January 1, 2019, 10:00 am
अगर वो कीमती जेमस्टोंस से ना भी बनी हो तो भी कॉस्टयूम ज्वेलरी बहुत खूबसूरत लगती है | पर उसकी ख़ूबसूरती को बरक़रार रखना मुश्किल हो सकता है | कॉस्टयूम ज्वेलरी फाइन ज्वेलरी की तरह से सही सलामत नहीं बनी रहती है | वह पानी, हवा यहाँ तक की क्रीम और लोशन के एक्सपोज़र से ख़राब हो सकती है | इसलिए, अपने सामान की ख़ूबसूरती बनाये रखने के लिए उनका कैसे ख्याल रखना है ये जानना बहुत ज़रूरी है, ख़ास तौर से अगर आप उसे सालों तक पहनना चाहते हैं |
- सबसे पहले वो ज्वेलरी इकठ्ठा करें जिसकी सफाई होनी है: ऐसा कोई पक्का नियम नियम नहीं है की उसकी सफाई कब होनी चाहिए | असल में, एक नियम है की आप उसे जितना पहनेंगे, उतना ही बार बार आपको उसे साफ़ करने की ज़रुरत पड़ेगी | या तो कुछ महीनों में एक बार साफ़ करें या फिर जब वह डल दिखने लगे तब |
- ये याद रखें की फेक ज्वेलरी असली सोना या स्टर्लिंग चाँदी नहीं होती है और ना ही उसमें कीमती स्टोंस जड़े होंगे | हांलाकि स्टर्लिंग चाँदी धूमिल हो जाती है, उसकी सफाई वैसे नहीं होती जैसे कॉस्टयूम या फेक ज्वेलरी की होती है | "असली" सोना कभी भी धूमिल नहीं होता है |
- अगर आपको ये जानने में तकलीफ हो रही है की फेक ज्वेलरी क्या है और असली क्या, तो ध्यान रहे की प्लेटेड ज्वेलरी को "विश्वसनीय" माना गया है | क्योंकि मेटल का टॉप लेयर असली चाँदी या सोना होता है, इसे "असली" ज्वेलरी माना जाता है, हांलाकि वह पूरी तरह से असली सोना या चाँदी से नहीं बनी होती है | इसलिए आप इन तरीकों के बजाय असली ज्वेलरी क्लीनर से सोना और चाँदी प्लेटेड ज्वेलरी को साफ़ कर सकते हैं |[१]
- अगर आपको इस बात का भरोसा नहीं है की ज्वेलरी असली है या नकली, तो किसी ज्वेलर से मेटल और स्टोंस के असली होने की जांच करवा लें |[२]
- ज्वेलरी की जांच करें: ये देखें की उसमें कोई जेमस्टोन तो नहीं है | अगर हैं, तो आपको उस हिस्से में कितना लिक्विड लगाना है उस बात पर ध्यान रखना होगा |
- वो लिक्विड जेमस्टोंस के अन्दर जाकर उनकी ग्लू को ढीला कर सकता है, जिससे वो बाद में गिर सकते हैं | इसके इलावा, ज्यादा पानी जाने से उनको चमक देने वाली फॉयल बैकिंग भी ख़राब हो सकती है |
- ये ध्यान दें की उनके नीचे कोई पानी इकठ्ठा नहीं हो कहीं उनको पकड़ने वाला ग्लू ढीला नहीं हो जाये |[३]
- ज्वेलरी साफ़ करने के लिए क्यू टिप (Q-Tip) या टूथब्रश का इस्तेमाल करके देखें: ये आम उत्पाद सब लोगों के घरों में होते हैं और वह जेमस्टोन के पास के मुश्किल से मुश्किल छेदों को साफ करने में मदद जरता है | आप मैजिक इरेज़र से भी कोशिश कर सकते हैं |
- आपकी क्यू टिप में गंदगी और चिकनाई के हटने के निशान दिखने लगने चाहिए | उसका एंड गन्दा होना शुरू हो जाना चाहिए |
- ये देख लें की टूथब्रश नया है, और ये पहले इन्स्तेमल नहीं हुआ हो | आप नहीं चाहेंगे की पुराने टूथब्रश की गंदगी आपकी ज्वेलरी पर जाए | एक और बात, एक बार ज्वेलरी साफ़ कर ली तो उस टूथब्रश का इस्तेमाल नहीं करें | [४]
- सूखे सॉफ्ट टूथब्रश या क्यू टिप को ज्वेलरी पर रगड़ के वेर्डीग्रिस (Verdigris) हटायें | वेर्डीग्रिस वो हरी गंदगी है जो कुछ ज्वेलरी पर पनप जाती है | सूखे क्यू टिप और नर्म टूथब्रश थोड़े ज्यादा अब्रैसीव होते हैं, इसलिए वह उस गंदगी को हटाने में ज्यादा सक्षम होते हैं | अगर आप फिर भी उसे नहीं निकाल पा रहे हैं, तो टूथपिक्क का इस्तेमाल करने की कोशिश करें |[५]
- फेक ज्वेलरी पर नींबू इस्तेमाल कर के देखें: काफी समय से नींबू को ज्वेलरी के ऊपर जमी उस ऑक्साइड लेयर को हटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो समय के साथ मेटल पर जम जाती है | आप लेमन के साथ बेकिंग सोडा भी जोड़ना चाहेंगे | [६]
- नींबू एक प्राकृतिक एसिड है और आधे कटे नींबू को ज्वेलरी पर रगड़ने से सफाई का काम जल्दी जो जाता है | आप चाहे तो चाँदी की ज्वेलरी को रात के लिए एक कप नींबू जूस में थोड़े नमक के साथ छोड़ सकते हैं | नींबू खास तौर से चाँदी पर बहत असरदार साबित होता है |[७]
- आप एक छोटी प्लेट में नींबू का जूस निकाल सकते हैं, और फिर इस जूस को उस ज्वेलरी पर लगा सकते हैं जो साफ़ करनी है, बाद में किसी खुरदुरे कपड़े (या स्कॉच ब्राइट) से इसे ज्वेलरी के साथ जोर से रगड़ सकते हैं |
- सफ़ेद विनेगर और पानी का सलूशन का इस्तेमाल करें: ज्वेलरी को इस सलूशन में डालें, और फिर एक नर्म टूथब्रश से उसके कोनों और छेदों में सफाई करें |[८]
- विनेगर से फेक ज्वेलरी को साफ करने से चेन चमकदार हो सकती हैं | सॉफ्ट ब्रिसल टूथब्रश तब मददगार हो सकता है जब ज्वेलरी में जेम्स हैं और उनके छिद्रों में सफाई होनी है | आप को बस विनेगर को स्पंज में लगाना है, और फिर इससे ज्वेलरी को साफ़ कर लें |
- एक और प्राकृतिक उत्पाद जिसका इस्तेमाल हो सकता है वो है ओलिव आयल | ओलिव आयल उसे चमकदार बना देगा, पर उसे ध्यान से धोना बहुत ज़रूरी है | आप उसे एक पानी में मिश्रित कर सकते हैं | उसके बाद, थोड़ी देर ज्वेलरी को उसमें सोक होने दें और फिर हलके से टूथब्रश से स्क्रब करें |
- हैण्ड सोप और गर्म पानी का इस्तेमाल करके देखें: इससे ना सिर्फ आपकी ज्वेलरी की ख़ूबसूरती बढ़ने की सम्भावना ज्यादा हो जाती है, बल्कि उनकी महक भी अच्छी हो जाती है | लेकिन कोशिश करें की ज्वेलरी पर कम से कम पानी डालें, और ज्वेलरी पानी के संपर्क में जितना कम आये उतना बेहतर | पानी अगर ज्यादा देर ठहर जाये तो वह कॉस्टयूम ज्वेलरी को रस्ट और धूमिल करवा सकता है |
- एक कपड़े के इस्तेमाल से हलके से ज्वेलरी को साफ़ कर दें | फेक ज्वेलरी को पानी में ज्यादा देर रखना अच्छा नहीं होता क्योंकि वह उसकी लुक और फिनिश को ख़राब कर सकता है | ये तकनीक लेकिन जेमस्टोंस वाली सोने की ज्वेलरी पर काम कर सकती है |
- या, गरम पानी को एक बाउल में डालें | उसके साथ नमक, सोडा और डिश वाशिंग लिक्विड डालें | फॉयल के ऊपर ज्वेलरी रखें, और उसे 5 से 10 मिनट तक बने रहने दें | फिर ठन्डे पानी में ज्वेलरी को धो दें, और नर्म कपड़े से उसे सुखा दें |
- बेबी शैम्पू से ज्वेलरी की सफाई करें: बेबी शैम्पू हल्का शैम्पू होता है, इसलिए वह फेक ज्वेलरी की सफाई अच्छे से कर देता है | शैम्पू के इस्तेमाल से खासकर, मोती, अच्छे से साफ़ होते हैं |[९]
- एक बूँद बेबी शैम्पू और पानी की साथ मिलाएं: एक नर्म टूथब्रश या क्यू टिप से मुश्किल से पहुँचने वाले स्थानों को साफ़ करें | इसे तब तक मिश्रित करें जब तक वह गाड़े सूप जैसा नहीं हो जाए | अगर मिश्रण ज्यादा गाढ़ा हो गया है, थोड़ी और पानी की बूँदें डालें |[१०]
- बेबी शैम्पू को तुरंत ही ठन्डे पानी से धो डालें, और उसके बाद साफ़, नर्म हैण्ड टॉवल या माइक्रोफाइबर क्लॉथ से उसे सुखा लें |
- लेंस क्लीनर या टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें: हमारे घर में कई ऐसे क्लीनिंग प्रोडक्ट्स मोजूद होते हैं जिनका इस्तेमाल अक्सर लोग फेक ज्वेलरी साफ़ करने के लिए करते हैं | लेंस क्लीनर और टूथपेस्ट कुछ कॉस्टयूम ज्वेलरी पर काफी असरदार साबित हो सकती है |
- पर बहुत सावधान रहें! निर्देश और कॉशन लेबल ध्यान से पढ़ें | लेंस क्लीनर को कीमती मेटल्स पर इस्तेमाल नहीं करें, और ये ध्यान रहे की पेंट या फिनिश छूट सकती है | इसके इलावा ईयररिंगस और अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है तो इसका इस्तेमाल नहीं करें |
- इसके बजाय अगर हम ज्वेलरी की सफाई की बात करें तो टूथपेस्ट कम तकलीफ देता है | एक ब्रश पर टूथपेस्ट लगायें, और ज्वेलरी पर उसे लगायें | इस तरीके को फेक ज्वेलरी के अलग किस्मों पर, जैसे ब्रेसलेट पर इस्तेमाल किया जा सकता है |
- ज्वेलरी पोलिश जो सिर्फ ज्वेलरी के लिए बनी है वो खरीदें: अगर सही पोलिश का इस्तेमाल नहीं किया तो फेक या इम्प्योर मेटल बहुत जल्दी ख़राब हो सकते हैं |
- आप सोना या चाँदी के आइटम के लिए पोलिश किसी भी ज्वेलरी या डिपार्टमेंट स्टोर्स से खरीद सकते हैं | लेकिन ये भी ध्यान रहे की कुछ सामान्य ज्वेलरी क्लीनर्स, असल की ज्वेलरी को साफ़ करने के लिए बने होते हैं, और कॉस्टयूम पीस पर इस्तेमाल करने के लिए तीव्र रहते हैं |
- बस ज्वेलरी के पीस को पोलिश में 30 सेकंड से ज्यादा के लिए सोक करें, उसके बाद ज्वेलरी को कोई नुकसान नहीं पहुंचे इसके लिए बाहर निकाल कर हलके से पोंछ लें | सोलयूशन में डालने के बाद आप टूथब्रश का इस्तेमाल करना चाहेंगे |
- किसी ड्रगस्टोर या रिटेल डिपार्टमेंट से रब्बिंग एल्कोहोल का एक बोतल खरीद लें: उसके बाद एक छोटा सा बाउल लें, और उसमें एल्कोहोल डाल लें | ज्वेलरी को इसमें आधे घंटे के लिए सोक करें |
- फिर ज्वेलरी को बाहर निकालें, और अधिक एल्कोहोल को पोंछ डालें | 15 मिनट के लिए उसे बाहर सूखने के लिए छोड़ दें |
- अगर हर भाग साफ़ नहीं है, तो एल्कोहोल वाइप से वाइप करें और फिर प्रक्रिया को दोहराएं | आप अपनी ईयररिंगस को पेरोक्साइड में रख के, दो या तीन मिनट तक सोक करने दे सकते हैं | पेरोक्साइड बबल या फ़िज़ करेगा, जिसका मतलब है की आपके ईयररिंग्स बहुत गंदे हैं, और उन्हें ज्यादा देर अन्दर रहने की ज़रुरत है |
- अगर ऐसा लग रहा है की गंदगी के बजाय आप उसकी फिनिश छुटा रहे हैं, तो रुक जाएँ | आप बहुत ज्यादा तेज़ रगड़ रहे होंगे | हलके से रगड़ें ताकि फिनिश नहीं ख़राब हो जाये |
- अच्छे से धो लें: मिक्सचर लगा कर सही से क्लीन करने के बाद, तुरंत ही पीस को ठन्डे पानी से धो लें | बस इतना धोएं की ज्वेलरी पर से साबुन का पानी पूरा निकल जाए |
- ब्लो ड्रायर से इसको सुखा लें | ज्वेलरी धो देने के तुरंत बाद, उसे टॉवल पर रखे के अधिक पानी को सोख लें | टॉवल से अधिक पानी को ब्लॉट कर दें | अपने ब्लो ड्रायर को कूल सेटिंग पर करें, और उसकी मदद से ज्वेलरी को तुरंत सुखा लें |
- अपने बलों ड्रायर को पीस के आसपास घुमाएं ताकि हवा सही से लग सके | उसे तुरंत सुखाने से पानी के निशान और जंग लगने की सम्भावना कम हो जाती है | तब तक ज्वेलरी को ब्लो ड्रायर से सुखाते रहें जब तक वह पूरी तरह से सूख नहीं जाये | [११]
- कोशिश करें की आप ज्यादा देर तक ब्लो ड्रायर को जेमस्टोनस वाले हिस्से पर नहीं रखें खास तौर से अगर अपने वार्म सेटिंग के इस्तेमाल का फैसला किया है | आप नहीं चाहेंगे की ब्लो ड्रायर की गर्माहट उन्हें पकड़ने वाली ग्लू को पिघला दे |
- ज्वेलरी पहनने से पहले परफ्यूम, हेयर स्प्रे, और रब ओन लोशन लगा लें: क्योंकि पानी से जुड़ी कोई भी चीज़ आपकी कॉस्टयूम ज्वेलरी को नुकसान पहुंचा सकती है, परफ्यूम और लोशन भी फिनिश को धूमिल कर सकते हैं |[१२]
- अगर आप अपनी परफ्यूम और लोशन पहले लगाते हैं तो भी आप उसकी आपकी ज्वेलरी को नुकसान पहुँचाने की सम्भावना कम कर सकते हैं | अपने शरीर को सूखने का समय दें | फिर अपनी कॉस्टयूम ज्वेलरी को पहन लें |
- इससे फेक ज्वेलरी पर होने वाला बिल्ड अप जो उसे धूमिल बनाता है और जिसकी वजह से आपको बार बार सफाई करनी पड़ती है वो रुक सकता है |
- अपनी ज्वेलरी को रोज़ पोंछ दें: अगर आप अपनी ज्वेलरी को हर इस्तेमाल के बाद साफ़ माइक्रोफाइबर कपड़े से पोंछ देंगे, तो आपको उसे बार बार साफ करने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी |
- वो लंबे समय तक नयी जैसी भी दिखती रहेगी |
- हर रोज़ सफाई करते रहने से उस पर पानी या ऐसी किसी भी चीज़ का प्रभाव कम पड़ता है जिससे वो उस दिन संपर्क में आई थी |
- अपनी ज्वेलरी को सही से स्टोर करें: आप चाहें तो ज्वेलरी को ज़िप्लोक बैग में भी रख सकते हैं | हर पीस के लिए एक बैग नियुक्त कर लें | ज्वेलरी को उसमें रखें | बैग में से सारी हवा बाहर निकाल लें | फिर उसे बंद कर लें |
- हवा निकलने से, उसके संपर्क में आने से मेटल ऑक्सीडाइज नहीं होगा और ना ही हरे रंग का होगा |[१३] इसलिए, वो लम्बे समय के लिए साफ़ और नया दिखता है |
- अपनी ज्वेलरी को ऐसे ज्वेलरी बॉक्स में रखने से जिसमें ढक्कन और वेलवेट लाइनिंग है आपकी ज्वेलरी के हवा के संपर्क में आने से रोकता है और खरोंच भी नहीं लगने देता |[१४]
- फेक ज्वेलरी के बाहरी तरफ क्लियर नेल पोलिश लगायें ताकि वो हरे रंग का नहीं हो जाए |
- अपनी ज्वेलरी को पानी के पास उतार दें | फेक ज्वेलरी पहन कर बर्तन धोना, शावर लेना या कार धोने जैसे काम नहीं करें | ज्वेलरी को पूरी तरह से उतार दें |
- ज्यादा समय तक अपनी ज्वेलरी को ज्यादा गर्म या ठन्डे स्थान पर नहीं रहने दें |
- ज्वेलरी को तुरंत सुखा दें नहीं तो उसमें पानी के निशान या जंग लग सकती है |
- ज्वेलरी को पानी में ज्यादा देर तक नहीं रखे रहने दें नहीं तो वो धूमिल हो जाएगी |
- ज्वेलरी को नुकसान से बचाने के लिए सॉफ्ट ब्रिसल टूथब्रश का इस्तेमाल कर लें |
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January 2, 2019, 10:00 am
कॉर्न्स आपके टोज़ में फ्रिक्शन और प्रेशर की वजह से होते हैं | अपने टोज़ में से कॉर्न निकालने के लिए और स्थिति को और ख़राब होने से बचाने के लिए आप उन्हें धीरे धीरे ऊपर की डेड स्किन को नर्म बना कर और एक्सफॉलिएट कर सकते हैं। और जानने के लिए आगे पढ़ते रहें। (corn ka ilaj gharelu nuskhe, pair ke talwe me gokhru ka ilaj)
संपादन करेंबेसिक होम रेमेडीज (Pair ke Talwe me Gokhru ki Home Remedies)
- आरामदायक जूतें पहनें: टोज़ पर बने कॉर्न प्रेशर और फ्रिक्शन की वजह से होते हैं, और उनके आने के पीछे टाइट और अनकम्फ़र्टेबल जूते एक कारण हो सकते हैं | कॉर्न्स को बनने देने से रोकने के लिए और मोजूदा कॉर्न्स की तीव्रता को कम करने के लिए बेहतर होगा की आप ऐसे जूतों से दूर रहें जो टोज़ पर प्रेशर डालें |
- कायदे से, आपको हमेशा ऐसे जूते पहनने चाहिए जिनके साथ आप सॉक्स पहन सकें | सॉक्स आपके टोज़ को कुशन कर सकते हैं, जिससे फ्रिक्शन कम होगी और कॉर्न्स का होना और मोजूदा कॉर्न्स की स्थिति ख़राब होना दोनों नियंत्रण में आ सकता है |
- जहाँ तक हो सके हाई हील्स से दूर रहें, खास कर वो जिनका आगे का हिस्सा पतला हो |
- ऐसे जूते चुनें जो नेचुरल मैटेरियल्स से बने हों, जैसे लेदर और फ्लीस (fleece) | उनसे पैरों को सांस लेने में भी आसानी होती है |
- अपने टोज़ के बीच में फोम वेजेस (Foam wedges) का इस्तेमाल कर के प्रेशर कम करें: एक बार आप घर पहुँच कर अपने जूते उतार दें, आप अपने टोज़ पर प्रेशर कम करने के लिए उनके बीच में एक फोम पेडीक्योर कोंब को वेज करें |
- आप फोम पेडीक्योर स्लिपर या सैंडलस को भी पहन कर देख सकते हैं | ये फुटवियर आपके टोज़ के बीच वेज रख देता है, जिससे वह एक दूसरे से दूर रहते और चलने पर आपस में घिसिटते नहीं हैं |
- अपने टोज़ के बीच में फुट पाउडर लगायें:[१] फुट पाउडर मोइस्चर अब्सोर्ब कर सकता है | इसका नतीजा ये होता है की आपके टोज़ के कॉर्न्स ज्यादा इर्रीटेट या इन्फ्लेम नहीं होते हैं |
- सुबह अपने सॉक्स और जूते पहनने से पहले अच्छे से फुट पाउडर को अपने टोज़ के ऊपर और आस पास छिड़क दें | इसके इलावा आपको दिन में जैसे ही लगे की आपके टोज़ में पसीना आ रहा है आप उसे दोबारा भी लगा सकते हैं |
- मोटी हुई स्किन को पुमिस स्टोन (Pumice Stone) से हलके से रगड़ें: अपने पैरों को गुनगुने साबुन से भरे पानी में करीब 20 मिनट के लिए भिगो कर अपनी स्किन को नर्म बना लें | उसके बाद, कॉर्न को पुमिस स्टोन से हलके से स्क्रब कर के कॉर्न के ऊपर मोजूद सबसे तकलीफ दायक स्किन को हटा दें |[२]
- इसके अलावा, पुमिस स्टोन के बजाय एक एमरी बोर्ड (Emery Board) का इस्तेमाल कर के देखें | [३] जब टोज़ के बीच में कॉर्न बन जाता है, तो उसे पुमिस स्टोन से हटा पाना मुश्किल हो सकता है | ऐसी स्थिति में नेल फाइल या एमरी बोर्ड उपयोग में लाया जा सकता है |
- आइस से होने वाली तकलीफ को कम करें: अगर सूजन और तकलीफ बनी रहेगी, तो आप एक कोल्ड पैक या आइस पैक को वहां कुछ मिनटों के लिए लगा कर तकलीफ और सूजन दोनों को कम कर सकेंगे |
- आइस से कॉर्न तो ठीक नहीं होगा, पर कॉर्न्स से होने वाला दर्द ज़रूर कम हो सकता है |
संपादन करेंहोम बेस्ड मेडिकल रेमेडीज (Home-Based Medical Treatment)
- ओवर द काउंटर ऑइंटमेंट या ड्रॉप्स इस्तेमाल कर के देखें: अधिकतर ओवर द काउंटर ट्रीटमेंटस में सैलिसिलिक एसिड का हल्का सा कोंसंट्रेशन होता है, जो की कॉर्न बनाने के लिए ज़िम्मेदार केराटिन प्रोटीन और उसके ऊपर मोजूद थिक क्रस्टी स्किन की लेयर को डिससोल्व कर देता है |[४]
- ओवर द काउंटर ट्रीटमेंटस का एक नुकसान ये भी है की एसिड ना सिर्फ कॉर्न्स से प्रभावित स्किन को बल्कि स्वस्थ स्किन को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं, तो अगर आप इस इलाज को ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आप फायदे से ज्यादा नुकसान कर रहे हैं |
- एसिड्स का इस्तेमाल डायबिटिकस को, सेंसेशन महसूस करने में तकलीफ, और पतली स्किन वाले लोगों को नहीं करना चाहिए |
- कोई भी ऑइंटमेंट या अन्य टोपिकल ट्रीटमेंट लगाने से पहले निर्देशों का पालन करना ना भूलें |
- कॉर्न पैड या कॉर्न प्लास्टर का इस्तेमाल करें: ये इलाज एक अडेसिव बैंडेज की तरह चिपक जाते हैं, और इस तरह वो आपके टोज़ पर कुशन की तरह काम करते हैं, पर उनमें भी सैलिसिलिक एसिड की कोंसंट्रेशन होती है कॉर्न को वहीँ ठीक करने के लिए |
- सबसे अच्छे कॉर्न पैड और प्लास्टर रिंग की शेप में होते हैं | वह कॉर्न को कुशनिंग देते हैं और साथ ही इतना मोइस्चर रखते हैं की जिससे कॉर्न नर्म बना रहे, जिससे तकलीफ बढ़ती रहती है |
- क्योंकि इनमें से कई पैड्स में एसिड ट्रीटमेंट मोजूद होती है, आपको इनका इस्तेमाल किसी और ट्रीटमेंट के साथ नहीं करना चाहिए | अगर आपको आपको किसी और ट्रीटमेंट के बाद कॉर्न को कवर करना है, तो ये सुनिश्चित कर लें की आप ऐसे कॉर्न पैड या प्लास्टर का इस्तेमाल करें जिनमें सैलिसिलिक एसिड नहीं हो या फिर प्लेन अडेसिव बैंडेज लगा लें |
संपादन करेंअन्य होम रेमेडीज (Other Home Remedies)
- कॉर्न को कैस्टर ऑयल की मदद से नर्म करें: अपने टोज़ पर मोजूद कॉर्न को सॉफ्ट कर के आप उसके साथ जुड़े किसी दर्द और तकलीफ को कम कर सकते हैं और उससे प्रभावित हिस्से को एक्स्फोलिएट करना आसान बना सकते हैं |
- एक कॉटन बॉल में थोड़ा सा कैस्टर ऑयल लगायें | अपने कॉर्न्स पर इस ऑयल को तीन से चार मिनट तक बने रहने दें और उसके बाद इसे धो कर फिर से एक्स्फोलिएट कर लें |
- एक दिन में इस को कम से कम तीन बार दोहराएं |
- एक एप्सम सॉल्ट सोक का इस्तेमाल करें: अपने टोज़ को साधारण पानी में भिगोने के बजाय उसमें थोड़ा सा एप्सम या कोर्स सॉल्ट मिलाने से वहां की स्किन का नर्म होना आसान हो जाता है |
- कोर्स साल्ट (Coarse salt) भी एक अब्रेसिव होता है, इसलिए अपने पैरों को नमक के पानी में भिगोने से आप ना सिर्फ स्किन को नर्म बना सकते हैं बल्कि कॉर्न्स पर मोजूद डेड ड्राई स्किन को एक्स्फोलिएट भी कर सकते हैं |
- एक बड़ी बकेट में 1/2 कप (125ml) एप्सम साल्ट को 2 गैलन (8 लीटर) गरम पानी में मिलाएं | इस पानी में अपने पैरों को 20 से 30 मिनट तक भिगोयें |
- जब हो जाये, कॉर्न्स को पुमिस स्टोन से रगड़ कर जितनी डेड स्किन को एक्स्फोलियेट कर सकें वो कर लें |
- क्रश्ड एस्पिरिन लगायें: एस्पिरिन में सैलिसिलिक एसिड मोजूद होता है | आप एस्पिरिन को पीस कर उसे कॉर्न के ऊपर लगा सकते हैं ताकि कॉर्न के ऊपर स्थित प्रोटीन और डेड स्किन की लेयर घुल जाए |
- एक एस्पिरिन को पीस लें और पानी की कुछ बूंदों के साथ ऐसे मिश्रित करें, की एक हल्का मोटा सा पेस्ट बन जाए |
- इस पेस्ट को अपने टोज़ के कॉर्न्स पर लगायें | इसे 5-10 मिनट तक बने रहने दें और फिर गरम पानी से धो कर सूखने दें |
- बेकिंग सोडा का पेस्ट बनाएं: बेकिंग सोडा, नींबू का रस और पानी का बना पेस्ट आपके टोज़ पर मोजूद कॉर्न के इलाज की गति को बढ़ा सकता है |[५]
- नींबू के रस की कुछ बूंदों को थोड़े पानी में और 1 टीस्पून (5ml ) बेकिंग सोडा के साथ मिलाएं | इसे तब तक मिश्रित करें जब तक पेस्ट नहीं बन जाए और उसके बाद उसे कॉर्न पर लगा दें | बैंडेज से कवर कर के इस पेस्ट को सुबह धो लें | 4-6 दिन में कॉर्न अपने आप चला जाना चाहिए |
- इसके बजाय, 2-3 टेबलस्पून (30 to 45ml) बेकिंग सोडा को गर्म पानी के टब में डालें | अपने पैरों को इस पानी में 15 -20 मिनट के लिए भिगोयें और उसके बाद कॉर्न्स को पुमिस स्टोन से रगड़ें |
- आप बेकिंग सोडा में कुछ बूँद पानी डाल कर पेस्ट बना सकते हैं | इस पेस्ट को कॉर्न पर लगायें, कॉर्न्स को बैंडेज से ढक दें और रात भर के लिए छोड़ दें | सुबह इस मिक्सचर को धो डालें |
- कॉर्न को केमोमाईल टी में भिगो कर देखें: केमोमाईल आप उस समय महसूस होने वाली तकलीफ को कम कर सकता है और साथ ही वह अपने स्किन के pH को कम करके, उसके ठीक होने की गति को बढ़ा सकता है |
- आप 1 से 3 घंटों के लिए एक गीला, गर्म केमोमाईल टी बैग अपने टोज़ पर मोजूद कॉर्न्स पर लगा सकते हैं |
- इसके बजाय, आप अपने पैरों को 15 से 20 मिनट के लिए एक छोटी बाल्टी डायिलुटेड केमोमाईल टी में रख सकते हैं |
- जब आप का हो जाए, आप एमरी बोर्ड या पुमिस स्टोन से कॉर्न को हटाने की कोशिश कर सकते हैं |
- थोड़ा सा डायिलुटेड विनेगर कॉर्न में लगायें: विनेगर एक ऐस्त्ट्रिन्जेंट होता है, तो उसे लगाने से आपकी ज्यादा से ज्यादा स्किन ड्राई हो कर डेड हो जाएगी और फिर आप को ये मौका मिल जाता है की आप उसे पुमिस स्टोन या एमरी बोर्ड से स्क्रब कर दें |
- विनेगर को 1 भाग विनेगर और 3 भाग पानी से डायिलूट करें |
