February 12, 2019, 3:00 am
हालांकि यह जानना थोडा मुश्किल है कि क्या कोई व्यक्ति आपसे सच्चा प्यार करता है, मगर कुछ ऐसे इशारे हैं जिन्हें पहचान कर आप जान सकते हैं कि आपके गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के मन में क्या है। यदि आप जानना चाहेंगे कि वह व्यक्ति जिसे आप सचमुच में चाहते हैं क्या वह भी आपसे प्यार करता है, तब आपको इस पर ध्यान देना होगा कि वह व्यक्ति व्यवहार कैसा करता है, कहता क्या है और आपके साथ रहने पर करता क्या है। हालांकि प्यार का मतलब प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग अलग होता है, परंतु यह बता पाने के अनेक तरीके हैं कि क्या वह आपसे सच्चा प्यार करता है या उसे केवल आप पर आसक्ति है, आपको पसंद करता है, आपके पैसे से प्यार करता है या बस कुछ पलों के लिए आपकी ओर आकृष्ट हो गया है। यदि आप जानना चाहते हैं कि क्या वह आपसे सच्चा प्यार करता है तो इन चरणों का अनुपालन करिए।(How to Know if a Person Truly Loves You)
संपादन करेंध्यान दीजिये कि वह व्यवहार कैसे करता है (Notice How the Person Acts)
- देखिये कि क्या आपके साथ रहते समय वह स्वयं ही बना रहता है: प्रेम होने का एक अर्थ यह भी है कि आप दूसरे व्यक्ति से पूरी तरह से खुले हों। यदि आप उस व्यक्ति के बिलकुल दूसरे ऐसे पहलू को देख पाते हैं, जो कि उसके सार्वजनिक रूप से दिखने वाले रूप से बिलकुल भिन्न है, तब शायद प्रेम है। यदि आपका साथी सार्वजनिक रूप से गंभीर और शिष्ट रहता है, परंतु आपके साथ होने पर उसका मज़ाकिया और खिलंदड़ा रूप सामने आ जाता है, तब इसका अर्थ है कि वह आपके साथ खुल रहा है और वह आपसे प्यार करता है।
- यदि सामने वाला अपनी दिल की भावनाओं को भी आपके साथ बाँट सकता है और सहज रहता है तब यह प्यार है।
- यदि तब ही आपके सम्मुख सहज रहता है जबकि पूरी तरह सजा धजा न हो, गिरा पड़ा हो, उसके दांतों में गंदगी अटकी हो, तब इसका अर्थ है कि वह अपने सभी पहलू आपको दिखा कर भी निश्चिंत है।
- देखिये की क्या वह आपके साथ रह कर प्रसन्न रहता है – ऐसे दिनों में भी, जब सब कुछ ठीक नहीं भी चल रहा हो: यदि आपके प्रिय का दिन ठीक नहीं रहा हो मगर आपको देखते ही वह खिल जाता है, तब इसका अर्थ है कि, प्यार है। यदि उसे आपसे प्रेम हैं तब आपकी एक झलक या आपकी आवाज़ निश्चय ही उसका हाल बेहतर कर देगी – चाहे थोड़ा ही क्यों न हो।
- अगली बार जब वह चिढ़ा हुआ हो या उसका दिन ठीक नहीं गया हो, तब देखिये कि आपके सामने उसकी क्या प्रतिक्रिया होती है।
- देखिये कि क्या वह आपको गूगली नज़रों से देखता है: हालांकि यह बात सुनने में थोड़ी बेवकूफी भरी लगती है, मगर अगली बार जब आप उसकी ओर देखें, तब उसके चेहरे पर ध्यान दीजिये। क्या वह आपको मूर्खतापूर्ण, पनीली, हास्यास्पद मगर प्रेमपूर्ण नज़रों से देखता है, जिसे सिर्फ “गूगली नज़र” ही कहा जा सकता है? आपको पता चल जाएगा, जब आप उसको देखेंगी। आपको ऐसी नज़र हमेशा नहीं मिलेगी – आपको यह सुबह मिल सकती है या अनायास ही रात्रि भोज के समय।
- आप शायद कभी उस व्यक्ति को इसी मुखाकृति के साथ घूरता हुआ भी पा सकती हैं।
- देखिये कि क्या आपकी उपस्थिती में व्यक्ति को चक्कर आता है: प्यार लोगों को चक्कर में डाल देता है, वो हवा में उड़ने लगते हैं और बिना किसी वजह के हँसते रहते हैं। यदि आप किसी व्यक्ति को अपनी उपस्थिति में ऐसा करते हुये पाएँ तब शायद उसे प्यार हो गया है। क्या आपका प्यार, आपकी उपस्थिती में नर्वस, उत्तेजित और बिना कारण के हंसने की लिमिट पर पाया जाता है? यदि ऐसा है, तब यही प्यार है।
- यदि आपने कोई ऐसी बात कही हो जो कि बस थोड़ी सी ही हास्यास्पद हो, परंतु वह व्यक्ति उस पर ठहाके लगाने लगे, तब तो उसे प्रेमरोग हो ही गया है।
- यदि वह व्यक्ति आपकी उपस्थिती में थोड़ा बेचैन लगता हो या बहुत कुलबुला रहा हो तब शायद वह मात्र आपकी उपस्थिति से थोड़ा उत्तेजित हो सकता है।
- देखिये कि क्या आपके परेशान होने से, वह भी परेशान होता है: चाहे आपको असह्य भावनात्मक पीड़ा हो या केवल फ़्लू होने के कारण आपका रंग उड़ा हो, जो आपसे प्रेम करता है, उस पर भी उसका कुछ तो रंग चढ़ना ही चाहिए। यदि वह आपसे सचमुच में प्रेम करता है तब तो उसे भी आपके कुछ नेगेटिव मनोभावों को सोख लेना चाहिए और उसे बहुत परेशान हो जाना चाहिए क्योंकि वह तो यही चाहेगा कि आप जल्दी से जल्दी ठीक हो जाएँ।
- हालांकि उसे इतना परेशान नहीं होना चाहिए जितनी आप हैं, उस व्यक्ति को आपकी मनोभावनाओं से प्रभावित होना चाहिए, क्योंकि वह तो बस आपकी खुशी ही चाहता है।
संपादन करेंध्यान दीजिये कि वह क्या कहता है
- देखिये कि क्या वह व्यक्ति आपके साथ भविष्य की चर्चा ऐसे करता है जैसे कि सब कुछ तय ही हो: यदि व्यक्ति वास्तव में आपसे प्यार करता है, तब वह यह तो मान कर ही चलता है कि, उसके भविष्य में आप तो साथ हैं ही और उसे उसके संबंध में कभी भी परेशानी या अनिश्चय नहीं होता है। यदि वह व्यक्ति आम तौर पर नियमित रूप से यह चर्चा करता करता है कि भविष्य में आप क्या करने जा रही हैं, आप दोनों का जीवन एक, दो, या दस साल बाद साथ साथ में कैसा होगा, तब शायद वह आपसे प्यार करता है।
- वास्तविक प्रतिबद्धता का अर्थ है सदैव के लिए एक दूसरे का साथ निभाना। यदि व्यक्ति भविष्य की चर्चाओं में सदैव ही आपको शामिल रखता है तब अधिक संभावना यही है कि वह आपसे सच्चा प्यार करता है।
- यदि वह व्यक्ति ये बातें करता है कि आपके बच्चे कैसे लगेंगे, आप साथ साथ कहाँ पर सेवा निवृत्ति के बाद का जीवन बिताएँगे या आप मधुरात्रि के लिए कहाँ जाएँगे, तब शायद वह आपसे वास्तव में प्यार करता है।
- देखिये कि क्या वह आपकी अर्थपूर्ण प्रशंसा करता है: इस कथन में कि, “मुझे आपकी नई केश सज्जा पसंद है” और इसमें कि, “आपमें यह क्षमता है कि चाहे जो भी हो आप मुझे अच्छा लगवा ही देंगी” अंतर है। यदि वह व्यक्ति आपकी ऐसी प्रशंसा करता है जिससे आपके चरित्र और व्यक्तित्व के महत्वपूर्ण पहलुओं की तारीफ झलकती है, तब अधिक संभावना यही है कि वह आपसे सचमुच में प्रेम करता है।
- आपके प्रेमी को हर समय आपकी प्रशंसा के पुल बांधने की आवश्यकता नहीं है – अंतर, मात्रा से नहीं परंतु गुणवत्ता से पड़ता है।
- देखिये कि व्यक्ति जब “मुझे तुमसे प्यार है” कहता है तब क्या उसका अर्थ भी वही होता है: याद रखिए कि “प्यार है!” और “मुझे तुमसे प्यार है” में बहुत अंतर होता है। यदि आपका व्यक्ति विशेष, आपसे सच में प्यार करता है और आपकी आँखों में आँखें डाल कर ईमानदारी से, बिना कुछ और मांगे हुये, यही कहता भी है, तब संभावना यही है कि उसका अर्थ भी यही है।
- यदि इसमें कोई शक नहीं है कि वह आपसे प्यार करता है, तब वह बिना किसी कारण के भी इसको कहेगा, इसलिए नहीं कि उसे कुछ चाहिए या उसे लगता है कि यह कहना ठीक होगा।
- देखिये कि क्या वह व्यक्ति वास्तव में आपसे खुलता है: यदि आपका प्यारा आपसे वास्तव में प्रेम करता है तब वह वास्तव में आपसे खुलेगा और अपने विचार, भावनाएँ, डर और इच्छाएँ आपको बताएगा। यदि वह आपसे अपने बचपन, अपने पछतावे, अपने सबसे दुखद पल, और भविष्य के सबसे रूमानी सपने बता सकता है तब संभावना यह है कि यह सब इसीलिए संभव है क्योंकि वह व्यक्ति आपसे सब कुछ बता कर भी आश्वस्त है।
- यदि वह व्यक्ति आपको बताता है कि, “मैंने आज से पहले यह सब किसी और को नहीं बताया है .....” तब अधिक संभावना इस बात की है कि वह सचमुच में आपसे प्रेम करता है और आप पर विश्वास भी।
- देखिये कि क्या आपका प्रिय आपको बताता है कि जब आप दोनों अलग होते हैं तब उसे आपकी कितनी याद आती है: यदि जब आप और आपकी प्रिया एक दूसरे से अलग होते हैं, तब भी वह आपको टेक्स्ट करके, फ़ोन कर के या ई मेल द्वारा यह बताती है कि उसे आपकी कितनी याद आती है और उसके लिए आपके बिना जीवन का कोई अर्थ ही नहीं है। यदि आप तीन सप्ताह की छुट्टी पर जाते हैं और इस बीच में आपको उससे कोई संदेश नहीं मिलता है, तब शायद यह प्यार नहीं है।
- उसे आपको लगातार फ़ोन कर यह बताते रहने की आवश्यकता नहीं है कि उसे आपकी याद आ रही है।
- देखिये कि क्या वह व्यक्ति सहज रूप से आपकी गलतियों की ओर संकेत कर सकता है: यदि वह व्यक्ति वास्तव में आपसे प्रेम करता है तब उसके मन में आपकी कोई आदर्श छवि नहीं होगी। अगर प्यार सच्चा है, तब तो जब आपसे कोई भूल हो जाये, आप कुछ तर्कहीन बात कह बैठें या आप कुछ गलत कर बैठी हों, वह सहजता से आपको बता सकता है। हालांकि व्यक्ति को आपकी लगातार आलोचना नहीं करते रहना चाहिए, परंतु उचित आलोचना का अर्थ है कि व्यक्ति आपको वास्तव में पूरी तरह से पहचानता है और आपकी भूलों तथा आपके श्रेष्ठ गुणों, दोनों को ही स्वीकार करता है।
- यदि व्यक्ति आपसे कभी भी बहस “नहीं” करता है और कभी भी आपकी आलोचना “नहीं” करता है, तब तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। सुनिश्चित करिए कि व्यक्ति वास्तव में आपसे, न कि आपके आदर्श प्रारूप से, प्यार करता है।
- देखिये कि क्या व्यक्ति आपकी राय को वास्तव में मूल्यवान समझता है: यदि व्यक्ति वास्तव में आपसे प्रेम करता है, तब उसे आपके विचारों की चिंता होगी – चाहे वह नए जूतों के संबंध में हो या देश की राजनीतिक परिस्थितियों के संबंध में। यदि उसे आपसे प्रेम होगा तब वह आपकी सलाह और राय, छोटे बड़े सभी मामलों पर माँगेगा। उसे आपकी राय मांगने में संकोच हो सकता है, मगर वह इसलिए माँगेगा क्योंकि वह आपसे प्रेम करता है।
- वह आपकी राय हर विषय में नहीं माँगेगा – केवल उनमें जो महत्वपूर्ण हैं।
संपादन करेंध्यान दीजिये कि वह क्या करता है
- देखिये कि क्या वह आपकी बात सुनता है: यदि उसे आपसे सचमुच में प्रेम है, तब न केवल वह आपसे निस्संकोच होगी, बल्कि आप जो भी कहेंगे उसे सुनेगी भी – चाहे पहले भी क्यों न सुन चुकी हो। वह बिलकुल आपके कहे पर तो नहीं चलेगी मगर आपके दिल की बात सुनने के लिए आपके निकट रहेगी। अपने मन की बात कहने के लिए विषय बदलने के स्थान पर वह हामी भरेगी और विचारपूर्वक उत्तर देगी।
- प्यार में पड़ने का मतलब केवल सुनना भी होता है। उसका अर्थ केवल बातें कर सकना ही नहीं होता है।
- देखिये कि क्या असुविधाजनक होने पर भी – वह व्यक्ति आपके लिए सदैव बना रहता है: ठीक है कि जब आप कुछ मज़ेदार खाने या पीने वाले हैं तब तो वह व्यक्ति सदैव आपके साथ होता है, मगर तब क्या होता है जब आपको बाहर से आने पर हवाई अड्डे से आने के लिए सवारी चाहिए होती है या जब आप बीमार होते हैं तब आपके कुत्ते की देखभाल करने के लिए मदद की आवश्यकता पड़ती है? यदि व्यक्ति वास्तव में आपसे प्यार करता है, तब वह मज़े के दौरान और परेशानी में भी आपके साथ ही रहेगा।
- यदि वह व्यक्ति तब तो आप के साथ होता है जब आप खुश होते हैं, मज़ाक कर रहे होते है, आपका मूड अच्छा होता मगर जैसे ही आप दुखी या चिड़चिड़े होते हैं, वह वहाँ से भाग जाता है, तब यह प्यार नहीं है।
- प्यार का मतलब है कि उसके लिए हमेशा आप को होना है – चाहे जो भी हो। सच्चे प्यार करने वाले अच्छे “और” बुरे दोनों ही गुणों को स्वीकार करते हैं और सुख तथा दुख दोनों में ही साथ रहते हैं।
- देखिये कि क्या वह आपके लिए कुछ अच्छा करता है: अगर व्यक्ति आपसे सचमुच में प्यार करता है तब वह आपके लिए विचारपूर्ण चीज़ें करेगा जैसे आपके व्यस्त होने पर आपकी कार में पेट्रोल भरवा देगा, आपके लिए किराना खरीद कर ला देगा या आपके बीमार हो कर घर पर रहने पर आपके पथ्य की व्यवस्था करेगा। यह एहसान लगातार नहीं होने चाहिए और न ही इनकी अति होनी चाहिए, मगर यदि वह व्यक्ति आपसे सच में प्यार करता है तो वह ऐसी चीज़ें करना चाहेगा जिनसे आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाये और आपका जीवन सहज हो सके।
- सच्चे प्यार का अर्थ केवल यह नहीं है कि आप किसी व्यक्ति से क्या ले सकते हैं, बल्कि यह भी है कि आप दे क्या सकते हैं।
- यदि व्यक्ति आपसे सच में प्यार करता है तब वह आपके लिए बिना कहे ही अच्छी चीज़ें करेगा। यह तो निहित होना चाहिए कि कभी कभार आपको अनुग्रह अथवा सहायता की आवश्यकता पड़ेगी। अगर आपको “हर बार” किसी अच्छी चीज़ को मांगने की आवश्यकता पड़ती है, तब तो शायद यह सच्चा प्यार नहीं है।
- देखिये कि क्या वह आपके साथ रहना चाहता है: प्रेम में पड़ने का एक भाग यह भी है कि, सदैव साथ रहने की इच्छा हो, चाहे यह कितना भी अव्यावहारिक क्यों न हो। यदि वह व्यक्ति आपसे सचमुच में प्यार करता है तब वह आपके साथ ही रहना चाहेगा – बहुत ही अधिक। इसका मतलब यह नहीं है कि वह आप पर लदा ही रहेगा, परंतु इसका अर्थ है कि वह आपसे मिलने का कोई भी अवसर गंवाना नहीं चाहेगा।
- इसका अर्थ यह नहीं है कि वह व्यक्ति आपके साथ 24/7 रहना चाहेगा। मगर यदि वह महीने में आपसे एक या दो बार मिलने का ही समय निकाल पाता है, तब तो संभावना यही है कि शायद यह प्यार नहीं है।
- देखिये कि क्या उसे यह पता है कि कब आपको थोड़ी जगह देनी चाहिए: यदि व्यक्ति आपसे सच में प्यार करता है, तब वह न केवल आपके साथ बहुत अधिक रहना चाहेगा, बल्कि उसे यह भी मालूम होगा कि कब आपको जगह देनी चाहिए और अपने काम करने की स्वतन्त्रता भी। अगर वह व्यक्ति “सारे” समय आपके साथ ही रहना चाहता है तब तो यह प्रेम नहीं है – यह आसक्ति है। जैसे जैसे प्यार विकसित होता है, दोनों व्यक्तियों को यह समझ में आता है कि उन्हें अलग अलग भी चीज़ें करनी होती हैं और अपनी अपनी पहचान बनानी होती है।
- यदि व्यक्ति सारा दिन आपके साथ ही रहना चाहता हो, तब यह संकेत सच्चे प्रेम का नहीं बल्कि उसकी अपनी असुरक्षाओं का है।
- देखिये कि क्या वह व्यक्ति आपको समझता है: सच्चा प्यार समझदार होता है। हालांकि यह बात थोड़ी कमजोर लगती है, मगर आपसे प्रेम करने के लिए उसे आपको “पाना” चाहिए। अगर वह व्यक्ति वास्तव में आपके मनोभावों को समझता है, जानता है कि आप क्या चाहते हैं और इससे पहले कि आपको पता चले कि आपको किस चीज़ से खुशी मिलती है, उसे पता चल जाये, तब यह है सच्चा प्यार।
- अगर आपका “कुछ भाग” अनजाना रह भी जाता है, कोई बात नहीं है – यह आवश्यक नहीं है कि आपको शत प्रतिशत समझ ही लिया जाये, मगर आपको इतना तो समझ में आना ही चाहिए कि दूसरा व्यक्ति वास्तव में अधिकतर, सचमुच में यह समझ सकता है कि आपके मन में क्या है।
- देखिये कि क्या वह व्यक्ति सदैव आपका भला ही चाहता है – चाहे उसमें उसका भला नहीं भी हो: यदि व्यक्ति वास्तव में आपसे प्रेम करता है, तब उसे समझ में आयेगा कि आपको ऐसा भी कुछ करना पड़ सकता है जो कि उसके लिए सर्वश्रेष्ठ नहीं हो, या उसका अर्थ हो कि आपको कुछ समय अलग भी बिताना पड़ सकता है। अगर वह आपसे सच में प्यार करता होगा, तब उसे समझ में आ जाएगा कि आपको अपना मरीन बायोलॉजी का पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए पूरी गर्मियां उस वीरान द्वीप में बितानी होंगी, या उसके साथ शाम बिताने की जगह, आपको घर जल्दी जा कर टेस्ट के लिए अच्छी नींद लेनी है।
- यदि वह व्यक्ति हर समय केवल वही चाहता है जो कि “दोनों के लिए” सर्वश्रेष्ठ हो, तब वह आपको वास्तव में एक ऐसे विशिष्ट व्यक्ति की तरह नहीं देख रहा है, जिसकी अपनी आवश्यकताएँ और इच्छाएँ हों।
- देखिये कि क्या वह आपका वास्तव में समर्थन कर रहा है: यदि वह आपसे वास्तव में प्रेम करता है, तब वह केवल सुख में ही आपके साथ नहीं होता है, बल्कि आपके लक्ष्यों की प्राप्ति में और आपको जीवन में आगे बढ्ने में सहायता के लिए भी आपके साथ रहेगा। यदि वह वास्तव में आपसे प्यार करता होगा तब आपके खेल के समय आपकी सहायता के लिए साथ होगा, आपके शोध निबंध के समर्थन में आपके साथ होगा और आपको साथ नौकरी के साक्षात्कार में साथ ले जाने के लिए साथ होगा। और वह तब भी साथ होगा, जब आप उन विषयों पर बात करना चाहें, जो आपके लिए महत्वपूर्ण हों।
- यदि वह आपसे वास्तव में प्यार करता है, तब वह आपके लक्ष्यों की प्राप्ति में और रुचियों की प्राप्ति के प्रयास में आपका समर्थन करेगा, चाहे उनसे उसका कुछ भी लेना देना न हो।
- किसी की भी भावनाओं को मूल्यहीन मत समझिए।
- जब आप किसी की ओर आकृष्ट होते हैं, तब आप पाएंगे कि वह आपकी ओर अलग तरह से देखता या देखती है तथा आप के साथ होने पर मुस्कुराहट भी अधिक आती है।
- उनकी भावनाओं का ध्यान रखिए; जब कोई आपको पसंद करता है, तब आपकी गतिविधियों का उनके लिए बहुत मतलब होता है। शिष्ट बने रहिए।
- जब लोग आपसे बात नहीं करते हैं तब इसका मतलब यह नहीं है कि वे आपसे प्रेम नहीं करते हैं; हो सकता है कि वे शरमीले हों।
- मैत्री को छेड़छाड़ मत समझ लीजिये, अन्यथा आप को चोट पहुँच सकती है।
- यदि आपको संदेह हो कि वे आपको पसंद करते हैं, तब आप उनसे यह तो निश्चित ही नहीं पूछना चाहेंगे कि, “क्या आप मुझे पसंद करते हैं?” इससे वह व्यक्ति और भी शरमा जाएगा और फिर तो शायद कभी आपके साथ उठना बैठना पसंद नहीं करेगा।
- कभी भी आवश्यकता से अधिक ढील मत दीजिये। आप शायद उस व्यक्ति को खो बैठेंगे।
- यदि आपकी गर्लफ्रेंड/ बॉयफ्रेंड चिपकू लगते हों, या हर समय आपकी ही चिंता करते रहते हों, तब स्वयं से पूछिये कि क्या यह इसलिए है कि वे आपकी चिंता करते हैं। कभी कभी, वे ऐसा केवल आपके कारण करते हैं, न कि अपने लिए।
- हो सकता है कि वह अभी भी आपको पसंद न करता हो। यह संभवतः इसलिए नहीं है कि आपने कुछ भूल की है, यह इस कारण भी हो सकता है कि वह किसी भी जीवन बदलने वाले निर्णय के लिए प्रतिबद्ध नहीं होना चाहता/ चाहती है।
- यदि आपने अपनी रुचि में कमी, या संभावित असुविधा के बारे में बताया हो या पहले से ही आपका कोई संबंध हो जैसे गर्लफ्रेंड/ बॉयफ्रेंड या जीवन साथी हो तब वह प्रेम के बलिदान का प्रयास भी कर सकता है, बशर्ते कि आपने किसी भी और संबंध को बनाए नहीं रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को लगातार स्पष्ट कर दिया हो।
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February 13, 2019, 3:30 am
प्यार अलग-अलग प्रकार का होता है और यह जानने का कोई एक भी तरीका नही है कि क्या आप सच में इसे महसूस कर रहे हैं — या फिर यह सिर्फ़ एक आकर्षण मात्र है। हालाँकि जब भी आप अपने किसी खास के आसपास होते हैं, तब आप कैसा महसूस करते हैं और अपने व्यवहार पर ध्यान दे कर आप यह जान सकते हैं कि आप प्यार में हैं। यदि आप इसे कैसे करना है, पता करना चाहते हैं, तो इन दिए हुए चरणों का पालन करें (pyar ka pata kare, kaise jane ki aap pyar me he)।
संपादन करेंआप क्या सोचते हैं इस पर ध्यान दें
- ध्यान दें यदि आप अपना भविष्य अपने प्यार के बिना नहीं देख पा रहे हैं: यदि आप सच में प्यार में हैं तो आप अपने आने वाले समय को अपने प्यार के बिना देख ही नहीं पाएँगे। चाहे फिर दिन हो या रात या फिर मित्रों का साथ, यदि आप अपने आप को यह सोचने से नहीं रोक पा रहे हैं, तो इस का मतलब कि आप प्यार में हैं और "हो सकता है" कि आप को आप का वह "खास व्यक्ति" मिल चुका है। चाहे आप नये शहर में जाने के बारे में, बच्चों के बारे में, कहीं बाहर समय बिताने के बारे में या फिर कोई भी भविष्य के लक्ष्यों के बारे में सोच रहे हैं, और आप अपनी तरफ से इन सभी चीज़ों को अपने उस खास व्यक्ति के साथ करने का सोच रहे हैं। यदि आप अपने जीवन को अपने विशेष व्यक्ति के बिना सोच भी नहीं पा रहे हैं— ना सिर्फ़ आने वाली गर्मी का मौसम, या आने वाला नया साल या फिर कोई भी समय — तब आप शायद सच में प्यार में हैं। यहाँ पर आप के सच में प्यार में होने की कुछ निशानियाँ दी गई हैं:
- यदि आप अपनी ओर से अपनी ज़िंदगी का कोई भी नया अध्याय उन के बिना शुरू करने के बारे में नहीं सोच पा रहे हैं, चाहे यह एक नयी नौकरी हो, या कोई नई जगह पर जाने के बारे में।
- यदि आप अपने होने वाले बच्चों के बारे में सोच रहे हैं और अपने उस विशेष व्यक्ति के अलावा किसी और के साथ इस की कल्पना भी नहीं कर पा रहे हैं।
- यदि आप अपनी तरफ से अपने प्यार के बिना खुद की, ज़ीवन में आगे बढ़ते हुए कल्पना भी नहीं कर पा रहे हैं।
- ध्यान दें यदि आप अपने प्यारे मित्र के बिना कुछ घंटे भी नहीं बिता पा रहे हैं: प्यार में होने के लिए यह ज़रूरी नहीं है कि आप उन के लिए जुनूनी बनें; बल्कि इस का विपरीत सही साबित होता है। यदि आप का एक सुखद प्यारा रिश्ता है, तो आप को हर समय बिना अपने प्यारे मित्र के बारे में चिंता किए कि वह क्या कर रहा है या कर रही है, समय बिताने के लायक होना चाहिए। हालाँकि यदि आप अपने खास व्यक्ति की परवाह किए बिना कि वह क्या कर रहा है या कर रही है, एक हफ़्ता या एक महीना बिता पा रहे हैं, तब आप सिर्फ़ उसे पसंद करते हैं, लेकिन आप अभी तक प्यार की अवस्था में नहीं पहुँचे हैं। यहाँ पर आप के सच में प्यार में होने के कुछ संकेत दिए गये हैं:
- यदि आप अपने प्यारे मित्र के बिना कोई किताब पढ़ रहे हैं या फिर कोई मूवी देख रहे हैं और आप यह सोच रहे हैं कि वह इस के बारे में क्या सोचेगा या सोचेगी।
- यदि आप अपने प्यारे मित्र के बिना कुछ नये कपड़े चुन रहे हैं, और आप यह सोच रहे हैं कि वह आप के इस नये लुक को कैसे पसंद करेगा या करेगी।
- यदि आप सिर्फ़ अपने प्यारे मित्र की आवाज़ सुनने के लिए या फिर उसे हाइ (Hi) बोलने के लिए उसे कॉल या मेसेज करते हैं, तो आप सच में प्यार में पड़ रहे हैं।
- इस बात पर ध्यान दें, कि यदि आप अपने प्यार के सुझावों को सच में महत्व दे रहे हैं: यदि आप सच में प्यार में हैं तो आप अपने प्यार को सिर्फ़ इबादत के लायक ही नहीं समझ रहे हैं, बल्कि आप उसे एक अलग ही दृष्टिकोण वाला और बहुत से अद्वितीय सुझावों वाला जीता-जागता मनुष्य समझ रहे हैं। यदि आप सच में प्यार में हैं तो आप को अपने प्यार की विचारों को और उस की सोच को भी महत्व देना चाहिए, चाहे फिर ये आप के अगले करियर के बारे में हो या फिर और कुछ भी हो। हालाँकि आप को हर बात पर, वह क्या सोचता या सोचती है, इस बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है। यदि आप को सच में अपने प्यार की सोच की कद्र नहीं है, तब आप सच में अभी तक प्यार में नहीं पड़े हैं। यहाँ पर आप के प्यार में होने के कुछ संकेत दिए गये हैं:
- यदि आप कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने प्यार के विचारों पर ध्यान देते हैं, तब आप अपने साथी को प्यार में होने के लिए सच में बहुत ही गंभीरता से ले रहे हैं।
- यदि आप किसी कठिन सामाजिक स्थिति में हैं और आप को क्या करना चाहिए यह सोचने में अपने किसी खास की राय को महत्व दे रहे हैं, तब आप सच में प्यार में पड़ सकते हैं।
- यदि आप राजनीति कला या अन्य किसी चीज़ में अपने प्यार की सोच के बारे में सोच रहे हैं, तब भी आप प्यार में पड़ रहे हैं।
- ध्यान दें कि आप का प्यार आपको एक बेहतर इंसान बनने के लिए जागरूक कर रहा है: यदि आप सच में प्यार में हैं, तब आप भले ही अपने प्यार से पूरी तरह संतुष्ट हैं लेकिन फिर भी आप को अपनी स्थिति से संतुष्ट नहीं रहना चाहिए। हालाँकि आप अपने रिश्ते में और वह इंसान जो आप के लिए महत्वपूर्ण है उस के साथ रहकर खुश रहें, किसी ऐसे व्यक्ति के साथ प्यार में रहें जो आप को आप की ज़िंदगी के अगले स्तर पर ले जा सके और आप को पहले से भी बेहतर इंसान बना सके। यहाँ पर प्यार में होने के कुछ और संकेत दिए गये हैं:
- यदि आप और भी पढ़ना, और भी जानना, और भी ज़्यादा ध्यान रखना चाह रहे हैं और एक अच्छा इंसान बनना चाह रहे हैं, लेकिन अपने प्यार को खुश करने के लिए नहीं, बल्कि इस लिए क्योंकि वो आप को एक सकारात्मक तरीके से बदलने के लिए हमेशा ही प्रेरित करता है, तो आप प्यार में हैं।
- यदि आप अपने प्यार के आसपास रहने के लिए अपनी खामियों को भरना चाह रहे हैं और एक बेहतर इंसान बनना चाह रहे हैं, तब आप सच में प्यार में हैं।
- ध्यान दें कि जब आप अपने प्यार के साथ रहते हैं तो आप खुद का एक सर्वश्रेष्ठ रूप देखते हैं: यदि आप प्यार में हैं, तो आप जिस से प्यार करते हैं वह आप के अंदर के बेहतर इंसान को बाहर निकालने में आप की मदद करेगा। आख़िरकार आप प्यार में हैं और आप अपनी बाकी की ज़िंदगी भी उस इंसान के साथ ही बिताना चाह रहे हैं, तो वह इंसान आप को यह महसूस कराएगा कि आप इस दुनिया के सबसे अच्छे इंसान हैं। यदि आप को ऐसा लगता है कि आप के प्यार के साथ रह कर आप जैसे हैं, वैसे (वास्तविक) नहीं रह पा रहे हैं या आप किसी तरह से भी असंतुष्ट महसूस कर रहे हैं, तो शायद आप प्यार में नहीं हैं। यहाँ पर कुछ निशानियाँ हैं कि आप प्यार में पड़ चुके हैं :
- यदि आप कुछ साधारण से कपड़ों में भी अपने प्यार के आसपास सबसे खूबसूरत महसूस कर रहे हैं।
- यदि आप अपने साथी से किसी विषय पर बात करते वक़्त होशियार और स्पष्ट महसूस कर रहे हैं।
- यदि आप अपने प्यार के आसपास बहुत ही ज़्यादा आत्मविश्वास का अनुभव कर रहे हैं और कभी भी कुछ भी ऐसा बोलने से नहीं डरते जिसमें शायद आप मूर्ख साबित हों ।
- ध्यान दें कि आप अपने प्यार की खामियों को जानते हैं और आप उस के साथ सहज भी हैं: यदि आप सच में प्यार में हैं तो आप अपने प्यार की खामियों को भी यह सोच कर अपनाएँगे कि वह एक आम इंसान ही है – ना कि कोई भगवान। यदि आप इस बात पर ज़ोर देते हैं कि आप का प्यार एकदम सही होना चाहिए तो फिर यहाँ पर समस्या हो सकती है। लेकिन यदि आप कुछ इस तरीके से रहे हैं कि आप का प्यार थोड़ा सा मतलबी भी हो सकता है या फिर दुनिया का सब से अच्छा श्रोता नहीं भी हो सकता है, तो आप सच्चाई से रूबरू हैं और आप का रिश्ता एक सच्चा प्यार ही है।
- अपने प्यार की खामियों के बारे में जानने का मतलब यह नहीं कि आप को उन्हें इन के बारे में बता कर सही करने में उन की मदद नहीं करना चाहिए।
- यदि आप कुछ दो या तीन ऐसी चीज़ों के बारे में भी नहीं सोच पा रहे हैं, जिन से कि आप का प्यार एकदम सही से कुछ कम नज़र आए, तो आप सच में अपने प्यार को उसी की तरह से देख रहे हैं।
- यदि आप और आप का प्यार एक दूसरे के साथ इतने आराम से हैं कि एक दूसरे की खामियों पर हंस सकें तो, आप संभव रूप से सच्चे प्यार में हैं।
संपादन करेंआप जो भी करते हैं उस पर ध्यान देकर
- ध्यान दें कि आप अपने प्यार की मदद कर के खुशी महसूस कर पा रहे हैं: प्यार का मतलब ही यही होता है कि आप कुछ दे सकें। यदि आप सच में प्यार में हैं तो आप को कुछ देने में कुछ लेने से ज़्यादा आनंद आएगा। आप को अपने प्यार के खराब वक़्त में उस के लंच बना कर, या फिर उस के कपड़ों को धो कर भी आनंद आता है। हालाँकि आप को आप का लाभ लेने के लायक भी नहीं होना चाहिए, आप के प्यार को जब भी इस की ज़रूरत हो तो आप को उसकी मदद कर के खुश होना चाहिए और बदले में आप की मदद के लिए भी तैयार रहना चाहिए। यहाँ पर आप के प्यार में होने की कुछ और निशानियाँ दी गई हैं:
- यदि आप अपने प्यार के लिए चाय बना कर या फिर उसे अपनी पसंद की बेकरी से एक मिठाई दिलाकर, बिना यह सोचे कि आप अपना कीमती वक़्त गँवा रहे हैं, कुछ अच्छा महसूस कर रहे हैं।
- यदि आप अपने प्यार को कुछ सिखाना पसंद करते हैं, फिर चाहे वह समोसा बनाना हो या फिर गणित के एक कठिन से प्रश्न का समाधान हो।
- ध्यान दें यदि आप का प्यार आप को हंसा सके: प्यार का मतलब हर समय गंभीर होना नहीं होता। बिल्कुल, आप अपने प्यार की आँखों में देख कर घंटों गुज़ार सकते हैं, लेकिन यह थोड़ा उबाऊ भी लग सकता हैं। यदि आप सच में प्यार में हैं, तो आप को अपने प्यार के साथ हँसी मज़ाक करने के लायक भी होना चाहिए, और अपने प्यार की हास्य कला का आनंद लेने के लायक भी होना चाहिए। हालाँकि आप में से किसी को भी अपने रिश्ते को चलाने के लिए एक हँसाने वाला (comedian) बनने की भी ज़रूरत नहीं है, इस से तभी मदद मिलेगी जब आप एक उचित समय पर इस का उपयोग करेंगे। इस से ऐसा लगेगा कि आप एक दूसरे के साथ सहज हैं (और खुश भी हैं)।
- यदि आप के इस विशेष व्यक्ति के पास आप के खराब मूड को भी सही करने की क्षमता है, तो आप इस के साथ प्यार में पड़ सकते हैं।
- इस बात पर ध्यान दें कि यदि आप अपने प्यार के साथ कुछ छोटी चीज़ें कर के भी खुश हैं: अपने प्यार के साथ एक मूवी देखना या फिर उसे पिक्निक पर ले जाना भी एक बहुत ही अच्छा और अविश्वसनीय अनुभव होगा, सच्चे प्यार का मतलब अपने प्यार के साथ इस दुनिया की छोटी-छोटी चीज़ों से भी आनंद लेना है, जैसे घर जाते वक़्त रास्ते में आइसक्रीम खाना, घंटों बातें करना। यहाँ पर कुछ संकेत मौजूद हैं, कि अपने प्यार के साथ बिताए हुए समय का आनंद ले रहे हैं:
- यदि आप अपने प्यार के साथ बैठकर अपना पसंदीदा टीवी शो देखना पसंद करते हैं।
- यदि आप अपने प्यार के साथ बाहर आइसक्रीम लेने जाना पसंद करते हैं।
- यदि आप सिर्फ़ अपने प्यार के साथ रात में बैठना उतना ही पसंद करते हैं जितना कि एक असाधारण सी डेट (date) में करते हैं।
- देखें कि आप कितने कठिन वक़्त से निकले हैं: प्यार में सिर्फ़ फूल ही फूल नहीं होते, बल्कि यदि आप सच में प्यार में हैं, तो कुछ अच्छे दिन भी होंगे और बुरे भी और आप को इस समय भी अपने रिश्ते में बने रहने में सहज होना होगा, एक नौकरी के छूटने से लेकर अपने प्यार की मौत तक। कठिन परिस्थिति आप के रिश्ते की मजबूती को परखती है, और यदि आप इन्हें अपने प्यार के साथ पार करने के लायक नहीं हैं तो इस का मतलब यह है कि आप के पास अब तक अपने प्यार में होने की सही जानकारी नहीं है।
- यदि आप अपने प्यार की मौत पर भी साहसी बने रहते हैं, तो आप संभव रूप से सच्चे प्यार को महसूस करते हैं।
- इस बात पर ध्यान दें कि क्या आप अपने प्यार के लिए अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर निकलना चाह रहे हैं: यदि आप सच में प्यार में हैं, तो आप अपने प्यार के लिए कुछ नया और कुछ अनपेक्षित करना चाहेंगे, भले ही यह आप को थोड़ा सा डराए। इस का यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि आप को गर्म अंगरों पर चलना चाहिए या फिर अपने प्यार को पाने के लिए खुद को कुछ शर्मनाक करने की ज़रूरत है, बल्कि इस का मतलब आप को अपने प्यार के साथ कहीं दूर यात्रा पर जाना या फिर कुछ भी ऐसा करना है, जिस से आप का प्यार खुश हो।
- यदि आप कुछ ऐसा करने के बारे में सोच रहे हैं, जिसे आपने कभी भी करने का ना सोचा हो, जैसे कि एक नई भाषा सीखना या फिर तैरना सीखना, क्योंकि यह आप के प्यार के लिए बहुत ही ज़रूरी है, तो आप के और भी ज़्यादा प्यार में होने की संभावना है।
- यदि आप खुद को अपने प्यार के साथ असहज होकर भी सहज महसूस करते हैं तो फिर आप प्यार में हैं।
- ध्यान दें कि आप अपने प्यार के लिए समझौता करने को भी तैयार हैं: यदि आप प्यार में हैं, तो आप को यह पता होना ज़रूरी हैं कि आप को हर बार सिर्फ़ आप ही सही नहीं होंगे। यदि आप का प्यार आप के अकड़ू व्यवहार के कारण आप की हर बात को मान लेता है, तो आप प्यार में नहीं हैं। प्यार में होने का मतलब है कि कभी आप जो चाहते हैं उसे पाएँ और कभी आप का प्यार क्या चाहता है, वही करें; या फिर ऐसा कोई रास्ता अपनाएँ जिन से दोनों ही खुश हो सकें।
- यदि आप प्यार में हैं, तो सिर्फ़ आप को ही अपने प्यार के लिए समझौता करने की आवश्यकता नहीं है इस बारे में सोचे बिना कि आप जो चाहते थे आप को वो नहीं मिला, बल्कि आप दोनों को इस परिणाम तक पहुँचने के बारे में खुश होना चाहिए।
- यदि आप सच में प्यार में हैं, तो किसी एक के हर बार झुकने की बजाय, दोनों को ही समझौता करने के लायक होना चाहिए।
- ध्यान दें यदि आप अपनी एक अलग पहचान को बनाए रखने में सक्षम हैं: यदि आप सच में प्यार में हैं, तो आप को आप के प्यार के जैसे बनने की ज़रूरत नहीं है। बल्कि आप को अपने प्यार के साथ बढ़ने के साथ ही अपनी सोच को बनाए रखना होगा। यदि आप सच में प्यार में हैं, तो आप को ये चीज़ें करना चाहिए:
- अपने मित्रों के साथ बिना अपने प्यार के घूमने में सहज रहें और ऐसा ही अपने प्यार को भी करने दें।
- अपनी रुचियों को बनाए रखने में सक्षम रहें, जैसे कि योगा या फिर तैरना भले ही इन्हें आप का खास दोस्त ना करता हो।
- हमेशा ही अपने खास लोगों के समय बिताने के साथ-साथ कभी अकेले में कुछ सुखद क्षण बिताएँ।
संपादन करेंध्यान देकर कि आप क्या बोलते हैं
- ध्यान दें कि यदि आप अपने प्यार के सामने जो आप के मन में है उसे कह पा रहे हैं: यदि आप सच में प्यार में हैं, तो आप को अपने प्यार से बात करते समय खुद को रोकना नहीं चाहिए। इस का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप को उस के सामने खुद को ईमानदार साबित करने के लिए अपनी हर एक छोटी बात बताना ज़रूरी है, बल्कि इस का मतलब तो यह है कि आप को अपने रिश्ते में इतना सहज होना चाहिए कि आप बिना ऐसा सोचे कि आप का साथी यह सब सुन कर ऊब जाएगा, कुछ ऐसा जो आप को परेशान कर रहा है, उसे भी बता सकें।
- यदि आप इस बात की परवाह किए बिना कि शायद आप ऐसा बोल कर अपरिपक्व या मूर्ख लग सलते हैं, अपने प्यार के साथ अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं, तब आप शायद प्यार में पड़ रहे हैं।
- यदि आप कोई मज़ाक कर पा रहे हैं, भले ही यह कितना भी बकवास क्यों ना हो, तब आप और आप का प्यार दोनों एक ही स्थिति में होंगे।
- ध्यान दें कि यदि आप अपने प्यार के साथ बिना बात किए भी घंटों बिता पा रहे हैं: यदि आप सच में प्यार में हैं, तो यह बिल्कुल भी ज़रूरी नहीं है कि आप और आप के प्यार को ज़िंदगी की चीज़ों के बारे में या फिर हर समय अपने रिश्ते की स्थिति के बारे में ही कुछ गहन बात ही करना पड़े।
- यदि आप सच में प्यार में हैं, तो आप को किसी भी सीरियल के नये एपिसोड के बारे में बता कर खुश होना या फिर कोई भी छोटी सी बात कर के, और फिर भी ऐसा सोचना कि इतना काफ़ी है।
- यदि आप अपने प्यार के साथ फ़ोन पर सारा समय हँसने के बाद भी यह पूछें कि "तुमने अभी क्या बोला?" तब आप प्यार में हैं।
- देखें कि क्या आप अपनी कमज़ोरियों को अपने प्यार के सामने उजागर करने में सहज हैं: यदि आप सच में प्यार में हैं, तो आप को अपने प्यार को अपनी वास्तविकता से परिचित कराने में सहज होना चाहिए, भले ही आप इस में अपनी विशेषताओं को छोड़ कर भी कुछ बताएँ। यदि आप अपने बारे में इतना सब बता कर भी सहज महसूस कर रहे हैं तो आप सच में प्यार में हैं।
- यदि आप अपनी कुछ पुरानी ग़लतियों या फिर कष्टों को बताना चाह रहे हैं, तो आप संभव रूप से प्यार में हैं।
- आप को अपने प्यार को हर उस चीज़ के बारे में बताने की ज़रूरत भी नहीं है, जिस से आप को दुख पहुँचा है, लेकिन आप इसे बता कर और भी बेहतर महसूस कर सकते हैं। यदि आप प्यार में हैं तो एक दूसरे की कमियों को भी ग्रहण करने के लायक होंगे।
- ध्यान दें कि यदि आप हमेशा ही अपने विशेष व्यक्ति की सराहना के लिए तरीके खोजते हैं: यदि आप सच में प्यार में हैं, तो जब भी आपको अपने साथी की सराहना करने की ज़रूरत महसूस होती है, तो आप के मान में खुद-ब-खुद नये विचार आ जाते हैं। यदि आप सिर्फ़ "तुम बहुत सुंदर हो" या फिर "तुम बहुत मजाकिया हो" इस के अलावा कुछ नहीं सोच पा रहे हैं तो आप को यह जानने की ज़रूरत होगी कि आप उस इंसान से क्यों प्यार करते हैं। आप को अपने साथी के लिए कुछ ठोस सराहना करने की ज़रूरत होगी।
- यदि आप अपने प्यार के कभी ना ख़त्म होने वाले अच्छे गुणों से हमेशा ही प्रभावित होते हैं, तो आप प्यार में हो सकते हैं।
- यदि आप अक्सर अपने प्यार को उस के बारे में कुछ ऐसी बातें बताते हैं जो आप को पसंद हैं — और इस के मायने आप के लिए सच में भी हैं — तो आप प्यार में हो सकते हैं।
- यदि आप प्यार में हैं तो आप उन का आंकलन उनकी आंतरिक सुंदरता से करेंगे (ना कि सिर्फ़ बाहरी दिखावट से)।
- यदि उनकी एक नज़र ही आप के चेहरे पर मुस्कुराहट बिखेर देती है और आप को उत्सुक बना देती है, तो आप शायद प्यार में हैं। विशेष रूप से आप उन के बारे में सोच कर और भी खुश हो जाते हैं।
- जब आप प्यार भरे गीत सुनते हैं और अपने उस विशेष व्यक्ति के बारे में सोचते हैं, यह भी आप के प्यार में होने की एक निशानी है।
- जब आप प्यार में होते हैं और उन्हें देखते हैं, तब आप के दिल में अचानक से आप को एक झटका महसूस होता है और यह और भी तेज़ी से धड़कने लगता है।
- यदि आप उन्हें पसंद करते हैं, तो आप उन के सामने शर्म को महसूस करेंगे। यदि आप सच में इन्हें पसंद या प्यार करते है, तो आप उन के आसपास थोड़ा संकोची और सहज भी महसूस करेंगे।
- आप का दिल और भी तेज़ी से धड़केगा और आप शर्माएँगे या फिर उत्सुक होंगे और थोड़ा सा परेशान भी महसूस करेंगे। प्यार में धैर्य रखना बहुत ज़रूरी है, समय ही सब कुछ है।
- ये आप को खुशी और उत्सुकता तो देते ही हैं, लेकिन इस से भी ज़्यादा ये आप को आप में ही सर्वश्रेष्ठ भी बनाते हैं फिर चाहे ये भी आप को वापस प्यार दें या ना दें।
- जब आप प्यार में होते हैं तो उन्हें बार-बार देखने की या खोजने की कोशिश करते हैं।
- प्यार में जल्दी ना करें! अपने लिए किसी उचित व्यक्ति को ही चुनें। आप खुद को किसी से प्यार करने के लिए इस लिए मजबूर ना करें क्योंकि वे बहुत ही प्रसिद्ध हैं या फिर आप होना चाहते हैं।
- यदि आप इनका नाम बिना मुस्कुराहट के नहीं ले पा रहे हैं तो आप प्यार में हैं।
- यदि आप किसी का इंतेज़ार करना चाहते हैं या फिर उस के लिए बहुत देर के लिए रुकते हैं तो यह प्यार है।
- जब आप प्यार में होते हैं तो आप सो नहीं पाते क्योंकि आप इन के बारे में सोचना ही बंद नहीं कर पाते।
- उस इंसान के लिए जिस भी चीज़ की ज़रूरत हो आप करते हैं, भले ही आप इसे ना चाहते हों।
- यदि आप उस इंसान के सामने थोड़ा सा बेचैन महसूस करते हैं और आप का दिल में एक उछाल आती है तो आप प्यार में हो सकते हैं।
- यदि आप को लगता है कि आप उस व्यक्ति से प्यार करते हैं तो आप उन्हें अपने आप ही आँकने लगेंगे और कभी भी कुछ ग़लत होता है तो आप इन का ही पक्ष लेंगे।
- आप को दूसरों के सामने उन्हें चाहने का नाटक करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन आप इसे अपने दिल से महसूस कर सकते हैं।
- आप खुद को कुछ भी करने के योग्य पा सकेंगे।
- वे जहाँ भी जाते हैं आप भी वहीं जाना चाहें, तो यह प्यार या जुनून हो सकता है।
- यदि आप पहले भी किसी से मिले हैं लेकिन सिर्फ़ कुछ ही समय के लिए तो ऐसा ना सोच लें कि आप उनसे सच में प्यार करते हैं और हमेशा करते रहेंगे। उस समय पर आप को शादी करना या फिर अपना कौमार्य खोना एक सही निर्णय लगेगा, लेकिन बाद में आप को महसूस होगा कि आप उस इंसान से प्यार नहीं करते हैं और आपने एक ग़लती कर दी है। कुछ समय लें लेकिन निराशावादी भी ना बनें वरना आप अपना सच्चा प्यार खो देंगे।
- यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं तो ऐसा कभी भी ना बोलें की आप प्यार में हैं।
- आप सिर्फ़ उस इंसान से बात करना चाहते हैं पर यह नहीं जानते कि कैसे।
- आप को यह पता करना होगा कि वो भी आप की ओर ध्यान दे रहा या रही है।
- आप उन के सामने थोड़ा सा असहज महसूस कर सकते हैं, और यह भी एक निशानी है।
- यदि आप सिर्फ़ उन का शरीर पाना चाहते हैं तो यह प्यार नहीं सिर्फ़ वासना है।
- यदि आप सच में किसी पर विश्वास और उस की परवाह करते हैं पर कभी भी शारीरिक इच्छाओं के बारे में ना सोचा हो, तो आप सिर्फ़ एक अच्छे दोस्त की तरह ही इनकी परवाह करते हैं।
- यदि आप किसी से सच में प्यार करते हैं, तो उन्हें जितना जल्दी हो सके बता दें।
- जब आप यह महसूस करते हैं कि आप अपने प्यार को बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, तो ये भी प्यार की निशानी है।
- यदि आप उन्हें किसी और के साथ में देख कर जलन का अनुभव करते हैं तो आप उन्हें पसंद तो करते हैं, लेकिन आप उनकी इच्छाओं के साथ सहज हैं और उन के लिए सब कुछ अच्छा ही चाहते हैं।
- यदि यह इंसान, रात में आप के द्वारा सोची गई सबसे आख़िरी चीज़ हैं तो आप प्यार में हो सकते हैं।
- यदि आप इस पेज को पढ़ते समय तक सिर्फ़ एक ही इंसान के बारे में सोच रहे थे, तो आप उन के साथ प्यार में हैं।
- हो सकता है कि आप जिसे प्यार समझ रहे हैं वह एक आकर्षण या लालसा ही हो।
- बहुत से लोग किसी को पसंद करने में और प्यार करने को लेकर भ्रम में रहते है। सलाह देखें।
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February 14, 2019, 3:30 am
क्या आपकी कोई पुरानी फीमेल फ्रेंड है, जिससे आप बात करना चाहते हैं? हो सकता है, आपकी क्लास में कोई लड़की हो, जिसके आप काफी समय से करीब आना चाहते हों, लेकिन जानते नहीं कि कैसे। भले ही कैसी भी सिचुएशन हो, आप उसे अपने लिए उसी तरह से महसूस करा सकते हैं, जैसे आप उसके लिए करते हैं। कैसे ? आइये जानते हैं! (propose kaise kare)
संपादन करेंउसे आपकी फीलिंग्स के बारे में पता लगने दें
- सिचुएशन को समझते हुए शुरुआत करें: आपको सीधे ही रोमांटिक मोड में उतरने की जरूरत नहीं है। पहले उसे कॉम्प्लीमेंट्स देने से शुरुआत करें। उसकी तारीफ करने पर और "मैं आपको पसंद करता हूं" के जैसे कॉम्प्लीमेंट्स पर उसका रिएक्शन देखें। अगर वह मुस्काती है, ब्लश करती है, हल्के से शर्माती है, या आपके जैसे शब्दों के साथ प्रतिक्रिया करती है, तो आप जिस तरह से महसूस करते हैं, वह भी वैसा महसूस करती है।
- उसकी सुनें: "आज तुम्हारा दिन कैसा बीता?"
