा किसी ऐसी चीज़ या काम में बिजी है, जिसे वो किसी और के साथ शेयर नहीं करना चाहता, तो उसे कुछ और करने को दे दें। उनका पूरा ध्यान किसी और काम पर लगा दें। जब वो दूसरा काम कर रहा हो, तब उसकी तारीफ करें।[८]
- अगर आपका बच्चा अपनी सुरक्षा या किसी और बच्चे की सुरक्षा के साथ खिलबाड़ कर रहा है, तो और किसी काम को छोड़कर बस इसी इसका सामना करें। बच्चे का मन भटकाने से ज्यादा उसकी सुरक्षा को अहमियत दें।
- एक चेतावनी दें: यंग बच्चों को हमेशा ही सब-कुछ कुछ याद दिलाते रहने की जरूरत होती है। आपका बच्चा अगर कोई नियम तोड़ने जा रहा है या गलत तरीके का बर्ताव कर रहा है, तो उसे एक चेतावनी दें। चेतावनी मिलने के बाद, उसे समझ आ जाएगा, कि इस तरह से बर्ताव करने की वजह से उसे इसके परिणाम को भुगतना पड़ेगा। चेतावनी देते समय, हमेशा “अगर…तो” स्टेटमेंट्स का इस्तेमाल करें, ताकि आपके बच्चे को भी समझ आ जाए, कि उसे इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है।[९]
- उदाहरण के लिए, ऐसा कहें, कि “मारना चाहते हो, कोई बात नहीं। अगर तुमने उसे मारा, तो तुम्हारा टाइमआउट समझ लेना।
- इस टाइमआउट का इस्तेमाल करें: ये टाइमआउट यंग बच्चों के लिए काफी अच्छे हैं, और उन्हें खुद को शांत करने में मदद करते हैं। ऐसे बच्चे, जो अपना आपा खो रहे हैं या गलत बर्ताव कर रहे हैं, उन्हें इस टाइमआउट के जोन में रखना चाहिए। यंग बच्चों के लिये ये एक बेहद प्रभावी टूल है, क्योंकि इसकी वजह से बच्चे को शांत होने में मदद मिलती है, और उन्हें अपने बर्ताव का फौरन ही एक प्रतिक्रिया भी मिल जाती है।[१०]
- ज़्यादातर बच्चे, अपने बच्चे की उम्र के प्रति साल, एक मिनट के लिए इस टाइमआउट में भेजा करते हैं। आप भी अपने बच्चे को तब तक इस टाइमआउट में रख सकते हैं, जब तक कि वो पूरी तरह से शांत न हो जाए।
- अपनी सफाई को शॉर्ट एंड स्वीट (छोटी) ही रखें: आपका बच्चा अभी भी अपने शब्द ज्ञान को विकसित कर रहा है, तो ऐसे में आपको उन्हें उनके बर्ताव या परिणामों को बहुत ज्यादा समझाने की जरूरत नहीं है। अपने नन्हें से बच्चे से बोलते वक़्त, बहुत आराम से और जितना कम हो सके, उतने कम शब्दों का इस्तेमाल करें। उन्हें समझाएँ, कि उन्होने क्या गलती की है और उन्हें क्यों इसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है। फिर उन्हें बताएँ, कि अब भविष्य में आगे उन्हें क्या करना चाहिए।[११]
- उदाहरण के लिए, ऐसा बोलें, “तुमने रूही को मारा है न, इसलिए तुम्हारा टाइमआउट हुआ। हमको किसी को नहीं मारना चाहिए। अगर तुमको कुछ गलत लगता है, तो तुमको मेरे पास आना चाहिए।”
- उन्हें कुछ छोटे-छोटे विकल्प दें: छोटे बच्चे, जब अपने अंदर एक तरह की आज़ादी को बनते हुए देखते हैं, तो उन्हें हर चीज़ को नियंत्रण में महसूस करना पसंद होता है। आपका बच्चा अगर सिर्फ इसलिए गलत बर्ताव करना शुरू कर देता है, क्योंकि उसे कोई काम नहीं करना है, तो ऐसे में उन्हें कोई विकल्प देना शुरू कर दें। इससे उन्हें ये समझने में मदद मिलेगी, कि उन्हें आखिर किस बारे में सोचना है और आगे क्या होगा, उसे कैसे संभालना है।[१२]
- उदाहरण के लिए, आप आपके बच्चे को ये चुनने का मौका दे सकते हैं, कि उसे कौन सी कहानी पढ़ना है या कौन सी शर्ट पहनना है। वो अगर अपने शूज़ पहनने के लिए परेशान हैं, तो उन्हें हरे रंग के या लाल वाले के बीच में से किसी एक को चुनने दें।
- इस विकल्प में जैकेट पहनो, नहीं तो टाइमआउट हो जाएगा, भी शामिल है। उससे कहें, कि “ये पूरी तरह से तुम्हारा निर्णय है, कि तुम्हें क्या चाहिए?”
- एक वैकल्पिक बर्ताव सुझाएँ: आपके बच्चे क्या गलत कर रहे हैं, उन्हें ये बताने की बजाय, बताएँ कि उन्हें आखिर क्या करना चाहिए। आपके बच्चे को नहीं मालूम होगा, कि कैसा बर्ताव करना चाहिए, तो आपका फर्ज है, उन्हें बताना, न कि उन्हें डाँटने लगना।[१३]
- उदाहरण के लिए, अगर आपका बच्चा आपके डॉग के बाल या पूँछ खींच रहा है, तो उससे कहें, “डॉग को ऐसे थपथपाना चाहिए।”
संपादन करेंप्राथमिक स्कूल के बच्चे को अनुशासित करना (Disciplining an Elementary School Child)
- कुछ लोजिकल परिणामों का इस्तेमाल करें: हालाँकि आपका बच्चा अभी सामान्य परिणाम ही देखते आ रहा है, आप अभी भी कुछ लोजिकल नतीजों की शुरुआत भी कर सकते हैं। आपके बच्चों के व्यवहार और उसके नतीजों के बीच का संबंध, उसे उसके द्वारा किए गलत काम के परिणाम को और ज्यादा बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगा।[१४]
- उदाहरण के लिए, आपका बच्चा अगर अपने काम के लिए कुछ झूठ बोलता है, तो इसके नतीजे के तौर पर उसे और ज्यादा काम पूरा करने को दे दें।
- अपने बच्चे के बर्ताव के बारे में बात करें: स्कूल जाने वाला बच्चा, इतना बड़ा तो होता है, कि वो अपने किए को समझ सके। इसे अपने बच्चे के साथ में संवेदना बनाने के अवसर के तौर पर इस्तेमाल करें और उन्हें बताएँ कि कौन सा बर्ताव गलत या नेगेटिव है। आपका बच्चा अब सीखना शुरू करेगा, कि कैसे उसका बर्ताव उसे और दूसरों को प्रभावित कर सकता है।[१५]
- उदाहरण के लिए, ज़्यादातर बच्चे, जो स्कूल जाते हैं, वो सबका ध्यान पाने के लिए या सीमाओं को बढ़ाने के लिए झूठ बोला करते हैं। अगर आपका बच्चा भी आप से झूठ बोलने लगा है, तो उसे समझाएँ, कि उसके झूठ से लोगों को दुख पहुँचता है, और इससे लोगों की नजर में वो एक अविश्वसनीय इंसान बन जाएगा, जिसकी वजह से उसकी फ्रेंडशिप भी प्रभावित हो सकती है।
- उन्हें उनकी ज़िम्मेदारी चुनने दें: स्कूल जाने वाले बच्चों को विकल्प पाना बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि ये उन्हें ज्यादा कंट्रोल का अहसास कराता है और साथ ही चीजों को पूरा करने की चाह भी जगाता है। अगर आप भी अपने बच्चे से उसका काम (या होमवर्क) पूरा कराना चाहते हैं और इसमें आपको परेशानी का सामना हो रहा है, तो ऐसे में उनके सामने कोई विकल्प रखकर देखें, कि वो इनमें से क्या करना पसंद करेंगे। बात जब होमवर्क पूरा करने की आती है, तब अपने बच्चे को तय करने दें, कि वो किस क्रम में अपना होमवर्क पूरा करना चाहता है या वो दिये हुए वक़्त में, क्या करने वाला है।[१६]
- किसी काम के लिए, अपने बच्चे के सामने ऐसे 6 विकल्प रखें और उनमें से किन्हीं 4 विकल्पों को चुनने का कहें।
- कुछ पैरेंट्स अपने बच्चों को एक्स्ट्रा काम करने के लिए कुछ इनाम या पैसे दिया करते हैं। अगर आपका बच्चा भी कुछ पाना चाहता है, तो उसे उस चीज़ को चुनते हुए, वो काम पूरा करने दें। बड़े काम के लिए, बड़े इनाम या ज्यादा पैसे भी देने पड़ सकते हैं!
- वो अगर लापरवाह हैं या गैर-जिम्मेदार हैं, तो उन्हें सफल होने में मदद करें: कुछ बच्चे जब घर में या स्कूल में अपनी ज़िम्मेदारी पूरी नहीं कर पाते, तो वो परेशानी में आ जाते हैं। हालाँकि ये उनकी आलस की वजह से भी हो सकता है, अपने बच्चे को सफलता पाने के लिए बेहतर माहौल तैयार करें। ध्यान दें, कि किस जगह पर आपका बच्चा कमजोर पड़ रहा है, और देखें अगर आप उनके लिए कुछ मदद कर सकें।[१७]
- आपका बच्चा अगर हर रात को उसका होमवर्क पूरा करने में परेशानी का सामना कर रहा है, तो इसके लिए एक समय निर्धारित करें।
- अगर उसे हर रोज स्कूल बस तक टाइम पर पहुँचने में परेशानी हो रही है, तो उनके लिए सुबह एक ऐसा रूटीन तैयार कर दें, जिसमें सुबह उनके लिए काफी सारा वक़्त रहे। उससे कहें, कि वो रात को ही अपना बैग तैयार कर ले और सुबह के लिए कपड़े भी निकालकर रख ले।
- वो जब सब अच्छा करे, तब उसकी तारीफ करें: आपका बच्चा जब किसी चीज़ में बेहतर प्रदर्शन करता है, तो उसे दिखाएँ, कि आपको उस पर कितना गर्व है! बच्चों के लिए आपकी तरफ से तारीफ मिलना या ऐसे प्रोत्साहन मिलना काफी मायने रखता है। इससे उन्हें ऐसा लगता है, कि आपने उनके काम पर ध्यान दिया और आपको उस पर गर्व भी है। ज़्यादातर बच्चे अपने पैरेंट्स से समर्थन और उनका ध्यान पाना चाहते हैं, इसलिए उन्हें ये सब देने से बिलकुल भी न कतराएँ।[१८]
- उदाहरण के लिए, ऐसा बोलें, कि “मुझे मालूम है, कि तुम अपना रूम साफ नहीं करना चाह रहे थे, लेकिन मुझे सच में बहुत अच्छा लगा कि तुमने रूम साफ कर लिया। अब तुम अपने फ्रेंड के घर जा सकते हो।”
संपादन करेंकिशोरावस्था में आ रहे और किशोर बच्चों को अनुशासित करना (Disciplining Pre-Teens and Teens)
- सीमाएँ बनाते वक़्त अपने किशोर बच्चे को भी साथ में रखें: आपका बच्चा किस बात को उचित और निष्पक्ष समझता है, ये उसी से जानना, आपकी काफी मदद कर सकता है। जब वो अपने खुद के व्यवहार और उनके चारों ओर की सीमाओं की सारी ज़िम्मेदारी खुद पर लेते हैं, तो वो इन्हें और अच्छी तरह से पूरा करने की ओर अग्रसर हो जाते हैं। हालाँकि भले ही आखिरी में आपकी बात ही मानी जाएगी, लेकिन इससे उन्हें ऐसा महसूस होगा, कि उनके विचार भी उचित हैं और आपने उन पर ध्यान भी दिया।[१९]
- आपके किशोर बच्चे को ये बात समझ आने दें, कि आप घर के काम से जुड़े हुए किसी भी प्रतिक्रिया को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। वो अगर किसी नियम को बदलना चाह रहे हैं, तो इसके लिए उनसे एक स्थिति बनाने को कहें या उन्हें एक विकल्प प्रदान करें।
- विशेषाधिकारों को दूर ही रखें: आपका किशोर जब गलत बर्ताव करे, तो किसी ऐसी चीज़ को उससे दूर कर दें, जो उसके अधिकार में है। इसमें टेलिविजन टाइम, सेल फोन या कार देना भी शामिल है। उनके अच्छे बर्ताव से, उन्हें उनके इन विशेषाधिकारों को वापस जीतने का मौका दें।[२०]
- उदाहरण के लिए, अगर आपका 13 साल का बच्चा आपको बहुत जवाब दे रहा है, तो ऐसे में उससे एक दिन के लिए उसका सेल फोन छीन लें। फोन वापस मिलने का समय देखते हुए अगर वो फिर से आपके साथ में ऐसा ही व्यवहार करने लगते हैं, तो एक और दिन के लिए उसे अपने पास ही रख लें। उसे ये बात समझ आने दें, कि अगर वो आपको उनका पॉज़िटिव बर्ताव दिखाएगा, तो ही उसे अपना फोन वापस पाने का मौका मिल सकता है।
- मुँह-जुबानी करना और अपमान करने की आदत को समर्थन न दें: किशोर बच्चे अक्सर ही अपने पैरेंट्स के साथ मुँह-जुबानी किया करते हैं। अपने बच्चे को इस बात का अहसास दिलाना न भूलें, कि आप उनके पैरेंट हैं और उन्हें आपका सम्मान करना चाहिए, फिर चाहे वो आप से सहमत हों या न हों। अपने बच्चों को, उनकी आवाज धीमी करने का मौका दें। आपका बच्चा अगर अभी भी नहीं रुक रहा है, तो उसके साथ बात ही आगे न बढ़ाएँ।[२१]
- आपके बच्चे को बताएँ, कि किस तरह से सम्मान देना चाहिए और जब वो अपनी सीमा का उल्लंघन करे, तो उसे इसका अहसास कराएँ। उदाहरण के लिए, आप अपने किशोर को बोल सकते हैं, कि उसे घर में ज़ोर से बोलने या चिल्लाने की अनुमति नहीं है।
- वो जो कहना चाहते हैं, उसे सुनें: हालाँकि आप अगर अपने बच्चे से सम्मान की उम्मीद रख रहे हैं, तो आपको भी उन्हें थोड़ा सम्मान तो देना ही होगा। आपके किशोर बच्चे के पास में अगर कहने लायक कोई बात है, तो उनकी बात को सुनें। हो सकता है, कि उनके पास में उनके द्वारा किए हुए किसी बर्ताव के पीछे का कोई ऐसा कारण हो, जिसे अगर आप उन्हें बोलने दें, तो वो बता सकते हैं। उन्हें दिखाएँ कि आपको उनकी बातों की और उनकी भावनाओं की परवाह है।[२२]
- उदाहरण के लिए, उनसे कहें, “कल रात को तुम काफी देर से घर वापस लौटे हो, और मुझे जानना है, कि ऐसा क्यों हुआ।”