- इस विनेगर सलूशन को कॉर्न्स पर लगायें और उसके ऊपर अडेसिव बैंडेज या पैड्स लगा लें | इसे रात भर के लिए बने रहने दें |
- सुबह, उस मोटी हुई स्किन को पुमिस स्टोन या एमरी बोर्ड से एक्स्फोलिएट कर लें |
- मेश्ड पपीता लगायें: पपीता कॉर्न्स से जुड़े किसी भी दर्द और तकलीफ को कम कर सकता है, और कई बार, वो कॉर्न को सूखने और गिरने में मदद भी करता है |
- एक पपीते को काट लें और फिर एक फोर्क से उस के गूदे को मैश कर लें | इस मेश्ड पपीते को सीधा अपने टोज़ पर लगायें, अडेसिव बैंडेज या बेंड से कवर करें, और रात के लिए छोड़ दें |
- सुबह, कॉर्न फिर से एक्स्फोलिएट हो सकता है | इस इलाज की मदद से हम कई बार कॉर्न को खुद गिरने के लये मजबूर कर देते हैं |
- ग्रीन फिग जूस और सरसों के तेल का इस्तेमाल करें: ग्रीन फिग जूस कॉर्न को नर्म बना सकता है, जिससे वो आसानी से हटाये जा सकते हैं, और सरसों का तेल किसी भी ऐसे बैक्टीरिया को मार सकता है जो इन्फेक्शन को जन्म दे सकते हैं |
- पहले ग्रीन फिग जूस लगायें | एक कॉटन बॉल पर थोड़ा सा लगा कर उसे अपनी स्किन पर सूखने दें |
- ग्रीन फिग जूस के सूखने के बाद, आप कॉटन बॉल से ही सरसों का तेल भी लगा सकते हैं | इससे वह सब बैक्टीरियल इन्फेक्शन रुक सकते है जो एक्स्फोलिएट प्रोसेस की वजह से स्किन के सूखने से होते हैं |
- हल्दी, एलो और ब्रोमेलैन का मिश्रण बनाएं: ये मिश्रण आपकी कॉर्न से प्रभावित टोज़ की स्किन को नर्म बना देगा, जिसका नतीजा ये होता है की आप कॉर्न को आसानी से निकाल पाते हैं |[६]
- हल्दी एक एंटी- इंफ्लेमेटरी पदार्थ होती है और वो तकलीफ कम कर सकती है, एलो हीलिंग को बेहतर बनाती है और ब्रोमेलैन अन्नानास से निकाला हुआ एक्सट्रेक्ट है और उसमें अस्त्रिन्जेंट की खूबियाँ होती हैं | अगर आपके पास ब्रोमेलैन नहीं है, तो उसकी जगह आप टी ट्री आयल का इस्तेमाल कर सकते हैं |
- पिसी हल्दी, एलो जेल और ब्रोमेलैन को मिला कर एक पेस्ट बना लें | इस पेस्ट को अपने कॉर्न्स पर लगायें, उसे बैंडेज से ढक लें, और मिश्रण को रात भर के लिए छोड़ दें | सुबह, इस मिश्रण को साफ़ कर दें और कॉर्न्स पर पुमिस स्टोन का प्रयोग करें |
संपादन करेंप्रोफेशनल मेडिकल ट्रीटमेंट
- कस्टमाइज्ड शू इन्सर्ट्स (customized shoe inserts) लायें: प्रोफेशनलली फिट किये शू इन्सर्ट्स आपके पैरों को सही प्रकार की कुशनिंग और सुरक्षा दे सकते हैं, जिससे आपके कॉर्न्स को जल्दी ठीक होने और दोबारा नहीं होने दोनों में मदद मिलती है |
- आप स्टोर से खरीद कर स्टैण्डर्ड जेल इन्सर्टस प्रयोग कर सकते हैं, पर कस्टमाइज्ड इन्सर्ट्स ज्यादा असरदार रहेंगे | एक पोडियाट्रिस्ट से बात करें और जानें की आप अपने पैरों के लिए प्रिस्क्रिप्शन शू इन्सर्ट्स कहाँ से ले सकते हैं |
- प्रिस्क्रिप्शन टोपिकल रेमेडी की मांग करें: प्रिस्क्रिप्शन रेमेडीज में अक्सर ओवर द काउंटर दवाईओं के देखे सैलिसिलिक एसिड हाई कोंसंट्रेशन में होता है और कुछ प्रिस्क्रिप्शन रेमेडीज तो उसी काम के लिए, अन्य, ज्यादा तीव्र एसिड का इस्तेमाल करती हैं |
- डायबिटिकस, पतली स्किन वालों और सेंसेशन से बाधित लोगों को एसिडस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए |
- कॉर्न का इलाज करने के लिए जो और एसिड प्रयोग हो सकते हैं उनमें शामिल हैं, ट्राईक्लोरोएसिटिक एसिड और सैलिसिलिक एसिड, लैक्टिक एसिड्स और कोलाइडयन का मिश्रण |[७]
- मेडिकेशन दिए जाने के बाद सारे निर्देशों का पालन सही से करें ताकि गलती से कॉर्न के पास की स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचे |
- इन्फेक्टेड करने के लिए एंटीबायोटिक लायें: अगर आपके टोज़ के कॉर्न्स में इन्फेक्शन हो गया है, तो आपको डॉक्टर से कहकर एंटीबायोटिक माँगना पड़ेगा ताकि इन्फेक्शन ठीक हो जाये |
- याद रहे की ओरल या टोपिकल एंटीबायोटिक तभी बताया जाएगा जब कॉर्न में इन्फेक्शन हो जाए | एंटीबायोटिक का कॉर्न पर कोई प्रभाव नहीं होगा और वह सिर्फ इन्फेक्शन हटा सकता है |
- पोडियाट्रिस्ट से बात करें की वह हार्ड स्किन को हटा दे: अगर स्थिति ज्यादा ख़राब हो जाए तो आप कॉर्न को शेव, या कट कराने के लिए, किसी प्रोफेशनल फूट डॉक्टर, या पोडियाट्रिस्ट की मदद मांग सकते हैं लेकिन किसी भी सूरत में ऐसा खुद करने की नहीं सोचें |
- पोडियाट्रिस्ट उस हिस्से को ध्यान से सुन्न कर देगा और एक तेज़, पतले ब्लेड से कॉर्न के थिक हिस्से को काट देगा | ये इलाज अगर कोई प्रोफेशनल करे तो बेहद सुरक्षित है और इसमें दर्द भी नहीं होता, और ये इलाज की गति बढ़ा कर आपको जल्दी आराम दिला सकता है |[८]
- बिलकुल अंतिम इलाज के तौर पर सर्जरी के बारे में सोचें: अगर आपको अक्सर टोज़ पर कॉर्नस बनते हैं, तो एक पोडियाट्रिस्ट आपको सर्जरी कराने की सलाह दे सकता है और उससे टोज़ में हड्डियों की पोजीशन को ठीक किया जा सकता है | इससे, आपके टोज़ पर पड़ने वाला प्रेशर कम हो सकता है और कॉर्न के बनने की सम्भावना भी कम होती है |
- कॉर्न तब भी आपके टोज़ पर बन सकते हैं जब टोज़ में मोजूद हड्डियाँ ऐसे बढती हैं की टोज़ आपस में एक दूसरे से रब करें | सर्जरी से ये हड्डियाँ फिर से अलाइन और सीधी हो सकती हैं जिससे उनमें टकराव कम होगा |
- अगर आपको डायबिटीज, अथेरोस्क्लेरोसिस, या कोई और सर्कुलेटरी बीमारी है तो घर पर कॉर्न्स का इलाज नहीं करें |
- कभी भी कॉर्न को कट या शेव करने की कोशिश नहीं करें | ऐसा करने से परेशानी का हल नहीं निकलेगा, उल्टा, आप एक ऐसा ज़ख्म बना लेंगे जिसमें बैक्टीरिया का इन्फेक्शन हो सकता है |
संपादन करेंचीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी
- आरामदायक जूते
- सॉक्स
- फोम पेडीक्योर कोंब या सैंडल
- फुट पाउडर
- पुमिस स्टोन
- एमरी बोर्ड
- आइस
- ओवर –द-काउंटर ऑइंटमेंट, ड्रॉप्स, पैड्स या प्लास्टरस
- कैस्टर आयल
- पानी
- एप्सम साल्ट
- एस्पिरिन
- बेकिंग सोडा
- कैमोमाईल टी
- विनेगर
- पपीता
- ग्रीन फिग जूस
- सरसों का तेल
- हल्दी
- एलो
- ब्रोमलेन या टी ट्री आयल
- प्रिस्क्रिप्शन टोपिकल ट्रीटमेंटस
- एंटीबायोटिक्स
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January 3, 2019, 10:30 am
घर बैठे मसल्स या बॉडी बनाना आसान है और इसके लिए किसी महंगे जिम की आवश्यकता भी नहीं। बस थोड़ी क्रिएटिविटी और थोड़े कमिटमेंट (commitment) की आवश्यकता है कि आप नियमित रूप से व्यायाम करें। हालाँकि बिना प्रोफ़ेशनल (professional) उपकरणों के आप अपनी मांसपेशियों को एक सीमा तक ही बढ़ा सकते हैं, किन्तु यदि आप सुरक्षित एवं मांसपेशियों की बराबर टोनिंग चाहते हैं तो घरेलु व्यायाम इसके लिए पर्याप्त हैं। (body kaise banaye tips)
संपादन करेंशरीर के ऊपरी हिस्से एवं कोर के व्यायाम (Working Your Upper Body & Core)
- अपनी बाँहों एवं छाती के व्यायाम के लिए पुश-अप (push-ups) करें: घरेलू व्यायाम में पुश-अप सबसे अधिक इस्तेमाल किये जाने वाले व्यायाम हैं। इनसे अधिक लाभ के लिए आवश्यक है आप का पुश-अप करने का तरीका सही होI आपकी रीढ़ की हड्डी बिलकुल सीधी और आपके पुट्ठों की सीध में होनी चाहिए, न कि झुकी हुई। साधारणतः आपकी हथेलियां आपके कन्धों से थोड़ा ज़्यादा चौड़ाई पर होनी चाहिए, किन्तु यदि आप छाती को अधिक व्यायाम देना चाहें तो अपनी हथेलियों के बीच की दूरी को बढ़ा दें और यदि बाँहों का अधिक व्यायाम चाहें तो इस दूरी को कम कर सकते हैं। अपने पैर के पंजों को ऊपर अथवा नीचे रख कर के आप मांसपेशियों के बेहतर विकास के लिए व्यायाम कर सकते हैंI
- इंक्लाइन (incline) पर किये गए पुश-अप अलग अलग मांसपेशियों पर काम करते हैं, इसके लिए अपने हाथ एक कॉफ़ी टेबल अथवा कुर्सी पर रखें ताकि आपका शरीर एक कोण पर रहे।
- डिक्लाइन (decline) पर किये जाने वाले पुश-अप के लिए एक सामान्य पुश-अप के बजाय अपने पैर के पंजों को अपने हाथों से ऊपर रखें। ध्यान रहे की की आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी रहे एवं सिर ऊंचा।
- आठ से बारह पुश-अप के तीन सेट तक करने का प्रयास करें।
- अपने कन्धों एवं पीठ के व्यायाम के लिए दीवार के सहारे अपने हाथों पर खड़े होने का व्यायाम करें: हालाँकि यह व्यायाम कमज़ोर ह्रदय वालों के लिए नहीं है किन्तु हाथों पर खड़े होने से शरीर की अनेक मांसपेशियों का व्यायाम होता है। इसको करने के लिए पहले दीवार की तरफ़ पीठ कर के बैठ जाएँ। अपने हाथों को ज़मीन पर रखें और दीवार पर छोटे छोटे क़दमों से "चलने" का उपक्रम करें। अब एक बार इस व्यायाम को पूरा करने के लिए अपने पैर की उँगलियों से संतुलन करते हुए धीरे से अपना सर ज़मीन तक लाएं। ऐसे दस बार का एक सेट तीन बार दुहरायें।
- यदि यह करना बहुत कठिन लगे तो एक ऊंची मेज़ का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने पैर मेज़ पर रखें और अपनी जांघों से ऊपर के शरीर को इतना नीचे लटकाएं की आप अपने हाथ ज़मीन पर रख सकें. अब जब आपका सिर सीधे नीचे की तरफ़ हो, आप पुश-अप करें। इसे पाइक पुश-अप भी कहते हैं।
- अपनी बाँहों के व्यायाम के लिए डिप्स (dips) करें: अच्छी डिप्स करने के लिए आपको एक मज़बूत बेंच, मेज़ या कुर्सी की आवश्यकता होगी । अपने हाथ पीछे की ओर बेंच पर ऐसे रखें कि आपकी पुठ्ठे हवा में रहें और आपके घुटने 90 अंश का कोण बनाते हों। अपने पैरों को मज़बूती से ज़मीन पर रखें और अपने पुट्ठों को ज़मीन तक नीचे ले जाएं जब तक कि आपकी बाहें 90 अंश का कोण ना बना लें। वापस ऊपर उठें। इस व्यायाम के 15-20 बार के एक सेट को तीन बार करें।
- प्लैंक्स (planks) करें: पूरे शरीर के कोर के लिए प्लैंक्स एक बहुत अच्छा व्यायाम है और इसे आसानी से और चैलेंजिंग बनाने के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। इसे करने के लिए पहले पुश-अप की अवस्था में आ जाएं। अब अपनी हथेलियों के बजाय अपनी कोहनियों और कलाइयों को ज़मीन पर रखें। अपने पुट्ठों की मांसपेशियों को कसें और अपनी रीढ़ को सीधा करें -- ऐसे करें कि एक झाड़ू आपकी गर्दन से पुट्ठों तक सीधी रखी जा सके। इस अवस्था में एक मिनट तक रहें, थोड़ा विश्राम करें फिर इस व्यायाम को दो बार और दोहराएं।
- साइड प्लैंक्स करने के लिए अपनी कोहनी तथा कलाई और उसी ओर के पैर के बाहरी हिस्से पर जाएं। अब अपनी रीढ़ को सीधा रखते हुए ध्यान रखें कि आपकी पुठ्ठे ऊपर हों।
- प्लैंक्स से पुश-अप: प्लैंक्स अवस्था से प्रारम्भ कर के अपने बाँहों को कन्धों के बराबर और पैरों को कमर के बराबर दूरी पर रखें। अपनी कोहनी और कलाइयों तक नीचे जाएं ताकि आप अपनी फोरआर्म प्लैंक्स अवस्था में पहुँच जाएं, अब अपने को पूरे प्लैंक्स अवस्था में ले जायें। एक सेट के लिए इस व्यायाम को 12 बार दुहरायें।[१]
- अपने ऐब्स एवं कोर को विकसित करने के लिए क्रंचेज़ (crunches) करें: क्रंचेज़, ऐब्स के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यायाम हैं, अब बस इसे शुरू करें। अपनी पीठ के बल लेट जाएं, आपके पाँव ज़मीन पर हों और घुटने मुड़े हुए हों। अपनी गर्दन को हाथों से सहारा देते हुए , अपने कन्धों को ज़मीन से 6-8 इंच ऊपर उठाएं, एक सेकंड इस मुद्रा में रहें, फिर धीरे धीरे वापस नीचे हो जाएं। तुरंत ही वापस उठें, सारे समय ऊपर की ओर देखें और पूरी प्रक्रिया को धीरे धीरे और संयमित ढंग से करें। इस प्रक्रिया को 8 से 12 बार करने के एक सेट को तीन बार करें।[२]
- सीधे पैरों वाली उठक बैठक: अपनी पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को पूरा सीधा रखें, अब अपने हाथों को ऊपर उठाते हुए बैठने कि मुद्रा में जाएं, अपने पैरों को सीधा रखें। अपने हाथों को नीचे की ओर लाएं, अपने पैर की उँगलियों को छूने का प्रयास करें, अब धीरे धीरे वापस प्राम्भिक मुद्रा में लौटें। इस प्रक्रिया को 10 बार दुहरायें।[३]
- कर्ल्स (curls) करने के लिए एक गैलन दूध की बोतल, किसी भारी पुस्तक या घरेलू डम्ब-बेल्स का इस्तेमाल करें: जब कि अन्य किसी व्यायाम में किसी उपकरण की आवश्यकता नहीं पड़ती, शरीर के ऊपरी भाग के लगभग सभी व्यायामों को और प्रभावी बनाने के लिए किसी ना किसी प्रकार के रेज़िस्तेंस (resistance) की आवश्यकता होती है। यदि आपकी पास कोई ऐसा वज़न हो जिसे आप आराम से पकड़ सकें, उसे उपयोग में लाने का प्रयास करें:
- बाइसेप कर्ल्स (Bicep Curls)
- ट्राइसेप वर्कआउट्स (Tricep workouts
- शोल्डर रेज़ेज़ (Shoulder raises)।[४]
- बेंट ओवर रोज़ (Bent Over Rows)
संपादन करेंशरीर के निचले हिस्से के व्यायाम
- पैरों की मांसपेशियों को जल्दी विकसित करने के लिए तीव्र कार्डिओ व्यायाम करें: बहुत लोग यह समझते हैं की कार्डिओ व्यायामों से मांसपेशियां विकसित नहीं होतीं, किन्तु बहुतेरे ऐसे व्यायाम हैं जिन्हें एक के बाद एक करने से आप पैरों की सशक्त मांसपेशियां बना सकते हैं। 5-6 व्यायाम चुन लें एवं प्रत्येक को एक मिनट के लिए करें। आधा मिनट विश्राम करें फिर अगला व्यायाम करें. जब सभी 6 व्यायाम हो जाएं, 4-5 मिनट विश्राम करें, अब इन व्यायामों को 2-3 बार दुहरायें। आप को पैरों में जलन महसूस होगी बहुत जल्दी आप उनको एक अच्छा आकार दे सकेंगे:
- जंपिंग जैक्स (Jumping jacks)
- लंजेज़ (Lunges)
- बर्पीज़ (Burpees) -- एक बार जंपिंग जैक करें, तुरंत ही एक पुश-अप करें। दुहरायें।
- घुटने ऊपर उठाना -- अपने पंजों पर उछलते हुए घुटनों को जितना ऊपर हो सके उठाइये। प्रयास करें कि आप के पैर कम से कम ज़मीन को छुएं।
- लैटरल (lateral) कूद -- एक तरफ़ कूदें, एक पैर पर रुकें, घुटना मुड़ा हुआ हो, तुरंत ही दूसरी दिशा में कूदें।
- ओबलिक ट्विस्ट्स (Oblique twists)
- बॉक्स कूद अथवा सामान्य प्लायोमेट्रिक (plyometric) व्यायाम।[५]
- दीवार के सहारे बैठना (Wall Sit): सहारे के लिए दीवार से पीठ टिकाएं, अब "बैठ" जाएं हालांकि आपका पुठ्ठा हवा में हो घुटने 90 अंश के कोण पर हों और मुद्रा ऐसी हो जैसे आप कुर्सी पर बैठे हों। इस मुद्रा में 1 मिनट तक रहें। आधा मिनट विश्राम करें फिर इसे दो बार और करें।[६]
- बैठक (Squats) करें: बैठक करने के लिए अपने पैरों को कमर की चौड़ाई में फैलाएं, पीठ सीधी रखें, सर ऊपर रखें एवं अपनी कोर को कड़ा रखें। अपने हाथ अपनी कमर पर रखें या सामने फैलाएं, जो भी सुविधाजनक हो। बैठने की मुद्रा में जाएं जैसे आप कुर्सी पर बैठने जा रहे हों। अपनी रीढ़ सीधी रखें और अपने घुटने पंजों के ठीक ऊपर रखें, न कि आगे की ओर झुके हुए। ध्यान रहे की आपके पुठ्ठे नीचे हों। इस प्रक्रिया को 10 बार दुहरायें, फिर थोड़े से विश्राम के बाद 2 सेट और करें।
- बल्गेरियन स्प्लिट बैठक: अपना अगला पैर ज़मीन पर सपाट रखें और पिछला पैर एक कॉफ़ी टेबल या काउच पर रखें। बैठने की मुद्रा में जाएं फिर ऊपर लौट जाएं. चाहें तो अपने हाथ संतुलन के लिए सामने फैलाएं या अपनी कमर पर रखें, जो भी सुविधाजनक हो। दोनों पैरों पर 12-12 बार इस व्यायाम को दुहरायें।[७]
- गधे के सामान दुलत्ती मारें (Donkey kicks): अपने घुटनों और हथेलियों के बल रहें फिर एक पैर को सीधा उठाएं, 90 अंश का कोण बनाएं। इस व्यायाम को दोनों पैरों से 12-12 बार करें। [८]
- ग्लूट ब्रिज (Glute bridges) करें: घुटने मोड़ कर एवं पैरों को ज़मीन पर रखे हुए पीठ के बल लेट जाएँ। अपने ग्लूट को ऊपर की ओर उठाएं कि एक पुल जैसा दिखाई दे। कमर को ऊपर उठाये हुए, अपना बायां पैर उठाइये फिर उसे नीचे करते हुए अपना दायां पैर उठाइये। दोनों पैरों से इस व्यायाम को 10-10 बार दुहराइये।[९]
- लंजेज करें: पुट्ठों, कमर और हैमस्ट्रिंग मांसपेशियों को सशक्त करने के लिए लंजेज एक शानदार उपाय हैं। इसे करने के लिए एक पैर आगे बढ़ाएं । घुटने 90 अंश के कोण पर मुड़े हों। अपने अगले पैर को पंजों पर रखते हुए पिछले पैर के घुटने को ज़मीन पर लगाएं और पुट्ठों को नीचे लाएं। पीछे हटें और अब इसी क्रम को दुसरे पैर से दुहरायें। इस प्रक्रिया को 10 बार दुहरायें, अब कुछ विश्राम के बाद 2 बार पूरे सेट को दुहरायें।[१०]
- यदि आपके पास डम्ब बेल्स या उठाने वाले वज़न हों तो आप वर्जिश को और कठिन बना सकते हैं जिससे आप अपनी कंडीशनिंग शीघ्रतर कर सकते हैं। दोनों हाथों में एक एक गैलन की बोतलें भी बहुत हैं।
संपादन करेंमांसपेशियों के विकास की दिनचर्या बनाना
- व्यायाम की ऐसी दिनचर्या निर्धारित करें की प्रत्येक मांसपेशी समूह पर सप्ताह में दो बार काम कर सकें: ऐसी एक प्रभावी व्यायाम दिनचर्या बनाने के लिए किसी प्रशिक्षक की आवश्यकता नहीं है। ऐसे बहुतेरे आसानी से याद हो जाने वाले दिशा निर्देश उपलब्ध हैं जिनसे आप अच्छी तरह व्यायाम कर सकते हैं, तेज़ी से और सुरक्षित रूप से मांसपेशियों का विकास कर सकते हैं।
- एक जैसे व्यायाम करने के बीच 1-2 दिन का विश्राम दें। यदि आप सीने की मांसपेशियों का व्यायाम मंगलवार को करते हैं तो उसे बृहस्पतिवार अथवा शुक्रवार के पहले ना दुहरायें।
- व्यायाम हेतु एक समान मांसपेशी समूह को एक साथ रखें। उदाहरणार्थ, छाती सम्बन्धी व्यायाम अक्सर आपकी ट्राइसेप्स पर भी काम करते हैं, इन सभी व्यायामों को एक ही दिन में करें।
- यदि आप छोटी दौड़ अथवा कठिन शारीरिक परिश्रम करें तो 1-2 दिन का विश्राम लें। मांसपेशियों के विकास हेतु शरीर को विश्राम एवं रिकवरी की आवश्यकता होती है।
- मांसपेशियों के जल्द एवं सुरक्षित विकास के लिए, व्यायाम की शैली पर ध्यान दें न कि गिनती पर: दस अच्छी तरह किये गए पुश-अप गलत तरह किये गए 15 पुश-अप से कहीं अधिक प्रभावशाली होते हैं। व्यायाम का प्रत्येक भाग सुचारु, एवं स्वाभाविक रूप से किया जाना चाहिए न कि झटके के साथ या अनाड़ी ढंग से। हालाँकि सभी व्यायाम अलग अलग होते हैं, कुछ सामान्य निर्देश इस प्रकार हैं:
- जब आप व्यायाम समाप्त कर रहे हों या विश्राम कि अवस्था में हों तब सांस अंदर खींचें। व्यायाम करते हुए सांस बाहर छोड़ें।
- यथासंभव अपनी रीढ़ की हड्डी सीधी रखें, न कि मुड़ी या झुकी हुई।
- प्रत्येक व्यायाम जब अपने चरम पर हो 1-2 सेकंड के लिए उसी मुद्रा में रहे, तत्पश्चात धीरे धीरे विश्राम की मुद्रा में आएं।
- मांसपेशियों को खींचने एवं संपूर्ण शरीर के व्यायाम के लिए योग करें: बड़े मांसपेशी समूह के व्यायाम के लिए योग एक और उपाय है, क्योंकि यह मांसपेशियों को शक्तिशाली बनता है और उन्हें लचीला बनता है। विश्राम के दिनों में आसान और शांत अभ्यास अच्छा है, एवं अपनी व्यायाम दिनचर्या में आप कठिन व्यायाम शामिल कर सकते हैं। यदि जिम उपकरणों के बिना आप ऐसे व्यायाम नहीं खोज पाते हैं जो आपको अच्छे लगें, तब योग एक आसान उपाय है।
- यूट्यूब पर किसी भी प्रवीणता के व्यक्ति के लिए योग व्यायामों का एक पूरा खज़ाना उपलब्ध है, अतः यदि आप योग के लिए नए हैं तो हतोत्साहित न हों - आप बिना बहुत सारे उपकरणों के भी घर पर ही योग का अभ्यास कर सकते हैं।
- अपने आप को इतना तैयार करें कि प्रत्येक व्यायाम के अंतिम 2-3 दुहराव कठिन हों, किन्तु असंभव न हों: यदि आप वास्तव में मांसपेशियों का विकास चाहते हैं, तब आपको कठिन परिश्रम करना होगा। आपका शरीर ही आपके व्यायाम कि गुणवत्ता जांचने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है, अतः मांसपेशी पर तब तक काम करें जब तक वह बिलकुल थक न जाए। प्रत्येक सेट के अंत तक आप निस्संदेह बहुत थक जायेंगे, एवं अंतिम 2-3 दुहरावों के लिए आपको पूरी एकाग्रता एवं प्रयास कि आवश्यकता होगी।
- अपने ध्येय पहले ही तय कर लें। यदि आप प्रत्येक व्यायाम को बीस बार करने के 3 सेट करने की ठानते हैं, तो निस्संदेह सेट कि समाप्ति तक आप पसीने पसीने होंगे। किन्तु, यदि आपको यह बहुत आसान लगे, तो आप व्यायाम बढ़ा सकते हैं।
- कठिन व्यायाम करना और अपने आपको घायल कर लेना अलग अलग बातें हैं। यदि आपके जोड़, हड्डियां, या मांसपेशियां सिर्फ थकी या कष्टप्रद होने के बजाय दर्द करती हैं, तब आपको रुकने और विश्राम करने की आवश्यकता है।
- ऐसा संतुलित आहार खाएं जिसमे प्रोटीन अधिक हो और वसा कम: इसका यह मतलब नहीं कि आप सिर्फ प्रोटीन शेक पियें और प्रत्येक मिष्ठान्न को छोड़ दें। एक अच्छे आहार में साबुत अनाज, फल एवं सब्ज़ियां, और प्रोटीन वाले पदार्थ जैसे मुर्ग़, मछली, अंडे, और फलियां शामिल होती हैं।
- व्यायामोपरांत एक गिलास कम वसा वाला चॉकलेट दूध एक अच्छा अल्पाहार है।
- तुरंत अपने भोजन को बेहतर और स्वास्थ्यप्रद बनाने के लिए सफ़ेद डबलरोटी और पास्ता को साबुत अनाजों वाले डबलरोटी या पास्ता से बदलें।
- अवोकेडो, नट्स, ओलिव आयल, एवं अण्डों में स्वस्थ वसा होती है। जिनसे बचना है वे हैं -- मख्खन, मलाई, वसा इत्यादि -- किन्तु आप भली भांति जानते हैं कि यह खाद्य पदार्थ अस्वास्थ्यकर हैं।
- यदि आप व्यायाम के बारे में गंभीर हैं तो कुछ मूल जिम उपकरण खरीदने की सोचें: ऐसे बहुत सारे उपकरण उपलब्ध हैं जिनसे आप नए और कठिन व्यायाम कर सकते हैं, किन्तु इसके लिए बहुत महंगे उपकरण खरीदने की आवश्यकता नहीं है।
- प्रतिरोधक बैंड अनुकूलनीय होते हैं, अनेक "वज़न" में आते हैं और हज़ारों व्यायामों में उपयोग किये जा सकते हैं।
- एक सामान्य डम्ब बेल्स का सेट एक सस्ता तरीका है जिससे आप अपने व्यायामों में कुछ वज़न का उपयोग कर सकते हैं।
- पुल-अप/चिन-अप बार सुरक्षापूर्वक लगभग सभी दरवाज़ों के फ्रेम में लग सकने के मुताबिक डिज़ाइन किये होते हैं, एवं अनेक मॉडल डिप्स अथवा इंक्लाइन पुश-अप के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं।[११]
- कठिन परिश्रम करें, सही भोजन करें, पूरा आराम करें, और लाभ उठाएं!