- उसे गिफ्ट्स और मॉन्यूमेंट्स दें: "मैं तुम्हारे लिए एक छोटा सा गिफ्ट लाया हूं, इसे देख कर मुझे तुम्हारी याद आ गई।"
- थोड़ा वक्त निकाल कर उससे मिलें, भले ही थोड़े समय के लिए, "मैं थोड़े काम से तुम्हारे घर की ओर आ रहा हूं- क्यों ना हम थोड़ी देर के लिए कॉफी पर मिलें?"[१]
- जब आप उसे बताने के लिए तैयार हैं कि आप कैसा महसूस करते हैं, तो उससे अकेले में बात करें: जब आप उसे बताते हैं कि आप कैसा महसूस करते हैं, तब अगर वहाँ आसपास और बहुत से लोग हैं, तो बात नहीं करें। यह उसे असहज और अजीब लग सकता है, और उसका जवाब शायद वो न हो, जो वह वास्तव में कहना चाहती थी। उसे कहीं अच्छी और शांत जगह ले जाएं और उससे कहने से पहले सुनिश्चित करें कि वह सहज महसूस करती है।
- " मैं अकेले में तुमसे कुछ पूछना चाहता था। तुम थोड़ा समय दे सकती हैं?"
- "चलो एक वॉक पर चलते हैं, मैं तुमसे एक बात शेयर करना चाहता था।"
- "हेलो, ______ , मैं तुमसे एक मिनट के लिए बात करना चाहता हूं?"
- उसे जानने दें कि आपको उसकी दोस्ती की कद्र है: उसे जानने दें कि आप उसकी कंपनी का आनंद लेते हैं, और आप दोनों साथ में बढ़िया समय बिताते हैं। इसे जल्दी करें, ताकि जल्द से जल्द आप अपनी बात कह सकें।
- "तुम जानती हो, तुम वाकई में कमाल की हो?"
- "मैं वाकई में खुश हूं, कि हम एक दूसरे के साथ समय बिता रहे हैं।"
- "तुम जानती हो, मैं तुम्हारे साथ सब कुछ शेयर कर सकता हूं। तुम एक बेहतरीन दोस्त हो।"
- एक गहरी साँस लें और उसे बताएं कि आप कैसा महसूस करते हैं: यह कठिन है, लेकिन आप एक गहरी साँस लें, तीन तक गिनें, और इसे कह दें, आप ज्यादा बेहतर महसूस करेंगे। जब तक आप दिल से कहेगें, आपको अपने साहस पर गर्व होगा।
- "मैं तुम्हे पसंद करता हूं।"
- "मैं सिर्फ तुम्हे बताना चाहता था कि मैं तुम्हे पसंद करता हूं।"
- "मैं अब और नाटक नहीं कर सकता कि मेरे अंदर तुम्हारे फीलिंग्स नहीं हैं। तुम बहुत खूबसूरत और एक बेहतरीन लड़की हैं।"
- "मुझे गर्व है कि तुम मेरी दोस्त हो। लेकिन मैं तुम्हे दोस्त से भी अधिक बनाना चाहता हूं।"[२]
- उसे विश्वास दिलाएं कि अगर वह सोचने के लिए समय चाहती है, तो अभी उसे निर्णय लेने की जरूरत नहीं है: वह आपकी भावनाओं से अचंभे में आ सकती है, और उसे निर्णय लेने के लिए समय की जरूरत हो सकती है। उसे समय दीजिए।
- उससे कहें "तुम्हे वैसा ही फील करने की जरूरत नहीं है, लेकिन मैं तुम्हे सिर्फ ये बताना चाहता हूं कि मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हूं।"
- "मेरा मतलब तुम्हे अजीब सिचुएशन या दबाव में डालना नहीं है! मैं सिर्फ तुम्हे बताना चाहता हूं कि मैं कैसा महसूस करता हूं। "
- "मुझे पता है कि यह पहली बार में अजीब लगता है। और इसके बारे में सोचने के लिए मैंने तुमसे अधिक समय लिया है। लेकिन अगर तुम इसके बारे में और बात करना चाहती हैं, तो मैं तैयार हूँ।"
- उससे एक डेट के बारे में पूछें: डेट के लिए एक ख़ास समय और दिन के साथ तैयार रहें। अगर वह किसी और चीज के लिए सहमत है, तो इसे कुछ "ऑफिशियल" दिन बनाएं।
- "मैं जब तुम्हारे साथ होता हूँ, तब बहुत खुश रहता हूँ और मैं चाहता हूं, तुम भी मुझे तुम्हे खुश करने का एक मौका दो। क्या तुम शुक्रवार को डिनर के लिए मेरे साथ बाहर चलोगी और मुझे वह मौका दोगी?"
- "मुझे वाकई में बहुत खुशी होगी, अगर तुम मुझे तुम्हे बेहतर तरीके से जानने का मौका दोगी। क्या तुम इस वीकेंड में पेंटिंग एक्शीविशन में मेरे साथ आ सकती हो?"
- "मेरे पास मूवी के इस वीकेंड के दो टिकट्स हैं। मुझे बहुत खुशी होगी, अगर तुम मेरे साथ आओगी ताकि हम दोनों को बात करने के लिए कुछ और समय मिलें, सिर्फ हम दोनों को।"
- ड्रामे या बड़े '"रोमांटिक"' इशारों से बचें: ड्रामेबाजी और फिल्मों की लाइने वास्तविक जीवन में काम नहीं करतीं। सिंपल रहें और इसे नॉमर्ल बनाएं - इन सबमें आपको सिर्फ अपनी भावनाओं को बाहर निकालने की जरूरत है। कुछ बातें जो आपको नहीं कहनी चाहिए या कहनी चाहिए:
- "मैं तुमसे प्यार करता हूँ।" यह उसके लिए बहुत जल्दी है, खासकर अगर उसने पहली बार आपके क्रश के बारे में सुना हो।
- "अगर हम डेटिंग पर नहीं जा सकते तो, मैं तुमसे दोस्ती नहीं रख सकता।" इस तरह के अल्टिमेटम्स लोगों को फंसाने के लिए हैं और यह उन्हें टेरिबल महसूस कराते हैं। यह रोमांटिक मैन्यूएवर (romantic maneuver) नहीं है।
- "मैं काफी समय से तुम्हे चाहता हूँ।" यह जितना कैज्युयल हो सकता है, रखें। आप उसे सहज और सुरक्षित महसूस कराना चाहेगें, ना कि दबाव में।
- "जहाँ तक आसमान है वहां तक में तुम्हे प्यार करता हूँ, आसमान में जितने तारे हैं में उतना प्यार तुमसे करता हूं... ब्ला ब्ला ब्ला" इसे सरल और सीधा बनाएँ।
- ग्रुप्स में एक साथ समय बिताएं: उसके सोशल सर्किल में अपने तरीके से काम करके उसके साथ दोस्ती करें। वह जिस क्लब में है, उसमें शामिल हों जाएं या जहां आपको पता है वह होगी, उन पार्टियों या फंक्शन में जाएं। उसे आपका चेहरा जानने दें, उससे कई बार बातें करें, और इससे पहले कि आप जान पाएगें, आप दोनों दोस्त बन जाएगें।
- वाकई में उसे जानने की कोशिश करें: उसकी पसंद और नापसंद, उसके शौक और चिढ़ को जानें। इससे आप सफलता के लिए सेट हो जाएगें; लड़कियां उन लड़कों के साथ डेट पर जाना पसंद नहीं करती, जो सिर्फ उन्हें इसलिए पसंद करते हैं कि वे सुंदर हैं। वे चाहती है, कोई हो जो वास्तव में उन्हें "पाना" चाहता हों। उनसे धर्म, राजनीति, जहां वह बड़ी हुई हों, उसके परिवार और अन्य महत्वपूर्ण विषयों के बारे में बात करें। फालतू विषयों पर भी बात करें!
- आपको उसे आपके बारे में भी जानने देना चाहिए! एक दोस्ताना बातचीत रखें और उसे अधिक से अधिक बात करने दें, लेकिन आप भी हर बार कुछ बिंदु रखें।
- उसके जुनून का अनुभव करें और उसे आपके जुनून का अनुभव करने दें: वह जो चीजें करना पसंद करती है, उनका समर्थन करें। गतिविधियों के बारे में जानें और हो सकें तो आप भी उनमें आनंद लेना सीखें। अगर आप नहीं करते या नहीं करना चाहते, तो उन नाटकों या प्रदर्शन को अटेंड करें। उसे महसूस होना चाहिए कि आप उन चीजों को महत्व देते हैं, जो जीवन में उसे खुश करती हैं। आपको उसे यह भी बताना है कि आप उन चीजों का आनंद ले रहे हैं, जिनसे उसे प्यार है। जुनून संक्रामक और बहुत आकर्षक होता है।
- एक अच्छे दोस्त बनें: जब उसका एक कठिन समय चल रहा हो, उसके साथ रहें, उसकी समस्याओं को सुनें, जब आप उसकी मदद कर सकते हैं करें, अगर मदद नहीं कर सकते तो उसे हंसाएँ, और एक साथ मजे करने के लिए हमेशा नई चीजों को खोजकर उसकी जिंदगी में आनंद भरें, और एक अच्छे दोस्त के रूप में खुद को स्थापित करें! फ्रेंड जोन से डरें नहीं: अगर आप सच में कम्पेटिबल हैं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, कि यह कितनी देर तक चलेगा; वह आपकी भावनाओं के लिए उत्तरदायी होगी।
- दोनों के बीच में विश्वास का बंधन बनाएँ: आपको एक विश्वास का माहौल बनाने की जरूरत है। कभी भी उससे बाहर जाने का पूछने से पहले वफादार बनें और उसके सामने अन्य लड़कियों से फ्लर्ट करते हुए या उनके साथ समय बिताते हुए ना पकड़े जाने का ध्यान रखें। उसे अपने सीक्रेट्स बताएं और जब वह आपको अपने सीक्रेट्स बताती है, उन्हें सीक्रेट ही रखें। कभी भी उसकी बताई गई बातों पर या उस पर ना हंसें। उसे लगना चाहिए कि वह आपसे कुछ भी शेयर कर सकती है।
- एक-दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं: अगर आप चाहते हैं कि वह आपके लिए सीरियस महसूस करना शुरू कर दें, तो आप दोनों को एक दूसरे के साथ कुछ समय बिताने की जरूरत हैं, जहां आप वाकई में एक दूसरे पर ध्यान केंद्रित कर सकें। उससे आपके किसी काम के लिए कहीं बाहर जाने का पूछें ना कि डेट पर, लेकिन सिर्फ एक दोस्त के रूप में। आप उससे आपके साथ कुछ करने के लिए भी पूछ सकते हैं (जैसे एक फिल्म देखने के लिए, वीडियो गेम खेलने के लिए) ।
- उसे पता चलने दें कि वह कितनी अमेजिंग है: जब वह आप के साथ है, उसे अच्छा महसूस होना चाहिए। उसे खुद के बारे में महत्वपूर्ण और अच्छा महसूस करने दें। उसकी तारीफ करें, कभी उसे नीचा ना दिखाएँ, और वह जो चीजें चाहती है, वहां तक पहुँचने के लिए उसे प्रोत्साहित करें। जब आप उसे कुछ अच्छा करते देखते हैं, उसे पता चलने दें, भले ही यह सिर्फ किसी की मदद करने की तरह छोटी बात हो।
- उसे स्पेस दें: कई लोगों का डेटिंग के बारे में संकोच करने का एक कारण यह है कि वे घबराते हैं कि डेटिंग में वे खुद को व्यक्त करने की क्षमता को खो देंगे। उन्हें लगता है कि वे अपना खाली समय, अपने दोस्तों को खो देंगे, या लोग उन्हें अलग तरह से देखने लगेगें। उसे यह दिखाकर कि उसे आप के साथ से डरने की कोई जरूरत नहीं है, खुद को अलग से निर्धारित करें। जब आप बाहर जाते हैं, खुद को व्यक्त करें और ऐसा करने पर उसे उसके दम पर मजेदार चीजों को खोजने में मदद करें।
- कोशिश करें, फिर से कोशिश करें: अगर वह ना कहती है, तो यह दुनिया का अंत नहीं है। आप उदास महसूस करेगें, लेकिन आपको कोई ना कोई और मिल जाएगी। आप अपनी भावनाओं के लिए या आप दोनों के बीच के संबंध के लिए किसी को फोर्स नहीं कर सकते। आपको कोई ऐसा मिलना चाहिए जो आपको उतना ही पसंद करें, जितना आप उसे करते हैं। ना तो यह आपकी गलती है कि वह आपके लिए वैसा महसूस नहीं करती और ना यह उसकी गलती है: कुछ लोग सिर्फ आपके अनूकूल नहीं होते। ऐसे में आप आगे किसी भी लड़की के साथ बेहतर संबंध बनाने के लिए खुद को विकसित करने पर काम कर सकते हैं। यह इस बात को सुनिश्चित करेगा, कि आपको आपके लायक सबसे बेहतर लड़की मिल जाएगी।
- अगर उसे फेस-टू-फेस बता सकते हैं, तो बताएं: यह डरावना है, लेकिन आप व्यक्तिगत रूप में उसे बताएं कि आप कैसा महसूस करते हैं। आप मैसेज, ईमेल, कोई दोस्त, या अन्य किसी तरीके का प्रयोग करेगें, तो आप बचकाने लगेगें और लगेगा जैसे आप इसकी ज्यादा परवाह नहीं करतें।
- अपने शरीर का ध्यान रखें: जब हम अपने शरीर की देखभाल नहीं करते हैं, तो इससे अन्य लोगों को लगता है कि हम खुद को ध्यान देने लायक या पसंद करने लायक नहीं समझते। आप कमाल के हैं और आपको अपने आप को अच्छी तरह ट्रीट करना चाहिए! खुद का सम्मान करें और अपने शरीर का ख्याल रखें। नियमित रूप से नहाएं, डिओड्रेंट लगाएं, साफ और फिट कपड़े पहनें जो आपके शरीर पर अच्छे लगें।
- जीवन में कुछ करें: कोई भी लड़की ऐसे लड़के के साथ डेट पर नहीं जाना चाहेगी जो कुछ भी नहीं करता, या जो कुछ भी नहीं है। आप सोफे से उठकर कुछ कर के लड़कियों को दिखाएं कि आप एक पूर्ण और दिलचस्प व्यक्ति हैं। कोई खेल खेलें, एक कौशल सीखें, कोई क्लब ज्वाइन करें, स्कूल के काम पर ध्यान दें: जो कुछ भी आपको खुश बनाता है, वो करें।
- दूसरों की मदद करने के लिए काम करें: आप चाहते हैं कि कोई लड़की आप के बारे में सुनें या आपको एक अच्छे व्यक्ति के रूप में जानें। अगर आप आत्म केन्द्रित हैं, तो अपने व्यक्तित्व पर काम करें, हमेशा अपने आसपास के लोगों के लिए दयालु बनें और हो सके तो स्वयंसेवा का काम करें। इस तरह की चीजों से आप उस लड़की को आकर्षित कर सकते हैं, जिसे आप डेट करना चाहते हैं।
- कुछ बढ़िया कौशल सीखें: अगर आपके पास करने के लिए ज्यादा नहीं है, तो आप कोई बढ़िया कौशल या प्रतिभा सीख कर किसी लड़की को आकर्षित कर सकते हैं। यदि आप पहले से ही किसी चीज में बहुत अच्छे नहीं हैं, तो एक नया कौशल सीखें! यह लड़कियों को आकर्षित करने में और लंबे समय में आप के खुद के लिए बहुत अच्छा रहेगा।
- सुनिश्चित करें कि वह सिंगल है: इसके लिए आप किसी की मदद ले सकते हैं, जो पता कर सके या उसके किसी दोस्त को चुपके से अपने प्लान पर बुला सकते हैं, अगर वह पहले से किसी दूसरे को पाने के लिए उसके साथ डेट पर जाने की कोशिश कर रही है, तो जब आप उसे अपनी भावनाएं बताएगें, तो उसे उतनी दिलचस्पी नहीं होगी। अगर उसमें किसी और लड़के के लिए भावनाएं है, तो भी आप कोशिश कर सकते हैं। सिर्फ कुछ उदास दिनों के लिए तैयार हो जाएं।
- उससे बाहर जाने के लिए पूछने का तरीका सीखें: हर कोई लड़कियों से बाहर जाने के लिए पूछने में अनुभवी नहीं होता। अगर आप उससे पूछने में डर रहे हैं क्योंकि आप नहीं जानते कि क्या कहना है: तो चिंता ना करें। यह उतना मुश्किल नहीं है जितना लगता है।
- आत्मविश्वासी बनें: विश्वास महत्वपूर्ण है, जब आप ऐसे किसी के साथ है, जिसे आप पसंद करते हैं। यह हर किसी के लिए एक आकर्षक विशेषता है, अगर आप अपनी खास लड़की को पाना चाहते हैं, तो यह सीखने के लिए एक अच्छा कौशल है।
- सीखें कैसे बेहतरीन बातें करें: अगर आप किसी लड़की में आप के लिए मजबूत भावनाओं को विकसित करना चाहते हैं, तो यह अक्सर इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी अच्छी बातें करते हैं। शुरूआत में अच्छा करें और उसे बनाएं रखें, ताकि वह आपके बारे में और जानने के लिए बेताब हो।
- उसकी दोस्तों के साथ विनम्र रहें। मगर बहुत ज्यादा अच्छे भी ना रहें, वरना वह सोचेगी कि आप उसकी दोस्तों में से एक को पसंद करते हैं।
- अपने सबसे अच्छे दोस्त को यह न बताएं कि आप उसे पसंद करते हैं, अगर वह भी उसे पसंद करता है तो।
- उससे बार बार एक ही बात ना पूछें। इससे उसे यह लगेगा कि वह जो सोचती है, आप उसका सम्मान नहीं करते।
- बस खुद को व्यक्त करें। अगर वो तुम्हें पसंद नहीं करती है, तो यह ठीक है, आप किसी ना किसी को ढूंढ लेगें, जो आपको पसंद करेगी।
- उसकी मदद करें। अगर आप उसे कुछ भारी उठाते देख रहे हैं, तो उससे ले लें और वह इसे जहां ले जाना चाहती हैं, वहां ले जाएं।
- अगर आपको उससे बात करने में परेशानी है, तो उसके कंधे पर देखें और वह सोचेगी कि आप उसे देख रहे हैं।
- अगर आप बेताब हो रहे हैं, तो स्कूल में किसी सुंदर लड़की से मिलें, उससे खाने के लिए पूछें, उसके बारे में जानें, उससे बड़ा सवाल पूछें, और आप बढ़िया करेंगें।
- उसे व्यक्तिगत रूप में बताएं कि आप उसे पसंद करते हैं। मैसेज या फोन नहीं करें - उसे व्यक्तिगत रूप से बताएं। इसमें आप घबरा सकते हैं, लेकिन इसमें वह आपको अच्छी तरह से समझेगी, और यह उसे कम अजीब और बात करने के लिए आसान लगेगा।
- किस करने या उससे बहुत जल्दी पूछने से आप अपना मौका गंवा देगें।
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February 15, 2019, 4:30 am
वेजाइनल डिस्चार्ज (Vaginal discharge) महिलाओं में होने वाला एक आम लक्षण है और ये होना पूरी तरह से नॉर्मल भी है और साथ ही ये इस आपकी वेजाइना (Vagina) के सही ढंग से फंक्शन कर रहे होने की गवाही भी देता है। आपको किसी भी तरह के इन्फेक्शन से बचाकर रखने के लिए, आपके वेजाइना में एक नेचुरली एसिडिक पीएच (acidic pH) रहता है। एक हैल्दी वेजाइना रेगुलरली डिस्चार्ज को बाहर निकालती रहती है, जो बदले में, आपके शरीर से डेड सेल्स और बैक्टीरिया को दूर करती है। हालाँकि, इस बात पर भी ध्यान जरूरी है, कि कुछ मामलों में, वेजाइनल डिस्चार्ज किसी तरह के इन्फेक्शन का या बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। एक नॉर्मल से लेकर एक एब्नॉर्मल डिस्चार्ज के बीच के अंतर की पहचान होना, वेजाइनल हैल्थ को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है।
संपादन करेंनॉर्मल वेजाइनल डिस्चार्ज को खुद से डायग्नोज़ करना
- वेजाइनल डिस्चार्ज के फंक्शन्स को समझें: वेजाइना में एक खास लाइनिंग (अस्तर) होती है, जिसमें ग्लैंड्स (ग्रंथियां) होती हैं जो रोजाना थोड़ी-थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ को बाहर निकालती हैं। रेगुलर, डेली होने वाले वेजाइनल डिस्चार्ज का मकसद पुरानी, खराब हुई सेल्स को और जहाँ तक हो सके रोग पैदा करने वाली चीजों को या "फ़ोरेन बॉडीज (बाहरी चीजों)" को इकट्ठा करना और इन्हें वेजाइना से बाहर निकालना होता है। इसके साथ ही, ये डिस्चार्ज बैक्टीरिया और यीस्ट के हैल्दी बैलेंस को बढ़ावा देता है और ये इन्फेक्शन के खिलाफ सुरक्षा देते हैं।
- दूसरे शब्दों में कहें, तो ज़्यादातर वेजाइनल डिस्चार्ज आपके लिए अच्छे होते हैं। डिस्चार्ज शरीर को सुरक्षित रखने का, उसका अपना एक नेचुरल तरीका होता है।
- सोने के दौरान हर 80 मिनट में महिलाओं का सामान्य डिस्चार्ज होगा। ये एक नॉर्मल फिजोयोलोजिकल फंक्शन होता है (पुरुषों को भी सोते वक़्त हर 80 मिनट के अंतर पर एक बार इरेक्शन होता है)।
- नॉर्मल वेजाइनल डिस्चार्ज कैसा दिखता है, समझें: नॉर्मल वेजाइनल डिस्चार्ज आमतौर पर क्लियर या मिल्की व्हाइट होता है और अगर होगा, तो हो सकता है, कि इसमें हल्का सा ओडर (गंध) भी हो। ये पानी के जैसा पतला या गाढ़ा और चिकना सा भी हो सकता है, लेकिन इसकी कंसिस्टेंसी आमतौर पर स्मूद और लम्प फ्री (lump free) होनी चाहिए।[१]
- प्रीमीनोपोजल (premenopausal) महिलाओं में, रोजाना लगभग 1 चम्मच भर के बराबर व्हाइट या क्लियर वेजाइनल डिस्चार्ज होना नॉर्मल है।[२] हालाँकि, वेजाइनल डिस्चार्ज का अमाउंट और इसके गुण महिलाओं के हिसाब से अलग-अलग भी हो सकते हैं।
- आपके डिस्चार्ज में आने वाले नॉर्मल चेंजेस के पीछे के कारणों को जानें: आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के लुक, स्मेल (गंध) या हल्के से भी अलग नजर आने के पीछे न जाने कितने ही कारण मौजूद हो सकते हैं। अगर आप अपने डिस्चार्ज को लेकर चिंता में हैं, तो ये देखने के लिए, कि अगर आप इन दी हुई किसी भी कंडीशन में से गुजर रहे हैं या अभी हाल ही में गुजर चुके हैं, इस दी हुई क्विक लिस्ट को देखें। ये सब बहुत ही कॉमन - लेकिन पूरी तरह से नॉर्मल - आपके डिस्चार्ज के बदलने के पीछे की वजह हैं:
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- ओव्यूलेशन (Ovulation): ओव्यूलेशन के दौरान, डिस्चार्ज की मात्रा में बढ़त हो जाती है। डिस्चार्ज ज्यादा क्लियर, लसलसा और चिकना होगा। इस बदलाव के पीछे की वजह, एग के फर्टिलाइजेशन के लिए तैयार होने के दौरान स्पर्म (शुक्राणु) के लिए रास्ता आसान बनाना है।[३]
- मेंस्ट्रुएशन (Menstruation: आमतौर पर मेंस्ट्रुअल साइकल के पहले और फौरन बाद में आपको एक थिक और व्हाइट डिस्चार्ज नजर आएगा।[४]
- प्रेग्नेंसी और प्रसव के बाद (post-partum): प्रेग्नेंट महिलाओं को अक्सर ही डिस्चार्ज की मात्रा में बढ़त और इसकी कंसिस्टेंसी में एक बदलाव महसूस होता है। ये खासतौर पर डिलिवरी के आखिरी कुछ हफ्तों में, जब डिस्चार्ज और ज्यादा मोटा और वजनदार हो जाता है, तब कहीं ज्यादा नजर आने लगता है। डिलिवरी के बाद, महिलाओं को जो डिस्चार्ज महसूस होता है, उसे “लोकिया (lochia)" बोला जाता है। इस खास तरह के डिस्चार्ज में ब्लड, छोटे-छोटे क्लोट्स (थक्के) और प्रेग्नेंसी के दौरान यूटेरस की लाइनिंग में बने टिशूज की परत शामिल रहती है। वक़्त के साथ-साथ, ये पानी की तरह पतला, गुलाबी डिस्चार्ज बन जाएगा और आखिर में एकदम पूरा खत्म हो जाएगा।[५]
- मीनोपोज (Menopause): मीनोपोज के दौरान एस्ट्रोजन (estrogen) के लेवल के कम हो जाने की वजह से आमतौर पर डिस्चार्ज में भी कमी आती है।[६]
- सेक्सुअल अराउजल (Sexual arousal): पानी जैसा डिस्चार्ज, जो एकदम क्लियर या हल्का सा व्हाइट होता है, वो सेक्सुअल एक्साइटमेंट का एक संकेत होता है। इस डिस्चार्ज का मकसद सेक्स के दौरान वेजाइना को किसी भी चोट से बचाए रखने के लिए चिकनाई प्रदान करना होता है।[७]
- अपने नॉर्मल डिस्चार्ज को "साफ करने" से न घबराएँ: आपका डिस्चार्ज आपके शरीर की रक्षा करने का प्राकृतिक तरीका है। पानी मारने (Douching) को भी कभी-कभी ठीक माना जाता है।
- अगर आपको अपने अंडरवियर और कपड़ों में गीलापन अच्छा नहीं लगता है, तो ऐसे में आपको अपने अंडरवियर में एक पेंटी-लाइनर पहनने के बारे में सोचना चाहिए। इन्हें किसी भी ग्रोसरी स्टोर्स, ड्रग स्टोर्स और फार्मेसी से, और इसी तरह की किसी भी स्टोर्स से खरीदा जा सकता है। अगर आप सस्ते और ज्यादा नेचुरल सोल्यूशन पाना चाहती हैं, तो चाहें तो अपने घर में मौजूद फैब्रिक्स का या क्राफ्ट स्टोर से खरीदकर, इसका इस्तेमाल करके, आप खुद ही अपने लिए पेंटी लाइनर्स बना सकती हैं।
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- आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के कलर और टेक्सचर की जाँच करें: ये अगर आपके आमतौर पर होने वाले डिस्चार्ज से कुछ अलग वेजाइनल डिस्चार्ज के जैसा नजर आता है, तो इसके एब्नॉर्मल होने की उम्मीद है और ये किसी तरह के इन्फेक्शन या वेजाइनल एनवायरनमेंट में आए किसी बदलाव का लक्षण भी हो सकता है। इसे पहचानने का एक सीधा-साधा नियम ये है, कि अगर डिस्चार्ज क्लियर या व्हाइट नहीं है, तो शायद आपको कोई प्रॉब्लम हो सकती है। पैथोलोजी के कुछ बहुत कॉमन लक्षणों में ये कुछ लक्षण शामिल हैं:[८]
- व्हाइट, थिक, लम्पी (lumpy) डिस्चार्ज, जिसकी वजह से खुजली आ रही हो।
- हरा और फ़ोम जैसा डिस्चार्ज।
- ग्रे कलर लिए, पीलापन लिए, ब्राउनिश या ग्रीनिश डिस्चार्ज।
- गंदी-महक वाला डिस्चार्ज
- दर्द, खुजली या जलन, या ब्लीडिंग (खून) के साथ हुआ डिस्चार्ज।
- ऐसा डिस्चार्ज, जो सामान्य से भारी या ज्यादा मोटा हो।
- वेजाइनल डिस्चार्ज का मूल्यांकन करें: डिस्चार्ज की जाँच करने के लिए, अब मालूम करें, कि ऐसी कौन सी कंडीशन है, जो आपके साथ हो रहे एब्नॉर्मल डिस्चार्ज के पीछे की वजह हो सकती है। अगर आपका डिस्चार्ज, कलर और टेक्सचर की ‘नॉर्मल’ रेंज से बाहर है, तो ये इनमें से किसी एक की वजह से हो सकता है:
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- बैक्टीरियल वेजिनोसिस (bacterial vaginosis): ये बच्चे को जन्म दे सकने की उम्र वाली महिलाओं में होने वाले एब्नॉर्मल डिस्चार्ज के पीछे की एक काफी कॉमन वजह होती है।[९] बैक्टीरियल वेजिनोसिस, "बुरे" बैक्टीरिया की वजह से होने वाला एक बहुत हल्का इन्फेक्शन होता है। आमतौर पर यहाँ पर "अच्छे" और बुरे टाइप के बैक्टीरिया होते हैं और अच्छा टाइप, बुरे टाइप की बढ़त को लिमिट में रखने में मदद करता है। बैक्टीरियल वेजिनोसिस के केस में यही बैलेंस खराब हो चुका होता है और वहाँ पर बहुत सारे बुरे बैक्टीरिया हो जाते हैं।[१०] इसके लक्षणों में ग्रे कलर लिए हुए-पीला, चिकना, फिश जैसी-स्मेल वाला डिस्चार्ज, इसके साथ ही वेजाइना में खुजली या जलन भी होना शामिल है। दुर्गंध वाले ज़्यादातर डिस्चार्जेस बैक्टीरियल वेजिनोसिस की वजह से ही हुआ करते हैं।[११]
- वेजाइनल कैंडिडियासिस (vaginal candidiasis/यीस्ट इन्फेक्शन): अगर आपका डिस्चार्ज व्हाइट तो है, लेकिन ये मोटा और लम्पी (कॉटेज चीज़ के जैसा) है, तो ये यीस्ट इन्फेक्शन हो सकता है। कलर और टेक्सचर में हुए बदलाव के साथ ही, आपको जलन और खुजली का अहसास भी होगा। यीस्ट इन्फेक्शन में आमतौर पर किसी गहरी गंध का निर्माण नहीं होता है। ये इन्फेक्शन्स, महिलाओं में होने वाले वेजाइनल इन्फेक्शन के दूसरे सबसे कॉमन टाइप हैं। ये खासतौर पर डायबिटीज़ के या इम्यून में अक्षम पेशेंट में, एंटीबायोटिक्स के किसी नियमित डोज़ के बाद नजर आते हैं।[१२]
- ट्राइकोमोनिअसिस (Trichomoniasis): ऐसा डिस्चार्ज, जो रंग में थोड़ा हरा सा हो, और जिसका टेक्सचर ‘झागदार’ हो, आमतौर पर ट्राइकोमोनिअसिस का लक्षण होता है। ट्राइकोमोनिअसिस, एक ऐसा इन्फेक्शन है, जो ट्राइकोमोनास (trichomonas) की वजह से होता है, ये ट्राइकोमोनास एक सिंगल-सेल पैरासाइट, जो कि किसी सेक्सुअल पार्टनर के साथ आ जाता है। ये इन्फेक्शन्स ऐसे तीसरे सबसे कॉमन इन्फेक्शन होते हैं, जो आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के ऊपर असर डाल सकते हैं, साथ ही ये वेजाइनल इचिंग या पैन भी देते हैं।[१३]
- STIs (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन्स): कभी-कभी क्लैमिडिया (chlamydia) और गोनोरिया (gonorrhea) जैसे कॉमन STIs भी वेजाइनल डिस्चार्ज में हुई बढ़त के पीछे की एकमात्र वजह होते हैं। इस डिस्चार्ज के गुण अलग जरूर हो सकते हैं, लेकिन इसका रंग अक्सर ही फीका सा (मतलब कि, ग्रे, यलो, ग्रीन) होता है, ये मोटा और गंदी-महक वाला होता है। महिलाओं को सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान दर्द भी महसूस हो सकता है, साथ ही बाद में स्पॉटिंग या ब्राउन डिस्चार्ज भी हो सकता है।[१४] बैक्टीरियल वेजिनोसिस, कैंडिडियासिस और ट्राइकोमोनिअसिस सेक्सुअली फैल भी सकते हैं।
- वेजाइनल या सरवाईकल कैंसर (Vaginal or cervical cancer): एक बात का ध्यान रखें, कि वेजाइना या सर्विक्स के कैंसर की वजह से बहुत कभी ही एब्नॉर्मल डिस्चार्ज होता है।[१५]
- एब्नॉर्मल डिस्चार्ज के दूसरे कारणों के ऊपर विचार करना: ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं, जो वेजाइनल एनवायरनमेंट के ऊपर असर डाल सकती हैं।
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- वेजाइना को किसी नए तरह के क्लीनिंग एजेंट या हाइजीन प्रोडक्ट के संपर्क में लाना, भी इसके ऊपर असर दिखा सकता है। डिटर्जेंट और फैब्रिक सॉफ्टनर्स, फेमिनाइन स्प्रेज, क्रीम्स, डौश (douches) और कोंट्रासेप्टिव फोम, जेलीस या क्रीम में पाये जाने वाले केमिकल्स वेजाइना को और/या वेजाइना के आसपास की स्किन को इरिटेट कर सकते हैं। एंटीबायोटिक्स जैसे मेडिकेशन्स भी इन्फेक्शन की संभावना को बढ़ा सकते हैं। इनमें से कोई भी आपके लक्षणों और वेजाइनल डिस्चार्ज की वजह हो सकता है। सोचकर देखिये, कि आपने अभी हाल में ऐसा क्या नया इस्तेमाल किया था और कब आपको आपका ये डिस्चार्ज अलग सा महसूस हुआ। एक बार जब आप इसकी संभावित वजह को मालूम कर लें, इसे कम करने की कोशिश करें और देखें अगर आपको आपके लक्षणों में कमी होते हुए या पूरी तरह से गायब होते हुए नजर आएँ। उदाहरण के लिए, अगर आपने अभी हाल ही में कपड़े धोने के लिए किसी नए डिटर्जेंट का इस्तेमाल करना शुरू किया है, तो कुछ वक़्त के लिए इस्तेमाल करना अवॉइड करें, और आपके पुराने ब्रांड को ही इस्तेमाल करें। अगर लक्षण गायब हो जाते हैं, तो समझ लीजिये कि आपको असली कारण मिल चुका है! हालाँकि, अगर आपके द्वारा अभी हाल ही में इस्तेमाल किए किसी नए केमिकल के ऊपर विचार कर लेने के बाद भी, अगर आपके लक्षण अभी भी बने हुए हैं, तो ऐसे में आपको डॉक्टर के पास जाने के बारे में सोच लेना चाहिए।[१६]
- सिस्टमेटिक इलनेस भी आपके वेजाइनल एनवायरनमेंट के बैलेंस को बिगाड़ सकती हैं। उदाहरण के लिए, डाइबिटीज़ की मरीज किसी महिला में, फंगल इन्फेक्शन (यीस्ट इन्फेक्शन की तरह ही) होने का खतरा कहीं ज्यादा रहता है।[१७]
- ऐसा टैम्पून (tampon) को लगाने के बाद उसे भूल जाना भी गंदी स्मेल के साथ होने वाले वेजाइनल डिस्चार्ज की एक अनकॉमन वजह होती है। अगर आपको भी ऐसा शक है, कि आपने टैम्पून इस्तेमाल करने के बाद, इसे अपने अंदर ही छोड़ दिया है, तो फिर आप अपनी खुद की तरफ से जाँच कर सकती हैं। हाँथों को अच्छी तरह से धोकर शुरुआत करें और फिर अपने एक पैर को बाथटब या टॉइलेट के ऊपर रख लें। आप अपनी वेजाइना में जितना अंदर तक जा सकती हों, जाएँ और कुछ ढूँढने की कोशिश करें। अगर आपको टैम्पून तो मिल गया है, लेकिन आपको इसे खींचकर बाहर निकालने वाला धागा नहीं मिल रहा है, तो फिर उसे पकड़ने के लिए अपनी उंगली और अंगूठे का इस्तेमाल करें और उसे बाहर खींच लें। सुनिश्चित करें कि टैम्पून अभी भी पूरा बरकरार है; अगर ये टूटना शुरू हो चुका है और आपको भी समझ नहीं आ रहा है, कि आपने इसके सारे टुकड़े बाहर निकाल लिए हैं या नहीं, तो क्योंकि आपके अंदर एक भी टुकड़ा नहीं छूटना चाहिए, इसलिए आपको अपने डॉक्टर से कांटैक्ट कर लेना चाहिए। एक बात और ध्यान में रखें, कि अगर आपको लग रहा है, कि आपने अपनी सर्विक्स को पूरी तरह से जाँच लिए है, और अब ऐसा कुछ भी नहीं छूटा रह गया है, तो यहाँ पर सच में कुछ भी नहीं है। अगर आपको अभी भी ऐसा लग रहा है, कि अंदर कुछ तो छूटा है, लेकिन आप उसे ढूँढ नहीं पा रही हैं, तो फिर अपने डॉक्टर को कांटैक्ट करें, क्योंकि एक वही हैं, जो आपकी अच्छी तरह से जाँच कर सकते हैं।[१८]
- अपने फिजीशियन से सलाह लें: अगर अपनी तरफ से जाँच करने के बाद भी, आपको ऐसा लग रहा है, कि डिस्चार्ज अभी भी एब्नॉर्मल है, तो अपने डॉक्टर के पास जाएँ। हालाँकि अपनी बॉडी के ऊपर और बॉडी में आने वाले बदलावों पर करीब से नजर रखना बेहद जरूरी है, लेकिन फिर भी आपको किसी भी खास कंडीशन के लिए अपने खुद के डायग्नोज़ के ऊपर निर्भर नहीं रहना चाहिए। आपके हैल्थ केयर प्रोवाइडर को आपकी जाँच करने दें, हर एक जरूरी टेस्ट्स कराएँ, और किसी भी जरूरी एक्शन या ट्रीटमेंट के लिए भी फ़ैसला करें।[१९]
- इसके साथ ही, इसे लेकर एक और गलत अवधारणा ये है, कि अगर आपको पहले कभी कोई यीस्ट इन्फेक्शन (वेजाइनल कैंडिडियासिस) हुआ था, तो अब आप आपके पहले के एक्सपीरियंस के हिसाब से, इसे भी डायग्नोज़ कर सकती हैं। यीस्ट इन्फेक्शन के ट्रीटमेंट को आप किसी भी फार्मेसी से और ड्रग स्टोर से काफी आसानी से ओवर-द-काउंटर और चाहें तो घर पर भी पा सकती हैं। हालाँकि, अगर इस कैंडिडियासिस के लिए मौजूद ओवर-द-काउंटर ट्रीटमेंट के बाद भी आपका इन्फेक्शन बना हुआ है, तो फिर आपको आपके फिजीशियन के पास जाने की सलाह दी जाती है।
- आपके फिजीशियन के साथ एक अपोइंटमेंट ले लें: आपको जब भी आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के एब्नॉर्मल होने का शक हो, इसके बाद आपको फौरन ही आपके डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए। डिस्चार्ज के कलर, कंसिस्टेंसी और फ्रिक्वेन्सी को डिस्क्राइब करने के लिए तैयार रहें।
- अगर आपके अभी पीरियड्स चल रहे हैं, तो अच्छा होगा अगर आप डॉक्टर के पास जाने से पहले अपने साइकल के पूरे होने तक इंतज़ार कर लें, बेशक अगर मुमकिन हो तो। लेकिन अगर ये लक्षण बहुत ज्यादा ही खास हो रहे हैं, तो फिर ऐसे में फिर चाहे आपके पीरियड्स ही क्यों न चल रहे हों, आपको फौरन ही डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए।
- अगर आप अपने रेगुलर डॉक्टर के पास नहीं, बल्कि एक वॉक-इन क्लीनिक पर जा रही हैं, तो अपनी पूरी मेडिकल हिस्ट्री को देने के लिए भी तैयार रहें।
- अपने डॉक्टर को ऐसी हर उन कंडीशन्स या एक्शन्स के बारे में भी बताएँ, जिनके इससे संबंधित होने की संभावना हो: उदाहरण के लिए, अगर आपको ऐसा लग रहा है, कि आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं या फिर आपने अभी हाल ही में असुरक्षित सेक्स किया है (मतलब कि, बिना कंडोम इस्तेमाल किए), तो अपने डॉक्टर को बता दें।
- फिजिकल चेकअप कराएँ, जिसमें पेल्विक (pelvic) की जाँच भी शामिल है:[२०] आपके लक्षणों के अनुसार, आपके डॉक्टर आपके लिए पेल्विक की आंशिक या पूरी जाँच करने के लिए कह सकते हैं। एक पूरी जाँच में, फ़ीमेल पेल्विक ऑर्गन्स कि एक्सटर्नल और इंटरनल एग्जाम शामिल होती है:
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- एक्सटर्नल एग्जाम — आपके हैल्थ केयर प्रोवाइडर आपकी वेजाइना की ओपनिंग और आपके वाल्वा (vulva) के फ़ोल्ड्स की जाँच करेंगे। विशेष रूप से, आपके डॉक्टर एब्नॉर्मल डिस्चार्ज, सिस्ट्स (cysts), जेनिटल वार्ट्स, जलन, या और किसी दूसरी कंडीशन की तलाश करेंगे।
- इंटरनल एग्जाम (a) — इंटरनल एग्जाम के दो भाग होते हैं: स्पेक्युलम (speculum) एग्जाम और बाईमेन्युअल एग्जाम। स्पेक्युलम एग्जाम में, आपके डॉक्टर बहुत ही आराम से आपकी वेजाइना में एक ल्यूब्रिकेटेट (चिकना किया) मेटल या प्लास्टिक स्पेक्युलम डालेंगे। स्पेक्युलम जब खुलेगा, तब ये वेजाइना की दीवारों को अलग करेगा। इसमें आपको किसी भी तरह का दर्द तो नहीं होगा, लेकिन ये जरा सा अनकम्फ़र्टेबल जरूर फील होगा। अगर आपको जरा भी दर्द हो, तो अपने हैल्थ केयर प्रोवाइडर को बता दें। वो स्पेक्युलम के साइज़ को या उसकी पोजीशन को एडजस्ट कर देगी। अगर वहाँ पर कोई खास तरह का वेजाइनल इन्फेक्शन हुआ होगा, तो इस समय आमतौर पर किए गए पैप (pap) टेस्ट को स्थगित कर दिया जा सकता है, क्योंकि पैप स्मियर के परिणामों से इसके रिजल्ट में कुछ बदलाव आने की संभावना हो सकती है। अगर ऐसा है, तो एक बार इन्फेक्शन के क्लियर होने पर, आपको फिर से पैप टेस्ट के लिए जाना होगा। पैप टेस्ट में, एक छोटे से स्पेच्युला को या एक छोटे से ब्रश के जरिये आपके सर्विक्स की सेल्स के सैंपल लिए जाएंगे। अब आपके सर्विक्स में क़ैसर वाले या कैंसर से पहले के सेल के होने का पता लगाने के लिए इस सैंपल की जाँच की जाएगी। STIs की संभावना के लिए, सर्विक्स से होने वाले डिस्चार्ज के सैंपल को भी लिया जाएगा। इसके अलावा, आपके डॉक्टर आपके वेजाइनल पीएच (pH) को जाचेंगे और जाँच के लिए आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के सैंपल भी लेंगे।[२१]
- इंटरनल जाँच (b) — दूसरी जाँच, बाईमेन्युअल जाँच में आपके डॉक्टर एक हाँथ से आराम से आपके पेट को दबाते हुए, ग्लव के अंदर से एक या दो उंगलियाँ और ल्यूब्रिकेट हुई उंगली को आपके वेजाइना के अंदर डालेंगे। इस तरीके से आपके यूटेरस, ओवारीज, और फैलोपियन ट्यूब्स (fallopian tubes) के साइज़, शेप और पोजीशन को जाँचा जाता है, जो कि आपकी फर्टिलिटी और हैल्थ के ऊपर असर डाल सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक बढ़ी हुई यूटेरस का मतलब कि आप प्रेग्नेंट हैं या फिर आपको फाइब्रॉइड्स (fibroids) है, वहीं इस जाँच के दौरान आपके जुड़े हुए भाग (ओवरी/ट्यूब) में होने वाले दर्द या कोमलता महसूस होना, एक इन्फेक्शन, सिस्ट या मास (mass) होने की संभावना को दर्शाता है।[२२]
- कभी-कभी आपके डॉक्टर पेल्विक जाँच के हिस्से के रूप में, आपका रेक्टल एग्जाम भी कर सकते हैं। इसके लिए, आपके डॉक्टर किसी तरह के ट्यूमर या और दूसरी एब्नॉर्मल सी स्थिति की जाँच के लिए, ग्लव से ढँकी हुई एक उंगली को आपके रेक्टम में डालेंगे।[२३]
- अपने सैंपल को टेस्टिंग के लिए लैब में भेज दें: जाँच के बाद, आपके डॉक्टर सारे कल्चर्स और सैंपल्स को जाँच के लिए लैब में भेज देंगे। वेजाइनल डिस्चार्ज के लिए सबसे जरूरी टेस्ट, माइक्रोस्कोपिक एग्जामिनेशन या वेट प्रेप टेस्ट होता है। वेट प्रेप टेस्ट में, एक टेकनीशियन वेजाइनल डिस्चार्ज के सैंपल को एक सलाइन ( saline) के साथ मिक्स करेगा और फिर इस मिक्स्चर का एक ड्रॉप लेगा और इसे जाँचने के लिए एक स्लाइड के ऊपर रखेगा। इसे आमतौर पर डॉक्टर के ऑफिस में किया जाता है, इसलिए इसके रिजल्ट भी फौरन मिल जाते हैं।[२४]
- टेकनीशियन ट्राइकोमोनिअसिस, क्लू सेल्स (clue cells) और यीस्ट के लिए मीडियम और हाइ, दोनों पावर पर स्लाइड की सावधानी से जांच करेगा। ट्राइकोमोनिअसिस फ्लुइड, फूले हुए से ओर्गेनिज़्म होते हैं, जिन्हें काफी आसानी से उनके गुणों के बदलने की गति के जरिये पहचाना जा सकता है। क्लू सेल्स अजीब सेल्स होती हैं, सैंपल में जिनकी उपस्थिति का मतलब बैक्टीरियल वेजिनोसिस का होना है। आखिर में, यीस्ट को स्लाइड के ऊपर बडिंग या ब्रांचिंग फॉर्म में पहचाना जाता है। यीस्ट की उपस्थिति को पेप टेस्ट से भी पहचाना जा सकता है।[२५]
- अपने टेस्ट रिजल्ट का इंतज़ार करें: इन टेस्ट्स के मिलने के वक़्त के बारे में जानकारी लेने की पुष्टि कर लें, ताकि अगर आपको किसी ट्रीटमेंट या प्लान की जरूरत हो, तो आप फिर से अपने डॉक्टर से मिलकर उनके बारे में डिस्कस कर सकें।[२६]
- अगर आपके डिस्चार्ज की असली वजह किसी तरह का इन्फेक्शन नहीं है, तो ऐसे में साफ पानी में और साबुन के बिना ली हुई बाथ, इन लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है।
- एक्साइटेड (अराउज़) होने पर क्लियर डिस्चार्ज का होना एकदम नॉर्मल है।
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February 16, 2019, 4:30 am
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संपादन करेंजॉब ऑपर्चुनिटीज़ (Job Opportunities) ढूंढना
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- लिंक्ड-इन (LinkedIn): आप इस साईट की मदद एक प्रोफेशनल ऑनलाइन प्रोफाइल बना सकते हैं | आप एक बायोग्राफी पोस्ट कर सकते हैं जिससे संभावित एम्प्लोयेर्स आपके बारे में जान सकें | आप औरों के देखने के लिए अपना मोजूदा रिज्यूमे भी पोस्ट कर सकते हैं |
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- अपने राज्य के जॉब बैंक का फायदा उठाएं: आप इन्टरनेट की मदद से अपने राज्य के एम्प्लॉयमेंट रिसोर्स भी देख सकते हैं | हर राज्य में जॉब बैंक नाम से मोजूद नौकरियों की एक ऑनलाइन कलेक्शन होती है | अपने राज्य की जॉब बैंक ढूँढें और सर्च करें |[४]
- अन्य जॉब सर्च इंजन की तरह ही, राज्य के जॉब बैंक्स भी आपको कीवर्ड और शहर से ढूँढने देंगे |
- नेटवर्किंग करें: नेटवर्किंग अपने ही कैरियर फील्ड में मोजूद लोगों से सम्बन्ध बेहतर बनाने का अच्छा मौका है | इससे आप नए लोगों से भी मिल सकते हैं | वहां जाएँ और उन लोगों से बात करें जो आपकी जॉब सर्च में आपकी मदद कर सकते हैं | आप ऐसे कह सकते हैं, “ मैने अभी मार्केटिंग में शुरुआत की है, और मै ये सोच रहा था की आपके पास मेरे लायक कोई ओप्पोर्चयूनीटीज़ होंगी” | अगर आपको कोई रेफरल मिल जाता है तो आपका रिज्यूमे लिस्ट में सबसे ऊपर पहुँच सकता है! इनसे संपर्क में आने की कोशिश करें :[५]
- पूर्व प्रोफेसेरज
- पूर्व एम्प्लोयेर्ज़
- आप जिस कंपनी में काम करना चाहते हैं उसके लोग |
- कोई ऐसा जिसे आप जानते हों और जिसका कैरियर आपसे मिलता जुलता हो |
- सब तक खबर पहुंचाएं की आप नौकरी ढूंढ रहे हैं: आपकी नौकरी की तलाश में आपके दोस्त और परिवार काफी मदद कर सकते हैं | उन्हें ऐसी नौकरियों के बारे में पता हो सकता है जिनके बारे में आपको नहीं मालूम | ऐसा भी हो सकता है की उनका कोई दोस्त या दोस्त का दोस्त किसी को ढूंढ रहा हो | ये ध्यान रहे की आपके जान पहचान में जितने लोग हैं उन्हें मालूम हो की आप नौकरी ढूंढ रहे हैं |
- आप कह सकते हैं, "मैं पब्लिशिंग में नौकरी ढूंढ रहा हूँ | क्या आप मुझे उस फील्ड में मोजूद किसी नौकरी के बारे में बता सकते हैं?"