- उनके साथ में एक डील करें: किशोर बच्चों के अंदर नियम को तोड़ देने की आदत होती है या उन्हें बगावत करने में मजा आता है। आप अगर उनके ऊपर बहुत सारे नियम थोप देते हैं, तो आपको भी उन सभी नियमों के टूटने की संभावना के लिए तैयार होना पड़ेगा। आपका बच्चा अगर नियम-विरोधी है, तो ऐसे में उसके साथ में एक डील करने की कोशिश करें, ताकि आपकी और उनकी बातों को सुना जा सके।[२३]
- उदाहरण के लिए, अगर आप आपके किशोर बच्चे से, वो कहाँ जा रहा है, किसके साथ है, जानना चाहते हैं, तो ऐसे में उनके लिए एक फोन खरीदने का ऑफर दें, जिसकी शर्त यही होगी, कि वो इसे आपके साथ में जुड़े रहने के लिए इस्तेमाल करेगा और अगर वो ऐसा नहीं करेगा, तो आप इसे उनसे वापस ले लेंगे।
- अपने बच्चे को धमकाएँ नहीं। आप जब अपने बच्चों से नाराज होते हैं, तब आप गलती से कुछ ऐसी बातें भी बोल सकते हैं, जो असल में आपको बोलना ही नहीं थी। लेकिन, इससे एक पेरेंट के रूप में और एक नियम बनाने वाले इंसान के तौर पर आपकी विश्वसनीयता को खतरा पहुंचा सकते हैं।
- बहुत ज्यादा कठिन सजा न दें।
- अपने बच्चे के ऊपर ज़ोर से चिल्लाने या उसे मारने से बचें। बच्चों के ऊपर हाँथ उठाना, उनके बर्ताव को सुधारने का सबसे बेकार तरीका है, क्योंकि इससे उनके मन में ये बात बैठ जाती है, कि किसी को मारना ही हर बात का हल होता है। साथ ही इसकी वजह से बच्चों के अंदर आक्रामकता भी जन्म लेने लगती है।[२४]
- अपने बच्चे पर नियमित ध्यान दें। अगर आपको ऐसा शक है, कि आपका बच्चा आपका ध्यान पाने के लिए नाटक करता है, तो हर दिन से कुछ अलग वक़्त निकाल लें, जो सिर्फ आप-दोनों के लिए होना चाहिए।
- किशोर बच्चों को अनुशासित करना, अपने आप में एक बहुत बड़ा विषय है, खासकर, इसलिए क्योंकि इससे आपके और आपके बच्चे के अंदर अनुशासन के लिए, अच्छी आदतें तैयार होती हैं।
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November 16, 2018, 2:00 am
ये कोई मायने नहीं रखता कि आपकी उम्र क्या है, आपका बैकग्राउंड क्या है या आपको कितना अनुभव है, प्रभावी ढ़ंग से बात करना, एक ऐसी स्किल है, जिसे आप कभी भी सीख सकते हैं। सारे के सारे महानतम नेता भी महान संवाददाता और व्याख्याक होते हैं। असल में, आज के दौर में कम्यूनिकेशन सबसे लोकप्रिय कॉलेज डिग्री में से एक है; लोगों ने एक कुशल कम्युनिकेटर की कीमत को पहचान लिया है। बस जरा से आत्म-विश्वास और आधार के ज्ञान से, आप बिना ज्यादा वक़्त गँवाए सब-कुछ सीख लेंगे।
संपादन करेंएक उचित माहौल तैयार करना (Creating the right environment)
- सही वक़्त चुनें: जैसे कि एक कहावत है, कि कुछ भी करने का एक सही वक़्त और एक सही स्थान होता है, और यही बात कम्यूनिकेशन पर भी लागू होती है।
- देर शाम किसी भी भारी विषय के ऊपर चर्चा करना शुरू करने से बचें। कुछ लोगों के लिए, थक जाने के बाद, फाइनेंस या पॉलिटिक्स से जुड़े ऐसे बड़े-बड़े मुद्दों पर बात करने में परेशानी होती है। इसकी जगह पर ऐसे बड़े-बड़े विषयों के ऊपर चर्चा करने के लिए, सुबह या दोपहर का वक़्त चुनें, इस वक़्त पर लोग ज्यादा अलर्ट, फ्री और ज्यादा स्पष्टता के साथ में कोई प्रतिक्रिया देने के लायक होते हैं।
- खुली, घनिष्ठ बातचीत करने का मौका दें: एक ऐसा सही स्थान चुनें, जहां पर लोगों को खुल के बोलने और अपनी मेच्योरिटी दिखाने में मदद मिले। आप अगर किसी को कुछ ऐसा बोलना चाह रहे हैं, जो सुनकर शायद उन्हें आघात पहुँचे (जैसे कि, किसी की मृत्यु या ब्रेकअप के बारे में), तो इसे कभी भी भीड़ के सामने, सहकर्मियों के सामने या और दूसरे लोगों के सामने न बताएं। उस व्यक्ति के साथ, प्राइवेट में बात करके, उसके प्रति अपनी तरफ से सम्मान और अपनी बुद्धि का प्रदर्शन करें। इससे आपके बीच हो रहे संवाद को व्यापक रूप से खोलने के लिए एक स्थान भी प्रदान करेगा और साथ ही आप-दोनों के बीच में एक-दूसरे के प्रति ज्यादा समझ रखते हुए वार्तालाप होगी और साथ ही इससे सिर्फ आप-दोनों के बीच ही बात होने से, ये ज्यादा बेहतर तरीके से काम करेगी।
- आप अगर बहुत सारे लोगों के सामने बोल रहे हैं, तो बोलने से पहले एक बार अपनी आवाज की जाँच कर लें और अपनी आवाज के सारे लोगों तक स्पष्ट तरीके से पहुंचने की पुष्टि भी कर लें। आडियन्स के कानों तक आपकी आवाज पहुँचने की पुष्टि के लिए, अगर जरूरत पड़े तो एक माइक्रोफोन भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- सभी तरह के विचलनों को दूर करें: ऐसी हर उस एक इलेक्ट्रोनिक डिवाइस को बंद कर दें, जिससे आपकी चर्चा में खलल पड़ने की संभावना है। अगर आपका फोन रिंग करे, तो पहली बार तो इसे देखकर हँस दें, और फिर फौरन इसे स्विच ऑफ कर दें और फिर से बात करना शुरू कर दें। इसके अलावा किसी भी बाहरी कारक को भी आपका ध्यान भटकाने का मौका न दें। ये आपको और आपके श्रोताओं को विचलित करेगा और साथ ही बहुत ही सफाई से आपकी चर्चा को बीच में ही रोक देगा।
संपादन करेंअपनी चर्चा को व्यवस्थित करना (Organizing your communications)
- आपके मन में चल रहे विचारों को एकदम व्यवस्थित रखें और उन्हें स्पष्ट रूप से बोलें: आपको इसे आपके द्वारा किसी भी विचार को पेश करने से पहले करना होगा। आप अगर किसी विषय को लेकर एकदम जोश में हैं, तो अगर आप बात करने से पहले, इसके ऊपर बोलने लायक कुछ प्रमुख पॉइंट्स को इकट्ठा करने से चूक जाते हैं, तो ऐसे में आपकी चर्चा खराब भी हो सकती है। ये प्रमुख पॉइंट्स एक एंकर की भूमिका निभाएंगे, जो आपकी चर्चा के ऊपर सारा ध्यान और स्पष्टता लाने में मदद करेंगे।
- इसका एक सबसे अच्छा नियम ये है, कि आप कुछ तीन प्रमुख पॉइंट्स को चुनें और फिर अपनी सारी चर्चा बस इन्हीं पॉइंट्स के इर्द-गिर्द ही चलने दें। इस तरीके से, अगर आपका विषय भटकता है, तो भी आप कैसे भी अपने उन प्रमुख पॉइंट्स तक घूम-फिरकर लौट आ सकते हैं, वो भी बिना घबराए। अगर आपको सही लगे, तो इन पॉइंट्स को लिखकर रख लें, ये भी आपकी काफी मदद कर सकता है।
- एकदम पानी की तरह स्पष्ट रहें: आप सबके सामने क्या बात रखना चाह रहे हैं, उसे पहले ही स्पष्ट कर दें। उदाहरण के लिए, आपका असली मकसद लोगों को कुछ बताना, उन से कुछ जानकारी लेना या किसी काम की शुरुआत करना होगा। लोगों को अगर आपके द्वारा की जा रही चर्चा से आपकी उम्मीद का पहले से अंदेशा होगा, तो सारी चीज़ें और ज्यादा आसानी से आगे बढ़ेंगी।
- विषय पर अड़िग रहें: जैसे ही आप अपने तीन प्रमुख पॉइंट्स को लोगों तक पहुँचाना शुरू करें, तब इस बात की पुष्टि जरूर कर लें, कि आपके द्वारा बोले जाने वाली हर एक बात, आपके उस मेसेज को लोगों तक पहुंचाने में और इसे और ज्यादा दृढ़ता देने में मदद कर रही है। यदि आप पहले ही उस मुद्दे के बारे में विचार कर चुके हैं और उन्हें उसके लिए जरूरी सारी चीजों को समझ चुके हैं, तो संभावना तो यही है, कि आपके मन में सारे जरूरी वाक्य और शब्द अभी भी याद होंगे। अपने पॉइंट्स को रौशनी में लाने के लिए, इनका इस्तेमाल करने से न घबराएँ। यहाँ तक कि काफी कॉन्फिडेंट और जाने-माने स्पीकर्स भी, अपने विचारों को ज़ोर और मजबूती देने के लिए अपनी लाइनें बार-बार दोहराते हैं। अपने पूरे के पूरे मैसेज को स्पष्ट और सटीक रखना न भूलें।
- अपने श्रोताओं का धन्यवाद करें: उस व्यक्ति या लोगों के समूह को धन्यवाद दें, जिन्होंने आपको सुना और इस पर प्रतिक्रिया दी। आपकी चर्चा से क्या परिणाम निकलता है, ये कोई मायने नहीं रखता, चाहे आपके द्वारा की गई चर्चा या बात का परिणाम आपकी उम्मीद से एकदम अलग ही क्यों न हो, लेकिन आपको इसका अंत बहुत ही सम्मान के साथ और सभ्यता से, हर एक इंसान के विचार और उनके दिये हुए समय के ऊपर आभार व्यक्त करके ही करना है।
संपादन करेंभाषण के साथ वार्तालाप करना (Communicating with speech)
- श्रोताओं को आसानी से अपने साथ जोड़ लें: आपको अपनी चर्चा या प्रेजेंटेशन को सामने लाने से पहले, ऐसा करना होगा। कभी-कभी अपनी पसंदीदा कोई एक छोटी सी कहानी सुनाकर भी शुरुआत करना अच्छा होता है। इससे आपको सुनने वालों के अंदर आपके प्रति एक जाने-माने इंसान होने का भाव पैदा करने में मदद करता है और साथ ही उन्हें ऐसा भी लगेगा, कि आप तो बिल्कुल उनकी तरह ही हैं।
- अपनी स्किल्स दर्शाएँ: ये जरूरी है, कि आप आपके मैसेज को एकदम स्पष्ट और बिना किसी उलझन के पेश करें, ताकि आपका मैसेज कुछ इस तरह से सामने आएगा, जिसे हर एक श्रोता समझ सके। आपके शब्दों को याद रखा जाएगा, क्योंकि लोग फौरन ही आपके द्वारा बोली जा रही बात को इसे समझ लेंगे। इसके लिए जरूरी है, कि आप अपने शब्दों को साफ तौर पर बोलें और बहुत ज्यादा कठिन शब्दों की बजाय, आसान शब्दों का इस्तेमाल करें।
- स्पष्ट उच्चारण करें: इतनी ऊंची आवाज में बोलें, ताकि लोगों तक आपकी आवाज पहुँचने की पुष्टि हो जाए। अपने प्रमुख पॉइंट्स का उच्चारण करते वक़्त बहुत ज्यादा सावधानी बरतें, ताकि आप किसी भी तरह की गलतफहमी पैदा करने से बच जाएँ। अगर लोगों के सामने बोलने के डर की वजह से आपको अस्पष्ट बोलने की आदत हो गई है, तो पहले अपने घर पर एक आईने के सामने खड़े होकर, अपने विचारों को पेश करने का अभ्यास करें। कभी-कभी अपने मन के विचारों को पेश करने से पहले, ऐसे लोगों के सामने चर्चा करना भी मददगार होता है, जिनके साथ में आप कम्फ़र्टेबल फील करते हैं। ये आपको आपके मन में मौजूद भावनाओं को दृढ़ बनाने में मदद करता है। ध्यान रखिए कि अपने शब्दों के सही उच्चारण के लिए किया हुआ कोई भी अभ्यास या सुधार, आपके कोन्फ़िडेंस को बनाने में मदद करेगा।
- सुनते वक़्त पूरी तरह से चौकन्ने रहें और सुनिश्चित करें कि आपके चेहरे की अभिव्यक्ति आपकी रुचि को दर्शाती है: ध्यान से सुनें। एक बात याद रखें, कि कोई भी चर्चा कभी आपके अकेले के बोलने से नहीं हो जाएगी और साथ ही आप जब बोल रहे होंगे, तब आप कुछ नहीं सीख रहे होंगे। ध्यान से सुनकर, आप ये अनुमान लगा सकेंगे, कि आपके श्रोता आपकी कितनी बात को सुन रहे हैं और क्या वो आपकी कही हुई बात को सही ढ़ंग से समझ पा रहे हैं या नहीं या फिर आपको अपनी बातें बोलने में और भी सुधार की जरूरत है। अगर आपकी आडियन्स उलझन में नजर आ रही है, तो ऐसे में आपने जो भी कुछ बोला है, उसे अपने श्रोताओं के सामने दोबारा पेश करें, लेकिन उनके अपने शब्दों में। इससे आपको अपनी उन गलतियों का पता चलेगा, जो आप चर्चा में अपने असली मकसद को पेश करने में कर रहे हैं।
- लोगों की भावनाओं का मान रखें। इससे उन्हें खुलकर बोलने की प्रेरणा मिलेगी और साथ ही अगर वो दुखी हैं, तो उन्हें बेहतर महसूस करने में मदद भी मिलेगी।
- वोकल दिलचस्पी जगाएँ: अगर किसी का स्वर, सुनने वालों के कानों को खुश नहीं कर पाता, तो चर्चा करने वाले अपनी चर्चा को बेहतर बनाने के लिए, वोकल कलर्स का इस्तेमाल करते हैं। नोरमा माइकल (Norma Michael) कहते हैं, कि[१] आपको:
- आप जब किसी एक विषय से दूसरे विषय पर या दूसरे किसी पॉइंट पर जाते हैं, तब आपको अपनी आवाज को जरा सा तेज़ करना चाहिए।
- जब भी आप किसी खास पॉइंट को सुना रहे हों या कोई निष्कर्ष सुना रहे हों, तब आपको अपनी आवाज उठानी है और धीमे से पेश करें।
- तेजी से बोलें, लेकिन जब भी कुछ काम करने का अनुरोध कर रहे हों, तब अपनी बात पर जोर देने की कोशिश करें।
संपादन करेंबॉडी लेंग्वेज के जरिये चर्चा करना (Communicating with body language)
- लोगों को पहचानें: बेशक जरूरी नहीं है कि आपको आपकी आडियन्स में बैठे हुए लोगों को जानना है या आपके ग्रुप में आए उस नए फ्रेंड को, लेकिन वो भी आपके साथ हाँ में हाँ मिला रहे हैं और आपकी ओर से भी ऐसी ही प्रतिक्रिया चाहते हैं। इसका मतलब कि वो आपके साथ में जुड़ रहे हैं। तो इसलिए उन्हें भी अपनी स्वीकृति देकर अभिभूत करें!