- हार ना मानें
- अपने बच्चे के झूले या निकटवर्ती बगीचे में जा कर पुल-अप या चिन-अप करें।
- अपने भोजन में अधिक प्रोटीन वाले वसा रहित मांस, अंडे या मछली अधिक खाएं एवं कार्बोहायड्रेट की मात्रा कम करें इससे मांसपेशियों को बढ़ने में सहायता मिलेगी।
- व्यायाम प्रारम्भ करने के पहले हल्की दौड़ अथवा 5-10 मिनट पैदल चल कर वार्म-अप करें। इसी तरह व्यायाम समाप्ति पर शरीर को कूल-डाउन करें।
- अपनी मांसपेशियों एवं संयोजी ऊतकों को लचीला रखने के लिए प्रत्येक व्यायाम समाप्ति पर अपनी मांसपेशियों को फैलाएं।
- चर्बी को घटाने एवं मांसपेशियों को उजागर करने के लिए कार्डिओ व्यायाम करें।
- अपनी मांसपेशियों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए कार्डिओ के पहले अपना व्यायाम करें।
- आइसोमेट्रिक व्यायामों से बिना जिम उपकरणों के भी आपकी मांसपेशियां बेहतर विकसित हो सकती हैं यदि आप इसे अन्य व्यायामों के साथ करते हैं।[१२]
- चोट से बचने के लिए वार्म-अप एवं कूल-डाउन करना न भूलें।*व्यायामोपरांत स्ट्रेच अवश्य करें।
- यदि आपको किसी प्रकार की चोट है अथवा आप अस्वस्थ हों, इस व्यायाम कार्यक्रम को अपने डॉक्टर से राय लिए बिना न अपनाएं।
- यदि इन व्यायामों में किसी से भी आपके जोड़ों, पीठ, गर्दन वगैरह में दर्द हो तो तुरंत रुक जाएं एवं इस कार्यक्रम को अपने डॉक्टर से मश्वरा करने के बाद ही अपनाएं।
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January 4, 2019, 11:30 am
अगर आपकी लाइफ से सेक्स अब गायब सा हो चुका है, या आपको भी लो-सेक्स ड्राइव या कामेच्छा में कमी (libido) की शिकायत होने लगी है, तो ऐसे में आपको सेक्सुअल माहौल बनाने में या उसे एंजॉय करने में परेशानी होना शुरू हो जाएगी। खुशकिस्मती से, धैर्य के साथ, एक प्लानिंग के जरिए और एक समझदार पार्टनर के साथ, आप आपके बेडरूम में दोबारा उसी स्पार्क को जगा सकते हैं, जो अब आपकी लाइफ से गायब है। अपना खाली वक़्त, अपने पार्टनर के साथ बिताकर, आप आपके पार्टनर के साथ में एक मजबूत संबंध बनाने की शुरुआत कर सकते हैं। इसके साथ ही, डाइट में भी कुछ बदलाव करके, जैसे कि ज्यादा ज़िंक (Zinc) का सेवन करके, आपके अंदर सेक्स की इच्छा में बढ़त लाई जा सकती है। अपने डॉक्टर से बात करना और किसी भी तरह की बीमारी आदि का ट्रीटमेंट कराना भी आपकी मदद कर सकता है।
संपादन करेंअपनी लाइफस्टाइल को एडजस्ट करना
- अपने पार्टनर के साथ में भरपूर, नॉन-सेक्सुअल वक़्त बिताएँ: हफ्ते में किसी एक रात को, बाहर एक डेट पर चले जाएँ। या फिर कुछ वक़्त एक-साथ जिम में या फिर बाहर कहीं कुछ एक्सर्साइज़ करते हुए बिताएँ। जब भी हो सके, तो दोनों एक-साथ मिलकर खाना खाएँ। आप दोनों जितना ज्यादा इमोशनली कनेक्टेड रहे हैं, आप उतनी ही आसानी से अपनी सेक्स की इच्छाओं को बढ़ा सकेंगे।[१]
- हालाँकि, एक ही तरह की डिनर डेट पर भी न अटके रह जाएँ। अपने पार्टनर के साथ बाहर जाने के लिए एक यूनिक डेट तैयार करें और वहाँ जाकर कुछ नई एक्टिविटीज़ करके देखें।
- घरेलू काम बाँट लें: अगर आप अकेले ही ऐसे इंसान हैं, जिसके ऊपर अपने घर की साफ-सफाई, खाना पकाने और परिवार की देखभाल का पूरा जिम्मा है, तो ये उनके लिए जरा सा तकलीफ़देह हो सकता है। दोनों ही पार्टनर्स के बीच में घरेलू कामकाज की जिम्मेदारियाँ बाँटकर, आप दोनों ही आराम कर सकते हैं और अपनी अहमियत भी पा सकते हैं। इसके साथ ही, इसकी वजह से आप दोनों के बीच में एक तरह की पार्टनर्शिप और सहयोग की भावना जागेगी, जो कि बेडरूम में भी नजर आएगी।[२]
- उदाहरण के लिए, एक-साथ मिलकर खाना पकाने की तैयारी में हाँथ बंटाएँ, ताकि आप दोनों मिलकर एक-साथ खाना बना सकें और बर्तन साफ कर सकें। आप चाहें तो बच्चों के देखभाल की जिम्मेदारियाँ भी एक-दूसरे के बीच में बाँट सकते हैं।
- रोजाना 15-20 मिनट मेडिटेशन करते हुए, अपने पार्टनर की तरफ ध्यान देने की कोशिश करें: एक ऐसा शांत स्थान तलाशें, जहां आप बिना डिस्टर्ब हुए बैठ सकें। आँखों को बंद कर लें और अपना सारा ध्यान, अपनी साँसों के खींचने और बाहर छोड़ने की एक-समान लय पर लगाएँ। फिर, अपने मन में अपने पार्टनर की तस्वीर बना लें। ध्यान दें, कि वो किस तरह आपकी भावनाओं पर असर डालते हैं, वो किस तरह से साउंड करते हैं, उनकी महक, उनका स्वाद आदि पर ध्यान दें।[३]
- रोजाना किए जाने वाले इस मेडिटेशन के दौरान अपने विचारों को पॉज़िटिव बनाए रखने की कोशिश करें। अपने मन में अपने पार्टनर की चीख को लाने के बजाय, मुस्कान की कल्पना करें।
- आपको अपने पार्टनर के बारे में सबसे ज्यादा क्या पसंद है, या उनके साथ में जुड़ी हुई आपकी कुछ मनपसंद यादों को याद करते हुए, अपने मेडिटेशन को आगे तक ले जाएँ। उदाहरण के लिए, सोचकर देखें, कि आपने अपनी अभी हाल ही में गुजरी हुई एनिवर्सरी पर क्या किया था।
- अपने पार्टनर को भी अपने साथ बिठाना और उन्हें भी मेडिटेड करने का बोलने में भी कोई बुराई नहीं है। ये आप-दोनों को और करीब लाने में मदद करेगा।
- हफ्ते ,में कम से कम 3 दिनों तक एक्सर्साइज़ करें: हफ्ते भर में करने वाली एक्सर्साइजेज़ में कार्डियो और वेट-रजिसटेन्स, दोनों को ही शामिल करें और हफ्ते में 3 बार कम से कम 45-मिनट के सेशन को शामिल करने का लक्ष्य बनाएँ। बॉक्सिंग, जॉगिंग, या रस्सी कूदना भी अच्छे कार्डियो ऑप्शन हो सकते हैं। सेक्स करने के कुछ घंटे पहले की हुई एक्सर्साइज़ भी आपके अंदर सेक्स की इच्छाओं को बढ़ाने में मदद करेगी।[४]
- वर्क आउट करने से आपके पूरे शरीर में ब्लड फ़्लो बढ़ता है, जिसमें आपके सेक्सुअल ऑर्गन्स भी शामिल हैं, जो आपकी सेक्स की इच्छा को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही, ये आपको आपके शरीर को लेकर और भी कम्फ़र्टेबल और कॉन्फिडेंट फील करने में भी मदद करेगा, जो कि आपको और भी सेटिस्फ़ाईंग सेक्स लाइफ देने में मदद करेगा।
- अपने स्ट्रेस हॉरमोन को कम करने के लिए रेस्टोरेटिव योगा (restorative yoga) और डीप ब्रीथिंग एक्सर्साइज़ करें: आप जब स्ट्रेस में होते हैं, तब आपका शरीर कोर्टिसोल (cortisol) नाम का हॉरमोन रिलीज करती है, जो आपकी सेक्स की इच्छा के साथ जुड़ा होता है, जिसका मतलब कि आपकी सेक्स इच्छा में भी कमी आ सकती है। योगा और डीप ब्रीथिंग जैसी रेस्टोरेटिव एक्टिविटीज़ आपको शांत करने में और आपके कोर्टिसोल के लेवल को कम करने में मदद करती हैं।[५]
- कोर्टिसोल आपके लड़ो और मरो प्रतिक्रिया के साथ संबंध रखता है।
- रिजल्ट्स पाने के लिए डेली या हफ्ते के कुछ दिन योगा और डीप ब्रीथिंग एक्सर्साइज़ प्रेक्टिस करें।
- रिलेक्स फील करने से आपको सेक्सुअल एक्टिविटी के लिए और भी ज्यादा खुलापन फील होगा।
संपादन करेंआपकी सेक्स लाइफ में बदलाव करना
- अपने पार्टनर के साथ आपकी सेक्सुअल डिजायर के बारे में बात करें: ये उस वक़्त और भी जरूरी स्टेप बन जाता है, जब आपकी सेक्स की इच्छाएँ, आपके पार्टनर की इच्छाओं के साथ में मेल न खा रही हों। आप कितने जल्दी या कितनी बार सेक्स करना चाहते हैं, को लेकर एकदम खुलकर बात करें। आपके मन में उठने वाले, बेडरूम में कुछ नया करके देखना, जैसे और दूसरे सेक्सुअल लक्ष्यों के बारे में भी बात करें। आप जो करते हैं और जिसे एक सेक्सुअल एक्ट की तरह नहीं मानते हैं, ले ऊपर भी बात करें।[६]
- उदाहरण के लिए, हो सकता है, कि आपका पार्टनर आपके गले लगने को भी एक सेक्सुअल एक्ट मानता हो। अगर आपको लगता है, कि गले लगना रोमांटिक है, लेकिन ये सेक्सुअल नहीं है, तो इसकी वजह से भी गलत सिग्नल्स या मिसकम्यूनिकेशन पैदा हो सकता है।
- सेक्स करने के लिए वक़्त तैयार करें: ये आपके मन में उठने वाली सेक्स की चाहतों के एकदम विपरीत सुनाई देगा, लेकिन ये सच में काम करता है। हफ्ते में से कुछ वक़्त निकालकर रखें, जो पूरी तरह से आपके शेड्यूल पर निर्भर करता हो, जब आप दोनों अकेले में काफी सारा टाइम, इंटिमेट टाइम बिता सकते हों। खासतौर पर महिलाओं में, इस तरह के सेक्सुअल पीरियड्स को बिताकर, अपनी सेक्स की इच्छा में बढ़त होते हुए पाया गया है।[७]
- हालाँकि, ये शेड्यूल एक-समान रह सकता है, लेकिन आप आपके बेडरूम में क्या करते हैं, वो आपकी इच्छा के हिसाब से कुछ क्रिएटिव या ट्रेडीशनल (हमेशा की तरह) भी हो सकता है। ये आपके रूटीन में एक जोश, एक स्पार्क जगाने का एक और तरीका है।
- एक-दूसरे को फुल-बॉडी मसाज दें: ये दोनों के बीच में कम जल्दबाज़ी फील करने का और एक-दूसरे को सेक्स से पहले एक्साइटेड करने का अच्छा तरीका है। मसाज ऑइल्स ले आएँ, लाइट को डिम कर दें, मन को सुकून देने वाला म्यूजिक चलाएँ और 30 मिनट तक या उससे ज्यादा देर तक, एक-दूसरे को मसाज दें। पूरे शरीर के ऊपर फोकस करें और जरूरत के हिसाब से प्रैशर अप्लाय करें। इससे न सिर्फ ब्लड फ़्लो बढ़ेगा, ये आप दोनों को रिलेक्स करेगी और साथ ही आपको बेहतर सेक्स की तरफ लेकर जाएगी।[८]
- अगर आपको मसाज देने का तरीका नहीं मालूम है, तो भी कोई बात नहीं। इसे करते वक़्त अगर आप आपके पार्टनर से फीडबेक मांगते हैं, तो भी इसमें कोई बुराई नहीं है। आप ऐसा कुछ बोल सकते हैं, कि “कैसा लग रहा है?”
- अगर आप आपकी स्किलसेट को और बढ़ाना चाहते हैं, तो आप चाहें तो ऑनलाइन जाकर कुछ प्रोफेशनल मसाज वीडियोज़ भी देख सकते हैं या फिर अपने आसपास मौजूद किसी कॉलेज में जाकर एक क्लास भी कर सकते हैं।
- सेक्स से पहले कम से कम 15 मिनट का फोरप्ले भी करें: एक्साइटमेंट लाने का ऐसा कोई स्विच नहीं होता, जिसे आप बस कभी भी चालू या बंद कर सकते हैं। एक-दूसरे को किस करने और छूने का भरपूर वक़्त देकर, आपकी डिजायर को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस वक़्त में, सिर्फ एक-दूसरे के ऊपर ध्यान देने की कोशिश करें और आपकी लाइफ में चलने वाली बाकी किसी और चीज़ को बिल्कुल भूल जाएँ।[९]
- फोरप्ले आपके शरीर को इंटरकोर्स के लिए तैयार करने में भी मदद करता है, जो असली एक्ट को और भी आनंददायक बना सकता है।
- अपनी डाइट में बहुत सारे ताज़ी चीजों को शामिल कर लें: हालाँकि पहले से ऐसा माना जाते आ रहा है, कि सेक्स की इच्छा को बढ़ाने के लिए एक खास तरह की डाइट ही जरूरी होती है। हालाँकि, अपनी डाइट में बहुत सारे फ्रेश फ्रूट्स और वेजिटेबल्स आपको ऐसे बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट्स और न्यूट्रीएंट्स दे सकते हैं, जो आपको एक बेहतर सेक्स लाइफ देने में मदद कर सकते हैं। केले से एनर्जी बढ़ाने वाला विटामिन बी मिलता है। एवोकेडो से फॉलिक एसिड मिलता है, जो आपके ब्लड फ़्लो में मदद करता है।[१०]
- टमाटर, ब्रोकली और बेरी, ये सारे भी काफी अच्छे ऑप्शन हैं। ऐसे फ्रूट्स और वेजिटेबल्स, जो ब्राइट कलर के होते हैं, आपकी सेक्स की इच्छा में इनका सबसे बड़ा हाँथ होता है और ये आपकी ओवरऑल हैल्थ के लिए भी अच्छे होते हैं।
- ज़िंक से भरपूर फूड्स खाएँ: ज़िंक, फ़ीमेल फेटर्निटि और स्पर्म हैल्थ के लिए एक जरूरी मिनरल होता है। आप अपनी डाइट मेन ओयस्टर (oysters), पालक और लैम्ब (lamb) आदि शामिल करके, अपनी डाइट से भी ज़िंक हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा, अपनी डाइट इनटेक मेन शामिल करने लायक ज़िंक सप्लिमेंट्स या मल्टीविटामिन्स लेने के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह भी ले सकते हैं।[११]
- ज़िंक टेस्टोरेस्टेरोन (testosterone) को प्रोड्यूस करने में भी मदद करता है, जी आपके अंदर सेक्स की इच्छा जगाने में और इसे बनाए रखने में मदद करता है।
- महिलाओं को दिन भर में लगभग 8 mg तक ज़िंक का सेवन करना चाहिए। पुरुषों को इसकी ज्यादा मात्रा की जरूरत होती है और ये मात्रा उनके लिए एक दिन में 11 mg तक पहुँच जाती है।
- अल्कोहल इनटेक को कम करें: कभी-कभी ड्रिंक करना ठीक है, लेकिन हर हफ्ते बहुत ज्यादा अल्कोहल के ग्लास लेने से आपकी सेक्स की इच्छा में कमी आ सकती है। अल्कोहल ड्रिंक के बजाय, नींबू पानी जैसे, किसी दूसरे हैल्दी विकल्प को तलाशने की कोशिश करें। अल्कोहल आपका ब्लड फ़्लो कम कर देता है, जिसकी वजह से आपके लिए एक्साइटेड होना मुश्किल बन जाता है।[१२]
संपादन करेंप्रोफेशनल हेल्प की तलाश करना
- अपने डॉक्टर से बात करें: पूरे चेक-अप के लिए अपोइंटमेंट ले लें और अपनी सारी चिंताओं को पेश करने के लिए तैयार भी रहें। आपके डॉक्टर शायद आपकी पूरी जांच करेंगे और हो सकता है, कि वो आपके द्वारा बताई हुई बातों के आधार पर आपके लिए और भी कुछ दूसरे टेस्ट लेने की सलाह भी दें, जिनमें ब्लड ड्रॉ टेस्ट शामिल है। किसी तरह के साइड इफेक्ट के कारण आपकी सेक्स की इच्छा में आई कमी की जांच के लिए, वो शायद आपकी दवाइयों आदि की भी जांच कर सकते हैं।[१३]
- उदाहरण के लिए, डिप्रेशन और एंजाइटी के लिए चलने वाली दवाएं आपके हरोमोन्स और सेक्स की इच्छा पर असर डाल सकती हैं। एक जरा सी दवा भी काफी बड़े बदलाव ला सकती है।
- एंडोक्राइन (Endocrine) प्रॉब्लम्स भी होर्मोंस में बदलाव ला सकती हैं। वेस्क्यूलर डिसऑर्डर आपके सेक्सुअल ऑर्गन्स में ब्लड फ़्लो को कम कर सकता है। यहाँ तक कि सही ढ़ंग से सो न पाने की वजह से भी सेक्स की इच्छा में कमी आती है।
- ऐसी हर उस कंडीशन का इलाज करा लें, जो आपको सेक्स के दौरान दर्द देने की वजह बनती हैं: अगर आपको सेक्स के दौरान दर्द महसूस होता है, तो फिर आपके लिए जनरल टेस्ट्स कराने के लिए, डॉक्टर के साथ अपोइंटमेंट लेने का वक़्त आ चुका है। पुरुषों के लिए, दर्द UTI जैसे किसी तरह के इन्फेक्शन की ओर इशारा करता है। महिलाओं के लिए, दर्द का मतलब वेजाइनल ड्राइनेस जैसी कुछ जनरल प्रॉब्लम्स से हो सकता है। आप जब बिना किसी दर्द के इंटरकोर्स का अनुभव लेंगे, तब आपके अंदर सेक्स की इच्छा में भी बढ़त आएगी।[१४]
- सेक्स के दौरान आपको किस तरह का दर्द महसूस होता है, इसके ऊपर ध्यान देना जरूरी होता है, ताकि आप इसे अपने डॉक्टर के सामने भी डिस्क्राइब कर सकें। सोचकर देखें, की ये दर्द बहुत तीव्र, हल्का सा, काफी देर तक बना रहने वाला या फिर बहुत जल्दी खत्म होने वाला है।
- एक सेक्स थेरेपिस्ट से बात करें: ये ऐसे काउंसलिंग प्रोफेशनल होते हैं, जो सेक्स से जुड़े हुए मुद्दों से निपटने में मदद देते हैं। अपने थेरेपिस्ट के साथ एकदम खुलकर और सच्चाई से बात करें, क्योंकि उन्हें आपकी सेक्स की इच्छा को बढ़ाने की कोशिश करने के लिए आपके पिछले काम के ऊपर भी ध्यान देना होगा। उम्र बढ़ना, रिश्ते या यहाँ तक कि धर्म को भी सेक्स में दिलचस्पी कम होने की वजह माना जा सकता है।[१५]
- ऑनलाइन जाकर अपने आसपास मौजूद क्वालिफाइड सेक्सुअल एज्यूकेटर्स, काउंसलर और थेरेपिस्ट की तलाश करें।[१६]
- अपने पार्टनर के साथ में सेक्स लाइफ को बढ़ाने के लिए बुक्स का भी इस्तेमाल करें: आप और आपके पार्टनर बेडरूम में यूज किए जाने लायक कुछ नए आइडियाज की भी तलाश कर सकते हैं। बुक्स और आर्टिकल्स, आपके और आपके पार्टनर के बीच में अच्छा संबंध बनाने में भी मदद कर सकते हैं। अपने एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए, अपने पार्टनर के साथ में बुक्स शेयर करें।[१७]
- अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के लिए, ऑनलाइन जाकर बुक्स की तलाश करने की कोशिश करें। साथ ही आप इस मुद्दे से जुड़े हुए ब्लॉग्स को भी पढ़ सकते हैं।
- आपके द्वारा किए जाने वाले किसी भी बदलाव को लेकर धैर्य बरतें। आपकी सेक्स की इच्छा के उस लेवल पर वापस आने में महीनों भी लग सकते हैं, जिससे आप खुश हैं।
- ड्रग्स अब्यूज या अल्कोहल भी आपकी सेक्स की इच्छा को कम कर सकते हैं और साथ ही ये आपकी पूरी हैल्थ के ऊपर भी हानिकारक असर डाल सकते हैं। अगर आपको ऐसा लगता है, कि आपको भी सब्सटेन्स अब्यूज प्रॉब्लम है, तो फौरन अपने ट्रीटमेंट के लिए एक डॉक्टर की तलाश करें।
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January 5, 2019, 11:30 am
मुंह के आस-पास कई तरह के कारणों से डार्क स्पॉट्स हो जाते हैं | इनसे काफी परेशानी हो सकती है लेकिन भाग्यवश, इनसे छुटकारा पाना संभव है | एक बार डार्क स्पॉट्स होने के कारण डायग्नोज़ होने के बाद, आप अपने लिए सही ट्रीटमेंट चुन सकते हैं |
संपादन करेंडार्क एरिया का पता लगायें
- जानें कि आपके मुंह के चारों ओर डार्क स्पॉट्स क्यों होते हैं: ये स्पॉट्स आमतौर पर स्किन के कुछ ख़ास हिस्सों में स्किन को डार्क बनाने वाले मेलानिन के हाई अमाउंट के परिणामस्वरूप होते हैं | ये मेलानिन शरीर के अंदर और बाहर मिलने वाले ट्रिगर्स से सेट हो सकते हैं | मेलानिन की इस कंडीशन को हाइपरपिगमेंटेशन कहा जाता है | इन ट्रिगर्स में धूप, मेलास्मा और स्किन इंफ्लेमेशन शामिल हो सकते हैं |
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- सन स्पॉट्स: ये डार्क ब्राउन क्लस्टर्स सन-एक्सपोज़र एरिया में कुछ महीनों से लेकर कुछ साल में दिखाई देते हैं | अगर एक बार ये दिखाई देनें लगें तो बिना ट्रीटमेंट के ये धुंधले नहीं होते | ये पिगमेंट स्किन की सरफेस के पास स्थिर हो जाते हैं इसलिए क्रीम और स्क्रब्स से इनका ट्रीटमेंट किया जा सकता है | सन स्पॉट्स से बचने के लिए या इन्हें और खराब होने से रोकने के लिए रोज़ सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें |
- मेलास्मा (कोलास्मा): ये डस्की, सिमेट्रिकल स्पॉट्स आमतौर पर बर्थ कण्ट्रोल पिल्स के उपयोग या प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण बनते हैं | जब ये हार्मोन्स सन एक्सपोज़र के साथ जुड़ जाते हैं तब गाल, माथे और ऊपरी होंठ पर डार्क स्पॉट्स दिखाई देने लगते हैं | हाइपरपिगमेंटेशन के इस रूप को आसानी से ट्रीट किया जा सकता है |
- पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिगमेंटेशन: डार्क स्पॉट्स अधिकतर स्किन जलने, पिम्पल होने के बाद या अन्य स्किन पर खरोंच आने के कारण हो सकते हैं | ये विशेषरूप से सांवले लोगों को होते हैं लेकिन ये किसी को भी हो सकते हैं | इस केस में मेलानिन स्किन में गहराई तक चले जाते हैं और डार्क स्पॉट्स के धुंधले होने में छ से बारह महीने तक लग जाते हैं |[१]
- क्लाइमेट के बारे में विचार करें: मुंह के आस-पास की स्किन ठण्ड के मौसम में शुष्क हो जाती है | कुछ लोग मुंह के आस-पास के एरिया को अपनी लार से गीला करते रहते हैं जिसके कारण स्किन और डार्क हो सकती है | अगर आप बहुत ज्यादा देर तक धूप में रहते हैं तो आप मुंह के आस-पास के हिस्सों को बहुत ज्यादा गीला कर सकते हैं |[२]
- जानें कि स्किन के आस-पास की स्किन पतली होती है: मुंह के आस-पास की स्किन पतली होती है जिससे डिसकलरेशन, ड्राई स्किन और मुंह के चारों ओर झुर्रियां हो सकती हैं | ये प्रॉब्लम स्किन की गहराई तक नहीं होतीं इसलिए इनके लिए किसी इनवेसिव ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं पड़ती | आप स्किन एक्स्फोलीएशन के द्वारा आसानी से डिसकलरेशन से छुटकारा पा सकते हैं |
- डर्मेटोलॉजिस्ट को दिखाएँ: अगर आपको मुंह के आस-पास के डार्क स्पॉट्स के कारणों के बारे में कोई शंका हो तो डर्मेटोलॉजिस्ट को दिखाएँ, वे प्रॉब्लम को डायग्नोज़ करके उसका ट्रीटमेंट बता सकते हैं | स्किन में होने वाले बदलाव स्किन कैंसर और अन्य सीरियस डिसऑर्डर्स के आरंभिक वार्निंग साइन होते हैं इसलिए बुद्धिमान बनें और डर्मेटोलॉजिस्ट को दिखाएँ |
संपादन करेंक्रीम, स्क्रब्स और प्रिस्क्रिप्शन
- माइल्ड फेसिअल एक्स्फोलीएंट से रोज़ एक्सफोलिएट करें: एक्स्फोलीयेशन से डेड स्किन सेल्स निकल जाती हैं और समय के साथ इससे मुंह के आस-पास के डार्क एरिया भी फेड हो जाते हैं | आप केमिकल या फिजिकल एक्स्फोलीएंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं | डार्क एरियाज को ट्रीट करने के लिए केमिकल एक्स्फोलीएंट बेहतर हो सकते हैं क्योंकि ये फिजिकल एक्स्फोलीएंट की तरह स्किन को स्टीमुलेट नहीं करते और प्रॉब्लम को और बदतर नहीं बनने देते |
- आपको केमिकल एक्सफोलीएंट्स और फेसिअल स्क्रब्स कई ड्रग स्टोर्स, ग्रोसरी स्टोर्स और बाथ-एंड-बॉडी सोत्र्स पर मिल सकते हैं | इन्हें खरीदने से पहले प्रोडक्ट रिव्यु जरुर पढ़ लें | कुछ स्क्रब्स एक्ने और स्किन की अन्य कंडीशन ट्रीट करने के लिए ख़रीदे जाते हैं, इन स्क्रब्स में स्किन को डीप-क्लीन करने के लिए अधिकतर एसिड्स और केमिकल मिलाये जाते हैं |
- बाज़ार में मिलने वाली स्किन-ब्राइटनिंग क्रीम का इस्तेमाल करें: आपको ड्रग स्टोर्स और ब्यूटी स्टोर्स पर माँइश्चराइजिंग, स्किन-ब्राइटनिंग पिगमेंट वाले प्रोडक्ट्स मिल जाते हैं | ऐसी क्रीम खोजें जिसमे विटामिन C, कोजीक एसिड (विशेष प्रकार की फंगस स्पीशीज से मिलने वाला एक्सट्रेक्ट), अज़ेलैक एसिड (गेंहू, जौँ और राई में पाए जाने वाले एसिड), अर्बुटिन (इसे बेअर्बेर्री प्लांट से प्राप्त किया जाता है), लिकोरिस एक्सट्रेक्ट, नियासिनामाइड या ग्रेपसीड एक्सट्रेक्ट हों क्योंकि ये सभी टायरोसिनेज एंजाइम को ब्लाक करने में मदद करते हैं जिसका उपयोग स्किन सेल्स मेलेनिन प्रोड्यूस करने में करती हैं | अपने मुंह के आस-पास क्रीम की पतली लेयर लगायें | इन प्रोडक्ट्स पर लिखे इंस्ट्रक्शन पढ़े और इन स्किन-लाइटनिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल तीन सप्ताह से ज्यादा न करें |[३]
- कोजीक एसिड एक पोपुलर ट्रीटमेंट है लेकिन इससे सेंसिटिव स्किन को परेशानी हो सकती है इसलिए सावधानी बरतें |
- अगर आपको सीलिएक डिजीज या ग्लूटेन इन्टोलेरेंस है तो गेंहूँ से मिलने वाले अज़ेलैक एसिड के इस्तेमाल से बचें |