- ये देखें की क्या पसंद की नौकरी पाने के लिए हेड हंटर की तलाश करना ज़रूरी है |
- जॉब फेयर अटेंड करें: एक जॉब या कैरियर फेयर नए लोगों से और संभावित एम्प्लोयेर्स से मिलने का अच्छा मौका है | सभी शहरों और यूनिवर्सिटी में जॉब फेयर होते हैं | कई बार प्राइवेट आर्गेनाइजेशन भी जॉब फेयर करवाती हैं |[६]
- अपने शहर या यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाकर आने वाले जॉब फेयरस की जानकारी लें |
- जॉब फेयर में, आप जो कंपनियां लोगों को चुन रही हैं उनके बारे में ब्रोशर और अन्य जानकारी पा सकते हैं | आप रेक्रुइटरज़ से भी बात कर सकते हैं |
- व्यवस्थित बनें: एक व्यवस्थित प्लैन होना आप के लिए सबसे बड़ी मदद साबित होगा | कुछ समय निकालकर एक प्लैन बनाएं की आप जॉब सर्च कैसे करना चाहेंगे | ये भी ध्यान रहे की आप एक पद के लिए एक से दोबारा नहीं अप्लाई करें | अपनी सर्च से जुड़ी साप्ताहिक या दैनिक एक्टिविटीज़ का कैलेंडर बनाएं | आप इस कैलेंडर में निम्नलिखित कार्य डाल सकते हैं :[७]
- ऑनलाइन पोस्टिंग को देखना
- अपने नेटवर्क को देखना
- अपने रिज्यूमे और कवर लैटर पर काम करना
- हर हफ्ते एक तय नंबर की नौकरियों के लिए अप्लाई करना
संपादन करेंअपना मटेरियल तैयार करना
- जॉब डिस्क्रिप्शन से रिज्यूमे मैच करें: आपका रिज्यूमे आपकी स्किल और क्वालिफिकेशन लिस्ट करना का एक अहम् तरीका है | उसी तरह से, आप अपने संभावित एम्प्लोयेर्स को बता सकते हैं की आपकी स्किल उनकी ज़रूरतों पर खरी उतरती हैं | समय निकाल कर अप्लाई किये जाने वाली हर नौकरी के मुताबिक अपने रिज्यूमे को बदलें | जॉब डिस्क्रिप्शन में लिखे कीवर्ड और थीम्स को देखें और ध्यान दें की आपके रिज्यूमे में भी वो शब्द मोजूद हों |[८]
- मसलन, शायद एक नौकरी में “बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल” की जरूरत हो | ऐसे उदाहरण ज़रूर लिस्ट करें जहाँ आपने पहले अपनी कम्युनिकेशन स्किल का इस्तेमाल किया है |
- आपको हर बार रिज्यूमे को पोस्ट करने से पहले उसे पूरी तरह से बदलने की ज़रुरत नहीं है | बस ये ध्यान रहे की आपने उसमें उस नौकरी के लिए ज़रूरी स्किल्स हैं उनके बारे में लिखा हो |
- अपना पर्सनल प्रोफाइल बनाएं: अपनी रिज्यूमे की शुरुआत एम्प्लोयेर्स को अपने बारे में थोड़ा बता कर करें | एक छोटे पैराग्राफ में एम्प्लौयर को अपनी स्किल्स के बारे में और आप जो नौकरी पर खास क्वालिफिकेशन ले कर आयेंगे उनके बारे में बताएं | इसे संक्षिप्त और प्रोफेशनल रखें |[९]
- थोड़े वाक्यों में, अपनी सबसे महत्वपूर्ण स्किल्स के बारे में लिखें |
- ऐसे स्किल्स के बारे में मत लिखिए जैसे “आर्गनाइज्ड (organized)” | ऐसे डिस्क्रिप्टिव शब्द चुनें जैसे “नेगोशीयेटर (negotiator)”, “डिसिशन मेकिंग (decision-making)”, और “time management” |[१०]
- कवर लैटर लिखें: कई सारी नौकरियों में आपको सिर्फ रिज्यूमे चाहिए होगा, लेकिन कुछ के लिए आपको कवर लैटर देना होगा | एक ड्राफ्ट साथ में बना कर रखें और उसे हर जॉब के मुताबिक बदलते रहे | एक अच्छे कवर लैटर में आपके एक्सपीरियंस और क्वालिफिकेशन का ज़िक्र होना चाहिए | आपको उदाहरण देकर ये समझाना होगा की इस नौकरी के लिए आप क्यों सबसे बेहतरीन प्रत्याशी हैं |[११]
- शायद जॉब डिस्क्रिप्शन में ऐसे व्यक्ति की तलाश हो जो एक टीम की तरह काम कर सकता है | आप ये बता सकते हैं, की कैसे आप भी जब इंटर्न थे, आपको ऐसा प्रोजेक्ट की ज़िम्मेदारी मिली थी जिसमें कई और इंटर्न काम कर रहे थे |
- अपने कवर लैटर को सिर्फ एक पेज तक ही रखें |
- ध्यान से एडिट करें: अपने रिज्यूमे और कवर लैटर को ध्यान से बार बार देखें | अगर कोई स्पेलिंग और ग्रामर की गलतियाँ हैं तो उन्हें ठीक कर लें | किसी दोस्त या परिवार जन से कहें की वह सभी मटेरियल को एक बार देख लें | एक पैनी नज़र वो गलतियाँ देख सकती हैं जो आपसे छूट गयी हैं |[१२]
- अपनी ऑनलाइन प्रेसेंस को बेहतर करें: आजकल जॉब सर्च अधिकतर ऑनलाइन की जाती है | ये ज़रूरी है की आप ऑनलाइन एक अच्छी इम्प्रैशन बनाएं | ध्यान से पॉजिटिव और प्रोफेशनल सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाएं | आपको नहीं पता कब किसी संभावित एम्प्लायर को आपका प्रोफाइल देखने की ज़रुरत पड़ जाए | [१३]
- मसलन, एक इम्प्रेस्सिव लिंक्डइन प्रोफाइल बनाने का प्रयत्न करें | आपकी हैडलाइन सशक्त होनी चाहिए जैसे, “रिसर्च एनालिस्ट”|
- दिए गए स्थान में अपनी क्वालिफिकेशन और एक्सपीरियंस लिखें |
- अपने प्रोफाइल को एडिट करना नहीं भूलें |
- अपना कांटेक्ट इनफार्मेशन और रिज्यूमे का लिंक भी शामिल करना नहीं भूलें |
संपादन करेंजॉब्स के लिए अप्लाई करना
- ध्यान से जॉब डिस्क्रिप्शन को पढ़ें: जॉब के लिए अप्लाई करने से पहले आपका पहला कदम होना चाहिए ये जानना की जॉब में क्या चाहिए | उसकी डिस्क्रिप्शन को बहुत ध्यान से पढ़ें | उसके लिए क्या क्वालिफिकेशन चाहिए और जॉब में क्या करना है इन बातों पर गौर करें |[१४]
- ऐसी नौकरियों के लिए अप्लाई नहीं करें जिनके लिए आप क्वालिफाइड नहीं हो | उदाहरण के तौर पर, अगर आप स्पैनिश नहीं बोल सकते, तो ऐसे एड का जवाब नहीं दें जिसमें लिखा हो, “स्पैनिश आनी चाहिए” |
- कीवर्ड हाईलाइट करें: ये ध्यान दें की डिस्क्रिप्शन में क्या लिखा है | मसलन, अगर वो मार्केटिंग का जॉब है, तो आपके ऐसे शब्द दिखेंगे “डिजिटल मार्केटिंग”, “SEO”, और “गूगल एनालिटिक्स” | आपको ये कोशिश करनी है की आप इन शब्दों को अपने रिज्यूमे और कवर लैटर दोनों में शामिल करें| [१५]
- अपने मटेरियल को ध्यान से देखें: कई जॉब सर्च इंजन और कंपनी वेबसाइट आपसे अपने मटेरियल को ऑनलाइन सबमिट करने के लिए कहेंगी | “सबमिट,” करने से पहले आपने जो भी लिखा है उसे ढंग से प्रूफरीड कर लें | इसमें आपका रिज्यूमे और कवर लैटर शामिल है | आपको उन फील्ड्स को भी देखना होगा जिसमें आपकी निजी जानकारी मांगी जा रही है और सही जानकारी डालना बेहद ज़रूरी है |[१६]
- इंटरव्यू में कमाल करें: उम्मीद है, की आपकी सारी मेहनत की बाद इंटरव्यू के लिए बुलाया जायेगा | अगर आपको बुलाया जाए, तो तैयारी के लिए समय मांगें | अपनी पहले की उपलब्धियां बताने वाले उदाहरण साथ में रखें और ये भी बताएं की आप कैसे कंपनी की मदद कर सकते हैं | उदाहरण के तौर पर, आप कह सकते हैं, “मुझे मालूम है की आप सेल्स बढ़ाने के लिए एक नए नज़रिए की तलाश कर रहे हैं | में आपको डायरेक्ट मार्केटिंग कैंपेन के लिए अपने आईडिया बताना चाहता हूँ” |[१७]
- प्रोफेशनल तौर पर कपड़े पहनें |
- ऑय कांटेक्ट बनाएं और कांफिडेंटली बात करें |
- समय पर पहुंचें |
- फॉलो अप करें: अगर आपका इंटरव्यू हो गया है, तो एक संक्षिप्त थैंक यू नोट लिखना अहम् कायदा होता है | वैसे तो, ये ईमेल से किया जाता है | आप लिख सकते हैं, “मुझसे आज मिलने के लिए समय निकालने का शुक्रिया | मुझे आपकी आर्गेनाइजेशन के बारे में जानकर बहुत ख़ुशी हुई और आपकी टीम के साथ काम करने का विचार मुझे काफी खुश कर रहा है” |[१८]
- आप जॉब एप्लीकेशन भेजने के बाद भी फोल्लो अप कर सकते हैं | आप लिख सकते हैं, “मैं ये जानने के लिए ईमेल लिख रहा हूँ की क्या आपको मेरा एप्लीकेशन मटेरियल मिल गया है | अगर आपको ज़रुरत हो तो मैं आपको अपनी क्वालिफिकेशन के और उदाहरण देने को तैयार हूँ” |
- कई सारे जॉब्स के लिए अप्लाई करें |
- अपने रिज्यूमे को हमेशा अपडेटेड रखें |
- अपने इलाके में नए मौकों की जानकारी रखें |
- महत्वपूर्ण फीडबैक के लिए अपने को तैयार रखें |
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February 17, 2019, 5:00 am
हर्निया शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है | उससे बहुत ज्यादा दर्द और तकलीफ भी हो सकती है | ऐसा इसलिए क्योंकि हर्निया के दौरान, शरीर के एक भाग के सभी हिस्से आस पास के टिशू और मस्सल को धक्का देते हैं | हर्निया पेट के अन्दर, बेल्ली बटन (umbilicus) के पास, ग्रोइन एरिया (femoral or inguinal) या पेट के ऊपर हो सकती है | अगर आपको पेट की हर्निया (hiatal) है, तो आपको एसिड रिफ्लक्स या हाइपरएसिडिटी का सामना करना पड़ सकता है | किस्मत से, आप उस दर्द को घर पर संभाल सकते हैं और हर्निया से जुड़ी तकलीफ को कम करने के लिए कुछ लाइफस्टाइल में बदलाव ला सकते हैं |
संपादन करेंहर्निया के दर्द का घर पर इलाज करना
- आइस पैक का इस्तेमाल करें: अगर आपको थोड़ी परेशानी लग रही है, तो 10 से 15 मिनट के लिए हर्निया के स्थान पर आइस पैक लगायें | आप अपने डॉक्टर से सलाह ले कर ऐसा दिन में एक या दो बार कर सकते हैं | कोल्ड पैक सूजन और इन्फ्लाम्मेशन को कम कर देता है |[१]
- कभी भी आइस या आइस पैक स्किन पर डायरेक्टली नहीं लगायें | अपनी स्किन पर लगाने से पहले ये ध्यान रहे की आइस पैक को पतले से कपड़े या तौलिये में लपेट लें | इससे स्किन के टिश्यू को और नुकसान नहीं पहुंचेगा |
- दर्द को सँभालने के लिए दवाई लें: अगर आपको हल्का दर्द हो रहा है हर्निया में तो आइबूप्रोफेन और एसीटामिनोफेन जैसे ओवर द काउंटर पैन रिलीवर से आपको आराम मिल सकता है | हमेशा निर्माता के डोजिंग निर्देशों का पालन करें | [२]
- अगर आपको एक हफ्ते से ज्यादा ओवर ड काउंटर दवाई लेते हप गया है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें | डॉक्टर आपको इससे ज्यादा तीव्र दवाई की सलाह दे सकता है |
- रिफ्लक्स के लिए दवाई लें: अगर आपको हिअटल हर्निया (पेट का), है तो शायद आपको रिफ्लक्स नाम की हाइपरएसिडिटी है | आप ओवर ड काउंटर एंटासिड्स या मेडिकेशन लेकर एसिड प्रोडक्शन को कम कर सकते हैं, और प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन जैसे प्रोटोन पंप इन्हिबिटर ले कर एसिड प्रोडक्शन कम कर सकते हैं |[३]
- अगर कुछ दिनों बाद भी रिफ्लक्स सिम्टम नहीं सुधरते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए | अगर इलाज नहीं करवाया, तो रिफ्लक्स आपके एसोफेगस (Esophagus) को नुकसान पहुंचा सकता है | इसके बजाय आपका डॉक्टर ऐसी दवाई बता सकता है जो आपके रिफ्लक्स का इलाज कर आपके डाइजेस्टिव ऑर्गन को ठीक कर सकता है |
- सपोर्ट या ट्रस (truss) पहनें: अगर आपको इन्जुइनल हर्निया (ग्रोइन का) है, तो आप एक ख़ास सपोर्ट पहनना चाहेंगे जो आपके दर्द को भी कम कर सकता है | अपने डॉक्टर से ट्रस जो की सपोरटिव अंडरवियर की तरह होता है, पहनने के बारे में बात करें | या, आप ऐसा सपोर्ट बेल्ट या हार्नेस पहन सकते हैं जो हर्निया को उसके स्थान पर रखें | सपोर्ट पहनने के लिए, नीचे लेटें और बेल्ट और हार्नेस को हर्निया के पास लपेट कर उसे बाँध लें |
- सपोर्ट और ट्रस सिर्फ कुछ समय के लिए पहने जा सकते हैं | आपको ये मालूम होना चाहिए की वो आपके हेर्निया को ठीक नहीं कर पाएंगे |[४]
- एक्यूपंक्चर आजमा के देखें: एक्यूपंक्चर एक पारंपरिक दवाई है जो शरीर के निर्धारित एनर्जी पॉइंट्स में पतले नीडल डाल कर बॉडी की एनर्जी को एडजस्ट करती है | आप दर्द कम करने वाले प्रेशर पॉइंट को स्टिमयूलेट करके भी अपने हर्निया के दर्द को कम कर सकते हैं | ऐसे सर्टिफाइड एक्यूपंक्चरिस्ट ढूँढें जिन्हें हर्निया का दर्द कम करने का तजुर्बा हो |[५]
- एक्यूपंक्चर आपके हर्निया के दर्द को कम कर सकता है, लेकिन असल हर्निया को ठीक करने के लिए आपको इलाज करवाना पड़ेगा |
- अगर आपको बहुत दर्द हो रहा है तो तुरंत एक डॉक्टर से मिलें: अगर आपको लग रहा है की आपको हर्निया है, तो आपको अपने पेट या ग्रोइन में भारी सा कुछ महसूस होगा, या अगर आपको हाइपरएसिडिटी या हार्टबर्न है, तो डॉक्टर से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लें | अधिकतर हर्निया फिजिकल एग्जाम और सिम्टम की जांच करने के बाद पहचाने जा सकते हैं | अगर आपने अपने डॉक्टर को देख लिया है, पर कुछ हफ़्तों बाद भी आपके सिम्टम में बदलाव नहीं आया है, तो डॉक्टर से एक और अपॉइंटमेंट तय करें |
- अगर आपको हर्निया का बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है और आपको अब्डोमिनल, इन्जुईनल या फेमोरल हर्निया पता चला है, तुरंत ही अपने फिजिशियन को फ़ोन करें- ये दर्द एक मेडिकल इमरजेंसी की ओर संकेत कर सकता है |
- सर्जरी कराएं: हांलाकि आप अपने हर्निया के दर्द का घर पर इलाज कर सकते हैं आप हर्निया का इलाज नहीं कर सकते हैं | अपने डॉक्टर से सर्जरी के बारे में बात करें | आपका डॉक्टर एक सर्जिकल प्रोसीजर की सलाह देगा जहाँ सर्जन निकले हुए मस्सल को वापस करने के लिए ऑपरेशन करता है | या, सर्जन थोड़ा कम तीव्र प्रोसीजर करेगा जहाँ सिंथेटिक मेष से हर्निया को ठीक करने के लिए छोटे कट लगाये जाते हैं |[६]
- अगर आपका हर्निया ज्यादा परेशान नहीं कर रहा है और आपके डॉक्टर को वह छोटा लग रहा है, तो वह सर्जरी का सुझाव नहीं देगा |
संपादन करेंलाइफस्टाइल में बदलाव लाना
- छोटे मील्स खाएं: अगर आपको हिअटल हर्निया की वजह से हार्टबर्न महसूस हो रहा है, तो अपने पेट पर कम दबाव डालें | ऐसा करने के लिए हर बार थोड़ा खाना खाएं | आपको धीरे भी खाना चाहिए ताकि आपका पेट खाने को जल्दी और आसानी से पचा पाए | इससे आपके सटमक स्फिन्क्टेर (stomach sphincter), एक ऐसा मस्सल जो पहले ही कमज़ोर है उस पर भी कम दबाव पड़ेगा |[७]
- सोने जाने से 2 से 3 घंटे पहले तक खाना खाने से बचें | इससे जैसे आप सोने लेटेंगे आप का खाना आपके पेट पर दबाव नहीं डालेगा |
- आप पेट के एसिड को कम करने के लिए अपनी डाइट में बदलाव भी ला सकते हैं | हाई फैट से भरे पदार्थ जैसे चॉकलेट, पेपरमिंट, एल्कोहोल, प्याज़, टमाटर, और साइट्रस का सेवन नहीं करें |[८]
- अपने पेट पर दबाव कम करें: ऐसे कपड़े पहनें जो आपके पेट को कसे नहीं | चुस्त कपड़े और बेल्ट पहनने से परहेज़ करें | इसके बजाय, ऐसे टॉप पहनें जो पेट के आस पास लूज़ हैं | अगर आप बेल्ट पहनते भी हैं, उसे एडजस्ट करें ताकि वह आपकी कमर से चिपके नहीं |[९]
- जब आप अपने पेट या एब्डोमेन को दबाते हैं, तो आप हर्निया को बढ़ा सकते हैं और हाइपरएसिडिटी भी और तीव्र हो सकती है | आपके पेट का एसिड वापस से एसोफेगस में जा सकता है |
- वज़न कम करें: अगर आपका वज़न ज्यादा है, तो आप अपने पेट और एब्डोमेन मस्सल पर अधिक दबाव डाल रहे हैं | इस दबाव से एक और हर्निया बनने की सम्भावना बढ़ जाती है | ये आपके पेट का एसिड वापस एसोफेगस में जा सकता है | इससे रिफ्लक्स और हाइपरएसिडिटी हो सकती है |[१०][११]
- धीरे धीरे वज़न कम करने की कोशिश करें | हफ्ते में एक या दो पौंड वज़न ही कम करने की कोशिश करें | अपने डॉक्टर से डाइट और एक्सरसाइज प्लैन में बदलाव लाने के लिए बात करें |
- मुख्य मस्सल को एक्सरसाइज करें: क्योंकि आप भारी वस्तुएं नहीं उठा सकते हैं, ऐसी एक्सरसाइज करें जो आपके मस्सलस को मजबूती और सहारा दें | अपनी पीठ के बल लेट कर इनमें से कुछ स्ट्रेच करने की कोशिश करें:
- अपने घुटनों को ऊपर लायें ताकि आपके पैर थोड़े से मुड़े हुए हैं | अपने दोनों पैरों के बीच तकिया रखें और थाई मस्सलस से तकिये को दबाएँ | अपने मस्सल को रिलैक्स करें और इस स्ट्रेच को दस बार दोहराएं |
- अपने हाथों को अपने दोनों तरफ रखें और दोनों घुटनों को धरती से उठा कर हवा में रखें | हवा में दोनों पैरों से पेडलिंग मोशन करें | ऐसा तब तक करते रहे जब तक आपको एब्डोमेन में स्ट्रेन नहीं महसूस होने लगे |
- अपने घुटनों को ऊपर उठाएं ताकि आपके पैर थोड़े से मुड़े हुए हों | अपने हाथों को सर के पीछे रखें और अपने शरीर को करीब 30 डिग्री से झुका लें | आपका धड़ आपके घुटनों के नज़दीक आना चाहिए | इस स्थिति में कुछ दिन रहिये और फिर छोड़ दें | हर रोज़ 15 बार दोहराएं |
- धूम्रपान बंद कर दें: अगर आपको रिफ्लक्स महसूस कर रहे हैं, तो धूम्रपान छोड़ने का प्रयत्न करें | धूम्रपान से पेट का एसिड बढ़ जाता है, जिससे रिफ्लक्स की स्थिति और बिगड़ सकती है | इसके इलावा अगर आप सर्जरी से हर्निया ठीक करने की सोच रहे हैं तो डॉक्टर आपको सर्जरी से पहले धूम्रपान छोड़ने की सलाह देंगे |
- धूम्रपान आपको सर्जरी के बाद ठीक होना मुश्किल करेगा और इस दौरान वह आपका ब्लड प्रेशर भी बढ़ा सकता है | धूम्रपान आपकी सर्जरी के बाद फिर से इन्फेक्शन या बार बार हर्निया होने की सम्भावना को भी बढ़ाता है |[१२]
संपादन करेंहर्बल रेमेडीज की मदद से
- शेफर्डस पर्स (shepherd's purse) का इस्तेमाल करें: ये पेड़ (वीड समझा जाने वाला) हमेशा से सूजन और दर्द को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है | शेफेर्ड्स पर्स एसेंशियल आयल को उस स्थान पर लगायें जहाँ आपको हर्निया का दर्द हो रहा है | आप ओरल्ली खाने के लिए शेफर्डस पर्स सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं | हमेशा निर्माता के डोज़िंग निर्देशों का पालन करें | [१३]
- क्षोधों से पता चला है की शेफर्डस पर्स एंटी-इंफ्लेमेटरी है |[१४]इससे इन्फेक्शन भी नहीं होते हैं |
- हर्बल टी पीयें: अगर आपका हर्निया की वजह से जी मचला रहा है, उलटी आ रही है या रिफ्लेक्स हो रहा है तो अदरक की चाय पीयें | अदरक भी एंटी-इंफ्लेमेटरी है और पेट को आराम देता है | अदरक के टी बैग्स ले आयें या एक एक टीस्पून ताज़ी अदरक को काट लें | इस अदरक को खौलते पानी में पांच मिनट के लिए उबालें | खाने से करीब एक घंटे पहले इसको पीने से आराम ज्यादा मिलता है | ये प्रेग्नंट और नर्सिंग कर रही माओं के लिए भी सुरक्षित रहता है |[१५]
- अपने पेट के एसिड को कम करके उसे राहत देने के लिए फेंनेल (Fennel) टी पीने के बारे में सोचें | एक टीस्पून फेंनेल सीड्स को पीस लें और 5 मिनट तक खोलते पानी के कप में डाल कर रखें | दिन में दो या तीन कप इस चाय के पीयें |
- आप पाउडरड या प्रेपरेड मस्टर्ड पानी में मिला कर या केमोमायिल टी भी पी सकते हैं | ये सभी एंटी-इंफ्लेमेटरी होते हैं और एसिड को कम करके आपके पेट को भी शांत कर सकते हैं |[१६]
- लिकोरिस रूट (licorice root) लें: चीयुएबल टेबलेट फॉर्म में लिकोरिस रूट (deglycyrrhizinated licorice root) की तलाश करें | लिकोरिस रूट हाइपरएसिडिटी को कम कर पेट को आराम देने के लिए जानी जाती है | निर्माता के सभी निर्देशों का ध्यान से पालन करना नहीं भूलें | इसका मतलब है हर 4-6 घंटों में 2-3 टेबलेट्स का सेवन करना |[१७]
- ये ध्यान रहे की लिकोरिस रूट से आपकी बॉडी में पोटैशियम की कमी हो सकती है जिससे हार्ट अर्र्हिथमिआज़ (heart arrhythmias) हो सकता है | अगर आपने दो हफ़्तों से ज्यादा लिकोरिस रूट की ज्यादा मात्रा का सेवन किया है तो अपने डॉक्टर से बात करें |
- स्लिप्प्री एल्म (Slippery elm) एक और हर्बल सप्लीमेंट है जो आप ड्रिंक या टेबलेट की तरह ले सकते हैं | ये इर्रिटेटेड टिश्यूज़ को आराम देता है और प्रेगनेंसी में भी इस्तेमाल के लिए सुरक्षित रहता है |[१८]
- एप्पल साइडर विनेगर पी लें: अगर आपको बहुत तीव्र रिफ्लक्स है, तो आप एप्पल साइडर विनेगर पी कर देख सकते हैं | कुछ लोगों का मानना है की ज्यादा एसिड आपके शरीर को फीडबैक इनहिबिशन नाम की प्रक्रिया से बता देगा की कब उसे स्वयं का एसिड प्रोडक्शन कम करना है हांलाकि इस बात पर और क्षोध की ज़रुरत है | 1 टेबलस्पून आर्गेनिक एप्पल साइडर विनेगर को 6 औंस पानी में मिलाएं और पी लें |[१९] अगर आप चाहें तो स्वाद बेहतर बनाने के लिए इस ड्रिंक में थोड़ा सा शहद डाल लें |
- इसका एक और तरीका है खुद का लेमोनेड या लाइमएड बनाना | कुछ टीस्पून प्योर लेमन या लाइम जूस को मिश्रित करें और स्वाद के लिए थोड़ा पानी डालें | अगर आप चाहें तो इस ड्रिंक में थोड़ा सा शहद डाल लें | इसको खाने से पहले, उसके दौरान या उसके बाद पीयें |
- एलो वेरा जूस पीयें: आर्गेनिक एलो वेरा जूस (जेल नहीं) का चुनाव करें और उसका आधा कप पी लें | वैसे तो आप उसे पूरे दिन पी सकते हैं पर कोशिश करें की 1 या दो कप से ज्यादा नहीं पीयें | ऐसा इसलिए क्योंकि एलो वेरा लक्सेटिव की तरह काम करता है |[२०]
- क्षोध से ये बात साबित हुई है की एलो वेरा सिरप इन्फ्लाम्मेशन को कम करके और पेट के एसिड को नयूट्रलायिज़ करके एसिड रिफ्लक्स से आराम दिला देता है |[२१]
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February 18, 2019, 5:00 am
पेपर से एक गुलाब बनाना, एक ऐसा इंटर्मीडिएट ओरिगेमी (origami) प्रोजेक्ट होता है, जिससे आपको एक खूबसूरत, सजाने लायक फूल मिल जाता है। इसकी शुरुआत एक सिंपल स्क्वेर (चौकोर भाग) से होती है, जिसे बहुत सावधानी के साथ एक स्पाइरल पैटर्न में फ़ोल्ड किया जाता है। एक साथ चार पंखुड़ियों को, एक स्क्वेर बेस के आसपास कसकर ट्विस्ट करते हुए, एक गुलाब बन जाता है। एक बार आप आपका पहला रोज़ बना लेंगे, फिर आपका दिल खुद ही इतने सारे रोज़ को बनाने को तैयार हो जाएगा, जिससे आप खूबसूरत फूलों का एक पूरा बुके बना सकें।
- एक स्क्वेर पीस पेपर ले आएँ: पेपर रोज़ भी ज़्यादातर ओरिगेमी प्रोजेक्ट्स की ही तरह, एक सिंपल स्क्वेर से शुरू होता है। अपनी पसंद का कोई भी कलर चुन लें, बस दोनों साइड्स, का कलर या टेक्सचर एक-दूसरे से अलग ही रखें।[१] ग्लॉसी पेपर से एकदम ओरिजिनल नजर आने वाला रोज़ बनता है।
- पेपर को हाफ (कलर वाले साइड को नीचे, व्हाइट साइड को ऊपर रखकर) में फ़ोल्ड करें: बॉटम एज को मोड़कर टॉप एज से मिला दें। अपनी उंगली से फ़ोल्ड को सेंटर से बाहर की तरफ क्रीज़ कर दें।
- ओरिगेमी वर्ल्ड में, क्योंकि इस फ़ोल्ड से पेपर पर एक छोटी सी वेली (चोटी) बन जाती है, इसलिए इस फ़ोल्ड को "वेली फ़ोल्ड (valley fold)" कहा जाता है, ओरिगेमी के लगभग सारे फोल्ड्स की शुरुआत इस वेली फ़ोल्ड से या इसके अपोजिट माउंटेन फ़ोल्ड, जिससे एक टीला जैसा बनता है, से हुआ करती है।[२]
- पेपर को अनफ़ोल्ड करें: जब आप फ़ोल्ड को खोलते हैं, तब आप देखेंगे, कि आपके द्वारा तैयार की हुई क्रीज़, पेपर के बीच में से एक हॉरिजॉन्टल लाइन बनाकर गुजर रही है।
- रेड साइड को नीचे की तरफ रखकर, क्रीज़ को नीचे की तरफ ओरिएंट कर दें।
- बॉटम हाफ को हाफ में फ़ोल्ड करें: पेपर की बॉटम एज को, मिडल में मौजूद हॉरिजॉन्टल क्रीज़ से मिला दें।[३]
- इस नए फ़ोल्ड को अपनी फिंगर से क्रीज़ कर दें।
- टॉप हाफ को हाफ में फ़ोल्ड करें: पेपर की टॉप एज को लोअर हॉरिजॉन्टल क्रीज़ के साथ मिला दें।[४]
- इस नए फ़ोल्ड को अपनी उंगली से क्रीज़ कर दें।
- पेपर को अनफ़ोल्ड करें: अब आपको पेपर पर, इक्वल सेक्शन बनाती हुई तीन हॉरिजॉन्टल क्रीज़ नजर आएंगी।[५]
- बॉटम को तीन क्वार्टर्स में फ़ोल्ड कर दें: अपने पेपर के ओरिएंट होने की पुष्टि कर लें, ताकि आपके द्वारा पहले के स्टेप में तैयार की हुई क्रीजेज़, रेड साइड के नीचे होने के साथ, हॉरिजॉन्टल हों। पेपर की बॉटम एज (आपकी बॉडी के सबसे करीबी) को लें और इसे पेपर के सर्फ़ेस पर तब तक ड्रेग करते रहें, जब तक कि ये टॉप पर सबसे करीब मौजूद क्रीज़ से न मिल जाए। आप जिस क्रीज को बॉटम एज पर मिलाने की कोशिश कर रहे हैं, वो पेपर के टॉप से एक चौथाई हिस्से नीचे मौजूद है।[६]
- इस फ़ोल्ड को अपनी फिंगर से या एक बोन फोल्डर से क्रीज़ कर दें।
- अगर आपने फ़ोल्ड ठीक से किए हैं, पेपर के बीच में क्रीज के बीच का एरिया और पेपर के नीचे का तीन-चौथाई हिस्सा, आपके नए फ़ोल्ड के आधे हिस्से में स्पिलट हो गया होगा।
- अगर आप चाहें तो, फ़ोल्ड सही करने की पुष्टि करने के लिए, आपके द्वारा किए हुए फोल्ड्स को खोलकर भी देख सकते हैं। हालांकि, नेक्स्ट स्टेप पर जाने से पहले, उन फोल्ड्स को वापस उनकी जगह पर फ़ोल्ड करना न भूलें।
- बॉटम राइट कॉर्नर को अंदर फ़ोल्ड करें: बॉटम राइट कॉर्नर (बॉटम क्रीज़ के द्वारा तैयार किया हुआ) को पकड़ें और 45 डिग्री के एंगल पर एक छोटा सा डायगोनल फ़ोल्ड करें। कॉर्नर ऊपर की तरफ फ़ोल्ड होने चाहिए, ताकि पेपर के राइट साइड के छोटे पोर्शन, सबसे करीबी क्रीज़ के साथ में एक-सीध में हों।[७]
- पेपर को अनफ़ोल्ड करें: आपको चार हॉरिजॉन्टल क्रीज़ नजर आएंगी। आपके ओरिजिनल एरिया में, नीचे के एक दूसरे हिस्से को इन हॉरिजॉन्टल क्रीज़ में से किसी एक के द्वारा आधे हिस्से में डिवाइड किया जाना चाहिए। इसके अलावा, इसी एरिया में, आपको राइट साइड पर दो डायगोनल (Diagonal) क्रीजेज़ भी नजर आना चाहिए।[८]
- इन दो डायगोनल क्रीजेज़ में से, एक को हॉरिजॉन्टल क्रीज़ पर से 45 डिग्री के एंगल पर ऊपर जाना चाहिए और दूसरी को इसी एंगल से नीचे की तरफ जाना चाहिए।
- इन क्रीज़ को मार्क कर दें: पेन या पेंसिल की मदद से, क्रीज़ के साथ लाइन ड्रॉ कर दें।[९]
- पेपर को 180 डिग्री पर रोटेट कर दें और फिर रिपीट करें: पेपर को ऐसे टर्न करें, ताकि टॉप अब बॉटम बन जाए। फिर स्टेप्स 7 से 10 तक फिर से रिपीट करें।[१०]
- पेपर को 90 डिग्री पर रोटेट कर दें और फिर रिपीट करें: पेपर को एक टर्न के वन क्वार्टर से टर्न करें, फिर स्टेप 2 से 10 तक रिपीट करें।[११]
- पेपर को 180 डिग्री पर रोटेट कर दें और फिर रिपीट करें: पेपर को एक और हाफ-टर्न में मोड़ें, फिर स्टेप्स 7 से 10 तक फिर से रिपीट करें।[१२]
संपादन करेंडायगोनल फोल्ड्स (Diagonal Folds) करना
- पेपर को डायगोनली हाफ में फ़ोल्ड कर दें: रेड साइड को अभी भी नीचे ही रखकर, लोअर राइट कॉर्नर को लें और इसे अपर राइट कॉर्नर से मिलाने के लिए लेकर जाएँ। फोल्ड्स को अपनी फिंगर से क्रीज़ करें।[१३]
- पेपर को अनफ़ोल्ड करें: एक नई डायगोनल क्रीज़ को पाने के लिए, इसे खोल दें।[१४]
- पेपर को अपोजिट डायगोनल में फ़ोल्ड करें: पेपर को 90 डिग्रीज में रोटेट करें और इसके पहले के दो स्टेप्स रिपीट करें।[१५]
- पेपर को अनफ़ोल्ड करें: पेपर पर "X" बनाने वाली दो डायगोनल क्रीज़ को पाने के लिए, इसे खोल दें।[१६]
- टॉप-लेफ्ट कॉर्नर को फ़ोल्ड करें: अपने पेपर के हर एक कॉर्नर में, आपको सिंगल डायगोनल क्रीज़ के द्वारा डिवाइड करते हुए जाता हुआ एक नया छोटा सा स्क्वेर नजर आएगा। टॉप लेफ्ट कॉर्नर को पकड़ें और ओरिजिनल डायगोनल क्रीज़ के ऊपर पर्पेंडीकुलर जाती हुई एक क्रीज़ बनाते हुए, इसे अंदर की तरफ फ़ोल्ड कर दें।[१७]
- आपके पेपर के कॉर्नर को, छोटे स्क्वेर के बॉटम राइट कॉर्नर से अलाइन होना चाहिए।
- अनफोल्ड करें और बनी हुई सभी नई क्रीज़ को मार्क करें: आपको टॉप-लेफ्ट कॉर्नर पर एक छोटा "X" नजर आएगा। नई क्रीज़ के साथ एक लाइन ड्रॉ कर दें।[१८]
- बॉटम-राइट कॉर्नर को नई लाइन तक फ़ोल्ड करें: बॉटम-राइट कॉर्नर को लें और इसे ऊपर तक लेकर आएँ, ताकि कॉर्नर का पॉइंट जाकर, इसके पहले के स्टेप में बनाई हुई लाइन को टच करे।[१९]
- ऐसा करने पर एक नई क्रीज़ तैयार होना चाहिए, जो इनमें से किसी एक लाइन, खासकर बॉटम-लेफ्ट से टॉप-राइट को जाती हुई लाइन के पेरेलल (समानान्तर), एक बड़ा "X" बनाकर गुजरती हो।
- अनफोल्ड करें और मार्क करें: अनफोल्ड करें और इस नई डायगोनल लाइन के साथ एक लाइन ड्रॉ करें।[२०]
- रोटेट करें और रिपीट करें: पेपर को 180 डिग्री पर टर्न कर दें और पहले के चार स्टेप्स को रिपीट करें।[२१]
- अब आप आपके पेपर के बॉटम-लेफ्ट कॉर्नर से, टॉप राइट कॉर्नर तक जाती हुई तीन पेरेलल लाइन देखेंगे।
- रोटेट करें और रिपीट करें: फिर से, अब पेपर को 90 डिग्री पर टर्न कर दें और स्टेप्स (पार्ट 2 वाले) 5 से 9 तक के स्टेप को रिपीट करें।[२२]
- जब आप इसे कर लेंगे, तब आपको बॉटम-लेफ्ट से, टॉप राइट तक जाती हुई तीन पेरेलल लाइन और टॉप-लेफ्ट से बॉटम-राइट पर तीन लाइन देखेंगे।
- चार कॉर्नर में फ़ोल्ड करें: पार्ट 2 के स्टेप 5 की तरह, चारों कॉर्नर को फ़ोल्ड कर लें। ऐसा करने के लिए आपको कोई भी नई क्रीज़ नहीं बनाना होगी।[२३]
- आखिरी में आपको एक आक्टगान (octagon) मिलेगा।
- पेपर को ऊपर टर्न कर दें: आपके पेपर की रेड साइड अब ऊपर की तरफ होगी।[२४]
- छोटे ट्राएंगल को लोकेट करें: आपके पेपर की बॉटम एज के साथ, आपको छोटे क्रीज़ वाले ट्राएंगल नजर आएंगे। इस पर मिडल में नीचे की तरफ एक क्रीज़ होगी, जो ऐसे छोटे ट्राएंगल्स की तरह नजर आएगी, जो वर्टीकल साइड को शेयर करते हैं।
- अगर आपको उसे पाने में परेशानी हो रही है, तो ट्राएंगल के राइट-मोस्ट कॉर्नर के लिए तलाश करें। ट्राएंगल का राइट-मोस्ट कॉर्नर ऐसी जगह पर होगा, जहां पर पेपर की बॉटम एज, जो कि हॉरिजॉन्टल है, पेपर की बॉटम-राइट से मिलेगी, जो कि डायगोनल होगी।
- अगर छोटा ट्राएंगल वहाँ पर नहीं है, तो फिर आपके द्वारा पार्ट वन के आठवे स्टेप को सही तरीके से किए जाने की पुष्टि कर लें।
- बॉटम में इनसाइड रिवर्स फ़ोल्ड बनाएँ: अगर आपको नहीं मालूम, कि इनसाइड रिवर्स फ़ोल्ड क्या होते हैं, या आप इनसाइड रिवर्स फ़ोल्ड करना भूल गए हैं, तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें।[२५]
- आपके द्वारा पिछले स्टेप में लोकेट किए हुए ट्राएंगल की सेंटर क्रीज़ को, एक छोटा सा वेली फ़ोल्ड बनाते हुए, अंदर की तरफ फ़ोल्ड करें।
- उसी वक़्त पर, ट्राएंगल की दोनों डायगोनल साइड्स को, एक माउंटेन बनाते हुए बाहर की तरफ फ़ोल्ड करें।
- इससे पेपर की साइड में एक छोटी-सी "नोच (चोंच)" तैयार होते हुए एक छोटा-सा ट्राएंगल तैयार हो जाएगा।
- फिर, ट्राएंगल की नोच से फैली क्रीज के साथ एक और माउंटेन की टिप बनाएं।
- इसे इनसाइड रिवर्स फ़ोल्ड कहते हैं।[२६]
- एक और दूसरा इनसाइड रिवर्स फ़ोल्ड बनाएँ: जो एक बार बॉटम लेफ्ट कॉर्नर में था, अब आपको हल्के से अलग शेप की एक और दूसरी नोच फ़ोल्ड करना होगी।[२७]
- छोटे ट्राएंगल के ठीक राइट तरफ (वो ही, जिसके ऊपर आपने अभी एक इनसाइड रिवर्स फ़ोल्ड बनाया है) एक और दूसरी क्रीज़ है। ये छोटे ट्राएंगल के राइट साइड पर पेरेलल जाती है और आक्टगान के साइड पर पर्पेंडीकुलर होती है।
- एक वेली फ़ोल्ड तैयार करने के लिए, क्रीज़ के साथ आराम से अंदर की तरफ पुश करें।
- फिर, पहले की तरह, ट्राएंगल के साइड्स को, छोटा सा टीला तैयार करते हुए आराम से बाहर की तरफ पुश कर दें।
- आखिर में, नई "नोच" के हॉरिजॉन्टल साइड के साथ पेरेलल जाती हुई सबसे करीबी हॉरिजॉन्टल क्रीज़ को अंदर की तरफ पुश करते हुए एक और नई वेली फ़ोल्ड तैयार करें।[२८]
- इस आखिरी क्रीज़ को आपके पेपर के सेंटर से आखिरी तक, बाहर की तरफ, सेंटर में एक छोटा सा स्क्वेर बनाते हुए जाना चाहिए, जिस स्क्वेर को आप खुद भी रिवर्स साइड पर मार्क हुआ देख सकते हैं।
- रोटेट करें और रिपीट करें: पेपर को 90 डिग्री पर टर्न कर दें और स्टेप्स 3 और 4 को रिपीट करें। बाकी के बचे हुए तीन साइड के लिए भी इसे करें।[२९][३०]
- हर एक पंखुड़ी की एज पर वेली फ़ोल्ड का यूज करें: अब जैसे कि आपके गुलाब का बेसिक स्ट्रक्चर तैयार हो चुका है, तो अब वक़्त है पंखुड़ियों पर काम करने का। पहले स्टेप की तरह ही, आपको हर एक की बाहरी एज पर वेली फ़ोल्ड एड करना होगी।[३१]
- आप इसे देख लेंगे, अगर आप अपने गुलाब को ऊपर से देखते हैं, तो इसमें, इसके सेंटर से बाहर निकलती हुई चार लंबी वेलीज़ मौजूद होंगी। इन के राइट साइड पर एक बड़ी, फ्लेट सर्फ़ेस होगी। इस सर्फ़ेस की एज को पकड़ लें और इसे अंदर की तरफ फ़ोल्ड कर दें।
- खासतौर पर, बाहरी एज की तीनों साइड को पकड़ें और उन्हें कुछ इस तरह से फ़ोल्ड करें, जैसे कि टैब के शेप का एक छोटा सा ट्रेपेजोइड (trapezoid) बन गया हो।[३२]
- कॉर्नर्स को फ़ोल्ड करें: अपने गुलाब को साइड से देखने पर, अब आप ऐसे चार शेप नजर आएंगे, जो कि एक कॉर्नर कटे हुए (आपके द्वारा अभी वेली-फ़ोल्ड किए हुए एरिया के साथ) एकदम ट्राएंगल की तरह दिखते हैं। आप पेपर के व्हाइट साइड पर, इन सबके बेस से बाहर उभरा हुआ एक छोटा-सा ट्राएंगल देख सकेंगे। इन सभी "चोप्ड-ऑफ" ट्राएंगल्स के राइट-साइड पॉइंट को फ़ोल्ड कर दें।[३३]
- "व्हाइट" ट्राएंगल के बॉटम पॉइंट से एक इमेजिनरी लाइन ड्रॉ कर दें, और इसके साथ एक वेली फ़ोल्ड बनाएँ।[३४]
- कॉर्नर्स को अनफ़ोल्ड करें और उन्हें रिवर्स फोड़ कर दें:आपके द्वारा अभी टिप्स पर बनाए हुए वेली फोल्ड्स को अनफ़ोल्ड कर दें। फिर, उन्हें कुछ इस तरह से रिवर्स फ़ोल्ड कर दें, ताकि हर एक टिप रोज के अंदर छिप जाए।[३५]
- अगर आपने इसे सही ढ़ंग से किया है, व्हाइट ट्राएंगल फिर अब नजर नहीं आएगा।
- छोटे वेली फोल्ड्स एड करें: आपके "चोप्ड-ऑफ" ट्राएंगल्स अब ऐसे नजर आएंगे, जैसे कि इनके दो पॉइंट्स चोप हो चुके हैं: एक लेफ्ट पर और एक छोटा सा राइट में, जो कि आपके रिवर्स फ़ोल्ड के द्वारा तैयार किए गए हैं। आप अब इन छोटे "चोप्ड" साइड को, "चोप्ड" ट्राएंगल (मतलब कि, पेपर की एज से) के बेस से एक 45 डिग्री के एंगल पर फ़ोल्ड अप करें।[३६]
- अनफ़ोल्ड करें और फ़ोल्ड को रिवर्स करें: आपके द्वारा अभी किए हुए वेली फोल्ड्स को अनफ़ोल्ड कर दें और फिर उसी लाइन के साथ, पिछले स्टेप में तैयार किए हुए छोटे ट्राएंगल को रोज के अंदर चारों पॉइंट्स पर, फ़ोल्ड को रिवर्स कर दें।[३७]
- एजेस को फ़ोल्ड डाउन करें: आपके "चोप्ड ऑफ" ट्राएंगल पर अब हर एक "चोप्ड" एज पर रिवर्स फ़ोल्ड होना चाहिए। ये आपको हर एक ट्राएंगल के बेस पर हॉरिजॉन्टल, बाहर की तरफ फ़ोल्ड किए हुए छोटे वेली फ़ोल्ड तैयार करने देगा। आपकी चारों पंखुड़ियों के साथ ऐसा करें।[३८]
- लेग्स तैयार करें: "लेग्स" तैयार करने के लिए पंखुड़ियों को एक-साथ ले आएँ। पंखुड़ी के हर एक सेट के लिए, उन्हें कुछ तरह से एक-दूसरे के करीब ले आएँ, ताकि राइट-साइड जाकर लेफ्ट-साइड के पीछे आएगा। उन्हें एक जगह पर बनाए रखने के लिए, क्रीजेज़ को प्रैस करें। इसके रिजल्ट में आपको चार पॉइंटेड और भरपूर मजबूत लेग्स मिलेंगे।[३९]
- अगर आपने इसे सही तरीके से किया है, तो आप आपके रोज को साइड से देखने पर, लेग्स पर छोटे या बिलकुल न के बराबर व्हाइट साइड सर्फ़ेस देखेंगे।
- इसे ऊपर टर्न कर दें और लेग्स को अंदर फ़ोल्ड कर दें: अपने रोज को कुछ इस तरह से ऊपर टर्न करें, जैसे कि आप नीचे व्हाइट इंटीरियर की तरफ देख रहे हैं। फिर, एक-एक करके, सारे ट्राएंगल लेग्स को नीचे फ़ोल्ड कर दें।[४०]
- छोरों को एक-दूसरे एक अंदर कुछ इस तरह से डालें, जैसे कि आप गुलाब की ओपनिंग को बंद कर रहे हैं।[४१]
- रोज को ऊपर टर्न कर दें: वो स्क्वेर, जिसे आप नीचे देखते हैं, अब वो रोज का ऊपरी हिस्सा बन जाएगा।[४२]
- क्वाड्रेंट्स (quadrants) को अंदर पुश कर दें: आपके रोज के ऊपर मौजूद स्क्वेर अब, क्रीजेज़ के द्वारा चार क्वाड्रेंट्स में डिवाइड हो जाएंगे। अपनी उंगली की मदद से, उस जगह स्क्वेर के ऊपर "X" बनाता हुआ एक तरह का उभार छोड़ते हुए, हर एक क्वाड्रेंट्स में आराम से अंदर की तरफ पुश करें।[४३]
- रोटेट करें: हर एक क्वाड्रेंट्स में "X" के अंदर एक उंगली रखें और आराम से रोटेट करें।[४४]
- ये आपके रोज के ऊपरी हिस्से को, "X" की हार्ड लाइंस के विपरीत एक और ज्यादा घूमा हुआ, ओर्गेनिक फील देगा।
- एक स्वर्ल (swirl) बनाएँ: ट्वीजर्स की पेयर से, उस सेंटर को पकड़ें, जो कभी "X" था और पेपर को खराब न करने के प्रति सावधानी बरतते हुए धीरे से, लेकिन दृढ़ता के साथ रोटेट करना जारी रखें।[४५]
- जब आप ऐसा करें, रोज का सेंटर, एक और भी वास्तविक लुक बनाते हुए, अंदर की तरफ चला जाएगा।
- इसे सही तरीके से करने के लिए, कई बार कोशिश करना होगी।
- पंखुड़ियों को कर्ल कर लें: दो उँगलियों का यूज करते हुए, हर एक पंखुड़ी को पॉइंट से पकड़ें और इन्हें सेंटर की तरफ रोल कर दें, फिर रिलीज कर दें। ऐसा करने से एक अच्छी तरह से कर्ल की हुई पंखुड़ी तैयार हो जाएगी।[४६]
संपादन करेंएक तना (डंठल) तैयार करना (ऑप्शनल)
- पेपर का नया पीस ले आएँ: अगर आप एक ओरिगेमी स्टेम (तना) बनाना चाहते हैं, तो फिर एक फ्रेश पेपर पीस, हो सके तो ग्रीन कलर के साथ शुरुआत करें।
- व्हाइट साइड को ऊपर रखकर शुरुआत करें और इसे हाफ में फ़ोल्ड कर दें: कॉर्नर से कॉर्नर लेकर, दो ट्राएंगल बनाते हुए पेपर को वेली फ़ोल्ड करें, फिर अनफ़ोल्ड कर दें।[४७]
- कॉर्नर्स को अंदर फ़ोल्ड कर दें: लेफ्ट और राइट कॉर्नर को अंदर, सेंटर की तरफ फ़ोल्ड कर, काइट शेप तैयार करते हुए, दो वेली फोल्ड्स तैयार करें।[४८]
- रिपीट करें: कॉर्नर को फिर से अंदर सेंटर क्रीज़ की तरफ फ़ोल्ड कर दें। फिर इसे एक और बार करें। अब आपको एक बहुत स्किनी काइट शेप मिल जाएगा।[४९]