- अपनी बॉडी लेंग्वेज के जरिए स्पष्ट और सुलझे दिखें: काफी सावधानी से फेशियल एक्स्प्रेशन का इस्तेमाल करें। नरम, कोमल, और जागरूक चेहरे के भाव का उपयोग करके अपने जुनून को प्रतिबिंबित करने और श्रोताओं में सहानुभूति उत्पन्न करने का प्रयास करें। आइब्रो चढ़ाने या नाराजगी जताने जैसे नेगेटिव फेशियल एक्स्प्रेशन से बचें। क्या नेगेटिव है और क्या नहीं, ये पूरी तरह से आपके कल्चर के ऊपर निर्भर करेगा, इसलिए कुछ भी करने से पहले एक बार अपनी परिस्थिति के बारे में जानकारी जरूर जमा कर लें।
- मुट्ठी भीचना, झुका हुआ पॉस्चर, या खामोशी जैसे उन सारे अप्रत्याशित व्यवहार की पहचान करने के लिए तत्पर रहें, जो कल्चरल टकराव पैदा कर सकते हैं।[२] अगर आप उस कल्चर के बारे में बहुत ज्यादा गहराई से नहीं जानते हैं, तो पहले बात करने से जुड़ी उन चुनौतियों के बारे में सवाल करें, जिन्हें आप अपरिचित व्यक्ति से (या) लोगों से सांस्कृतिक संदर्भ में बात करने से "पहले" सामना कर सकते हैं।
- आँखों-आँखों में बात करें: आइ कांटैक्ट की अपनी एक पहचान है, जो लोगों को यह विश्वास दिलाने में मदद करता है कि आप भरोसेमंद हैं, और रुचि दिखा रहे हैं। किसी चर्चा या प्रेजेंटेशन के दौरान, जितना हो सके, उतना दूसरे लोगों की आँखों में देखने की कोशिश करें और एक उचित समयसीमा तक उनके साथ आइ कांटैक्ट बनाए रखने की कोशिश करें। सावधानी बरतें और इसकी अति न करें। – सिर्फ उतनी देर तक ही आइ कांटैक्ट बनाकर रखें, जितना उचित लगे, लगभग 2-4 सेकंड तक।[३]
- अपनी सारी आडियन्स को समेटना न भूलें। आप अगर एक बोर्डरूम को एड्रेस कर रहे हैं, तो बोर्ड में मौजूद हर एक इंसान की आँख में झाँकें। किसी एक इंसान को भी नज़रअंदाज़ करना, अपमान करने का इशारा हो सकता है और शायद ये आपके बिजनेस को, आपके एडमिशन को, आपकी सफलता को या और भी कुछ, जिसे आप पाना चाह रहे हैं, को नुकसान पहुँचा सकता है।
- आप अगर एक आडियन्स को संबोधित कर रहे हैं, तो रुकें और आगे बढ़ने और अपनी बात को दोबारा शुरू करने से पहले आडियन्स में मौजूद किसी एक मेंबर से लगभग दो सेकंड तक आइ कांटैक्ट बनाकर रखें। इससे आपकी आडियन्स के मेंबर्स को व्यक्तिगत रूप से मूल्यवान महसूस करने में मदद करता है।
- एक बात का ध्यान रखें, कि आइ कांटैक्ट पूरी तरह से संस्कृति पर निर्भर करता है। कुछ संस्कृतियों में इसे अनुचित या बेकार माना जाता है। इसके बारे में पहले से पूछ लें या अपनी तरफ से रिसर्च कर लें।
- बीच-बीच में ठहराव लाएँ और साँस लेकर देखें: बीच में रुककर बात करने की अपनी ही एक अलग ताकत है। साइमन रेनोल्ड्स (Simon Reynolds) कहते हैं, कि बीच में ठहराव लेने की वजह से आपकी आडियन्स आपकी तरफ रुख कर लेती है और आपको सुनती भी है। ये आपको अपने पॉइंट्स बोलने में मदद करता है और आपके श्रोताओं को आपकी बोली हुई बातों को पचाने का वक़्त भी मिल जाता है। ये आपकी चर्चा को और भी आकर्षक बनाने में भी मदद करता है और साथ ही ये आपके भाषण को ग्रहण कर सकने योग्य भी बनाता है और आप भी इसके साथ कम्फ़र्टेबल हो जाते हैं।[४]
- बोलना शुरू करने से पहले, खुद को स्थिर करने के लिए कुछ गहरी साँसें लें।
- चर्चा करते वक़्त ठोस, नियमित गहरी साँसे लेने की आदत अपना लें। ये आपको स्थिर रहने में, आवाज में शांति लाने में मदद करेगा और साथ ही आपको ज्यादा रिलैक्स रखने में भी मदद करेगा।
- आप जो भी कुछ बोल रहे हैं, उसके बीच में साँस लेने के लिए एक ठहराव लें।
- आपके जेस्चर किस तरह से सामने आ रहे हैं, ध्यान दें: सावधानी से अपने हाँथों के जेस्चर का इस्तेमाल करें। आपके बोलते वक़्त, आपके हाँथ क्या बता रहे हैं, के ऊपर ध्यान दें। हाँथ के कुछ जेस्चर, (ओपन जेस्चर) आपके पॉइंट्स को हाइलाइट करने में काफी मददगार होते हैं, जबकि दूसरे (क्लोज्ड जेस्चर) भटकाव पैदा कर सकते हैं या कुछ श्रोताओं को आक्रामक भी लग सकते हैं और इनकी वजह से चर्चा बंद हो सकती है या लोग इसे सुनना बंद कर देते हैं। दूसरे स्पीकर्स आप तक पहुँचने के लिए किस तरह उनके हाँथों का इस्तेमाल करते हैं, इसे देखना भी आपकी काफी मदद कर सकता है। जो आपको आकर्षक और ध्यान देने लायक लगें, उन्हें अपना लें। ध्यान दें, कि सबसे ज्यादा प्रभावी जेस्चर नेचरल, धीमे और दृढ़ होते हैं।
- अपने शरीर के अन्य इशारों के ऊपर भी ध्यान दें: आपकी घूम रही आँखों पर, आपके हाँथों के इशारों, आपके नाक की प्रतिक्रिया, पैरों की क्रिया, हिलने-डुलने आदि के ऊपर ख़ासी नजर रखें। ये छोटे-छोटे इशारे भी काफी मायने रखते हैं और ये सभी आपके संदेश की प्रभावशीलता को कम करने की गारंटी देते हैं।
- अपने साथ में किसी को लेकर चलें, जो आपकी बातें रिकॉर्ड कर सके, फिर फास्ट फॉरवर्ड में आपके भाषण की डिलिवरी पर ध्यान दें। कोई भी ऐसा जेस्चर जिसे आप बार-बार दोहरा रहे हैं या कोई भी आदत आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकती है और कहीं न कहीं ये हास्यपूर्ण भी हो सकती है। जब आप अपने ऐसे किसी बर्ताव को पकड़ लें, फिर आपके लिए आपकी ऐसी गैर-जरूरी बॉडी लेंग्वेज को सुधार पाना आसान बन जाएगा और इसके प्रदर्शन पर निगरानी रखना भी आसान हो जाएगा।
संपादन करेंसंघर्ष की स्थिति में प्रभावी ढंग से चर्चा करना (Communicating effectively in conflict)
- खुद को सबके समान ही रखें: किसी दूसरे इंसान के आगे या उससे ऊपर न खड़े हों। इससे एक तरह का शक्ति का संघर्ष बनता है और आपके बीच का मनमुटाव एक अलग ही लेवल तक पहुँच जाएगा। वो अगर बैठे हैं, तो आपको भी उनके साथ में बैठ जाना चाहिए।
- दूसरे लोगों को भी सुनें: वो जैसा भी महसूस कर रहे हैं, उन्हें कहने दें। अपनी बात बोलने से पहले, उनकी बात पूरी होने तक इंतज़ार करें।
- एक शांत और स्थिर आवाज में बोलें: चिल्लाएँ नहीं या न ही सामने वाले के विचारों या उनकी बोली हुई बातों को नाजायज ठहराएँ।
- उन्हें समझ आने दें, कि आपने उनकी बात सुन ली है आपको उनका पक्ष समझ आ गया है: "अगर मैंने सही समझा है, तो आप ऐसा कहना चाह रहे हैं,..." ऐसा वाक्य बोलने से पहले कुछ वक़्त लें।
- किसी भी कीमत पर बस बहस को खत्म करने की कोशिश न करें: अगर कोई इंसान कमरे से बाहर निकल जाए, तो उसका पीछा न करें। उन्हें ऐसा करने दें और जब वो खुद को शांत कर लें और बात करने को तैयार हो जाएँ, तो उन्हें ऐसा भी करने दें।
- हमेशा अपनी बात पर ही बात खत्म करने की कोशिश न करें: फिर से वही बात, इसकी वजह से आपके बीच में एक ऐसा शक्ति का संघर्ष पैदा होगा, जो कभी खत्म होने का नाम न लेगा। कभी-कभी, आपको सिर्फ सहमति देना होती है या असहमति देकर आगे निकल जाना चाहिए।
- हमेशा एक "मैं" वाले मैसेज इस्तेमाल करें: आप जब आपके विचार पेश कर रहे हों, तब किसी भी वाक्य की शुरुआत एक "मैं..." वाले वाक्य से करें और स्पष्ट करें, कि उनके काम से आपको कैसा "महसूस" हुआ। ये अन्य व्यक्तियों को आपकी शिकायतों और अधिक सहानुभूति के लिए अधिक ग्रहणशील बना देगा। उदाहरण के लिए, "आप बहुत ज्यादा अलग विचार रखते हैं और इससे मैं बहुत परेशान हूँ" बोलने के बजाय बोलकर देखें, कि "ऐसे अलग-अलग लेवल के विचार, हमारे लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। ये जो अव्यवस्था है, यही मुझे इसकी सबसे बड़ी वजह नजर आ रही है और मैं अभी सिर्फ इसे ही ठीक कर सकता हूँ। सचमुच, गड़बड़ ही एक ऐसी चीज़ है, जो मुझे शायद इससे ज्यादा परेशान करने लगती है।"
- बात करते वक़्त आइ कांटैक्ट बनाना न भूलें।
- ह्यूमर का इस्तेमाल करते वक़्त बहुत सावधानी बरतें। हालाँकि हल्का सा ह्यूमर भी आपके द्वारा बोली जाने वाली बात को काफी प्रभावी बना सकता है, लेकिन इसे बहुत ज्यादा भी न आगे बढ़ा दें और न ही अपने द्वारा की हुई किसी गलती पर पर्दा डालने के लिए इनके ऊपर निर्भर रहें। आप अगर हर वक़्त बस हँसी-मज़ाक ही करते रहेंगे, तो आपकी चर्चा को भी ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जाएगा।
- पुष्टि करें, कि आप एक नेगेटिव या बेपरवाह बॉडी लेंग्वेज नहीं अपना रहे हैं।
- असभ्य बनने से बचें।
- एक ही बात न दोहराते रहें। इसकी वजह से आपके मैसेज को न तो समझा जाएगा या न ही इसे गंभीरता से लिया जाएगा।
- अपनी बात की वकालत न करें। न तो इससे सम्मान या रुचि पैदा करने की संभावना है। आप अगर बहुत ज्यादा दुखी हैं, तो खुद को जरा वक़्त दें और फिर बाद में जब आपको लगने लगे, कि आप इसके ऊपर विचार कर सकते हैं, तो वापस चर्चा पर आ जाएँ।
- प्रेरणा पाने के लिए, इंटर्नेट पर कुछ महान स्पीकर्स के ऊपर खोज करें। ये कुछ बहुत बार तलाशे हुए टेड टाल्क्स (Ted Talks) का सर्वे है। ऑनलाइन आपको ऐसे न जाने कितने सारे रोल मॉडल्स के वीडियो देखने को मिल सकते हैं। इन्हें अपने लिए एक "पर्सनल कम्यूनिकेशन कोच" की तरह समझकर आगे बढ़ें!
- अगर आप बहुत सारे लोगों के सामने प्रेजेंटेशन दे रहे हैं, तो पूछे जा सकने योग्य कुछ कठिन सवालों के जवाब तैयार रख लें, ताकि आप किसी के सामने कम न लगें और न ही आपको घबराहट महसूस हो। प्रभावी ढंग से चर्चा करने की स्थिति में बने रहने के लिए, माइकल ब्राउन (Michael Brown) किसी एक ग्रुप या आडियन्स के संदर्भ में कठिन प्रश्नों को संभालने के एक नियम की सलाह देते हैं। वो कहते हैं, कि आपको वहाँ मौजूद हर किसी की ओर से सुनना चाहिए, जिसमें सवाल पूछना और समस्याओं को दोहराना भी शामिल है। आपके जवाब को हर किसी के साथ में बाँट लें, जिसका मतलब है कि पूरे समूह को "जवाब देने" के लिए प्रश्नकर्ता और सभी उपस्थित लोगों तक अपनी नजर घुमाएँ। आगे बढ़ने और दिशा बदलने के लिए इस साझा उत्तर को ही आधार बना लें।[५]
- Some elements of this article were sourced from FEMA, Effective Communication: An Independent Study, December 2005, at PDF document - downloads on clicking, a US government copyright free information source.
- Center for Nonverbal Studies, (http://center-for-nonverbal-studies.org/ CN), is an organization dedicated to the study of all forms of non-spoken communication; here you'll find a thorough explanation of the various forms of non-verbal communication.
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November 17, 2018, 2:30 am
हालाँकि झुर्रियां या रिंकल्स पूरी तरह से हटा पाना नामुमकिन हो सकता है- विशेषरूप से डीप रिंकल्स को लेकिन इनका दिखना बिलकुल कम किया जा सकता है | हेल्थी लाइफस्टाइल मेन्टेन करने और इफेक्टिव रिंकल ट्रीटमेंट्स के उपयोग से रिंकल्स का दिखना और डीप फेसिअल रिंकल्स का फार्मेशन काफी हद तक कम किया जा सकता है |
संपादन करेंएक गुड स्किन रेजिमन फॉलो करें
- सनस्क्रीन लगायें: स्टडीज के अनुसार, झुर्रियाँ या रिंकल्स होने का नंबर एक कारण धूप है | कम से कम 30 SPF वाले ब्रॉड-स्पेक्ट्रम (UVA और UVB) सनस्क्रीन लगायें | 50 SPF से ज्यादा SPF वाले सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नहीं होती |[१]
- आपको उस वक्त भी सनस्क्रीन लगाना है जब आप धूप में न हों | अगर आप टैन हो जाते हैं तो इसका मतलब ये नहीं है आपको धूप से सुरक्षा मिल गयी है | चाहे कुछ भी हो, सनस्क्रीन लगाना न भूलें![२]
- सनस्क्रीन लगाने से न केवल रिंकल्स से बचाव होता है बल्कि इससे स्किन कैंसर होने की रिस्क भी कम हो जाती है |[३]
- सनस्क्रीन को कम से कम हर दो घंटे में फिर से लगाएं |[४]
- हर दिन अपने चेहरे को सही तरीके से धोएँ: डॉक्टर्स के अनुसार दिन में दो बार चेहरा धोना चाहिए, इससे ज्यादा नहीं | बहुत ज्यादा बार चेहरा धोने से स्किन में मौजूद नेचुरल ऑइल और नमी की परत निकल सकती हैं जिससे रिंकल्स गहरे दिखाई देने लगते हैं और इसके कारण नए रिंकल्स भी बन सकते हैं |[५]
- अगर आपकी स्किन ऑयली है तब भी दिन में दो बार से ज्यादा चेहरे को नहीं धोना चाहिए क्योंकि इससे स्किन उत्तेजित हो सकती है और अगर आपको एक्ने हैं तो ये और बढ़ सकते हैं |
- परिपक्व स्किन वाले लोग (40 और उससे ज्यादा उम्र के लोग) हर रात अपना चेहरा क्लीनजर से साफ़ कर सकते हैं और सुबह केवल ठन्डे पानी से साफ़ कर सकते हैं |[६]
- चेहरे को धोने के बाद टोनर का उपयोग करें: चेहरा धोने के बाद टोनर लगाने से स्किन का pH बैलेंस रहता है और इससे चेहरा हेल्थी दिखाई देता है | ध्यान रखें कि अल्कोहल वाले टोनर का उपयोग न करें क्योंकि इससे स्किन ड्राई हो सकती है |
- अच्छी क्वालिटी वाले माँइस्चराइजर का उपयोग करें जो रिंकल्स को टारगेट करें: कई माँइस्चराइज़र्स में ऐसी सामग्री पायी है जो रिंकल्स को कम करने और रिंकल्स से बचाव के लिए ही मिलायी जाती हैं | दिन में दो बार चेहरे पर माँइस्चराइजर लगायें; पहली बार, सुबह चेहरा धोने के बाद और दूसरी बार, शाम में चेहरा धोने के बाद |
- ऐसे बहुत कम एविडेंस हैं जो ये सिफारिश करते हैं कि डे और नाईट क्रीम अलग-अलग होती हैं, लेकिन माँइस्चराइजर्स में पायी जाने वाली सामग्रियां धूप से स्किन की सुरक्षा नहीं कर पातीं | उदहारण के लिए, रेटिनॉल एक हाइली इफेक्टिव रिंकल-फाइटर है और अधिकतर प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन है लेकिन ये धूप में काम नहीं कर पाता |[७]
- एक अच्छी आई क्रीम का उपयोग करें: आँखों के आस-पास की स्किन चेहरे की बांकी स्किन से अलग होती है; यह बहुत पतली और बहुत ज्यादा कोमल होती है इसलिए इसमें जल्दी रिंकल्स आ जाते हैं और यह जल्दी लटकने लगती है | इसलिए फेसिअल माँइश्चराइजर के साथ ही एक आई क्रीम लगाना बहुत कारगर साबित होता है |
- ऐसी आई क्रीम चुनें जिसमे कोलेजन, विटामिन C, पेप्टाइड, और/या रेटिनॉल पाए जाते हों |[८]
संपादन करेंसही रिंकल ट्रीटमेंट आजमायें
- रेटिनोइड्स से रिंकल्स का इलाज़ करें: कुछ हेल्थ प्रोफेशनल्स का दावा है कि रेटिनोइड रिंकल्स और एजिंग के चिन्हों को कम करने का सबसे असरदार और प्रमाणित उपाय है | शुरुआत में रेटिनोइड वाली मेडिकेशन से रेडनेस और पीलिंग हो सकती है लेकिन जैसे ही पीलिंग बंद होती है, रिंकल्स में सुधार दिखाई देने लगता है | आप डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर रेटिनोइड क्रीम ले सकते हैं |
- कई ड्रगस्टोर्स के स्किनकेयर ब्रांड्स में रेटिनोइड वाली क्रीम्स मिलती हैं जो प्रिस्क्रिप्शन पर दी गयी रेटिनोइड क्रीम की तुलना में काफी कम उत्तेजक होती हैं | इनकी क्वालिटी अलग-अलग होती है इसलिए यह जानना बहुत जरुरी है कि आपको कौन सी क्रीम की जरूरत है |
- रेटिनॉल रोशनी और हवा के सम्पर्क में आने से जाता टूट (डीग्रेड) जाता है इसलिए ऐसे प्रोडक्ट्स चुनें जो सील बंद हों | ऐसे ब्रांड्स चुनें जो रेटिनॉल ट्रीटमेंट को एक सिंगल डोज़ के कैप्सूल, एयर-टाइट पम्पस या वाले अपारदर्शी ग्लास बोतल या एलुमिनियम कंटेनर के रूप में उपलब्ध कराते हों |[९]
- Idebenone युक्त स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें: Idebenone एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट है | हाल ही में की गयी स्टडीज के अनुसार इसके छह सप्ताह के स्थानीय उपयोग से फाइन लाइन्स और रिंकल्स में 29% तक कम देखे गये |[१०]
- अल्फा-हाइड्रोक्सी एसिड्स युक्त स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का उपयोग करें: अल्फा-हाइड्रोक्सी एसिड्स, रेटिनोइड के समान स्किन को उत्तेजित नहीं करता लेकिन इससे रेटिनोइड के समान रिजल्ट्स भी नहीं मिल पाते | ये स्किनकेयर प्रोडक्ट्स केवल रिंकल्स को थोडा कम करते हैं |[११]
- एंटीऑक्सीडेंट्स युक्त स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का उपयोग करें: स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में विटामिन A,C और E के साथ ही बीटा-कैरोटीन पाए जाते हैं जो रिंकल्स को थोडा कम कर सकते हैं |[१२]
- एक स्किन पील का उपयोग करें: बाज़ार में कई तरह के स्किन पील्स मिलते हैं जिनमे मेडिकल प्रोफेशनल और आमतौर पर मिलने वाले स्किन पील्स शामिल हैं |[१३] ध्यान रखें कि पील जितना डीप होगा, उतना ही स्किन को उत्तेजित करेगा | बल्कि पील के कारण स्कारिंग और स्किन के कलर में बदलाव भी हो सकते हैं |[१४]
- ग्लाइकोलिक एसिड युक्त पील सुपरफिसिअल होती हैं और फाइन रिंकल्स की इंटेंसिटी को कम कर सकती है |
- सैलिसिलिक एसिड और ट्राइक्लोरोएसिटिक एसिड जैसी सामग्रियां ग्लाइकोलिक एसिड वाली पील की तुलना में ज्यादा गहराई तक कम करती हैं इसीलिए ये बारीक़ रिंकल्स हटाने के लिए बेहतर होती हैं |
- प्रोसीजर के एडवांस में अपनी स्किन के लिए डॉक्टर से डायरेक्शन लें जिससे आप जरुरी अरेंजमेंट कर सकते हैं | कुछ पील्स में विशेष आफ्टरकेयर की जरूरत होती है जो कई दिन बाद तक धूप में रहने पर भी काम करे |
- लेज़र रिसरफेसिंग कराएं: लेज़र कोलेजन के प्रोडक्शन को उत्तेजित कर सकता है जिससे स्किन फूली हुई दिखाई देती है | अगर रिंकल्स बहुत गहरे हैं और किसी भी चीज़ से कोई फायदा न हो रहा हो तो डॉक्टर से अन्य विकल्पों के बारे में पूछें |
- मेडिकल प्रोफेशनल से कंसल्ट करें: अगर आप सभी चीज़ें आजमा चुके हैं और फिर भी रिंकल्स कम करने या हटाने के लिए परेशान हो रहे हैं तो डॉक्टर या बोर्ड–सर्टिफाइड डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें | मेडिकल प्रोफेशनल आपके लिए सही रिंकल-रिमूवल ऑप्शन्स सेलेक्ट करने में मदद कर सकते हैं; उदाहरण के लिए, कोई दवा, कोई मेडिकल प्रोसीजर या प्रिस्क्रिप्शन क्रीम का सुझाव दे सकते हैं |
संपादन करेंअपनी लाइफस्टाइल सुधारें
- धूप में जाने से बचें: कई स्टडीज धूप को ही रिंकल्स का नंबर एक कारण मानती हैं | एक स्टडी में देखा गये कि रिंकल्स होने के कारणों में हेरिडिटी की तुलना में धूप में ज्यादा रहना अधिक महत्वपूर्ण था |[१५] धूप में ही रहना बेस्ट है!