- एक प्रिस्क्रिप्शन क्रीम के उपयोग के बारे में विचार करें: अगर आपके स्पॉट्स नहीं जा रहे हों तो डर्मेटोलॉजिस्ट हाइड्रोकुइनोन जैसी ड्रग-बेस्ड क्रीम लिख सकते हैं | हाइड्रोकुइनोन पिगमेंट बनाने वाली सेल्स को सीमित कर देते हैं और स्किन के टायरोसिन एंजाइम के प्रोडक्शन को धीमा कर देते हैं | पिगमेंट प्रोडक्शन कम होने पर डार्क स्पॉट्स बहुत आसानी से और जल्दी गायब हो जाते हैं |
- एनिमल्स स्टडीज में देखा गया है कि हाइड्रोक़ुइनिन का सम्बन्ध कैंसर से है लेकिन यह केवल उन एनिमल्स में था जिनमे यह ड्रग खिलाई गयी या जिनमे इसे इंजेक्ट किया गया था | अधिकतर ट्रीटमेंट टॉपिकल एप्लीकेशन पर ही आकर रुक जाते हैं और किसी रिसर्च में मानवों में इनसे टोक्सिसिटी होने के कोई संकेत नहीं मिले हैं | कई डर्मेटोलॉजिस्ट इनके कैंसर से सम्बन्ध होने की बात को भी नकारते हैं |[४]
- अधिकतर पेशेंट्स में कुछ दिनों में ही इससे स्किन लाइटनिंग होने के प्रारंभिक संकेत दिखाई देते हैं जबकि कुछ लोगों में इसके प्रभाव दिखने में छह सप्ताह का समय लग जाता है | ट्रीटमेंट के बाद, पिगमेंट को और ब्राइट बनाये रखने के लिए आप इनके उपयोग की बजाय बाज़ार में मिलने वाली क्रीम लगा सकते हैं |
- लेज़र ट्रीटमेंट आज़माएँ: फ्राक्सेल जैसे लेज़र ट्रीटमेंट करवाना, स्किन की सरफेस के पास होने वाले डिसकलरेशन को ट्रीट करने के लिए एक प्रभावशाली और लम्बे समय तक साथ देने वाला उपाय है | लेकिन, लेज़र पिगमेंट का काम स्थायी नहीं होता | यह इफ़ेक्ट आपके जेनेटिक्स, UV एक्सपोज़र और आपकी स्किन केयर हैबिट्स पर निर्भर करता है | अन्य ट्रीटमेंट्स की तुलना में लेज़र काफी महंगा भी होता है |
- ग्लाइकोलिक या सैलिसिलिक एसिड पील आजमायें: स्किन की गहराई में मौजूद डैमेज सेल्स को ट्रीट करने के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट इन पील्स को सुझाव दे सकते हैं | आपकी डार्क स्पॉट्स के प्रति वंशानुगत संवेदनशीलता और उव एक्सपोज़र के आधार पर स्पॉट्स कुछ हफ़्तों से लेकर कुछ सालों में ठीक हो सकते हैं | धूप में न जाएँ, जब घर से बाहर जाएँ तब सनस्क्रीन लगायें और डार्क स्पॉट्स की शुरुआत होने पर ही उनका ट्रीटमेंट शुरू कर दें जिससे उनसे लम्बे समय के लिए छुटकारा पाया जा सके |
- लेमन जूस से स्किन को नैचुरली लाइट करें: एक छोटे बाउल में ¼ लेमन के जूस में एक बड़ी चम्मच दही या शहद मिलाएं | पोर्स ओपन करने के लिए चेहरे को गर्म पानी से धोएं | इस लेमन मिक्सचर को डार्क एरियाज पर सावधानीपूर्वक लगायें और अब इस मास्क को सूखने दें | सूखने के बाद गर्म पानी से स्किन को धोकर साफ़ करें |
- आप 2 बड़ी चम्मच लेमन जूस और चीनी में एक मेकअप पैड को भिगोकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं | इसे डार्क एरियाज पर 2 से 3 मिनट के लिए स्क्रब करें और फिर पानी से धोकर साफ़ कर लें |
- हेवियर ट्रीटमेंट कल इए, एक नीम्बू को दो भागों में काट लें और इसके रस को डार्क स्पॉट्स पर निचोड़ें | 10 मिनट के बाद धोकर साफ़ कर लें |
- लेमन के उपयोग के बाद धूप में न निकलें | इन ट्रीटमेंट्स को रात में आजमायें, जब आप UV रेज़ के सम्पर्क में नहीं आयेंगे |
- अगर आप इसका उपयोग अपने पूरे फेस पर कर रहे हों तो याद रखें कि लेमन जूस आपके पूरे कॉम्प्लेक्शन को लाइट कर देगा, न कि सिर्फ डार्क स्पॉट्स को |
- एलोवेरा का उपयोग करें: डार्क एरियाज पर एलोवेरा जेल या इसके फ्रेश एक्सट्रेक्ट को लगायें | इससे स्किन माँइश्चराइज होगी और उसे हील होने में मदद मिलेगी | अगर धूप में रहने की वजह से स्किन पर डार्क स्पॉट्स हुए हैं तो एलोवेरा काफी असरदार होता है |
- कद्दूकस खीरे में लेमन जूस मिलाएं: दोनों चीज़ों को एक समान मात्रा में मिलकर डार्क स्पॉट्स पर कवर करें | इस मिक्सचर को अपने मुंह के चारों ओर लगाएं और इसे 20 मिनट के लिए चेहरे पर लगा रहने दें | अब गर्म पानी से धोकर साफ़ कर लें | यह ट्रीटमेंट स्किन को हील करने में मदद कर सकता है |[५]
- बेसन और हल्दी के मास्क का उपयोग करें: दो बड़े चम्मच बेसन, ½ छोटी चम्मच हल्दी पाउडर और आधा कप दही मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें | इस पेस्ट को डार्क एरियाज पर लगाकर 30 मिनट तक छोड़ दें और फिर गर्म पानी से धोकर साफ़ कर लें |[६]
- ओटमील स्क्रब का उपयोग करें: एक बड़ी चम्मच ओटमील, एक छोटी चम्मच टमाटर का रस और एक छोटी चम्मच दही मिलाकर एक स्क्रब तैयार करें | इन सभी चीज़ों को अच्छी तरह से मिला लें | इस स्क्रब को स्किन पर 3 से 5 मिनट तक धीरे-धीरे मलें | अब 15 मिनट के बाद इसे धोकर साफ़ कर लें |
- कुछ मेडिकेशन, एलर्जिक रिएक्शन्स और इंजुरी के कारण भी हाइपरपिगमेंटेशन हो सकता है | अगर नयी डाइट, मेडिसिन या स्किनकेयर प्रोडक्ट के इस्तेमाल करने पर पिगमेंटेशन दिखाई दे तो डॉक्टर को दिखाएँ |
- स्किन को माँइश्चराइज करना न भूलें |
- कोमलता अपनाएं | बहुत रगड़कर स्क्रब न करें अन्यथा मुंह के आस-पास जख्म या स्कार हो सकते हैं |
- अगर आप पहली बार स्क्रब कर रहे हैं तो स्क्रबिंग से दर्द हो सकता है लेकिन धीरे-धीरे आपको इसकी आदत हो जाएगी |
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January 6, 2019, 11:30 am
वैसे तो गैस का बनना एकदम नॉर्मल होता है, लेकिन बहुत ज्यादा ब्लोटिंग (bloating) होना, डकारें आना और पेट फूलना काफी अनकम्फ़र्टेबल, दर्दभरा और हताशाजनक हो सकता है। अगर आपको काफी वक़्त से लगातार इस परेशानी का सामना होते चला आ रहा है, तो फिर जानने की कोशिश करें, कि ऐसे कौन से फूड्स (खाने की चीज़ें) हैं, जो आपके लिए परेशानी खड़ी कर रही हैं और फिर उन्हें अपनी डाइट में से कट कर दें। एक्सर्साइज़ आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को प्रेरित कर सकती हैं और खाने के बाद की हुई हल्की सी वॉक भी गैस को बनने से रोक सकती है। गैस के लिए कई तरह की दवाइयाँ भी मौजूद हैं। चूंकि ये सब अलग-अलग तरह से काम करती हैं, इसलिए आपको भी एक ऐसी दवाई को चुनना होगा, जो किसी एक खास तरह के लक्षण को ठीक करने के लिए बनी हो।[१]
संपादन करेंअपनी डाइट में बदलाव करना
- उन सभी फूड्स के ऊपर ध्यान रखने की कोशिश करें, जिनकी वजह से आपको इस तरह के लक्षण महसूस हुए हैं: अगर आपको हमेशा गैस का दर्द और ब्लोटिंग का अहसास होता है, तो फिर आपके द्वारा खाई और पी हुई हर एक चीज़ के बारे में एक लॉग बनाकर रखने कि कोशिश करें। अपने लॉग को देखें और फिर उन फूड्स को नोट कर लें, जिनकी वजह से आपको ये परेशानी होने की संभावना लग रही है। फिर इन फूड्स को अपनी डाइट में से हटाकर देखें, अगर कुछ फर्क पड़ता नजर आए।[२]
- उदाहरण के लिए, हो सकता है, कि एक बड़ा बाउल भरकर आइस क्रीम खाने के बाद आपको बहुत ज्यादा गैस बनने लगती हो और ब्लोटिंग का अहसास होने लगता हो। डेयरी प्रोडक्ट्स को कम करना या पूरी तरह से छोड़ देना, आपको आराम दिला सकता है।
- फूड्स लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करते हैं, तो एक बार ये पता लगाने की कोशिश करें, कि इस समस्या के पीछे की असली वजह क्या है। आप देखेंगे, कि गैस पैदा करने वाले जो सारे कॉमन फूड्स हैं, वही आपको भी परेशानी दे रहे हैं या फिर कुछ 1 या 2 आइटम आपके लक्षणों के पीछे की वजह हैं।
- असली वजह की तलाश करने के लिए, अपनी डाइट से एक वक़्त पर किसी एक फूड ग्रुप को कट करें: गैस बनाने वाले कुछ सबसे कॉमन फूड्स में, कठिनाई से डाइजेस्ट होने वाले कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर और लैक्टोस (lactose) के नाम शामिल हैं। एक हफ्ते के लिए अपनी डाइट से डेयरी प्रोडक्ट्स को कट कर दें और देखें अगर आपको कुछ आराम मिलता नजर आए। अगर आप अभी भी गैस महसूस कर रहे हैं, तो फिर बीन्स, ब्रोकली और गोभी को खाना अवॉइड करें।[३]
- अगर आपको अभी भी गैस लग रही है, तो फिर आपके फाइबर इनटेक को कम करके देखें। देखें, अगर होल ग्रेन्स और चोकर आदि को कम करके कोई मदद मिले।
- गम, कैंडी और सॉफ्ट ड्रिंक जैसे उन सभी आइटम्स को अवॉइड करें, जिसमें सोर्बिटोल (sorbitol) पाया जाता हो: सोर्बिटोल एक आर्टिफ़ीशियल स्वीटनर होता है, जिसकी वजह से गैस बनती है। जैसे कि, सोर्बिटोल अकेले की वजह से ही गैस बनती है, ऐसे प्रोडक्ट्स जिनमें ये पाया जाता है, उनकी वजह से और भी खतरनाक गैस की परेशानी हो सकती है।[४]
- उदाहरण के लिए, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में गैस होती है और ऐसे सॉफ्ट ड्रिंक्स, जिनमें सोर्बिटोल मौजूद होता है, वो आपके डाइजेस्टीव सिस्टम के लिए और भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं।
- हवा अंदर लेने (गुटकने) की वजह से ब्लोटिंग होती है और आप जब गम चबाते हैं और किसी हार्ड कैंडी को चूसते हैं, तब आप कहीं ज्यादा हवा अंदर ले रहे होते हैं। अगर आप सोर्बिटोल वाली किसी गम या कैंडी को चूस रहे होंगे, तो आप शायद और ज्यादा गैस महसूस करेंगे।
- ऐसे बीन्स, वेजिटेबल्स और फ्रूट्स से दूर रहें, जिन से गैस बनती है: बीन्स में और कुछ तरह के फ्रूट्स और सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जिसे डाइजेस्ट कर पाना आसान नहीं होता। जहाँ तक हो सके, तो ब्रोकली, गोभी, बंदगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट (Brussels sprouts), एप्पल, पेयर्स (pears), आलूबुखारा (prunes), और आलूबुखारा का जूस लेना कम कर दें या पूरी तरह से बंद ही कर दें।[५]
- फ्रूट्स और वेजी हमारी हैल्दी डाइट का एक बेहद जरूरी हिस्सा होती हैं, तो इन्हें लेना पूरी तरह से बंद भी न कर दें। इसकी बजाय, ऐसे विकल्प चुनें, जिन्हें डाइजेस्ट करना आसान हो, जैसे कि लैटस (lettuce), टमाटर, तुरई (zucchini) एवोकेडो, बेरीज़ और अंगूर।
- बीन्स को आसानी से डाइजेस्ट होने वाला बनाने के लिए, इन्हें पकाने से पहले, लगभग एक घंटे के लिए गरम पानी में भिगोकर रखे रहने दें। जिस पानी में इन्हें भिगोया गया था, उसे पूरा अलग करने की पुष्टि कर लें और इन्हें अब फ्रेश पानी में पकाएँ।
- अपनी डाइट में से फेटी फूड्स को अलग करने की ओर काम करें: ग्रीसी, हाइ-फेट फूड्स, जो कि बहुत धीमी गति से डाइजेस्ट होते हैं और जिनकी वजह से गैस बनती है, को अवॉइड करने की पूरी कोशिश करें। इनके उदाहरण में, रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट के फेटी कट्स और फ्राई हुए फूड्स शामिल हैं। इन्हें पॉल्ट्री, सीफूड, एग व्हाइट और आसानी से डाइजेस्ट होने वाले फ्रूट्स और सब्जियों जैसे हल्के, आसानी से डाइजेस्ट होने वाले आइटम्स से रिप्लेस कर दें।[६]
- खाने को निगलने से पहले, उसे पूरी तरह से चबाएँ: खाने के बड़े-बड़े भाग को डाइजेस्ट करने में तकलीफ होती है, इसलिए अपने खाने को तब तक चबाएँ, जब तक कि ये लिक्विड फॉर्म में न आ जाए। इसके अलावा, आप जितना ज्यादा चबाएंगे, आप उतना ही ज्यादा सलाइवा (लार) प्रोड्यूस करेंगे। सलाइवा में डाइजेस्टिव एंजाइम्स होते हैं, जो आपकी बाइट्स को ब्रेक करते हैं और आपके खाने को आसानी से डाइजेस्ट होने लायक बनाते हैं।[७]
- छोटे-छोटे बाइट्स लें, और इन्हें कम से कम 30 बार या जब तक कि आपका खाना आपको एक पेस्ट की तरह बना हुआ न लगने लग जाए, चबाएँ।
- कुछ खाते या पीते वक़्त अपना पूरा वक़्त लें: मुँह में भरकर खाना या ड्रिंक्स को जल्दी में निगलने की वजह से आपके डाइजेस्टिव सिस्टम में ज्यादा एयर चली जाती है। हवा निगल लेना, गैस बनने का एक बेहद आम कारण है, इसलिए जितना हो सके, उतना धीमे खाने और छोटे बाइट्स लेने की कोशिश करें और ड्रिंक्स को भी हल्की सिप में पीने की कोशिश करें।[८]
- इसके अलावा, खाते वक़्त बात न करें या न ही चबाते वक़्त अपना मुँह खुला रखें। अगर आप चबाते वक़्त अपने मुँह को बंद रखेंगे, तो आप बहुत काम हवा निगल रहे होंगे।
- बहुत जल्दी खाने की वजह से ओवरईटिंग (जरूरत से ज्यादा खा लेना) भी हो जाती है, जिसकी वजह से भी गैस बनने लग जाती है। भरपूर खाना, लेकिन जरूरत से ज्यादा भी नहीं खाने की पुष्टि करें।
- प्रोबायोटिक (Probiotic) फूड्स या एक सप्लिमेंट भी शामिल करें: प्रोबायोटिक्स आंतों की हेल्थ को अच्छा बनाने में मदद करती है, जिसका मतलब कि आपके डाइजेस्टिव सिस्टम में मौजूद बैक्टीरिया बैलेंस में हैं। अपनी डेली डाइट में प्रोबायोटिक फूड्स या एक प्रोबायोटिक सप्लिमेंट शामिल कर लें। प्रोबायोटिक फूड्स में ये शामिल हैं:[९]
- योगर्ट
- केफिर (Kefir)
- सौएर्क्रोट (Sauerkraut)
- मिसो सूप (Miso soup)
- किमची (Kimchi)
- अपने डाइजेशन को बेहतर बनाने के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट जरूर एक्सर्साइज़ किया करें: रेगुलर एक्सर्साइज़ से ब्लड पंपिंग होता है, आपकी कोर मसल्स इंगेज रहती हैं और ये आपकी पूरी डाइजेस्टिव हैल्थ को इंप्रूव कर सकता है। एरोबिक एक्सर्साइज़ बेस्ट ऑप्शन होते हैं, इसलिए वॉक करें, जॉग करें, दौड़ें या रोजाना साइकिल चलाएँ।[१०]
- एक्सर्साइज़ करते हुए, फिर भले आप कितना भी क्यों न हाँफ रहे हों अपनी नाक से साँस लेने की पूरी कोशिश करें। याद रखें, कि मुँह के जरिए हवा निगलने की वजह से गैस और ऐंठन की समस्या होती है।
- खाने के बाद कम से कम 10 से 15 मिनट की वॉक जरूर करें: रेगुलर एक्सर्साइज़ करना जरूरी होता है, लेकिन खाने के बाद हल्की सी वॉक करना खासतौर पर बेहद मददगार होता है। वॉक करने से आपके खाने को बड़ी आराम से आपके डाइजेस्टिव ट्रेक्ट तक भेजने में मदद मिलती है। बहुत ज्यादा हार्ड एक्सर्साइज़ की वजह से आपको मितली जैसा भी लगने लग सकता है, इसलिए अपनी आसान गति में ही बने रहें।[११]
- आपके लेटकर बिताने के वक़्त को सीमित करें: हालाँकि, लेटे रहने पर भी आपका डाइजेस्टिव सिस्टम काम करता है, लेकिन फिर भी जब आप बैठते हैं और खड़े रहते हैं, तब आपके गैस आपके सिस्टम में से और भी आसानी से पास होती है। गैस को बनने से रोकने और आराम पाने के लिए, खाना खाने के फौरन बाद लेटना अवॉइड करें। जितना हो सके, उतना हॉरिजॉन्टल पोजीशन में ही लेटने की कोशिश करें, वो भी सिर्फ तभी जब आप सोने जा रहे हों।[१२]
- आपके सोने की पोजीशन भी आपके डाइजेस्टिव सिस्टम में गैस के बनने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है। जितना हो सके उतना अपने बाँये तरफ सोने की कोशिश करें। ये आपके डाइजेशन को इंप्रूव करता है, एसिड बिल्डअप को कम करता है और आपके शरीर में से और आसानी से गैस पास करने में मदद भी करता है।[१३]
संपादन करेंगैस के लिए दवाइयाँ लेना
- पेट के ऊपरी हिस्से में होने वाले हार्टबर्न दर्द के लिए एंटासिड (antacid) लें: अगर आपको आपके पेट के ऊपरी हिस्से में या चेस्ट एरिया में दर्द या जलन महसूस हो रही है, तो आप शायद हार्टबर्न दर्द से गुजर रहे हैं। खाने के लगभग एक घंटे पहले ओवर-द-काउंटर मिलने वाली एंटासिड लेकर देखें। खाने के साथ एंटासिड लेना अवॉइड करें।[१४]
- किसी भी दवाई को उसके लेबल पर दिए हुए इन्सट्रक्शन के मुताबिक ही इस्तेमाल करें। अगर आपको किडनी या हार्ट डिसीज है, लो-सोडियम डाइट पर हैं या फिर प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन पर हैं, तो रेगुलर बेसिस पर एंटासिड लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लें।
- पेट की गैस के लिए एक फोमिंग एजेंट चुनें: सिमेथिकोन (Simethicone) एक फोमिंग एजेंट है, जिसे Alka-Seltzer, Gas-X, और Mylanta जैसी ब्रांड मेडिकेशन में पाया जाता है। अगर आपको आपके पेट के बीच के हिस्से में ब्लोटिंग या गैस वाला दर्द हो रहा है, तो ये दवाइयाँ आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती हैं। हालाँकि, इनका आंतों की गैस या दर्द और आपके पेट के निचले भाग में होने वाले दर्द पर कोई असर नहीं होता है।[१५]
- खाने के बाद और सोने जाते वक़्त या फिर लेबल पर दिए हुए इन्सट्रक्शन के मुताबिक, ऐसी दवाइयों को दिन में 2 से 4 बार लें, जिसमें सिमेथिकोन मौजूद हो।[१६]
- आंतों या पेट के निचले हिस्से की गैस के लिए एक एंजाइम मेडिकेशन लें: ऐसी बहुत सारी एंजाइम युक्त दवाइयाँ मौजूद हैं, जो शुगर को आसानी से डाइजेस्ट करने में मदद करके, आंतों की गैस से राहत दिला सकती हैं। ऐसी दवाइयाँ, जिनमें अल्फा-गेलक्टोसिडेस (alpha-galactosidase) पाया जाता है, जैसे कि Beano ब्रांड, ये आपके शरीर से गैस पैदा करने वाली बीन्स, फ्रूट्स और सब्जियों को प्रोसेस करने में मदद करता है। अगर डेयरी प्रोडक्ट्स आपको परेशानी दे रहे हैं, ऐसी डाइजेस्टिव ऐड (aid) लेकर देखें जिनमें लेक्टेस (lactase) मौजूद हो, जैसे कि लेक्टेड (Lactaid)। [१७]
- ज़्यादातर डाइजेस्टिव ऐड को आपके द्वारा पहली बाइट लेने से पहले, खाने में मिलाया जाता है। आप अगर डाइजेस्टिव ऐड यूज कर रहे हैं, तो आपके प्रोडक्ट के लेबल पर मौजूद डाइरेक्शन को फॉलो करें।
- हीट एंजाइम्स को ब्रेक कर देती है, इसलिए डाइजेस्टिव ऐड को केवल तभी मिलाएँ, जब खाना पक चुका हो।
- आंतों की गैस के लिए, एक्टिवेटेड चारकोल पिल्स लेकर देखें: आमतौर पर खाने के एक घंटे पहले और खाने के बाद इसे ग्लास भर पानी के साथ 2 से 4 टेबलेट्स लिया जाता है। वैसे तो इसके प्रभाव के ऊपर मिले-जुले सबूत मिले हैं, एक्टिवेटेड चारकोल आंतों की गैस या आपके पेट के निचले हिस्से में ब्लोटिंग में आराम देता है।[१८]
- आप अगर किसी तरह की प्रिस्क्राइब की हुई दवाइयाँ ले रहे हैं, तो एक्टिवेटेड चारकोल लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। एक्टिवेटेड चारकोल आपके शरीर की दवाइयों को एब्जोर्ब करने की क्षमता को प्रभावित करता है।[१९]
- अपने डॉक्टर के साथ प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन डिस्कस करें: आप अगर नॉनप्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशंस और डाइट में बदलाव की वजह से लगातार अपने पेट में दर्द महसूस कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से मिल आएँ। उन्हें आपके लक्षणों, डाइट और बाथरूम हैबिट्स के बारे में बताएं। आपकी खास समस्याओं के हिसाब से, वो आपको प्रिस्क्रिप्शन-स्ट्रेंथ एंटासिड, सिमेथिकोन (Simethicone) प्रोडक्ट या लैक्सेटिव (laxative) लेने की सलाह देंगे।[२०]
- डाइजेशन से जुड़ी परेशानियाँ और बाथरूम हैबिट्स के ऊपर बात करने में हिचक का अहसास जरूर हो सकता है। याद रखें, कि आपके डॉक्टर वहाँ आपकी हेल्प करने के लिए ही हैं। उनके साथ ईमानदारी से बात करने की वजह से, उन्हें आपके लिए एक बेस्ट ट्रीटमेंट प्लान बनाने में मदद मिलेगी।
- गैस के दर्द के लिए एस्पिरिन (aspirin) और आइबुप्रुफेन (ibuprofen) जैसी ओवर-द-काउंटर पेन रिलीवर्स लेने से बचें। ये दवाइयाँ आपके पेट को और भी परेशान कर सकती हैं और गैस के दर्द को और भी बदतर बना देती हैं।[२१]
- अगर आपको बहुत ज्यादा दर्द है, अचानक ही आपका वेट लॉस हुआ है, टॉइलेट (मल) में खून आया है या फिर आपको हफ्ते में 3 बोवेल (bowel) मूवमेंट्स से कम मूवमेंट्स हुए हैं, तो अपने डॉक्टर से मिल लें। दर्दभरी या पुरानी गैस, क्रोन (Crohn’s) डिसीज या इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम या आईबीएस (irritable bowel syndrome or IBS) जैसी किसी छिपी हुई बीमारी का संकेत भी हो सकती है।[२२]
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January 7, 2019, 12:30 pm
ऐसे कितने लोग हैं, जो आपको सच में साफ रहना सिखाते हैं? दुनियाभर की सारी चीजों को साफ करने के लिए, न जाने कितनी ही बुक्स मौजूद हैं, लेकिन उनमें से कोई भी क्यों आपके शरीर के बारे में बात नहीं करती? अंदर छिपी हुई गंदगी को साफ करने और इसे दोबारा आने से रोकने के लिए, आप नहाने के उचित तरीके को और हाइजीन प्रोडक्ट्स को चुनना सीख सकते हैं। खुद को अंदर से साफ रखने के साथ ही बाहर से भी साफ रखा करें।
- दोबारा बेसिक्स पर जाएँ: अच्छी तरह से साफ करने में सबसे पहले ये जानना बेहद जरूरी होता है, कि हमको किस चीज़ का सामना करना है। आपके शरीर पर यूज किए जाने लायक यहाँ ऐसे न जाने कितने ही तरह के सोल्वेंट्स, सोप्स (साबुन), क्लीनिंग एजेंट्स, स्क्रब आदि मौजूद हैं, जिन्हें आप चुन सकते हैं, लेकिन जैसे ही कोई खास परिस्थिति निकल जाए, फिर आप आपके बेसिक पर वापस आ सकते हैं। नहाते वक़्त आपको इन तीन बेसिक चीजों की जरूरत पड़ेगी। हर एक में क्लीनिंग के लिए एक अलग मेथड की जरूरत होती है।
- पहली है धूल और मिट्टी जो न जाने कहाँ से चिपक जाते हैं। यहाँ तक कि एक साफ कमरे में बैठे रहने के बाद भी, हम लोग गंदे हो जाते हैं।
- दूसरी है डेड स्किन सेल्स (मृत कोशिकाएँ) जो लगातार हमारी स्किन से उखड़ती रहती हैं।
- तीसरा है बॉडी ऑइल्स जो सिर्फ स्किन सर्फ़ेस पर नहीं, बल्कि स्किन के अंदर भी होता है।
- पहले इस बात को समझें, कि हम आखिर क्यों इतने गंदे हो जाते हैं, ताकि हम इसकी वजह को संभाल सकें: धूल, मिट्टी, मैल आदि, जो स्किन की सर्फ़ेस पर जमे होते हैं, उनके हमारे ऊपर जमने की दो वजह होती हैं। एक तो इनमें खुद ही इस तरह से चिपकने की ताकत होती है और/या ये हमारी स्किन में, एनवायरनमेंट से प्रोटेक्शन के लिए निकलने वाले ऑइल के साथ मिक्स हो जाते हैं। इसी वजह से हमारी स्किन में जमा हुई धूल धीरे-धीरे चिकनी मिट्टी की तरह लगने लगती है।
- हमारे शरीर से दो तरह के स्त्राव होते हैं - ऑइल और वॉटर (पसीना)। ये और इनके साथ में चिपकने वाली चीजों को एक ऐसे कम्पाउन्ड के साथ साफ किया जाता है, जो ऑइल्स को ब्रेक कर सकते हैं, उन्हें और ज्यादा सोल्यूबल (घुलनशील) बनाते हों और इन्हें आसानी से धो देते हों। यही काम सोप करता है।
- सेंट, क्रीम, कलर आदि एडिटिव के अलावा, यहाँ ऑइल्स को ब्रेक करना और शरीर से अलग करना ही लक्ष्य होता है। यही वो बात है, जिसे ज़्यादातर लोग धोना मानते हैं, लेकिन वो गलत हैं। आगे पढ़ते जाएँ!