- इसे ऊपर टर्न कर दें और ऊपर की तरफ फ़ोल्ड करें: स्टेम को ऊपर की तरफ ऐसे घुमा दें, ताकि पेपर की सारी एजेस एकदम छिप जाएँ, फिर बॉटम पॉइंट को टॉप वाले के ऊपर फ़ोल्ड कर दें।[५०]
- इसे हाफ में फ़ोल्ड कर दें: अब, स्टेम को वर्टीकल एक्सिस के साथ हाफ में फ़ोल्ड कर दें।[५१]
- साइड्स को फ़ोल्ड कर दें और फ़ोल्ड को रिवर्स करें: आउटर पार्ट (जो पत्ती बनेगा) को, अंदर (स्टेम) से, एक डायगोनल क्रीज़ बनाते हुए, बाहर की तरफ फ़ोल्ड करें। फिर फ़ोल्ड को रिवर्स करें और स्टेम से दूर कर दें। इसमें सेंटर में एक क्रीज़ होगी।[५२]
- स्टेम को अटेच कर दें: स्टेम के पॉइंटेड हिस्से को रोज के अंदर मौजूद उस होल में से अंदर डाल दें, जिस जगह पर पर सारे "लेग्स" मिलते हैं।
- सभी फोल्ड्स के शार्प और एकदम सही होने की पुष्टि कर लें। क्रीज़ बनाने से पहले एजेस को सही तरह से लाइन अप करें।
- आपके फोल्ड्स को ज्यादा से ज्यादा स्ट्रेट रखना चाहिए, नहीं तो ये सही ढ़ंग से नहीं टर्न होंगे।
- अगर आप ओरिगेमी से स्टेम नहीं बनाना चाहते हैं, तो एक ग्रीन पाइप क्लीनर्स या वायर से भी स्टेम (तना) तैयार कर सकते हैं।
- आपके पास में एक कलर पेपर ही होना जरूरी नहीं होता है, लेकिन अगर ये कलर वाला रहेगा, तो आपका रोज और भी अच्छा लगेगा। दो अलग-अलग कलर का यूज करके, इस प्रोसेस के दौरान आपको अपनी जगह का अंदाजा मिलते जाएगा।
- आखिर में, पंखुड़ियों को रोल करने के ठीक पहले, अगर आप 4 पॉइंटेड टिप्स को अंदर की ओर फ़ोल्ड कर देंगे, तो ये और ज्यादा खूबसूरत और असली नजर आएगा।
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February 19, 2019, 5:30 am
ऊपरी होंठों का रंग डार्क होना कई महिलाओं की परेशानी है, विशेषरूप से जिनकी नेचुरली डार्क स्किन टोन हो | डार्क ऊपरी होंठ का मतलब है कि ऊपरी होंठ के ऊपर की स्किन या केवल ऊपरी होंठ ही डार्क होना | यह आर्टिकल इन दोनों ही परेशानियों को डील करने की कुछ जरुरी जानकारी देगा | इसकी शुरुआत करने के लिए नीचे पढ़ें |
संपादन करेंऊपरी होंठ की डार्क स्किन को लाइट करें
- लाइटनिंग क्रीम आजमायें: ऊपरी होंठ की स्किन के डार्क होने का कारण स्किन में मेलेनिन की अधिकता होना है | आप बाज़ार में मिलने वाली या प्रिस्क्रिप्शन स्किन लाइटनिंग क्रीम के उपयोग से डार्क पिगमेंटेशन को कम दिखा सकते हैं |
- सबसे इफेक्टिव स्किन लाइटनिंग सामग्रियों में शामिल हैं- कोज़िक एसिड, अज़ेलैक एसिड, अर्बुटिन और विटामिन A, इसलिए आपको इनके कॉम्बिनेशन वाली क्रीम खरीदनी चाहिए |
- डार्क स्किन के लिए हाइड्रोकुइनोन एक बहुत इफेक्टिव ब्लीचिंग प्रोडक्ट है | हालाँकि यह USA में मिलता है लेकिन इसकी पोटेंशियल कार्सिनोजेनिक प्रॉपर्टीज के कारण यह कई एशियन और यूरोपियन देशों में प्रतिबंधित है | इसलिए इस प्रोडक्ट के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए |[१]
- लाइटनिंग मास्क बनाएं: आप बाज़ार से मास्क खरीद सकते हैं या इसे घर पर भी बना सकते हैं | इस मास्क को अपने लिप की ऊपरी डार्क स्किन पर लगायें | अब मास्क के पैकेज पर दिए गये टाइम के अनुसार इसे लगाए रखें और फिर थोड़े गर्म पानी से पेस्ट को धोकर साफ़ कर लें और स्किन को थपथपाकर सुखाएं | स्किन का रंग लाइट होने तक इस मास्क को सप्ताह में 2 से 3 बार तक लगायें |
- अगर आप खुद मास्क बनाना चाहते हैं तो एक छोटी कटोरी में बेसन, हल्दी, नीम्बू का रस और हनी को एक समान मात्रा में मिलाएं और एक स्मूथ पेस्ट बनायें | इसे 10 से 15 मिनट तक या सूखने तक लगाये रखें |
- इसके अलावा आप एक-एक बड़ी चम्मच (15 मिलीलीटर) दूध, हनी और लेमन जूस को एक साथ मिलाएं | इस मास्क को लिप्स पर 20 मिनट तक लगाकर रखें |
- एक्स्फोलीयेशन ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करें: एक्स्फोलियेशन डार्क, पिगमेंटेड स्किन की ऊपरी लेयर को हटाने में और अंदर की नई, लाइट स्किन को उभारने में मदद कर सकता है |
- लिप के ऊपर की स्किन को एक्स्फोलियेट करने के लिए सप्ताह में तीन से चार बार फेसिअल स्क्रब का इस्तेमाल करें | आप चाहे तो स्टोर से ख़रीदे गये प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करें या घर पर शुगर या नमक वाला स्क्रब बनाकर उपयोग करें |
- केमिकल एक्स्फोलियेंट भी बेहतर ऑप्शन होते हैं | ऐसे केमिकल एक्स्फोलियेंट चुनें जिनमे बीटा-हाइड्रोक्सी एसिड हो, जैसे सैलिसिलिक एसिड | डेड स्किन सेल और हाइपरपिगमेंटेशन से छुटकारा पाने के लिए इसे ऊपरी होंठ की स्किन पर लगायें |
- इसके अलावा, आप माइक्रोडर्माब्रेशन ट्रीटमेंट भी आजमा सकते हैं जो आमतौर पर डर्मेटोलॉजिस्ट एक क्रिस्टल हेड वाले रोटेटिंग ब्रश के द्वारा करते हैं और इससे ऊपरी डार्क स्किन की लेयर को इफेक्टिवली हटाया जा सकता है |
- वैक्सिंग न करें: ऊपरी होंठ की स्किन डार्क होने का कारण एग्रेसिव हेयर रिमूवल तकनीक भी हो सकती हैं जैसे रेगुलर वैक्सिंग |
- इसलिए, कुछ महीनों तक वैक्सिंग न कराना ही बेहतर होगा जिससे स्किन को अपने आप लाइट होने का मौका मिल सके |
- अगर आप ऊपरी होंठ पर ग्रो करने वाले डार्क हेयर के बारे में सोच-सोचक्र परेशान हो रहे हैं तो फेसिअल हेयर ब्लीच करें या फिर जेंटल हेयर रिमूवल मेथड अपनाएं जैसे थ्रेडिंग |
- सनस्क्रीन लगायें: ऊपरी लिप या शरीर के किसी भी हिस्से पर डार्क और डिसकलर्ड स्किन होने के पीछे सबसे बड़ा दोषी हानिकारक UV रेज़ को ही माना जाता है |
- इसीलिए, धूप न होने पर भी हर दिन फेसिअल सनस्क्रीन लगाकर इन हानिकारक रेज़ से स्किन को बचाना बहुत जरुरी होता है | इसे आसानी से लगाने के लिए, हर सुबह कम से कम 15 SPF वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें |
- ऊपरी लिप पर डार्क पिगमेंटेशन होने का एक कारण टैनिंग बूथ्स और बेड्स का इस्तेमाल भी है | टैनिंग बूथ्स स्किन के लिए हानिकारक होते हैं और ये समय से पहले ही बुढ़ापा ला सकते हैं, इसके साथ ही इनसे ब्राउन स्पॉट्स और डिसकलरेशन भी हो जाता है | इनकी बजाय सेल्फ-टैन लोशन लगायें जो स्किन के लिए कफी कोमल होते हैं |
- कुछ अन्य होम रेमेडीज आजमायें: ऊपरी होंठ की स्किन लाइटनिंग के लिए कई तरह की होम रेमेडीज का इस्तेमाल किया जाता है जिनमे से अधिकतर की इफेक्टिवनेस अलग-अलग होती है | इसलिए अगर आप नैचुरली ऊपरी लिप की स्किन को लाइट बनाना चाहते हैं तो निम्नलिखित एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं:
- हनी और लाइम जूस: थोड़ी सी हनी और लाइम जूस मिक्स करें (आप चाहें तो लेमन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं) और इसे ऊपरी होंठ पर लगायें | लाइम जूस में सिट्रिक एसिड स्किन को ब्लीच कर देते हैं जबकि हनी इसे सॉफ्ट और माँइश्चराइज करती है |
- आलमंड ऑइल: बादाम का तेल स्किन लाइटनिंग का एक अच्छा प्रोडक्ट है क्योंकि यह स्किन को हाइड्रेट और पोषित करता है और साथ ही स्किन रिजुवेनेशन को भी प्रेरित करता है | थोडा सा आयल गर्म करें और इसे ऊपरी होंठ पर मसाज करें |
- गाजर का रस: गाजर का रस भी ऊपरी होंठ की स्किन लाइटनिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि इसमें विटामिन A और बीटा-कैरोटीन जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है | एक गाजर को कद्दूकस करें और फिर इसे फ़ूड प्रोसेसर में ब्लेंड कर लें | एक छन्नी से छानकर इसका रस निकाल लें और इसे एक कॉटन बॉल से ऊपरी होंठ की स्किन पर लगायें | इसे 15 से 20 मिनट तक लगाये रखने के बाद धोकर साफ़ कर लें |
संपादन करेंडार्क अप्पर लिप्स को लाइट करें
- लिप्स को हाइड्रेटेड रखें: लिप्स को हाइड्रेटेड रखने से उनके हेल्दी पिंक ग्लो को बरकरार रखने में मदद मिलेगी | बहुत ज्यादा ठन्डे या गर्म मौसम में यह और भी ज्यादा जरुरी होता है क्योंकि इन मौसम में लिप्स काफी ड्राई हो जाते हैं |
- हर रात सोने से पहले एक माँइश्चराइजिंग लिप बाम का इस्तेमाल करें और दिन के समय में हाइड्रेटिंग लिपस्टिक चुनें |
- बीज़वैक्स बेस्ड प्रोडक्ट्स एक्सट्रीमली हाइड्रेटेड होते हैं | सर्दियों में लिप्स में नमी को सील करने के लिए पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल करें और लिप्स को सूखने न दें |
- अगर आप नेचुरल माँइश्चराइ जेशन मेथड्स अपनाना चाहते हैं तो अपने लिप्स पर थोड़ी सी हनी (इसे चांटे नहीं) या थोडा सा एलोवेरा जेल मलें |
- आप खूब सारा पानी पीकर भी अपने लिप्स को हाइड्रेट रख सकते हो- आईडियली हर दिन छह से आठ गिलास पानी |
- सप्ताह में एक बार एक्स्फोलियेट करें: स्किन के अंदर की सॉफ्ट पिंक स्किन को बाहर लाने और डार्क लिप्स को को लाइट करने के लिए एक्स्फोलीयेशन एक अच्छा उपाय है |
- एक छोटी चम्मच ऑलिव ऑइल और एक छोटी चम्मच चीनी मिलाकर खुद अपना लिप स्क्रब बनायें | अब इसे लगायें और सुंदर सॉफ्ट लिप्स पाने के लिए इसे धोकर साफ़ करें |
- इसके अलावा, आप टूथब्रश के ब्रिसल्स के इस्तेमाल से भी लिप्स को एक्स्फोलियेट कर सकते हैं | अपने लिप्स को गीला करें और फिर धीरे-धीरे ब्रश के ब्रिसल्स से लिप पर स्माल, सर्कुलर मोशन में मलें |
- ऐसे केमिकल एक्स्फोलियेंट चुनें जिनमे सैलिसिलिक एसिड पाया जाता है | इसे लिप्स पर लगायें लेकिन इसके सूखने तक लिप्स को चांटे नहीं |
- आपको सप्ताह में कम से कम एक बार लिप्स को ऊपर बताई गयी मेथड्स के इस्तेमाल से एक्स्फोलियेट करना चाहिए | ध्यान रखें कि लिप्स को एक्सफोलिएशन के बाद हमेशा माँइश्चराइज करें |
- धूप से लिप्स को बचाएं: बिना SPF प्रोटेक्शन के धूप में लिप्स के एक्सपोज़र के कारण लिप्स डार्कली पिगमेंटेड हो सकते हैं (ड्राई, क्रैक्ड या सूजन वाले नहीं) |
- इसीलिए दिन के समय में घर से बाहर निकलते समय SPF युक्त लिप बाम लगाकर हानिकारक UVA और UVB रेज़ से लिप की सुरक्षा करना जरुरी होता है |[२]
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- बहुत ज्यादा चाय और कॉफ़ी के सेवन से बचें: बहुत ज्यादा ब्लैक टी या कॉफ़ी पीने से लिप्स रंग जाते हैं जिससे ये ज्यादा डार्क दिखाई देते हैं |
- ब्लैक टी और कॉफ़ी की जगह पर ग्रीन या वाइट टी लें |
- इसके अलावा, (अगर आपको कैफीन की तलब लगे तो) सुबह की कॉफ़ी एक स्ट्रॉ से पियें | इससे लिक्विड लिप्स और दांतों में नहीं लगेगा और इन पर धब्बे नहीं आयेंगे |
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- धूम्रपान छोड़ें: अगर आप अपने लिप्स के डार्क कलर से परेशान हैं तो सबसे पहले स्मोकिंग छोड़ें |
- स्मोक में पाया जाने वाला निकोटिन लिप्स पर धब्बे बना देता है और लिप्स डार्क और डल दिखने लगते हैं | इसके अलावा, स्मोकिंग से चेहरे की ओर जाने वाले ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है जिससे लिप्स पीले से और पतले दिखाई देने लगते हैं |
- धूम्रपान छोड़ना आसान नहीं होता लेकिन अगर आप ठान लें तो ऐसा कर सकते हैं | इस आदत को छोटने से न केवल लिप्स का अपीयरेंस सुधरेगा बल्कि स्किन, हेयर और इंटरनल ऑर्गन्स की हेल्थ भी इम्प्रूव होगी और समय से पहले बुढ़ापा आने से बचेंगे | स्मोकिंग छोड़ने की और अधिक जानकारी के लिए आर्टिकल पढ़ें |
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- लिप्स की मसाज करें: लिप्स में ब्लड फ्लो को स्टीमुलेट करने के लिए मसाज एक बेहतर तरीका है जिससे लिप्स भरे हुए और लाइट कलर के दिखाई देते हैं |
- थोडा सा नेचुरल ऑइल (जैसे बादाम का तेल या कोकोनट ऑइल) लें और इंडेक्स फिंगर से धीरे-धीरे सर्कुलर मोशन में मसाज करते हुए लिप्स पर मलें |
- इसके अलावा, आप एक आइस क्यूब से लिप्स पर धीरे-धीरे मसाज कर सकते हैं | कोल्ड आइस ब्लड को सरफेस पर ले आती है जिससे लिप्स रेड और फुल दिखाई देने लगते हैं |
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- कुछ होम रेमेडीज आजमायें: डार्क लिप्स को लाइट करके उन्हें रोज़ि और फुल बनाने के लिए कई होम रेमेडीज होती हैं, नीचे दी गयी रेमेडीज में से अपने लिए किसी बेहतर रेमेडी को चुनें और एक्सपेरिमेंट करें |
![Lighten Dark Upper Lips Step 13 Version 9.jpg]()
- लेमन जूस: लेमन जूस में पाए जाने वाले सिट्रिक एसिड नेचुरल ब्लीचिंग एजेंट होते हैं | लेमन जूस को सीधे लिप्स पर लगायें, इसे लिप्स पर लगाने से पहले इसमें आधा पानी मिला लें या थोड़ी सी हनी मिला लें | ध्यान रखें कि इसे लगाने के बाद लिप्स को माँइश्चराइज जरुर करें क्योंकि लेमन जूस लिप्स को ड्राई बना सकता है |
- आलू का रस: आलू में कैटेकोलास (catecholase) नामक एंजाइम पाया जाता है जिसका उपयोग डार्क स्किन और लिप्स को लाइट करने में किया जा सकता है | एक आलू की स्लाइस काटें और इसे लिप्स के ऊपर रगड़ें |[३]
- हनी और गुलाब की पंखुडियां: 4 या 5 गुलाबी या लाल गुलाब की पंखुडियां लें और इन्हें धोकर ओखली और मूसल से पीस लें | अब इसमें पर्याप्त हनी मिलाएं जिससे एक पेस्ट बन जाए और फिर इस पेस्ट को दिन में दो बार लिप्स पर लगायें | हनी लिप्स को माँइश्चराइज करेगी जबकि गुलाब की पंखुडियां अपने पिंक या रेड कलर से लिप्स को रंग देंगी |
- ग्लिसरीन: ग्लिसरीन लिप्स को डार्क होने से बचाती है और ड्राईनेस के कारण होने वाले ड्राई स्पॉट्स को हटाती है | हर रात सोने से पहले एक कॉटन बड पर थोड़ी ग्लिसरीन लगाकर लिप्स पर लगायें |
- चुकंदर: बीटरूट या चुकंदर का रस लिप्स के ब्राइट और हेल्दी कलर को रिस्टोर करने में मदद करता है क्योंकि इसका रंग ही वाइब्रेंट पर्पल होता है | इस जूस को डायरेक्टली लिप्स पर लगायें और फिर एक लाइट माँइश्चराइजिंग लिप बाम लगायें |[४]
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- अधिकतर होम रेमेडीज से विज़िबल रिजल्ट दिखने में एक या दो सप्ताह लग जाते हैं इसलिए बहुत जल्दी हार न मानें | धैर्य रखें और लगातार कोशिश करते रहें, धीरे-धीरे आपकी कोशिश रंग लाने लगेगी |
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February 20, 2019, 6:00 am
ये विकिहाऊ आपको सिखाएगा कि ब्लूटूथ स्पीकर को विंडोज या मैक लैपटॉप कंप्यूटर के साथ कैसे जोडें |
- ब्लूटूथ स्पीकर को टर्न ऑन करें: आपके स्पीकर ऑन करने इसमें "पॉवर" बटन को टर्न ऑन करें, स्पीकर के मॉडल के अनुसार उसको ऑन करने की प्रोसेस अलग अलग हो सकती है | इसलिए यदि आपको नहीं पता है कि कैसे ऑन करना है, तो स्पीकर के मैन्युअल में देखें |
- यदि आपके स्पीकर को पॉवर सोर्स से कनेक्ट करने की जरुरत होती है तो आगे बढने से पहले उसको प्लग इन करें |
- आपको ये भी सुनिश्चित करना होगा कि आपका स्पीकर पेअर करते समय जितना हो सके लैपटॉप के पास हो |
- कंप्यूटर में स्टार्ट ओपन करें: स्क्रीन के बॉटम लेफ्ट कार्नर में विंडोज लोगो पर क्लिक करें |
- सेटिंग्सपर क्लिक करें: ये स्टार्ट विंडो के लोअर लेफ्ट साइड में होता है |
- पर क्लिक करें: ये आप्शन सेटिंग्स पेज के टॉप में होता है |
- पर क्लिक करें: डिवाइस पेज के लेफ्ट साइड में एक टैब है |
- ब्लूटूथ टर्न ऑन करें: ब्लूटूथ टर्न ऑन करने पेज के ऊपरी भाग में "Bluetooth" हैडिंग के नीचे "Off" स्विच पर क्लिक करें |
- यदि आपको स्विच के राईट में "On" दिखाई दे तो इसका मतलब ब्लूटूथ पहले से ही ऑन है |
- अपने स्पीकर की "Pair" बटन प्रेस करें: ऐसा करने से स्पीकर आपका ब्लूटूथ कनेक्शन स्पीकर से कनेक्ट करने के लिए उसे सर्च करना शुरू कर देगा। लेकिन फिर भी इस बटन की लोकेशन और ये कहाँ पर मौजूद है, ये दोनों बातें अलग अलग स्पीकर के हिसाब से अलग अलग होती है इसलिए अपने स्पीकर का मैन्युअल चेक करना न भूलें।
- पर क्लिक करें: ये बटन आपको टॉप में दिखेगी।
- पर क्लिक करें: ये ऑप्शन Add a Device विंडो में सबसे टॉप पर आपको दिखेगा।
- अपने स्पीकर के नाम के ऊपर क्लिक करें: कुछ देर बाद आपको आपके स्पीकर का नाम विंडो पर दिखना चाहिए।स्पीकर के नाम पर क्लिक करने से ये अपने आप सिलेक्ट हो जाएगा।
- आपके स्पीकर का नाम जहाँ तक संभव है उसके ब्रांड का नाम और मॉडल नंबर का कॉम्बिनेशन हो सकता है।
- पर क्लिक करें: ये विंडो में स्पीकर के नेमकार्ड में नीचे दाँयी तरफ दिखेगा। ये आपके स्पीकर को आपके कंप्यूटर से जोड़ेगा। ये आपके स्पीकर को आपके कंप्यूटर से कनेक्ट करेगा। अब आप अपने स्पीकर के द्वारा कंप्यूटर के गाने और दूसरे ऑडियो सुन सकते हैं।
- अपने ब्लूटूथ स्पीकर को ऑन करें: अपने स्पीकर की "Power" बटन ऑन करें। स्पीकर को ऑन करने की प्रोसेस अलग अलग मॉडल में अलग अलग हो सकती है, इसलिए अगर आपको ऑन का बटन नहीं मिल रहा है तो स्पीकर के मैन्युअल को अच्छी तरह पढ़ें।
- अगर आपके स्पीकर को पॉवर सोर्स से कनेक्ट करने की जरूरत भी है तो आगे बड़ने से पहले ये बात सुनिश्चित कर लें की ये पॉवर से कनेक्ट है।
- पेयरिंग करते समय ये भी सुनिश्चित करें कि आपका स्पीकर लैपटॉप के ज्यादा से ज्यादा करीब हो।
- ब्लूटूथ क्लिक करें: आपको ये आइकॉन अपने मैक स्क्रीन के ऊपरी तरफ दायीं ओर दिखेगा। इस पर क्लिक करने से आपको एक ड्राप डाउन मेनू दिखेगा।
- अगर आपको मेनू बार में ये आइकॉन नहीं दिखे तो, Apple menu ओपन करें, System Preferences पर क्लिक करें और फिर Bluetooth पर क्लिक करें।
- पर क्लिक करें: ये ड्राप डाउन मेनू में सबसे नीचे का ऑप्शन होता है। ऐसा करने से ब्लूटूथ सेटिंग मेनू ओपन होगा।
- अगर आपने System Preferences से ब्लूटूथ सेटिंग मेनू ओपन कर लिया है तो ये स्टेप स्किप कर सकते हैं।
- ब्लूटूथ ऑन नहीं है तो उसे इनेबल करें: विंडो के लेफ्ट साइड में Turn Bluetooth On पर क्लिक करें। अगर इसकी जगह पर आपको Turn Bluetooth Off दीखता है तो इसका मतलब है कि ब्लूटूथ पहले से ऑन है।
- अपने स्पीकर की "Pair" बटन प्रेस करें: ऐसा करने से स्पीकर आपका ब्लूटूथ कनेक्शन स्पीकर से कनेक्ट करने के लिए उसे सर्च करना शुरू कर देगा। लेकिन फिर भी इस बटन की लोकेशन और ये कहाँ पर मौजूद है, ये दोनों बातें अलग अलग स्पीकर के हिसाब से अलग अलग होती है इसलिए अपने स्पीकर का मैन्युअल चेक करना न भूलें।
- आपको "Pair" बटन को कुछ देर के लिए होल्ड करके रखना पड़ सकता है।
- पर क्लिक करें: ये ब्लूटूथ विंडो के "Devices" सेक्शन में स्पीकर के नाम में नीचे दाँयी तरफ दिखेगा। ये आपके स्पीकर को आपके कंप्यूटर से अगले कुछ सेकंड में जोड़ देगा। ये आपके स्पीकर को आपके कंप्यूटर से कनेक्ट करेगा। अब आप अपने स्पीकर के द्वारा कंप्यूटर के गाने और दूसरे ऑडियो सुन सकते हैं।
- आपके स्पीकर का नाम जहाँ तक संभव है उसके ब्रांड का नाम और मॉडल नंबर का कॉम्बिनेशन हो सकता है।
- अगर आप इसे वायरलेसली यूज़ करना नहीं चाहते हैं तो आपका ब्लूटूथ स्पीकर लैपटॉप से नॉर्मल 3.5 mm ऑडियो जैक और ऑक्सिलरी कॉर्ड की सहायता से जुड़ सकता है।
- कुछ ब्लूटूथ स्पीकर, खासतौर पर पोर्टेबल स्पीकर बैटरी चलित होते हैं और उन्हें समय समय पर चार्ज करने की जरूरत होती है।
- अगर आपका स्पीकर से ज्यादा दूर है तो हो सकता है कि ये कुछ interference से कनेक्ट न करे।
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February 21, 2019, 6:00 am
लंबे बाल अपने आप में ही काफी खूबसूरत, वर्स्टाइल और क्लासिक लुक होते हैं। आप अपने लंबे, खूबसूरत बालों को ऐसे ही खुले छोड़ सकती हैं या फिर अपने बालों की लंबाई का फायदा उठाकर, कुछ अलग-अलग तरह की एक्साइटिंग स्टाइल्स को करके देख सकती हैं। बालों को लंबा बढ़ाना इतना भी आसान नहीं होता है। हालांकि, बस जरा सी केयर के साथ आप अपनी इच्छानुसार बाल पा सकती हैं। अपने बालों को एक अच्छे हेयर केयर रूटीन के साथ स्ट्रॉंग बनाएँ। अपने बालों को मजबूत बनाने के लिए बेस्ट हेयर केयर प्रोडक्ट्स की तलाश करें। बालों की ग्रोथ को प्रमोट करने के लिए अपनी खानपान और एक्सर्साइज़ की आदतों में जरा सा बदलाव करें। बस कुछ ही वक़्त और मेहनत के बाद, आप भी आपके द्वारा चाहे हुए खूबसूरत, लंबे बाल पा लेंगी।
संपादन करेंअपने हेयर केयर रूटीन को बदलना
- अपने बालों को आराम से ब्रश करें: एक नेचरल बोर (boar) ब्रिसल्स वाले ब्रश का यूज करें। अपने बालों को टिप्स से ब्रश करें और फिर अपने रूखे बालों को सुलझाने के लिए ऊपर की ओर बढ़ते जाएँ। उलझे बालों पर धीमे-धीमे ब्रश चलाएं और ब्रश करते वक़्त बालों को खींचें नहीं।[१]
- अगर आपके पास में मौजूद हो, तो स्पिलट एन्ड्स को कम करने के लिए, ब्रश करने से पहले कोई हेयर प्रोटेक्टेंट लगा लें।
- गीले बालों को ब्रश न करें, नहीं तो आपके बाल टूटने लग जाएंगे।
- अपने स्केल्प को डेली मसाज दें: अपने स्केल्प को एक आरामदायक मसाज देने के लिए, अपनी उँगलियों का यूज करके सर्क्युलर मोशन में मसाज करें। इससे आपके स्केल्प में ब्लड फ़्लो बढ़ जाएगा, जिससे आपके हेयर फोलिकल्स (कूप) तेजी से बढ़ने लग जाएंगे।[२]
- शावर के नीचे अपने बालों को शैम्पू करते वक़्त, बालों को मसाज करने का सबसे अच्छा वक़्त होता है।
- अगर आपके बाल रूखे हैं, तो ऐसे में अपने बालों को बहुत ज्यादा खींचे जाने से बचाए रखने के लिए, बालों को ऑइल की कुछ बूंदें डाल लें।
- अपने बालों को हफ्ते में तीन बार शैम्पू करें: रोजाना शैम्पू करने से आपके बाल सूख जाते हैं, जो बालों की ग्रोथ को कम कर देता है। हफ्ते में तीन बार शैम्पू करना, बालों को साफ रखने के लिए काफी होता है। बाकी के दिनों में, बालों को सिर्फ पानी से धो लें और कंडीशनर लगा लें। अगर हफ्ते के किसी भी दिन में आपके बाल गंदे नजर आते हैं, तो अपने गीले बालों में शैम्पू यूज करने की बजाय एक ड्राई शैम्पू का यूज करें।[३]
- अपने बालों को हर बार शैम्पू करने के साथ कंडीशन भी जरूर करें: कंडीशनर बालों में शैम्पू करते वक़्त खोए हुए ऑइल को वापस लाने में मदद करता है। शैम्पू के बाद बालों में शैम्पू करना कभी भी न भूलें। अपने बालों को मजबूत बनाने के लिए उन्हें फिर से ऑइल से भरना जरूरी है, जो इनकी ग्रोथ को बढ़ावा देता है।[४]
- नॉर्मल कन्डीशनिंग के अलावा, हफ्ते में एक बार अपने बालों को डीप कंडीशन ट्रीटमेंट भी दें। ये आपके बालों में एक्स्ट्रा शाइन और मजबूती एड कर देगा।
- अपनी पोनीटेल की जगह को बदलते रहा करें: अगर आप डेली अपने बालों को पीछे पोनी में लिया करती हैं, तो फिर अपनी पोनीटेल को रोजाना बस एक ही स्पॉट पर न रखा करें। ये आपके स्ट्रेंड्स पर ज़ोर डाल देगा और साथ ही आपके बालों की ग्रोथ को भी धीमा कर देगा। अपने बालों को ऊपर या नीचे शिफ्ट करके, इन्हें रोजाना अलग-अलग जगह पर बाँधें।[५]
- ब्रेकेज (बालों को टूटने) से बचाने के लिए, क्लॉथ कवर्ड इलास्टिक बैंड और स्क्रंचीस का यूज करें। रबर बैंड यूज न करें।
- गीले बालों को कभी भी ऊपर न बाँधें।
- बालों को सुखाने के लिए टॉवल के बजाय एक माइक्रोफाइबर क्लॉथ का यूज करें: बालों को सुखाने के लिए टॉवल का यूज करने से, आपके बाल टॉवल के रेशों में अटक जाते हैं, जिसकी वजह से आपके बाल टूटने लगते हैं। इसकी जगह पर, बालों को सुखाने के लिए एक स्पेशली डिजाइन की हुई माइक्रोफाइबर टॉवल का यूज करें। ये ब्रेकेज और स्पिलट एन्ड्स को कम करता है।[६]
- अपने बालों को हर तीन महीने में आधे से एक इंच तक ट्रिम किया करें: अपने लंबे बालों के लिए काफी वक़्त तक इस सलाह को अनदेखा करते रहने की वजह से आपके बालों में स्पिलट एन्ड्स बढ़ते जाते हैं। ये फिर जाकर आपके बालों की जड़ों तक पहुँच जाते हैं, जो डैमेज करने के साथ ही ग्रोथ को धीमा कर देते हैं। वक़्त-वक़्त पर अपने बालों को ट्रिम करते रहने से, सच में बालों की ग्रोथ में तेज़ी आती है।[७]
- एक सिल्क के पिलोकेस (तकिये के कवर) का यूज करें: कॉटन या लिनेन के पिलोकेस, वैसे तो काफी सॉफ्ट फील हो सकते हैं,लेकिन ये इतने रफ होते हैं, की आपके स्ट्रेंड्स को खींच लेते हैं और ब्रेकेज करने लगते हैं। इसलिए सिल्क पिलोकेस का यूज करने लगें। ये सोते वक़्त होने वाले अनचाहे फ्रिक्शन को रोक देगा।[८]
संपादन करेंबालों की ग्रोथ को बढ़ावा देने वाले हेयर प्रोडक्ट्स का यूज करना
- हफ्ते में एक बार एक हाइड्रेटिंग हेयर मास्क जरूर अप्लाई करें: सलोन या लोकल ब्यूटी सप्लाई स्टोर पर जाएँ और एक हाइड्रेटिंग हेयर मास्क ले लें। मास्क को अपने बालों के छोरों पर लगाएँ और फिर इसे ऊपर की तरफ लाते हुए, जड़ों तक लगा लें। इसके लिए जरूरी वक़्त के हिसाब से, उतनी देर के लिए इस मास्क को बालों पर ही रहने दें और फिर इसे धोकर साफ कर दें। ये आपके बालों को स्ट्रॉंग और हाइड्रेट रखने में, ग्रोथ को बढ़ावा देने में मदद करेगा।[९]
- बालों को ब्लो ड्राई या स्ट्रैटेनिंग करते वक़्त हीट प्रोटेक्टेंट अप्लाई करें: अगर आप सही सावधानी नहीं बरतेंगी, तो हीट आपके बालों को सीरियस डैमेज पहुंचा सकती है। बालों को ब्लो ड्राई या स्ट्रैटेनिंग करने से ठीक पहले एक अच्छी क्वालिटी के हीट प्रोटेक्टेंट का यूज किया जाना चाहिए। साथ ही आपको अपने बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए, हीट ट्रीटमेंट्स को कम भी करना चाहिए।[१०]
- सिर्फ कुछ खास मौकों पर ही अपने बालों को हीट से ट्रीट करें। जैसे कि, हीट ट्रीटमेंट को एक डेट नाइट या फ्रेंड्स के साथ नाइट आउट के लिए बचाकर रखें।
- नेचुरल इंग्रेडिएंट्स वाले शैम्पू को चुनें: किसी भी शैम्पू को खरीदने से पहले हमेशा उसके इंग्रेडिएंट्स लेवल को चेक किया करें। ऐसे शैम्पू, जिनमें केमिकल का यूज कम हो और जो काफी सारे नेचुरल प्रोडक्ट्स से भरा हो, आपके बालों के लिए एक अच्छा ऑप्शन रहेगा।[११]
- इंग्रेडिएंट्स में सोडियम लॉरेल सल्फेट (sodium lauryl sulfate) और सोडियम लॉरेथ सल्फेट (sodium laureth sulfate) वाले शैम्पू को यूज करना अवॉइड करें, क्योंकि ये आपके बालों के लिए अच्छे नहीं होते हैं। साथ ही आपको पैराबेन्स (parabens), फ्रेग्रेंसेस (fragrances), बेंजोइल अल्कोहल (benzoyl alcohol) और सोडियम बेंजोएट (sodium benzoate) जैसे इंग्रेडिएंट्स के ऊपर भी नजर रखना चाहिए।[१२]
- आमतौर पर, कम से कम इंग्रेडिएंट्स वाले शैम्पू को ही यूज करें। केमिकल इंग्रेडिएंट्स की जगह पर ऑइल्स और फूड्स जैसे नेचुरल इंग्रेडिएंट्स को चुनें।
- एक लीव-इन कंडीशनर यूज करें: लीव-इन कंडीशनर्स नमी को लॉक कर देते हैं, और आपके बालों को सारा दिन सुरक्षा भी देते हैं। फिर चाहे आप एक रेगुलर कंडीशनर ही क्यों न यूज कर रही हों, फिर भी अपने बालों को टूटने से रोकने के लिए एक लीव-इन कंडीशनर का यूज करें।[१३]
- महीने में एक बार एक डीप प्रोटीन कन्डीशनिंग ट्रीटमेंट करें: आप आपके लोकल सलोन में भी एक प्रोटीन कन्डीशनिंग ट्रीटमेंट बुक कर सकती हैं या फिर खुद भी एक किट खरीद सकती हैं। डीप प्रोटीन ट्रीटमेंट में एडेड प्रोटीन के साथ एक डीप कन्डीशनिंग मास्क का यूज किया जाता है। ये आपके बालों को मजबूती देता है और ग्रोथ को भी प्रमोट करता है।[१४]
- सोने से पहले एशेन्सियल ऑइल्स का यूज करें: एशेन्सियल ऑइल्स अप्लाई करने के लिए, इन्हें अपने स्केल्प पर आराम से मसाज करें। बालों के लिए अच्छे एशेन्सियल ऑइल्स में लेवेंडर, रोजमेरी, थाइम (thyme), ग्रेपसीड, पाल्म ऑइल (palm oil), मोरोकेन ऑइल (Moroccan oil) और ऑर्गन ऑइल शामिल हैं।[१५]
- एशेन्सियल ऑइल्स को सीधे स्केल्प पर अप्लाई करना खतरनाक होता है। एशेन्सियल ऑइल में मिलाने के लिए ऑलिव ऑइल, जैसे केरियर ऑइल का यूज करें। एक या दो टेबलस्पून केरियर ऑइल में, एशेन्सियल ऑइल्स की कुछ बूंदें ही मिलाएँ।
संपादन करेंअपनी लाइफ़स्टाइल को एडजस्ट करना
- हैल्दी खाना खाएं: हैल्दी खाने से आपके बालों को बढ़ने के लिए जरूरी सारा पोषण मिल जाता है। बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देने वाले फूड्स में सैल्मन, वालनट्स, स्पाइनेक (पालक), ब्लूबेरीज़, स्वीट पोटेटो और ग्रीक योगर्ट शामिल हैं।[१६]
- हैल्दी फूड्स खाने के अलावा, प्रोसेस्ड फूड्स, स्वीट्स और जंक फूड्स जैसे अनहैल्दी फूड्स को लेना कम भी करें।
- खुद को हाइड्रेट रखें: हर बार कुछ खाने के बाद पानी पीने के लिए दौड़ें, अपने साथ हमेशा एक पानी की बॉटल लेकर चलें और पानी नजर आने पर उसके सामने रुक जाएँ। खाने के साथ में जूस, या सोडा जैसे दूसरे ड्रिंक्स को लेने से बचें। आप जितना ज्यादा पानी लेंगी, आपके बाल उतनी ही तेज़ी से बढ़ने लगेंगे।[१७]
- अपने स्ट्रेस को कम करें: हाइ स्ट्रेस लेवल पूरी हैल्थ को हानि पहुंचाते हैं। ये बालों की ग्रोथ को धीमा कर सकते हैं या हेयर लॉस की वजह भी बनते हैं।[१८] अपनी लाइफ में मौजूद स्ट्रेस को कम करने के तरीके तलाशें।
- योगा, डीप ब्रीदिंग और मेडिटेशन जैसी स्ट्रेस रिड़क्शन टेकनिक्स यूज करके देखें। आप चाहें तो एक क्लास भी जॉइन कर सकती हैं या फिर ऑनलाइन मौजूद गाइडेड रूटीन भी तलाश सकती हैं।
- एक एक्सर्साइज़ रूटीन अपनाकर देखें। एंडोर्फ़िंस (Endorphins) आपके स्ट्रेस को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं और साथ ही इससे काफी सारे हैल्थ बेनिफिट्स भी मिलते हैं।
- जब भी आप स्ट्रेस फील करें, तब किसी और के पास चले जाएँ। फ्रेंड्स और फ़ैमिली मेंबर्स के पास वक़्त बिताने से भी पूरे स्ट्रेस के लेवल्स को कम करने में मदद मिलती है।
- डेली बायोटिन (biotin) सप्लिमेंट्स लें: बायोटिन एक ऐसा सप्लिमेंट है, जो आपके बालों और नाखूनों में प्रोटीन्स की ग्रोथ को बढ़ा देता है। आप किसी भी हैल्थ फूड स्टोर या ड्रग स्टोर से बायोटिन सप्लिमेंट्स खरीद सकते हैं। इसे डेली बेसिस पर लेने से आपके बाल तेज़ी और मजबूती से बढ़ने लगेंगे।[१९]
- अपनी डाइट में किसी भी नए सप्लिमेंट को शामिल करने से पहले, अपने डॉक्टर से हमेशा बात कर लिया करें।
- अपने विटामिन्स लें: आपके द्वारा रोजाना लिए जाने वाले फलों और सब्जियों में बालों के लिए जरूरी ज़्यादातर सभी विटामिन्स पाए जाते हैं। इन विटामिन्स से कुछ ज्यादा पाने के लिए, इन्हें रोजाना जरा एक्स्ट्रा लेना शुरू कर दें। एक मल्टीविटामिन्स चुनें या फिर आपके बालों की ग्रोथ के लिए जरूरी विटामिन्स A, B2, और E के लिए सप्लिमेंट्स लें।[२०]
- अपनी डाइट में विटामिन्स शामिल करने से पहले, अपने डॉक्टर से बात कर लें।
- चूंकि रबर बैंड्स आपके बालों में खिंचाव पैदा करते हैं और इन्हें निकालते वक़्त, ये बालों में एक झटका सा देते हैं, इसलिए अपनी चोटी को बांधने के लिए कभी भी रबर बैंड का यूज न करें।
- क्योंकि ब्रश किसी भी गठान को खींच देते हैं और आपके बालों को नुकसान पहुंचा देते हैं, इसलिए बालों पर ब्रश यूज करने की बजाय, चौड़े दांतों की कंघी का यूज करें।
- बेबी शैम्पू ज्यादा नेचुरल और जेंटल होते हैं, इसलिए इन्हें ही यूज करके देखें।
- कोकोनट ऑइल का यूज करना मददगार होता है।
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February 22, 2019, 7:00 am
अगर आपकी कार का एयर कंडीशनर ठंडी हवा नहीं दे रहा है, तो हो सकता है, कि आपने उसके कुछ रेफ़्रिजरेंट (refrigerant) को खो दिया हो, जो आमतौर पर एक लीक की वजह से होता है। अगर आपकी कार में एक r134a रेफ़्रिजरेंट यूज होता है, तो आप चाहें तो एक चार्जिंग किट और कुछ रेफ़्रिजरेंट्स के जरिए इस सिस्टम को खुद भी रीचार्ज कर सकते हैं।[१] सबसे पहले, आपको किसी भी तरह के लीक की जाँच करना होगी। फिर, रेफ़्रिजरेंट का प्रैशर चेक करें और अपने सिस्टम को टेस्ट करें। फिर आप आपके रेफ़्रिजरेंट को एड कर सकते हैं और रीचार्ज पूरा कर सकते हैं। अगर आपके पास में एक हाइब्रिड (hybrid) या इलेक्ट्रिक कार है, तो खुद से ही एयर कंडीशनर को चार्ज करने की कोशिश न करें, क्योंकि इसकी वजह से जानलेवा इलेक्ट्रिक चार्ज भी हो सकता है।
- लीक्स को देखने के लिए, एयर कंडीशनर कम्पोनेंट्स पर सोपी वॉटर (साबुन वाले पानी) से स्प्रे करें: आप चाहें तो डिश सोप और टेप वॉटर भी यूज कर सकते हैं। एक भी लीक के मिस न होने की पुष्टि करने के लिए पूरे सिस्टम के इससे कवर होने की पुष्टि कर लें। अगर उसमें लीक्स हैं, तो आपको लीक्स के आसपास बबल्स बनते नजर आएंगे।[२]
- स्प्रे बॉटल तो आपको किसी भी डिपार्टमेन्ट स्टोर्स में और ऑनलाइन भी मिल जाएंगी।
- आप चाहें तो अपने लोकल आटोमोटिव स्टोर से या ऑनलाइन एक लीक डिटेक्टर किट भी खरीद सकते हैं। उस किट के लिए दिए हुए डाइरेक्शन्स को फॉलो करें।
- बबल्स, जो एक लीक होने की गवाही देते हैं, के नजर आने पर ध्यान दें: लीक जाकर सोप वाले पानी से इंटरेक्ट करके एक फ़ोम तैयार करेगा। अगर आपको बस जरा से बबल्स नजर आते हैं या फिर उनको नजर आने में कुछ वक़्त लगता है, तो वो लीक शायद बहुत छोटा होगा। अगर आपको बहुत ज्यादा फ़ोम नजर आता है, तो फिर समझ जाइए, कि वहाँ पर शायद एक बड़ा लीक मौजूद है।[३]
- बड़े लीक्स के लिए एक प्रोफेशनल रिपेयर की जरूरत पड़ेगी।
- छोटे लीक्स को रिपेयर करने के लिए सीलेंट वाली रिपेयर किट का यूज करें: आप एक छोटे से लीक को ढूँढने में और उसे रिपेयर करने में लगभग Rs.7000 से भी ज्यादा का खर्च कर सकते हैं, तो इसलिए अच्छा होगा, अगर आप एक ऐसे प्रोडक्ट का यूज करें, जिसमें सीलेंट मौजूद हो। इससे रेफ़्रिजरेंट बहुत आसानी से बाहर लीक नहीं हो पाएगा, इसलिए ये सिस्टम को इस रीचार्ज को आगे तक बनाए रखने में मदद करेगा।
- एक ऐसे प्रोडक्ट की तलाश करें, जिसमें दिया हुआ हो, कि उसका सीलेंट एक कंडीशनर है, जो आपके पाइप्स को ब्लॉक नहीं करेगा। गू (goo) टेक्सचर वाले सीलेंट की वजह से ब्लॉक हो सकते हैं।[४]
- बड़े लीक्स को किसी प्रोफेशनल टेक्नीशियन से ठीक कराएं: आपको खुद से इन्हें फिक्स करने की कोशिश कभी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसकी वजह से पूरा सिस्टम भी डैमेज हो सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, ऐसा करके आप गलती से अपनी कार के कुछ खतरनाक केमिकल्स को ग्राउंड पर भी गिरा सकते हैं।[५]
- बड़े लीक वाले सिस्टम को रीचार्ज करना, वक़्त और पैसे, दोनों की बरबादी है। बेहतर होगा, अगर उसे ठीक करने के लिए आप किसी प्रोफेशनल की मदद ले लें।
- आइ प्रोटेक्शन और ग्लव्स पहन लें: रेफ़्रिजरेंट काफी डेंजरस होते हैं और इनकी वजह से ज़ख्म भी लग सकते हैं। अगर ये गलती से भी आपकी स्किन को टच हो जाता है, तो इसकी वजह से आपको एक फ़्रोस्टबाइट तक बन सकता है। अगर ये आपकी आँखों में चला जाए, तो आप अंधे भी हो सकते हैं।[६]
- लेबल पर दिये हुए सारे इन्सट्रक्शन को फॉलो करें, जिनमें अपनी प्रोटेक्शन के लिए यूज होने वाले सेफ़्टी गियर्स भी शामिल हैं।
- लो प्रैशर लाइन पोर्ट, जिसकी ट्यूबिंग मोटी होगी, को ढूंढें: आपके एयर कंडीशनर पर दो पोर्ट्स होंगे। आपको रेफ़्रिजरेंट को हाइ प्रैशर लाइन पोर्ट पर नहीं, बल्कि लो प्रैशर लाइन पोर्ट पर एड करना होगा। लो प्रैशर लाइन पर, हाइ प्रैशर लाइन की अपेक्षा बड़ी ट्यूबिंग मौजूद होंगी, जो कि इसे दोनों में से अलग दर्शाने में मदद करेंगी।[७]
- कभी-कभी इनके ऊपर हाइ के लिए “H” और लो के लिए “L” लेबल होता है। कुछ गाड़ियों में, लो प्रैशर लाइन पोर्ट, हाइ पोर्ट से लोअर होता है, लेकिन ऐसा सभी गाड़ियों में नहीं होता।
- ज़्यादातर किट्स में एक ऐसा हुकअप मौजूद होता है, जो सिर्फ लो प्रेसुरे पोर्ट पर ही फिट आता है, जो कि आपके लिए एक सही पोर्ट चुनना आसान बना देता है।
- पोर्ट कैप के स्क्रू निकालकर, उसे हटा दें: कैप एक छोटा सा प्लास्टिक का कवर होता है, जो वाल्व को सील करता है। एक बार जब ये निकल जाए, फिर इसे किसी ऐसी जगह पर रखने की पुष्टि कर लें, जहां से इसके खोने की उम्मीद न हो।[८]
- प्रैशर गेज होज़ को पोर्ट से हुक करें: इसके लिए बस खुले हुए पोर्ट पर गेज कनेक्टर को क्लिक कर दें। आप चाहें तो इसके अच्छी तरह से लगे होने की पुष्टि करने के लिए, इसे हिलाकर भी देख सकते हैं।[९]
- अगर ये लूज है या निकल आता है, तो इसे फिर से लगाने की कोशिश करें।
- एक ऐसी रीचार्ज किट, जिसके साथ में प्रैशर गेज भी आ रहा हो, इसी को चुनना सही रहता है। ये आपको आपके एयर कंडीशनर को ओवरचार्ज किए बिना भी आसानी से और भी रेफ़्रिजरेंट एड करने में मदद करती है।[१०]