- अगर आपको धूप में जाना बहुत जरुरी हो तो ध्यान रखें कि आप पूरी तरह से कवर्ड हों; सनग्लासेज, हैट और कम से कम 30 सपफ वाले सनस्क्रीन पहनें |
- विशेषरूप से सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच धूप में जाने से बचें क्योंकि इसे समय ये रेज़ सबसे स्ट्रोंग होती हैं |[१६]
- धूम्रपान न करें: अगर आप स्मोक करते हैं तो इसे छोड़ना भी जरुरी है क्योंकि कई स्टडीज ये कन्फर्म कर चुकी हैं कि सिगरेट स्मोक करने से स्किन में बुढापा जल्दी दिखाई देने लगता है, इससे शुरुआत में एंजाइम रिलीज़ होते हैं जो कोलेजन और इलास्टिन को तोड़ देते हैं जबकि कोलेजन और इलास्टिन दोनों ही स्किन को यंग दिखाने के लिए जरुरी होते हैं |[१७]
- अल्कोहल से बचें: अल्कोहल की ज्यादा मात्रा कंज्यूम करने से स्किन में ब्लड वेसल्स डैमेज हो सकती हैं | इससे लीवर को भी नुकसान पहुँच सकता है जिसके कारण रिंकल्स हो सकते हैं |[१८]
- खूब पानी पियें: अगर आप डिहाइड्रेटेड होते हैं तो रिंकल्स काफी गहरे दिखाई दे सकते हैं | वेल-हाइड्रेटेड रहने से स्किन हेल्थी दिखाई देती है | अगर आपको नहीं मालूम कि आपको कितना पानी पीना चाहिए तो अपने शरीर के भार (पौंड में) को आधा विभाजित कर दें जिससे आपको हर दिन पीने योग्य पानी की मात्रा का अनुमान लग जायेगा |
- एक 150 पौंड भार की महिला को हर दिन 75 औंस पानी पीना चाहिए |
- अगर आप गर्म वातावरण में एक्सरसाइज करते हैं या रहते हैं (मतलब कि आपको पसीना बहुत आता है) तो आपको पानी ज्यादा पीना चाहिए |
- शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा का पता लगाने का एक विश्वसनीय तरीका है अपने यूरिन पर ध्यान देना; अगर यूरिन ब्राइट येलो है या इसकी स्मेल बहुत स्ट्रोंग है तो इसका मतलब है कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी रहे हैं |
- हेल्थी और एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स खाएं: कुछ डॉक्टर इंफ्लेमेशन का सम्बन्ध स्किन की क्वालिटी खराब होने (रिंकल्स सहित) के साथ ही कैंसर और हार्ट डिजीज जैसी डिजीज से बताते हैं |[१९] फल, सब्जियां, नट्स, समग्र अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर डाइट लें |[२०]
- बहुत सारी चीनी वाले फूड्स खाने से बचें, विशेषरूप से प्रोसेस्ड फूड्स से बचें |
- पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट्स लें: विटामिन E, C, A और B जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स लें क्योंकि स्किन को हेल्थी रखने के लिए ये सभी बहुत जरुरी हैं | इन विटामिन्स की पर्याप्त मात्रा लेने के लिए हर दिन ताजे फल और सब्जियों की 5 से 7 सर्विंग ले |[२१]
- अहर आपको ये न पता हो कि इन्हें लेने की शुरुआत कैसे करें तो यहाँ शुरुआत में लेने वाली चीज़ों के लिए कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जैसे; टमाटर, खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां और गाजर |[२२]
- साथ ही विटामिन C से भरपूर फूड्स भी खाएं और विटामिन C का उपयोग एक टोपिकल एजेंट के रूप में करने से रिंकल्स का दिखाई देना कम किया जा सकता है | विटामिन C का सबसे प्रभावी रूप है L/एस्कॉर्बिक एसिड इसलिए फेस क्रीम में इस सामग्री को जरुर खोजें |
- पर्याप्त विटामिन K लें: कुछ स्टडीज विटामिन K का सम्बन्ध स्किन की इलास्टिसिटी में सुधार लाने के लिए बताती हैं |[२३] विटामिन K हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे केल, पालक और ब्रोकॉली में भरपूर मात्रा में पाया जाता है |
- पर्याप्त नींद लें: अगर पर्याप्त नींद नहीं ली जाती तो शरीर कोर्टिसोल की अधिक मात्रा प्रोड्यूस करने लगता है जो स्किन सेल्स को ब्रेकडाउन कर देता है | जब हम अच्छी नींद लेते हिं तो शरीर ह्यूमन, ग्रोथ हार्मोन (HGH) ज्यादा प्रोड्यूस करने लगता है जो स्किन को कसव्युक्त और ज्यादा इलास्टिक दिखाने में मदद करेगा |[२४]
- एक एवरेज एडल्ट को हर रात 7 से 9 घंटे की नींद की जरूरत होती है | किशोरों को हर रात 8.5 से 9.5 घंटे की सोने की जरूरत होती है |[२५]
- अगर हो सके तो पीठ के बल ही सोयें | करवट लेकसे सोने की बजाय पीठ के बल सोने से गालों और ठोड़ी पर होने वाले रिंकल्स से बचने में मदद मिल सकती है और अगर आप पेट के बल सोते हैं तो माथे पर रिंकल्स होने से बचा जा सकता है |[२६]
- स्ट्रेस कम लें: कोर्टिसोल जो स्किन सेल्स का ब्रेकडाउन करता है और रिंकल्स फार्मेशन को प्रोमोट करता है, एक प्राइमरी स्ट्रेस हार्मोन है |[२७] इसके अलावा, स्ट्रेस के फिजिकल एक्सप्रेशन भी डीप फेसिअल रिंकल्स को बढ़ा सकते हैं जैसे लिप्स और माथे के आस-पास लाइन्स, आईब्रो के बीच रिंकल्स | स्ट्रेस कम करने के लिए निम्नलिखित तकनीक आजमायें:
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- हर दिन थोड़ी देर मैडिटेट करें | एक कुर्सी पर सीधे बैठें या जमीन पर पालथी (क्रॉस-लेग्ड पोजीशन) में बैठ जाएँ | अपनी आँखें बंद करें और एक पॉजिटिव मंत्र का उच्चारण करते हुए उस मन्त्र पर फोकस करें; उदहारण के लिए, “मै शांति अनुभव कर रहा/रही हूँ” या “प्रेम सांस के साथ अंदर आ रहा है और डर सांस के साथ बाहर निकल रहा है” | एक हाथ धीरे से अपने पेट पर रखें जिससे आपको याद रहे कि आपको गहरी साँसें लेना है |[२८]
- डीप ब्रीथिंग की प्रैक्टिस करें | अपनी आँखें बंद करके और हाथों को पेट पर रखकर सीधे बैठें | धीरे-धीरे नाक से साँस लें और कल्पना करें कि आपके पेट में गहराई तक एक गुब्बारा फूल रहा है | अब धीरे-धीरे मुंह से सांस बाहर छोड़ें और इस बात पर ध्यान रखें कि आपका शरीर सांस बाहर छोड़ते समय कैसा अनुभव करता है |[२९]
- अपने लिए कुछ अच्छा करें | कुछ कैंडल्स जलाएं और अपने लिए थोड़ी स्ट्रेस-रिड्यूसिंग लैवेंडर ऑइल वाली हॉट बाथ तैयार करें | धीरे-धीरे पानी में जाएँ, माइंडफुल वाक करें और अपने चारों ओर एक मनभावन दृश्य की इमेजिनेशन करें | 10 मिनट के लिए कोई प्यारे जानवरों वाला वीडियो देखें | आपको जिस चीज़ से ख़ुशी मिले, वो करें !
- रिंकल्स कम दिखाने के लिए मेकअप का सहारा लें; स्किन को माँइश्चराइज करें, फाउंडेशन लगाने से पहले एक सिलिकॉन प्राइमर का उपयोग करें, एक लाइट और माँइश्चराइजर-रिच फाउंडेशन लगायें, चेहरे को एक लूज़ मिनरल पाउडर से डस्ट करें और बंकि का मेकअप नेचुरल तरीके से करें, अपनी आँखों को हाईलाइट करें और एक स्मज-प्रूफ लिपिस्टिक लगायें जो लिप्स के चारों ओर की लाइन्स से बाहर न निकले |[३०]
- कई लोग कहते हैं कि स्लिक और साटन के पिलोकेस से रिंकल्स को कम करने और उनसे बचने में मदद मिल सकती है लेकिन इस तर्क के पीछे कोई साइंटिफिक एविडेंस नहीं हैं |
- रिंकल्स से बचने के लिए जो एक मुख्य चीज़ की जा सकती है वो है सनस्क्रीन लगाना |
- अपना वज़न थोडा बढाने से सॉफ्ट रिंकल्स भर जाते हैं आपकी स्किन जवां दिखाई देने लगती है |[३१][३२] यह बात विशेषरूप से 40 से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए सही है | हालाँकि इस बात का मतलब यह नहीं है कि आपको वज़न बढ़ाना जरुरी ही है लेकिन अगर आप वजन घटाने के बारे में सोच रहे हैं तो सचेत हो जाएँ!
- कुछ लोग फेसिअल रिंकल्स कम करने के लिए बिना तकिये के सोने की सलाह देते हैं |
- सनस्क्रीन चुनते समय सावधानी रखें क्योंकि इनमे से कुछ में प्रभावी रूप से खतरनाक सामग्रियां पायी जाती हैं | रेटिनायल पामिटेट, ऑक्सीबेन्जोन और नॉनपार्टिकल्स जैसे जिंक ऑक्साइड और टिटेनियम ऑक्साइड जैस सामग्री वाले सनस्क्रीन लगाने से बचें |[३३][३४]
- याद रखें कि धूप से बचना स्किन के एपियरेंस के लिए अच्छा हो सकता है लेकिन ऐसा करने से विटामिन D का अवशोषण कम हो सकता है | विटामिन D स्ट्रोंग बोन्स के लिए जरुरी होता है और मूड को अच्छा बनाये रखने में भी मदद करता है | विटामिन D के अन्य सोर्सेज हैं; फिश, फिश लीवर ऑइल, एग योक, और फोर्टीफाइड डेरी और ग्रेन प्रोडक्ट्स | आप विटामिन D के सप्लीमेंट भी ले सकते हैं |[३५]
- कई होम रेमेडी वाली साइट्स विटामिन C से भरपूर लेमन जूस या अन्य ऐसे फ्रूट जूस को चेहरे पर लगाने की सलाह देती हैं | लेकिन ऐसा करने से फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकते हैं क्योंकि इनसे स्किन ड्राई हो सकती है और धूप में आसानी से जल सकती है |[३६]
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November 18, 2018, 2:30 am
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November 19, 2018, 3:00 am
आप चाहे जिस उम्र के हों, दुनिया में कहीं भी रहते हों या आपके करियर का चाहे कोई भी लक्ष्य हो, लेकिन लगभग हर किसी के जीवन का लक्ष्य बस अपने जीवन में खुश रहना और सफलता हासिल करना होता है। सफलता पाने या सफल होने का मतलब सिर्फ पैसे कमाना और अपनी एक पहचान बनाना बस नहीं होता। इसका मतलब तो अपने जुनून का पीछा करना, एक मकसद के साथ जीना और अपने आज में खुश रहना होता है।
संपादन करेंसफलता की राह तैयार करना (Developing a Path to Success)
- अपने जुनून की पहचान करें: आप सफलता पाने की राह पर चलना शुरू करें, इससे पहले जरूरी है, कि आप आपके लिए सफलता के मायने को परिभाषित करें। हालाँकि आप आपके जीवन में आखिर क्या करना चाहते हैं, ये समझ पाने में आपके कई साल गुजर सकते हैं, अपने जुनून, अपनी रुचियाँ, और अपनी अहमियत को पहचानकर, आपको अपने जीवन का लक्ष्य बनाने में, और अपने जीवन के अर्थ को पहचान देने में मदद होगी। अगर आपको ये सब जानने में या पहचान पाने में परेशानी हो रही है, तो अपने किसी फ्रेंड या फैमिली मेम्बर से आपकी मदद करने की माँग करें। आप खुद से ये सवाल करें:
- आप अपनी कितनी संपत्ति बनाना चाहते हैं?
- आप दूसरों के द्वारा किस तरीके से याद किए जाना चाहते हैं?
- आप किस तरह से आपकी कम्यूनिटी को एक बेहतर स्थान बनाना चाहते हैं?
- आपकी ज़िंदगी में ऐसे कौन से विषय हैं, जिनकी तरफ आपकी रुचि है? उदाहरण के लिए, किसी ऐसे विषय के बारे में सोचें, जिसे आप स्कूल के दौरान पढ़ना पसंद किया करते थे। खुद से सवाल करें, कि आखिर क्यों आप उन्हें इतना पसंद करते थे।[१]
- उदाहरण के लिए, मान लीजिये कि आपको म्यूज़िकल थिएटर बहुत अच्छा लगता था। सोचें: क्या इसके पीछे की वजह, आपका म्यूजिक के प्रति रुझान है, या फिर इसलिए, क्योंकि आपको एक ऐसे बड़े ग्रुप के साथ में काम करने का मौका मिलता था, जिनका लक्ष्य भी ठीक आपकी ही तरह था?