- कम नहाएँ, लेकिन अच्छे से नहाएँ: आपको कितनी बार नहाने या शावर लेने की जरूरत महसूस होती है? हफ्ते में 3-4 बार से ज्यादा नहीं। जैसे कि, अभी हाल में हुई स्टडीज़ से ऐसा मालूम हुआ है, कि लगभग 60 परसेंट लोग रोजाना शावर लेते हैं, इस बात के भी कुछ सबूत मिले हैं, कि कम शावर लेने से आपके शरीर के इसके अपने नेचुरल सेल्फ-क्लींजिंग मेकेनिज़्म को और भी बेहतर ढ़ंग से बनाने में मदद मिलती है।[१] आपका शरीर जितने ज्यादा अच्छी तरह से अपने आप को साफ करता रहेगा, आप अंदर और बाहर से उतने ही ज्यादा हैल्दी और साफ बने रहेंगे।
- आप आपके बालों को जितना ज्यादा शैम्पू करेंगे, आप उतने ज्यादा ही उनके नेचुरल ऑइल्स निकालते जाएंगे, और आपका शरीर और आपके शरीर को उतनी ही बार इन नेचुरल ऑइल्स को प्रोड्यूस करना पड़ेगा। अगर आप खुद को शावर ब्रेक्स देंगे, तो आप खुद को इस वक़्त के दौरान कम ग्रीसी, ऑइली या बदबूदार होता पाएंगे।
- कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में ज्यादा रेगुलरली शावर लेने की जरूरत होती है। जैसे कि, अगर आपको रोजाना पसीना आता है या आपकी स्किन बहुत ज्यादा ऑइली है, तो आपको रोजाना दिन में दो बार शावर लेना होगा और अच्छी तरह से एक मॉइस्चराइज़र भी यूज करना होगा। हर किसी की बॉडी अलग होती है।
- एक अच्छा सोप (साबुन) चुनें: किस तरह का सोप? आप जब एक सोप चुनते हैं, तब ऐसी तीन चीज़ें होती हैं, जिनके ऊपर ध्यान देना होता है। एक अच्छे सोप को मिट्टी हटाना चाहिए, ऑइल और ग्रीस को हटाना चाहिए और इसे पूरी तरह से साफ भी हो जाना चाहिए। इस मकसद के लिए बेसिक डव या आइवरी (Ivory) बार सोप से लेकर हैंडमेड ओर्गेनिक सोप तक ऐसे न जाने कितने ही साबुन हैं, जो सही ढ़ंग से काम करेंगे।
- कुछ सोप्स अपने पीछे ज्यादा या कम अवशेष छोड़ा करते हैं। इसे जानने का बेहद आसान तरीका ये है, कि एक क्लियर ग्लास पेन, ड्रिंकिंग ग्लास, कटोरा, डिश आदि (जो एकदम क्रिस्टल क्लियर हों) लें और इसके अंदर पूरे भाग में कोल्ड ग्रीस (फैट, ऑइल आदि) की जरा सी मात्रा लगा दें। इसे ठंडे पानी से धो लें। अब सोप बार/ लिक्विड सोप को ग्रीस के एक हिस्से के ऊपर अच्छी तरह से लगाएँ। इसे घिसे या सुखाए बिना, साफ पानी से धो लें। हवा में सूखने दें। ग्लास में से देखें और ग्रीस के बिना धुले हिस्से को सोप से धुले हुए हिस्से के साथ कंपेयर करें। एक बेकार सोप ग्रीस के सामने एक क्लाउडी फिनिश छोड़ देगा। आए अच्छा सोप एक क्लियर फिनिश देगा। सोप के द्वारा ग्लास के ऊपर जो भी छोड़ा गया होगा, वही आपकी स्किन पर भी छूटने वाला है।
- सूखी और बेजान स्किन वाले लोगों को मेडिकेटेड शैम्पू और सोप्स इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है, वहीं दूसरे लोग अच्छी हैल्थ के लिए नेचुरल और ओर्गेनिक इंग्रेडिएंट्स को चुनते हैं।
- डेड स्किन से छुटकारा पाने के लिए काम करें: डेड स्किन ही ज़्यादातर बदबू पैदा करने की वजह होती है। बदबू को खत्म करने वाले एंटीबैक्टीरियल एजेंट्स की एड्वर्टाइज़िंग के अलावा, ऐसा बहुत कम ही होता है, कि एक अच्छी क्लीन हाइजीन अपना काम न दिखाए। अपने हाइ स्कूल जिम के बारे में सोचें। अंदर जाते ही आपको आने वाली वो एक अलग सी महक याद है? ये लॉकर्स में पड़े हुए कपड़ों पर जमा हुए खमीर, डीके (क्षय), स्किन और ऑइल से आ रही होती है। डेड चीजों (स्किन सेल्स) के साथ नमी वाला वातावरण बैक्टीरियल ग्रोथ और डीके के लिए एक बेहद अच्छा माहौल होता है।
- एक एक्सफोलिएंट स्क्रब या लूफा (loofah) यूज करने का सोचें। एक्सफोलिएंट प्रोडक्ट्स में आमतौर पर अखरोट की शेल, शुगर या ऐसे ही और दूसरे दानेदार इंग्रेडिएंट्स होते हैं, जो आपके शरीर से डेड स्किन सेल्स को निकालने में मदद कर सकते हैं। ये आमतौर पर बॉडी वॉश फॉर्म में या एक बार सोप फॉर्म में पाये जाते हैं। लूफा स्क्रब्स एक तरह के टेक्सचर्ड वॉश क्लोथ की तरह होते हैं, जिन्हें आपके शरीर से डेड स्किन सेल्स निकालने के लिए यूज किया जाता है। ये बैक्टीरिया इकट्ठा करने वाले भी होते हैं, इसलिए इन्हें यूज करने से पहले अच्छी तरह से धोना और रेगुलरली इन्हें बदलते रहना भी बेहद जरूरी होता है।
- आप चाहें तो अपना खुद का एक्सफोलिएंट स्क्रब बनाना या एक बेसिक शुगर स्क्रब बनाना भी सीख सकते हैं। इसके लिए न जाने कितनी ही तरह की अलग-अलग रेसेपी मौजूद हैं, लेकिन इसके बेसिक वर्जन में, टूथपेस्ट की कंसिस्टेंसी पाने के लिए दो टेबलस्पून शुगर को भरपूर ऑलिव ऑइल और शहद के साथ मिलाया जाना शामिल है।
- पानी के टेम्परेचर पर ध्यान दें: चूंकि ठंडे पानी से शावर लेने और नहाने से, ये आपकी स्किन में अंदर तक जमा हुए ऑइल को छू भी नहीं पाता है, इसलिए डीप क्लीन करने के लिए, हॉट शावर या बाथ लिया करें। आपके पोर्स (रोमछिद्रों) में फँसे हुए पदार्थों को बाहर निकालने के लिए, आपको उन्हें खोलना पड़ेगा। आपके पोर्स के अंदर बैक्टीरिया भी पनप सकता है। ऑइल जमा होने की वजह से मुहांसों से लेकर स्किन को खाने वाली बीमारी की वजह से मौत तक का खतरा बना रहता है। हीट अपने पोर्स को खोलने का सबसे आसान तरीका है। क्योंकि एक्सर्साइज़ करने से भी स्वेट (पसीने वाली) ग्लैंड्स और ऑइल पोर्स के ऊपर असर पड़ता है, इसलिए ये भी इसे कर सकती है, लेकिन हीट खुद भी काफी असरदार होती है। वैसे तो अच्छे से नहाना भी ठीक रहता है, लेकिन जल्दी से एक हॉट शावर लेना काफी अच्छा रहता है। बस इतना पक्का कर लें, कि इससे आपको पसीना आ रहा है और आपके पोर्स खुल रहे हैं, जो उनमें मौजूद कंटेंट्स को बाहर निकालने में मदद कर रहे हों।
- बहुत ज्यादा भी हॉट पानी का यूज न करें, खासकर अगर आपकी स्किन ड्राइ हो। शावर लेने का बेस्ट टेम्परेचर क्या होता है? ये आपके द्वारा सोचे हुए से जरा कम हो सकता है।[२] बहुत ज्यादा गरम पानी, जिसका टेम्परेचर 120 डिग्रीज F (49 C) से ज्यादा हो, उसकी वजह से आपकी स्किन ड्राइ हो सकती है और आपको लॉन्ग-टर्म स्किन प्रॉब्लम्स तक हो सकती हैं। इसकी जगह पर, ऐसे पानी का यूज करें, जो छूने में गरम, लेकिन जलाने लायक गरम न हो। पानी के टेम्परेचर को आपके बॉडी टेम्परेचर के हिसाब से सेट करने की वजह से, आपकी स्किन में मौजूद पोर्स को खोलने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है। आपको एकदम जलने जैसा भी फील नहीं करना चाहिए, लेकिन एक हीट का अहसास जरूर करना है और उन पोर्स को साफ करने के लिए पसीना आना शुरू हो जाना चाहिए।
- गरम पानी से नहाने के बाद, नल से निकलने वाले ठंडे पानी से एक या दो मिनट तक ठंडा होकर, नहाने की प्रक्रिया को समाप्त करें। ये आपकी स्किन को टाइट करने में और पोर्स को फिर से बंद करने में मदद करता है, जो इन्हें उस गंदगी और मिट्टी के कणों को इकट्ठा करने से रोककर रखेगा, जिन्हें आपने अभी शावर करके निकाला है।
- अपने शरीर के फोल्ड्स (मोड़) और गड्ढों आदि को साफ करें: एक ऐसे रफ स्पंज या कपड़े से अपनी स्किन को स्क्रब करें, जो स्किन की डेड और मृत हो रही कोशिकाओं को निकालने में मदद करते हों। हर एक जगह पर दो बार स्क्रब जरूर करें, एक बार सोप से क्लीन करते वक़्त और दूसरी बार आखिर में धोते वक़्त। अंडरआर्म्स, कान के पीछे का हिस्सा, आपकी जॉ लाइन और चिन (ठुड्डी) के नीचे के हिस्सा और आपके घुटने के पीछे के हिस्से और आपके पैरों के बीच के गेप को टार्गेट करने की कोशिश करें। बदबू फैलाने वाले ज़्यादातर बैक्टीरिया इन्हीं हिस्सों पर पनपते हैं। ऐसा स्किन की लेयर्स में पसीने के फँसने या अटकने की वजह से होता है। नहाते वक़्त हर बार इन हिस्सों को जरूर धोया करें।
- अपने बटक्स (buttocks) और अपने ग्रोइन (groin) को भी धोएँ, फिर अच्छी तरह से धोने की पुष्टि कर लें। इन हिस्सों में अटका हुआ साबुन, इरिटेशन पैदा कर सकता है।
- साथ ही कपड़े पहनने से पहले, जब आप हॉट क्लीनिंग की वजह से पसीना छोड़ना बंद कर दें, तब खुद को पूरी तरह से सूखा लेने के ऊपर भी ध्यान दें। अगर आपने अच्छी तरह से क्लीनिंग की है, तो आपके कपड़ों में जमा हुई नमी की वजह से न के बराबर या जरा सी महक आएगी। क्योंकि आप लगातार डेड स्किन सेल्स को हटा रहे हैं, लेकिन अगर आपने क्लीनिंग को अच्छे से खत्म नहीं किया है, तो ये आपके कपड़े में भी छूटने लगेंगी और आपको शर्म का अहसास दिलाएँगी।
- शावर लेने से पहले अपने चेहरे को स्टीम (भाप) दें: कुछ लोगों को स्टीम से डिटोक्सिफ़ाई करना अच्छा लगता है और इस वजह से वो बहुत हॉट शावर भी लेते हैं। ये आपके पोर्स को खोलने का और आपके शरीर से पसीना निकालने का एक बहुत अच्छा तरीका हो सकता है। हालांकि, इसे नहाने के बजाय, एक अलग नियम की तरह ट्रीट करें।
- अपने चेहरे को एक हॉट टॉवल से और पेपरमिंट या टी-ट्री एसेंशियल ऑइल की एक या दो ड्रॉप के साथ स्टीम देते हुए शावर की शुरुआत करें। ये अपनी स्किन को शावर से डैमेज किए बिना, आपके पोर्स को खोलने का और टॉक्सिन को रिलीज करने का एक बहुत अच्छा तरीका हो सकता है।
- हफ्ते में 3-4 बार अपने बालों को शैम्पू और कंडीशनर करें: अपने बालों को पूरा गीला कर लें और अपनी हथेली पर शैम्पू का क्वार्टर-साइज़ हिस्सा लेकर, इसे अप्लाई करें। अपने हाँथों को अपने बालों के ऊपर, शैम्पू लगाते हुए और इसे 1-2 मिनट के लिए स्कैल्प पर मसाज करते हुए अच्छे से रब करें। शैम्पू को अपने कान के पीछे मौजूद बालों पर, जो ज़्यादातर ऑइल को इकट्ठा किया करते हैं, जरूर लगाएँ। फिर इसके बाद शैम्पू के फ़ोम को अपने पीछे के बालों पर ले जाने और फिर अपने बालों के टिप्स पर लगाने की पुष्टि करें।
- अपने बालों की लटों में से उंगली घुमाते हुए, पानी से शैम्पू को पूरी तरह से साफ कर लें। अगर आपके बाल अभी भी चिकने हैं, तो इसका मतलब कि शैम्पू अच्छी तरह से नहीं निकला है और ये अगले 24 घंटों में फिर से ग्रीसी हो जाएंगे। अपने बालों को मजबूती देने के लिए, कंडीशनर के लिए भी इसी प्रोसेस को रिपीट करें। इसे पूरी तरह से धो लें।
- खुद को पूरी तरह से सुखा लें: शावर लेने के बाद, अपने शरीर को एक साफ, सूखे टॉवल से सुखा लें। आपकी स्किन पर जमा हुआ पानी, इरिटेशन और चिड़चिड़ापन पैदा कर सकता है। नहाने के बाद, जितना जल्दी हो सके, खुद को सुखाने की कोशिश करें। 'नीचे दी हुई #5 सलाह देखें।
- अपनी टॉवल को रेगुलरली साफ किया करें: नहाने के बाद हर बार यूज की जाने वाली टॉवल का क्या? गंदी होने से पहले इसे कितनी बार यूज किया जाता है? ये उन डेड सेल्स और ऑइल्स को इकट्ठा कर लेती है, जो अच्छी तरह से सफाई न किए जाने की वजह से जमा हो जाते हैं। इसके साथ निपटने के लिए, एक अच्छे स्पंज, वॉशक्लोथ या इसी तरह के किसी आइटम के साथ अच्छी स्क्रबिंग करना होता है। इसका असल उद्देश्य, टॉवल को यूज करने से पहले ज्यादा से ज्यादा लूज और डाइंग और डेड स्किन सेल्स को साफ करना होता है।
- अपने शरीर को ज्यादा से ज्यादा साफ रखने के लिए, अपनी टॉवल को रेगुलरली धोना और इसे सूखने के लिए अच्छी तरह से रखा जाना भी बेहद जरूरी होता है। आप अगर अच्छी तरह से सफाई नहीं करते हैं, तो आपको हर 2-3 बार यूज करने के बाद अपनी टॉवल को धोना चाहिए। नीचे दी हुई #3 सलाह देखें।
- गीली टॉवल को कभी भी बाथरूम के फ्लोर पर न पड़ा रहने दें, नहीं तो ये बहुत जल्दी नमी सोख लेगी और गंदी भी हो जाएगी। इसे सही तरह से लटकाना और पूरी तरह से सुखाना भी बेहद जरूरी होता है।
- आमतौर पर मिलने वाले डियोडरेंट की बजाय, मिनरल डियोडरेंट यूज करके देखें: ओर्गेनिक रॉक साल्ट डियोडरेंट्स बैक्टीरिया को मार सकते हैं और ये आपकी लिम्फ़ नोड्स को भी साफ करने में मदद करते हैं। जेबी आप पहली बार मिनरल डियोडरेंट यूज करना शुरू करते हैं, तब 1 या दो हफ्ते तक आपको एक स्ट्रॉंग ओडर (बदबू) का अहसास होगा, लेकिन चूंकि इसका मतलब ये है, कि ये आपके पुराने डियोडरेंट को यूज करने से बने हुए बैक्टीरिया को डिटोक्स कर रहा है, इसलिए आप हार न मान लें।
- शरीर के द्वारा टॉक्सिन्स को बाहर निकालने की वजह से बनने वाली महक को काबू में करने के लिए, लैवेंडर, रोज़ (गुलाब), लेमन या प्योरिफिकेशन ब्लेन्ड जैसे थेरोपेडिक-ग्रेड एसेंशियल ऑइल्स (यंग लिविंग या डोटेरा) पाएँ, महक को कम करने के लिए इनमें से ज़्यादातर को सीधे आर्मपिट पर लगाया जा सकता है।
- एंटीपर्स्पिरेंट्स (antiperspirant) या प्रतिस्वेदक से दूर रहें: हालांकि हम लोगों ने ही ये ट्रेंड चला दिया है, कि लोगों के बीच पसीना आना ठीक नहीं है और अनअट्रेक्टिव होता है, अपनी आर्मपिट में पसीने को आने से रोककर आप जानबूझकर अपने शरीर में लिम्फ़ बनने दे रहे होते हैं। हमारे शरीर में, पूरे सिस्टम में काफी सारे लिम्फ़ नोड्स मौजूद होते हैं, और जो कई तरीकों से मदद भी करते हैं, जिसमें हमारे इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉंग करना, टॉक्सिन्स को बाहर निकालना और यहाँ तक कि बदबू को खत्म करना भी शामिल है।
- अपनी स्किन को मॉइस्चराइज करें: हर बार नहाने या शावर लेने के बाद, आपकी स्किन को हैल्दी बनाए रखने के लिए आपको मॉइस्चराइजर लगाना होगा। फिर भले आपकी स्किन ऑइली ही क्यों न हो, फिर भी आपको आपकी स्किन को हाइड्रेटेड बनाए रखने के लिए रेगुलरली मॉइस्चराइजर यूज करना ही पड़ेगा। कमर्शियल मॉइस्चराइजर में आमतौर पर लिपिड्स और ऐसे ही दूसरे कम्पाउंड्स का कोंबिनेशन मौजूद होता है, जिन्हें आपकी बॉडी रेगुलरली जनरेट करती है। एक वॉटर-बेस्ड मॉइस्चराइजर की तलाश करें।
- आपके पैरों की एड़ियाँ, आपकी कोहनी और आपके घुटने जैसे समस्याग्रस्त हिस्सों को पहचानें और हर रात को सोने के लिए बेड पर जाते वक़्त इन हिस्सों पर मॉइस्चराइजर जरूर लगाएँ। ये आपकी स्किन को सॉफ्ट करने में और इसकी पूरी हैल्थ में सुधार करने में मदद करेगा।
- रेगुलर फेस पेक्स या मास्क्स को यूज करके देखें: पेक्स और मास्क्स जैसे फेशियल ट्रीटमेंट्स को पूरे हफ्ते में आपके फेस की स्किन को साफ करने और इसे टाइट करने के लिए यूज किया जा सकता है। ऐसी न जाने कितने ही तरह की नेचुरल रेमेडीज़ और इंग्रेडिएंट्स मौजूद हैं, जिन्हें एक अच्छे फेस पेक के लिए यूज किया जा सकता है। इन्हें अपनाकर देखें:
- प्लेन हनी (शहद), बेसन फ्लोर, ग्रीन टी और पपाया (पपीता), मैंगो (आम), ऑरेंज (संतरा), स्वीट लाइम्स (मौसम्मी) जैसे फ्रेश फ्रूट्स को यूज करें।
- आप चाहें तो स्टोर से भी एक फेस पेक या मिक्स्चर को खरीद सकते हैं। उसमें इस्तेमाल हुए इंग्रेडिएंट्स को देख लें, ताकि बाद में आप भी उन्हीं का यूज करके अपने लिए एक फेस पेक तैयार कर सकें।
- ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करके देखें, जिनमें नेचुरल और ओर्गेनिक इंग्रेडिएंट्स शामिल हों: बॉडी वॉश, शैम्पू, कंडीशनर, फेशियल क्लींजर्स, डियोडरेंट्स और यहाँ तक कि मेकअप और हेयरस्प्रे भी हैल्दी बॉडी को बढ़ावा देते हैं। जब आप अपने ऊपर ऐसे प्रोडक्ट्स यूज करते हैं, जिनमें भर-भर के टॉक्सिन्स और कठोर केमिकल्स मौजूद होते हैं, तो ये आपकी हैल्थ को और आपके शरीर की खुद को हैल्दी बनाए रखने की क्षमता को प्रभावित करती है।
- ऐसे शैम्पू, कंडीशंर्स या बॉडी वॉश को यूज करने से बचें, जिनमें प्रोपिलीन ग्लाइकोल (propylene glycol), सोडियम लॉरेल (या लौरेथ) सल्फेट मौजूद हो। ये कम्पाउंड्स हेयर लॉस, ड्राइ हेयर, बिल्ड-अप, खुजली, ड्राइ-स्किन और कभी-कभी एलर्जिक रिएक्शन जैसी समस्याओं की वजह भी बनते हैं।
- घरेलू विकल्प (होम अल्टर्नेटिव्स) यूज करने का विचार करें। कुछ लोगों के लिए, डीप क्लीनिंग का मतलब कमर्शियल प्रोडक्ट्स को पूरी तरह से अवॉइड करना और अपने शरीर को जेंटल होम रेमेडीज़ से क्लीन करना होता है। शैम्पू की जगह पर, आप बेकिंग सोडा, एप्पल साइडर विनिगर और गरम पानी भी यूज कर सकते हैं। अगर आप होम रेमेडीज़ सीखने में रुचि लेते हैं, तो विकिहाउ पर मौजूद इन लेखों के ऊपर खोज करें:
- अंदर के साथ-साथ बाहर से भी साफ रहें: आप अगर अंदर और बाहर दोनों ही तरह से साफ रहना चाहते हैं, तो इसके लिए अच्छा खाना और हाइड्रेटेड रहना बेहद जरूरी बन जाता है। आपकी डाइट का आपकी हैल्थ पर और आपकी स्किन पर सीधा असर पड़ता है, जिसका मतलब कि अच्छे न्यूट्रीशन लेना, अच्छी सफाई के नियम का एक जरूरी हिस्सा होता है।
- जब आप वजन कम करने के लिए डाइट करते हैं, तब आप कुछ बेहद जरूरी इंग्रेडिएंट्स को मिस कर जाते हैं, तो इसलिए खुद को भूखा न रखें और न ही अपनी डाइट से कार्ब्स और फैट्स को पूरी तरह से कट कर दें।
- अपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा को बढ़ाने की कोशिश करें। रोजाना ग्रीन टी पिया करें और टमाटर खाया करें। हर सुबह, खाली पेट तुलसी की पत्तियाँ या भीगे हुई मेथी के दाने खाएँ, जो कि बेहद कॉमन नेचुरल डेटोक्स रेमेडी हैं।
- हफ्ते में एक या दो बार एक्सफोलिएट करना, डेड स्किन सेल्स और ऑइल बगैरह को निकालने का अच्छा तरीका है।
- अपने शरीर को ठंडे पानी से धोने के बजाय, गरम पानी से धोना एक अच्छा विचार हो सकता है, लेकिन अपने बालों को धोने के लिए ठंडे पानी का यूज ही किया करें, क्योंकि ठंडा पानी आपके बालों के क्यूटिकल्स को सीधे कर देता है, जो आपके बालों को सिल्की और शाइनी (चमकदार) लुक देते हैं।
- आप कितने अच्छे से कर रहे हैं, के ऊपर चेक करें। आपकी टॉवल में सूंघने पर लॉकर रूम जैसी बदबू आने में कितने दिन लगते हैं? इसमें अगर बहुत कम दिन ही लग रहे हैं, तो फिर आपको और भी ज्यादा अच्छे से कोशिश करने की जरूरत है। अगर ये महीने भर चल रही है, तो आप इसे सही तरह से कर रहे हैं। आमतौर पर, इसमें किसी भी तरह की बदबू के बनने से पहले, 2 से 3 हफ्तों के अंदर हफ्ते में 3 से 4 बार नॉर्मल होता है।
- स्किन प्रॉब्लम्स को ठीक करने के लिए मेडिकेटेड प्रोडक्ट्स यूज करें। ऐसा नहीं है, कि सारे प्रोडक्ट्स, सभी टाइप की स्किन के लिए सही ही हों। बहुत ज्यादा सेंसिटिव स्किन, शायद पूरे-नेचुरल पेपेरमिंट ऑइल सोप्स के ऊपर सही रिस्पोंड न करे, वहीं बहुत ज्यादा ड्राइ या खुजली वाली स्किन ओटमील-बेस्ड बॉडी वॉश के ऊपर अच्छी तरह से रिस्पोंड कर सकती हैं, जो कि स्किन को आराम पहुंचाती हैं। आपकी किसी खास परेशानी के लिए यूज किए जाने लायक प्रोडक्ट्स और तरीकों के बारे में एक डर्मेटोलोजिस्ट से बात करें।
- फेन या ब्लोवर का कूल पर इस्तेमाल, आपके शरीर को सुखाने का और इसे ठंडा करने का एक बेहतरीन तरीका हो सकता है। आप अगर स्टीम वाले हॉट रूम से बाहर इसे कर सकते हैं, तो ये और भी बेहतर रहेगा!
- खुजली पर और किसी दूसरी तरह की चोट पर स्क्रब करने की वजह से और भी परेशानी खड़ी हो सकती हैं। किसी घाव के आसपास की सफाई बेहद जरूरी होता है। खुजली खुद ही प्रोटेक्टिव कोगुलेंट (coagulant) बॉडी लिक्विड का और नई और मुलायम स्किन सेल्स का कोंबिनेशन होता है। घाव के पूरे तरह से भरने से पहले, खुजली को स्क्रब नहीं किया जाना चाहिए। रब करने के बजाय, दबाते हुए और रिलीज करते हुए स्पंज करना, लूज मेटर्स को निकालने का और मुलायम स्किन सेल्स को बनाए रखने का एक काफी प्रभावी तरीका होता है। अगर आपके मन में किसी तरह की कोई चिंता हो, तो तो अपने फिजीशियन से पूछ लें, लेकिन एक माइल्ड और कोमल स्पर्श वाले जेंटल सोप का यूज करना भी पर्याप्त और सेफ होता है।
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January 10, 2019, 12:30 pm
न्यूमेरोलोजी के अनुसार, आपके नाम का आंकिक मूल्य आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक क्षेत्र को प्रभावित करता है। यह विकिहाऊ आपको सिखाएगा कि न्यूमेरोलोजी के अनुसार अपने नामांक की गणना कैसे की जाए। (Calculate Your Name Number in Numerology, Apne Naam Ka Number Jaane)
संपादन करेंअपने नाम के लेटर्स के लिए नंबर डिसाइड करना
- ’A’ से ‘Z’ तक सभी लेटर्स लिख डालिए: एक काग़ज़ पर, सभी 26 लेटर एक लाइन में लिख डालिए। हर एक लेटर क ो एक अलग संख्यात्मक मूल्य दिया जाएगा। आप लेटर्स को एक के नीचे एक लाइन में भी लिख सकते हैं; बशर्ते कि वे एक क्रम में लिखे जाएँ और आप उन्हें किसी भी दिशा से चुन सकें।
- हर एक लेटर को 1 से 9 तक एक नंबर आवंटित कर दीजिये: लेटर A से शुरुआत करिए। उसके सामने लिखिए ‘1’ और आंकिक क्रम में जाते हुये हर अगले लेटर को अगला नंबर आवंटित करते जाइए। जैसे कि B को मिलेगा 2, और C को 3। जब आप I पर ‘9’ तक पहुँच जाएँ, लेटर्स पर आगे बढ़ते हुये फिर से 1 से शुरू करिए।[१]
- कुछ सोर्स केवल 1 से 8 तक के नंबर इस्तेमाल करते हैं, मगर चूंकि 9 न्यूमेरोलोजी नामांक होते हैं, इसलिए लेटर्स को नंबर आवंटित करते समय सभी 9 नंबर इस्तेमाल करिए।
- इस प्रक्रिया को संक्षेप में ऐसे लिख सकते हैं:
- 1– A, J, S
- 2– B, K, T
- 3– C, L, U
- 4– D, M, V
- 5– E, N, W
- 6– F, O, X
- 7– G, P, Y
- 8– H, Q, Z
- 9– I, R
- अपना पूरा नाम लिखिए: अपना वास्तविक नामांक जानने के लिए, आपको अपने पूरे नाम का इस्तेमाल करना होगा। आप अपना पूरा नाम अपने जन्म प्रमाण पत्र (birth certificate) या किसी आधिकारिक पहचान डॉकयुमेंट (official identification document) पर पा सकते हैं। अगर आपका मिडिल नेम भी हो, तब उसे भी शामिल करना मत भूलिएगा।
- यदि आपका ऐसा नाम हो जो परिवार से चलता आया हो, जैसे स्मिथ 2, या आपका कोई खास प्रीफ़िक्स (prefix) या सफ़िक्स (suffix) हो, तब इसे भी शामिल करिए बशर्ते कि वह आपके आधिकारिक नाम का हिस्सा हो।
- अगर आपने वैधानिक रूप से अपना नाम बदला हो, तब उसका ही इस्तेमाल करिए, क्योंकि अब आपकी पहचान यही नाम है।
- आप उपनाम का इस्तेमाल कर सकते हैं, मगर वे उतने सही परिणाम नहीं देंगे।
- अपने नाम के प्रत्येक अक्षर का कोरेस्पोंडिंग नंबर (corresponding number) देखिये: अब चूंकि हर एक लेटर की एक नंबर वैल्यू है, आप अपने नाम के लेटर्स के साथ नंबर लिखना शुरू कर सकते हैं। अपने नाम के नीचे, प्रत्येक लेटर के साथ वाला नंबर लिखिए।
- कुछ दोहराए जाएँगे, मगर उससे कोई परेशानी नहीं होगी।
- जैसे कि, आपका नाम है जॉन जैकब स्मिथ (John Jacob Smith) तब सभी J के लिए होगा 1, O के लिए होगा 6, H के लिए 8, वगैरह।
- सभी लेटर्स के नंबर्स को जोड़िए: कैलकुलेटर से या पेंसिल-काग़ज़ पर अपने नाम के सभी नंबर्स को जोड़िए। अगर आपके नाम में 20 लेटर हैं, तब आप 20 अलग अलग नंबर्स को जोड़ेंगे। सबको साथ जोड़ने के बाद आपके पास दो नंबर्स की एक संख्या होगी।
- जैसे कि BATMAN में हैं नंबर 2+1+2+4+1+5, जो होगा 15 ।
- आपने नाम की संख्या को एक नंबर में ले आइये: जब आप सभी नंबर्स को जोड़ चुकेंगे, तब उनका योग, आपके पास दो या अगर आपका नाम लंबा होगा तब तीन नंबर्स की एक संख्या होगी। इस योग को छोटा करने के लिए, इस संख्या के नंबर्स को जोड़िए। जैसे कि, यदि आपके नाम के अक्षरों का योग 25 है, तब इसके दोनों नंबर्स अर्थात 2 और 5 को जोड़ लीजिये, 2+5 जो कि होगा 7। आपके वास्तविक नाम का नंबर होगा 7।[२]
- मास्टर संख्याओं को दो नंबर्स में ही रहने दीजिये: अगर अपने नाम के लेटर्स को जोड़ कर उनका योग 11, 22 या 33 पाते हैं तब उन्हें छोटा मत करिए। ये तीन मास्टर संख्याएँ हैं, जो बढ़ा सकती हैं परेशानी मगर साथ ही गहराई उस व्यक्तित्व की जिसकी आप खोज-बीन कर रहे हैं या न्यूमेरोलोजी विषय की जो आप पढ़ रहे हैं। इन तीन संख्याओं की व्यक्तित्व संबंधी अपनी व्याख्याएँ हैं।[३]
- मास्टर संख्याओं को केवल कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में छोटा किया जा सकता है। इन्हें तब छोटा कर सकते हैं जब इन्हें तिथि या संख्या समीकरण में पाया जाता है।
- जैसे कि, यदि पूर्ण योग मास्टर संख्या हो तब उसे मत घटाइए। परंतु यदि समीकरण में मास्टर संख्या हो तब उसे छोटा कर दीजिये मतलब 11 हो जाएगा 2, या 33 हो जाएगा 6 और तब समीकरण का सरलीकरण करिए।[४]
संपादन करेंअपने व्यक्तित्व का प्रकार पहचानिए
- अपने नामांक को न्यूमेरोलोजी की मूलसंख्याओं से मैच कराइए: जब आपको अपना नामांक मिल जाये, आप अपने बारे में और अधिक जानने के लिए न्यूमेरोलोजी चार्ट में वह संख्या देखिये। चाहे आपका नाम जानबूझ कर न्यूमेरोलोजी परिणाम को ध्यान में रख कर रखा गया हो, या आपका नाम अनायास ही रखा गया हो, संख्या संकेत शायद आपको अपने व्यक्तित्व के बारे में कुछ अन्तर्ज्ञान दे सकता है।[५]
- कुछ स्त्रोतों में दिये गए विवरणों में मामूली अंतर हो सकता है, मगर सब मिला कर आम बातें समान ही हैं:
- 1 – आगे बढ़ कर काम शुरू करने वाला, पायोनियरिंग (pioneering), अग्रणी, स्वतंत्र, प्राप्त करने वाला, व्यक्तिपरक
- 2 – सहयोग, अनुकूलन, दूसरों के प्रति विचारवान, साझेदारी करने वाला, मध्यस्थता करने वाला
- 3 – अभिव्यक्ति करने वाला, वक्ता, सामाजिकता, कलायेँ, जीवन की खुशी
- 4 – आधारभूत मूल्य, नियमित, सीमाओं से संघर्ष, निरंतर प्रगति
- 5 – बड़े दिल वाला, दूरदर्शी, साहसिकता, स्वतंत्रता के रचनात्मक उपयोग
- 6 – जिम्मेदार, संरक्षक, पोषक, सामुदायिक, संतुलित, सहानुभूति
- 7 – विश्लेषण, समझदारी, ज्ञान, समाझ-बूझ, पढ़ाकू, विचारक
- 8 – व्यावहारिक प्रयास, स्टेटस (status) उन्मुख, सत्ता की इच्छा, उच्च भौतिक लक्ष्य
- 9 – मानवीय, दाता पृवृत्ति, निःस्वार्थता, दायित्व स्वीकारना, रचनात्मक अभिव्यक्ति देना
- 11 – उच्च आध्यात्मिक स्तर, अंतर्ज्ञानी, चमक, आदर्शवादी, एक सपने देखने वाला
- 22 – उच्च कोटि का निर्माता, बड़े प्रयास, प्रभावशाली शक्ति, नेतृत्व
- अपनी आत्मा, नियति और व्यक्तित्व का नामांक पाइये: नामांकों के दूसरे नाम भी होते हैं जैसे जीवन पथ अंक। कुछ और भी रूपांतर हैं जो आपकी अंदरूनी आत्मिक इच्छाओं और अचेतन सपनों को दिखा सकते हैं।
- आपका आत्मिक अंक आपकी पसंद नापसंद और भीतरी इच्छाएँ बताता है। अपने पहले और अंतिम नाम के केवल स्वरों को अंक आवंटित करिए, उन्हें जोड़ कर योग पाइए, और आत्मा की संख्या पाने के लिए उसे संक्षिप्त कर लीजिये।
- केवल व्यंजनों को अंक आवंटित करके आपके व्यक्तित्व और आंतरिक सपनों के बारे में जाना जा सकता है।