- प्रैशर गेज की रीडिंग को चेक करें: गेज पर psi में रीडिंग दी हुई होंगी। इसके साथ ही, अगर ये सेफ रेंज में होगा, तो उसके लिए भी कलर्ड जोन होंगे। हरे (ग्रीन) का मतलब अच्छा होता है, लेकिन अगर ये ग्रीन जोन से नीचे होगा, तो आपके लेवल्स अभी भी कार को ठंडा रखें के लिए जरूरी लेवल से कम हैं[११]
- आइडियल प्रैशर को बाहर के टेम्परेचर को टेस्ट करने के बाद भी तय किया जा सकता है। जब आप रीचार्ज प्रोसेस में बाद में आपके सिस्टम को चेक करेंगे, तब आप इसे करेंगे।
- अगर प्रैशर गेज की रीडिंग 0 से ऊपर है, तो रीचार्ज करने के लिए आगे बढ़ें: 0 रीडिंग होने का मतलब, कि आपके एयर कंडीशनर में जरा सा भी रेफ़्रिजरेंट नहीं बचा है, जिसे फिक्स करने के लिए एक प्रोफेशनल टेक्निशियन की मदद की जरूरत होगी। नहीं तो, आप खुद भी आपकी चार्जिंग किट की मदद से सिस्टम को चार्ज कर सकते हैं।[१२]
संपादन करेंअपने सिस्टम की टेस्टिंग करना
- अपने इंजन को चालू करें और एसी को हाइ कूल, हाइ फ़ैन पर चालू कर दें: ये आपको आपके एसी के सारे पार्ट्स के सही ढंग से काम कर रहे होने की पुष्टि करने में मदद करता है। अगर आपके एयर कंडीशनर से इस वक़्त पर वार्म या हॉट एयर भी आ रही है, तो भी कोई बात नहीं।[१३]
- आपके हुड (hood) को अभी भी ऊपर ही होना चाहिए।
- कंप्रेसर क्लच के घूम रहे होने की पुष्टि कर लें: कंप्रेसर क्लच एक सर्कल की तरह नजर आएगा। ये फास्ट भी चल सकता है और स्लो भी, जो कि पूरी तरह से आपके सिस्टम के काम करने की क्षमता के ऊपर, साथ ही सिस्टम में मौजूद रेफ़्रिजरेंट की मात्रा पर डिपेंड करेगा।
- अगर ये नहीं घूम रहा है, तो आप एक आधे केन रेफ़्रिजरेंट को एड कर सकते हैं और फिर एक बार फिर से चेक कर सकते हैं। अगर ये अभी भी नहीं घूम रहा है, तो आपको अपनी कार को एक प्रोफेशनल टेक्निशियन के पास लेकर जाना होगा।[१४]
- रेफ़्रिजरेंट टेम्परेचर गेज को अपने आसपास के टेम्परेचर के हिसाब से सेट कर लें: रीचार्ज पूरा होने के बाद, गेज आपको आपके रेफ़्रिजरेंट के टेम्परेचर के बारे में बताएगा। ये आपका रिकमंडेड प्रैशर लेवल होगा। जब आप एयर कंडीशनर को रीचार्ज कर रहे होंगे, तब आप प्रैशर को प्रैशर गेज पर देख सकते हैं।
- अगर आप चाहें तो लगभग 5 डिग्रीज तक राउंड अप या डाउन कर सकते हैं।[१५]
- प्रैशर गेज के व्हाइट या ग्रीन जोन्स में होने की पुष्टि करने के लिए, चेक करें: मौजूदा प्रैशर लेवल को आपके द्वारा अभी टेम्परेचर गेज पर ली हुई रीडिंग के आधार पर तय किए हुए रिकमंडेड लेवल से जरा कम होना चाहिए। अगर ये रिकमंडेड लेवल से ज्यादा होगा, या रेड जोन में होगा, तो यहाँ पर शायद और किसी तरह की गड़बड़ होने के चलते, आपको आपकी कार को एक टेक्निशियन के पास ले जाना होगा।[१६]
- अगर लेवल्स लो नहीं हैं, तो और ज्यादा रेफ़्रिजरेंट एड न करें। ये आपकी कार को डैमेज भी कर सकता है।
- रेफ़्रिजरेंट एड करने से पहले कार को बंद कर दें: अपने सिस्टम की टेस्टिंग को खत्म करने के बाद, अगर आपकी चार्जिंग किट में दी हुई डाइरेक्शन कुछ न कहती हो, तो अपने सिस्टम को बंद कर देना ही सही रहेगा।
- सबसे अच्छे रिजल्ट्स पाने की पुष्टि करने के लिए जरूरी है, कि आप आपकी चार्जिंग किट में दी हुई सारी डाइरेक्शन को फॉलो करें।
- इनर कैप निकालने के लिए केन में से ट्रिगर के स्क्रू निकाल दें: इनर कैप ही है, जो रेफ्रिजरेंट ट्रिगर को आपके द्वारा यूज करने के लिए तैयार होने से पहले, कैन को छेदने या खुलने से रोकती है। अब क्योंकि यहाँ पर एक टिपिकल जाइंट होगा, इसलिए आप ट्रिगर पर मौजूद स्क्रू को बड़ी आसानी से देख पाएंगे।[१७]
- टॉप बैक पर स्क्रू करें, जहां से केन के ऊपर छेद हो जाएगा: ट्रिगर के अंदर एक मेटल पिन मौजूद होगी। जब आप केन पर स्क्रू लगा रहे हों, तब इतना ज़ोर से दबाएँ, ताकि पिन जाकर केन पर ऊपर घुस जाए। अब आपको केन के अंदर से एक प्रैशर रिलीज का साउंड सुनाई देगा। अब ये यूज करने को रेडी है।[१८]
- अगर ट्रिगर पिन से केन पर छेद नहीं हो रहा है, तो आप इस प्रोडक्ट को यूज नहीं कर सकेंगे। वैसे तो ये बहुत कम बार होता है, लेकिन आप जब फिर से इसे लगा रहे हों, तो ट्रिगर को हटाने की और नीचे जरा ज़ोर से दबाने की कोशिश करें।
- कंटेंट्स को मिक्स करने के लिए केन को हिला लें (शेक करें): इसे ज़ोर-ज़ोर से ऊपर-नीचे शेक करें। इससे इस बात की पुष्टि हो जाएगी, कि अंदर मौजूद चीज़ें सब अच्छे से मिल चुके हैं, ताकि जब आप एयर कंडीशनर को रीचार्ज करें, तब ये सब-कुछ एक समान एड हो।[१९]
- अगर इंग्रेडिएंट्स अच्छी तरह से मिक्स नहीं हुए होंगे, तो प्रोडक्ट को यूज करते वक़्त आपको कुछ रुकावटें महसूस होंगी।
- रेफ़्रिजरेंट को लो प्रैशर लाइन पोर्ट से कनेक्ट कर दें: आपको इसे पोर्ट के चारों तरफ फिट बिठाने के लिए, कनेक्टर की एज को पीछे की ओर खींचना पड़ेगा। अब जब तक की किट पोर्ट से अटेच न हो जाए, तब तक आप उसे पुश करते रहें। आप अगर चाहें तो इसे हिलाकर भी इसके अच्छी तरह से फिट होने की पुष्टि कर सकते हैं।[२०]
- अगर ये लूज फील होता है या बाहर निकल आता है, तो फिर से लगाकर देखें।
- अपने रेफ़्रिजरेंट पर ट्रिगर को स्क़्वीज करें: ये रेफ़्रिजरेंट को आपके एयर कंडीशनर में रिलीज कर देगा। केन को पकड़ते वक़्त ज़ोर से पकड़ बनाए रखें।[२१]
- अगर आपके केन पर ट्रिगर की बजाय नोब मौजूद है, तो आपको उस वक़्त तक नोब को घुमाना होगा, जब तक कि सारा रेफ़्रिजरेंट होज (hose) में रिलीज न हो जाए। आपको इसकी आवाज सुनाई देगी।
- कंटेन्ट को एक जैसा बनाए रखने के लिए, केन को आगे और पीछे मूव करते रहें: ये एक जेंटल मोशन होना चाहिए, ताकि इंग्रेडिएंट्स मिक्स होते रहें। बहुत ज्यादा ज़ोर-ज़ोर से भी मूव न करें, नहीं तो आप गलती से इसे बाहर ही निकाल देंगे।[२२]
- चार्ज करने के 10 सेकंड के बाद प्रैशर चेक करें: ट्रिगर को जाने दें और प्रैशर गेज की तरफ नजर रखें। ये जरूरी होता है, कि आप अपने एयर कंडीशनर में बहुत ज्यादा रेफ़्रिजरेंट न डालें।[२३]
- अगर आपके केन में ट्रिगर की बजाय नोब है, तो आपको 10 सेकंड के बाद में वाल्व को बंद करने के लिए नोब को घुमाना पड़ेगा।
- एक चाहे हुए प्रैशर तक पहुँचने के लिए आपको रेफ़्रिजरेंट को कुछ बार एड करना हो सकता है। अपना पूरा वक़्त लें, ताकि आप सिस्टम को ओवरचार्ज न कर लें। ओवरचार्जिंग की वजह से आपका सिस्टम बिना किसी प्रभाव के काम करने लगेगा और ये डैमेज भी हो सकता है।
- जब तक प्रैशर गेज सही रीडिंग पर न पहुँच जाए, तब तक इसे रिपीट करते रहें: ट्रिगर को एक बार में 10 सेकंड के लिए स्क़्वीज करें। एयर कंडीशनर को चार्ज करते वक़्त बहुत आराम से केन को आगे और पीछे मूव करते रहें। प्रैशर को बार-बार चेक करते रहना न भूलें।[२४]
- रेफ़्रिजरेंट कनेक्टर को पोर्ट में से अलग कर दें: अब आपको सील को तोड़ने के लिए कनेक्टर के आसपास की पकड़ को खींचना पड़ेगा। फिर, कनेक्टर को हटा दें और अपनी चार्जिंग किट को एक सेफ लोकेशन पर रख दें।[२५]
- अगर आपके केन में ट्रिगर की जगह पर नोब है, तो कनेक्टर को हटाने से पहले, इसे ज़ोर से बंद कर दें।
- उदाहरण के लिए, आपको इसे अपने गैरेज के किसी ऐसे ठंडे जगह पर रख देना चाहिए, जो हीट सोर्स से बहुत दूर हो।
- अपने एयर कंडीशनर के पोर्ट कैप को रिप्लेस कर दें: कैप पोर्ट को वापस लेफ्ट प्रैशर पोर्ट पर स्क्रू कर दें। ये किसी भी तरह के कचरे को पाइप्स में जाने से रोककर रखेगा।[२६]
- ये वही कैप है, जिसे आपने शुरुआत में निकाला था और एक सेफ जगह पर रख दिया था।
- हवा के ठंडे होने की पुष्टि करने के लिए अपने एयर कंडीशनर को टेस्ट कर लें: इसे आपकी स्किन पर ठंडा फील होना चाहिए। आप चाहें तो टेम्परेचर गेज की मदद से एग्जेक्ट टेम्परेचर को चेक कर सकते हैं। इसे लगभग 38 से 45 °F (3 से 7 °C) के बीच में होना चाहिए।[२७]
- अगर ये अभी भी ठंडा नहीं हुआ है, तो ऐसे में आपको आपकी कार को चेक कराने के लिए एक प्रोफेशनल के पास लेकर जाना पड़ेगा।
संपादन करेंचीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी
- आइ प्रोटेक्शन
- ग्लव्स
- चार्जिंग किट
- रेफ़्रिजरेंट का एक केन (जो किट में हो सकता है)
- प्रैशर गेज (किट में हो सकता है)
- आप एक R12 to R134a कनवर्ज़न किट को एक ऑटो पार्ट्स स्टोर पर भी पा सकते हैं, लेकिन इसे प्रोफेशनली करा लेना ज्यादा अच्छा रहता है।
- 1993 के बाद बनी हुई ज़्यादातर कार्स में इसी रेफ़्रिजरेंट का यूज किया गया होता है और अगर जरूरत हो, तो आप आपके कार सिस्टम को भी कन्वर्ट कर सकते हैं।
- अगर आपको यूज किए जाने वाले रेफ़्रिजरेंट को लेकर कोई भी डाउट है, तो अपनी यूजर्स मेन्यूअल को या फिर आपके हुड के अंदर मौजूद स्टिकर्स को चेक करें।[२८]
- एक ऐसी किट ढूँढें, जिसमें प्रैशर गेज मौजूद है, जो ट्रबलशूटिंग और चार्जिंग को आसान बना देगा।
- इस बात से भी अवगत रहें, कि इस खास प्रोसेस को आमतौर पर एक प्रोफेशनल मेकेनिक्स के ऊपर ही छोड़ देना चाहिए।
- R-12 रेफ़्रिजरेंट को अब इस वजह से यूज नहीं किया जाता है, क्योंकि इसमें CFCs मौजूद होता है और अगर ये सिस्टम से बाहर निकल आता है, तो एनवायरनमेंट को नुकसान भी पहुंचा सकता है। अगर आपको एक पुराना R-12 मिला है, तो उसे यूज करने की कोशिश बिलकुल न करें, क्योंकि कुछ एरिया में इसे यूज करना गैर-कानूनी माना जाता है।
- हाइब्रिड (hybrid) को रीचार्ज करने की कोशिश न करें! अगर आप गलत प्रोडक्ट्स का यूज करते हैं, तो इसकी वजह से घातक इलेक्ट्रिक चार्ज भी लग सकता है। इसकी जगह पर, इसे किसी टेक्निशियन के पास लेकर चले जाएँ।[२९]
- अगर आप रेफ़्रिजरेंट को गलत तरीके से यूज करते हैं, तो इससे फ़्रोस्टबाइट (frostbite) जैसी चोट लगने का खतरा बना रहता है।[३०]
- लीक को बिना फिक्स किए छोड़ने की वजह से एनवायरनमेंट को नुकसान पहुँच सकता है।[३१]
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February 23, 2019, 7:30 am
एक कमांडिंग जॉलाइन के साथ जन्म लेना काफी सारे अलग-अलग जेनेटिक्स फ़ैक्टर्स के ऊपर डिपेंड करता है। इसके साथ ही अपनी जॉलाइन को खूबसूरत बनाने के लिए आप काफी सारी चीज़ें कर सकते हैं। कुछ लोगों के लिए, अपनी जॉ को और भी ज्यादा विजिबल बनाने के लिए वेज लूज करना पड़ता है; वहीं दूसरों के लिए, डाइट के साथ-साथ अपने वार्डरोब के ऊपर भी ध्यान देना पड़ता है। फिर भले आपकी जॉ नेचुरली काफी बोल्ड हो या जरा कम खास ही क्यों न हो, ऐसा कुछ भी नहीं है, जो आपको आकर्षक नजर आने से रोक सके!
संपादन करेंअपनी जॉ (jaw) की एक्सर्साइज़ करना
- फेशियल एक्सर्साइज़ प्रोग्राम खरीदने के बारे में विचार करें: अगर आप आपकी जॉलाइन को टोन करने को लेकर काफी सीरियस हैं, ऐसे कुछ प्रोग्राम्स मौजूद हैं, जिन्हें आप खरीद सकते हैं, जिसमें काफी सारी तरह की एक्सर्साइज़ और फेस-इम्प्रूविंग मोशन मौजूद होती हैं। ज़्यादातर दूसरे प्रोग्राम्स की तुलना में, ये सस्ते होते हैं और इन्हें करना भी जरा सा ज्यादा आसान होता है।[१]
- मुस्कुराएँ: कई लोगों की मुस्कुराहट, दूसरों की तुलना में काफी नेचुरल होती है, लेकिन एक सच्ची बात ये भी है, कि ये आपके चेहरे के मसल्स को लाभ भी पहुंचाती है। जैसे कि आपकी बॉडी के साथ होता है, वैसे ही आप अपने फेस की जितनी ज्यादा एक्सर्साइज़ करेंगे, ये उतना ही ज्यादा बेहतर और टाइट भी नजर आएगा। क्योंकि मुस्कुराने की वजह से आप दिल से खुश होने का अहसास पाते हैं, इसलिए अगर आप रोजाना ही मुस्कुराते रहने की आदत बना लेंगे, तो ऐसे में आपके मूड में हुए सुधार को नोटिस कर पाना बहुत अनकॉमन हो जाएगा।[२]
- अपनी जॉ को एकदम जकड़ (क्लेंच करना) लें और फिर रिलीज कर दें: एक बेहतर जॉलाइन पाना, जॉ के ऊपर काम करने के ऊपर डिपेंड रहता है। इसे करने के लिए, अपनी जॉ को रिलीज करने से पहले लगभग 10 सेकंड्स के लिए जकड़कर रखने की कोशिश करें। ऐसा करते हुए आपको जरा सा डिस्कंफ़र्ट के साथ ही हल्की सी जलन का अहसास भी होना चाहिए। आप इसे जितनी बार भी करना चाहें, करें-- शुरू-शुरू में 10 से 15 बार तक ठीक रहेगा।
- वक़्त बीतने के साथ-साथ, आपको अपनी जॉ को जकड़ने के टाइम में भी बढ़ावा करना होगा। ये आपकी जॉ को टोन होते रहने के लिए प्रेरित करेगा।
- जॉ क्लेंचिंग को अपनी डेली लाइफ में फिट करना आसान होता है। इसके पीछे की एक वजह, इसके बाकी की दूसरी फेशियल एक्सर्साइजेज़ जितना ज्यादा स्पष्ट नजर नहीं आना और सिली नहीं दिखना है, ये एक ऐसी चीज़ है, जिसे आप अपने ऑफिस में ट्रेन में या किसी भी जगह पर कर सकते हैं।
- चिन लिफ्ट्स (chin lifts) की प्रैक्टिस करें: अपने सिर को ऊपर की तरफ उठा लें और अपनी आँखों को सीलिंग की तरफ जमा लें। फिर, अपने होंठों को कुछ इस तरह से खींचें, जैसे कि आप लगभग एक इंच ऊपर रखी हुई किसी चीज़ को किस करने की कोशिश कर रहे हों। इस खिंचाव को हर बार में लगभग 5 मिनट तक के लिए बनाए रखें, जिसके बाद आपको रिलेक्स करना है और अपने होंठों को वापस उनकी असली कंडीशन में आने देने के लिए कुछ वक़्त देना है। आप चाहें तो कितनी बार तक भी इस एक्सर्साइज़ को रिपीट कर सकते हैं, हालांकि 10 बार तक करना भी सही रहेगा। चूंकि इस एक्सर्साइज़ में डाइरेक्शन और स्ट्रेन, आपके काफी सारे फेशियल मसल्स के ऊपर काम करते हैं, इसलिए ये फेशियल कसावट को बेहतर बनाने का एक बेहतर तरीका है।
- अपने टेंपल्स (temples) की मसाज करें: अपने टेंपल्स की मसाज करना और अपनी ब्रो (brow) को खोलना, अपने पूरे चेहरे पर ब्लड फ़्लो और सर्क्युलेशन बनाने का एक बेहतर तरीका होता है। अपने दोनों हाँथों की दो उंगलियाँ चुनें और इनसे अपने टेंपल्स को छोटे-छोटे, सर्क्युलेशन मोशन में रब करें।
- टेंपल्स की मसाज करने को, माइग्रेन वाले सिरदर्द का सामना करने का भी एक अच्छा तरीका माना जाता है।
- फिश फेस (fish face) बनाएँ: 'फिश फेस' बनाना अपने गालों को और अपनी जॉ को टोन करने की सबसे अच्छी एक्सर्साइज़ है। अपने गालों को अपने मुँह के अंदर खींच लें (सक करें) और मुस्कुराने की कोशिश करें। इस फॉर्म को हर बार के लिए कम से कम 5 सेकंड्स तक के लिए होल्ड करके रखें। ये आपको हल्का सा अनकम्फ़र्टेबल फील होगा और हर एक राउंड के आखिरी में, आपको हल्के से बर्न का अहसास भी होगा। चूंकि इससे, एक्टिविटी के द्वारा आपके मसल्स के खिंचने की बात का पता चलता है, इसलिए ये अहसास होना एक अच्छी बात है। एक अच्छी शुरुआती एक्सर्साइज़ के लिए इसे 10 बार रिपीट करें और जब भी आपको सही लगने लगे, तो इन नंबर्स को बढ़ाने से न घबराएँ।
- जब तक आप इसे करने की याद रखते हैं, तब तक आपके लिए, फिश फेस की तरह एक्सर्साइज़ करने को अपनी डेली लाइफ में फिट बिठाने में ज्यादा कोई तकलीफ नहीं होती है। आप इन्हें शावर में या फिर सोने से ठीक पहले भी कर सकते हैं।
- पानी पियेँ:[३] खूब सारा पानी पीने के ऐसे न जाने कितने सारे लाभ मौजूद हैं, वही लाभ आपको इस काम के लिए भी मिलेंगे। इतना बोलना ही काफी है, अपनी पूरी हैल्थ में सुधार लाने के लिए एकदम शुद्ध H2O इनटेक लेना जरूरी होता है। पानी पीने की वजह से वजन कम करने में मदद मिलती है और सारे दिन में एनर्जी भी अच्छी बनी रहती है। इससे भी अच्छी बात, एक्सट्रा मॉइस्चर की वजह से आपके पूरे चेहरे पर सर्क्युलेशन बेहतर हो जाता है। इनमें से ज़्यादातर तो जॉलाइन पर इंडाइरेक्टली असर डालते हैं, लेकिन ये पॉज़िटिव फिजिकल बदलाव लाने वाले असरदार तरीकों में से एक है।
- अगर आपको अपना बहुत सारा वजन घटाना है, तो पानी पीने से आपके वजन में कमी तो आएगी ही, साथ ही ये आपको बहुत ज्यादा सोडा पॉप और जंक फूड लिए बिना भी काफी वक़्त तक भरपेट होने का फील भी देगा।
- पानी पीने को मेटाबोलिज़्म में तेजी लाने के लिए भी जाना जाता है।[४]
- अपनी डाइट में कम साल्ट का यूज करें: मॉडर्न डाइट में साल्ट एक जरूरत से ज्यादा यूज किये जाने वाला इंग्रेडिएंट बन गया है और ये आपकी स्किन के ऊपर बहुत ही खतरनाक चीज़ें करता है। अपनी डाइट में साल्ट के इनटेक को लिमिट (जिसमें अपनी पूरी डाइट के ऊपर ध्यान देना और जंक फूड को लेना बंद करना भी शामिल है) करने के तरीके तलाशने के आपकी स्किन के ऊपर काफी ज्यादा पॉज़िटिव इफेक्ट देखने को मिलेंगे। आपकी स्किन में अब कम पानी मौजूद होगा, जिससे यह कम फूला हुआ होगा और परिणामस्वरूप आपकी जॉलाइन दिखाई देना मुश्किल होगा।[५]
- अपनी डाइट में साल्ट के इनटेक को स्ट्रिक्ट तरीके से लिमिट करने के लिए काफी सारे आइडिया मौजूद हैं। रिसर्च कर लें, और एक ऐसा डाइट प्लान निकाल लें, जो आपके और आपकी लाइफ़स्टाइल के हिसाब से सूट हो जाए।
- रातों को भरपूर नींद लें: इस बात में कोई शक नहीं है, कि इसके पहले भी आपने कई बार, हर रात को पूरे आठ घंटे की नींद लेना जरूरी होने वाली बात सुनी होगी। ज़्यादातर लोग आमतौर पर 5 या 6 घंटे की नींद ही लिया करते हैं। हालांकि, अगर आप आपकी जॉलाइन को बेस्ट दिखाने की कोशिश में हैं, तो आपको आपके शरीर को अपनी पूरी देखभाल कर सकने लायक बनाने के लिए, कम से कम 8 घंटे की नींद पूरी करने का लक्ष्य बनाना चाहिए।[६]
- स्मोकिंग छोड़ दें: साल्ट और नींद की कमी की तरह ही, स्मोकिंग की वजह से भी किसी की स्किन काफी बेकार नजर आ सकती है। अगर आप एक रेगुलर स्मोकर हैं और आप एक बेहतर जॉलाइन पाना चाहते हैं, तो ऐसे में स्मोकिंग छोड़ना ही आपके लिए बेहतर रहेगा। आपके लिए ये शुरू में कितना भी डिफिकल्ट क्यों न लगे, लेकिन कुछ महीनों के बाद, आपको अपनी स्किन में जो इमप्रूवमेंट नजर आएगा, उसे देखकर आपको जो खुशी मिलेगी, वो आपको इसे करने के लिए और भी प्रेरित करेगी।
- गम (gum) चबाएँ: गम चबाना, अपनी जॉ के शेप को और भी बेहतर तरीके से डिफ़ाइन करने का सबसे आसान और जाना-माना तरीका है। गम चबाने के न जाने और कितने ही सरप्राइजिंग बेनिफिट्स हैं, जिसमें आपके फेशियल मसल्स को शार्प करना भी शामिल है। इस एक्सर्साइज़ को रेगुलर करने की वजह से कुछ ही हफ्तों में रिजल्ट्स मिल जाते हैं, और सबसे ऊपर, इसे करना भी काफी मजेदार होता है, तो इसकी आदत बनाने में आपको बहुत ज्यादा वक़्त नहीं लगेगा।[७]
संपादन करेंअपनी जॉ के ऊपर सूट होने के हिसाब से तैयार होना
- अगर आपकी जॉलाइन बहुत स्ट्रॉंग नहीं है, तो बियर्ड (दाढ़ी) बढ़ाने के बारे में सोचें: हर कोई एक तराशी हुई जॉ के साथ जन्म नहीं लेता। अगर ऐसी ही बात है, तो अपनी बियर्ड को बढ़ा लेना, अपने चेहरे पर एक फुलनेस लाने का यकीनन बेस्ट तरीका है।[८]
- साथ ही अपने फेस के जनरल साइज़ को भी ध्यान में लेकर चलें। बियर्ड की वजह से चेहरे का साइज़ जरा कम नजर आने लगता है; अगर आपका चेहरा बड़ा है, तो ऐसे में बियर्ड बढ़ाने से आपको फायदा मिलेगा। लेकिन अगर आपका चेहरा नेचुरली काफी छोटा है, तो ऐसे में आपको आपकी बियर्ड को छोटा रखना और ट्रिम करते रहना होगा।
- अपनी बियर्ड को एक डिफ़ाइंड नेकलाइन दें:[९] बढ़ी हुई बियर्ड के आपकी जॉलाइन के ऊपर काफी खास प्रभाव पड़ सकते हैं। ज़्यादातर लड़के जो एक कॉमन मिस्टेक किया करते हैं, वो ये है कि आमतौर पर उनकी जॉग के आर्क को मैच करते हुए, वो अपनी नेकलाइन को काफी हाइ ट्रिम कर लेते हैं। इसके इफेक्ट से जॉग काफी वीक और कम डिफ़ाइंड नजर आने लगती है। अगर आप अपनी बियर्ड को एक हाइ नेक लाइन के साथ ट्रिम किया करते हैं, तो लाइन के अच्छी तरह से डिफ़ाइंड होने और अच्छी तरह से मेंटेन होने की पुष्टि करते हुए, इसे हमेशा से जरा नीचे उगाना शुरू कर दें।
- अगर आपको आपकी बियर्ड की नेकलाइन की सही जगह को तय करने में मुश्किल हो रही है, तो अपने एक कान से होकर, दूसरे कान तक एक आर्क में जाती हुई एक लाइन को सोचने की कोशिश करें। इसे जॉलाइन के नीचे तक अच्छी तरह से बढ़ी हुई होना चाहिए और इसे एक भरपूर फुलनेस वाला लुक भी देना चाहिए।[१०]
- अपने फेस शेप से सूट होती हुई शर्ट कॉलर चुनें: ये फैशन वर्ल्ड का जनरल रूल है, कि कोई भी स्टाइल की चॉइस उसके आसपास के एरिया से प्रभावित होती है। वैसे तो आमतौर पर शर्ट्स को किसी के फेस के शेप के हिसाब से जोड़ा या चुना नहीं जाता है, लेकिन जब आप आपकी जॉलाइन को उभारने की कोशिश कर रहे हों, उस वक़्त इसे करना ज्यादा जरूरी हो जाता है।[११]
- ओवल फेस वाले लोगों के चीकबोन्स पर काफी चौड़े पॉइंट्स हुआ करते हैं और ये दूसरे फेस शेप्स की तुलना में जरा ज्यादा लंबे होते हैं। अगर आपका फेस शेप ओवोइड (अंडाकार) है, तो खुद को किस्मत वाला समझिए; आपका फेस बेहद वर्सटाइल है और इस पर कई तरह की स्टाइल्स सूट हो सकती हैं।
- राउंड फेस वाले लोगों को ऐसे कपड़े चुनने चाहिए, जिनकी वजह से उनका चेहरा लंबा नजर आए। इसके लिए टाइट कॉलर वाली शर्ट अच्छी रहेंगी।[१२]
- एंगुलर (एक बॉक्स शेप जैसे) फेस के लिए, राउंड फेस से एकदम विपरीत सोचना पड़ता है; अगर आपका फेस भी एंगुलर है, तो आपको इसमें फुलनेस एड करने की कोशिश करना होगी। इसमें चौड़ी फैली हुई शर्ट की कॉलर आपकी अच्छी मदद कर सकती है।
- अपनी बियर्ड को रेगुलर बेसिस पर मेंटेन करते रहें: हालांकि, अपनी दाढ़ी को अपने हिसाब से फैलने देना और बढ़ने देना एक अलग बात लग सकती है, लेकिन अगर आप अपनी दाढ़ी को बेहतर बनाने के लिए रोजाना कुछ वक़्त दिया करेंगे, तो ये और भी ज्यादा बेहतर और आकर्षक नजर आ पाएगी। इसमें नेकलाइन से नीचे जाने वाले बालों को शेव करना और अपनी लाइन से बाहर निकले हुए ऐसे बालों को ट्रिम करना शामिल है, जो ज्यादा ही लंबे हो गए हैं। आपकी दाढ़ी का ये कंट्रोल्ड लुक, आपकी जॉलाइन के लिए एक तरह का चमत्कार सा कर देगा।[१३]
- रेगुलरली मॉइस्चराइज करें: स्किन के धब्बे और एक्ने, आपके स्ट्रॉंग जॉलाइन को पाने के सपने को चकनाचूर करने में जरा सा भी वक़्त नहीं लगाते हैं। फिर चाहे आपको ऐसी प्रॉब्लम्स न भी होती हों, लेकिन हर एक चेहरे के लिए उसकी देखभाल करना जरूरी होता है। रेगुलरली मॉइस्चराइज करना, अपने चेहरे को एकदम खूबसूरत बनाने का एक सबसे अच्छा तरीका होता है।[१४] एक ऑइल फ्री सोल्वेंट के साथ मॉइस्चराइज करें और अपने चेहरे को हर एक-दो दिन में क्लींज किया करें। कोई भी रातोंरात, बस एक झटके में नहीं बदल जाती है, लेकिन कुछ ही हफ्तों के अंदर आपको खुद ही इम्प्रूव्मेंट्स नजर आना शुरू हो जाएगी।
- ये उस वक़्त और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है, जब आपकी स्किन में पहले से ही एक्ने जैसी कोई प्रॉब्लम मौजूद हो।
- एक अच्छे स्किन टोनर का यूज करें: एक बेहतरीन फेशियल स्किन टोनर स्किन में आने वाले ढीलेपन को रोकेगा, जिसका मतलब है कि आपका चेहरा (और जॉ) टाइट नजर आएगा। एक्स्ट्रा डेड स्किन की परतों के इकट्ठा होने की वजह से आपके फेस की नेचुरल चमक और डेफ़िनिशन गायब सी हो जाएगी, और अगर आप सच में एक तराशी हुई जॉलाइन पाना चाहते हैं, तो ऐसे में इन सारी चीजों को कंट्रोल में रखना जरूरी हो जाता है।[१५]
- एस्ट्रिंजेंट टोनर, स्किन टाइट करने के मामले में बेस्ट होते हैं, इसलिए बात जब स्किन को टाइट करने की हो, तो आपको इन्हीं को तलाशना चाहिए।[१६]
- अपनी स्किन पर कोलेजन-एन्हेंसिंग (collagen-enhancing) प्रोडक्ट्स का यूज करें: कोलेजन स्किन का एक एक्टिव इंग्रेडिएंट होता है, जो स्किन को टाइट बनाए रखता है। कुछ क्लींजर्स और टोनर्स कोलेजन के प्रोडक्शन को बढ़ावा देते हैं, इसलिए बात जब भी एक प्रोडक्ट को खरीदने की हो, तो आपको अपनी तरफ से कुछ रिसर्च करके ही निकलना चाहिए। कोलेजन-स्पेसिफिक मेडिकल इंजेक्शन भी मौजूद हैं, लेकिन इनके कुछ अननेचुरल साइड इफ़ेक्ट्स की वजह से, कुछ न मिलने की स्थिति में सबसे आखिरी ऑप्शन की तरह इन्हें यूज करने की सलाह दी जाती है।
- अपनी जॉ को कॉस्मेटिक्स के जरिए उभारें: अगर आप मेकअप यूज करते हैं, तो आप अपनी जॉ के लुक को मेकअप के जरिए हल्का सा उभार सकते हैं। इसे करने के कुछ तरीके मौजूद हैं; अगर आप मेकअप यूज करने के आदि नहीं हैं, तो फिर इसे करके, इसके सही इफेक्ट को एकदम परफेक्ट बनाने में आपको कुछ वक़्त लग जाएगा। इन टेकनिक्स को काफी हल्का और एक राज की तरह यूज रखा जाना चाहिए; इस तरह से ह्यूमन आइ से आपकी जॉ के अपीयरेंस के ऊपर किए हुए किसी भी बदलाव को देख पाना मुमकिन होगा।[१७]
- एक लाइट ब्रोंजर से अपने गालों और जॉ को कंटूर करने से, आपकी जॉलाइन और भी ज्यादा आकर्षक बन जाएगी। इसे हल्के से डाउनवर्ड मोशन में, अपनी स्किन टोन से एक या दो शेड डार्क शेड में अप्लाई करें।[१८]
- अपनी जॉलाइन को हल्के से हाइलाइट करने से, इसके शेप को उभारा जा सकता है। अपनी जॉलाइन के ठीक ऊपर एक टू इंच लाइन एड कर लें। ये आपकी जॉ की विज्युअल डेफ़िनिशन को इंप्रूव कर देगी।[१९]
- जरा सा ब्रोंजर लेकर और इसे अपनी जॉ और नेक के साथ डस्टिंग करने से, ऊपर वाला कॉस्मेटिक इफेक्ट ब्लेन्ड हो जाएगा। यहाँ पर इसे अप्लाई करने के लिए हल्के हाँथ का यूज करें; आपको इसे सिर्फ इस तरह से बनाना है, ताकि आपकी कंटूरिंग बेहतर ब्लेन्ड हो सके।
- सर्जिकल लिपोसक्शन (surgical liposuction) के बारे में सोचें: दूसरे फेशियल फीचर्स की तरह ही, ऐसे लोग जो जल्दी से सुधार पाना चाहते हैं, उनके लिए सर्जरी मौजूद हैं। आपके द्वारा चाहे हुए एरिया में सुधार करने के लिए, उस जगह पर डाइजेस्टिव मोलिक्यूल्स इंजेक्ट किए जाते हैं और वो एक्स्ट्रा फैट को बर्न कर देते हैं, जो सब मिलकर पॉज़िटिव कोलेजन ग्रोथ को प्रेरित करते हैं। अगर आप सर्जरी में इन्टरेस्टेड हैं, तो एक डॉक्टर से बात कर लें।[२०]
- अगर आप एक तराशी हुई जॉलाइन पाना चाहते हैं, तो इसके लिए कॉस्मेटिक सर्जरी सबसे आसान और मददगार तरीका हो सकती है, लेकिन अगर आपने बाकी सारी चीज़ें ट्राइ करके नहीं देखी हैं, तो इसकी कीमत एक ऐसी चीज़ है, जो इसे रिकमेंड करने लायक नहीं बनाती है।
- अपने शरीर के दूसरे हिस्से, जैसे कि नाक, गालों या ब्रो, को उभारने की वजह से भी आपकी जॉलाइन के ऊपर लोगों का ध्यान पाने के इंडाइरेक्ट असर देखने को मिलते हैं।
- अक्सर ही आपके शरीर में मौजूद एक्सेस फैट की वजह से एक वीक जॉलाइन नजर आती है। एक होल फूड बेस्ड डाइट पर स्विच करके और हर सुबह रनिंग के लिए जाने से आपको आपके द्वारा चाहे हुए सुधार देखने को मिल जाएंगे।
- याद रखें, आपको मिले हुए नेचुरल लुक को ही सूट करने लायक तैयार होना, अच्छा दिखने का सबसे जरूरी हिस्सा होता है।
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February 24, 2019, 8:00 am
एक वक़्त पर खटमलों को पूरी दुनिया के कॉमन हैल्थ पेस्ट (आमतौर पर मिलने वाले कीड़ों) की तरह जाना जाता था, लेकिन बीसवीं शताब्दी (20th century) के बीच में इनकी संख्या में कमी आने लगी। हालांकि, अब क्योंकि खटमलों ने अपने अंदर कॉमन इन्सेक्टिसाइड्स से बचने की क्षमता विकसित कर ली है, इस वजह से इनकी संख्या में एकदम आश्चर्यजनक तौर पर, दुनियाभर में वृद्धि हुई है।[१] खटमल पूरी दुनिया की सैर करने वाले काफी अच्छे ट्रेवलर होते हैं, जो कि लगेज के साथ, कपड़ों के साथ और फर्नीचर में घुसकर अपनी यात्रा पूरी करते हैं। खटमलों से छुटकारा पाने के लिए, इनके संक्रमण के पहले संकेत को देखते ही कदम उठा लें और एक ऐसी इंटीग्रेटेड पेस्ट मेनेजमेंट अप्रोच का यूज करें, जिसमें इनकी रोकथाम, सेनिटेशन और केमिकल ट्रीटमेंट शामिल हो। खटमल फिर भी बने रह सकते हैं, इसलिए यदि आप उन्हें पूरी तरह से खत्म करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको दृढ़ता के एक बड़े लेवल के साथ काम करना हो
संपादन करेंखटमलों के संक्रमण की पहचान करना
- खटमल की बाइट (काटने के निशान) को देखें: आप अपने ऊपर मच्छर की बाइट की तरह दिखने वाले रैश को देखकर खटमल के संक्रमण की पहचान कर सकते हैं। ज़्यादातर वक़्त पर ये सिर्फ रातों को ही आया करते हैं, लेकिन एक ज्यादा गंभीर संक्रमण के मामले में, ये दिन के दौरान भी नजर आ सकते हैं। एक मच्छर के काटने के विपरीत, एक खटमल की बाइट फूलती और फैलती है। साथ ही, बाइट्स लाइंस में भी आ सकती हैं और मच्छर की बाइट से विपरीत बर्न भी हो सकती है। एक मच्छर की बाइट राउंड और ठीक नजर आती है।[२]
- खटमल होने के दूसरे लक्षणों पर नजर रखना: देखने लायक चीजों में आपको खुद खटमलों को और निंफ़्स (छोटे खटमलों) के द्वारा छोड़ी हुई स्किन शामिल हैं। आपको खटमलों के सूखे हुए मल (खून) के गहरे धब्बें भी दिखेंगे, जो कि अक्सर ही मैट्रेस की सिलाई में या जहाँ भी खटमल मौजूद होंगे, वहाँ पर नजर आएगी। इसके साथ ही वहाँ पर अक्सर सड़े हुए रसबेरी या सूखे ब्लड की स्मेल भी आएगी।[३]
- खटमल (बेडबग) के नाम से बेवकूफ बनने की जरूरत नहीं है: खटमल बेड के अलावा ऐसी हर उस जगह पर पाए जा सकते हैं, जहां पर ह्यूमन रहते, आराम करते या खाते हैं। खटमल स्कूल डेस्क के नीचे, रेस्टौरेंट बेंच पर, लाइब्रेरी में कम्प्यूटर्स पर, चेयर्स पर, हॉस्पिटल बेड में या स्टोर वाल में भी मिल सकते हैं। ठीक ऐसा ही कार्पेट में भी होता है। कभी-कभी संक्रमण वाले एरिया की दीवार के सामने खड़ा हुआ ब्रश भी घर में खटमलों का संक्रमण पैदा कर सकता है। खटमल काफी अच्छी तरह से फैब्रिक्स पर चिपक सकते हैं। ट्रांसपोर्टेशन हब्स, जैसे कि एयरपोर्ट्स, ट्रेन स्टेशन्स और बस टर्मिनल्स भी इनके संक्रमण की काफी अच्छी जगह हो सकते हैं।[४]
- ये कर्ट्न (पर्दे की) रॉड, एयर कंडीशंर्स, फैंस और इलेक्ट्रॉनिक्स के अंदर भी चिपक सकते हैं।
- खटमलों के सिर्फ गंदगी वाले घरों और कम्यूनिटी में पाए जाने की बात पर बिलकुल भी भरोसा न करें: काफी सारी अच्छी कम्युनिटीज़ और घरों में भी खटमलों की परेशानी देखी जा सकती है। एयरपोर्ट्स और कंपनी तक की हुई काफी सारी बिजनेस ट्रिप्स से भी खटमलों का संक्रमण होने का खतरा बना रहता है।
- बेड को खोल लें और उसके हिस्सों को एक साइड में खड़ा कर दें: ज़्यादातर बार में आपको बॉक्स स्प्रिंग के नीचे लगे हुए फेब्रिक को हटाना होगा, ताकि आप बेहतर तरीके से चेक कर सकें और वहाँ मौजूद खटमलों का खात्मा कर सकें। बेड के फ्रेम के क्रेक्स या दरारों को भी अच्छी तरह से जाँचें, खासकर अगर वो फ्रेम लकड़ी का हो, तब (खटमलों को मेटल या प्लास्टिक के बजाय लकड़ी या फैब्रिक कहीं ज्यादा पसंद होता है)।[५]
- मैट्रेस या बॉक्स स्प्रिंग से खटमलों को मार पाना काफी मुश्किल होता है और हो सकता है, कि आपको इनमें से कुछ हिस्सों को फेंकना भी पड़े।
- इसके आलावा, आप चाहें तो खटमलों को फँसाने और इन्हें भूख से मारने के लिए, खटमलों से संक्रमित मैट्रेस के ऊपर एक बग प्रूफ कवर भी डाल सकते हैं। इससे आपको एक नई मैट्रेस/बॉक्स स्प्रिंग लेने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी और साथ ही फ्यूचर में भी खटमलों को ढूंढना और मारना भी आसान हो जायेगा। (खटमलों को भूख से मरने में लगभग 400 दिन भी लग सकते हैं, इसलिए अपने कवर को कम से कम इतने वक़्त के लिए सील करने की पुष्टि जरूर कर लें।)[६]
- खटमल बेड की नीचे रखें सामान के अन्दर भी छिप सकते हैं।
- नाईट स्टैंड्स और ड्रेसर को खाली करें: पहले इन्हें अन्दर और बाहर से अच्छी तरह से जाँच लें और उन्हें उल्टा कर के नीचे की लकड़ी को भी चेक कर लें। अक्सर बग्स क्रेक्स, कॉर्नर और फिटिंग वाली जगहों में छिप जाते हैं।[७]
- गद्देदार चेयर्स और सोफा को चेक कर लें: कुशन के नीचे की सिलाई, सिकुड़न, किनारों और दरारों पर जरा ज्यादा ध्यान से चेक करें। अगर आप सोफे पर सोते हैं, तो ये भी खटमलों का एक पसंदीदा अड्डा बन सकता है।[८]
- दूसरी कॉमन जगहों पर चेक करें: इनमें दीवार से लगकर हुई कारपेंटिंग (खासकर फर्नीचर और बेड के पीछे), लकड़ी पर हुए क्रेक्स, सीलिंग और दीवार के जोड़ शामिल हैं। खटमल ज्यादतर कुछ ख़ास जगहों पर ही इकट्ठे हुआ करते हैं, पर आपको कुछ खटमल या उनके अंडें घर में यहाँ-वहाँ बिखरे हुए भी मिल जायेंगे।[९]
- फ्लैशलाइट का यूज करें: किसी जगह पर खटमलों के छिपे होने या न होने का अंदाजा लगाने के लिए, इंस्पेक्टर (पेस्ट कंट्रोल वाले प्रोफेशनल लोग) कभी-कभी पायरेथ्र्म-बेस्ड (pyrethrum-based) "फ़्लशिंग एजेंट" को दरारों में डालते हैं।[१०]
संपादन करेंखटमलों को ट्रीट और कंट्रोल करना
- इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट (IPM) अप्रोच अपनायें: इसमें उस जगह पर प्रिवेंटिव मेजर्स, सेनिटेशन और केमिकल्स अप्लाई किए जाते हैं।[११]
- इनसे प्रभावित चीजों को बैग में रखें और (कम से कम 122°F/50ºC पर) साफ करें: ऐसी छोटी-छोटी चीजें, जिन्हें लौंड्री नहीं किया जा सकता, आप उन्हें खटमलों से मुक्त करने के लिए गर्म कर सकते हैं। अलग-अलग चीजों को, कम से कम कुछ दिनों के लिए आप एक प्लास्टिक में लपेट कर और कहीं एक गरम, धूप वाली जगह पर (इस जगह के टेम्परेचर को थर्मामीटर के जरिए कम से कम 122°F/50ºC तक मापा जाना चाहिए) रख दें। वैसे तो खटमल फ्रीजिंग टेम्परेचर पर भी मर जाते हैं, लेकिन ऐसा हो, इसके लिए आपको इस टेम्परेचर को कम से कम 2 हफ़्तों तक बनाये रखना होगा। अगर आपको लगता है, कि पूरे घर या अपार्टमेंट का टेम्परेचर बढ़ाकर या कम कर के आप खटमलों से छुटकारा पा लेंगे, तो आप बिल्कुल गलत हैं।[१२]
- सारी लिनेन को हॉट पर धो लें, और हॉट सेटिंग पर ही सुखा लें। सभी लिनेन, कपड़ों, और लैदर बैग, मैट्रेस कवर्स, क्लोथिंग टेडी बियर आदि को इकट्ठा करें। इन सबको गर्म पानी से या वाशिंग मशीन की हॉट सेटिंग पर धोयें - साथ ही जिस बैग में आपने इन्हें रखा था, उसे भी धोयें। स्टीम खटमलों को मार देती है। कुछ मेट्रोपोलिटन एरिया में बेड बग्स को लौंड्री करने और सुखाकर देने की सर्विस भी ऑफर की जाती है, जिसके खटमलों को मारने की मेथड का एक और फायदा ये होता है, कि ये क्लीन आइटम्स को एक बैग में रख देती हैं, ताकि जब आप अपने घर में खटमलों को मार रहे हों, तब खटमल इन धुले हुए कपड़ों आदि में फिर से न घुस जायें।
- अगर किसी चीज़ को धोया या फेंका नहीं जा सकता (जैसे कि लैदर के कीमती पर्स आदि), तो उन्हें एक नॉन-टॉक्सिक बेड बग स्प्रे (जैसे कि डायटोमेसियस अर्थ) से स्प्रे करें, उन्हें एक प्लास्टिक बैग में सील कर दें और कुछ महीनों के लिए छोड़ दें।
- अगर जरूरत हो, तो बदबू हटाने के लिए इन्हें ड्राइ क्लीन कर लें।
- उनके ऊपर स्टीम डालें: आप आपके लोकल हार्डवेयर स्टोर पर से एक ऐसी सिंपल डिवाइस लेकर आ सकते हैं, जो स्टीम जनरेट करती हो। आप चाहें तो एक फ्लेक्सिबल ट्यूब अटेच करके, एक सिंपल सी इलेक्ट्रिक केटल को भी स्टीम मशीन बना सकते हैं। स्टीम की वजह से सारे खटमल और उनके अंडे मर जाने चाहिए। स्टीम को सारे कॉर्नर और सिलाइयों पर अच्छे से स्प्रे करें।[१३]
- अपने घर को वैक्यूम करें: ये मैट्रेस, कार्पेट, दीवारों और दूसरी जगहों पर से बग्स और अंडों का सफाया कर देगा। मैट्रेस और बॉक्स स्प्रिंग की सिलाई, मोड़ और किनारों पर और दीवार से लगे हुए कार्पेट के किनारों पर ख़ास ध्यान दें। इसके बाद, निकले हुए वैक्यूम कंटेंट्स को सील किए हुए कचरे के बैग में डाल दें। स्टीम क्लीनिंग, उन बग्स और एग्ज का सफाया करने में मदद करती है, जो वैक्यूम की नजर से छूट गए हों।[१४]
- HEPA फिल्टर वाला वैक्यूम खास तरह से प्रभावी होता है।
- खटमलों के रहने की जगह को कम करने के लिए, दीवारों के प्लास्टर में मौजूद दरारों को ठीक करें और ढीले हो रहे वालपेपर को चिपका दें: जब भी हो सके, तो जंगली जानवरों के रहने की जगह और पक्षियों के घोंसलों को हटा कर, नष्ट कर दें।[१५]
- इन्सेक्टीसाइड्स यूज करके देखें: घर में मौजूद होल्स और दरारों में, जहाँ अक्सर खटमल छिपे होते हैं, लम्बे समय तक रहने वाले इन्सेक्टीसाइड्स (अक्सर पायरथ्रोइड्स) यूज किये जाते हैं। अगर आप इन दरारों और छेदों में वैक्यूम क्लीनर के जरिए मिट्टी, और कंकड़ों बगैरह को हटा देंगे, तो इन्सेक्टीसाइड्स इनके और ज्यादा अंदर तक घुस सकेंगे। आमतौर पर मिलने वाले एरोसोल (aerosol) पेस्टिसाइड्स स्प्रे, खटमलों को बिखेर देते हैं, जिसकी वजह से उन्हें पूरी तरह खत्म करना मुश्किल हो जाता है। दीवारों में मौजूद होल्स और दरारों आदि के लिए आप सूखे कीटनाशक प्रयोग कर सकते हैं।[१६]
- अगर इन्सेक्टीसाइड्स का यूज करने के 2 हफ़्तों बाद भी कुछ खटमल बच जायें, तो दोबारा से इन्सेक्टीसाइड्स का यूज करें। खटमलों के छिपने की सारी जगहों के बारे में पता लगाना मुश्किल होता है और इन्हीं जगहों में मौजूद अण्डों से और भी खटमल बाहर आ सकते हैं।