- अपने लक्ष्यों और इन्हें पूरा करने के लिए आपकी तरफ से किए जाने वाले काम की एक लिस्ट बना लें: इस लिस्ट में अपने शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म लक्ष्यों को शामिल करना न भूलें; फ़ाइनेंसियल और करियर के लक्ष्यों के आगे कुछ सोचने की कोशिश करें, जैसे कि आपके रिश्ते के लक्ष्य, आप में सुधार करने के लिए आपके व्यक्तिगत लक्ष्य, ऐसी चीज़ें जिन्हें आप महसूस करना चाहते हैं या कुछ ऐसी चीज़ें जिन्हें आप सीखना चाहते हैं। इनके लिए एक टाइमलाइन तैयार कर लें, जिसके अंदर आप हर एक भाग को पूरा करने वाले हैं।[२]
- कुछ ऐसे स्मार्ट लक्ष्य तैयार करें; जो खास हैं, औसत दर्जे के हैं, पूरे करने योग्य हैं, उचित हैं और समयबद्ध हैं।
- बड़े लक्ष्यों को कम करें। जैसे कि, अगर आपका लक्ष्य पूरी दुनिया की सैर करना है, तो आप पहले अपने लिए पैसे जमा करने का और कुछ खास देश घूमने का लक्ष्य बना सकते हैं।
- किसी मकसद के साथ जीवन बिताएँ: अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए और वो इंसान बनने के लिए, जो बनना आपकी चाहत है, आपको पहले आपके एक्शन पर ध्यान देना शुरू करना होगा। खुद से सवाल करें, "मैं ये जो कुछ भी करने वाला हूँ, क्या ये मुझे उस जगह लेकर जाएगा, जहाँ मैं अपनी ज़िंदगी में पहुंचना चाहता हूँ?"[३]
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- आप अगर खुद को लगातार बोर होता हुआ, फ्यूचर या पास्ट के बारे में सपने देखता हुआ या दिन पूरा करने के लिए, बस किसी भी तरह से समय बिताते हुए पाते हैं, तो ये शायद इस वजह से भी हो सकता है, क्योंकि आप जो कुछ कर रहे हैं, उसके साथ में पूरे मन से नहीं जुड़ पा रहे हैं।
- अपने वक़्त को अहमियत दें। अपने खाली वक़्त को, बस यूँ ही कुछ न करके बर्बाद करने की बजाय, किसी ऐसे काम को करते हुए बिताएँ, जो आपको पसंद है। उदाहरण के लिए, वीकेंड्स पर बस टेलिविजन देखते हुए सारा वक़्त बिताने के बजाय, अपनी किसी हॉबी को पूरा करने में बिताएँ या फिर अपने प्यारे लोगों और नए फ्रेंड्स के साथ में वक़्त बिताने की कोशिश करें।
- आपने क्या पाया, इसे किसी उपलब्धि के बजाय अपनी लगन से मापें। ऐसा नहीं है, कि आप जो भी करते हैं, उससे आपको कुछ न कुछ मिलना ही चाहिए, लेकिन आप जो कर रहे हैं, वो काफी मजेदार और लगन वाला काम होना चाहिए।
- एक और बात ध्यान में रखें, कि कभी-कभी ऐसे कुछ नहीं करके और एकदम आलसी बनकर वक़्त बिताने में भी कोई खराबी नहीं है। ये भी आपको असल में आपकी कल्पनाओं के ऊपर मदद करने में और अपने आप के प्रति जागरूक होने में मदद करेगा। आप जो कुछ करना चाहते हैं, उसे करने के साथ, आप जैसे हैं, वैसे ही बनकर “रहने” के बीच में एक बैलेंस बनाने की कोशिश करें।
- अपने वादों पर अड़िग रहें: सिर्फ प्लानिंग करना ही काफी नहीं होता; अपने बात पर अड़े रहना भी जरूरी होता है। अगर आप किसी से कहते हैं, कि आप कुछ करेंगे, तो उसे पूरा करें। ठीक इसी तरह, अगर आप किसी काम को पूरा कर पाने को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, तो उसे करने का वादा भी न करें। अपनी लिमिट्स को लेकर भी सच्चे रहें।[४]
- प्लांस कैन्सल करने से बचें और जहाँ तक हो सके, किसी एक इंसान के साथ बनाए हुए प्लांस को दोबारा कैन्सल करने से बचें।
- अपने आप से कुछ वादे करें और उन वादों पर डटे रहें। इन वादों को लिख लें और किसी ऐसी जगह पर टांग लें, जहाँ से आप आसानी से इन्हें देख सकें।
- एक बात की पुष्टि कर लें, कि ये जो वादे हैं, ये आपको आपके लक्ष्य पूरे करने की दिशा में ही लेकर जा रहे हैं। अपने लक्ष्यों के सही दिशा में अग्रसर होने की पुष्टि करने के लिए, समय-समय पर इनकी ओर नजर डालें।
संपादन करेंबाहरी सफलता हासिल करना (Achieving External Success)
- शिक्षा या एज्यूकेशन प्राप्त करें: एज्यूकेशन से आपको ज्ञान, स्किल और अपनी अधिकतम क्षमता को पाने की विश्वसनीयता मिलती है। फायनेन्सियल सफलता के लिए, आँकड़ों के मुताबिक आप जितनी ज़्यादा शिक्षा प्राप्त करते हैं (मतलब कि आप जितनी हाइयर डिग्री पूरी करते हैं), आपके द्वारा उतने ही ज्यादा पैसे कमाने की संभावना भी होती है।[५]
- वर्ष 2011 में, हाई स्कूल ग्रैजुएट का मासिक वेतन लगभग Rs.10000, जबकि बैचलर डिग्री वालों का मासिक वेतन लगभग Rs.30000 तक होता था। और इसी वर्ष, अगर आप देखें तो, जिनके पास मास्टर या डॉक्टरेट की डिग्री है, उनका मासिक वेतन Rs.50000 या Rs.1,00,000 तक होता है।
- सारी एज्यूकेशन का फॉर्मल होना जरूरी नहीं है। किसी एक ही फील्ड में अपनी शिक्षा को और बढ़ाना (Apprenticeships) और लाँग-टर्म ट्रेनिंग-प्रोग्राम भी पॉज़िटिव रूप से आपकी इनकम को बढ़ाने में मददगार होते हैं। अपने फील्ड में ही सर्टिफिकेट हासिल करना भी आपकी सैलरी को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है।
- अपनी खुशी के लिए खुद को शिक्षित करें। आप अपने आसपास की दुनिया के बारे में जितना ज्यादा जानेंगे, आपके मन में उतने ज्यादा सवाल आएँगे और आप उतने ही ज्यादा आकर्षक भी बनेंगे।
- आपके फायनेंस को मैनेज करें: अपने पैसे मैनेज करने की सीख, समय के साथ, आपकी असली आमदनी के अनुरूप ही आपकी फायनेन्सियल स्थिरता की गारंटी भी देगी।[६]
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- अपने खर्चों के ऊपर नजर रखें। आपके पास में हर महीने कितने पैसे बच रहे हैं, ये जानने के लिए, आपकी मंथली इनकम में से घटा दें। साथ ही हमेशा आपके बैंक स्टेटमेंट्स पर भी ध्यान देते रहें, ताकि आपको पता चलता रहे, कि आप कहाँ आपके पैसे खर्च कर रहे हैं। ये आपको एक तो ज्यादा खर्चा करने से भी बचाकर रखेगा, साथ ही आपके बैंक स्टेटमेंट्स की जाँच भी हो जाएगी।
- अपनी इनकम को समझें। अपनी इनकम का हिसाब लगाते समय, ध्यान देकर केंद्रीय, राज्य और सोशल सिक्योरिटी टैक्स, जैसे टैक्स जो कि आपकी इनकम से ही कटे जाते हैं, का हिसाब भी करें। हैल्थ इनश्योरेंस प्रीमियम, सेविंग बांड और लोन पेमेंट्स जैसी अलग-अलग तरह की कटौतियों को नजरअंदाज न करें। अब जो बची हुई रकम है, वही आपकी वास्तविक इनकम होती है, जिसे आप आपके साथ घर ले जा सकते हैं।
- कुछ खर्च कम करें। अगर आप आपकी असल जरूरतों को पूरा करने के हिसाब से पर्याप्त पैसे नहीं कमा रहे हैं, तो यह देखने के लिए कि आप कहाँ पर कटौती कर सकते हैं, एक बार अपने खर्चों पर नजर डालें।
- पैसे बचाएँ। आपको अपने पैसे का कुछ हिस्सा तो जरूर हर महीने अपने सेविंग अकाउंट में जमा करना चाहिए। आप चाहें तो आपके एम्प्लोयर से भी आपकी सैलरी में से कुछ पैसे, सीधा आपके सेविंग अकाउंट में जमा करने का बोल सकते हैं।
- बड़ी सावधानी के साथ इन्वेस्ट करें। अगर आपके ऑफिस में किसी तरह का रिटाइरमेंट सेविंग प्लान चलता है, तो अपनी बची हुई इनकम को उसी में डाल दें।
- अपने वक़्त को मैनेज करें: किसी अहम काम को आखिरी वक़्त के लिए टालते रहने की वजह से आपको बे-वजह स्ट्रेस ही मिलेगा और साथ ही गलतियाँ होने की संभावना भी बढ़ेगी। अपने वक़्त को कुछ इस तरह से मैनेज करें, ताकि आपके पास में किसी भी काम को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए भरपूर वक़्त रह सके।
- खुद को पूरा दिन, एक पूरे हफ्ते और पूरे महीने तक ऑर्गनाइज़ करके रखने के लिए एक प्लानर का इस्तेमाल करें।
- अपने स्मार्टफोन पर एक रिमाइंडर सेट करें और ज्यादा बेहतर ढंग से वक़्त को मैनेज करने के लिए, इसके इलेक्ट्रोनिक टाइमर का इस्तेमाल करें।
- किसी दिन में की जाने वाली सारी चीजों या काम की एक लिस्ट तैयार कर लें और जैसे ही आप कोई काम पूरा कर लें, तो उसके सामने टिक करते जाएँ। ये आपको प्रेरित रहने में और ऑर्गनाइज़ रहने में मदद करेगा।
संपादन करेंअंदरूनी सफलता पाना (Achieving Internal Success)
- अभी जो है, उसी में मजे करें: अगर आप लगातार अपने पास्ट को याद करेंगे या अपने फ्यूचर के बारे में सोचते रहेंगे, तो इसकी वजह से आप अपने आज को पूरी तरह से जीना भूल जाएंगे। एक बात याद रखें, कि जो पास्ट और फ्यूचर है, वो सिर्फ एक झूठ है, अगर कुछ सच है, तो वो है, ये पल।
- अपने नेगेटिव विचारों की ओर ध्यान देना शुरू कर दें, ताकि आप उन से उबर पाएँ और अपने आज को जीना शुरू कर सकें। अगर आपके मन में कोई नेगेटिव बात आती है, तो उसे स्वीकार करें, उसे एक नेगेटिव विचार होने का दर्जा दें और फिर उसे छूमंतर हो जाने दें।[७] रेगुलर मेडिटेशन और माइंडफुलनेस एक्सर्साइज़ आपके लिए इसे ज्यादा नेचरल बनाने में मदद कर सकती है।
- अपने आसपास मौजूद छोटी से छोटी बात के ऊपर ध्यान देने की आदत बना लें। अपनी स्किन पर आने वाली सूरज की किरणों को महसूस करें, जमीन पर चलने पर पैरों में होने वाली फीलिंग पर गौर करें या आप जिस रैस्टौरेंट में खाना खा रहे हैं, वहाँ मौजूद किसी पेंटिंग के आर्टवर्क की तारीफ करें। इस तरह की चीजों के ऊपर ध्यान देने की वजह से आपका लगातार विचार करने वाला दिमाग कुछ पल के लिए थम जाएगा और हर एक पल को महसूस करेगा।
- अपनी ज़िंदगी की तुलना किसी और की ज़िंदगी के साथ न करें: दुर्भाग्य-वश, बहुत से लोग अपनी सफलता की तुलना अपने आस-पास के लोगों की सफलता से करते हैं। अगर आप भी सफलता महसूस करना चाहते हैं और खुश होना चाहते हैं, तो अपने जीवन की तुलना दूसरों के जीवन के साथ करना बंद करें।
- बहुत से लोगों की, अपने जीवन के अंदर मौजूद किसी कमी की तुलना, दूसरे लोगों के जीवन में मौजूद अच्छाई से करने की आदत होती है। याद रखें, किसी की ज़िंदगी आपको कितनी भी परफेक्ट क्यों न नजर आती हो, लेकिन अंदर ही अंदर हर एक इंसान किसी न किसी समस्या, इनसिक्योरिटी और अन्य तरह की दिक्कतों का सामना कर रहा होता है।[८] इसे याद रखने में आपकी सहायता के लिए सोशल मीडिया के उपयोग पर ध्यान दें और सीमित करें।
- कोई ऐसा इंसान जो आप से किसी मामले में "बेहतर" है, उसके साथ अपनी तुलना करने के बजाय उन सभी लोगों के बारे में सोचें, जिनके पास घर नहीं है, बहुत ज्यादा बीमार हैं या जो बहुत गरीबी में रह रहे हैं। ये आपको लाचारी का अहसास कराने के बजाय, आपके पास मौजूद चीजों के लिए आभार महसूस करने में मदद करेगा। इसे और ज्यादा स्पष्ट बनाने के लिए किसी वॉलंटियर वर्क में जुड़ जाएँ। ये आपकी खुशी में इजाफा करने के साथ-साथ आपके कोन्फ़िडेंस लेवल को भी बढ़ाएगा।
- अपनी ज़िंदगी से जुड़ी अच्छाइयों को गिनें: आप ज़िंदगी में क्या कुछ हासिल करते हैं, ये कोई मायने नहीं रखता, अगर आप अभी भी बस उन्हीं चीजों पर अपना ध्यान लगाएंगे, जो आपके पास में नहीं हैं, तो आप कभी अपनी ज़िंदगी में खुशी हासिल नहीं कर सकेंगे। इसकी जगह पर, अपने दिन के कुछ पलों को, आपके पास में जितना भी कुछ है, उसे ही सराहने में बिताएँ। चीजों से परे जाकर सोचें; अपने प्यारे लोगों की सराहना करें और अपने खुशी भरे पलों को याद करें।
संपादन करेंआपके जीवन के हर पहलू में सफलता के बीज बोना
- अपनी हैल्थ का ध्यान रखें: एक हैल्दी बॉडी, एक हैल्दी माइंड को सपोर्ट करती है। हमेशा बेलेंस्ड डाइट लिया करें और पुष्टि करें, कि आप किसी भी जरूरी न्यूट्रीएंट्स की कमी नहीं ले रहे हैं। हैल्थ से जुड़ी हुई समस्याएं, जैसे एनर्जी की कमी या ध्यान न लगा पाने की आदत, और उसके इलाज के लिए अपने डाक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट या किसी संबंधित हैल्थ प्रोफेशनल से मिलें। भरपूर एक्सर्साइज़ किया करें, लेकिन अपनी फिटनेस के लिए केवल वही विकल्प छूएँ, जिन्हें आप पसंद करते हैं।
- किसी भी मौके को हाँथ से न जाने दें: अगर आपके सामने उभरने का कोई अवसर आता है, तो उसे जाने न दें। अगर आपको चिंता है, कि आपके पास में अच्छे अवसरों के लिए समय और एनर्जी नहीं है, तो एक बार खुद से पूछें: क्या ये मेरे असली लक्ष्य को पूरा करने में मदद करने वाला है? अगर ये करता है, तो इस अवसर का लाभ उठाने के लिए, आप आपके किसी दूसरे वादे से पीछे हट सकते हैं।
- याद रखें, कुछ मौके जिंदगी में केवल एक बार ही आते हैं। आप उन्हें जाने नहीं दे सकते।
- इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है, कि आपको आपकी सारी सेविंग्स निकाल देनी है या अपने सुरक्षा के घेरे से बाहर निकल जाना है। इसका मतलब सिर्फ ये है, जब भी आपके सामने कोई मौका आए, तो आपको उसके लिए हाँ ही कहना है।[९]
- अपने चारों तरफ बस पॉज़िटिव लोगों को ही रख लें: ऐसे सारे लोगों को अपना फ्रेंड बनाएँ, जिन्हें आप कई वजहों से पसंद करते हैं: क्योंकि वो हमेशा खुश रहते हैं, वो दयालु हैं, उदार हैं, काम में सफल हैं या और किसी चीज़ में सफल हैं। ऐसे लोगों के साथ जुड़ जाएँ, जिन्होंने उन चीजों में उपलब्धि पाई है, जिसे आप पाना चाहते थे या जो आपकी तरह ही लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर निकले हुए हैं। ईर्ष्या को अपने रास्ते में न आने दें: किसी की भी उपलब्धि से आपको कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।[१०]
- जब भी किसी को अपना फ्रेंड बना रहे हों, तब खुद से पूछें, कि क्या वो आपको किसी तरह से प्रेरणा दे रहा है, वो पॉज़िटिव और कॉन्फिडेंट है या फिर क्या वो आपको थकान का अहसास दिलाते हैं, अभिभूत, या अक्षम महसूस करते हैं। ऐसे लोगों के साथ वक़्त बिताने की कोशिश करें, जो पॉज़िटिव हैं, न कि जो आपकी एनर्जी को खाने को तैयार बैठे हैं।
- अगर आपका कोई ऐसा फ्रेंड या फैमिली मेंबर है, जो हमेशा आपको आपके बारे में बुरा फील कराता है, तो उनके साथ में बिताए जाने वाले वक़्त को सीमित कर लें। इसके साथ ही अपने उन रिश्तों को पहचानने की कोशिश करें, जो आपको आपके लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगे बढ़ने में कोई मदद नहीं कर रहे हैं, जो आपको स्ट्रेस देते हैं या जिसे आपके बहुत ज्यादा वक़्त और एनर्जी की जरूरत होती है।
- आप जिन लोगों को पसंद करते हैं, उनमें अपने लिए एक मैंटर की तलाश करें। अगर आपको लगता है, कि आप उन से कुछ सीख सकते हैं, तो उनसे सलाह की मांग करें।
- दूसरों के साथ एक सीमा निर्धारित करें: अपनी खुद की जरूरतों को सामने रखें। दूसरों के प्रति अपनी परवाह दिखाएँ, लेकिन किसी की भी ओर से मिले अपशब्दों को कभी स्वीकार न करें। याद रखिए, एक अच्छे इंसान होने का मतलब ये नहीं, कि आपको किसी के द्वारा बोले हुए अपशब्द या गलत बर्ताव को स्वीकार करते जाना है।[११]
- दूसरों के द्वारा आपके लिए तैयार की हुई सीमाओं का भी सम्मान करें। आपके प्यारे लोगों को जब भी अकेले वक़्त गुजारने की या कुछ अकेले में करने की जरूरत हो, तो उनकी जरूरत का मान रखें।
- अपने आपको हर उस चीज़ से प्रेरित रखने की कोशिश करें, जो आपको प्रेरित कर सकती है: म्यूजिक हो, फोटोग्राफी हो या वो फ़ैशन हो या फिर अभी होने वाला कोई इवैंट। प्रेरणा के सबसे अच्छे स्त्रोत के अलावा और कुछ आपके अंदर कुछ करने की चिंगारी नहीं जगा सकता।
- अपनी जिंदगी में कोई एक पॉज़िटिव रोल मॉडल आपको प्रेरित रखने में मदद कर सकता है और वो आपको एक सही दिशा में बनाए रखने में भी मदद करेगा। आपका रोल मॉडल आपकी पहचान का कोई इंसान हो भी सकता है और नहीं भी। अपने रोल मॉडल की ज़िंदगी की कहानी के बारे में पढ़ें और उनके काम करने के तरीके अपनाने की कोशिश करें।
- दूसरों की उपलब्धियों से कभी ईर्ष्या न करें। ऐसा करने की बजाय, अपनी ज़िंदगी के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें।