- भाग्यांक पाने के लिए आप वही प्रक्रिया अपनाएँगे जो सामान्य नामांक पाने के लिए अपनाते हैं।
- स्वरों और व्यंजनों में अंतर करते समय Y तथा W पर विशेष ध्यान दीजिये। जब Y का उपयोग स्वर की तरह होता है तथा W को किसी स्वर के साथ लगा कर स्वर की ध्वनि निकाली जाती है जैसे ‘Matthew’, तब उन्हें आत्मांक दिया जाता है।
- इसके विपरीत, यदि Y और W का उपयोग नाम में व्यंजनों की तरह होता है, तब उन्हें व्यक्तित्व नामांक मत दीजिये।[६]
- नामांक बदलने के लिए अपना नाम बदलिए: अगर आपको लगता है की आप अपने नामांक परिणाम से असंतुष्ट हैं या आपको अपना नाम ही नापसंद है, आप जब चाहें तब अपना नाम बदल सकते हैं। आप देख सकते हैं कि जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है आपकी इच्छा होती है कि काश आप अपने जटिल व्यक्तित्व के अनुरूप किसी और पहचान से जाने जाएँ। नाम कोई पत्थर की लकीर तो हैं हैं नहीं, यह तो बस एक वैधानिक काग़ज़ है, जिसे बदला जा सकता है।[७]
- अगर आप अदालती कार्यवाही से बचना चाहते हैं तब आप लोगों से कह सकते हैं कि वे आपको उपनाम से बुलाएँ।
- एक नया नाम लागू होने में कुछ समय लग सकता है, मगर लोगों को अनवरत, सभ्यता से सही करते रहिए और अपना नए नाम से बार-बार हस्ताक्षर करते रहिए ताकि आप को उस पर टिके रहने में मदद मिल सके।
- अपने नामांक में परिवर्तन करने के लिए आप अपने नाम को अलग तरीके से भी लिख सकते हैं। जैसे कि Tamra की संख्या होगी 8, मगर उसकी स्पेलिंग (spelling) अगर Tamara हो जाये तो वह हो जाएगी 9।
- न्यूमेरोलोजी आपको पूरी तरह से परिभाषित नहीं कर सकती। आपके नाम के अलावा भी बहुत कुछ है जो आपके व्यक्तित्व और प्रकृति का निर्णय करता है।
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January 10, 2019, 12:30 pm
लोगों को विश्वास दिला सके, ऐसे मैजिक ट्रिक्स को प्रदर्शित करने के लिए चालाकी, फुर्ती और सफाई (precision) से काम करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए अत्यधिक अभ्यास की भी आवश्यकता होती है। यदि अभी आप शुरूआती दौर में हों और अपने दर्शकों में ऊई या आश्चर्य न पैदा कर पा रहे हों, तो निराश न हों। इसके बजाए, कुछ आसान कार्ड ट्रिक्स में दक्षता प्राप्त करने के लिए अभ्यास करें और अपने जादुई प्रदर्शन वहां से शुरू करें।
- कुछ आवश्यक कार्ड-ट्रिक-स्किल्स का अभ्यास करें: प्रत्येक कार्ड ट्रिक अभ्यासी यह जानता है कि ताश के किसी भी कार्ड को, जिसे उसने सबके सामने गड्डी के बीच में कहीं डाल दिया था, उसी कार्ड को गड्डी के टॉप पर से निकालकर दर्शकों को अपनी "जादूगरी" से कैसे मोहित किया जाता है। यह ट्रिक, हाथों की फुर्ती, उंगलियों के कौशल, सटीक समय पर दर्शकों का ध्यान भटकाने और शो-मैनशिप के कांबिनेशन का एक अच्छा परिचायक होता है जो कार्ड ट्रिक्स के लिए आवश्यक होता है। निम्नलिखित दो स्किल्स का अभ्यास करके शुरूआत करें:
- गड्डी के टॉप से दो कार्ड्स, एक ही साथ रखते हुए, लें (ताकि ऐसा लगे कि केवल एक ही कार्ड खींचा गया है)।
- जिस समय गड्डी पल भर के लिए आपके पीछे छुपी हो, उसी समय एक कार्ड को गड्डी के सबसे ऊपर वाले कार्ड के ठीक नीचे सरका दें।
- किसी से "एक कार्ड, कोई भी कार्ड निकालने के लिए" कहें: सभी को इसे देखने के लिए कहें। इसे प्रत्येक व्यक्ति को दिखाएं। जिस समय गड्डी एक जादुई पल के लिए आपके पीछे छुपी हो, जहां पर उसके कोई भी देख न सकता हो, उसी समय उस कार्ड को गड्डी के टॉप पर रखे हुए कार्ड के ठीक नीचे सरका दें।
- यदि कुछ लोग आप द्वारा गड्डी को अपने पीछे ले जाने का विरोध करें, तो उन्हें बताएं कि यह "रहस्य" का हिस्सा है और "यह एक जादुई पल है"।
- गड्डी को दिखाएँ और टॉप पर से दो कार्ड्स को आपस में चिपकाए हुए, एक कार्ड के रूप में लें: दर्शकों को केवल नीचे वाला ही कार्ड दिखाएं, जैसे कि कार्ड्स की जोड़ी न होकर वह मात्र एक ही कार्ड है।
- अब दर्शकों से पूछें "क्या यही आपका कार्ड है?": सभी लोगों द्वारा "हां!" में पुष्टि करने के बाद, कार्ड की ट्रिकी जोड़ी को वापस गड्डी के टॉप पर रख दें।
- "ट्रिक" कार्ड को टॉप पर से उठाएँ और उसे गड्डी में कहीं भी डाल दें: याद रखें, कि ऐसा करने से चुना गया कार्ड, दर्शकों को पता लगे बिना, अब गड्डी के टॉप पर आ जाएगा। दर्शकों को लगेगा कि उनके द्वारा देखा गया कार्ड, गड्डी के बीच में कहीं पर रख दिया गया है।
- समझाइए कि आप उस कार्ड को वापस टॉप पर लाएंगे: आप अपने ट्रिक के नाटकीय पहलू के अंतर्गत अपने हाथों से कोई फैंसी इशारा भी कर सकते हैं।
- "ये देखिए" कहकर गड्डी के टॉप पर स्थित कार्ड को उलट कर दिखाएँ: यह चुना गया कार्ड ही होगा। इस चाल के लिए आमतौर पर बस थोड़े से ही अभ्यास की आवश्यकता होती है, परंतु फिर भी यह दर्शकों को हैरान कर देगा।
संपादन करेंइक्के बनाकर "चारो इक्के दिखाना"
- चारो इक्के निकालकर गड्डी के टॉप पर रख दें: अपने दर्शकों को अपना यह स्टेप देखने न दें।
- ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि आप चारो इक्के पहले से ही गड्डी के टॉप पर रख लें। गड्डी को अपनी जेब से निकालें और दर्शकों को उसे फेंटने का अवसर दिए बिना, सीधे अपना खेल दिखाना शुरू कर दें।
- इसे यथासंभव, बिना किसी का ध्यान आकर्षित किए हुए करें। पूछें, "हे लोगों, क्या आप लोग जादू देखना चाहते हैं?" और फिर सीधे जादू दिखाने में लग जाएँ। आप इसे जितने अधिक लय के साथ और सामान्य रूप से दर्शाएँगे, दर्शक उतना ही कम इस पर सवाल उठाएंगे।
- अब गड्डी में नीचे से कार्ड्स निकालते हुए चार छोटी-छोटी गड्डियाँ बना लें: स्वाभाविक रूप से, अंत में चारो इक्के चौथी गड्डी के टॉप पर स्थित होंगे।
- गड्डी को छोटे गड्डियों में बांटते समय उन्हें बाएं से दाएं रखते जाएँ ताकि चौथी छोटी गड्डी आपके दाहिनी ओर रहे।
- चौथी छोटी गड्डी पर ज्यादा ध्यान न केंद्रित करें। जादू में दर्शकों में दिशा-भ्रम उत्पन्न करना ही पड़ता है, और यदि दर्शक यह पकड़ लेते हैं कि चारो इक्के वास्तव में कहाँ रखे गए हैं, तो आपकी सारी चालें आसानी से व्यर्थ हो सकती हैं। उनका ध्यान भटकाने के लिए उनसे इधर-उधर की थोड़ी-बहुत बातें करते रहें।
- अब पहली छोटी गड्डी उठाएं और उसके टॉप पर स्थित पहले तीन कार्ड्स को बॉटम में लगा दें: यह दर्शकों में ऐसा भ्रम उत्पन्न करेगा जैसे कि आप गड्डी को फेंट करके अनियमित क्रम में रख रहे हैं।
- अब उसी गड्डी के टॉप से तीन कार्ड्स निकाल कर उसमें से एक-एक कार्ड प्रत्येक छोटी गड्डी के टॉप पर रखें: यह कार्य आप इक्के वाली गड्डी से सबसे दूर वाली गड्डी से शुरू करें ताकि अंतिम कार्ड, इक्के वाली गड्डी पर पड़े।
- हर गड्डी पर केवल एक-एक कार्ड ही रखें। यह विशेष रूप से तब ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, जब आप इक्कों वाली गड्डी से कार्ड्स बांटते हैं, क्योंकि इस जादू को काम करने के लिए इक्कों के ऊपर किसी भी तीन कार्ड्स के रखे रहने की आवश्यकता होती है।
- इसी प्रक्रिया को अन्य तीन गड्डियों के ढेर के साथ दोहराएं: इस तरह आपको इक्कों वाली गड्डी में से सबसे अंत में कार्ड्स बांटना चाहिए।
- इक्कों वाली गड्डी से टॉप पर से तीन कार्ड्स निकाल कर बॉटम पर रखने के बाद उस गड्डी के टॉप पर अब चारो इक्के आ जाने चाहिए। इस समय जब आप इक्कों वाली गड्डी के टॉप पर से तीन कार्ड्स निकालकर उनमें से एक-एक कार्ड अन्य गड्डियों पर रखेंगे तो हर गड्डी के टॉप पर एक-एक इक्का आ जाएगा।
- अब चारों गड्डियों के टॉप पर से एक-एक कार्ड उलट कर दर्शकों को बारी-बारी से चारों इक्के दिखाएँ: यदि दर्शकों अविश्वास जाहिर करें, तो उन्हें एक बार फिर से यह जादू दिखाने की पेशकश करें।
- एक बार जब आप इस ट्रिक को दिखाने में पूर्ण कुशलता प्राप्त कर लें, तो इस ट्रिक के स्टेप्स दर्शकों से करवाएँ। इस बात के विशिष्ट निर्देश दें कि गड्डी कैसे काटें (फेंटें नहीं), गड्डी कैसे फेंटें (अर्थात टॉप पर से तीन केवल कार्ड्स) और कार्ड्स कैसे बांटें (हर छोटी गड्डी के टॉप पर एक-एक कार्ड बांटें)। इस प्रक्रिया से मात्र इतना अंतर पड़ेगा, कि दर्शकों को आपकी ट्रिक पर 'अधिक' विश्वास होगा, क्योंकि वे इसी सोच में डूबे रहेंगे कि इस ट्रिक का परिणाम उनके ही नियंत्रण में रहेगा।[१]
संपादन करेंकार्ड की भविष्यवाणी को आसान बनाना
- कार्ड्स की एक स्टैण्डर्ड गड्डी लें और दर्शकों में से किसी एक व्यक्ति को बुलाकर उसे फेंटने के लिए कहें: दर्शक को उसे, जितनी बार वह चाहे उतनी बार फेंटने के लिए प्रोत्साहित करें। यह ट्रिक संभावना (probability) के सिद्धान्त पर आधारित होती है, ध्यान भटकाने पर नहीं।
- उस दर्शक से किन्हीं दो कार्ड्स का नाम बताने को कहें: दर्शक से केवल कार्ड का नाम बताने का अनुरोध करें, उसके सूट (ईंट, चिड़ी, पान, हुकुम) का नाम बताने का नहीं।
- उदाहरण के लिए, बस "बादशाह" और "दहला" कहना ही पर्याप्त होगा। "हुकुम का बादशाह" और "पान का दहला" कहना, कार्ड की पहचान को ज्यादा विशिष्ट बना देता है, जो इस ट्रिक के कामयाब होने की संभावना को काफी कम कर देता है। यदि वे सूट (suit)का जिक्र करते हैं, तो आप कुछ ऐसा कहें "दोस्तों, मैं इस जादू के लिए नया हूं, और मुसकुराते हुए कहें कि चलिए हम "बादशाह"और "दहला" से ही काम चलाते हैं।
- जब दर्शक-सदस्य "बादशाह"और "दहला" कहता है, तो उसमें वास्तव में प्रत्येक कार्ड के चारों सूट का नाम शामिल होता है, क्योंकि सूट निर्दिष्ट नहीं किया गया है। अब दोनों कार्ड्स और चारों सुट्स के कांबिनेशन से कुल संभावित कार्ड्स की संख्या आठ हो जाती है: ईंट का बादशाह, चिड़ी का बादशाह, पान का बादशाह, हुकुम का बादशाह, ईंट का दहला, चिड़ी का दहला, पान का दहला, हुकुम का दहला।
- सिद्धांत यह है कि इन आठ संभावित कार्ड्स में से कम से कम एक बादशाह, चारों दहलों में से किसी एक के बगल में स्थित होगा।[२]
- कार्ड्स के टॉप पर अपना हाथ रखें और ऐसा दिखावा करें जैसे कि आप गहन ध्यान लगा रहे हों: अब ट्रिक को जारी रखने से पहले, लगभग 30 सेकंड से एक मिनट तक, प्रतीक्षा करें। इससे यह भ्रम पैदा करने में मदद मिलती है कि आप कुछ ऐसा कर रहे हैं जिससे, कार्ड्स वास्तव में एक दूसरे की तरफ खिंच रहे हैं।
- इस ट्रिक को दिखाने के दौरान आपके द्वारा किया जाने वाला यह एकमात्र असली भौतिक इशारा होता है। ट्रिक के साथ जितना संभव हो सके उतना कम शारीरिक क्रिया को जोड़ें। यह इस धारणा को मजबूत करेगा कि आपने वास्तव में जादू का प्रदर्शन किया है।
- अब दर्शक-सदस्य से गड्डी को पलट कर कार्ड्स को लहरा करके दिखाने के लिए कहें: आश्चर्यजनक रूप से, दोनों कार्ड्स गड्डी में (संभवतः) कहीं न कहीं, एक साथ दिखाई पड़ जाएंगे।
- कभी-कभी, बादशाह और दहले के बीच में कोई और कार्ड भी आ सकता है। यदि ऐसा हो जाए, तो दर्शकों को बस इतना ही बताएं कि आप ध्यान को पर्याप्त रूप से केन्द्रित नहीं कर पाए होंगे। आप अपना जादू दिखाएँ और दोनों ही कार्ड्स के एक दूसरे के बगल में होने की संभावना पर अपना भाग्य आज़माएँ।[३]
- दोनों ही कार्ड्स को खोजें और उन्हें दर्शकों को दिखाएँ: आप कार्ड को वास्तव में स्पर्श न करें, अन्यथा दर्शक सोच सकते हैं कि आपने दूसरे कार्ड के बगल में चुपके से एक कार्ड छुपा रखा है।
संपादन करेंबॉटम कार्ड का अनुमान लगाना
- अपने एक हाथ में कार्ड्स की एक गड्डी को उनके फेसेज को नीचे की ओर रखते हुए लें: दर्शकों को दिखाएं कि आपके द्वारा हाथ में ली गई गड्डी, ताश की सामान्य गड्डी है।
- विश्वास दिलाने के लिए उन्हें सभी कार्ड्स दिखाएं। ट्रिक शुरू करने से पहले आप गड्डी को स्वयं फेंट सकते हैं या दर्शकों को उसे फेंटने के लिए कह सकते हैं।
- सबसे नीचे वाले कार्ड को चुपके से देख कर गड्डी को उलट दें: सुनिश्चित करें कि आप इस काम को इतनी फुर्ती और सफाई से अंजाम दें, कि दर्शकों में से कोई भी आपकी इस हरकत पर ध्यान न दे पाए। जो कार्ड आपने देखा था उसे आपको याद रखना होगा क्योंकि बाद में जब आप इसे दर्शकों को दिखाएंगे तो आपको इसका नाम बताना पड़ेगा।
- अपने मन में स्वयं से कहें, "ईंट का इक्का, ईंट का इक्का" (या जो भी कार्ड हो)। जब आप अपनी ट्रिक में आगे बढ़ेंगे तो ऐसा करने से आपको कार्ड को याद रखने में मदद मिलेगी।
- जब आप कार्ड को प्रदशित करते हैं तो दर्शकों को आपको किसी भी कार्ड पर रोकने के लिए कहें: इससे दर्शकों में यह भ्रम और मजबूत हो जाता है कि वे ही इस ट्रिक के संचालक हैं।
- गड्डी के मुंह को नीचे की ओर रखते हुए अपने एक हाथ में लिए रहें। उसके बाद, गड्डी के नीचे अपने दूसरे हाथ के अंगूठे को रखें। अब उसी हाथ की पहली दो अंगुलियों का उपयोग करके गड्डी के टॉप पर स्थित कार्ड्स को थोड़ा सा अपनी ओर खींचें।
- यदि आप लगभग एक चौथाई गड्डी दिखा चुके हों और किसी भी दर्शन ने आपको रोका न हो, तो अपनी गति को थोड़ा धीमा करें और दर्शकों को मजाक के लहजे में चुनौती देते हुए कहें कि देखें आपको कोई रोक पाता है या नहीं। ऐसा करने से, आपके लिए गड्डी के नीचे से कार्ड को निकालना आसान हो जाएगा।
- अब एक ही लय में गड्डी के ऊपर और नीचे दोनों ही जगह से कार्ड्स को स्लाइड करके निकालें: गड्डी के टॉप पर स्थित चयनित कार्ड्स को खींच कर अपने हाथ में लेने के लिए अपने तर्जनी और मध्यमा उँगलियों का उपयोग करें।[४]
- ठीक उसी समय, गड्डी के नीचे स्थित अपने अंगूठे का उपयोग करके बॉटम पर स्थित कार्ड को भी हाथ में ले लें। अभ्यास करते रहने से, यह कार्ड, टॉप पर से खींचे गए कार्ड्स के साथ ही बॉटम पर पहुँच जाएगा और वह भी बिना किसी का ध्यानाकर्षण किए।
- याद रखें, यह निचला कार्ड वही कार्ड है जिसे आपने पहले से याद किया हुआ है और जल्द ही "अनुमानित" कार्ड के रूप में प्रकट होगा।
- अब खींचे गए कार्ड्स के बॉटम पर स्थित कार्ड को अपने से दूर रखते हुए दर्शकों को दिखाएँ: बेहतर प्रभाव डालने के लिए, अपनी आंखें बंद कर लें या दूसरी तरफ देखते हुए कार्ड को दिखाएँ।
- दर्शकों से पूछें, "क्या बॉटम पर स्थित कार्ड ईंट का इक्का है?": उन्हें इस बात से हैरानी होनी चाहिए कि आपने उनके द्वारा चुने गए कार्ड का सफलतापूर्वक अनुमान लगा लिया है।
संपादन करें"एक कार्ड, कोई कार्ड चुनें" में महारथ हासिल करें
- ताश की एक गड्डी को, उसके फेस को नीचे की ओर रखते हुए, लहराते हुए दिखाएँ: आपको गड्डी को फेंटने की जरूरत नहीं है, हालांकि ऐसा करने से दर्शक ज्यादा सहज महसूस करेंगे।
- दर्शकों में से किसी वालंटियर को बुलाकर, गड्डी में से किसी एक कार्ड को चुनने के लिए कहें: इस समय धैर्य रखें, क्योंकि जितना अधिक समय आप वालंटियर को कार्ड चुनने के लिए देंगे, उतना ही अधिक उनका इस बात पर विश्वास बढ़ता जाएगा कि आप उनके द्वारा चुने गए कार्ड के बारे में अनुमान लगाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।
- दर्शकों को और अधिक विश्वास दिलाने में मदद करने के लिए, आप अपनी दृष्टि को कार्ड से दूसरी तरफ रखें। कई दर्शक ऐसा समझते हैं कि कार्ड का अनुमान लगाने वाली ट्रिक, कार्ड को फैंसी ढंग से गिनने पर निर्भर होती है। वैसे तो कुछ ट्रिक्स ऐसे भी होते हैं, परंतु ये वाली एक अपेक्षाकृत ज्यादा आसान है।
- कार्ड खींच लिए जाने के बाद, गड्डी को दो ढेर में बाँट लें: एक ढेर को अपने दाहिने हाथ में और दूसरे को अपने बाएं हाथ में रखें। इस बात की संभावना ज्यादा होती है कि दर्शक गड्डी के मध्य से किसी कार्ड को चुने, इसलिए गड्डी को, निकाले गए कार्ड की जगह से थोड़ा हटकर किसी अन्य जगह से दो ढेर में बांटें।
- जिस दर्शक ने कार्ड को चुना है उसे चुने गए कार्ड को याद रखने के लिए कहें और उस कार्ड को अपने बाएं हाथ में रखे ढेर के ऊपर रख दें: धीरे-धीरे, विश्वास के साथ और स्पष्ट रूप से बोलें।
- वालंटियर से जल्दबाज़ी न करवाएँ, अन्यथा दर्शक सोच सकते हैं कि आपने पहले से ही कार्ड को याद किया हुआ है।
- दाहिने हाथ में स्थित ढेर के बॉटम कार्ड को हल्के से देखें: वैसे तो आपको इस कार्ड का नाम बोलकर बताने की जरूरत नहीं है, पर आपको, वालंटियर के कार्ड को खोजने के लिए, इसी कार्ड का, संदर्भ-कार्ड के रूप में, उपयोग करना होगा।
- वालंटियर द्वारा चुने गए कार्ड को, कार्ड्स के दोनों ढेर के बीच में रख दें: इस बात को सुनिश्चित करें कि आपके दाहिने हाथ वाला ढेर, गड्डी के टॉप पर रहे क्योंकि यही वह संदर्भ-कार्ड है जो वालंटियर द्वारा चुने गए कार्ड के बगल में स्थित होगा।
- अब कार्ड्स के फेस को ऊपर की ओर रखते हुए पूरी गड्डी को टेबल पर फैला दें: जितनी जल्दी हो सके संदर्भ-कार्ड को ढूँढने का प्रयास करें।
- गड्डी के कार्ड्स को क्रम से फैलाएं। ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका यह होता है कि आप गड्डी को अपने बाईं तरफ रखें और अपने दाहिने हाथ की सहायता से कार्ड्स को धीरे-धीरे अपने दाहिने ओर सरकाते जाएँ। अंतिम स्वरूप एक इंद्रधनुष जैसा दिखना चाहिए।
- संदर्भ-कार्ड, वालंटियर द्वारा चुने गए कार्ड के बाईं ओर होना चाहिए। इसलिए, जो भी कार्ड आपके द्वारा याद किए गए कार्ड के ठीक दाहिने ओर होगा, वही कार्ड वालंटियर द्वारा चुना गया कार्ड होना चाहिए।
- कार्ड को तेजी से और ढीले ढंग से फैलाने से बचें। आपकी जल्दबाज़ी से, संदर्भ-कार्ड की स्थिति बदल सकती है और आपका पूरा ट्रिक बर्बाद हो सकता है।
- कार्ड्स को फैलाने के लिए आप अपनी अंगुलियों का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन प्रत्येक कार्ड पर रुक कर उसे देखने की कोशिश न करें। यह दर्शकों को आपके द्वारा अपनाए गए ट्रिक का सुराग दे सकता है।
- फैलाई गई गड्डी में से वालंटियर वाला कार्ड निकालकर उससे पूछें, "क्या यही आपका कार्ड है?": यद्यपि यह एक प्रश्न है, परंतु आप पूरे विश्वास से पूछें, लगभग एक अहंकार-युक्त तरीके से।
- दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर कर दीजिए कि वालंटियर द्वारा कार्ड चुने जाने के पूर्व ही आप जानते थे कि वह वास्तव में कौन सा कार्ड चुनने जा रहा है। इससे दर्शकों को ऐसा लगेगा कि आपके पास भविष्यवाणी करने की मानसिक शक्तियां हैं जबकि वास्तव में आपके पास मात्र एक अच्छी मेमोरी है।
संपादन करेंरुमाल वाली भविष्यवाणी करना
- गड्डी के टॉप पर स्थित कार्ड को देखकर याद कर लें: उदाहरण के लिए, "हुकुम का इक्का" या "पान का सत्ता"।[५]
- ट्रिक के इस हिस्से को दर्शकों की दृष्टि में आए बिना कर लें। ज्यादा प्रभावशाली तरीका होगा, यदि आप गड्डी को अपने जेब से निकालकर सीधे अपने प्रदर्शन में लग जाएं।
- गड्डी का फेस नीचे की ओर कर लें, और उसके बाद उसके ऊपर एक रूमाल रख दें: यह सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा गड्डी के ऊपर रूमाल रखने से पहले, दर्शक यह देख लें कि गड्डी का फेस नीचे की ओर है।
- सर्वोत्तम प्रभाव के लिए, सुनिश्चित करें कि रूमाल यथासंभव अपारदर्शी (जिसके आर-पार न दिखता हो) हो।
- रूमाल का उपयोग केवल दर्शकों का ध्यान भटकाने का माध्यम बनाने के लिए करना है। लोग ऐसा मान लेंगे कि आप द्वारा दिखाया जाने वाला ट्रिक, दृश्य संकेतों पर आधारित है और आपके द्वारा कार्ड को पहले से याद कर चुके होने की संभावना खारिज हो जाएगी।
- रुमाल से ढकने के बाद आप गड्डी के फेस को घुमाकर ऊपर की ओर कर लें: कार्ड को रुमाल से ढकने के बाद ही ऐसा करना सुनिश्चित करें। यदि आप जल्दबाज़ी में कार्ड का फेस ऊपर की ओर करेंगे तो आपके ट्रिक के पीछे की सच्चाई सामने आ जाएगी।
- इसे यथासंभव छुपे रूप से और शीघ्रता से करने का प्रयास करें। रूमाल से गड्डी को ढकना और गड्डी के फेस को घुमाकर ऊपर की ओर करना एक लय में होना चाहिए ताकि लोगों को केवल वही दिखे जो सतह पर हो रहा हो।
- रुमाल से ढके रहते हुए ही, किसी दर्शक को बुलाकर उसे गड्डी को आधे पर से काटने के लिए कहें: वालंटियर, गड्डी के ऊपरी आधे भाग को उठाकर, निचले आधे भाग के बगल में रखेगा। ट्रैक करते हुए इस बात के प्रति आश्वस्त हो लें कि कौन सी आधी गड्डी किधर रखी हुई है और कार्ड्स छुपे हुए हैं।
- वालंटियर को सिर्फ गड्डी को आधे पर से काटने को कहें उसे फेंटने के लिए नहीं।
- कार्ड्स के फेसेज को ऊपर की ओर करने से बॉटम पर स्थित आधा हिस्सा टॉप पर आ जाएगा। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि जब आप वालंटियर से गड्डी को आधे पर से काटने के लिए कहते हैं, तो वह इसी गलतफहमी में रहेगा कि उसने ऊपरी आधी गड्डी हटाई है जबकि वास्तव में निचली आधी गड्डी हटाई गई होती है।
- कार्ड्स का फेस नीचे करते हुए गड्डी के असली ऊपरी आधे भाग को रुमाल से बाहर लाएं: असली ऊपरी आधी गड्डी में टॉप पर वही कार्ड होना चाहिए जिसे आपने पहले से याद किया हुआ है। यह थोड़ा ट्रिकी है लेकिन अगर आप दर्शकों का ध्यान रूमाल की ओर केंद्रित कर पाएंगे, तो उन्हें आश्वस्त कर पाएंगे।
- गड्डी का केवल ऊपरी आधा हिस्सा ही बाहर लाएँ। गड्डी के निचले आधे हिस्से, जिसका फेस अभी भी ऊपर की ओर होगा, को रूमाल से ढका ही रहने दें।
- जिस हाथ में रुमाल हो उसे दर्शकों के सामने लहराएँ। दर्शकों का ध्यान अपने दूसरे हाथ, जो कार्ड्स को घुमाकर ऊपर की ओर करेगा, से भटकाने के लिए, रुमाल वाले हाथ से कुछ फैंसी हरकतें करने का प्रयास करें।
- दर्शकों को उस आधी गड्डी से टॉप कार्ड निकालने के लिए कहें जिस गड्डी को आपने बाहर निकाला है: उसे, आपको दिखाए बिना, कार्ड को अन्य दर्शकों को दिखाने के लिए निर्देश दें।
- गुप्त रूप से वह गड्डी का टॉप कार्ड ही होगा, लेकिन दर्शक सोचेंगे कि यह गड्डी के बीच में से आया है।
- हर दर्शक द्वारा कार्ड को देख लिए जाने के बाद आप उस कार्ड का नाम बताएं: अविश्वास में लोगों द्वारा कहे गए शब्दों को सुनें।
- अब रुमाल के नीचे रखे गए आधे गड्डी को उसका फेस नीचे करते हुए बाहर निकालें: ऐसा उसी समय करें जब दर्शक अभी भी हैरानी से यह पता लगाने में मशगूल हों कि आपने यह ट्रिक कैसे किया होगा।
- ट्रिक पूरा होने के बाद इस बात की संभावना हो सकती है, कि दर्शक गड्डी के दूसरे आधे हिस्से का निरीक्षण करना चाहें। आपने रुमाल के नीचे गड्डी की अदला-बदली की है, इस बात से संबन्धित उन्हें कोई भी सवाल करने का कारण न दें।
संपादन करें“अट्ठे एक जगह पर एकत्रित हो जाएँ” में महारथ हासिल करना
- गड्डी में पहले से ही सभी अट्ठों को मनचाही जगह पर रख लें: गड्डी में से सभी चार अट्ठे बाहर निकाल लें। गड्डी के फेस को नीचे की ओर रखते हुए, पहले अट्ठे को गड्डी के टॉप पर रख दें। दूसरे अट्ठे को टॉप से 10वें नंबर पर रखें (अर्थात, टॉप पर रखे हुए अट्ठे सहित, 9 कार्ड नीचे गिनने के बाद)।
- अब गड्डी को उलट कर सात कार्ड्स गिनें। तीसरे और चौथे अट्ठों को आठवें और नौवें नंबर पर रखें। अब गड्डी को फिर से उलट दें। अब आप ट्रिक दिखाने के लिए तैयार हैं।
- दर्शकों को विश्वास दिलाएँ कि आप एक रैंडम कार्ड निकाल रहे हैं: गड्डी पर उंगली फिराते हुए, एक बड़ा सा दिखावा करते हुए आप दर्शकों को बताएं कि आप एक भविष्यवाणी करेंगे।
- दर्शकों से बात करते हुए ही गड्डी को एक या दो बार लहराएँ और फिर गड्डी को पुन: समेट लें।
- कार्ड्स को एक हाथ से दूसरे हाथ में लगराते हुए, गुप्त रूप से दस तक गिनें। कार्ड को ओर बिलकुल न देखें - दर्शकों को देखें और उनसे बातें करते रहें। जब आप दसवें कार्ड पर पहुंच जाएँ, तो नीचे अपनी तर्जनी उंगली को उसके नीचे रख दें और गड्डी को लहराना जारी रखें।
- दसवें कार्ड (अट्ठों में से एक) को बाहर निकाल कर उसका फेस नीचे की ओर रखते हुए उसे टेबल पर रख दें। उन्हें बताएं कि यह आपका भविष्यवाणी-कार्ड है।
- गड्डी को वापस उलट लें: दर्शकों को बताएं कि अब आप कार्ड्स को गिनेंगे। आठवें और नौवें नंबर पर रखें अट्ठों को पार कर जाने के बाद ही आप दर्शकों से कहें "अब आप यह बता सकते हैं कि मुझे कहाँ रुकना है।"
- जिस जगह पर दर्शक आपको रुकने के लिए बोलें उसी स्थान से गड्डी को दो ढेर में बाँट लें: दोनों ढेरों को टेबल पर रख दें। गड्डी के निचले ढेर को (जिसमें दो अट्ठे आठवें और नौवीं पोजीशन पर रखे हुए हैं) अपने दाहिनी ओर रखें और ऊपरी ढेर को (जिसमें एक अट्ठा टॉप पर रखा हुआ है) अपने बाईं ओर रखें।
- बाईं ओर के ढेर के टॉप पर स्थित कार्ड को बाईं ओर पलट दें: यह वही अट्ठा होगा जिसे आपने ही मूल रूप से वहाँ रखा होगा। इस कार्ड को देखें और इसकी पहचान बताते हुए कहें: "यह देखिये, यह (सूट का नाम - हुकुम, पान आदि) का अट्ठा है।"
- इसके बाद, दर्शकों को बताएं कि अट्ठा इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि दाहिने ओर रखे हुए गड्डी के हिस्से में से हमें कितने कार्ड्स लेने चाहिए।
- अब दाहिने ओर रखे हुए गड्डी के हिस्से के बॉटम से आठ कार्ड्स गिनें: गड्डी का फेस नीचे की ओर किए रहें। इन कार्ड्स का तीसरा ढेर बनाएँ। इस तीसरे ढेर को मेज पर (बाईं ओर रखे हुए ढेर के साथ रखें)। शेष ढेर को, उनका फेस नीचे की ओर रखते हुए, अपने हाथ में ही रखें।
- सुनिश्चित करें कि अब दर्शक आपके द्वारा किए जा रहे कार्य को ही देख रहे हैं। जब आप नया ढेर बनाएं तो ज़ोर से "एक, दो, तीन, ..." गिनें। उन्हें याद दिलाएं कि अब आपके पास तीन ढेर हैं और एक अट्ठा दिखाई दे रहा है।
- अन्य अट्ठों को प्रकट करें: जिस ढेर को आपने अभी-अभी टेबल पर रखा है, उसके टॉप पर स्थित कार्ड को पलटें। यह भी एक अट्ठा होगा। इसे टेबल पर, पहले दर्शाए जा चुके अट्ठे के बगल में रखें।
- उसके बाद, अपने हाथ में रखे हुए ढेर को पलट कर एक और अट्ठा दिखाएँ। इसे टेबल पर, अन्य दोनों अट्ठों के साथ रख दें।
- अंत में, थोड़ा सा अनुमान लगाने के बाद, नाटकीय रूप से अपने भविष्यवाणी-कार्ड को पलटें (जिसे मेज पर इस पूरे समय, फेस नीचे करके रखा गया था)। या, किसी दर्शक को बुलाकर उसे पलटवाएँ।
- कुछ अनमोल प्रतिक्रियाओं को देखने की उम्मीद करें; यह ट्रिक बहुत सारे लोगों को बेवकूफ बनाती है!