- लोकल स्टोर्स में मौजूद ऐसे इन्सेक्टीसाइड्स "प्रोग्राम्स" (जिन्हें बार-बार यूज किया जाना पड़ता है) के मेसी और टॉक्सिक होने के बारे में अच्छी तरह से जानकारी इकट्ठी कर लें। इनमें से काफी सारे "प्रोग्राम्स" असल में सिर्फ पैसे की बरबादी के अलावा और किसी भी काम के नहीं होते हैं। दूसरे ऑप्शन्स की तलाश कर लें।
- प्रोफेशनल पेस्ट कंट्रोल फर्म्स की सर्विसेज की मदद लें: एक्सपीरियंस्ड कंपनीज़ को मालूम होता है, कि खटमल किस जगह पर छिपे होते हैं और इनके पास में उन्हें हटाने के लिए जरूरी काफी तरह के टूल्स भी मौजूद रहते हैं। घर में मौजूद लोगों को भी इन प्रोफेशनल्स की पूरी मदद करनी चाहिए। आप को उन्हें घर में पूरा एक्सेस करने और मौजूद खटमलों को मारने की छूट देनी होगी और साथ ही रास्ते में मौजूद किसी भी तरह की चीज़ बगैरह को भी हटाना होगा।
- प्रभावित चीजों को अलग कर दें: कुछ मामलों में आपको संक्रमित मैट्रेसेस और बॉक्स स्प्रिंग को फेंकना पड़ सकता है। चूँकि खटमल बिल्डिंग के किसी भी हिस्से में फ़ैल सकते हैं, इसलिए आपको लगे हुए दूसरे रूम्स और अपार्टमेंट्स को भी चेक करना पड़ेगा। इसे आगे भी न यूज होने दें: उन चीजों को काट दें या इस तरह से खराब कर दें, कि कोई भी इन्हें यूज न कर सके और प्रॉब्लम में पड़ने से बच जाए।[१७]
- सिलिका जैल अप्लाई करें: सिलिका जैल क्रिस्टल्स को पीस लें और इसे अपने बेडरूम में अच्छी तरह से फैला लें। जरा सा अपनी मैट्रेस पर, बेड के चारों तरफ और दीवार पर भी लगाएँ। सिलिका जैल के बारीक कण खटमलों से चिपक जायेंगे और फिर वो इसे निकाल नहीं पायेंगे, जिसके बाद सिलिका जैल उन्हें डिहाइड्रेट कर देगा और मार देगा। आप खुद इसे इन्हेल (सूंघे) के प्रति सावधान रहें।[१८]
- डायटोमेसियस अर्थ (Diatomaceous earth) के भी सिलिका जेल की तरह ही प्रभाव होते हैं और इसे मैट्रेस की सिलाई के चारों तरफ भी और बॉक्स स्प्रिंग के साथ भी यूज किया जा सकता है। ये शार्प माइक्रो फोजिल्स जाकर सॉफ्ट बैग में कट बनाते हैं, जिसकी वजह से उनकी ब्लीडिंग शुरू हो जाती है।
- अगर आप के घर में एक बिल्ली है, तो केट लिटर (क्रिस्टल सिलिका जैल) को हर 5 दिनों में बदलें, ताकि अण्डों से निकले नये खटमल भी डिहाइड्रेशन की वज़ह से मर जायें। इसे 5 हफ़्तों तक दोहरायें।
- साफ करने के लिए टी-ट्री ऑइल का यूज करें: ये ऑइल घर में मौजूद खटमलों को खत्म कर सकता है।
- घर को पूरा ऊपर से नीचे तक क्लीन कर लें।
- टी-ट्री ऑइल की जरा सी बूंदें मिलाकर सारी बेडिंग और क्लोथिंग को धो लें।
- सारे कार्पेट्स को वैक्यूम और वॉश कर लें।
- सारे बेड्स को अलग-अलग रखें। उन सबको टी ट्री ऑइल से स्प्रे कर दें।
- अंदर से लेकर बाहर तक, पूरे घर में पेस्ट कंट्रोल स्प्रे कर लें। इस स्प्रे को बनाने के लिए: करीब 500 मिलीलीटर पानी में, टी ट्री ऑइल की 18 बूँदें डालें और इसे सारे घर में––कार्पेट्स, बेड्स और फर्नीचर के ऊपर स्प्रे कर लें।
- खटमलों और उनके अंडों को फौरन खत्म करने के लिए विंटरग्रीन अल्कोहल का यूज करें। ये काफी सस्ता और आसानी से मिलने वाला तरीका है। एक स्प्रे बॉटल को पूरा विंटरग्रीन अल्कोहल से भर लें और इसे सीधे खटमलों पर और उनके नेस्ट्स पर डालें। विंटरग्रीन के कांटैक्ट में आना वाला बग जल जाएगा। आप अगर चाहें तो इस से अपने मैट्रेस और बॉक्स स्प्रिंग को भी स्प्रे कर सकते हैं।
संपादन करेंखटमलों को एंटर होने से रोकना
- गैर-कानूनी तरीके से कचरा फेकने के खिलाफ खड़े रहें: खटमलों को कचरे वाली जगहों पर छिपना काफी अच्छा लगता है, और अगर ऐसी ही कोई साइट आपके घर के पास भी है, तो खटमल आपके घर तक पहुँचने का रास्ता निकाल ही लेंगे। इसके साथ ही ये आपकी कम्यूनिटी में मौजूद हर किसी को गंदा दिखेगा और बदबूदार भी होता है।
- अपने घर में भी सावधानियाँ बरतें: मैट्रेस को खरीदते वक़्त, इसके साथ में आई हुई प्लास्टिक कवरिंग को लगे रहने दें। अपनी मैट्रेस और बॉक्स स्प्रिंग के लिए स्पेशल बेडबग कवर्स खरीद लें। इन्हें खरीदते वक़्त अच्छी क्वालिटी की जाँच कर लें और इनके हैवी ड्यूटी जिपर्स के साथ होने और ऐसे स्पेशल फेब्रिक से बने होने की पुष्टि कर लें, जो जल्दी न फटे। ऐसा कोई भी सस्ता कवर न खरीद लें, जो बेडबग्स को उनके फीडिंग ट्यूब्स को कवर पर से स्किन में चिपकने से तक रोकने लायक मोटा न हो।[१९]
- सेकंडहैंड बेड्स, बेडिंग और फर्नीचर्स लेते वक़्त जरा ज्यादा सावधानी बरतें: इस तरह के आइटम्स को घर पर लाने से पहले, कम से कम पूरी तरह से चेक जरूर कर लेना चाहिए।[२०]
- ट्रैवलिंग करते वक़्त बेड्स और बेडबोर्ड्स को अच्छे से चेक कर लें: यूएस में तो सारे बेड्स और ब्रेकफास्ट्स, होटेल्स, मोटेल्स में उनके सारे मैट्रेस और बॉक्स स्प्रिंग्स पर कवर इन्स्टाल करने का नियम है।[२१]
- अपने लगेज (सामान) को जमीन से ऊपर रखें।[२२]
- सावधान रहें: वेयरहाउस, गोदाम, ट्रक और ट्रेन आदि में ऐसे कॉमन बेडबग्स मौजूद होते हैं, जो वहाँ पर स्टोर फर्नीचर के साथ या इस जगह से शिप किए हुए सामान के साथ आपके घर तक भी पहुँच सकते हैं। अगर आप इसके बारे में जानकारी रखेंगे, तो आप खटमलों को अपने घर में आने से रोक लेंगे या फिर फौरन ही किसी प्रोफेशनल की मदद से उन्हें जल्द से जल्द कंट्रोल तो कर सकेंगे।
- खटमल आमतौर पर मैट्रेस के कॉर्नर पर पाए जाते हैं। इन हिस्सों को बहुत सावधानी से चेक करें।
- बेडबग्स की बाइट की वजह से होने वाली खुजली को रोकने के लिए स्किन पर विच हेजल (witch-hazel) लगा लें।
- कभी-कभी नई बाइट्स के लिए भी चेक करते रहा करें। ये आपको फ्यूचर में होने वाली तकलीफ से बचा लेगा।
- बेडबग्स को मुश्किल से ही दिन के वक़्त में देखा जा सकता है। ये अक्सर रात को ही अपने ठिकाने से बाहर निकला करते हैं।
- एक घर, होटल या अपार्टमेंट को पूरी तरह से खटमल मुक्त करने में कई घंटों से लेकर कई दिनों तक का वक़्त लग सकता है।
- एक वालपेपर स्टीमर, स्टीम मशीन का एक सस्ता विकल्प है और ये ज्यादा पावरफुल भी होता है।
- पर्दों की सिलाई में चेक करने की कोशिश करें। ये उनके छिपने और बढ़ने की पसंदीदा जगहों में से एक है।
- बेडबग्स का सामना करना काफी स्ट्रेसफुल हो सकता है, इसलिए जहां तक हो सके, आप सारा काम अकेले करने से बचें। ये कंडीशन को और भी बदतर बना देगा।
- जो कुछ हो रहा है, उसे नकारने की कोशिश न करें। आप जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी इस प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए काम करना शुरू कर देंगे।
- लिस्ट्रीन (Listerine) भी खुजली रोकने में मदद कर सकता है। इसकी जरा सी मात्रा में एक कॉटन बॉल भिगो लें और इसे बाइट वाले एरिया पर लगा लें।
- खटमल बिना भोजन (ब्लड) के भी करीब तीन महीने या इससे भी ज्यादा वक़्त तक भी जिंदा रह सकते हैं और ऐसे ही अपनी छिपने की जगह में छिपे रहते हैं।
- खटमल से बहुत बार काटे जाने के बाद, एक इंसान की स्किन खटमल के सलाइवा (लार) के प्रति संवेदनशील हो सकती हैं और फिर खटमल के काटे जाने से उस इंसान को एलर्जी भी हो सकती है, जिसकी वजह से उसकी स्किन पर खुजली और सूजन हो सकती है। ज़रूरी है कि इन लाल, खुजली वाले स्किन के हिस्सों को स्क्रेच न जाये, नहीं तो इनमें इन्फेक्शन भी हो सकता है। अगर आपको लगता है, कि आपको खटमलों ने काटा है, तो आप अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं। वो आपको कुछ ऐसी एंटीबायोटिक्स या एंटीसेप्टिक क्रीम प्रिस्क्राइब कर सकते हैं, जिससे इन्फेक्शन ठीक हो जाये और एलर्जिक रिएक्शन को ट्रीट करने के लिए "कोर्टिकोस्टेरोइड" और "एंटीहिस्टेमीन्स" जैसी दवाईयाँ देंगे।[२३]
- अपने घर को खटमलों से मुक्त करने की पहली बार की हुई कुछ कोशिशों में सभी खटमल नहीं मरते हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए आपको कई बार इनके ऊपर अटेक करना पड़ सकता हैं, इसलिए आप को यह काम लगातार करते रहना होगा। आपको चार से पाँच ट्रीटमेंट्स की जरूरत पड़ सकती है।
- खटमल लंबी-लंबी दूरी तक ट्रेवल कर सकते हैं और ये सूटकेस, कपड़ों, गाड़ियों, एयरक्राफ्ट, क्रूज शिप्स और ट्रांसपोर्टेशन के ऐसे ही दूसरे मोड्स में भी सरवाइव कर सकते हैं।
- "बेडबग बॉम्बस" के नाम से मशहूर पेस्टिसाइड्स का यूज न करें, जो कि बग्स की छिपने की जगह तक नहीं जाते हैं। साथ ही ये बॉम्बस आपके घर में बहुत ज्यादा केमिकल्स और टॉक्सिन्स फैला देते हैं और ये बहुत सीरियस फायर हेजार्ड्स भी होते हैं।
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February 25, 2019, 9:00 am
लोगों, जानवरों और पौधों के लिए साफ पानी उपलब्ध होना बेहद जरूरी होता है। पानी रोगाणुओं (pathogens), केमिकल्स या और किसी तरह की अशुद्धियों की वजह से दूषित हो जाता है, जिसकी वजह से कई तरह की बीमारियाँ और हैल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। अगर आप खुद को किसी ऐसी जगह पर पाते हैं, जहां पर शुद्ध पानी तक पहुँच पाना मुमकिन नहीं हो या घर पर भी पानी का कोई सुरक्षित सोर्स मौजूद न हो, पानी को शुद्ध करने के ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे आप पानी में मौजूद गंदगी और प्रदूषण को निकाल सकते हैं। इसे जानने के लिए आगे पढ़ते जाएँ।
- पानी को छान लें: पानी में मौजूद कंकड़-पत्थर, इन्सेक्ट्स, पौधों के हिस्से, या मिट्टी जैसी दूषित चीजों को हटाने के लिए आप इन अशुद्धियों को छान सकते हैं।[१] एक पतली छन्नी के साथ मलमल के कपड़े को, एक जाली, एक साफ डिश टॉवल को या फिर एक साफ कॉटन शर्ट लगा लें। इस छन्नी को बाउल के ऊपर रख लें और पार्टिकल्स को हटाने के लिए इस छन्नी में से पानी डालें।
- ध्यान रखें, पानी को इस तरह से छानने की वजह से सिर्फ बड़े पार्टिकल्स ही बाहर निकल पाते हैं, रोगाणु, हैवी मेटल्स या दूसरी अशुद्धियाँ वहीं की वहीं बनी रहती हैं।
- अपना खुद का फिल्टर तैयार कर लें: पानी में से बड़ी अशुद्धियों को निकालने के लिए आप अपना खुद का वॉटर फिल्टर तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ सप्लाईज की जरूरत पड़ेगी, लेकिन अगर आप चाहें तो और दूसरे विकल्पों का यूज भी कर सकते हैं, जिनमें:
- बॉटल और केप की जगह पर एक कोन में कर्ल की हुई बर्च बर्क (birch bark) का यूज किया जा सकता है
- कॉफी फिल्टर की जगह एक शर्ट या टॉवल का यूज किया जा सकता है
- फिल्टरेशन मटेरियल्स की जगह पर नट्स, रूट्स या ग्रास का यूज किया जा सकता है[२]
- सेडिमेंटेशन (sedimentation) यूज करें: जब आपके पास में पानी को फिल्टर करने लायक कोई चीज़ न मौजूद हो, तब आप इसे सेटल होने देकर, पानी में मौजूद लार्ज पार्टिकुलेट्स को निकाल सकते हैं। एक बाउल या जार में पानी रख लें। पानी को सेटल होने के लिए कुछ एक या दो घंटे के लिए छोड़ दें। इस वक़्त के दौरान, भारी पार्टिकल्स बॉटम में चले जाएंगे और हल्के मटेरियल्स ऊपर तैरने लग जाएंगे।[३]
- लाइटवेट पार्टिकल्स को हटाने के लिए, उन्हें पानी की सतह से हटा लें।
- हैवी कंकड़ों को निकालने के लिए, पानी को आराम से एक साफ बाउल या जार में डालें। बर्तन के बॉटम तक पहुँचने से पहले, पानी को डालना बंद कर दें, ऐसा करने से वो भारी मटेरियल्स कंटेनर में ही रह जाएंगे।
संपादन करेंपानी को केमिकल्स से ट्रीट करना
- वॉटर प्योरिफिकेशन और डिसइन्फेक्शन टेबलेट्स का यूज करें: वॉटर प्योरिफिकेशन टेबलेट्स या तो क्लोरीन डाइऑक्साइड से या फिर आयोडिन से बनी होती हैं और ये पानी में मौजूद बैक्टीरिया और वाइरस बगैरह को खत्म कर देती है। इन टेबलेट्स का यूज करने के लिए, एक कंटेनर या जार को पानी से भर लें और वॉटर को ट्रीट करने के लिए जरूरी भरपूर टेबलेट्स एड करें। एक टेबलेट आमतौर पर 1 लीटर पानी को ट्रीट करती है। इन टेबलेट्स को काम करने में लगभग 30 मिनट्स से चार घंटे तक का वक़्त तक लग सकता है।[४]
- प्योरिफिकेशन टेबलेट्स पानी में मौजूद प्रोटोजोआ या केमिकल्स के प्रदूषण को साफ नहीं करती हैं।
- आयोडिन टेबलेट्स आमतौर पर प्रेग्नेंट महिलाओं या शेलफिश (shellfish) से एलर्जी वाले लोगों के लिए सही नहीं होती हैं।
- पानी को ब्लीच की जरा सी मात्रा से साफ करें: ब्लीच का यूज पानी में मौजूद वाइरस और बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन जरूरी बात ये है, की इसे पॉइजनिंग से बचने के लिए इसकी जरा सी मात्रा का ही यूज किया जाना चाहिए। प्रभावी ढंग से काम करने योग्य होने के लिए, ब्लीच को एक्सपायर नहीं होना चाहिए। पानी को केमिकल्स से साफ करने के लिए:[५]
- जग को पानी से भर लें
- एक लीटर पानी में ब्लीच की चार बूंदों (1/16 टीस्पून) के हिसाब से मिला लें
- मिक्स्चर को अच्छी तरह से हिला या मिला लें
- इस मिक्स्चर को 30 मिनट के लिए छोड़ दें
- आयोडिन के जरिए प्योरिफ़ाई करें: पानी में मौजूद रोगाणुओं को खत्म करने के लिए प्लेन लिक्विड आयोडिन का भी यूज किया जा सकता है, लेकिन बहुत सारे लोगों को इसका टेस्ट पसंद नहीं आता है। आयोडिन के जरिए पानी साफ करने के लिए, पानी लें और इसमें 2 परसेंट आयोडिन सोल्यूशन एड कर लें। एक लीटर पानी में ब्लीच की चार बूंदों के हिसाब डाल लें और इसे 30 मिनट के लिए रहने दें।[६]
संपादन करेंदूषित चीजों को फिल्टर करना
- एक कमर्शियल वॉटर फिल्टर यूज करें: कमर्शियल वॉटर फिल्टर पानी में से सेडिमेंट, रोगाणु, मेटल्स और दूसरे प्रदूषण को हटाने का सबसे आसान और सबसे प्रभावी तरीका है। इन फिल्टर्स में चारकोल, कार्बन, सेरेमिक, सैंड और कपड़े जैसे स्पेशल मटेरियल्स मौजूद होते हैं, जो कि खासतौर पर खतरनाक प्रदूषण को दूर करने के लिए डिजाइन किए गए होते हैं।[७] आपके लिए यूज किए जाने वाले अलग-अलग फिल्टर्स मौजूद हैं, जिनमें ये शामिल हैं:
- होल-होम फिल्टर्स (Whole-home filters), जो आपके घर में आने वाले सारे पानी को फिल्टर करते हैं।
- पॉइंट-ऑफ-यूज (Point-of-use) फिल्टर्स, जिन्हें पानी को फिल्टर केरने के लिए, आपके घर में मौजूद खास टैप्स में इन्स्टाल किया जाता है[८]
- काउंटरटॉप (Countertop) फिल्टर्स जिनमें आप मेन्यूअली पानी भरते हैं।
- बिल्ट-इन वॉटर फिल्टर के साथ वॉटर बॉटल्स और स्ट्रॉ[९]
- हैंडहेल्ड यूवी (Handheld UV) वॉटर प्योरिफायर्स, जो बैक्टीरिया, वाइरस और पानी में कम मात्रा में मौजूद और दूसरी चीजों को खत्म करते हैं
- पाइन ट्री के जरिए रोगाणुओं को फिल्टर करें: कुछ खास तरह के प्लांट्स, पानी में मौजूद रोगाणुओं को खत्म करने में असरदार होते हैं, और पाइन ट्री उन्हीं में से एक है। पानी में से वाइरस और बैक्टीरिया हटाने के लिए पाइन ट्री की एक छोटी सी ब्रांच ले आएँ। स्टिक पर से उसकी छाल निकाल लें और इस स्टिक को बकेट में रख दें। फिर पानी को धीरे-धीरे इस छाल से होते हुए और बकेट में जाने दें।[१०]
- जैसे-जैसे पानी स्टिक के ऊपर से गुजरेगा, ये पानी में मौजूद रोगाणुओं को पकड़ लेगा और इकट्ठा कर लेगा।
- सिलेंट्रो (धनिया पत्ती, cilantro) के जरिए हैवी मेटल्स को हटाना: जैसे पाइन ट्री रोगाणुओं को निकालने में प्रभावी होता है, उसी तरह से सिलेंट्रो पानी में से हैवी मेटल्स निकालने में असरदार होती है। एक बर्तन में पानी भर लें और उसमें सिलेंट्रो की कुछ पत्तियाँ डाल दें। पानी को हिलाएँ और कम से कम एक घंटे के लिए पत्तियों को पानी में रहने दें। पानी पाइन से पहले सिलेंट्रो को निकाल दें और हटा दें।[११]
- सिलेंट्रो काफी प्रभावी ढंग से लैड (lead) और निकेल (nickel) को अलग कर सकती है, लेकिन इसे आर्सेनिक और मर्करी जैसे दूसरे हैवी मेटल्स के लिए टेस्ट नहीं किया गया है।
- बैक्टीरिया निकालने के लिए पानी को एक मिट्टी के बर्तन से ड्रेन कर लें: क्ले और सेरेमिक पोरस मटेरियल्स होते हैं, जो पानी को उसमें से ड्रेन करते हैं, लेकिन ये बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और सेडिमेंट को रोक लेते हैं। क्योंकि ये इन अशुद्धियों को रोक लेते हैं, इसलिए पानी को साफ करने के लिए मिट्टी के बर्तन का यूज किया जा सकता है, खासकर ई. कोली (E. coli) बैक्टीरिया से दूषित पानी के लिए।[१२] क्ले पॉट से पानी साफ करने के लिए:[१३]
- क्ले पॉट के निचले हिस्से को एक उसी के साइज़ की ओपनिंग वाले बर्तन पर रख दें
- क्ले पॉट को पानी से भर दें
- पानी को पॉट में और मिट्टी पर से गुजरते हुए नीचे रखे हुए जार को भरने दें
संपादन करेंहीट या सनशाइन (सूरज की किरणों) से रोगाणुओं को खत्म करना
- पानी को उबाल लें: उबालना, पानी से बैक्टीरिया, पैरासाइट्स और वाइरस को खत्म करने का अच्छा तरीका होता है। पॉट को पानी से भर दें और इसे एक मीडियम-हाइ हीट पर या आग के ऊपर रख दें। पानी को उबलने की स्थिति में ले आएँ और फिर इसे 10 मिनट तक उबलने दें। पानी को पीने से पहले इसे ठंडा कर लें।[१४]
- वॉटर प्योरिफिकेशन आमतौर पर तीन से पाँच मिनट के अंदर पूरा हो जाता है, लेकिन और ज्यादा एहतियात के लिए, आपको इसे और ज्यादा देर तक उबलने देना चाहिए।
- पानी के अकेले उबलने बस से, इसमें मौजूद हैवी मेटल्स या केमिकल्स अशुद्धियाँ नहीं निकल जाएंगे, लेकिन पानी को कैक्टस के अंदर से उबालने की वजह से इसमें मौजूद आर्सेनिक जैसे और दूसरी अशुद्धियाँ हट जाएंगी।[१५]
- सोलर स्टिल (solar still) के साथ पानी को डिस्टिल करें: डिस्टीलेशन पानी से हैवी मेटल्स, रोगाणुओं, साल्ट, और रेडिएशन तक के जैसे काफी सारे प्रदूषण को अलग करने का एक प्रभावी तरीका है। आप चाहें, तो कलेक्ट करने के लिए अपना खुद का सोलर स्टिल तैयार कर सकते हैं और पानी को डिस्टिल कर सकते हैं। इसके लिए आपको सिर्फ पानी इकट्ठा करने के लिए एक जार, एक शोवेल और एक प्लास्टिक शीट की जरूरत पड़ेगी।
- एक सोलर स्टिल गीली मिट्टी पर, जिसमें कलेक्ट करने के लिए काफी सारी मॉइस्चर हो, ज्यादा अच्छी तरह से काम करता है।
- एक स्टिल बनाने के लिए, एक कंटेनर में एक ड्रिंकिंग स्ट्रॉ या ट्यूब को इंजर्ट कर दें।[१६]
- SODIS मेथड का यूज करें: SODIS, सोलर वॉटर डिसइन्फेक्शन का ही छोटा नाम है और जब इसे सही ढंग से किया जाता है, ये पानी में मौजूद रोगाणुओं को मारने की एक इफेक्टिव मेथड है। एक स्मूद और क्लियर प्लास्टिक बॉटल को पानी से भर लें। लिड को घुमा दें और पैरासाइट्स, बैक्टीरिया और वाइरस बगैरह को खत्म करने के लिए बॉटल को सीधी सनलाइट के समाने रख दें।
- इस मेथड के काम करने के पीछे की एक वजह ये है, क्योंकि इसमें मौजूद प्लास्टिक सन से बॉटल के अंदर हीट को रोक लेती है और यूवीए (UVA) किरणें पानी को पाश्चुराइज़ कर देती हैं।[१७]
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February 26, 2019, 9:30 am
पैरों और पैर की अँगुलियों में होने वाली झिनझिनी सुन्नता कई अलग-अलग कंडीशन्स के कारण हो सकती है और इसके साथ ही अक्सर झुनझुनी भी फील होती है | यह सुन्नपन पैर सोने की तरह सामान्य या फिर डायबिटीज या मल्टीपल स्क्लेरोसिस के समान सीरियस हो सकता है | पैर और पैर की अँगुलियों के सुन्नपन का पता लगाना बहुत जरुरी होता है क्योंकि इससे न केवल चलने-फिरने में परेशानी होती है बल्कि यह ज्यादा सीरियस कंडीशन के लक्षण के रूप में भी हो सकती है | (pairo me jhunjhuni hona, pair ka sunn hona in hindi)
संपादन करेंकभी-कभी होने वाले सुन्नपन का इलाज करें
- चलते-फिरते रहें: पैरों और पैर के अँगुलियों में सुन्नपन तभी आता है जब एक ही जगह पर लम्बे समय तक खड़े या बैठे रहते हैं | इस तरह की सुन्नपन से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि पैरों को चारों ओर घुमाते हुए उनके ब्लड सर्कुलेशन को उत्तेजित किया जाए | थोड़ी चहल-कदमी के लिए निकलें या बैठे-बैठे अपने पंजों को घुमाते रहें |
- इसके अलावा कभी-कभी होने वाले सुन्नपन से छुटकारा पाने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करें | अपने डेली रूटीन में कुछ फिजिकल एक्टिविटीज भी शामिल करें, चाहे तो आप रोज़ थोडा टहला करें |
- जॉगिंग जैसे हाई इम्पैक्ट वाली एक्सरसाइज के कारण भी कुछ लोगों में पैरों और पंजों में सुन्नपन आ सकता है इसलिए स्विमिंग या बाइकिंग जैसी लो इम्पैक्ट वाली एक्सरसाइज करें |
- वर्कआउट से पहले अच्छी तरह से स्ट्रेचिंग करें, उचित जूते पहनें और समतल जगह पर एक्सरसाइज करें |
- पोजीशन चेंज करें: सुन्नपन अधिकतर बैठने की पोजीशन के कारण ट्रिगर होता है जिससे पैर और/या पंजों की नर्व दब जाती हैं | लम्बे समय तक पंजों पर या क्रॉस लेग्स करके न बैठें |[१]
- अगर आप लम्बे समय तक बैठे रहते हैं तो ब्लड फ्लो को बढाने के लिए आपको थोड़ी-थोड़ी देर में पैरों को ऊपर उठानें की कोशिश करनी चाहिए |
- बहुत ज्यादा टाइट कपडे निकाल दें: बहुत ज्यादा टाइट पैन्ट्स, सॉक्स या शरीर के निचले हिस्से पर पहने जाने वाले दूसरे कपडे पैरों तक ब्लड के फ्लो को जाने से रोक देते हैं जिसके कारण सुन्नपन हो सकता है | बेहतर ब्लड फ्लो के लिए इन आइटम्स को ढीला कर दें या निकाल दें |
- फुट मसाज करें: पैरों के सुन्न एरिया पर की जाने वाली हलकी मसाज ब्लड सर्कुलेशन को बढाने में मदद कर सकती है और कभी-कभी होने वाले सुन्नपन को जल्दी ठीक कर सकती है |
- गर्म कंबल या हीटेड पैड से फीट्स (पंजे) गर्म करें: सुन्नपन से मुक्ति पाने के लिए अपने फीट गर्म करें |
- सही जूते पहनें: हाई हील्स या ऐसे शूज जिनसे पैरों की अंगुलियाँ दब जाती हैं, पहनने से सुन्नपन आ सकता है | अगर आप विशेष रूप से एक्सरसाइज के समय बहुत छोटे जूते पहनते हैं तो भी सुन्नपन हो सकता है | अच्छी फिटिंग वाले कम्फ़र्टेबल शूज़ पहनें | इन्सोल्स भी शूज़ को थोडा ज्यादा कम्फ़र्टेबल बना सकती हैं |
- जानें कि डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए: पैरों या पैरों की अँगुलियों में कभी-कभी होने वाला सुन्नपन कोई ख़ास कारण न होने पर गंभीर बात नहीं होती है जैसे टाइट कपडे पहनने या असुविधाजनक तरीके से बैठने के कारण होने वाला सुन्नपन | लेकिन अगर आपको सुन्नपन बार-बार हो या काफी देर तक बना रहे तो डॉक्टर को दिखाकर सुनिश्चित करें कि इसका कोई ख़ास कारण तो नहीं है |[२]
- अगर पैर में सुन्नपन के साथ कमजोरी, पैरालिसिस, ब्लैडर या बोवेल कण्ट्रोल न रहना या आवाज़ लडखडाना जैसे अन्य लक्षण भी दिखाई दें तो इमरजेंसी ट्रीटमेंट लें |
- प्रेगनेंसी भी पैरों और पैर की अँगुलियों में सूजन लाने का एक कारण होती है जिसके कारण सुन्नपन हो सकता है | अगर आपके डॉक्टर आपसे कहें कि सुन्नपन प्रेगनेंसी के कारण है और ऐसी कोई कंडीशन नहीं है तो कभी-कभी होने वाली सुन्नता में राहत पाने के लिए डॉक्टर की सलाह को फॉलो करें |[३]
संपादन करेंडायबिटीज से सम्बंधित सुन्नपन का इलाज़ करें
- डायग्नोसिस कराएं: डायबिटीज पैरों और पैर की अँगुलियों में होने वाले क्रोनिक सुन्नपन का सबसे आम कारण है | इसके कारण होने वाली सुन्नता पैरों में नर्व डैमेज होने और ब्लड सर्कुलेशन सही न होने की वज़ह से होती है | सुन्नपन डायबिटीज का सबसे पहला लक्षण होता है इसलिए अगर आपको नियमित सुन्नपन रहता है जिसका अन्य कोई दूसरा कारण नहीं है तो डॉक्टर से सलाह लेकर तुरंत टेस्ट करायें |
- डायबिटीज से ग्रसित लोगों में सुन्नपन एक्सट्रीमली सीरियस होता है होता है क्योंकि इसके कारण न केवल पैरों में दर्द अनुभव होता है बल्कि इससे पैरों में हीट, पंक्चर्स या ब्लिस्टर्स जैसी चीज़ें भी हो जाती हैं |
- कम सर्कुलेशन होने का मतलब यह भी होता है कि उस व्यक्ति के पैर बहुत धीरे-धीरे हील होगा इसलिए इसमें इन्फेक्शन एक सीरियस कंसर्न होता है | इसलिए डायबिटीज होने पर विशेषरूप से पैरों की अच्छी देखभाल करना बहुत जरुरी होता है |
- डायबिटीज को मैनेज करें: सर्कुलेशन इशू और न्यूरोपैथी से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि ब्लड शुगर लेवल को चेक करते रहें क्योंकि डायबिटीज होने पर इन दोनों कारणों से सुन्नपन हो सकता है | डॉक्टर से मिलकर अपने लिए ख़ास प्लान तैयार करें |
- ब्लड ग्लूकोस मीटर से रेगुलरली अपनी ब्लड शुगर चेक करें और हर साल कुछ समय में A1C लेवल भी चेक करते रहें |
- हालाँकि पैरों में सुन्नपन और डायबिटीज के अन्य लक्षणों के कारण एक्सरसाइज करना काफी मुश्किल होता है लेकिन एक्टिव रहने की पूरी कोशिश करें | हर दिन 30 मिनट एक्सरसाइज करने का लक्ष्य बनायें, इसके लिए चाहे आप जिम जाएँ या घर पर ही सीडियां चढ़ें-उतरें |
- हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लें जिसमे फल, सब्जियां, समग्र अनाज, बीन्स, फिश और लो-फैट डेरी प्रोडक्ट्स शामिल हों | कूकीज़ और सोडा जैसे ब्लड शुगर को बढाने के लिए ट्रिगर का काम करने वाले फूड्स लेने से बचें |
- रेगुलरली अपनी इन्सुलिन समेत सभी प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन लें |
- स्मोकिंग से डायबिटीज के लक्षण और बढ़ सकते हैं इसलिए डॉक्टर से इन्हें छोड़ने के लिए उपाय पूछें |
- वज़न कम करें: अतिरिक्त वज़न और मोटापा पैरों और पैर की अँगुलियों में सुन्नपन ला सकते हैं इसलिए सुन्नपन के कुछ लक्षण कम करने के लिए डॉक्टर से हेल्दी वेट लोस के लिए जरुरी टिप्स लें |
- वज़न कम करने से ब्लड प्रेशर को कम रखने में भी मदद मिलती है जिससे सुन्नपन भी कम होता है | अगर वज़न कम करने पर भी ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल न हो तो डॉक्टर से दवाएं लें |[४]
- डायबेटिक फूट केयर के लिए विशेष रूप से बनायें गये प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें: कम्प्रेशन होस और सॉक्स पहनने से सर्कुलेशन बढ़ सकता है जिससे सुन्नपन कम हो जाता है |[५] कैप्सैसिन युक्त स्पेशल लोशन भी सुन्नपन में राहत दे सकता है |[६]
- कभी-कभी होने वाले सुन्नपन के लिए कुछ टिप्स आजमायें: अगर आपको डायबिटीज है तो कभी-कभी होने वाले सुन्नपन में आराम के लिए बताई गयी कुछ विधियों से लाभ मिल सकत है जैसे फीट मूव करते रहना, फीट ऊपर उठाना, फीट पर मसाज करना और गर्म सेंक का इस्तेमाल करना | हालाँकि इन तकनीक से आपको टेम्पररी आराम मिलता है लेकिन ध्यान रखें कि इनसे मुख्य डिजीज ठीक नहीं होती इसलिए डायबिटीज को मैनेज करते रहें और अपने फीट की केयर करें |
- डॉक्टर से अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट्स के बारे में पूछें: कुछ स्टडीज़ डायबिटीज से रिलेटेड पैरों के सुन्नपन में रिलैक्सेशन और बायोफीडबैक ट्रीटमेंट के साथ ही एनोडायन थेरेपी से काफी लाभ देखे गये हैं | ये ट्रीटमेंट्स आपके इंश्योरेंस के द्वारा कवर नहीं होते लेकिन अगर किसी भी चीज़ से आराम न मिले तो आजमाए जा सकते हैं |[७]
- आपकी सुन्नपन को कम करने के लिए डॉक्टर दवाएं भी लिख सकते हैं लेकिन ये ड्रग के ऑफ-लेवल इस्तेमाल हो सकते हैं |[८]
संपादन करेंअन्य कारणों से होने वाले क्रोनिक सुन्नपन का इलाज करें
- इंजरी का ट्रीटमेंट करें: पैरों के पंजे, पैरों की अंगुलियाँ, टखने, सिर या स्पाइन में होने वाली इंजरी या चोट के कारण सुन्नपन हो सकता है | ऑर्थोपेडिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट या कायरोप्रेक्टर आपकी इंजरी को ट्रीट करके सुन्नपन में राहत दे सकते हैं |[९]
- सभी मेडिकेशन के बारे में डॉक्टर से डिस्कस करें: कीमोथेरेपी ड्रग्स के कारण अक्सर हाथ-पैरों में सुन्नपन आ जाता है और इसी प्रकार कई तरह की प्रिस्क्रिप्शन दवाएं भी कई तरह की कंडीशन के लिए जिम्मेदार होती हैं | अगर कोई नयी दवा लेना शुरू करने के बाद सुन्नपन आने लगे तो डॉक्टर से डिस्कस करें कि दवा से फायदे की जगह पर साइड इफेक्ट्स तो नहीं हो रहे हैं | हो सकता है कि ऐसी कोई और दवाएं भी हों जो आपकी कंडीशन का इलाज़ कर सकती हों और उनसे इस प्रकार के साइड इफ़ेक्ट भी न हों |[१०]
- डॉक्टर से डिस्कस करने से पहले ही ली जा रही दवाएं बंद न करें | कुछ मेडिकेशन्स में आपको उनके डोज़ धीरे-धीरे कम करने पड़ सकते हैं |
- विटामिन सप्लीमेंट लें: विटामिन B12 या अन्य विटामिन की कमी के कारण सुन्नपन हो सकता है | विटामिन डेफिशियेंसी चेक करने के लिए ब्लड टेस्ट कराएं और डेफिशियेंसी होने पर सिफारिश योग्य सप्लीमेंट लेने शुरू करें |[११]
- क्रोनिक कंडीशन के लिए मेडिकेशन लें: पैरों और पैर की अँगुलियों में लगातार बना रहने वाला सुन्नपन, कई तरह की कंडीशन्स के लक्षण के रूप में हो सकता है जिनमे मल्टीपल स्क्लेरोसिस, आर्थराइटिस, लायम डिजीज और कई अन्य डिजीज हो सकती हैं | इस तरह की कंडीशन को ट्रीट करने के लिए मेडिकेशन लेने से पैरों के सुन्नपन को कम करने में मदद मिल सकती है |[१२]
- अगर कोई भी क्रोनिक कंडीशन डायग्नोज़ न हो तो पैरों का सुन्नपन पहला संकेत हो सकता है | डॉक्टर से ध्यानपूर्वक सभी लक्षणों को डिस्कस करें जिससे वे आपको बता सकें कि आपको कौन से टेस्ट करवाने होंगे |
- अगर आपकी समस्या पहले से ही डायग्नोज़ है लेकिन सुन्नपन एक न्य लक्षण है तो डॉक्टर से नेक्स्ट अपॉइंटमेंट लें जिससे आप जान पायें कि आपको कोई और मेडिकेशन या ट्रीटमेंट लेने की जरूरत है या नहीं |
- अल्कोहल का कंसम्पशन कम कर दें: हैवी अल्कोहल कंसम्पशन के कारण हाथ-पैरों में सुन्नपन के साथ ही पैर की अँगुलियों में भी सुन्नपन हो सकती है | अल्कोहल के रेगुलर इन्टेक को कम करने से सुन्नपन रोकने में मदद मिल सकती है |[१३]
- लक्षण का इलाज करें: अगर आप पैरों में होने वाले सुन्नपन के संभावित कारणों को ट्रीट करने के सभी जरुरी कदम उठा चुके हैं लेकिन फी भी सुन्नपन है तो कभी-कभी होने वाले सुन्नपन को कम करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें | हालाँकि इन मेथड्स से आपकी कंडीशन ठीक नहीं होगी लेकिन फीट को ऊपर उठाने, गर्म सेंक करने, फीट को चारों ओर घुमाने और फुट मसाज करने जैसी चीज़ों से लक्षणों में टेम्पररी आराम तो मिल ही जायेगा |
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February 27, 2019, 9:30 am
बवासीर या पाइल्स (Hemorrhoids) बहुत पीड़ादायक तो होता है लेकिन आमतौर पर सीरियस नहीं होता और अपने आप ठीक भी हो जाता है | विकिहाउ आपको कुछ ऐसी टिप्स दे रहे हैं जिससे बवासीर से तुरंत सुरक्षित रूप से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है |
संपादन करेंबवासीर (Hemorrhoids) को पहचानें
- जानें कि बवासीर या पाइल्स क्या होता है: बवासीर गुदा या रेक्टल एरिया में एक सूजी हुई इन्फ्लेम्ड ब्लड वेसल (inflamed blood vessel) होती है |[१] यह पेल्विक और एनल एरिया में प्रेशर बढ़ने के कारण होती है | ज्यादा दिनों तक बनी रहने वाली कब्ज़ (Chronic constipation) और लंबे समय तक होने वाला डायरिया (chronic diarrhea) बवासीर होने के सामान्य लक्षण हैं | महिलाओं में प्रेगनेंसी के आखिरी महीनों (last trimester) में भी बवासीर होने की सम्भावना बहुत अधिक बढ़ जाती है, इसके अलावा मोटे लोगों में बवासीर जल्दी हो जाता है | कई बार एनल इंटरकोर्स के कारण भी बवासीर (hemorrhoids) हो जाते हैं और ये अंदर की ओर (internally) या बाहर की ओर (externally) दोनों तरह से हो सकते हैं |
- इंटरनल पाइल्स (Internal hemorrhoid): इंटरनल पाइल्स रेक्टम के अंदर की ओर होते हैं | अगर ये काफी बड़े साइज़ के होते हैं या गुदा के काफी नज़दीक होते हैं तो ये बोवेल मूवमेंट के दौरान बाहर निकल सकते हैं |[२]
- एक्सटर्नल पाइल्स (External hemorrhoid): एक्सटर्नल पाइल्स रेक्टल ओपनिंग के आस-पास के एरिया में पाए जाते हैं | अगर ये गंभीर रूप से उत्तेजित हों या एनल स्किन के अंदर कोई क्लॉट हो तो ये एक हार्ड लम्प (hard lump) बन सकते हैं | इस स्थिति में इन्हें थ्रोम्बोस्ड पाइल्स (thrombosed hemorrhoid) कहा जाता है |[३]
- चिन्हों को पहचानें: अगर आपको लगता है कि आपको पाइल्स है तो इस कंडीशन के लक्षणों को जानना जरुरी होता है | यहाँ इंटरनल और एक्सटर्नल पाइल्स के चिन्ह बताये जा रहे हैं:[४]
- इंटरनल पाइल्स: इंटरनल पाइल्स का सबसे सामान्य लक्षण है- बोवेल मूवमेंट के साथ ब्राइट रेड रेक्टल ब्लीडिंग | आप खुद क्लीनिंग करते समय ब्राइट रेड ब्लड देखेंगे | अधिकतर केसेस में, इनमे दर्द नहीं होता |
- एक्सटर्नल पाइल्स: एक्सटर्नल पाइल्स के कारण एनल एरिया में खुजली और जलन हो सकती है | इनके कारण अक्सर दर्द और कभी-कभी ब्लीडिंग होती है, विशेषकर जब बोवेल मूवमेंट के बाद पोंछा जाता है तब | कई बार, एक्सटर्नल पाइल्स के कारण बैठने में काफी परेशानी होती है |
- अन्य पॉसिबल कंडीशन के बारे में जानें: हालाँकि पाइल्स सीरियस नहीं होते लेकिन रेक्टल ब्लीडिंग अन्य सीरियस हेल्थ कंडीशन्स के कारण भी हो सकती हैं जैसे; एनल, रेक्टल या कोलन कैंसर (rectal or colon cancer), डाइवर्टिकुलाइटिस (diverticulitis), या बैक्टीरियल इन्फेक्शन (bacterial infection) में | अगर आपको किसी भी तरह की नयी रेक्टल ब्लीडिंग दिखाई दे तो डॉक्टर को कॉल करें जिससे आप इसे प्रॉपरली डायग्नोज़ और ट्रीट कर पायें |[५]
संपादन करेंपाइल्स या हेमोरॉइड्स से छुटकारा (Hemorrhoids se Chutkara) पायें
- घरेलू उपचार सीखें (Home Remedies for Hemorrhoids): अधिकतर केसेस में, पाइल्स को घर पर ही ऐसी मेथोड्स के द्वारा ट्रीट किया जा सकता है जो दर्द में आराम दिलाती है या दर्द, इंफ्लेमेशन, सूजन, खुजली और प्रेशर को कम करती हैं |[६] इस सेक्शन में कुछ ऐसी स्टेप्स बताई जा रही हैं जिन्हें घर पर आजमाकर बेहतर अनुभव किया जा सकता है |
- प्रभावित एरिया को साफ़ रखें: हालाँकि पाइल्स वाले एनल एरिया को पोंछकर साफ़ करना पीड़ादायी हो सकता है लेकिन हीलिंग की शुरुआत करने के लिए ज्यादा से ज्यादा सफाई रखना एक बहुत जरुरी स्टेप होती है | एक नर्म कपडे, गर्म पानी और माइल्ड साबुन से इसे कोमलता से साफ़ करें | अच्छी तरह से धोकर साफ़ कर लें और एक साफ़ कपडे या बहुत सॉफ्ट टॉयलेट टिश्यू से थपथपाकर सुखा लें |
- आप नमी युक्त मुलायम टिश्यू (moist towelettes) का इस्तेमाल भी कर सकते हैं जो ड्राई टॉयलेट टिश्यू से भी बहुत ज्यादा कोमल होती हैं | कई ब्रांड्स में एलोवेरा या अन्य सूदिंग सामग्रियां भी पायी जाती हैं |
- टॉपिकल ट्रीटमेंट का उपयोग करें: कई टॉपिकल ट्रीटमेंट्स पाइल्स के मस्सों की सूजन और दर्द में राहत दे सकते हैं | इनमे से कुछ को ड्रग स्टोर्स से ख़रीदा जा सकता है और कुछ किचन में ही मिल जाते हैं | यहाँ इनमे से कुछ ट्रीटमेंट बताये जा रहे हैं:
- क्रीम और ऑइंटमेंट: प्रिपरेशन H, हाइड्रोकॉर्टिसोन (hydrocortisone) क्रीम, डायपर रेश क्रीम या लिडोकीन या बेन्जोकीन जैसे टॉपिकल एनाल्जेसिक वाले प्रोडक्ट्स |
- विच हेज़ल (Witch hazel): विच हेज़ल वाले मेडिकेटिड पैड्स लगायें जो एक प्रकार का एस्ट्रिंजेंट होता है | आप विच हेज़ल वॉटर को खरीदकर एक कॉटन बॉल या सॉफ्ट पैड के द्वारा एनल एरिया पर लगा सकते है |
- एलोवेरा: एलोवेरा एक लुब्रिकेंट और सूदिंग एजेंट होता है | आप ड्रग स्टोर्स से एलोवेरा जेल खरीद सकते हैं लेकिन ध्यान रखें कि यह क्रीम में अन्य सामग्रियों के साथ न हो | अगर आपके पास एलोवेरा का प्लांट है तो इसके एक छोटे से पीस को तोड़कर निचोड़ें और अंदर का जेल बाहर निकालें और इसे एनल एरिया पर लगायें |[७]
- एप्सोम साल्ट और ग्लिसरीन लगायें: 2 बड़ी चम्मच (30 मिलीलीटर) में 2 बड़ी चम्मच ग्लिसरीन (30 मिलीलीटर) मिलाएं | एक गॉज पैड पर इस पेस्ट को लें और प्रभावित जगह पर रख दें | इस पेस्ट को 15 से 20 मिनट तक लगा रहने दें |[८]
- दर्द कम होने तक इस पेस्ट को हर 4 से 6 घंटे में बार-बार अप्लाई कर सकते हैं |
- हाइड्रेटेड रहें: पानी पीते रहने से स्टूल सॉफ्ट हो जाता है जिससे आसानी से पास हो जाता है और मलत्याग की इच्छा के समय जोर कम लगाना पड़ता है | अगर आपको लगता है कि आपको पाइल्स के मस्से हैं तो अपना वॉटर इन्टेक बढ़ा दें जो महिलाओं के लिए हर दिन कम से कम 8 से 11.5 कप (1.9 से 2.7 लीटर) होना चाहिए और पुरुषों के लिए हर दिन लगभग 8 से 15.5 कप (1.9 से 3.7 लीटर) होना चाहिए |[९].