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November 20, 2018, 3:30 am
बुखार या फीवर, जर्म्स को कमजोर बनाकर और इनके दोबारा जन्म लेने की क्षमता को कम करके, वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने की हमारे शरीर की एक सुरक्षात्मक प्रक्रिया का एक नेचरल हिस्सा है।[१] इसके साथ ही ये टॉक्सिन्स को जलाने में मदद करता है और इम्यून सिस्टम को उत्तेजित भी करता है। जैसे कि, फीवर हमारे शरीर की खुद को ठीक करने की एक पसंदीदा विधि है, इसलिए इसका “इलाज” केवल तभी किया जाना चाहिए, जब आपका शरीर किसी भी इन्फेक्शन को हैंडल करने के लिए काफी कमजोर हो जाए, जब ये फीवर इतना ज्यादा हो, कि शरीर के लिए इसे सहन कर पाना मुश्किल हो जाए या फिर जब ये आपको बहुत ज्यादा अनकम्फ़र्टेबल महसूस होने लग जाए। वैसे तो आप ज़्यादातर प्रकार के फीवर का इलाज घर पर ही कर सकते हैं, लेकिन अगर आपको बहुत खतरनाक डिहाइड्रेशन हुआ हो, जिसमें आपके होंठ, जीभ या नाखून नीले पड़ गए हों; बहुत खतरनाक सिरदर्द हो रहा हो; कल्पनाएँ होने लगें या चलने में परेशानी होने लगे; साँस लेने में दिक्कत हो; या चक्कर बगैरह आ रहे हों, तो आपको फौरन ही इमरजेंसी नंबर 102 (एम्ब्युलेन्स नंबर) पर कॉल करना चाहिए।[२]
संपादन करेंअपने घर के वातावरण में कुछ एडजस्टमेंट करना (Making Adjustments to Your Home Environment)
- खूब सारा पानी पिया करें: हर दो घंटे के अंतराल पर कम से कम 250 ml पानी पीने का उद्देश्य बनाकर चलें। आपका शरीर सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसी बीमारियां, जो फीवर के साथ में आती हैं, के चलते छींक आने और पसीना आने की वजह से फौरन मॉइस्चर खोने और डिहाइड्रेट होने लगता है। डिहाइड्रेशन की वजह से आपका टेम्परेचर बढ़ने लगता है और इसकी वजह से अक्सर ही सिरदर्द, चक्कर आना, मसल क्रैम्प, लो ब्लड प्रैशर और सब-कुछ धुँधला-धुँधला नजर आने लगता है।
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- एक एवरेज एडल्ट के लिए रोजाना कम से कम 2 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है।[३] अगर आप कुछ बदलाव चाहते हैं, तो कैफीन युक्त पेय लेना भी ठीक रहेगा, लेकिन ध्यान रखें, कि ये आपके लिए लिक्विड की आपूर्ति का एकमात्र सोर्स न रहें। बस शुद्ध पानी से ही आपकी फ्लुइड की नियमित आपूर्ति करें।[४]
- री-हाइड्रेशन के लिए स्पोर्ट्स ड्रिंक्स लेना भी उचित रहता है, लेकिन इन्हें भी बहुत सावधानी से ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। क्योंकि इस तरह की ज़्यादातर ड्रिंक्स में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, लेकिन ये आमतौर पर जरूरत से कहीं ज्यादा प्रदान किए जाते हैं। हो सके तो तीन भाग पानी में एक भाग स्पोर्ट्स ड्रिंक का मिला लें या फिर हर एक ग्लास स्पोर्ट्स ड्रिंक के लिए एक ग्लास पानी लें।
- रीहाइड्रेशन सोल्यूशन तैयार करें। आपको री-हाइड्रेटेड रहने के लिए किसी कमर्शियल ड्रिंक की जरूरत नहीं है--आप अपना खुद का ड्रिंक भी बना सकते हैं।
- यंग बच्चों के लिए, पीडियालाइट (Pedialyte) जैसे एक इलेक्ट्रोलाइट रीहाइड्रेशन सोल्यूशन का इस्तेमाल करें, क्योंकि इन सारे ही अनुपातों को खासतौर पर बच्चों के शरीर के हिसाब से ही तैयार किया जाता है।[५]
- बच्चों को रीहाइड्रेट करने के लिए, छोटे बच्चे या नवजात शिशु को हर एक घंटे में कम से कम 30 ml, ज़रा बड़े बच्चे को हर घंटे में 60 ml और बड़े बच्चे को हर एक घंटे में 90 ml तक पिलाएँ।[६]
- कम्फ़र्टेबल कपड़े पहनें: जब आपको फीवर हो, तो अपने शरीर को रिलैक्स करने के लिए और कूल बने रहने में मदद के लिए, लूज, कम्फ़र्टेबल, हवादार कपड़े पहनें। ऐसे सभी ज्यादा कपड़े और ब्लैंकेट बगैरह हटा दें, जो गर्मी देते हों और आपके फीवर को लंबे समय तक बनाए रखें। सोने के लिए हल्के कपड़े और हल्के ब्लैंकेट या शीट का इस्तेमाल करने की कोशिश करें।
- कॉटन, बाम्बू या सिल्क जैसे नेचरल फाइबर्स, एक्रिलिक और पॉलिएस्टर जैसे मनुष्यों द्वारा निर्मित फाइबर्स की अपेक्षा कहीं अच्छी तरह से साँस लेने में मदद करते हैं।
- रूम टेम्परेचर कम कर दें: ज्यादा टेम्परेचर की वजह से फीवर ज्यादा देर तक बना रहता है और बहुत ज्यादा पसीना भी आता है, जिसकी वजह से डिहाइड्रेशन हो जाता है। रूम टेम्परेचर लगभग 73–77℉ तक होना चाहिए। अगर रूम काफी गरम है या भरा हुआ है, तो फ़ैन भी आपके काम आएगा।
- भरपूर आराम करें: भरपूर आराम की वजह से, इम्यून सिस्टम के मजबूत होने के कारण, आपके शरीर को बहुत जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी। बहुत ज्यादा यहाँ-वहाँ घूमने से बचें। अगर मुमकिन हो, तो और ज्यादा आराम करने के लिए, अपने काम से छुट्टी ले लें।
- स्टडीज़ के मुताबिक, नींद की कमी से आपका इम्यून सिस्टम कमजोर होते जाता है, स्ट्रेस हॉरमोन के प्रॉडक्शन में बढ़त होती है, जिसकी वजह से आपको बहुत ज्यादा गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है और आपकी लाइफ की उम्मीद भी कम हो जाती है।
- बेहतर नींद के लिए शेड्यूल तैयार करने के ऊपर ज्यादा जानकारी पाने के लिए, कैसे बेहतर नींद ली जाए देखें।
- फीवर कम करने की दवाई लें: अगर आपका फीवर बहुत तेज़ है या आपके लिए बहुत गंभीर डिस्कंफ़र्ट पैदा कर रही है, तो आप फीवर-कम करने की दवा ले सकते हैं। फीवर के लिए बहुत सी दवाइयाँ मौजूद हैं: जिनमें एसिटामिनोफेन (acetaminophen), आइबुप्रोफेन, (ibuprofen) और एस्पिरिन (aspirin) के नाम शामिल हैं। ये सारी दवाएं आपको किसी भी मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जाएंगी, और ये एक बार इनके ऊपर लगे लेबल पर इनके द्वारा बुखार कम करने में मददगार होने की जांच जरूर कर लें।
- इनके डोज़ (खुराक) के बारे में काफी सावधानी से जाँच कर लें। अपने फीवर को कम करने के लिए इसकी सबसे छोटी खुराक लें।
- 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को डॉक्टर की सलाह के बिना एस्पिरिन (aspirin) दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। ये दवा रेई (Reye) सिंड्रोम, जो कि एक प्रकार की बीमारी है, जिसकी वजह से आपके ब्रेन और लीवर में सूजन आती है, के विकास से जुड़ी हुई है।[७]
- गरम पानी का शावर लें: 5-10 मिनट तक लिया हुआ, गरम पानी का शावर या बाथ पसीने को बढ़ावा देता है, जो आपके शरीर को ठंडा रखता है, दर्दभरी मसल्स को आराम देता है, और ठंड के कारण अवरुद्ध होने वाले साइनस को खोलता है। ध्यान दें, कि पानी इतना भी ज्यादा गरम नहीं होना चाहिए, जो आपके असली टेम्परेचर को बढ़ा दें, जिसकी वजह से आपका फीवर काफी लंबे वक़्त तक बना रह सकता है।[८]
- अपने शरीर को साफ रखने से, आगे होने वाले वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन की संभावना कम हो जाती है।
- स्पोंज बाथ लें: अगर आपके सामने नहाने लायक सुविधा मौजूद नहीं है या आपको नहाना सही नहीं लग रहा है, तो इसकी जगह पर एक नम टॉवल का इस्तेमाल करें। छोटी-छोटी टॉवल्स को गुनगुने पानी में डुबो दें और इन्हें अपने माथे पर या अपनी बाहों के नीचे रखें। ये पसीने को उत्तेजित करता है, जो आपके शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है, ब्लड सर्क्युलेशन में सुधार करता है और सर्दी-जुकाम या फ्लू के कारण, जमी नाक को खोलने में मदद करता है।
- ठंडे पानी, एक आइस पैक के इस्तेमाल से, या ठंडे पानी के शावर से आपको कंपकंपी होगी, जो आपके शरीर के कोर टेम्परेचर को बढ़ा सकती है, जिसकी वजह से आपका बुखार जम जाता है।[९]
- गरम टॉवल को किसी चोट पर या स्किन की सूजन पर न लगाएँ, क्योंकि इसकी वजह से ब्लीडिंग हो सकती है और सूजन और ज्यादा बढ़ भी सकती है।
- अपनी नाक को साफ रखें: अगर आपको सर्दी-जुकाम या फ्लू की वजह से बुखार आया है, तो सही तरीके से साँस लेते रहने के लिए जरूरी है, कि आप अपनी नाक को साफ रखें। साँस लेने में होने वाली तकलीफ आपके बुखार को और ज्यादा बढ़ा सकती है। अपनी नाक पर बहुत ज्यादा ज़ोर भी न लगाएँ, क्योंकि इसमें लगने वाले प्रैशर की वजह से आपके कान में दर्द भी हो सकता है। ध्यान देकर बहुत आराम से और सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही अपनी नाक को ब्लो करें।[१०]
- एक्स्पर्ट्स के अनुसार, आपको नाक ब्लो करते वक़्त अपनी एक उंगली को नोस्ट्रिल (नाक के छेद) पर और दूसरी उंगली टिशू पर रखना चाहिए।[११] अगर आपके बच्चे को या नवजात शिशु को जुकाम हुआ है, तो उन्हें, उनकी नाक को सही तरीके से ब्लो करने में मदद कर दें।
- दूसरे बैक्टीरिया या वायरस की वजह से और कोई इन्फेक्शन न हो, इसके लिए हर बार अपनी नाक ब्लो करने के बाद, अपने हाँथों को अच्छी तरह से धो लें।
- घर के अंदर ही रहें: अगर आपको बुखार आते वक़्त आप घर से बाहर नहीं हैं, तो ऐसे में घर के अंदर, जहाँ पर हवा में सूखापन है और टेम्परेचर में कोई फर्क नहीं पड़ेगा, रहना आपके लिए सही रहेगा। अगर आपको बुखार के होते हुए भी, घर से बाहर जाना ही पड़ रहा है, तो बाहर किसी शैड या छत के नीचे ही रहें और अपनी एक्टिविटी को सीमित ही रखें।[१२]
- स्मोकिंग न करें: लंग कैंसर होने के रिस्क और अन्य तरह की साँस से जुड़ी हुई बीमारी होने के अलावा, स्मोकिंग की वजह से इम्यून सिस्टम पर भी फर्क पड़ता है।[१३] इस प्रकार स्मोकिंग की वजह से शरीर को वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने में काफी कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होती है, जिससे शरीर का तापमान को बढ़ जाता है। इसलिए जब तक आपका बुखार ठीक नहीं हो जाता, तब तक सिगरैट, निकोटिन और अन्य दूसरे तंबाकू वाले प्रोडक्टस से दूरी बनाकर रखने में ही आपकी भलाई है।
- बच्चों (खासकर नवजात) को कभी भी स्मोकिंग के धुएँ के संपर्क में नहीं आना चाहिए, खासतौर पर जब उन्हें बुखार हो, तब तो बिल्कुल भी नहीं।
- कैफीन इनटेक कम करें: बुखार के दौरान, आपके लिए बहुत ज्यादा कैफीन का सेवन, नुकसानदायक हो सकता है। कैफीन की अधिकता की वजह से फीवर, सिरदर्द, अनिद्रा, डायरिया, और सिर घूमने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। कैफीन की वजह से ज्यादा पानी का विसर्जन हो जाता है और इसे अधिक मात्रा में लेने की वजह से डिहाइड्रेशन का खतरा भी हो सकता है।[१४] जब आपको बुखार हो, तो कम कैफीन का सेवन करें या इसकी मात्रा को 100 mg तक सीमित कर दें।
- 1 कप पिसी हुई कॉफी में 133 मिलीग्राम कैफीन होता है, और 1 कप ब्लैक टी में 53 मिलीग्राम कैफीन होता है। इसके अलावा, शुगर वाला सोड़ा, एनर्जी और स्पोर्ट्स ड्रिंक लेने से भी बचें, क्योंकि इनकी वजह से फीवर के दौरान जी मचलना और उल्टी होने की संभावना बढ़ जाती है।
- कैफीन के ओवरडोज़ के बहुत से मामलों में, जी मचलना, उल्टी आना, सिने में दर्द, सिर चकराना, साँस लेने में परेशानी और बेहोशी आदि देखने को मिलती है।[१५]
- आप जब तक बुखार से निजात नहीं पा लेते, तब तक आपको किसी भी कैफीन युक्त पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।
- बच्चों और नवजात शिशुओं को कैफीन से दूर ही रखना चाहिए।
- अल्कोहल से दूरी बनाएँ: गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, आपको बुखार होने पर शराब पीने या अल्कोहल लेने से दूर रहना चाहिए, भले ही यह बीयर, शराब या कोई अन्य पेय हो। अल्कोहल आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, जो आपके शरीर के लिए बुखार से जल्दी उबर पाना मुश्किल कर देता है।[१६]
- रबिंग अल्कोहल (घिसने योग्य अल्कोहल) का इस्तेमाल न करें: स्किन पर रबिंग अल्कोहल लगाने की वजह से आपकी स्किन ठंडा-ठंडा महसूस करने लगती है। हालाँकि, ये काफी कम समय का अहसास होता है। ये ठंडा प्रभाव आपको बुखार के दौरान कोई मदद नहीं करता, क्योंकि इसकी वजह से आपको कंपकंपी छूटती है, जिसकी वजह से आपके शरीर का टेम्परेचर और बढ़ने लग जाता है।[१७]
- इसके साथ ही, आपकी स्किन अल्कोहल को सोख भी सकती है। छोटे बच्चों (और नवजात शिशु) के लिए, ऐसा करने की वजह से अल्कोहल पोइजनिंग का रिस्क भी बढ़ जाता है।[१८]
- अपने डॉक्टर के पास जाएँ: जैसे कि, आप बहुत तरह के बुखार का इलाज़ घर पर ही कर सकते हैं, लेकिन ऐसी बहुत सी खास परिस्थितियाँ हैं, जिनमें आपको इलाज़ के लिए किसी प्रोफेशनल से मदद ले लेनी चाहिए।
- अगर आपका बुखार 103-105℉ के बीच में अटका हुआ है, जो मेडिकल स्टोर से लाई हुई दवाओं (जैसे कि आईबुप्रोफेन और एस्पिरिन[१९]) से भी नीचे आने का नाम नहीं ले रहा है नहीं या फिर आपको किसी भी टेम्परेचर वाला बुखार पिछले बहत्तर (72) घंटों से ज्यादा से आया हुआ है, तो आपको फौरन डॉक्टर से मिल लेना चाहिए। बुखार होने पर, फौरन डॉक्टर की मदद लेने वाले कुछ अन्य कारणों में, ये कारण शामिल हैं:[२०]
- 3 महीने की उम्र तक के बच्चे को किसी भी तरह का बुखार आना।
- 2 साल की उम्र तक का कोई बच्चा, जिसे बहुत हाइ फीवर है या उसे बुखार आए 48 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं।
- आप अभी किसी यात्रा से लौटे हैं, आपकी कोई सर्जरी हुई है या वैक्सीन कराया है या फिर आप किसी तरह की ज्ञात एलर्जी वाले या खतरनाक पदार्थों के संपर्क में आए हैं।
- अगर आपको डायबिटीज़, एनीमिया, सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) या हार्ट या लंग से जुड़ी कोई बीमारी है।
- अगर आपको बार-बार हल्के से मध्यम बुखार का अनुभव करते हैं।
- बिना किसी ज्ञात कारण के आपकी स्किन पर एक नया रैश या खरोंच नजर आई हो।
- आपको यूरिन करते वक़्त दर्द हो रहा हो।
- फीवर और उन सारी दूसरी एक्टिविटीज़ के बीच के अंतर को पहचानें, जो शरीर के टेम्परेचर को बढ़ाती हैं: फिजिकल एक्टिविटी, मूड स्विंग, हॉर्मोनल बदलाव, अनियमित या हैवी खाना, टाइट या हैवी कपड़े, दवाइयाँ और हाइ टेम्परेचर के संपर्क में आने की वजह से भी शरीर का टेम्परेचर बढ़ जाता है। अगर आपको शक है, कि आपको हीट स्ट्रोक हुआ है, तो आपको फौरन ही इमरजेंसी नंबर पर कॉल करना चाहिए और अपने लिए मेडिकल केयर की तलाश करना चाहिए, क्योंकि इसकी वजह से आपको अकड़न या दिल का दौरा भी आ सकता है।
- हीट स्ट्रोक के कारण भी टेम्परेचर में बढ़त हो सकती है, लेकिन इस कंडीशन का इलाज़ दूसरे ढ़ंग से किया जाना चाहिए। अगर आपको लगता है, कि असली प्रॉब्लम तो हीट स्ट्रोक होना है, तो आप इसकी और ज्यादा जानकारी पाने के लिए, इससे संबंधित हमारे अन्य लेख पढ़ सकते हैं।
- तय करें, कि आपके बच्चे को उसके डॉक्टर को दिखाना चाहिए या नहीं: आपको अपने एडल्ट बच्चे की तुलना में, अपने छोटे बच्चे को आए हल्के फीवर के लिए भी डॉक्टर से बात कर लेना चाहिए। बच्चे की बुखार के लिए किसी भी दवाई का इस्तेमाल करने से पहले, हमेशा डॉक्टर से सलाह ले लिया करें। इसके अलावा भी आपको अपने बच्चे के लिए मेडिकल हैल्प तलाशनी चाहिए, अगर आपका बच्चा:[२१]
- 3 महीने से बड़ा है और उसका रेक्टल टेम्परेचर 100.4 °F (38 °C) या ज्यादा है
- वो 3-12 महीने बड़ा है और उसे 102.2 °F (39 °C) या ज्यादा का बुखार है
- वो 2 साल से छोटा है और उसे बुखार हुए 48 घंटों से ज्यादा वक़्त गुजर गया है