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January 11, 2019, 1:30 pm
जब हार्डवेयर की समस्या के बजाए सॉफ़्टवेयर की विफलता के कारण कंप्यूटर बंद हो जाता है, तो इसकी फ़ाइल्स तो हार्ड ड्राइव पर सही-सलामत (intact) रहती हैं, परंतु उन तक पहुँच नहीं हो पाती है। किसी डेड विंडोज, मैक, या लिनक्स-नोटबुक की हार्ड-ड्राइव से डेटा रिकवर करने के लिए, नीचे दी गई विधियों में से किसी एक का पालन करें।
संपादन करेंअपने पुराने हार्ड-ड्राइव को एक्सटर्नल हार्ड-ड्राइव (विंडोज़, मैक, लिनक्स) में बदलें
- एक हार्ड-ड्राइव डिस्क-एंक्लोज़र (enclosure) प्राप्त करें: यह एक एक्सटर्नल-सिस्टम होता है जिसमें आप एक यूएसबी पोर्ट के माध्यम से, किसी अन्य कंप्यूटर पर चलाने के लिए, कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव को रख सकते हैं; अनिवार्य रूप से, एंक्लोज़र आपके लैपटॉप की हार्ड-ड्राइव को एक्सटर्नल हार्ड-ड्राइव में बदल देगा। विभिन्न कंप्यूटर्स, अलग-अलग हार्ड-ड्राइव मॉडल्स का उपयोग करते हैं, इसलिए इसे खरीदने से पहले अपने बंद लैपटॉप के स्पेसिफिकेशन्स को ठीक से जांच लें। उदाहरण के लिए, यदि आपके लैपटॉप में 2.5 सैटा (SATA) ड्राइव हो, तो आपको 2.5 सैटा यूएसबी एंक्लोज़र की आवश्यकता होगी।
- यदि आपके पास एक सैटा ड्राइव न हो, तो लैपटॉप के साइज़ का डिस्क-एंक्लोज़र खरीदना सुनिश्चित करें; केवल सैटा-रेडी एंक्लोज़र्स ही डेस्कटॉप और लैपटॉप दोनों हार्ड-ड्राइव्स को अकोमोडेट (accommodate) कर सकता है।
- ध्यान दें कि डिस्क-एंक्लोज़र्स समान्यतः बिग-बॉक्स स्टोर में नहीं मिलते हैं और आमतौर पर ऑनलाइन ही खरीदे जाते हैं।
- अपने पुराने कंप्यूटर से कम्पैटिबल, एक वर्किंग कंप्यूटर उधार लें: यदि आपके पास विंडोज था, तो दूसरे विंडोज का उपयोग करें; यदि आपके पास मैक था, तो दूसरे मैक का उपयोग करें; आदि। सुनिश्चित करें कि इसमें डेड लैपटॉप से रिकवर की जाने वाली फ़ाइल्स को अकोमोडेट करने के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध है; वैकल्पिक रूप से, आप वर्किंग कंप्यूटर में एक अन्य एक्सटर्नल हार्ड-ड्राइव को हुक कर सकते हैं और कंप्यूटर को, केवल फ़ाइल्स के लिए, ट्रांसफर-सिस्टम के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
- जब तक आप दोनों ही सिस्टम्स को समझ नहीं लेते, तब तक केवल लिनक्स कंप्यूटर ही, विंडोज-कंप्यूटर से फ़ाइल्स को पढ़ने में सक्षम होगा (लेकिन इसके उलट नहीं हो पाएगा) तथापि, विंडोज हार्ड-ड्राइव को रिकवर करने के लिए विंडोज-कंप्यूटर का उपयोग करना ही सबसे अच्छा होता है।
- मैक यूज़र्स अपने कंप्यूटर में एक विंडोज हार्ड-ड्राइव इन्सर्ट कर सकते हैं और यदि उन्होने एक अलग ड्राइवर इन्स्टाल नहीं किया होगा, तो अपने हार्ड-ड्राइव के कंटेन्ट्स को पढ़ तो सकेंगे (परंतु लिख नहीं सकेंगे), उदाहरण के लिए एनटीएफएस-3जी (NTFS-3G) या पैरागोन एनटीएफएस (Paragon NTFS): तथापि, सावधानी बरतें और हार्ड-ड्राइव को "माउंट" करने की प्रक्रिया के दौरान, केवल डिस्क-यूटिलिटि का ही उपयोग करें। डिस्क-यूटिलिटि पर आपके द्वारा किया गया कोई भी अन्य ऐक्शन, कंटेंट्स को रिमूव कर सकता है।
- डेड लैपटॉप से हार्ड-ड्राइव को रिमूव करें: लैपटॉप को टर्न-ऑफ करें, अनप्लग करें, और उसकी बैटरी को रिमूव करें। इसे पलटने पर आप देखेंगे कि लैपटॉप-बेस के बहुत से सेक्शंस को अलग-अलग पेंच खोलकर रिमूव किया जा सकता है। या तो ऑनलाइन देखकर यह पता करें कि आपके लैपटॉप-मॉडल में हार्ड ड्राइव ठीक-ठीक कहाँ लगता है या बस सबसे संभावित पार्ट की तलाश करें: यद्यपि यह विभिन्न लैपटॉप्स में अलग-अलग होता है, अक्सर एक लैपटॉप-हार्ड-ड्राइव, साइज़ और शेप में 3.5 इंच की फ्लॉपी-डिस्क के जैसा ही होता है। हार्ड-ड्राइव-कवर को पेंच खोलकर निकालें और हार्ड-ड्राइव को रिमूव करें। कुछ मॉडल्स ऊपर की ओर निकलेंगे, कुछ बाहर की ओर स्लाइड करते हुए निकलेंगे, आदि।
- डिस्क-एंक्लोज़र की कनेक्टर प्लेट को रिमूव करें और इसे हार्ड ड्राइव इंटरफ़ेस (interface) में डालें: इस कनेक्शन को कहां पर जोड़ना है, यह देखने के लिए ड्राइव के एक छोर पर कनेक्टर पिन को ढूंढे।
- यदि आपके पास आईडीई (IDE) हार्ड-ड्राइव हो, तो ध्यान रखें कि इंटरफ़ेस के ऊपर एक अलग हो सकने वाला एडाप्टर होता है। बस इस एडाप्टर को खींचकर निकालें ताकि ड्राइव, एंक्लोज़र की कनेक्टर प्लेट से ठीक ढंग से कनेक्ट हो सके।
- हार्ड ड्राइव को एंक्लोज़र में इन्सर्ट करें: यदि आवश्यक हो तो इसे पेंच कसकर बंद करें; अतिरिक्त विवरण के लिए एंक्लोज़र-मैनुअल पढ़ें।
- एक्सटर्नल हार्ड-ड्राइव को वर्किंग कंप्यूटर से एक यूएसबी केबल के द्वारा कनेक्ट करें: सुनिश्चित करें कि कंप्यूटर ऑन है। एक बार ड्राइव कनेक्ट हो जाएगा, तो आपके डेस्कटॉप (मैक) पर एक आइकन दिखाई देना चाहिए या डेस्कटॉप (विंडोज) में एक नोटिफिकेशन पॉप-अप होना चाहिए। हो सकता है कि कंप्यूटर आटोमेटिकली आपके लिए ड्राइव को भी ओपन कर दे।
- यदि विंडोज, आपको नई बाहरी स्टोरेज-यूनिट के बारे में आटोमेटिकली प्रॉम्प्ट न करे, तो माई कम्प्यूटर My Computer पर जाकर और नए ड्राइव को ढूंढ कर, इसे मैनुअली ही ओपन कर लें।
- यदि शुरू में हार्ड-ड्राइव की पहचान न हो पाए, तो इसे बाहर निकाल कर, वापस प्लग-इन करने का प्रयास करें।
- यदि हार्ड-ड्राइव पढ़ने योग्य न हो, तो संभवतः, हार्ड-ड्राइव ही खराब हुआ होगा (आपके कंप्यूटर का सॉफ़्टवेयर नहीं)। यदि मामला यही हो और आप बचाव प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हों, तो आपको किसी प्रोफेशनल असिस्टेंस की आवश्यकता पड़ेगी। सचेत रहें क्योंकि यह बहुत महंगा साबित हो सकता है।
- अपनी पुरानी फाइल्स को एक्सप्लोर करें और बचाएं: उन्हें या तो किसी वर्किंग कंप्यूटर पर ट्रान्सफर करें या किसी दूसरे एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव पर कॉपी-पेस्ट (copy-paste), क्लिकिंग (clicking) और ड्रैगिंग (dragging), आदि के द्वारा ट्रांसफर करें। यदि आपके पास बहुत सारी बड़े साइज़ की फ़ाइल्स हों (उदाहरण के लिए- गाने, फिल्में), तो नोट करें कि ट्रान्सफर में कई घंटे लग सकते हैं।
- जब आप काम पूरा कर लें, तो अपने हार्ड-ड्राइव के लिए विंडो को बंद कर दें: अच्छी खबर यह है, कि डेड कंप्यूटर अभी भी फिजिकली सही-सलामत है और शायद ठीक से काम भी करे, यदि आप इसके ऑपरेटिंग सिस्टेम को री-इंस्टाल करेंगे।
- यूएसबी आइकन पर राइट-क्लिक करें और इजेक्ट को सेलेक्ट करें: अब आप पुराने हार्ड-ड्राइव को अलग (detach) कर सकते हैं।
संपादन करेंअपने पुराने हार्ड ड्राइव को डेस्कटॉप कंप्यूटर (विंडोज़, लिनक्स) में प्लग करना
- एक लैपटॉप-हार्ड-ड्राइव एडाप्टर-किट प्राप्त करें: यह आपको अपने लैपटॉप के हार्ड-ड्राइव को सीधे एक कम्पैटिबल डेस्कटॉप-कंप्यूटर में प्लग करने की सुविधा देगा। विभिन्न कंप्यूटर्स, अलग-अलग हार्ड-ड्राइव मॉडल्स का उपयोग करते हैं इसलिए, इसे खरीदने से पहले अपने डेड लैपटॉप के स्पेसिफिकेशन्स की जांच करना सुनिश्चित करें। उदाहरण के लिए, यदि आपके लैपटॉप में 2.5 सैटा ड्राइव है, तो आपको 2.5 सैटा एडाप्टर की ही आवश्यकता पड़ेगी।
- एक ऐसा वर्किंग डेस्कटॉप-कंप्यूटर उधार लें जो आपके पुराने कंप्यूटर के साथ कम्पैटिबल हो: यदि आपके पास विंडोज था, तो एकअन्य विंडोज का उपयोग करें; यदि आपके पास लिनक्स था, तो एक अन्य लिनक्स का उपयोग करें; आदि। सुनिश्चित करें कि इसमें डेड लैपटॉप से रिकवर की जाने वाली फ़ाइल्स को अकोमोडेट करने के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध है; वैकल्पिक रूप से, आप वर्किंग कंप्यूटर में एक अन्य एक्सटर्नल हार्ड-ड्राइव को हुक कर सकते हैं और कंप्यूटर को, केवल फ़ाइल्स के लिए, ट्रांसफर-सिस्टम के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
- जब तक आप दोनों ही सिस्टम्स को समझ नहीं लेते, तब तक केवल लिनक्स कंप्यूटर ही, विंडोज-कंप्यूटर से फ़ाइल्स को पढ़ने में ही सक्षम होगा (लेकिन इसके उलट नहीं हो पाएगा) तथापि, विंडोज हार्ड-ड्राइव को रिकवर करने के लिए विंडोज-कंप्यूटर का उपयोग करना ही सबसे अच्छा होता है।
- डेड लैपटॉप से हार्ड-ड्राइव को रिमूव करें: लैपटॉप को टर्न-ऑफ करें, अनप्लग करें, और उसकी बैटरी को रिमूव करें। इसे पलटने पर आप देखेंगे कि लैपटॉप-बेस के बहुत से सेक्शंस को अलग-अलग पेंच खोलकर रिमूव किया जा सकता है। या तो ऑनलाइन देखकर यह पता करें कि आपके लैपटॉप-मॉडल में हार्ड ड्राइव ठीक-ठीक कहाँ लगता है या बस सबसे संभावित पार्ट की तलाश करें: यद्यपि यह विभिन्न लैपटॉप्स में अलग-अलग होता है, अक्सर एक लैपटॉप-हार्ड-ड्राइव, साइज़ और शेप में 3.5 इंच की फ्लॉपी-डिस्क के जैसा ही होता है। हार्ड-ड्राइव-कवर को पेंच खोलकर निकालें और हार्ड-ड्राइव को रिमूव करें। कुछ मॉडल्स ऊपर की ओर निकलेंगे, कुछ बाहर की ओर स्लाइड करते हुए निकलेंगे, आदि।
- यदि आपके पास आईडीई (IDE) हार्ड-ड्राइव हो, तो ध्यान रखें कि इंटरफ़ेस के ऊपर एक अलग हो सकने वाला एडाप्टर होता है। बस इस एडाप्टर को खींचकर निकालें ताकि बाद में इंटरफेस तक पहुँच बना रहे।
- अपना डेस्कटॉप कंप्यूटर टर्न-ऑफ करें, इसे अनप्लग करें, और टावर को ओपन करें: आप पुरानी हार्ड-ड्राइव को सीधे मदरबोर्ड में प्लग करने के लिए एडाप्टर-किट का उपयोग करेंगे।
- डेड ड्राइव को अपने ड्राइव-एडाप्टर का उपयोग करके, वर्किंग कंप्यूटर से कनेक्ट करें: आप यह कैसे करेंगे यह आपके ड्राइव और एडाप्टर के टाइप्स पर निर्भर करेगा, इसलिए किट के साथ आने हुए निर्देशों का पालन करें।
- यदि आपके पास आईडीई ड्राइव हो, तो उसे आईडीई (IDE) रिबन से कनेक्ट करने से पहले, "स्लेव" मोड में कॉन्फ़िगर करें। कॉन्फ़िगरेशन हार्ड ड्राइव पर ही लिखा हुआ होना चाहिए और उसमें हार्ड ड्राइव इंटरफेस पर एक विशेष पिन या पिन्स के सेट (अर्थात "जंपर्स") पर एक प्लास्टिक कैप को मूव करना शामिल होगा। स्लेव मोड में कॉन्फ़िगर करने से, आपका लैपटॉप हार्ड-ड्राइव, बूट-अप के दौरान, डेस्कटॉप के "मास्टर" हार्ड ड्राइव के साथ मुक़ाबला करने से वंचित रहेगा।
- नए ड्राइव को पहचानने के लिए अपने डेस्कटॉप को कॉन्फ़िगर करें: अपने डेस्कटॉप को वापस प्लग-इन करें, इसे पावर-ऑन करें, और बीआईओएस (BIOS) को ओपन करें। स्टैंडर्ड सीएमओएस सेटिंग्स (Standard CMOS Settings) या आईडीई कॉन्फिग (IDE Config) पर जाएं, जहां आपको मास्टर और स्लेव सेटिंग्स को मिलाकर, कुल चार सेटिंग्स मिलेंगी। सभी चारो फ़ील्डस को ऑटो-डिटेक्शन में बदलें।
- बीआईओएस (BIOS) से एक्ज़िट करके री-बूट करें: आपके डेस्कटॉप को अब नए हार्डवेयर का ऑटोमेटिकली डिटेक्ट कर लेना चाहिए।
- नए हार्ड-ड्राइव को ओपन करें: यदि आप विंडोज का उपयोग कर रहे हों, तो माई कंप्यूटर पर जाएं और नए हार्ड ड्राइव को ढूंढें। लिनक्स में, नया ड्राइव डेव (dev) डाइरैक्टरी (directory) में दिखाई पड़ेगा।
- यदि हार्ड-ड्राइव पढ़ने योग्य न हो, तो संभवतः, हार्ड-ड्राइव ही खराब हुआ होगा (आपके कंप्यूटर का सॉफ़्टवेयर नहीं)। यदि मामला यही हो और आप बचाव प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हों, तो आपको किसी प्रोफेशनल असिस्टेंस की आवश्यकता पड़ेगी। सचेत रहें क्योंकि यह बहुत महंगा साबित हो सकता है।
- अपनी पुरानी फाइल्स को एक्सप्लोर करें और बचाएं: उन्हें या तो किसी वर्किंग कंप्यूटर पर ट्रान्सफर करें या किसी दूसरे एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव पर कॉपी-पेस्ट (copy-paste), क्लिकिंग (clicking) और ड्रैगिंग (dragging), आदि के द्वारा ट्रांसफर करें। यदि आपके पास बहुत सारी बड़े साइज़ की फ़ाइल्स हों (उदाहरण के लिए- गाने, फिल्में), तो नोट करें कि ट्रान्सफर में कई घंटे लग सकते हैं।
- हार्ड ड्राइव को अन-इंस्टॉल करने के लिए डेस्कटॉप को बंद करें और अन-प्लग करें (यदि ज़रूरी हो): चूंकि हार्ड ड्राइव फिजिकली सही-सलामत है, इसलिए शायद, यह आपके पुराने लैपटॉप में ठीक से काम भी करे, यदि आप इसके ऑपरेटिंग सिस्टेम को री-इंस्टाल करेंगे।
संपादन करेंकिसी अन्य कंप्यूटर ((केवल मैक) के माध्यम से अपनी पुरानी फाइल्स को ऐक्सेस करना
- एक फायर-वायर-केबल (FireWire cable) प्राप्त करें: कहीं से भी एक नया केबल रुपये 400 से 1500 तक में खरीदें या अपने किसी मित्र से उधार मांग लें।
- एक वर्किंग-मैक उधार लें: सुनिश्चित करें कि मैक में उन फ़ाइल्स को अकोमोडेट करने के लिए पर्याप्त स्पेस है जिन्हें आप डेड लैपटॉप से रिकवर करना चाहते हैं; वैकल्पिक रूप से, आप वर्किंग मैक में एक एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव को हुक कर सकते हैं और मैक का उपयोग बस फ़ाइल्स के लिए एक ट्रान्सफर सिस्टम के रूप में कर सकते हैं।
- फायर-वायर केबल का उपयोग करके डेड-मैक को वर्किंग-मैक से कनेक्ट करें: ऐसा करते समय यह सुनिश्चित करें कि वर्किंग-मैक ऑफ (off) हो।
- वर्किंग-मैक को पावर-ऑन करते समय, टी (T) कुंजी को तब तक दबाए रखें, जब तक कि फायर-वायर का आइकन दिखने न लगे: यह कंप्यूटर को " टारगेट मोड (Target Mode)" में शुरू करता है, जिसका अर्थ है कि वर्किंग-मैक आपको, अपने मास्टर-ड्राइव के अतिरिक्त, टारगेट किए गए कंप्यूटर के मास्टर-ड्राइव तक भी आपको ऐक्सेस देगा।
- यदि आप ओएस एक्स (OS X) 10.4का उपयोग करते हों: अपने कंप्यूटर को सामान्य रूप से ऑन करें और सिस्टम प्रेफरेन्सेज (System Preferences) > स्टार्टअप डिस्क (Startup Disk) > टारगेट मोड (Target Mode) पर जाएं। फिर, अपने कंप्यूटर को, टारगेट मोड में स्टार्ट करने के लिए, री-बूट करें।
- अपने मैक के डेस्कटॉप पर डेड-कंप्यूटर की हार्ड-ड्राइव को ढूंढें और ओपन करें: यदि टारगेट किया गया ड्राइव, डेस्कटॉप पर दिखाई न दे, तो आपके पुराने कंप्यूटर में संभवतः फ़िज़िकल डैमेज होगा, जिसका अर्थ है कि आपको बचाव करने के लिए प्रोफेशनल असिस्टेंस की आवश्यकता पड़ेगी। सचेत रहें क्योंकि यह बहुत ही महंगा साबित हो सकता है।
- अपनी पुरानी फाइल्स को बचाएं: उन्हें या तो वर्किंग मैक पर ट्रान्सफर करें या एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव पर कॉपी-पेस्ट (copy-paste), क्लिकिंग (clicking) और ड्रैगिंग (dragging), आदि के द्वारा ट्रांसफर करें। यदि आपके पास बहुत सारी बड़े साइज़ की फ़ाइल्स हों (उदाहरण के लिए- गाने, फिल्में), तो नोट करें कि ट्रान्सफर में कई घंटे लग सकते हैं।
- जब आप काम पूरा कर लें, तो अपने हार्ड-ड्राइव के लिए विंडो को बंद कर दें: अच्छी खबर यह है, कि डेड कंप्यूटर अभी भी फिजिकली सही-सलामत है और शायद ठीक से काम भी करे, यदि आप इसके ऑपरेटिंग सिस्टेम को री-इंस्टाल करेंगे।
- टार्गेट किए गए ड्राइव पर राइट-क्लिक करें और इजेक्ट को सेलेक्ट करें: अब आप डेड-कंप्यूटर को अलग कर सकते हैं।
- यदि आपको संदेह है कि आपका पुराना लैपटॉप किसी वायरस के कारण फ़ेल हुआ है, तो किसी वर्किंग कंप्यूटर पर अपनी किसी भी फाइल को ले जाने से पहले, पुराने हार्ड ड्राइव को, एंटीवायरस-सॉफ़्टवेयर के द्वारा स्कैन करना सुनिश्चित करें।
- यदि आप लैपटॉप के हार्ड-ड्राइव को पुराने लैपटॉप में वापस नहीं डालने का निर्णय लेते हैं, तो आप हमेशा इसे एक्सटर्नल हार्ड-ड्राइव या डेस्कटॉप के स्लेव-ड्राइव के रूप में स्थायी रूप से रहने दे सकते हैं।
- प्रयास शुरू करने से पहले, लिनक्स में फ़ाइल सिस्टम को, रीड-ओनली के रूप में माउंट करना सुनिश्चित करें। अतिरिक्त पैकेजेज़ के बिना, एनटीएफएस (NTFS) फाइल सिस्टम बाई डिफ़ाल्ट केवल रीड-ओनली मोड में खोले जा सकते हैं।
संपादन करेंचीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी
- कुछ छोटे स्क्रूड्राइवर्स
- कम्पैटिबल कंप्यूटर
- डिस्क एनक्लोज़र्स (विकल्प 1)
- लैपटॉप हार्ड ड्राइव एडाप्टर किट (विकल्प 2)
- फायर-वायर केबल (विकल्प 3)
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January 12, 2019, 1:30 pm
एक परफेक्ट आइशैडो लुक पाना हमेशा ही आसान नहीं होता है, लेकिन आप आपके मन में जैसा लुक पाने की चाह लेकर चल रही हैं, उसके लिए आपको एक ब्यूटी गुरु बनने की भी जरूरत नहीं है। सही टूल्स और जरा सी प्रैक्टिस के साथ, आप आपके आइशैडो रूटीन को परफेक्ट करने की ओर कदम बढ़ा सकती हैं।
- अपना आइशैडो चुनें: ऐसे स्टोर्स, जिन्हें पूरी तरह से सिर्फ अलग-अलग तरह के आइशैडो ऑप्शन्स के लिए ही तैयार किया गया हो, से एक सही टेक्सचर, रंग और ब्रांड को चुनना, सच में काफी डराने वाला काम हो सकता है। इतनी ज्यादा वेराइटी देखकर आपके विचारों को ऐसे ही न जाने दें - इन्हें अपना लें! इतने सारे ऑप्शन्स आपको अपने लिए बेस्ट आइशैडो चुनने की फ्लेक्सिबिलिटी देते हैं। शैडोज आपके मन में आने वाले हर एक कलर में आते हैं और इन्हें लूज पाउडर, कोम्पेक्ट पाउडर और क्रीम के फॉर्म में भी पाया जा सकता है।
- सबसे ज्यादा हाइली पिगमेंटेड आइशैडो को अक्सर लूज पाउडर के फॉर्म में बेचा जाता है, लेकिन इन्हें इनके लूज फॉर्म के चलते कंट्रोल करना भी काफी मुश्किल होता है। क्रीम शैडोज को लगाना काफी आसान होता है, लेकिन इन से पाउडर शैडो की तुलना में कहीं जल्दी क्रीज़ होने की समस्या होती है। आइशैडो लगाने की शुरुआत करने वाले किसी इंसान के लिए कोम्पेक्ट पाउडर एक बेस्ट चुनने लायक टेक्सचर होता है। आप आपके आइशैडो को हमेशा ही और ज्यादा पिगमेंटेड भी बना सकती हैं।
- हालाँकि, ऐसा जरूरी नहीं है, कि एक आइशैडो आर्टिस्ट बनने के लिए आपके पास में ढेरों कलर होने चाहिए, लेकिन फिर भी आपको आपकी कलर पैलेट में कम से कम तीन शेड्स जरूर रखने की सलाह दी जाती है। कई तरह के लुक को पाने के लिए लाइट, मीडियम और डार्क आइशैडो की जरूरत पड़ती है।
- आप अगर अपनी आँखों पर बहुत ज्यादा आइशैडो का यूज हुआ सा नहीं देखना चाहती हैं, तो ऐसे तीन शेड्स चुनें, जो न्यूट्रल टोन्स में हों, जैसे कि ब्राउन्स या ग्रे। नहीं तो, ऐसा कोई भी कलर चुन लें, जो आपको अच्छा लगता हो और जो आपके स्टाइल से मैच खाता हो।
- सही ब्रश चुनें: हालाँकि, आप आपकी फिंगरटिप्स के जरिए भी आइशैडो लगा सकती हैं, लेकिन ये बहुत बड़ी होती हैं और ये नेचुरल ऑइल्स से कोटेड होती हैं, जिसकी वजह से इन से आइशैडो लगाना और भी मुश्किल बन जाता है। अपनी सुविधा और आइशैडो के खूबसूरत एप्लिकेशन को पाने के लिए कुछ अच्छे मेकअप ब्रशेस के ऊपर इन्वेस्ट करें। अपने आइशैडो के लिए स्पंज ब्रश यूज करना अवॉइड करें, क्योंकि ये पिग्मेंट को अच्छी तरह से अप्लाई नहीं कर पाते हैं।
- आपकी पूरी लिड पर आइशैडो अप्लाई करने के लिए एक स्टिफ फ्लैट ब्रश का यूज करें। ये ब्रश ज़्यादातर पिगमेंट्स को पाने के और इसे पूरी आइलिड पर लगाने में काफी माहिर होते हैं।
- एक सॉफ्ट या स्टिफ ब्रश, आपकी क्रीज़ पर आइशैडो लगाने और इसे आउटवार्ड्स ब्लेंड करने के काम आता है। आपकी लैश लाइन से लेकर आपकी ब्रोबोन (browbone) तक स्मूद, ईवन ग्रेडेशन पाने के लिए आपके पास में ये होना बेहद जरूरी होता है।
- लैश लाइन के करीब आइशैडो लगाने के लिए एक पेंसिल ब्रश ले आएँ। ये इतने छोटे और पतले होते हैं, कि ये आपकी अपर और लोअर लैश, दोनों पर काम कर सकते हैं, साथ ही आपकी आँखों के इनर कॉर्नर जैसे, पहुँचने में कठिन एरिया तक भो आसानी से जा सकते हैं।
- आइशैडो कैसे लगाना चाहिए, जानें: एकदम सही ब्रश स्ट्रोक्स और स्पीड चुनना, आइशैडो को अच्छी तरह से लगाने का एक सबसे जरूरी पहलू होता है। मेकअप लगाने में जल्दी करना या एक गलत ब्रश स्ट्रोक्स चुन लेने से आइशैडो काफी मेसी, अनअट्रेक्टिव लग सकता है।