- ज्यादा फाइबर खाएं: फाइबर भी एक उम्दा स्टूल सॉफ्टनर होते हैं और ये आँतों के द्वारा स्टूल को नॉर्मली आगे बढाने में मदद भी करते हैं | इसके लिए आप फाइबर सप्लीमेंट या फाइबर युक्त फूड्स या दोनों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं |[१०]
- दालें, साबुत अनाज, सीड्स, वेजिटेबल और फल ज्यादा खाएं |
- या फिर आप बाज़ार में मिलने वाले ईसबगोल के सप्लीमेंट जैसे सिट्रूसेल या मेटामुसिल ले सकते हैं |
- सिट्ज़ बाथ लें: सिट्ज़ बाथ आमतौर पर पेरिनियल एरिया के लिए गर्म पानी की बाथ होती है | गर्म पानी पाइल्स के मस्सों की सूथिंग करता है और आराम देकर हीलिंग को प्रमोट करता है | आप एक छोटा टब खरीद सकते हैं (जिसे सिट्ज़ बाथ टब कहा जाता है) जिसे टॉयलेट सीट के टॉप पर बिठाया जाता है या सिंपल तरीके से बाथ टब का इस्तेमाल किया जा सकता है | यहाँ बताया गया है कि सिट्ज़ बाथ के द्वारा किस प्रकार से आराम पाया जा सकता है:
- टब के कुछ इंच तक गर्म पानी भरें | अगर आप टॉयलेट सिट्ज़ बाथ का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इंस्ट्रक्शन में दिए गये पॉइंट तक इसे फिल करें | ध्यान रखें कि पानी गुनगुना होना चाहिए, बहुत ज्यादा गर्म नहीं |
- अगर चाहें तो इसमें कुछ सूदिंग और हीलिंग इन्ग्रेडीएंट्स (ingredients) मिला सकते हैं | गर्म पानी अकेला भी सूदिंग (soothing) करेगा लेकिन कुछ जाने-माने पाइल्स हीलर को मिलाकर आप अतिरिक्त राहत पा सकते हैं जैसे साधारण नमक, एप्सोम साल्ट, केमोमाइल, येर्रो (yarrow) और कैलेंडुला |[११][१२][१३][१४]
- लगभग 20 मिनट तक इसमें भिगोये रहें | हर बार बोवेल मूवमेंट के बाद 20 मिनट के लिए सिट्ज़ बाथ लें | अगर हो सके तो पाइल्स के मस्से हील होने तक दिन में दो से तीन बार तक इसे आजमायें |
- एक सॉफ्ट टॉवल से पेरीनियल एरिया को कोमलता से सुखाएं |
- आइस पैक या ठंडा सेंक लगायें: ठंडक सूजन, इन्फ्लेमेशन और पैन को कम कर देगी | एक कपडे में आइस पैक या ठन्डे सेंक को लपेटें और इसे एनल एरिया पर 15 मिनट के लिए रखें | दिन में दो से तीन बार तक इसे रिपीट करें |
- पाइल्स फिर से होने से रोकें: जब एक बार पाइल्स हील हो जाते हैं तभी आपको इन्हें फिर से न होने देने के लिए उपाय करना शुरू कर देना चाहिए | कुछ ट्रीटमेंट सुझाव, प्रिवेंशन अपनाना ही हैं जैसे हाई फाइबर डाइट मेन्टेन करना और खूब सारा पानी पीना | यहाँ कुछ अन्य आइडियाज भी दिए गये हैं |
- जब प्रेशर आए तो तुरंत जायें: कई बार ऐसा भी होता है कि जिस समय प्रेशर आता है उस समय किसी कारण से हम टॉयलेट नहीं जा पाते हैं | लेकिन इंतज़ार करने से प्रॉब्लम बढ़ सकती है | जब आप प्रेशर आने पर उसे रोकते हैं और बाद में टॉयलेट जाने का इंतज़ार करते हैं तब स्टूल ड्राई हो जाता है और रेक्टम में पीछे चला जाता है जिसके कारण अतिरिक्त प्रेशर लगाना पड़ सकता है | और फिर जब आप टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं तब काफी खिंचाव और प्रेशर लगाना पड़ता है | इसलिए, आपको जब भी नेचर कॉल आये तब इंतज़ार न करें | कोई बाथरूम खोजें और तुरंत जाएँ |[१५]
- टॉयलेट में बहुत ज्यादा देर तक न बैठें: टॉयलेट में ज्यादा समय तक बैठे रहने से एनल एरिया पर प्रेशर पड़ता है | खिंचाव के साथ 10 मिनट से ज्यादा देर तक टॉयलेट में न बैठें | अगर आपको कब्ज़ है तो क्लीन करें, थोडा ब्रेक लें, थोडा पानी पियें, टहलें और थोड़ी देर बाद फिर से जाएँ |
- वज़न कम करें: अगर मोटापा ही आपके पाइल्स का कारण है तो वज़न कम करने से मदद मिल सकती है | डॉक्टर से बात करके पता लगायें कि आपको सुरक्षित रूप से कितना वज़न कम करने की जरूरत है
- और अधिक एक्सरसाइज करें: एक्सरसाइज बोवेल फंक्शन्स को उत्तेजित करती है जिससे स्टूल आसानी से पास हो जाता है | हर दिन 20 मिनट तक मॉडरेट एरोबिक एक्सरसाइज करने की कोशिश करें; टहलना भी एक अच्छी शुरुआत हो सकती है | अगर आपकी आरामदायक जॉब है तो बीच-बीच में उठकर थोड़ी देर तक घूमना काफी असरदार हो सकता है | खूब एक्सरसाइज करने से वज़न को भी नियंत्रित रखा जा सकता है |[१६]
- स्टूल को सॉफ्ट करने के लिए डाइटरी चेंज करें: नर्म स्टूल का मतलब है एनल एरिया पर जोर और प्रेशर कम लगाना और टॉयलेट पर बैठने में कम समय बिताना | डाइट चेंज का मतलब है कुछ ख़ास फूड्स के इन्टेक को कम करना या छोड़ना और योग्य फूड्स ऐड करना | आपके पेट पर काम करने वाली बैलेंस डाइट का पता चलने तक आपको अपनी डाइट के साथ थोड़े एक्सपेरिमेंट करने पड़ सकते हैं | यहाँ कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं:
- अपनी डाइट में शामिल करने योग्य फूड्स: खूब सारा पानी, आलूबुखारा या आलूबुखारे का जूस, पिसी हुई अलसी, ओमेगा फैटी एसिड युक्त फूड्स, पत्तेदार हरी कच्ची सब्जियां और फल |
- छोड़ने या कम करने योग्य फूड्स: टेल हुए फूड्स, रिफाइंड कार्बोहायड्रेट्स, डेरी प्रोडक्ट्स, सोडियम |[१७]
- अपनी वेंस की हेल्थ को सहारा देनें के लिए कुछ डाइटरी चेंज करें: कई फूड्स और हर्ब्स में ऐसे कंपाउंड्स पाए जाते हैं जो ब्लड वेसल्स को मजबूती देकर वेनस हेल्थ को सपोर्ट देते हैं | इनमे से कुछ फूड्स और हर्ब्स प्रॉपर न्यूट्रीशन देने के साथ ही इंफ्लेमेशन भी कम करती हैं | उदहारण के लिए:
- फ्लावोनोइड्स (Flavonoids, जो साइट्रस फल, ब्लैकबेरीज, चेर्रीज और सब्जियों में पाए जाते हैं)
- बुचर्स ब्रूम (Butcher's broom)[१८]
- हॉर्स चेस्टनट (Horse chestnut)[१९]
- जिन्क्गो बाईलोबा (Ginkgo biloba)[२०]
- कैलेंडुला (Calendula)
- जानें कि डॉक्टर से सम्पर्क कब करना है: घरेलू उपचारों से अधिकतर पाइल्स ठीक हो जाते हैं | लेकिन कई बार ऐसा समय भी आता है जब खुद की मदद करना काफी नहीं हो पाता और आपको मेडिकल अटेंशन लेने की जरूरत पड़ती है | लक्षणों पर ख़ास ध्यान दें जिससे आप जान सकें कि आपको कब मेडिकल हेल्प की जरूरत होगी | निम्नलिखित चीज़ों पर ध्यान दें:
- लक्षणों की अवधि: ब्लीडिंग और पेन (pain) आमतौर पर दो से तीन दिन के बाद रिसोल्व हो जाते हैं | अगर ये लक्षण एक सप्ताह से ज्यादा समय तक बने रहें तो डॉक्टर को कॉल करें |
- लक्षणों की टाइमिंग: पाइल्स से होने वाली ब्लीडिंग आमतौर पर केवल बोवेल मूवमेंट के साथ ही होती है | अगर आपको अन्य किसी समय में रेक्टल ब्लीडिंग अनुभव हो तो डॉक्टर को कॉल करें |
- लक्षणों में बदलाव: लक्षणों में बदलाव होने का मतलब है; कंडीशन और ख़राब होना | इसका मतलब यह भी हो सकता है कि कुछ न कुछ गड़बड़ चल रही है | अगर पाइल्स की ब्लीडिंग का कलर ब्राइट से डार्क रेड हो रहा हो तो डॉक्टर को जल्दी से जल्दी दिखाएँ |
- लक्षणों की गंभीरता: आमतौर पर घरेलू ट्रीटमेंट से पाइल्स इम्प्रूव हो जाते हैं लेकिन अगर लक्षण बदतर हों या सीवियर हो रहे हों तो डॉक्टर को कॉल करें |
- बवासीर से जूझ रहे कुछ लोगों को पिलो या डोनट-शेप्ड कुशन पर बैठने से दर्द में आराम मिलता है |
- हनी दर्द में आराम पहुंचा सकती है लेकिन यह व्यक्ति और उनकी सेंसिटिविटी पर निर्भर करता है | हनी, ऑलिव ऑइल और बीज़वैक्स का मिश्रण कुछ लोगों में ब्लीडिंग और खुजली कम कर सकता है |[२१]
- अगर आप नोटिस करें कि आपका मल मैरून या ब्लैक कलर का आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर को कॉल करें | यह आपके डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में किसी गंभीर परेशानी का संकेत हो सकता है |
- डायबिटीज वाले लोगों को तब तक प्रिपरेशन H या अन्य ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिनमे फिनाइलेफ्रिन (phenylephrine) जैसे वासोकंस्ट्रिक्टर (vasoconstrictors) पाए जाते हों जब तक इन्हें लेने की सलाह डॉक्टर ने न दी हो |
- अगर आपको डायबिटीज है तो तब तक हाइड्रोकॉर्टिसोन युक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें जब तक डॉक्टर न कहें क्योंकि इस स्टेरॉयड के कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है |
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February 28, 2019, 10:00 am
पॉर्न देखने के लिए बार-बार इंटरनेट का यूज करना आपकी डेली लाइफ और आपके रिलेशनशिप्स के बीच में आ सकता है, आपको शर्मसार कर सकता है। अगर आप भी पॉर्न का आपकी लाइफ पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ते हुए देखते हैं, लेकिन फिर भी आपको इसे अपनी लाइफ से निकालने में मुश्किल हो रही है, तो अपनी इस परेशानी को काबू करने के लिए आपको कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे। अपने इस नेगेटिव बिहेवियर को, पॉज़िटिव बिहेवियर से बदलकर, आप अपनी इस आदत का सामना कर सकते हैं।
संपादन करेंप्रॉब्लम का अंदाजा लगाना
- हैल्दी सेक्सुअलिटी को समझना: हैल्दी सेक्सुअलिटी का मतलब, सेक्सुअलिटी कम्यूनिकेशन का एक ऐसा पॉज़िटिव और समृद्ध तरीका है, जिसमें हम खुशी और भावनाओं का अनुभव करते हैं, उसे प्राप्त करते हैं और पर्सनली भी उन्हें महसूस करते हैं। ये एक ऐसा एक्स्प्रेशन है, जो हमें फिजिकली, इमोशनली और स्प्रिच्युअली लाभ पहुंचाता है। अनहैल्दी सेक्सुअलिटी में सेक्सुअलिटी को लेकर शर्म महसूस करना, सेक्सुअल एनर्जी को एक बिलकुल भी काबू में नहीं कर पाना, सेक्स को एक शोषण की तरह या किसी को ठेस पहुंचाने जैसा समझना, अपनी पावर और अपने फोर्स को एक ऐसे तरीके से यूज करना, जिसे लेकर दो लोगों के बीच परस्पर सहमति न हो।[१]
- पोर्नोग्राफ़ी एडिक्ट्स, पॉर्न को बोरियत, चिंता या और किसी पावरफुल फीलिंग्स का सामना करने के लिए यूज किया करते हैं। ये लोग पोर्नोग्राफ़ी को एक जरूरी, चाही हुई या पावरफुल चीज़ की तरह देखा करते हैं।[२]
- इंटरनेट एडिक्शन के लक्षणों को पहचानें: इंटरनेट गाइडलाइंस कब एक एडिक्शन बन जाती हैं, इस बात के लिए किसी भी तरह की गाइडलाइंस नहीं बनी हैं। हालांकि, यहाँ पर ऐसे कुछ मार्कर्स मौजूद हैं, जो आपके इंटरनेट के यूज को इंडिकेट करते हैं और आपकी पोर्नोग्राफ़ी कब एक प्रॉब्लम बन चुकी है, के बारे में दर्शाते हैं। कुछ कॉमन लक्षणों में, ये शामिल हैं:[३][४]
- पोर्नोग्राफ़ी देखते-देखते वक़्त का भी अंदाजा नहीं लगना
- ऑफिस पर या घर पर किसी भी काम को पूरा कर पाने में तकलीफ होना
- फ़ैमिली और फ्रेंड्स से सोशल दूरी हो जाना
- पॉर्न यूजेस को लेकर गिल्टी फील करना
- पोर्नोग्राफ़ी का यूज करते वक़्त उत्साह की भावना महसूस होना
- नेगेटिव नतीजों के बावजूद भी लगातार इसका इसे यूज करते रहना
- पॉर्न देखने की भावना का काबू से बाहर हो जाना; इसे रोकने के सारे प्रयास असफल हो जाना
- पोर्नोग्राफ़ी का इस्तेमाल आपके विचारों पर हावी होते जा रहा है; जब ये आपके पास नहीं होता, तब आपका इसी के बारे में सोचते रहना
- इसके यूज की वजह से आपके पार्टनर के साथ में आपकी इंटीमेसी में तनाव आना
- तय करें, क्या बदलने की जरूरत है: एक बार जब आप तय कर लेते हैं, कि आपको कोई प्रॉब्लम है, फिर आपको मालूम करना होगा, कि आपको किस चीज़ में बदलाव लाने की जरूरत है। कुछ लोग पॉर्न को देखना पूरी तरह से बंद करने का सोचते हैं, तो वहीं कुछ लोग पॉर्न को कब और कैसे देखना है, में बदलाव लाना चाहते हैं। हो सकता है, कि आप पोर्नोग्राफ़ी के किसी किसी खास जोनर को देखना कम करने का सोच रहे हों। आगे बढ़ने के लिए आपको क्या बदलाव करने हैं, को लेकर स्पष्ट रहें।
- छिपी हुई प्रॉब्लम का सामना करना: कुछ लोगों के लिए, इंटरनेट और पोर्नोग्राफ़ी का बहुत ज्यादा यूज, खुद को अच्छा महसूस कराने के एक तरीके की तरह होता है। स्ट्रेस, डिप्रेशन, और चिंता भी इंटरनेट और पोर्नोग्राफ़ी के यूज के पीछे की असली वजह हो सकती है। हो सकता है, आपने पहले कभी ड्रग्स या अल्कोहल का सामना किया हो। हो सकता है, इंटरनेट का और पोर्नोग्राफ़ी का ये काफी ज्यादा यूज अब आपको उसी तरह से मदद कर रहा हो, जैसे कभी ड्रग्स ने आपकी मदद की थी।[५]
- सामना करने की अपनी खुद की स्किल्स तैयार करें: अगर आप अपने इमोशन्स का सामना करने के लिए पॉर्न का यूज करते हैं, तो फिर आपके लिए इनसे निपटने के और भी कुछ प्रोडक्टिव तरीके मौजूद हैं। अगर आप पोर्नोग्राफ़ी का यूज इस वजह से करते हैं, क्योंकि आप उस इंसान के साथ बात करने में शर्माते हैं, जिसकी तरफ आप रोमांटिकली इंट्रेस्टेड हैं, तो अपनी सोशल स्किल्स तैयार करने के बारे में सोचें। हो सकता है, शायद आप अपनी नाराजगी या फ्रस्ट्रेशन का सामना करने के लिए इंटरनेट और पॉर्न का यूज करते हों। अपनी लाइफ के इन क्षेत्रों को स्वीकारने के तरीकों की तलाश करें, जिनमें पोर्नोग्राफ़ी शामिल न हो।[६]
- अपने गुस्से पर काबू पाने और फ्रस्ट्रेशन का सामना करने के हैल्दी तरीकों के बारे में सीखें।
- फिजिकल एक्टिविटी या स्पोर्ट्स, मेडिटेशन, रिलेक्सेशन, योगा, गहरी साँसें लेने जैसी हैल्दी डेली एक्टिविटीज़ में शामिल होने के बारे में विचार कर लें।
- बोरडम का सामना करें: चूंकि बहुत ज्यादा पॉर्न देखना एक ऐसी आदत होती है, जिसके पीछे बोरडम का भी अपना हाँथ होता है। आपके पास में असल में इस काम के अलावा, करने लायक कोई दूसरा काम नहीं होता, इसलिए आप एंटरटेनमेंट के लिए पोर्नोग्राफ़ी और इंटरनेट का यूज करने लगते हैं। अगर आप अपने बोरडम का सामना कर लेते हैं और अपने वक़्त को कुछ दूसरी एक्टिविटीज़ से भर लेते हैं, तो आप आपकी पॉर्न हैबिट को ऐसे ही भूल जाएंगे।
- कम्यूनिटी में शामिल हो जाना भी बोरडम से निपटने का एक बहुत अच्छा तरीका है। ये एक हॉबी चुनने से भी ज्यादा बेहतर है, क्योंकि इसमें आपके सामने कुछ लोग मौजूद होते हैं, जो आपकी तरफ ध्यान दे रहे हैं और अगर आप कुछ भी करते हैं, तो लोगों की नजर इस पर पड़ ही जाएगी। आप चाहें तो एक स्पोर्ट्स क्लब, रीडिंग ग्रुप जॉइन कर सकते हैं या वॉलंटियर करना शुरू कर सकते हैं।
- अकेलेपन का सामना करें: अकेलापन भी लोगों को पॉर्न देखने की तरफ ले जाता है। अगर आप खुद को दूसरे लोगों से अलग रखते हुए पाते हैं, तो लोगों से मिलने और उनसे बात करने के लिए अपनी तरफ से कोशिश करें। अपने रिश्तों को बनाने की तरफ फोकस करें, ताकि आप भी अपने आसपास मौजूद लोगों के साथ एक हैल्दी, सेटीस्फाइंग रिलेशनशिप महसूस कर सकें, और खुद को कभी भी अकेला न पाएँ।
- अपने सपोर्ट नेटवर्क को मजबूत कर लें: अपनी फ़ैमिली के साथ वक़्त बिताएँ या फिर अपनी फ्रेंडशिप्स को बनाने या मजबूत करने की ओर फोकस कर लें। ऐसे कुछ फ्रेंड्स बना लें, जो आपको आपकी इस इंटरनेट और पोर्नोग्राफ़ी वाली आदत से निपटने में मदद करते हों और आपको इसे बंद करने के लिए प्रेरित करते हों। ऐसे फ्रेंड्स पाएँ, जिन पर आपको भरोसा हो और उनके साथ में अपनी प्रॉब्लम डिस्कस कर लें और साथ ही उनसे मदद भी मांगें।[७]
- ट्रौमा से उबरें: ट्रौमा भी कुछ तरह की प्रॉब्लम्स का सोर्स होता है।[८] अगर आप भी कभी किसी सेक्सुअली बेस्ड- इमोशनल या फिजिकल ट्रौमा से जूझ चुके हैं, तो मुमकिन है, कि आप भी पॉर्न के साथ एक अनहैल्दी रिलेशन बना लें। अगर यही मामला है, तो ऐसे में आपको एक मेंटल हैल्थ प्रोफेशनल से मिल लेना चाहिए, ताकि आप अपने इस ट्रौमा से निपटने की दिशा में काम कर सकें।
- अपने डॉक्टर से किसी एक थेरेपिस्ट के लिए रेफरल की मांग करें।
- अक्सर, अपने ट्रौमा को स्वीकारना और इसके बारे में अपने फ्रेंड्स, फ़ैमिली मेंबर्स और दूसरे सरवाइवर्स से बात करना भी इन फीलिंग्स को समझने में और फिर एक हैल्दी बर्ताव की ओर बढ़ने में मदद कर सकता है।
- एक इंटरनेट सेंसर का यूज करें: अपने ब्राउज़र प्रेफरेंसेस को चेक करें और सेटिंग्स को बदल लें कुछ ब्राउज़र्स कुछ खास तरह की वेबसाइट्स को ब्लॉक करने में मदद देने के लिए एक्सटेंशन्स ऑफर करती हैं, जो किसी वेबसाइट को पूरी तरह से ब्लॉक कर देती है। अब जब तक कि आपको आपके इस बिहेवियर में शामिल होने से बचने के लिए कोई ब्राउज़र सेफगार्ड न मिल जाए, तब तक अपनी ब्राउज़र की सेटिंग्स में खोज करते रहें।
- अपने इंटरनेट यूजेस का लॉग रखें: अपने इंटरनेट यूजेस को नॉन-वर्क और नॉन एसेंशियल एक्टिविटीज़ से ट्रेक करें। नोटिस करें, अगर दिन का ऐसा कोई खास वक़्त है, जिसमें आप इंटरनेट का यूज करते हैं या फिर ये यूजेस किसी खास इवैंट के बाद होते हैं। ऐसे ट्रिगर्स को नोट करने की कोशिश करें, जो आपको कुछ मिनट के लिए ऑनलाइन रखने की बजाय, घंटों तक ऑनलाइन रखते हैं।[९]
- इंटरनेट यूजेस को मॉनिटर करने के लिए टाइमर का यूज करें: खुद को एक तैयार किए हुए वक़्त तक इंटरनेट का यूज करने दें। जब भी आप ब्राउजिंग या एंटरटेनमेंट के लिए इंटरनेट का यूज करें, तब एक टाइमर लगा लें। फिर, जब भी टाइमर बंद हो, इंटरनेट यूज करना बंद कर दें।[१०]
- पब्लिक लोकेशन पर कंप्यूटर का यूज करें: आमतौर पर पब्लिक प्लेस पर पोर्नोग्राफ़ी देखना मुश्किल भी होता है और गलत भी। इसे अपने फायदे के लिए यूज करें और कंप्यूटर को सिर्फ पब्लिक लोकेशन पर ही यूज करके, खुद को ऐसा करने से बचा लें। जब भी इंटरनेट का यूज करें, तब सिर्फ ऐसी ही जगह पर रहें, जहां पर लॉग आपको देख सकते हों।
- कॉफी शॉप या लाइब्रेरी जाएँ, या अपने कंप्यूटर को अपने बेडरूम की बजाय लिविंग रूम में रख लें।
- इसे करने का उद्देश्य केवल आपकी पॉर्न देखने की इच्छा पर रोक लगाने के लिए, एकदम पूरी प्राइवेसी से बचना है।
- एक बेहतर माहौल तैयार कर लें: कभी-कभी आपका माहौल भी आपको पोर्नोग्राफ़ी के साथ एक अनहैल्दी रिलेशनशिप की ओर खींचकर ले जाता है। ऐसे फ्रेंड्स को अवॉइड करें, जो आपको लगातार पॉर्न देखने को प्रेरित करते हैं और अगर आपके कंप्यूटर पर ऐसी आसानी से एक्सेस करने वाली फाइल्स और ब्राउज़र ऐड्स या ऐसे पॉप-अप्स भरे हुए हैं, जो आपको इसकी तरफ खींचकर ले जाते हैं, तो उसे क्लीन कर दें।
- सेक्स को और भी सेटीस्फाइंग समझें: पॉर्न एडिक्शन से जुड़े हुए ज़्यादातर लोग मैरिड होते हैं या फिर किसी कमिटेड रिलेशनशिप में होते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा ही है और आप खुद को अभी भी पॉर्न में शामिल पाते हैं, तो आपको सेक्स लाइफ को अलग तरह से समझने की कोशिश करना होगी। ये एक नई पोजीशन ट्राइ करने जितना आसान तो नहीं होगा और इसमें शायद आपको और भी ज्यादा मेहनत करना होगी, जिसे आप अवॉइड करते चले आ रहे हैं। अपने पार्टनर के साथ में इमोशनल इंटीमेसी बनाने पर फोकस करें और ट्रस्ट पर फोकस करें। जब सेक्स में शामिल हों, तब उस पल के ऊपर फोकस करें और अपनी सेक्सुएलिटी और अपने पार्टनर की सेक्सुएलिटी को एंजॉय करें।
- एक थेरेपिस्ट से बात करें: अगर आप खुद से ही अपने एडिक्शन को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि कुछ काम नहीं कर रही है, तो याद रखें, कि आप हमेशा ही एक प्रोफेशनल के साथ इसके बारे में बात कर सकते हैं। थेरेपिस्ट्स को एडिक्शन के साथ डील करने की आदत होती है और वो आपको इंटरनेट और पोर्नोग्राफ़ी के एडिक्शन से निपटने में भी सपोर्ट दे सकते हैं।
- कुछ खास रिसोर्सेज की तलाश करें: ऐसे बहुत सारे रिसोर्सेज मौजूद हैं, जो आपकी इस खास प्रॉब्लम से निपटने में आपकी मदद कर सकते हैं। बहुत सारी वेबसाइट और प्रोग्राम्स भी इंटरनेट एडिक्शन और पोर्नोग्राफ़ी से उबरने में मदद के लिए डिवोटेड रहते हैं, हालांकि उनके ऊपर भरोसा करने या नहीं करने के लेवल अलग-अलग होते हैं। इसके साथ ही ऐसे कुछ और भी अलग-अलग तरह के एडिक्शन ओर्गेनाइजेशन मौजूद हैं, जो सेक्स और पॉर्न एडिक्शन से निपटने में मदद करते हैं। अगर आपको और किसी भी चीज़ से कोई मदद नहीं मिली है, तो ये आपकी मदद कर सकते हैं:
- बदलना चाहते हैं: आखिर में, आप बदल सकते हैं या नहीं, इसके लिए अगर कोई चीज़ है, जो आपकी मदद करने वाली है, तो वो है कि आप क्या चाहते हैं, आप बदलना भी चाहते हैं या नहीं। इसे करने की वजहों की तलाश करें। ये वजह आप पर डिपेंड करते हैं, जिनमें: हैल्दी होना, ज्यादा फ्री टाइम पाना, और भी सेटीस्फाइंग रिलेशनशिप्स पाना, या फिर अपने करीबी लोगों को खुश रखना शामिल हैं। ऐसे न जाने कितनी ही वजह मौजूद हैं।
(800) 477-8191
|row2 = Sexaholics Anonymous (866) 424-8777
|row3 = Sexual Compulsives Anonymous (800) 977-4325
|row4 = Society for the Advancement of Sexual Health (610) 348-4783
}}
- शुरू-शुरू में पॉर्न के अलावा किसी और चीज़ पर फोकस कर पाना जरा कठिन लग सकता है और आप आपके विचारों को भटकता हुआ भी पा सकते हैं। इससे जुड़े रहें।
- धार्मिक भागीदारी भी कुछ लोगों को इस तरह की समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकती है। अगर आप भी इसे मददगार पाते हैं, तो आपको अपने धर्म के साथ और भी ज्यादा जुडने की कोशिश में लग जाना चाहिए।
- किसी के साथ अपने एडिक्शन के बारे में बात करना, उसे आपकी मदद के लिए तैयार कर सकता है।
- पॉर्न साइट्स के संबंध में अपने लिए एक निश्चित डिग्री की अनुमति देने की कोशिश करें, चूंकि पोर्न साइट्स कभी-कभी लेजिट साइट्स के रूप में सामने आती हैं, संभावना है, कि जब आप अपने एडिक्शन से निपटने की कोशिश के चलते साइट्स की तलाश कर रहे होंगे, तब आप भी ऐसी ही कुछ साइट्स से टकराए होंगे। जब तक आप अपने फैसले पर अड़े रहते हैं, तब तक इससे कोई परेशानी नहीं होगी, इसलिए मिस्टेक्स करने को लेकर अपने साथ इतना भी ज्यादा सख्ती से न पेश आएँ।
- ठीक उसी तरह, एक बात और ध्यान में लेकर चलें, कि कुछ खास तरह की लेजिमेट इंटरनेट सर्च (जैसे कि, कोलोन और रेक्टल हैल्थ, ब्रेस्ट हैल्थ या पर्सनल हाइजीन की जानकारी वाली) में एडल्ट कंटेन्ट होने की संभावना ज्यादा होती है। इसीलिए, जब भी आप ऑनलाइन ऐसे ही किसी लेजिमेट, लेकिन फिर भी संदेहजनक चीज़ के ऊपर तलाश करें, तब पुष्टि कर लें, कि आप गलती से ऐसी ही किसी एडल्ट वेबसाइट पर न चले जाएँ। अगर आपको उस साइट के लेजिट होने या न होने को लेकर डाउट है, तो उसमें अपनी तरफ से सतर्क रहें और आप उस लिंक को क्लिक न करें।
- ऐसे ट्रिगर्स को अवॉइड करने की कोशिश करें, जो आपको पॉर्न देखने के लिए उकसाती हैं। अगर इन्हें अवॉइड कर पाना मुमकिन नहीं है, तो फिर इस स्थिति को हैंडल करने के लिए प्लान करें।
- चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी देखना कानूनी रूप से गलत है। उसमें दिखने वाले बच्चे अब्यूस और शोषण के शिकार होते हैं। अगर आपके एडिक्शन में चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी शामिल है, तो फौरन मदद की तलाश कर लें।
- एडिक्शन से उबरने की कोशिश करते हुए शर्म महसूस नहीं होनी चाहिए। खुद को जरा भी शर्म महसूस न होने दें, क्योंकि ये आपके लिए एक अनहैल्दी स्थिति हो सकती है।
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पीरियड्स आना सभी महिलाओं की ज़िंदगी का एक नेचुरल हिस्सा है। काफी बार ये बहुत फ्रस्ट्रेटिंग और स्ट्रेसफुल भी हो सकता है, और कभी-कभी दर्दभरा या अनकम्फ़र्टेबल भी हो सकता है। हालांकि, जब आप आपके पीरियड्स के लिए फिजिकली और मेंटली तैयार रहती हैं, तो ऐसे में आपके लिए उससे निपटना और भी ज्यादा आसान हो सकता है। अपने शरीर का ध्यान रखकर और अपने लक्षणों को मैनेज करके, आप अपने पीरियड्स का सामना करना शुरू कर सकती हैं।
संपादन करेंअपने पीरियड्स के लिए तैयार होना
- अपने पीरियड्स के बारे में अपनी मानसिकता को फिर से समझना: ज़्यादातर महिलाओं को उनके पीरियड्स के आने से डर लगता है, और वो इसे एक ऐसी चीज़ समझती हैं, जिससे उन्हें बहुत तकलीफ होने वाली है। आपके मेंस्ट्रूअल साइकल के दौरान, ब्रेन (दिमाग) के असली हॉर्मोन्स बदल जाते हैं और ये न सिर्फ आपके मूड को प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि ये आपके मन में आपके पीरियड्स के बारे में चलने वाले विचारों को भी लगातार बदलते रहते हैं।[१] अगर आप आपके पीरियड्स को अपनी महिला होने और मातृत्व सुख पाने की शक्ति होना और अपनी ज़िंदगी के एक अहम हिस्से की तरह मानकर चलेंगी, तो आपको इससे जरूर ताकत मिलेगी।
- आपके फर्स्ट पीरियड्स, जिन्हें मीनार्की (menarche) कहा जाता है, इसे अक्सर ही किसी यंग गर्ल के, नारीत्व में पहले कदम रखने की तरह सेलिब्रेट किया जाता है।[२] जब आप आपके पीरियड्स को सेलिब्रेट किए जाने वाली किसी एक खास तरह के जैसे सोचने लगेंगी, आप इनके आने से डरना भूल जाएंगी और उसका सामना भी करने लग जाएंगी।
- अपने पीरियड्स का ट्रेक रखें: अपने मेंस्ट्रूअल साइकल का ट्रेक रखने से न सिर्फ आपको इनके आने से पहले खुद को इनके लिए तैयार रखने की मदद मिलेगी, बल्कि इससे आपको ये भी मालूम हो जाएगा, कि आप कब फर्टाइल (जनन करने योग्य) हैं और कब आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं।[३] अनचाहे वक़्त पर अपने पीरियड्स को पाने से आप के मन में इसके लिए तैयार नहीं होने और स्ट्रेस की फीलिंग आ सकती है। आप चाहें तो आपके पीरियड्स स्टार्ट होने से लेकर इनके खत्म होने तक के वक़्त को एक कैलेंडर में, एक जर्नल में या फिर अपने मोबाइल डिवाइस पर किसी एक एप पर भी नोट करके, अपने पीरियड्स को ट्रेक कर सकती हैं।
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- Strawberry Pal या Clue जैसे ऐसे न कितने ही एप्स हैं, जो आपको आपके पीरियड्स को ट्रेक करने में मदद कर सकते हैं और साथ ही आपके साइकल्स के शुरू होने वाले वक़्त के ऊपर एक रिमाइन्डर भी सेट कर देते हैं।
- एक बात का ध्यान रखें, कि आपके पहले साल के दौरान, पीरियड्स अक्सर अनप्रिडिक्टेबल (अप्रत्याशित) होते हैं और ये कभी भी शुरू हो जाते हैं। ये कभी-कभी छूट भी जाते हैं। ये सब होना एकदम नॉर्मल है। हालांकि, एक साल पूरे होने के बाद, आपके पीरियड्स अब एक रेगुलर पैटर्न फॉलो करने लग जाएंगे और फिर आपके लिए इन्हें ट्रेक करना भी आसान हो जाएगा।
- मेंस्ट्रूअल साइकल्स महिलाओं के हिसाब से अलग-अलग हुआ करते हैं। ये 21 से 35 दिनों के अंदर कभी-भी हो सकते हैं और साथ ही ये दो से सात दिनों तक भी बने रह सकते हैं। आपके पीरियड्स रेगुलर भी हो सकते हैं और हर महीने ठीक एक ही वक़्त पर आ सकते हैं या फिर ये इरेगुलर भी हो सकते हैं।[४]
- आप जब सेक्सुअली एक्टिव हों, तब आपके लिए अपने पीरियड्स का ट्रेक रखना बेहद जरूरी होता है। ये आपको आपके फर्टाइल होने के वक़्त को निर्धारित करने में मदद करता है, जो कि उस वक़्त आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है, जब आप प्रेग्नेंसी को अवॉइड करने की कोशिश में हों या जब आप प्रेग्नेंट होना चाहती हों।[५]
- अपने पास में हमेशा फेमिनाइन हाइजीन प्रोडक्ट्स रखें: अपने पर्स, बैकपेक और कार में कुछ एक्स्ट्रा टैंपून, पेंटी लाइनर या पैड रख लें। इस तरह से, अगर आपके पीरियड आ जाते हैं और आपके पास में दूसरे फेमिनाइन प्रोडक्ट्स नहीं मौजूद हैं, तो भी आप प्रोटेक्टेड रहेंगी। अगर आपके पीरियड्स इरेगुलर हैं और आप तय नहीं कर पाती हैं, कि अब आपके पीरियड कब शुरू होने वाले हैं, उस वक़्त पर ये करना, खासतौर पर आपके लिए ज्यादा जरूरी हो जाता है। अगर कभी आपके पास कुछ नहीं होने पर, आप के पीरियड्स आ जाते हैं, तो ऐसे वक़्त पर पैड/टैंपून खरीद पाने के लिए आपको अपने पास में कुछ पैसे भी रखना चाहिए।
- किसी दूसरी लेडी को जरूरत पड़ने पर, ऑफर किए जाने के हिसाब से भी अपने साथ में कुछ एक्स्ट्रा फेमिनाइन हाइजीन प्रोडक्ट लेकर चलना भी एक अच्छा आइडिया होता है।
- आइरन-रिच फूड्स खाएं: ओव्यूलेशन, जो कि आपके पीरियड्स शुरू होने से 12 से 16 दिन पहले होता है, के दौरान आपका शरीर संभावित प्रेग्नेंसी के लिए तैयार हो रहा होता है। आपका शरीर प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजेन नाम के दो अलग तरह के हॉर्मोन्स रिलीज करता है, जो आपके शरीर को ये बताता है, कि उसे प्रेग्नेंसी के लिए तैयार हो जाना चाहिए।[६] इस वक़्त के दौरान आपका मेटाबोलिज़्म स्पीड पकड़ लेता है, इसलिए इस वक़्त पर आपको आपकी नॉर्मल से ज्यादा केलोरी लेने की जरूरत होती है। इसीलिए आपको आपके द्वारा पीरियड्स के पहले और इसके दौरान खोए हुए आइरन को दोबारा स्टेबल करने के लिए, आइरन-रिच फूड्स खाना चाहिए।[७]
- मीट, बीन्स, दाल, अंडे और डार्क पत्तेदार हरी सब्जियाँ आइरन के अच्छे सोर्स हुआ करती हैं।
- आपको पीरियड्स के दौरान भी आइरन-रिच फूड्स खाते रहना चाहिए। ये आपकी थकान और क्रैंपिंग जैसे कुछ पीरियड के लक्षणों से राहत देने में मदद कर सकता है।[८]
- विटामिन सी आपके शरीर की आइरन एब्जोर्ब करने की क्षमता को बढ़ा सकता है। इसलिए ऑरेंज, पेपर्स (peppers) और केल (kale) जैसे विटामिन सी रिच फूड्स भी खाने की कोशिश करें।
संपादन करेंदर्द और असहूलियत (डिस्कंफ़र्ट) को कम करना
- हाइड्रेटेड रहें: ज़्यादातर महिलाएं उनके पीरियड्स के दौरान ब्लोटेड और अनकम्फ़र्टेबल फील किया करती हैं। आप काफी सारे लिक्विड ड्रिंक करके ब्लोटिंग को कम करने में मदद पा सकती हैं। कैफीन, अल्कोहल और शुगर वाली ड्रिंक्स के सेवन को कम करने की कोशिश करें।[९] भरपूर फ्लुइड्स पिया करें, खासकर पानी ब्लोटिंग को कम करने का एक बहुत अच्छा रास्ता होता है।
- दर्द की दवाइयाँ लें: काफी सारी महिलाएँ उनके पीरियड्स के दौरान कुछ हद तक दर्द महसूस करती हैं। अक्सर, ये दर्द यूटेरिन वाल (uterine wall) में आई सिकुड़न की वजह से होने वाली क्रैंपिंग से जुड़ा होता है। आप चाहें तो आइबुप्रुफेन (ibuprofen), एसिटामिनोफेन, (acetaminophen) और एस्पिरिन (aspirin) जैसी ओवर द काउंटर मिलने वाली दर्द की दवाएं ले सकती हैं। ये दवाइयाँ किसी भी ड्रग स्टोर पर मिल जाती हैं और इनके डोज़ लेने के लिए आपको मैन्युफ़ेक्चरर की रिकमंडेशन को फॉलो करना चाहिए।[१०]
- अगर ओवर द काउंटर पेनकिलर्स काम नहीं कर रही हैं और आपको क्रैम्प्स के दौरान गंभीर दर्द हो रहा है, तो अपने फिजीशियन से बात कर लें।
- क्रैम्प्स से राहत पाने के लिए हीट यूज करें: जब आपको क्रैम्प्स होते हैं, तब हीट आपकी एब्डोमेन की मसल को रिलैक्स करने में मदद करती है। आप चाहें तो एक हीटिंग पैड या एक हॉट वॉटर बॉटल को ले सकती हैं और उसे अपने पेट के उस हिस्से पर रख सकती हैं, जहां आपको दर्द हो रहा है या फिर एक वार्म बबल बाथ या शावर ले लें।
- अपने लोअर एब्डोमेन को हल्के, सर्क्युलर मोशन में मसाज करना भी आपको दर्द से राहत देने में मदद करता है।[११]
- अपनी डाइट एडजस्ट करें: आपके पीरियड्स के दौरान, आप खुद को अलग-अलग फूड्स के लिए ललचाते हुए पाएँगी। लेकिन साल्टी, शुगरी और प्रोसेस्ड फूड्स आपकी क्रैंपिंग को और भी दर्दनाक बना सकते हैं। आप जिन फूड्स को खाती हैं, उसे न्यूट्रिशियस भी होना चाहिए और उसे आपको सारा दिन एनर्जी भी देते रहना चाहिए। आप शायद चॉकलेट या आइस क्रीम जैसी किसी खास ट्रीट के लिए भी ललचा रही होंगी और जब तक आप इन्हें लिमिट में लेती हैं, तब तक अपनी इस लालच को पूरा करने में कोई बुराई भी नहीं हैं।[१२]
- केले और पत्तीदार हरी सब्जियों जैसे पोटेशियम से भरपूर फूड्स, ब्लोटिंग को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- बीन्स, बादाम और डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे कैल्शियम से भरपूर फूड्स को खाएं।
- मितली (nausea) मैनेज करें: काफी सारी महिलाएँ उनके पीरियड्स के दौरान मितली महसूस किया करती हैं, जो भी बहुत अनकम्फ़र्टेबल होता है। आपके हॉरमोनल लेवल में बदलाव होने की वजह से गैस्ट्रोइन्टेस्टनल (gastrointestinal) डिस्ट्रेस हो सकता है, या फिर शायद क्रैम्प्स या सिरदर्द की वजह से भी आपको मितली जैसा महसूस हो सकता है।[१३] भले ही शायद आप आपकी भूख को खो बैठी हों, फिर भी व्हाइट राइस, एप्पल्स और टोस्ट जैसे नरम फूड्स को खाने की कोशिश करें, ये आपके पेट को सेटल कर देंगे। अदरक, फिर चाहे ये चाय में हो, सप्लिमेंट्स में या अपने रूट के फॉर्म में, ये मितली से राहत दिलाने का एक नेचुरल तरीका होता है।
- नेप्रोक्सेन (naproxen) या आइबुप्रुफेन (ibuprofen) जैसी नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इन्फ़्लैमेट्री ड्रग्स (nonsteroidal anti-inflammatory drugs/NSAIDs) जैसी ओवर द काउंटर दवाइयाँ लेकर अपनी मितली का इलाज़ करें। ये मितली महसूस करने वाले प्रोस्टेग्लेण्डिंस (prostaglandins) नाम के हॉरमोन के प्रोडक्शन को रोककर पीरियड से जुड़ी हुई मितली से राहत दिलाती हैं।[१४]