- वो अलर्ट नहीं है, आसानी से नहीं उठ रहा है, उसे हफ्ते भर से या और पहले से बुखार आता-जाता रह रहा है (चाहे वो बुखार बहुत ज्यादा न भी रहा हो या बुखार के लक्षण एक बार जाने के बाद वापस फिर से नजर आने लगे हों)
- रोते वक़्त उसको आँसू नहीं आ रहे हैं या रोना बंद नहीं कर पा रहा है
- उसका डायपर गीला नहीं है या फिर उसने पिछले 8 घंटे से यूरिन नहीं किया है
- उस में और दूसरे कोई लक्षण नजर आ रहे हैं, जिन्हें देखकर लगता है, कि उसका इलाज किया जाना चाहिए, जैसे कि गले में दर्द, कान दर्द, दस्त, मतली या उल्टी, या खांसी।
संपादन करेंअपनी डाइट में बदलाव करना (Making Changes to Your Diet)
- उत्तेजना बढ़ाने वाले फूड्स (इन्फ़्लैमेट्री फूड्स) से दूर रहें: बुखार उत्तेजना का ही एक रूप होता है, जिसे आपका शरीर हानिकारक पदार्थों के खिलाफ खुद को बचाने के लिए उपयोग करता है। ऐसे फूड्स, जो जलन पैदा करते हैं, वो आपके बुखार को और बदतर बना या ज्यादा समय तक बनाए रख सकते हैं। इसके अलावा ये अपच और ब्लोटिंग का कारण भी बनते हैं और आपको और ज्यादा अनकम्फ़र्टेबल भी महसूस कराते हैं। इन सारे फूड्स से ज्यादा से ज्यादा दूरी बनाए रखने की कोशिश किया करें, खासतौर पर तब, जब आपको बुखार हुआ हो:[२२]
- व्हाइट ब्रेड, पेस्ट्रीज और डोनट्स जैसे रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट
- तला हुआ भोजन
- सोड़ा या एनर्जी ड्रिंक के जैसे शुगर वाले मीठे पेय
- वील (veal), हैम (ham), या स्टीक (steak) जैसे रेड मीट और हॉट डॉग जैसे प्रोसेस्ड मीट
- मार्जरीन (Margarine), शॉर्टनिंग (shortening) और लार्ड (lard)
- एंटी-इन्फ़्लैमेट्री फूड्स लें: जैसे कि कुछ फूड्स लेने की वजह से इन्फ़्लैमेशन होती है, वहीं कुछ फूड्स इसे कम करने में मदद भी करते हैं। हालाँकि, अगर आपको कुछ खाने के बाद, जी मचल रहा है, अपच या उल्टी हो रही है, तो आपको बुखार उतरने तक उसे नहीं खाना चाहिए। कम सजावट वाली सलाद, नट्स और होल ग्रैन जैसे हल्के, नॉन-एसिडिक फूड्स फीवर के दौरान काफी आसानी से शरीर के द्वारा सोख लिए जाते हैं। इन्फ़्लैमेशन रोक सकने लायक फूड्स में, ये नाम शामिल हैं:[२३]
- स्ट्रॉबेरी, चेरी और ऑरेंज जैसे फ्रूट्स
- बादाम, अखरोट जैसे नट्स
- पालक या गोभी जैसी एंटीऑक्सीडेंट्स की अधिक मात्रा वाली हरी पत्तेदार सब्जियाँ
- सैल्मन, मैकरेल, तूना और सार्डिनजैसी फैटी फिश
- ब्राउन राइस, बाजरा, ओटमील और फ्लाक्स सीड जैसे होल ग्रैन
- ऑलिव या कैनोला ऑइल
- विटामिन सी लें: विटामिन सी एक जरूरी नेचरल एंटीऑक्सीडेंट है, जो इम्यून की फंक्शनिंग को बढ़ावा देता है, ब्लड शुगर मैनेज करता है, सेल की ग्रोथ और रिपेयर में मदद करता है और कई तरह की खतरनाक बीमारियों के रिस्क को भी कम करता है। हालांकि विटामिन सी की कमी, जो कि काफी दुर्लभ बात है, ये इम्यून सिस्टम को बहुत ज्यादा प्रभावित कर सकती है। फीवर के दौरान पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी लेने की वजह से आपके शरीर को तेजी से रिकवर होने में मदद मिलती है। विटामिन सी को रिकमंडेड डोज़ के आधार पर, 500 mg के डोज़ को दो या तीन भागों में बाँटकर आहार पूरक के रूप में लिया जा सकता है। जैसे कि स्मोकिंग की वजह से विटामिन सी में कमी आती है, इसलिए स्मोकर्स को हर रोज 35 mg एक्स्ट्रा विटामिन सी लेनी चाहिए। आप अपनी डेली की डाइट में विटामिन सी की प्रचुरता वाले फ्रूट्स को भी शामिल कर सकते हैं। विटामिन सी के अच्छे नेचरल सोर्स में ये चीज़ें शामिल हैं:
- मीठी रेड या ग्रीन पेपर्स
- ऑरेंज, पोमेलों, अंगूर, मौसम्मी जैसे खट्टे फल या नॉन-कॉन्संट्रेटेड साइट्रस जूस
- पालक, ब्रोकली और ब्रसेल स्प्राउट
- स्ट्रॉबेरी और रसबेरी
- टमाटर
- आम, पपीता और खरबूजा
- मैग्नीशियम लें: मैग्नीशियम, एनर्जी प्रॉडक्शन जैसे कई शारीरिक कार्यों के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। यह चिंता, तनाव, पुरानी थकान, छाती का दर्द भी कम करता है, और हैल्दी ब्लड प्रैशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में भी मदद करता है। मैग्नीशियम की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और कई तरह की हैल्थ प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं।
- मैग्नीशियम के नेचरल सोर्सेस में सैल्मन, मैकरेल, तूना, हैलबट, डार्क चॉकलेट, गहरी पत्तेदार हरी चीज़ें, नट्स, सीड्स, ब्राउन राइस, दाल, सोयाबीन्स, ब्लैक बीन्स, चने, एवोकैडो और केला का नाम शामिल है।
- कैल्शियम की वजह से मैग्नीशियम की खुराक के अवशोषण पर रोक लग सकती है, इसलिए बेहतर होगा, अगर आप मैग्नीशियम बाईकार्बोनेट और मैग्नीशियम ऑक्साइड जैसे पहले से एब्जोर्ब फॉर्म का इस्तेमाल करें। रोजाना 2-3 बार मैग्नीशियम के सप्लिमेंट्स की 100mg खुराक लेने की सलाह दी जाती है। एडल्ट्स को रोजाना लगभग 280–350 mg मैग्नीशियम लिए जाने की सलाह दी जाती है।
- मैग्नीशियम की अधिकता की वजह से विपरीत प्रभाव भी पड़ सकते हैं और कैल्शियम के अवशोषण में कमी आ सकती है, तो इसलिए जरूरी है, कि आप इसका ओवरडोज़ न लें। आपके लिए कितने डोज़ की जरूरत है, इसके बारे में आपके डॉक्टर से सलाह ले लें।
- होममेड सूप लेकर देखें: सूप जैसे गरम पेय पीने की वजह से, आपके शरीर के इंटरनल टेम्परेचर को कम करने में मदद मिलती है, हाइड्रेशन बढ़ता है और पसीना भी बढ़ता है, जो बुखार कम करने के लिए, आपके शरीर को ठंडा करने में मदद करता है।[२४] सूप के लिए शोरबा हल्का होना चाहिए और इसमें कोई आटा या अनाज नहीं होना चाहिए।
- 2 लीटर पानी में कुछ आलू के टुकड़े, कुछ चोप किए हुए गाजर के टुकड़े, बहुत ज़रा सी प्याज और लेटस, पालक या गोभी जैसी अन्य हरी पत्तेदार सब्जियाँ डालें।
- इसे हल्की आँच पर 1 घंटे तक पकने दें, फिर इस सूप को मग या कटोरे में निकाल लें। इसमें नमक सिर्फ लो ब्लड प्रैशर वाले लोगों के लिए ही डाला जाना चाहिए।
- बच्चे को नरम, हैल्दी डाइट दें: नरम डाइट में ऐसे फूड शामिल हैं, जो सॉफ्ट हों, बहुत ज्यादा स्पाइसी न हों और फाइबर भी कम ही हो, ताकि इसे पचाने में आसानी हो।[२५][२६] इन फूड के लिए कुछ अच्छे विकल्पों में ये नाम शामिल हैं:[२७]
- रिफाइंड व्हाइट फ्लोर से बने ब्रेड्स, क्रैकर्स, और पास्ता
- ओटमील या क्रीम ऑफ व्हीट जैसे रिफाइंड हॉट सेरेल्स,
- अगर कुछ अलग चाहते हैं, तो जूस लेना भी सही रहेगा, लेकिन अपने बच्चे को बहुत ज्यादा फ्रूट जूस भी न दें, क्योंकि बहुत से फ्रूट्स में साइट्रिक एसिड मौजूद होता है, जिसकी वजह से एसिड रिफ्लक्स होता है और उल्टी भी आ सकती है। इस तरह की ड्रिंक्स को आधा पानी, एक आधा जूस मिलाकर पतला करें। अगर आप होममेड जूस बना रहे हैं, तो इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले फलों और सब्जियों के पके होने की पुष्टि कर लें। इस जूस में सिर्फ 100% जूस ही रखें, और शुगर एड न करें। अगर बच्चे को उल्टी आ रही है, तो उसे जूस न दें।[२८]
- उन बच्चों के लिए, जिन्हें नियमित रूप से इसे पीने की आदत है, अगर वो उल्टी नहीं कर रहे हैं तो उनके लिए दूध एक ग्लास भी अच्छा विकल्प रहेगा।
- नवजात शिशुओं को, जब तक उनका बुखार न उतर जाए, सिर्फ पोषण से भरपूर पेय, माँ का दूध और पीडियालाइट जैसे कमर्शियल रीहाइड्रेशन सोल्यूशन ही देना चाहिए। सॉलिड फूड्स की वजह से बच्चे के डाइजेस्टिव सिस्टम पर काफी तनाव आ सकता है।[२९]
संपादन करेंहर्बल रेमेडी इस्तेमाल करना (Using Herbal Remedies)
- हर्बल टी पियें: हर्बल टी में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इनफ्लैमेट्री कंपाउंड पाये जाते हैं, जो रिलेक्स होने में, अपचन और गैस्ट्रिक रिफ्लक्स को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं, और इसके साथ ही ये बुखार से जुड़े हुए कंजेशन को कम करने में भी मदद करते हैं। कुछ टी का प्रभाव, इन्हें लेने के 2-3 घंटे के बाद, नजर आता है। बुखार से जुड़े हुए लक्षणों को कम करने में सहायक हर्बल टी में, कुछ ये नाम शामिल हैं:
- कैमोमाइल टी, अनिद्रा, एंजाइटी, इन्फ़्लैमेशन, हार्टबर्न, चेस्ट कोल्ड और गले में दर्द जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करती है। कैमोमाइल टी बनाने के लिए, 2-3 कप सूखे कैमोमाइल फूल को 1 कप गर्म पानी में 5 मिनट तक के लिए रखें, फिर इसे छानें और पी जाएं। किसी बच्चे को कैमोमाइल टी देने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले लें।
- पेपरमिंट टी के जरिये सर्दी या फ्लू से जुड़े हुए किसी भी कंजेशन को कम करने में मदद मिल सकती है और साथ ही इसमें मौजूद एक्टिव इंग्रेडिएंट मेंथोल की वजह से शरीर में ठंडा-ठंडा अहसास होता है। पेपरमिंट टी बनाने के लिए, ¼ चम्मच पेपरमिंट की पट्टियों को 1 कप गरम पानी में 3–5 मिनट के लिए रखें, फिर इसे छान लें और बिना मीठा मिलाए, इसे पी जाएँ। हल्के बुखार के लक्षणों को कम करने के लिए इसे दिन में 1-2 बार लिया जाना चाहिए। पेपरमिंट को जब मध्यम से गंभीर बुखार (103-105ºF) के दौरान लिया जाता है, तो इसकी वजह से मितली आ सकती है, इसलिए इसे छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं को नहीं दिया जाना चाहिए।
- चावल का पानी पियें: जब बुखार के साथ गंभीर दस्त या अपचन होता है, तब इसे चावल के पानी के जरिये कम करना एक अच्छा आइडिया हो सकता है।[३०] आप 1 लीटर पानी में 2 ½ चम्मच चावल को आधे घंटे तक उबाल कर चावल का पानी तैयार कर सकते हैं। फिर इसे छान लें और बचे हुए पानी को पी जाएँ।
- चावल के पानी को आप 2 साल से बड़े किसी भी बच्चे को, जिसे फीवर है, दे सकते हैं।
- लाल मिर्च या केयेन मिर्च (Cayenne peppers) का इस्तेमाल करें: अगर आपको चटपटा खाना अच्छा लगता है, तो ½ कटी हुई लाल मिर्च को या लाल मिर्च पाउडर को भी मिला सकते हैं, खासकर सूप के शोरबे में। केयेन मिर्च में कैप्सैकिन (capsaicin) होता है, जिसमें उपचार को बढ़ावा देने वाले एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ़्लैमेट्री गुण पाये जाते हैं। इसके साथ ही ये पसीने को भी बढ़ावा देती हैं, जो शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है।
- ऐसे लोग, जिन्हें लेटेक्स, केले, कीवी, चेस्टनट, और एवोकैडो से एलर्जी होती है, उन्हें केयने से भी एलर्जी हो सकती है।
- गैस्ट्रिक रिफ्लक्स या लो ब्लड शुगर (या ब्लड को पतला करने की दवा लेने वाले लोग) वाले लोगों को कैप्सैकिन नहीं लेना चाहिए।
- ऐसे बच्चे जो बीमार हैं, वो ज़्यादातर ब्लेंड हुए खाद्य पदार्थों को बेहतर मानते हैं और उन्हें सहन भी कर सकते हैं, इसलिए बच्चों और शिशुओं के लिए इस स्टेप को छोड़ दें।
- अदरक इस्तेमाल करें: अदरक, बुखार के साथ में जुड़े एंजाइटी, मितली, उल्टी, हाइ ब्लड प्रैशर और पाचन संबंधी दिक्कतों जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करता है, जिसकी वजह से आपकी हालत सुधार करने योग्य हो जाती है। अदरक का रस बहुत से केप्सूल में या न्यूट्रीशन फूड स्टोर्स में ऑइल के रूप में मिल जाता है। अदरक एक बहुत स्ट्रॉंग हर्ब होता है; इसलिए आहार स्त्रोतों सहित रोजाना इसे सिर्फ 4 ग्राम तक ही लेने की सलाह दी जाती है। ये ध्यान में रखी जाने वाली कुछ सावधानियाँ हैं:
- प्रेग्नेंट महिलाओं को एक दिन में 1 ग्राम से ज्यादा अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए।
- नवजात शिशुओं को और 2 साल से कम उम्र के बच्चों को अदरक नहीं दिया जाना चाहिए। अपने बच्चे को देने लायक डोज़ की सही मात्रा जानने के लिए, अपने डॉक्टर से बात करें।
- अगर आपको ब्लीडिंग डिसऑर्डर है या आप ब्लड-थिनिंग मेडिकेशन ले रहे हैं, तो आपको अदरक और साथ ही एस्पिरिन (aspirin) भी नहीं लेना चाहिए।
- लेमन बाम इस्तेमाल करें: लेमन बाम में टैनिन (tannin) नाम का एक एंटीवायरल, एंटी-इन्फ़्लैमेट्री सब्सटेन्स पाया जाता है। लेमन बाम अनिद्रा और एंजाइटी को कम करने में मदद कर सकती है और यह बुखार को कम करने में मदद के लिए पाचन को बढ़ावा दे सकता है। यह ज़्यादातर न्यूट्रीशन और हर्बल मेडिसिन स्टोर्स में डाइटरी सप्लिमेंट, टोपिकल क्रीम, टिंचर, और हर्बल टी के रूप में उपलब्ध है।
- लेमन बाम एक्सट्रेक्ट मौजूद डाइटरी सप्लिमेंट्स को रोजाना दिन बार तक 300-500 mg तक लेने की सलाह दी जाती है।
- लेमन बाम टी बनाने के लिए, 1 कप पानी में ¼ टीस्पून सूखी हुई लेमन बाम 3-5 मिनट के लिए डाल दें। इसे छान लें और बिना मीठा मिलाए इसे फौरन पी जाएँ।
- लेमनग्रास ऑइल इस्तेमाल करें: स्टडीज़ के मुताबिक, लेमनग्रास में बहुत सारे एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इनफ्लैमेट्री गुण पाये जाते हैं, जो फीवर कम करने में मदद करते हैं।[३१] सर्दी-जुकाम या फ्लू की वजह से हुए किसी भी तरह के कंजेशन को कम करने के लिए और इन्फेक्शन से लड़ने के लिए, एक अरोमाथेरेपी के रूप में लेमनग्रास ऑइल का इस्तेमाल किया जाता है।
- 5 ड्रॉप एशेन्शियल ऑइल में 15 ml करियर ऑइल मिलाकर इसे पतला करना न भूलें और फिर इससे बड़े आराम से, 3-5 मिनट तक आपके माथे पर, या आपके गर्दन के पीछे मसाज करें। एक नम, गरम टॉवल के जरिए ऑइल को हटा लें।
- बच्चों और नवजात के लिए लेमनग्रास ऑइल नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- अगर आपका फीवर 104ºF (40ºC) से ज्यादा हो गया है, तो फौरन मेडिकल ट्रीटमेंट की तलाश करें।
- अगर आपको फीवर है, तो एक्सर्साइज़ न करें।
- आमतौर पर, फीवर इतने भी ज्यादा खतरनाक नहीं होते, और जब तक फीवर 106ºF (41ºC) से ज्यादा न हो, तब तक इसकी वजह से ब्रेन डैमेज भी नहीं होता।
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November 21, 2018, 3:30 am
रात में होने वाली पैरों की ऐंठन की परेशानी किसी को भी हो सकती हैं | लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं और बूढ़े लोगों में रात में पैरों में ऐंठन होने की परेशानी ज्यादा होती है और इस ऐंठन के कई सारे कारण हो सकते हैं | यहाँ कुछ ट्रिक्स और इनफार्मेशन दी जा रही है जिन्हें आप रात में आजमाकर पैरों में रात में होने वाली ऐंठन से बच सकते हैं |
संपादन करेंरात में पैरों में होने वाली ऐंठन में राहत पाने के लिए वेरीफाईड विधियों का उपयोग करें
- क़ुइनिन वाले टॉनिक वाटर को पीने के बारे में विचार करें: टॉनिक वाटर में पायी जाने वाली कुइनिन के लेने से देखा गया है कि रात में पैरों की ऐंठन में काफी आराम मिलता है।[१] दूसरी ओर, FDI कुइनिन के लार्जर डोज़ लेने की मनाही करते हैं जो क्वालाकुइन (Qualaquin) नामक दवा में पाई जाती है और मसल्स क्रेम्प्स के इलाज़ में लिए उपयोग की जाती है।[२] 1997 में कुइनिन ट्रायल्स पर कोह्रान रिव्यु के पब्लिश्ड और अनपब्लिश्ड ट्रायल्स में ये निष्कर्ष निकाला गया कि प्लेसिबो थेरेपी लेने वाले मरीजों की तुलना में कुइनिन ड्रग लेने वाले मरीजों में सुधार देखा गया केकिन टिटनेस जैसे साइड इफेक्ट्स विशेषरूप से कुइनिन लेने वाले ग्रुप में काफी देखे गये | इसके लेखक ने निष्कर्ष निकाला: "कुइनिन की साइड-इफ़ेक्ट वाली प्रोफाइल होने के कारण पैसिव मसल्स स्ट्रेचिंग जैसी नॉन-फार्माकोलॉजिकल थेरेपी फर्स्ट-लाइन ट्रीटमेंट के लिए बेस्ट होती हैं लेकिन अगर ये थेरेपी काम न करें तो कुइनिन का उपयोग गारंटी देता है | इस दवा को लिखने वाले फिजिशियन को मरीजों में इससे होने वाली रिस्क और बेनेफिट्स को क्लोजली मॉनिटर करना चाहिए |"[३].
- हाथ-पैरों में गर्म सेंक लगायें: गर्म पानी की बोतल या इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड्स मसल्स को ढीला और रिलैक्स कर सकते हैं और ऐंठन कम कर सकते हैं | लेकिन ध्यान रखें कि अगर आप इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड्स का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उन्हें पैरों पर लगाकर सोयें नहीं |
- अगर आपके पास दोनों तरह के हीटिंग पैड्स हैं तो क्रेम्प्स वाले एरिया में उचित मात्रा में वेपोरब लगाकर मसाज करें | धीरे-धीरे कूलिंग इफ़ेक्ट होगा और ऐंठन कम होगी |
- पोटैशियम युक्त चीज़ें लें: पोटैशियम की कमी से भी हाथ-पैरों में रात को ऐंठन हो सकती हैं (आमतौर पर पैरों में) |[४] अगर आप उचित मात्रा मे पोटैशियम नहीं लेते हैं तो अधिक पोटैशियम वाले सोर्स से ये कमी पूरी करें; इन सोर्स की सूची दी गयी है या खाने के साथ शुरुआत में पोटैशियम सप्लीमेंट लें | पोटैशियम युक्त चीज़ों में शामिल हैं:
- केला, खजूर, खुबानी, किशमिश या अंगूर जैसे फल |
- पत्तागोभी या ब्रोकॉली फैमिली की सब्जियां |
- ऑरेंज और ग्रेपफ्रूट |
- खारे पानी की मछली, पोर्क और लेम्ब |
- प्रेग्नेंट महिलाओं को मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेना चाहिए: कम उम्र की प्रेग्नेंट महिलाओं को मैग्नीशियम सप्लीमेंट से काफी फायदा मिलता है जो नार्मल बॉडी फंक्शन्स के लिए बहुत जरुरी होता है |[५][६] दुर्भाग्यवश, स्टडीज दर्शाती हैं कि आधिक उम्र के लोगों या बिना बच्चों वाले एडल्ट्स को मैग्नीशियम सप्लीमेंट से कुछ ख़ास फायदा नहीं होता |
- खूब पानी पियें और डिहाइड्रेशन से बचें: रात में पैरों में ऐंठन कभी-अक्भी पर्याप्त पानी न पीने से भी हो सकती है | ध्यान दें कि रात में होने वाली ऐंठन से बचने के लिए दिन में काफी H20 लें |
- दिन भर में आप कितना पानी पीते हैं ? मेयो क्लिनिक के अनुसार, महिलाओं को हर दिन लगभग 2.2 लीटर पानी पीना चाहिए जबकि पुरुषों को हर दिन लगभग 3 लीटर पानी पीना चाहिए |[७]
- क्या आप ये कह सकते हैं कि आप पर्याप्त पानी पीते हैं ? अपनी यूरिन की ट्रांसपेरेंसी चेक करें | क्लियर यूरिन पर्याप्त हाइड्रेशन का सिग्नल देती है जबकि येल्लोइश यूरिन हाइड्रेशन की कमी दर्शाती है |
- अल्कोहल से दूर रहें: बहुत अधिक अल्कोहल लेने से शरीर का पानी ख़म हो जाता है जिससे ऐंठन और बढ़ जाती है | अल्कोहल छोड़ना सेहत के लिए भी लाभकारी होता है |
- कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स लें: कैल्शियम चैनल ब्लॉकर शरीर की सभी सेल्स और ब्लड वेसल की वाल में कैल्शियम प्रवाहित करता है | हालाँकि ये प्राथमिक रूप से हाई ब्लड प्रेशर के इलाज़ के लिए उपयोग किये जाते हैं लेकिन रात में होने वाली पैरों की ऐंठन को दूर करने में भी काम आ सकते हैं |[८] डॉक्टर से प्रिस्क्रिप्शन और स्पेसिफिक डोजेज़ इनफार्मेशन लें |
- टाइट बेडशीट से दूर रहें: टाइट बेडशीट या कवर्स के कारण सोते समय पैर के अंगूठे अनजाने में नीचे की ओर बने रह सकते हैं | यह स्थिति पिंडलियों की ऐंठन के लिए ट्रिगर का काम कर सकती है | इसलिए ढीली बेडशीट पर सोयें जिससे पैर की अगुलियों के नीचे लटकने की सम्भावना कम हो; अगर अचानक पिंडलियों में ऐंठन हो तो पैर की अँगुलियों को शरीर के पीछे की ओर खींचें |[९]
- पैरों को निष्क्रिय छोड़ने से पहले पिंडलियों की मसल्स को स्ट्रेच करें: रात में पैरों को ढीला छोड़ने से पहले पिंडलियों की मसल्स को स्ट्रेच करने से मसल्स टेंशन कम की जा सकती है | इसे आजमाने के लिए नीचे दिए गये सेक्शन में पिंडलियों की मसल्स की स्पेसिफिक एक्सरसाइज देखें |
संपादन करेंक्रेम्प्स से राहत देने वाले स्ट्रेचेस आजमायें
- एक टॉवल के द्वारा अपनी पिंडली को स्ट्रेच करें: अपने पैर को एक टॉवल या बेडशीट पर सेट करके हॉरिजॉन्टली बाहर की ओर स्ट्रेच करें | इसे पिंडली में हैमबर्गर स्टाइल में फोल्ड करें जिससे इसमें आपका ऐंठन वाला पैर बंद हो जाये | इसके खुले सिरे को पकड़ें और एक बच्चे को सिक्यूरिटी ब्लैंकेट में गले लगाने के समान कसकर गले लगायें | इस प्रकार पैर कंप्रेस होने से या स्ट्रेस काम कर जाता है और इससे इफेक्टिव रूप से पैरों की मसाज भी हो जाती है |
- पिंडलियों के अंदरूनी हिस्से को स्ट्रेच करें: सिटिंग पोजीशन में, एक पैर को बाहर स्ट्रेच करें और दूसरे पैर (जिसकी पिंडली को स्ट्रेच करना चाहते हों) को मोड़ें जिससे घुटने आपकी चेस्ट तक आ जायेंगे | अब पैर को मोड़कर रखने के लिए पैर के अंगूठे के निचले हिस्से को पकड़ें रहें और जितना हो सके | इसे अपने शरीर की ओर खींचने का प्रयास करें |[१०]
- दीवार का सहारा लेकर पैरों को स्ट्रेच करें: उस करवट लेटें जिस तरफ की जांघ में ऐंठन न हो और दीवार की ओर मुंह करें | ऐंठन वाले पैर को इस प्रकार एक्सटेंड करें जिससे आपका सारा शरीर उस पैर के लंबबत हो और दीवार को पैर से टच करें | अब जांघ के पीछे की मसल्स को स्ट्रेच करने के लिए पैर वापस लाने से पहले 10 से 20 सेकंड तक रुकें |
- अपने अकिलिस टेंडॉन्स (पिंडलियों को एड़ी से जोड़ने वाले टेंडॉन्स) को स्ट्रेच करें: सिटिंग पोजीशन में, एक पैर को बाहर की ओर स्ट्रेच करें और दूसरे पैर को मोड़ें | मुड़े हुए पैर की एड़ी को अपने नितम्ब से सटायें | अपनी एड़ी को जमीन पर लगायें रखें लेकिन पैर की अँगुलियों को ऊपर की ओर लिफ्ट करें और मसल्स लूज होने तक स्ट्रेच करते रहें |
संपादन करेंघरेलू उपचारों से रात में होने वाली पैरों की ऐंठन में आराम पायें
- एक सामान्य आकार की साबुन के टुकड़े को अपने उस पैर में नीचे रखें जिसमे ऐंठन हो: वैकल्पिक रूप से, एक हाइपो-एलर्जेनिक लिक्विड सोप डायरेक्टली ऐंठन के सेंटर पॉइंट पर लगायें | थोड़ी देर में ही पैरों की ऐंठन पूरी तरह से गायब हो जाएगी!
- रात में होने वाली पैरों की ऐंठन में साबुन क्यों आराम देती है? हालाँकि यह सभी केसेस में काम नहीं करती लेकिन पिंडलियों (काफ) पर साबुन रखने से सोप जेल के मॉलिक्यूल्स डिफ्यूज होने लगते हैं और लम्बे समय के लिए आराम देते हैं |[११] हो सकता है कि एक्टिंग मॉलिक्यूल्स हवा में घुलने में सक्षम होते हैं या ये डायरेक्ट प्रभाविर एरिया के संपर्क में आने से काम करते हैं |
- गाय का दूध पियें: इस बात के पीछे की थ्योरी यह है कि दूध कैल्शियम के असंतुलन की गड़बड़ी को दूर करने में मदद कर सकता है इसीलिए रात में होने वाली पैरों की ऐंठन को दूर करने में मदद कर सकता है | दूसरी बात यह भी है कि मिल्क में फॉस्फोरस का हाई अमाउंट पाया जाता है जो क्रेप्म्स को और बढ़ा सकता है | कई लोग इस इलाज से फायदा मिलने का दावा करते हैं, इसलिए इस इलाज को खुद पर आजमायें और देखें की ये आप पर भी काम करता है या नहीं |
- प्राइमरोज़ ऑइल आज़माएँ: प्राइमरोज़ का उपयोग कई प्रकार की ट्रीटेबल कंडीशन्स में किया जाता है जिनमे एक्ने, एक्जिमा से लेकर हाई कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज तक शामिल हैं | इसलिए पॉसिबल है कि प्राइमरोज़ ब्लॉक्ड ब्लड वेसल्स के कारण होने वाले पैरों के दर्द और ऐंठन में आराम पहुंचा सके लेकिन इसके कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं |[१२] Take before bed.
- ब्रेवेर्स यीस्ट (शराब बनाने वाली सुराभांड) आज़माएँ: ब्रेवेर्स यीस्ट अतिरिक्त रूप से विटामिन B की सप्लाई के द्वारा पैरों में ब्लड सर्कुलेशन को सुधार सकती है | कुछ डॉक्टर्स इसे लेने की सिफारिश करते हैं लेकिन क्लिनिकल ट्रायल्स में इसके कोई वेरीफाइड रिजल्ट्स नहीं मिले हैं |[१३] हर दिन एक बड़ी चम्मच ब्रेवेर्स यीस्ट लेने की कोशिश करें |
- रिलैक्सिंग हर्ब्स के तौर पर वेलेरियन और स्कल्कैप दोनों का उपयोग करें: स्कल्कैप एंग्जायटी और इनसोम्निया का ट्रीटमेंट है जो अधिकतर वेलेरियन के साथ कॉम्बिनेशन के रूप में लिया जाता है जिसमे वेलेरियन एक अन्य सेडेटिव (निद्राकारक) दवा है |[१४][१५] लेकिन क्लिनिकल ट्रायल्स स्कल्कैप का सम्बन्ध लीवर डैमेज से बताते हैं और ऐसा काल तब होता है जब इसे अन्य बोटैनिकल्स के साथ कॉम्बिनेशन में लिया जाए | [१६]
- वेलेरियन और स्कल्कैप का उपयोग करते समय लेबल पर दीद्ये गये डायरेक्शन्स फॉलो करें या इन दोनों चीज़ों से अलग मिश्रण बनायें | याद रखें कि वेलेरियन में एक अलग गंध होती है जो अच्छी नहीं लगती और इसके आदत पड़ने के थोडा समय लग सकता है |
संपादन करेंकुछ दवाओं के कारण लेग क्रेम्प्स हो सकते हैं
- शोर्ट-एक्टिंग लूप डाइयूरेटिक्स पर नज़र रखें: शोर्ट-एक्टिंग लूप डाइयूरेटिक्स शरीर से अतिरिक्त पानी को हटाने में मदद करते हैं और ये अतिरिक्त पानी को ब्लैडर में पहुंचाते है जिससे वहां से यूरिन के रूप में पानी शरीर से बाहर निकल जाता है | अब आप अनुमान लगा सकते हैं कि इस तरह की मेडिकेशन लेग क्रेम्प्स से पीड़ित लोगों की परेशानी क्यों बढ़ा सकती हैं | क्रेम्प्स कई बार डिहाइड्रेशन के कारण होते हैं | अगर आप इनमे से कोई दवा लेते हैं और रात में पैरों में ऐंठन अनुभव करते हैं तो डॉक्टर से लॉन्ग-एक्टिंग लूप डाइयूरेटिक्स लेने या अन्य पॉसिबल उपायों के बारे में सलाह लें |[१७]
- Thiazide diuretics पर नज़र रखें: Thiazide diuretics जैसे शोर्ट-एक्टिंग लूप डाइयूरेटिक्स शरीर में मुख्य इलेक्ट्रोलाइट्स को खाली कर देते हैं जिसके कारण लेग क्रेम्पिंग हो सकती है | इस डाइयूरेटिक का उपयोग हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट फेलियर और ऐसी ही अन्य कंडीशन में किया जाता है |
- हाइपरटेंशन ड्रग्स की दूसरी क्लास भी है जिसे बीटा-ब्लॉकर कहा जाता है और इनसे भी मसल्स क्रेम्पिंग हो सकती है | बीटा-ब्लॉकर एड्रिनैलिन हार्मोन पर नियंत्रण रखते हैं जिससे हार्ट रेट स्लो हो जाती है | लेकिन साइंटिस्ट का मत पूरी तरह से साफ़ नहीं है कि ये क्यों लेग क्रेम्प्स का कारण बन सकते हैं, बल्कि इनका मानना है कि ऐसा धमनियों के सिकुड़ने के कारण हो सकता है |
- स्टेटिन्स और फाइब्रेट्स भी लेग क्रेम्प्स के कारण हो सकते हैं: हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए उपयोग किये जाने वाले स्टेटिन्स और फाइब्रेट्स भी मसल्स ग्रोथ को प्रभावित कर सकते हिं जिसके कारण मसल्स की एनर्जी कम हो सकती हैं | डॉक्टर से सलाह लें कि विटामिन B12, फोलिक एसिड और विटामिन B6 के लिए स्टेटिन और फाइब्रेट के सहायक पदार्थों का थोडा कम उपयोग किया जा सकता है या नहीं |[१८]
- ACE-इन्हिबिटर्स के बारे में विचार करें: ACE-इन्हिबिटर्स हाइपरटेंशन की दवा होती हैं जो एंजियोटेनसिन II नामक हार्मोन (जिसके कारण धमनियां सिखुद्ती हैं) पर काबू रखती हैं | ACE-इन्हिबिटर्स के कारण कई बार पोटैशियम का इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है जिससे पैरों में ऐंठन होने लगती है |
- नोटिस करें कि कहीं एंटी-सायकोटिक ड्रग्स लेग क्रेम्प्स का कारण तो नहीं हैं: स्चिज़ोफ्रेनिया (एक प्रकार का पागलपन), बाईपोलर और अन्य कंडीशन में उन ड्रग्स को देने के बारे में चेतावनी दी जाती है जो आमतौर पर डिप्रेशन, भ्रम (Hallucination) और घबराहट के इलाज़ के लिए दी जाती हैं | ड्रग्स की इस क्लास में जिनमे Abilify, Thorazine और Risperdal शामिल होती हैं, उनसे थकान, सुस्ती और कमजोरी होती है जिसके कई बार कारण लेग क्रेम्प्स होने लगते हैं | अगर आपको लगता है कि आपको एंटीसायकोटिक ड्रग्स के कारण लेग क्रेम्प्स हो रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह लें |
- रात में लेग क्रेम्प्स होने का सबसे सामान्य कारण है, शरीर में मैग्नीशियम की कमी होना | इसलिए कुछ समय तक हर दिन 200 मिलीग्राम मैग्नीशियम का उपयोग करें |
- लेग क्रेम्प्स से बचने के लिए एक शॉट पिकल जूस पियें |
- अगर लेग क्रेम्प्स बार-बार हों (जैसे हर रात 2 से 4 बार या उससे ज्यादा) तो इससे हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं | अगर आपको लगता है कि जरुरी है तो डॉक्टर को दिखाने के बारे में विचार करें |
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