- फिजिकल एक्टिविटी में शामिल रहें: एक्सर्साइज़ करना, आपके दर्द को मैनेज करने का सबसे अच्छा नेचुरल तरीका होता है। जब आप एक्सर्साइज़ करते हैं, तब आपका शरीर, मूड बेहतर बनाने वाले एंडोर्फ़िन्स (endorphins) रिलीज करती है, जो दर्द को कम कर सकते हैं और आपके मन को पीरियड से जुड़े हुए डिस्कंफ़र्ट से दूर ले जा सकते हैं।[१५] अगर आपको दर्द है, तो अभी आपको अपने नॉर्मल रूटीन से कम स्ट्रेस वाला वर्कआउट करना चाहिए।
- योगा जैसी एक हल्की एक्सर्साइज़, जो आपके कोर (core) को वार्म अप करती हो, ये भी आपकी ब्लोटिंग को कम करने में मदद कर सकती है।[१६]
- अगर आप जिम जाने के लिए ठीक नहीं फील कर रही हैं, तो जिम जाना स्किप करने में भी न घबराएँ। वैसे तो एक्सर्साइज़ आपको, आपके लक्षणों को मैनेज करने में मदद कर सकती है, लेकिन तब भी आपको खुद को एक्सर्साइज़ के लिए फोर्स नहीं करना चाहिए।
- अगर लक्षण मैनेज न हो पा रहे हों, तो अपने डॉक्टर से बात करें: वैसे तो पीरियड्स के दौरान कुछ दर्द और डिस्कंफ़र्ट होना नॉर्मल है, लेकिन अगर आपके लक्षण काबू में नहीं आ पा रहे हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से बात कर लेना चाहिए। आप आपके प्राइमरी केयर फिजीशियन से या आपके गाइनकालजिस्ट (gynecologist) से इन परेशानियों के बारे में बात कर सकती हैं और वो आपको शायद किसी एक स्पेशलिस्ट के पास जाने के लिए भी रिकमेंड कर सकते हैं। वो आपके लिए दर्द की दवा प्रिस्क्राइब कर सकते हैं, अपनी लाइफ़स्टाइल्स को बदलने के लिए सलाह दे सकते हैं या शायद आपके लिए ओरल कान्ट्रसेप्टिव्स (contraceptives) लेने की सलाह भी दे सकते हैं।[१७]
- पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग होना, बहुत हैवी फ़्लो होना, बहुत दर्दभरे क्रैम्प्स होना या अगर आपके फ़्लो 10 दिनों से ज्यादा दिन तक बने रहते हैं, तो आपको आपके डॉक्टर से मिल लेना चाहिए।[१८]
- भरपूर आराम लें: आपके पीरियड्स के दौरान, आप नॉर्मल से ज्यादा थकान महसूस कर सकती हैं। ब्लोटिंग की वजह से होने वाला दर्द और डिस्कंफ़र्ट, आपके लिए सोना मुश्किल बना देता है, वहीं थकान आपकी दर्द सहने की काबिलियत को कम कर देती है।[१९] रात में कम से कम आठ घंटे की नींद लेने की कोशिश करें और अगर जरूरत पड़े, तो दिन में भी झपकी ले लें।
- मेडिटेशन, योगा करना और स्ट्रेचिंग जैसी हल्की एक्सर्साइज़ आपको अच्छी तरह से सोने में मदद कर सकती हैं।
- पीरियड के दौरान आपका कोर बॉडी टैम्परेचर बढ़ जाता है, जिससे आप गरम महसूस करती हैं। गरम महसूस करने की वजह से आपके लिए सोने में तकलीफ हो सकती है, इसलिए अपने बेडरूम के टैम्परेचर को 60 और 67 डिग्रीज फारेनहाइट या 15.5 से 19 डिग्रीज सेल्सियस के बीच ही रखना चाहिए।[२०]
- कम्फ़र्टेबल कपड़े पहनें: ज़्यादातर महिलाएँ उनके पीरियड्स के दौरान टाइट, क्लोज-फिटिंग या अनकम्फ़र्टेबल कपड़ों को पहनना प्रेफर नहीं किया करती हैं। जब भी आपको मौका मिले, तब आपको सबसे ज्यादा कम्फ़र्टेबल कपड़े ही पहनना चाहिए। ब्लोटिंग से जूझने वाली महिलाओं को लूज टॉप या इलास्टिक वेस्टबैंड वाली पेंट्स पहनना चाहिए।
- सही अंडरवियर पहनें: आपके पीरियड्स के दौरान, आपको ऐसे अंडरवियर पहनने चाहिए, जिनके खराब हो जाने से भी आपको कोई फर्क न पड़े। भले ही आप अच्छे फेमिनाइन प्रोडक्ट्स क्यों न यूज कर रही हों, तब भी आपके अंडरवियर पर कुछ लीक हो सकता है। कुछ महिलाएँ अपने पास में ऐसे एक जोड़ी अंडरवियर रखा करती हैं, जिन्हें वो सिर्फ उनके पीरियड्स के दौरान ही पहनती हैं। पीरियड्स के दौरान आप थोंग्स की बजाय फुल कवरेज अंडरवियर को पहनना ज्यादा कम्फ़र्टेबल पाएँगी, खासकर तब, जब आप पैड्स लेती हों।
- अपने पीरियड के लिए कॉटन अंडरवियर लेकर आएँ। ये न सिर्फ आपको कम्फ़र्टेबल लगेंगे, बल्कि ये आपको होने वाले यीस्ट इन्फेक्शन के रिस्क को भी कम कर सकते हैं।[२१]
- डार्क कलर के अंडरवियर पर धब्बे कम नजर आते हैं।
- आपके अंडरवियर कॉटन के होने चाहिए, जिनमें हवा के आने जाने के लिए जगह हो और जो स्किन के ऊपर भी जेंटल हों।[२२]
- रिलैक्स होने के तरीके तलाशें: पीरियड्स आपके स्ट्रेस को बढ़ा सकते हैं और आपके लिए बेहद असुविधाजनक भी हो सकते हैं। अपने आप को सुकून देने के लिए कुछ वक़्त दें और अपने विचारों और भावनाओं को सँजोने के लिए एक शांत जगह चुनें। रिलैक्स होने के तरीकों को तलाशें और अपने मन को, आपको होने वाले दर्द या डिस्कंफ़र्ट से हटा लें।
- आपको खुशी देने वाली चीज़ें ही करें। जैसे कि, अपने फेवरिट सॉन्ग्स और आर्टिस्ट्स को सुनें और अपने रूम में डांस पार्टी करें।
- मेडिटेशन करना, जर्नल में लिखना, ड्राइंग करना, आरामदायक म्यूजिक सुनना या टेलीविज़न देखने जैसी ऐसी एक्टिविटीज की तलाश करें, जिन्हें आप रिलैक्सिंग या आरामदायक मानती हों।
- अरोमाथेरेपी भी आपको रिलैक्स होने में मदद कर सकती है। सागे (sage), लेवेंडर (lavender) या रोज एशेन्सियल ऑइल्स का यूज करके देखें।
- अपने पीरियड्स के दौरान होने वाले मूड चेंजेस का पूर्वानुमान करें: पीरियड्स के दौरान हॉरमोनल चेंजेस आपके मूड पर असर डाल सकती हैं। जैसे कि, आप किसी भी स्थिति में नॉर्मल से ज्यादा दुखी, परेशान या इरिटेट फील कर सकती हैं। इस बात को भी समझें, कि अगर आप किसी चीज़ को लेकर परेशान फील कर रही हैं, तो आपके इमोशन्स, आपकी असली भावना के बजाय, आपके हॉर्मोन्स से जुड़े हुए होते हैं। इस वक़्त पर आपको कोई भी बड़ा फैसला करने से या किसी बड़ी बात को रखने से बचना चाहिए।
- अगर आप जानना चाहती हैं, कि आप किसी वक़्त पर ज्यादा दुखी या ज्यादा चिंता महसूस कर रही हैं, तो आप आपके पीरियड के दौरान हर रोज आपके इमोशन्स को लिखकर रख सकती हैं।
- अगर आप बहुत ज्यादा मूड स्विंग्स महसूस कर रही हैं या आपके मन में खुद को नुकसान पहुंचाने का खयाल आ रहा है, तो आपको फौरन आपके डॉक्टर से मिल लेना चाहिए।[२३] हो सकता है, कि आप शायद प्रीमेंस्ट्रूअल डायस्फोरिक डिसऑर्डर (Premenstrual Dysphoric Disorder) नाम की कंडीशन से जूझ रही हैं, जो आपके मूड को प्रभावित कर रहा है।
- जब भी आपको जरूरत पड़े, तब अपने फेमिनाइन हाइजीन प्रोडक्ट को बदलें: पैड्स को हर तीन से छह घंटे के बाद बदलते रहना चाहिए और टैम्पूंस को हर चार से छह घंटे के अंदर बदलते रहना चाहिए। टैंपून को कभी भी आठ घंटे से ज्यादा वक़्त तक न रहने दें; ये आपके टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (Toxic Shock Syndrome/TSS) के रिस्क को बढ़ा देता है। आप एक मेंस्ट्रूअल कप को 12 घंटे से ज्यादा देर तक भी रहने दे सकती हैं और ये सबसे ज्यादा एनवायरनमेंट फ्रेंडली ऑप्शन भी होता है। अपने फेमिनाइन प्रोडक्ट्स को बदलते रहना आपको फ्रेश फेल करने में मदद कर सकता है और साथ ही आपको लीकेज न होने का कॉन्फ़िडेंस भी दे सकता है।
- अगर आपको हैवी फ़्लो हो रहा है या अगर ये आपके पीरियड्स के शुरुआती दिन हैं, तो आपको अपने फेमिनाइन हाइजीन प्रोडक्ट्स को और भी ज्यादा जल्दी-जल्दी बदलना पड़ सकता है।
- TSS काफी सीरियस और ज़िंदगी खतरे में डाल सकने वाला बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है। अगर आपको सनबर्न जैसा कोई रैश नजर आता है, खासकर कि आपकी हथेली और सोल पर, हाइ फीवर है, लो ब्लड प्रैशर है, या आपको उल्टियाँ आने लगी हैं, तो फौरन डॉक्टर से कांटैक्ट कर लें।[२४]
- अपने लिए सही एब्जोर्ब करने वाले पैड और टैंपून की तलाश करें। हर एक लड़की अलग होती है, और एक बार आपको आपके हिसाब से सही प्रोडक्ट मिल जाए, फिर आप और भी ज्यादा कॉन्फ़िडेंट फील कर सकती हैं और ये आपको लीक्स न होने की पुष्टि भी कर देगा।
- हाइड्रोजन पराक्साइड अंडरवियर पर लगे हुए खून को हटाने में मदद कर सकती है।
- किसी वक़्त पर अगर आपके अंडरवियर पर दाग लग जाता हौ, तो उसे ठंडे पानी में भिगोने की पुष्टि कर लें। गरम पानी धब्बों को जमा देता है।
- आप टैम्पूंस या पैड्स को लेने को लेकर कंफ्यूज हो सकती हैं, तो ये रहा इसका जवाब। टैम्पूंस आपको स्पोर्ट्स में मदद कर सकते हैं, लेकिन इनकी वज़ह से TSS हो सकता है। पैड्स आपके अंडरवियर को प्रोटेक्ट करते हैं, लेकिन उनमें से लीकेज हो सकता है और आप इन्हें लेकर स्विमिंग नहीं कर सकती हैं।
- अगर आपको पैड्स यूज करने की वजह से पहले कभी कोई तकलीफ हुई है, तो फिर "विंग्स" (साइड फ्लेप्स) वाले पैड्स को यूज करके देखें। जैसे कि ये पैड्स को उसकी जगह पर बनाए रखते हैं और कवरेज भी बढ़ा देते हैं, इसलिए इन से आपको बेहतर प्रोटेक्शन मिल सकती है।
- अगर आपके पास में कोई प्रोडक्ट नहीं है, तो पैड बनाने के लिए अपने अंडरवियर पर करीब 3 बार एक टॉइलेट पेपर को लपेट लें या फिर आपके पास में मौजूद किसी लेडी या आपकी फ्रेंड से पैड मांगकर देखें। पूछने से घबराएँ नहीं, वो भी इसे समझेंगी।
- साथ ही, अगर आप बाथरूम में बैग लेकर जाती हैं, तो इस पर लोगों की नजर पड़ सकती है, आप चाहें तो अपनी जैकेट स्लीव में भी पैड को छिपा कर रख सकती हैं।
- अगर आप औए आपकी फ्रेंड, लड़कों के सामने पीरियड्स के बारे में बात कर रहे हैं, तो ऐसे में अपने फ्रेंड को समझ आने लायक किसी एक शब्द का यूज करें। जैसे कि, रेड पेन। "मेरे पास मेरा रेड पेन है।"
- क्लास के दौरान, अगर आपको अपने पैड को बदलने की जरूरत महसूस हो, तो अपने टीचर से पूछ लें, कि आप बाथरूम जा सकती हैं या नहीं। और अगर आपके पास में पैड नहीं है, तो तब तक टॉइलेट पेपर की कुछ लेयर्स का यूज करें, जब तक आपको एक टैंपून या पैड न मिल जाए। या आप आपके शूज में भी पैड को रख सकती हैं।
- धब्बों को हटाने के लिए ठंडे पानी और हाइड्रोजन पराक्साइड (hydrogen peroxide) का यूज करें।
- टैम्पूंस को कभी भी 8 घंटों से ज्यादा नहीं यूज किया जाना चाहिए। 8 घंटे के बाद, आप टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के सीरियस रिस्क में पड़ सकती हैं, जो कि एक बहुत गंभीर स्थिति होती है।
- आप के द्वारा ली जाने वाली किसी भी दवाई के लेबल को अच्छे से पढ़ें, फिर भले ये ओवर-द-काउंटर दवाएँ ही क्यों न हों, खासतौर पर अगर आप किसी तरह की दवाइयों के लिए सेंसिटिव हों। हमेशा डोज़ की गाइडलाइंस को फॉलो करें और दर्द की दवा को कभी भी खाली पेट न लें।
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ये विकिहाउ आपको आपके एंड्राइड पर क्यूआर (QR) कोड्स को स्कैनिंग एप का यूज करना सिखाएगा।
- आपके एंड्राइड पर प्ले स्टोर (Play Store) खोलें: ये एप ड्रॉर पर या होम स्क्रीन पर मौजूद होगा। आइकॉन एप ड्रॉर पर या होम स्क्रीन पर मौजूद होगा।
- सर्च बॉक्स में टाइप करें और सर्च बटन टैप करें: ऐसा करने पर आपके सामने क्यूआर कोड्स रीड करने वाले एप्स की लिस्ट आ जाएगी।
- ये विकिहाउ आपको QR Code Reader by Scan यूज करना सिखाएगा, लेकिन आप चाहें तो किसी दूसरे रीडर को भी चुन सकते हैं। आप इसे डाउनलोड करने से पहले, बस एक बार इसके रिव्यूज को पढ़ने की पुष्टि जरूर कर लें।
- ये स्टेप्स किसी भी तरह के क्यूआर कोड रीडिंग एप्स के लिए एक-जैसे होंगे।
- स्कैन (Scan) द्वारा डेवलप किए हुए को टैप करें: डेवलपर का नाम हर एक एप के नीचे दिया हुआ होता है। Scan के द्वारा डेवलप किए हुए एप को पाने के लिए आपको शायद नीचे तक स्क्रॉल भी करना पड़ सकता है।
- टैप करें: आपके एंड्राइड पर मौजूद इन्फोर्मेशन के ऊपर एक्सेस की माँग करते हुए, आपके सामने एक पॉप-अप आ जाएगा।
- टैप करें: अब आपके एंड्राइड पर QR Code Reader इन्स्टाल हो जाएगा।
- जब एप इन्स्टाल हो जाए, तब “Install” बटन की जगह “Open” नजर आने लगेगा और अब आपके एप ड्रॉर में एक नया एप आइकॉन नजर आएगा।
- QR Code Reader खोलें: ये आपके एप ड्रॉर में एक क्यूआर कोड की तरह नजर आने वाला आइकॉन होगा। ऐसा करते ही आपके सामने एक स्टैंडर्ड कैमरा स्क्रीन की तरह दिखने वाला एप खुल जाएगा।
- क्यूआर कोड को कैमरा फ्रेम में लेकर आएँ: ये ठीक वैसा ही होगा, जैसे कि आप एक फोटो ले रहे हैं, बस आपको किसी भी बटन को नहीं प्रैस करना होता। जब स्कैनर कोड को रीड कर लेता है, तब कोड में एक यूआरएल (URL) लिया हुआ पॉप-अप सामने आएगा।
- वेबसाइट को खोलने के लिए टैप करें: ऐसा करने पर आपका डिफ़ाल्ट वेब ब्राउज़र खुल जाएगा और क्यूआर कोड में मौजूद यूआरएल खुल जाएगी।
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ओकुलर हाइपरटेंशन (Ocular hypertension) सबसे व्यापक स्थितियों में से एक है, जो आंखों को प्रभावित करती है। ये उस वक़्त होती है, जब आँखों में फ्लुइड प्रैशर (इंट्राओकुलर प्रैशर) का लेवल हमेशा के हिसाब से ज्यादा होता है। अगर ओकुलर हाइपरटेंशन को इग्नोर किया जाए, तो उसकी वजह से ग्लॉकोमा (Glaucoma) और यहां तक कि स्थायी रूप से दृष्टि हानि भी हो सकती है, इसलिए इस कंडीशन के लिए जरूरी एक्शन लिए जाने जरूरी होते हैं। हाइ इंट्राओकुलर प्रैशर या ओकुलर हाइपरटेंशन के कोई लक्षण नहीं होते हैं, इसलिए इसे आइ केयर स्पेशलिस्ट के पास विजिट के दौरान ही डाइग्नोज किया जा सकता है। वैसे तो आमतौर पर हाइ आइ प्रैशर को ट्रीट करने के लिए सबसे पहले आइ ड्रॉप्स का ही यूज किया जाता है, लेकिन बदकिस्मती से, ये हर किसी के ऊपर काम नहीं करते हैं।[१]
संपादन करेंडाइट और लाइफ़स्टाइल को बदलना
- आपके शरीर के इंसुलिन लेवल को कम करें: ऐसे लोग, जो मोटापा, डाइबिटीज़ और हाइ ब्लड प्रैशर जैसी परेशानियों से गुजर रहे होते हैं, ऐसे लोगों के लिए अक्सर इंसुलिन को रोक पाना मुश्किल हो जाता है, जिसकी वजह से उनका शरीर और ज्यादा इंसुलिन प्रोड्यूस करने लग जाता है। ये हाइ इंसुलिन लेवल्स अक्सर बढ़े हुए आइ प्रैशर से जुड़े हुए होते हैं।[२]
- इस मुश्किल को हल करने के लिए, पेशेंट्स (मरीजों) को अक्सर ही ऐसे खास फूड्स को अवॉइड करने की सलाह दी जाती है, जो अचानक इंसुलिन लेवल में बढ़त लाने के जवाबदार होते हैं। इन फूड्स में: शुगर, ग्रेन्स (होल और ओर्गेनिक), ब्रेड, पास्ता, राइस, सीरियल (cereal) और पोटेटोशामिल हैं।
- अक्सर एक्सर्साइज़ किया करें: एरोबिक्स, जॉगिंग, ब्रिस्क वॉकिंग, बाइकिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसी एक्सर्साइजेज़ को रेगुलरली करते रहने से आपके शरीर के इंसुलिन लेवल को कम करने में मदद मिलती है, इस तरह से आपकी आँख भी हाइपरटेंशन से बच जाती है।
- इंसुलिन एक ऐसा हॉरमोन है, जो ब्लड शुगर (या ग्लूकोज) को एक एनर्जी सोर्स की तरह सेल्स में ट्रांसपोर्ट करने में मदद करता है। अगर हम इस एनर्जी को एक्सर्साइज़ के जरिए यूज कर लेते हैं, तो हमारे शरीर में मौजूद ब्लड ग्लूकोज का लेवल, इंसुलिन लेवल के साथ कम हो जाता है। अगर इंसुलिन लेवल कम होगा, तो ओकुलर सिंपैथिक (sympathetic) नर्व में हाइपरस्टिमुलेशन भी नहीं होगा, इस तरह से आपकी आँखों में प्रैशर भी नहीं बढ़ेगा।
- हफ्ते में तीन से पाँच बार, दिन में कम से कम 30 मिनट की एक्सर्साइज़ जरूर किया करें।
- ऐसी एक्सर्साइज़ करना अवॉइड करें, जिसमें आपको हैड डाउन (अपने सिर को नीचे रखने) की पोजीशन में आना होता है, क्योंकि इसकी वजह से इंट्राओकुलर प्रैशर बढ़ जाता है। इनमें हैडस्टेंड जैसी कुछ योगा पोजीशन्स शामिल हैं।
- ओमेगा-3 फेटी एसिड (omega-3 fatty acids) लिया करें: डॉकसैहेक्साइनॉइक एसिड (Docosahexaenoic acid/DHA) एक तरह का ओमेगा-3 फेटी एसिड होता है, जो एक हैल्दी रेटिनल फंक्शन मेंटेन करता है और आँखों में प्रैशर बनने से रोक लेता है।[३]
- DHA (और दूसरे ओमेगा-3 फेटी एसिड्स) सैल्मन (salmon), टूना (tuna), सार्डिन (sardines), शैलफिश (shellfish) और हेरिंग (herring) जैसी ठंडे पानी में मिलने वाली फिश में मौजूद होता है। अपने DHA लेवल्स को बूस्ट करने के लिए, हर हफ्ते दो से तीन सर्विंग्स इसी तरह की फिश के टाइप की फिश की लिया करें।
- वैकल्पिक रूप से, आप चाहें तो फिश ऑइल कैप्स्यूल या एल्गी- बेस्ड डीएचए (DHA) सप्लिमेंट्स लेकर आपके DHA इनटेक को बढ़ा सकते हैं। बेहतर रिजल्ट्स के लिए, हर रोज 3,000 – 4,000mg स्टैंडर्डाइज्ड फिश ऑइल कैप्स्यूल्स लिया करें या फिर रोजाना 200mg एल्गी-बेस्ड सप्लिमेंट्स लिया करें।[४]
- ल्यूटिन (lutein) और जेयाक्सान्थिन (zeaxanthin) वाले फूड्स ज्यादा खाएं: ल्यूटिन और जेयाक्सान्थिन, जो आपके शरीर को फ्री रेडिकल्स से प्रोटेक्ट करने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स की तरह काम करते हैं। ये फ्री रेडिकल्स इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देते हैं, जो ओप्टिक नर्व्स में इन्फेक्शन और डैमेज पैदा कर सकते हैं।[५]
- ल्यूटिन और जेयाक्सान्थिन ओप्टिक नर्व के आसपास, ऑक्सीडेटिव डैमेज को कम करके आइ प्रैशर को कम करने में मदद करते हैं। जैसे कि ओप्टिक नर्व में होने वाला कोई भी डैमेज आइ प्रैशर को बढ़ा देता है, इसी वजह से ये बहुत जरूरी होते हैं।
- ऐसे फूड्स, जिनमें ल्यूटिन और जेयाक्सान्थिन भरपूर पाया जाता है, उनमें केल (kale), स्पाइनेक (पालक), कोलार्ड ग्रीन्स (collard greens), ब्रूसेल स्प्राउट्स (Brussels sprouts), ब्रोकली और कच्चा एग योल्क शामिल है। दिन के हर एक बड़े मील में इनमें से किसी एक को शामिल करने की पूरी कोशिश करें।
- ट्रान्स फेट्स (trans fats) अवॉइड करें: जैसे कि ऊपर भी बताया गया है, ओमेगा-3 फेटी एसिड्स इंट्राओकुलर प्रैशर को कम करने में मदद करते हैं। हालांकि, ऐसे फूड्स, जो ट्रान्स फेट्स में हाइ होते है, वो ओमेगा-3 को सही ढ़ंग से अपना काम करने से रोक देते हैं, जो भी आइ प्रैशर को बढ़ा देता है।
- एक रिजल्ट के तौर पर, ट्रान्स फेट्स से भरपूर फूड्स के इनटेक को लिमिट करना एक अच्छा आइडिया होता है। इन फूड्स में: प्रोसेस्ड या बेक्ड फूड्स, आइस क्रीम और माइक्रोवेव पॉपकॉर्न शामिल हैं।[६]
- ज्यादा से ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स खाएं: ब्लूबेरी और बिल्बेरी जैसी डार्क कलर बेरी आँखों की नर्व्स और मसल्स तक न्यूट्रीएंट्स को लेकर जाने वाली कैपलेरी (केशिकाओं) को मजबूत बनाकर, आँखों की पूरी हैल्थ को इंप्रूव करने में मदद करती हैं। ऐसा डार्क कलर बेरी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स के द्वारा ब्लड वेसल्स को मजबूती देने के तथ्य की वजह से हुआ करता है। ये ब्लड वेसल हेमरिज को और डैमेज होने के चांस को रोक लेता है।[७]
- दिनभर में कम से कम एक पोर्शन डार्क-कलर की बेरी का जरूर खाएँ।
- अल्फा लिपोइक एसिड (Alpha-lipoic acid/ALA) एक एंटीऑक्सीडेंट है और ये कई तरह के आइ डिसऑर्डर को रोकने और उन्हें ट्रीट करने के लिए यूज किया जाता है, जिसमें ग्लॉकोमा और बढ़ा हुआ आइ प्रैशर शामिल है। इसके 75mg डोज़ को आमतौर पर दिन में दो बार लिया जाता है।[८]
- बिलबेरी को आमतौर पर देखने की शक्ति (visual acuity) को बढ़ाने और डीजनरेटिव आइ डिसीज, जिसमें ओकुलर हाइपरटेंशन भी शामिल है, का सामना करने के लिए यूज किया जाता है। बिलबेरी और फ़ीक्नोजेनल (pycnogenol, पिंक बार्क एक्सट्रेक्ट) से बने हुए एक खास प्रोडक्ट के ऊपर की गई स्टडी के मुताबिक, उससे क्लीनिकली आइ प्रैशर में कमी पाई गई।[९]
- ग्रेपसीड एक्सट्रेक्ट एक एंटीऑक्सीडेंट है और इसे ग्लेयर (glare) की वजह से होने वाले आइ स्ट्रेस को सफलतापूर्वक कम करने के लिए यूज किया जाता है। ग्रेपसीड एक्सट्रेक्ट को आमतौर पर एजिंग के लक्षणों का सामना करने और नाइट विजन को ठीक करने के लिए यूज किया जाता है।[१०]
- मारिजुआना (कैनबिस), अगर लीगल हो, तो यूज करें: मारिजुआना (Marijuana) को खाकर, सब्लिंग्युली (जीभ के नीचे से), केपस्यूल, टेबलेट्स के फॉर्म में और वेपर्स के तौर पर ऑइल से लिया जा सकता है। 2006 की एक स्टडी में, मारिजुआना के मुख्य घटक में से एक, टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC), जिसके मनोवैज्ञानिक प्रभाव हैं, को जब 5 मिलीग्राम सब्लिंग्युली लिया गया, तब उस से आइ प्रैशर में कुछ वक़्त के लिए कमी देखी गई, लेकिन कैनबिडिओल (cannabidiol) नाम का दूसरा घटक, जिसमें मनोवैज्ञानिक प्रभाव नहीं होता है, ने आइ प्रैशर को कम नहीं किया।[११][१२]
- समझ लें, कि आखिर क्यों सर्जरी कराना जरूरी हो सकता है:[१३] अगर हाइ प्रैशर बना रहता है, तो ये ओप्टिक नर्व को डैमेज कर सकता है, जिसकी वजह से ग्लॉकोमा नाम की आँखों की तकलीफ हो सकती है।[१४] वक़्त के साथ, ग्लॉकोमा की वजह से विजन लॉस (देखने की क्षमता खत्म) हो सकता है।[१५] ग्लॉकोमा को अक्सर ही आइ ड्रॉप्स और ओरल मेडिकेशन्स के कोंबिनेशन का यूज करके ट्रीट किया जाता है। हालांकि, अगर ये सब काम नहीं आते हैं, तो फिर आँखों के प्रैशर को कम करने के लिए एक सर्जरी कराना जरूरी हो जाता है।
- ग्लॉकोमा के लिए की जाने वाली सर्जरी से आँखों के अंदर के फ्लुइड के फ़्लो को इम्प्रूव करने में मदद मिलती है, जिसके परिणामस्वरूप आइ प्रैशर भी कम हो जाता है। कभी-कभी, ग्लॉकोमा को ट्रीट करने के लिए और आइ प्रैशर कम करने में सिर्फ एक अकेली सर्जरी से कुछ नहीं होता है। ऐसी परिस्थिति में, फॉलो-अप (follow-up) सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
- ग्लॉकोमा को ट्रीट करने के लिए कई तरह की सर्जरी मौजूद हैं, जो पूरी तरह से आपकी स्थिति की गंभीरता पर डिपेंड करती हैं।
- डॉक्टर से ड्रेनेज इम्प्लांट्स (drainage implants) के बारे में पूछें: ड्रेनेज इम्प्लांट्स को अक्सर ही बच्चों में और एडवान्स ग्लॉकोमा वाले लोगों के हाइ आइ प्रैशर को ट्रीट करने के लिए यूज किया जाता है। इस प्रोसीजर के दौरान, फ्लुइड के ड्रेनेज की सुविधा के लिए, आँखों में एक छोटी सी ट्यूब इन्सर्ट की जाती है। जैसे ही फ्लुइड ड्रेन हो जाता है, आइ प्रैशर भी कम हो जाता है।
- लेजर सर्जरी लेने के बारे में सोचें: ट्रेबेक्यूलोप्लास्टी (Trabeculoplasty) एक तरह की लेजर सर्जरी है, जिसमें आँखों में मौजूद ड्रेनेज की केनल्स (नलियों) को खोलकर, एक्सट्रा फ्लुइड को ड्रेन होने देने के लिए, हाइ-एनर्जी लेजर बीम का यूज किया जाता है। सर्जरी के बाद, प्रोसीजर के सक्सेसफुल होने की पुष्टि करने के लिए, बार-बार आइ प्रैशर को चेक किया जाता है।
- आईरिडोटोमी (iridotomy) एक और तरह की सर्जरी है। इस तरह की प्रोसीजर को ऐसे लोगों के ऊपर किया जाता है, जिनकी आँखों के ड्रेनेज एंगल्स बहुत सँकरे होते हैं। इस प्रोसीजर के दौरान, फ्लुइड के ड्रेनेज को आने देने के लिए, आइरिस के ऊपरी हिस्से में एक छोटा सा होल किया जाता है।
- अगर लेजर आईरिडोटोमी काम नहीं करती है, तो पेरिफेरल आईरिडोटोमी (peripheral iridotomy) की जा सकती है। इस प्रोसेस में फ्लुइड ड्रेनेज को इम्प्रूव करने के चलते आइरिस के छोटे से हिस्से को निकाला जाता है। इस तरह की सर्जरी एकदम बहुत कम ही की जाती है।
- इस बात से भी अवगत रहें, कि आपको शायद फिल्टरिंग (filtering) सर्जरी की जरूरत भी हो सकती है: ट्रेबेकलेक्टमी (Trabeculectomy) एक तरह की सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसे किसी भी आइ ड्रॉप्स या लेजर सर्जरी के अनसक्सेसफुल होने की स्थिति में, ट्रीटमेंट के एकदम आखिर में यूज किया जाता है।
- इस प्रोसीजर में, एक सर्जन स्क्लेरा (आँख के व्हाइट पार्ट) में एक ओपनिंग तैयार करता है और फिर कॉर्निया के बेस में से टिशू के एक छोटे से पीस को हटा देता है। ये फ्लुइड को बहुत आराम से आँखों से बहने देता है, जिसकी वजह से प्रैशर में कमी आ जाती है।
- इस प्रोसीजर को पहले एक आँख में और फिर जरूरत पड़ने पर कुछ हफ्तों के बाद दूसरी आँख में रिपीट किया जाता है। जैसे कि ओपनिंग फिर से ब्लॉक्ड या बंद हो सकती है, इसलिए इस प्रोसीजर को लेने के बाद भी कुछ और एडीशनल प्रोसीजर को करने की जरूरत पड़ सकती है।
संपादन करेंरिलैक्सिंग एक्सर्साइज़ करना
- हर 3 से 4 सेकंड्स में ब्लिंक (पलकें झपकने) करने की प्रैक्टिस करें: लोगों को कंप्यूटर पर काम करते वक़्त, टीवी देखते वक़्त या फिर वीडियो गेम्स खेलते वक़्त ब्लिंक नहीं करने की आदत होती है। इसकी वजह से आँखों पर बहुत ज्यादा तनाव बन जाता है।
- आप एक या दो मिनट के पीरियड के दौरान, अपनी आँखों को हर 3 से 4 सेकंड तक ब्लिंक करने की कोशिश करके, अपनी आँखों को रिलैक्स और रिफ्रेश कर सकते हैं। जरूरत हो, तो अपने लिए वक़्त का ध्यान रखने के लिए वॉच का यूज कर लें।
- ये आपकी आँखों के जरा से प्रैशर को कम कर के, उन्हें न्यू इन्फोर्मेशन प्रोसेस करने के लिए तैयार कर देगा।
- अपनी आँखों को अपने हाँथों की हथेलियों से कवर करें: अपनी आँखों को अपनी हथेलियों से कवर करने की वजह से आपकी आँखों के साथ-साथ आपका मन भी रिलैक्स हो जाता है, जिससे स्ट्रेस चला जाता है और आप बेझिझक ब्लिंक कर सकते हैं।
- अपनी उँगलियों को अपने माथे के सामने रखते हुए और अपने हाँथ की हील को अपने चीकबोन्स पर जमाकर, अपने राइट हैंड को अपनी राइट आइ (दाँई आँख) पर रखें। ऐसा करते वक़्त ज्यादा प्रैशर अप्लाई मत करें।
- पूरे वक़्त तक आराम से ब्लिंक करते रहकर, अपने हाँथों को 30 सेकंड्स के लिए अपनी जगह पर रखें। अपनी आँखों से हाँथ हटा लें, फिर अपनी बाँई आँख को कवर करने के लिए बाँये हाँथ का यूज करें और रिपीट करें।
- अपनी आँखों से एट (8) का एक इमेजनरी फिगर बना लें: ये एक्सर्साइज़ आपकी आइ मसल को स्ट्रेंथ देने में और फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाकर, उन्हें किसी भी चोट और हाइ प्रैशर से बचाए रखने में मदद करेगी।
- अपने सामने दीवार पर नंबर एट (8) को, उसकी साइड पर टर्न होता हुआ इमेजिन करें। अपने सिर को हिलाए बिना, इस 8 नंबर को बनाने के लिए अपनी आँखों का यूज करें। इसे एक या दो मिनट तक करना जारी रखें।
- अगर आपको साइड में टर्न हुए 8 नंबर को इमेजिन करने में परेशानी हो रही है, इसे असल में एक पेपर के पीस में ड्रॉ करके और फिर दीवार पर लटकाकर देखें। आप इसे अपनी आँखों से भी तैयार कर सकते हैं।
- अपनी आँखों को दोनों ही पास के और दूर के ऑब्जेक्ट्स पर फोकस करने की प्रैक्टिस करें: ये एक्सर्साइज़ आपकी आइ मसल को मजबूती देने में मदद करेगी और आपके पूरे विजन को इम्प्रूव करेगी।
- बैठने के लिए बिना किसी डिसट्रेक्शन वाली एक आरामदायक जगह की तलाश करें। अपने अंगूठे को करीब अपने चेहरे के सामने रखें और अपनी आँखों के फोकस को उसी पर रखें।
- अपने अंगूठे पर कुछ पाँच से 10 सेकंड्स के लिए फोकस रखें, फिर अपने फोकस को अपने आप से करीब दूर मौजूद किसी दूसरे ऑब्जेक्ट पर फोकस कर लें। एक या दो मिनट तक के लिए अपने फोकस को बदलते हुए एक बार अपने अंगूठे और फिर एक बार दूर रखे ऑब्जेक्ट पर रखना जारी रखें।
- जूमिंग (zooming) करके देखें: ये एक्सर्साइज़ आपकी फोकसिंग स्किल्स को इम्प्रूव करती है और साथ ही ये आपकी आँख की मसल को भी मजबूती देती है।
- अपने हाँथ को सीधे अपने सामने स्ट्रेच कर लें, फिर अपने अंगूठे को पकड़ें। अपनी दोनों ही आँखों का फोकस इस अंगूठे पर रखें, फिर धीरे-धीरे अपने अंगूठे को तब तक अपनी ओर मूव करते जाएँ, जब तक कि ये आपके चेहरे से करीब तीन इंच की दूरी पर न आ जाए।
- अपनी दोनों आँखों का सारा फोकस हमेशा इसी पर बनाए रखते हुए, अपने अंगूठे को फिर से अपने से दूर मूव करें। कुछ एक या दो मिनट के लिए अपने फोकस को अपने मूव होते हुए अंगूठे पर बनाए रखना जारी रखें।
- बायोफीडबैक करके देखें: ये टेक्निक आइ प्रैशर को कम करने में भी मदद करती हैं।[१६] बायोफीडबैक हार्ट रेट, ब्लड प्रैशर और बॉडी टेम्परेचर जैसे आपकी नॉर्मल बॉडी की प्रोसेस पर कंट्रोल करना सिखाता है।[१७] एक बायोफीडबैक थेरेपिस्ट आपको प्रोपर टेक्निक सिखाएँगे, ताकि आप फिर खुद से भी प्रैक्टिस करना शुरू कर सकें।
संपादन करेंओकुलर हाइपरटेंशन को समझना
- समझें, आखिर किस तरह से हाइ आइ प्रैशर को डाइग्नोज किया जाता है: जैसे कि हाइ आइ प्रैशर (जिसे मेडिकली ओकुलर हाइपरटेंशन के नाम से जाना जाता है) की वजह से आँखें लाला होने या आँखों में दर्द होने जैसे कोई भी नजर आने वाले लक्षण नहीं दिखते हैं, इस वजह से इसे डाइग्नोज कर पाना मुश्किल होता है। सिर्फ विज्युअल एग्जामिनेशन अकेले से डाइग्नोज नहीं किया जा सकता है, इसलिए आपको आपकी आँखों को किसी आइ स्पेशलिस्ट से एगजामिन कराना होगा। वो ओकुलर हाइपरटेंशन की पहचान करने के लिए कई तरह की मेथड्स को कम्बाइन करके यूज करेंगे।
- टोनोमेट्री (Tonometry) इस प्रोसेस का यूज आँखों के इंट्राओकुलर प्रैशर को मेजर करने के लिए और प्रैशर के नॉर्मल लिमिट के अंदर होने का पता लगाने के लिए यूज किया जाता है। आँखों को पहले नम्ब किया जाता है और फिर प्रैशर के लेवल को पता करने के लिए, स्पेशलिस्ट की मदद से एक ऑरेंज डाइ इन्सर्ट किया जाता है। आँखों में प्रैशर अप्लाई करके, आँखों के प्रैशर को मापने के लिए एक मशीन का यूज किया जाता है।[१८]
- 21mmHg या इससे ज्यादा की रीडिंग का मतलब आमतौर पर ओकुलर हाइपरटेंशन की उपस्थिती होता है। हालांकि, सिर या आँखों की चोट, या कॉर्निया के पीछे ब्लड के जमने जैसी दूसरी कंडीशन भी इस रीडिंग को प्रभावित कर सकती है।
- एयर पफ़ (Air puff) इस प्रोसीजर के साथ, पेशेंट को स्पेशलिस्ट के द्वारा उसकी आँखों पर रौशनी डालते वक़्त, सीधे एक ऐपरैटस (apparatus) पर देखते रहने को कहा जाता है। वो ऐपरैटस फिर आंखो में सीधे एक क्विक पफ़ भेजता है। एक स्पेशल मशीन फिर आँखों में पड़ने वाली एयर की वजह से लाइट पर पड़ने वाले रिफ्लेक्शन के जरिए आइ प्रैशर रीड कर लेती है।
- हाइ आइ प्रैशर होने के पीछे की वजह को समझें: ओकुलर हाइपरटेंशन बढ़ती उम्र के साथ-साथ दूसरे फ़ैक्टर्स से भी जुड़ा हुआ होता है। काफी सारे फ़ैक्टर्स ओकुलर हाइपरटेंशन के पीछे की वजह होते हैं, जिनमें ये शामिल हैं:[१९]
- एक्वीअस (aqueous) का ज्यादा प्रोडक्शन: एक्वीअस ह्यूमर (aqueous humor) आँखों में बनने वाला ट्रांसपरेंट लिक्विड होता है। ये ट्रेबक्यूलर मेश्वर्क (trabecular meshwork) के जरिए आँखों से निकलता है। अगर एक्वीअस ह्यूमर (aqueous humor) ज्यादा बनता है, तो आइ प्रैशर भी बढ़ना शुरू हो जाता है।
- अपर्याप्त एक्वीअस (aqueous) ड्रेनेज: एक्वीअस का अपर्याप्त ड्रेनेज भी आइ प्रैशर को बढ़ा देता है।
- कुछ तरह की दवाइयाँ: कुछ खास तरह की दवाइयाँ (जैसे कि स्टेरोइड्स) भी हाइपरटेंशन पैदा करते हैं, खासतौर पर ऐसे लोगों में, जिनमें पहले से ही रिस्क फ़ैक्टर्स मौजूद हों।
- आइ ट्रामा: आँखों में हुआ कोई भी इन्फेक्शन एक्वीअस (aqueous) के प्रोडक्शन और आँखों से होने वाले ड्रेनेज के बैलेंस पर असर डालता है, जिसकी वजह से आइ प्रैशर बढ़ जाता है।[२०]
- दूसरी आँखों की समस्याएँ। ओकुलर हाइपरटेंशन आमतौर पर, स्यूडो एक्सफोलिएशन सिंड्रोम, कॉर्नियल आर्कस और डिप्रेशन सिंड्रोम के साथ भी जुड़ा हुआ होता है।
- अपने आप को ओकुलर हाइपरटेंशन के रिस्क फ़ैक्टर्स से अवगत रखें: किसी को भी हाइ आइ प्रैशर हो सकता है, लेकिन स्टडीज़ के मुताबिक, दिए हुए ग्रुप को लोगों में इसके होने का रिस्क ज्यादा रहता है:
- आफ्रिकन-अमेरिकन।
- 40 की उम्र से ज्यादा के लोग।
- ओकुलर हाइपरटेंशन और ग्लॉकोमा की फैमिली हिस्ट्री वाले लोग।
- ऐसे लोग जिनका सेंट्रल कॉर्नियल थिकनेस मेजरमेंट्स कम हो।[५]
- आपके ओमेगा-3 फेटी एसिड्स के इनटेक को बढ़ाने के लिए रिकमेंड की हुई कुछ फिश में मर्करी का लेवल कम होता है, लेकिन इसकी लिमिटेड सर्विंग्स से किसी को भी कोई नुकसान नहीं पहुँचता है। हालांकि, प्रेग्नेंट वुमन या ऐसी लेडीज जो कंसीव करना चाहती हैं, उनके लिए कुछ खास तरह की सावधानियाँ बरती जाना चाहिए। उन्हें किंग मैकरेल (mackerel), टाइलफिश (tilefish), स्वोर्डफिश (swordfish) और शार्क को अवॉइड करने की सलाह दी जाती है।
- अगर आप आपके इंट्राओकुलर प्रैशर के लिए पहले से ही ड्रॉप ले रहे हैं, तो फिर आपको आपके आइ स्पेशलिस्ट (ophthalmologist) से सलाह किए बिना उसे बंद नहीं करना चाहिए।
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