- आप जब पहली बार आपकी आइलिड पर पिग्मेंट लगा रही हों, तब आइशैडो को लिड के चारों तरफ ब्रश करने के बजाय थपथपा के लगा लें। ये इसे आपकी लिड पर बेहतर तरीके से जमाकर रखने में मदद करेगा और साथ ही आपको एक पैची लुक देने के बजाय, एक सॉलिड लुक देगा।
- अपने आइशैडो को एक फास्ट मोशन में पीछे से आगे की ओर स्वीप करने के बजाय, कलर को ब्लेंड करने के लिए, उसी डाइरेक्शन में एक छोटा, स्लो ब्रश स्ट्रोक का यूज करें। आइशैडो अप्लाई करने के लिए आपको कभी भी अपने हाँथों को जल्दी-जल्दी नहीं मूव करना चाहिए।
- अगर आप हाइलाइटर कलर नहीं यूज कर रही हैं, तो आपको आपकी आइब्रो तक आइशैडो लगाने की कोई जरूरत नहीं है। ये आपकी आँखों को जरूरत से ज्यादा उभारने का एक पक्का तरीका है और इसकी वजह से ये ऐसी लगने लगती हैं, जैसे इनके ऊपर जरूरत से ज्यादा मेकअप अप्लाई हुआ है।
- अपने नॉर्मल फेस मेकअप को अप्लाई करें: आइ मेकअप करना, मेकअप अप्लाई करने की प्रोसेस का सबसे आखिरी स्टेप होना चाहिए, इसलिए अपने रेगुलर मेकअप को पहले लगा लें। आइशैडो लगाने से पहले कंसीलर, फाउंडेशन, ब्लश या ब्रोंजर और ब्रो लाइनर लगाएँ।
- अपने आइशैडो को सारा दिन लगाए रखने के लिए एक शैडो प्राइमर जरूर लगाएँ। अगर आप इसे नहीं लगा रही हैं, तो आपकी स्किन में बनने वाले नेचुरल ऑइल्स शैडो के साथ बहने लग जाएगा और फिर ज्यादा देर तक इसे लगाए रहने की वजह से ये आपकी क्रीज़ पर इकट्ठा होने लग जाएगा।
- आइशैडो लगाने से पहले कभी भी मस्कारा न अप्लाई करें और अगर आप खास रूप से स्मोकी आइस नहीं बनाना चाह रही हैं, आपका आइलाइनर भी, आपके आइशैडो के बाद ही आना चाहिए।
संपादन करेंफेंड (Fanned) आइशैडो लगाना
- एक सबसे लाइट कलर अप्लाई करें: आमतौर पर इसे हाइलाइटर शेड कहा जाता है, ये एक क्रीमी न्यूड आइशैडो होता है। इसे अपनी आँखों के इनर कॉर्नर्स पर इसे लगाने के लिए एक स्टिफ फ्लैट ब्रश का यूज करें, इसे आपकी अपर और लोअर लैश लाइन पर हल्का सा इकट्ठा करने के लिए ब्रश को ऊपर और नीचे फेरें। आपकी आइब्रोज़ के नीचे भी इसका हल्का सा स्वीप करें।
- आपका मिडिल कलर (ह्यू) एड करें: एक ऐसा कलर चुनें, जो आपके सबसे लाइट कलर से एक स्टेप डार्क है - ये ही आपका मीडियम शेड है। आपके फ्लैट ब्रश की मदद से इस कलर को आपकी लैश लाइन से लेकर क्रीज़ तक, आपकी पूरी लिड पर लगाएँ। अपनी आँखों के कॉर्नर से बहुत ज्यादा बाहर या और इन से बहुत ज्यादा ऊपर न जाएँ।
- आपके सबसे डार्क शेड से लिड को कंटूर (आर्क) करें: अपनी आइलिड को कंटूर करने के लिए डोम (dome) ब्रश के जरिए सबसे डार्क शेड का यूज करें। अपनी आँखों के बाहरी कॉर्नर से शुरुआत करें और ब्रश को आपकी क्रीज़ के सेंटर के आसपास हाल्फ-मून मोशन में ऊपर और नीचे स्वीप करें। शैडो को लैश लाइन के ऊपर सबसे डार्क रखें और आगे बढ़ते हुए हल्का करते जाएँ। एक एंगल्ड फ़ैन पाने के लिए शैडो को आपकी आइब्रो की तरफ ड्रॉ करते जाएँ।
- आइशैडो को ब्लेंड कर लें: अपने ब्रश को एंटीबैक्टीरियल ब्रश क्लीनर या साबुन और पानी से क्लीन कर लें और इसे एक साफ टॉवल से सुखा लें। शैडो के आपकी स्किन टोन के साथ अच्छी तरह से मिलाने के लिए शैडो को ब्लेंड करने के लिए क्लीन ब्रश का यूज करें, साथ ही आपकी आइलिड पर भी ब्लेंड करते हैं, ताकि तीन कलर एक-साथ ब्लेंड हो जाएँ। शैडो को ब्लेंड करने के लिए एक सॉफ्ट, स्वीपिंग ब्रश स्ट्रोक का यूज करें।[१]
संपादन करेंआइशैडो को राउंड स्टाइल में लगाना
- अपनी आइलिड के ऊपर अपने मिडिल टोन को लगाएँ: अपने मिडिल कलर आइशैडो को सेंटर पर फोकस करते हुए, एक कोट एड करने के लिए एक स्टिफ फ्लैट ब्रश का यूज करें। इस लुक में आपको सिर्फ आपके डार्क और मिडिल शेड की ही जरूरत होती है, हालाँकि अगर आप चाहें तो एक हाइलाइटर यूज करने का भी फैसला कर सकती हैं।
- आपकी लिड को सबसे डार्क आइशैडो से उभारें: अपनी इनर और आउटर आइलिड के लगभग ⅓ भाग पर डार्क शेड का आइशैडो लगाने के लिए अपने डोम ब्रश का यूज करें। इसका मतलब आपकी आइलिड पर, आइशैडो का ‘डार्क-मिडल-डार्क’ एप्लिकेशन किया गया होगा। अपनी आँखों के कॉर्नर पर बहुत ज्यादा डार्क शैडो भी अप्लाई करने से बचें, क्योंकि ऐसा करने की वजह से आपकी आँखों के नीचे एक स्लीपी पर्पल सर्कल जैसा बना हुआ नजर आएगा। आप अगर चाहें तो एक और कुछ अलग सा ड्रामेटिक लुक पाने के लिए डार्क शैडो की आउटर एज को अपनी ब्रो के आखिर की ओर, जरा सा ऊपर की तरफ भी ड्रॉ कर सकती हैं।
- अपने शैडो को ब्लेंड करें: अपने डोम ब्रश को ब्रश क्लीनर से या पानी और साबुन से धो लें और इसे एक साफ कपड़े से सुखा लें। दो कलर्स को अपनी आइलिड के ऊपर ब्लेंड करने के लिए एक सॉफ्ट, ब्रशिंग मोशन का यूज करें। सबसे डार्क शेड को अपनी लिड के बहुत सेंटर के करीब न लेकर आएँ, क्योंकि ऐसा करने से ये आपके द्वारा हाइलाइट किए हुए सेक्शन को मडी लुक दे सकता है। अपने आइशैडो की आउटर एज को भी ब्लेंड करें, ताकि आपकी लिड पर कोई भी ठोस कलरब्लोकिंग लाइंस या सेक्शन न मौजूद हों।
संपादन करेंबनाना (Banana) स्टाइल में आइशैडो लगाना
- अपनी लिड को अपने मिडिल कलर शेड से कवर करें: अपनी आंखों की पूरी तरह से अपने मिडिल कलर से पेंट करने के लिए एक स्टिफ फ्लैट ब्रश का यूज करके, अपना बेस कलर बनाएं। अगर आप चाहें तो, अपने चेहरे को हल्का सा और ब्राइट करने के लिए, अपनी ब्रो के ठीक नीचे अपने हाइलाइटर शेड से एक हल्का सा स्मज भी एड कर सकती हैं।
- अपना क्रीज़ कलर एड करें: अपनी क्रीज़ को डार्क करने के लिए अपना ब्रश और अपने सबसे डार्क शेड का यूज करें। अपनी पूरी क्रीज़ को डार्क करने के लिए, इन पर पीछे और सामने की तरफ डार्क शेड को स्वीप करें और अपनी आंखों को और गहरा सेट दिखाएं। आप चाहें तो एक रेगुलर बनाना (banana) तैयार करना भी चुन सकती हैं - इसके लिए शैडो को सिर्फ क्रीज़ पर लगाएँ - या फिर शैडो को सीधे नीचे ले जाते हुए लैश लाइन से मिलाते हुए एक क्लोज्ड-क्रीज़ बनाना तैयार कर लें। शैडो को आपकी लिड के ऊपर जरा पतला ही रखें।
- अपने कलर्स को ब्लेंड कर लें: अपनी पेंसिल और ब्रश को एक एंटीबैक्टीरियल ब्रश क्लीनर या साबुन और पानी से अच्छे से साफ कर लें और इसे एक साफ कपड़े से सुखा लें। अब क्योंकि आपको अपनी क्रीज़ को भरपूर डार्क बनाए रखना है, तो इस ब्रश का यूज, आउटर एज को हल्का सा ब्लर करने के लिए करें। कलर को इतना ज्यादा भी ब्लेंड न करें, कि आपकी लिड पूरी तरह से हाइलाइट हो जाए।
संपादन करेंअपने आइशैडो से स्मोकी आइ तैयार करना
- अपना हाइलाइटर एड करें: अपने सबसे लाइट कलर को अपनी आइब्रोज के ठीक नीचे और अपनी आँखों के कॉर्नर पर लगाने के लिए, एक सख्त, फ्लैट ब्रश का यूज करें। ऐसा करने से, ये आपके चेहरे के उस एरिया को हाइलाइट कर देगा, जो आपकी आँखों को बड़ा और ब्राइट दिखाने का काम करते हैं।
- अपना मीडियम कलर लगाएँ: अपनी पूरी आइलिड पर आपका मीडियम कलर लगाने के लिए एक स्टिफ फ्लैट ब्रश का यूज करें। अपनी लैश लाइन के बेस से शुरू करें और धीरे-धीरे क्रीज़ के ऊपर तक बढ़ते जाएँ। हालाँकि, आपको आपकी ब्रशिंग को हाइलाइटर से मिलने से भी बचाकर चलना है।
- स्मोकी इफेक्ट तैयार करें: अपने सबसे डार्क कलर को आपकी ऊपरी लैश लाइन पर लगाने के लिए डोम ब्रश का यूज करें। कलर को एक डोम ब्रश की मदद से अपनी पूरी लिड पर, लेकिन सिर्फ ⅓ भाग नीचे तक ही स्वीप करें। फिर, अपनी लैश लाइन के साथ कलर की एक और भी डार्क, ज्यादा बेहतर लाइन बनाने के लिए अपने पेंसिल ब्रश का यूज करें।
- इसे बॉटम लैश लाइन तक लेकर आएँ: अपनी बॉटम लैश लाइन के ऊपर अपने सबसे डार्क आइशैडो कलर को एड करने के लिए अपने पेंसिल ब्रश का यूज करें। पहले बाहरी कॉर्नर से स्टार्ट करें और फिर धीरे-धीरे अंदर की तरफ आते हुए इसे धीरे-धीरे और हल्का बनाते हुए, इनर कॉर्नर तक आते जाएँ।
- अपने शैडो को ब्लेंड करें: डोम ब्रश को साफ करने के बाद, शैडो को अच्छी तरह से ब्लेंड करने के लिए इसका यूज करें। आपको कलर का एक स्मूद ग्रेज्युएशन तैयार करना है, इसलिए आपके सबसे डार्क शेडो को धीमे-धीमे मिडिल कलर में बदलने के लिए पूरा वक़्त लें। डार्क शैडो की लाइन को आपकी लैश लाइन के बहुत ज्यादा करीब ले जाने से भी बचें, क्योंकि आपको भी इस पार्ट को ऐसा नहीं दिखाना है, कि जैसे ब्लेंडिंग की वजह से बहुत ज्यादा फेड हो चुका है।[२]
- समाप्त।
- हमेशा अपने सबसे लाइट कलर को पहले अप्लाई किया करें और फिर धीरे-धीरे सबसे डार्क कलर की तरफ बढ़ती जाएँ।
- आपके द्वारा ब्रश पर बहुत ज्यादा आइशैडो न छोड़े जाने की पुष्टि करें, नहीं तो ये आपके गालों पर आने लगेगा और आपकी आँखों के अंदर भी जाने लगेगा।
- आइशैडो लगते वक़्त, सही ब्रश यूज किए जाने की पुष्टि कर लें। अच्छे ब्रश को चुनने से एक सस्ते से सस्ता आइशैडो भी काफी खूबसूरत नजर आ सकता है।
- किसी भी तरह की गलती होने पर, उसे मिटाने के लिए आपके पास में कॉटन की पट्टी रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि अगर आप आपकी उंगली से इसे साफ करेंगी, तो ये धब्बे जैसा बन जाएगा। बस मेकअप रिमूवर में एक कॉटन की पट्टी डुबोएँ, उसे साफ करें और बस आपका काम हो गया!
- बहुत ज्यादा भी कुछ एड न करें। क्योंकि कुछ एड करना, उसे हटाने के कम्पेरिजन में कहीं ज्यादा आसान होता है।
- अपने आइशैडो कलर्स के मिक्स होने या उन्हें हल्का होने से बचाए रखने के लिए यूज करने के बाद अपने मेकअप ब्रशेज को अच्छे से जरूर धो लिया करें - आपकी आइलिड्स और और आपकी पैलेट में मौजूद दोनों को ही।
- पाउडर शैडो यूज करते वक़्त, आप चाहें तो एक्स्ट्रा चमक पाने के लिए अपने ब्रश को पानी से गीला भी कर सकती हैं, या फिर आप मिक्सिंग मीडियम भी यूज कर सकती हैं।
- अपना फाउंडेशन रूटीन शुरू करने से पहले हमेशा आइशैडो को पहले लगाया करें। ये आपके आइशैडो के कलर्स को फाउंडेशन के साथ मिक्स होने से बचा लेगा।
- आप अगर एक बोल्ड लुक (जैसे कि, स्मोकी या कलरफुल) पाना चाह रही हैं, तो बेहतर होगा, अगर आप पहले कम, बहुत जरा से आइशैडो से स्टार्ट करें और फिर धीरे-धीरे आपके द्वारा यूज किए जाने वाले अमाउंट को बढ़ा लें। इस तरह से ये बहत ज्यादा भरा हुआ सा नहीं नजर आएगा।
- लेयरिंग क्रीम शैडो और फिर पाउडर शैडो, ये दोनों ही आपके आइशैडो के कलर में ब्राइटनेस एड कर सकती हैं, लेकिन अगर शैडो अच्छी तरह से ब्लेंड नहीं हुआ होगा, तो इसकी वजह से आपकी आँखों के ऊपर परत सी भी नजर आने लग सकती है।
- आप अगर कांटैक्ट्स (लेंस) पहनती हैं, तो बेहतर होगा, अगर आप एक बार आपके द्वारा यूज किए जाने वाले मेकअप को कांटैक्ट लेंस के साथ यूज करने की सेफ़्टी के बारे में जांच लें।
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January 13, 2019, 2:00 pm
ड्राई हेयर बेजान और दोमुंहे दिखाई देते हैं और ये बहुत जल्दी टूट जाते हैं। अच्छी बात ये है कि, बालों को पोषण देना बहुत आसान है जिससे इन्हें फिर से सॉफ्ट और शाइनी बनाया जा सकता है। (Rookhe, Bejaan Baalon se Chutkara Paaye)
- बाल धोते और सुखाते समय उन्हें कोमलता से हैंडल करें: अगर आपके बाल रूखे या ड्राई हैं तो वो बहुत जल्दी टूट सकते हैं | इन्हें कठोरता से हैंडल करने से बाल दोमुंहे हो जायेंगे और जल्दी टूटने लगेंगे | जब भी आप बालों को धोएं, सुखाएं या बालों को हैंडल करना हो तो बालों को एक ऐसे कोमल फाइबर की तरह समझें जिन्हे अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है | इसका मतलब है कि इन्हें खींचें, रगड़ें या मरोड़ें नहीं |
- जब बालों को शैम्पू करना हो तो बालों को रगड़ने की बजाय अपने हाथों की अँगुलियों की टिप्स से शैम्पू को धीरे-धीरे बालों में फैलाएं |
- ठन्डे या गुनगुने पानी से शैम्पू को धोकर साफ़ करें, बहुत गर्म पानी ड्राई हेयर्स को और ज्यादा डैमेज कर देता है | अब, कंडीशनर को ठन्डे पानी से धोते हुए स्कैल्प की क्यूटिकल को सील कर दें |
- जब बाल धो लें तो बालों को ट्विस्ट करके या मरोड़कर पानी निचोड़ने की बजाय धीरे-धीरे दबाकर अतिरिक्त पानी निचोड़ें | एक टॉवल से थपथपाकर सुखाएं |
- शैम्पू कम करें: बाल उस समय और भी ज्यादा ड्राई हो जाते हैं जब स्कैल्प से प्रोड्यूस होने वाले नेचुरल ऑइल को स्कैल्प को पोषण पहुँचाने का मौका ही नही मिल पाता | ड्राई हेयर में रोज़ शैम्पू करने से बाल और भी ज्यादा ड्राई हो जाते हैं और जल्दी टूटने लगते हैं क्योंकि आप डेली बेसिस पर इन ऑयल्स को निकाल देते हैं | सप्ताह में केवल दो या तीन बार ही शैम्पू करें जिससे बालों और स्कैल्प को इन नरीशिंग ऑयल्स से पोषण प्राप्त करने का मौका मिल सके |[१]
- जब आप पहली बार बाल धोयेंगे तो नोटिस करेंगे कि स्कैल्प बहुत सारा ऑइल प्रोड्यूस करेगा क्योंकि बार-बार बाल धोने के कारण उसे ऑइल को ज्यादा प्रोड्यूस करने की आदत हो जाती है | अगर एक सप्ताह में एक या दो बार बाल धोये जाएँ तो आप देखेंगे कि ये चीजें बैलेंस हों लगती हैं इसलिए बाल बहुत ज्यादा गंदे दिखे बिना कई दिन के गैप से धोये जा सकते हैं |
- अगर बालों की रूट्स थोड़ी ऑयली दिखने लगें तो इस परेशानी का बेहतर आप्शन है; ड्राई शैम्पू (dry shampoo) इस्तेमाल करें |
- अपने बालों को सूखने दें: क्या आपको हेयर ड्रायर का इस्तेमाल करने की आदत है? तो अब इस आदत को छोड़ने का समय आ गया है और अब अपने बालों को अपने आप हवा में सूखने दें | हेयर ड्रायर से बालों पर लगने वाली डायरेक्ट गर्म हवा बालों को स्वस्थ नहीं रहने देती | हालाँकि इस हवा से हेयर शाइनी लग सकते हैं लेकिन हीट वास्तव में बालों को डैमेज करती है और इससे समय के साथ-साथ बाल टूटने लगते हैं और दोमुंहे हो जाते है |
- जब आप पहली बार बालों को हवा में सुखाते हैं तब आपको बहुत ज्यादा रिजल्ट नहीं पाते लेकिन इसके लिए बालों को जेंटली ट्रीट करने के लिए एक महीने या उससे ज्यादा का समय दें जिससे आपके बालों के नेचुरल टेक्सचर को फाइनली शाइन करने का मौका मिल पायेगा |
- जब आप अपने बालों को हेयर ड्रायर से स्टाइल कर रहे हों (जो केवल स्पेशल मौकों पर ही करना चाहिए) तो ड्रायर को कूल या वार्म सेटिंग पर सेट करके इस्तेमाल करें और इसे अपने सिर से पर्याप्त दूरी पर रखें | हीट प्रोटेक्टेंट प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते समय सावधानी रखें क्योंकि इनके बहुत ज्यादा इस्तेमाल से भी हेयर स्ट्रैंड्स डैमेज होने लगती हैं |
- हेयर ब्रश करने की बजाय कंघी करें: हेयर ब्रश से बाल सुलझाने पर बाल उसमे फंसकर काफी टूट सकते हैं | क्योंकि ड्राई हेयर काफी जल्दी टूट जाते हैं जिससे बाल फ्रिज़ी और रफ़ दिखाई देने लगते हैं | इसकी बजाय गीले बालों को सुलझाने के लिए चौड़े–दांत वाले कंघे का इस्तेमाल करें | यह काफी फोर्गिविंग होता है और इसके उपयोग से बाल जल्दी टूटते या खिंचते नहीं हैं |
- अगर आपके बाल काफी उलझते हैं तो सबसे पहले हेयर्स की टिप्स के पास से कंघे से उलझन सुलझाएं और फिर धीरे-धीरे हेयर रूट्स तक कंघी करें | अगर आप सीधे हेयर रूट्स से कंघी करेंगे तो हेयर टूट सकते हैं |
- बाल धीरे-धीरे सुलझाने के लिए आप अपनी अँगुलियों का उपयोग भी कर सकते हैं | थोडा कंडीशनर लगायें और बाल सुलझने तक धीरे-धीरे मसाज करें |
- हेयर डैमेज करने वाले ट्रीटमेंट्स पर लगाम लगायें: स्ट्रैटनिंग, डाइंग, कर्लिंग या बालों पर इस्तेमाल की जाने वाली अन्य प्रोसेस के इस्तेमाल से लॉन्ग-टर्म हेयर डैमेज हो सकता है, भले ही आपने इनका इस्तेमाल केवल एक बार ही किया हो | अगर आपके बाल ड्राई हैं और आप इनकी हेल्थ को रिस्टोर करने की कोशिश कर रहे हैं तो इन डैमेजिंग ट्रीटमेंट से जब तक ब्रेक नहीं लेंगे, बालों में नेचुरल शाइन और टेक्सचर को वापस नहीं देख पाएंगे | निम्नलिखित चीज़ों से बचें:[२]
- हीट स्टाइलिंग टूल्स जैसे कर्लिंग आयरन्स, हॉट रोलर्स या स्ट्रैटनर्स (बिना हीट के इस्तेमाल के हेयर स्ट्रैट करने के ऑप्शन्स का उपयोग करें) |
- डाइंग, ब्लीचिंग या हाईलाइटिंग इसके लिए नेचुरल अल्टरनेटिव का उपयोग करें )
- ऐसी हेयरस्टाइल से बचें जिनमे बाल खिंचते हैं: वेव्स, ड्रेड्स और अन्य स्टाइल्स जिनमे बालों को रूट्स से खींचकर बाँधा जाता है उनके उपयोग से बचें क्योंकि उनसे ड्राई हेयर्स को और ज्यादा नुकसान पहुँचता है | इनमे से किसी भी स्टाइल के इस्तेमाल से बाल काफी टूटते हैं या कई बार गंजापन भी दिखाई देने लगता है। अगर आप बालों को हेल्दी रखना चाहते हैं तो बालों को नेचुरल रूप में रखना ही बेहतर होता है |
संपादन करेंड्राई हेयर्स की कंडीशनिंग करें
- हर बार शैम्पू करने के बाद एक अच्छे कंडीशनर का इस्तेमाल करें: बालों की लम्बाई के आधार पर, कंडीशनर की एक चौथाई या डाइम-साइज़ अमाउंट का उपयोग करें | इससे अपने बालों को अच्छी तरह से कोट करें | इसे बालों पर अच्छी तरह से धीरे-धीरे मसाज करें, टिप्स पर फोकस करें और गुनुगने या ठंडे पानी से धोकर साफ़ कर लें |
- अगर आपके बाल बहुत ज्यादा ड्राई हों तो आपको लीव-इन कंडीशनर का इस्तेमाल करना चाहिए | यह दिन में बालों को ड्राई होने से बचाएगा जिससे बालों को शाइनी और मैनेजेबल रहने में मदद मिलेगी | ये कर्ली बालों के लिए विशेषरूप से अच्छे होते हैं क्योंकि कर्ली बल बहुत जल्दी ड्राई हो जाते हैं |
- अगर कंडीशनिंग के बाद आपके बाल काफी डल और बेजान दिखें तो आपको अपना कंडीशनर बदलने के बारे में सोचना चाहिए | ऐसे कंडीशनर चुनें जो नरीशिंग नेचुरल ऑयल्स से बनाये गये हों और सिलिकॉन-रहित हों |
- रेगुलर डीप कंडीशनिंग ट्रीटमेंट करें: डैमेज हेयर की लाइफ को रिस्टोर करने के लिए रूटीन कंडीशनिंग से थोडा ज्यादा करने की जरूरत हो सकती है | अपनी मनचाही शाइन और टेक्सचर की लालसा को पूरा करने के लिए सप्ताह में एक बार डीप कंडीशनिंग करें | आप चाहें तो स्टोर से डीप-कंडीशनर खरीद सकते हैं या फिर कोकोनट ऑइल, आलमंड ऑइल या जोजोबा ऑइल जैसे घरेलू ऑइल आजमा सकते हैं | बालों को डीप कंडीशनिंग करने के लिए,[३]
- बालों को गीला करें और एक या दो चम्मच डीप कंडीशनर लगायें | ध्यान रखें कि एक चौड़े-दांत वाले कंघे से या अँगुलियों के द्वारा बालों की रूट्स से टिप्स तक बालों की हर स्ट्रैंड को कोट होना चाहिए |
- बालों को शावर कैप या प्लास्टिक व्रैप से कवर करें |
- इसे एक घंटे तक या पूरी रात लगाये रखें |
- अगर आपके पास इस मास्क को पूरी रात लगाकर रखने का समय नहीं है तो एक ब्लो ड्रायर को लो सेटिंग पर सेट करके बालों को जेंटल हीट दें | इससे प्रोडक्ट हेयर्स में अंदर तक जा पायेगा |
- अब बालों को धोने के लिए शैम्पू करें | सभी बची हुई चीज़ों को हटाने के लिए आपको दूसरी बार शैम्पू करने की जरूरत हो सकती है |
- होममेड हेयर मास्क बनायें: अगर आप तुरंत अपने बाल चमकदार बनाना चाहते है और फ्रिज़ीनेस कम करना चाहते हैं तो तुरंत एक होममेड मास्क बनाकर आप शैम्पू के तुरंत पहले उपयोग कर सकते हैं | शावर में अपने बालों को भिगो लें और मास्क लगा लें | शावर में अंत में शैम्पू कर लें | निम्नलिखित मास्क आजमायें:
- 2 बड़ी चम्मच हनी
- एक मसला हुआ केला या अवोकेडो
- 2 बड़ी चम्मच प्लेन दही 2
- एक फेंटा हुआ अंडा
- ऊपर दी गयी चीज़ों में से किसी भी चीज़ का एक कॉम्बिनेशन
- बालों को प्रोटेक्ट करने के लिए फिनिशिंग ऑइल का इस्तेमाल करें: एक्स्ट्रा ड्राई हेयर पर, फिनिशिंग ऑइल लगाने से बाल पूरे दिन फ्रिज़ी और पफी नहीं होंगे |फिनिशिंग ऑइल की डाइम-साइज्ड अमाउंट का उपयोग करें | इसे अपनी फिंगर्स से लगाते हुए बालों की टिप्स पर फोकस करें और रूट्स छोड़ दें | इनमे से किसी ऑइल का इस्तेमाल करें:
- आर्गन ऑइल
- ऑलिव ऑइल
- कोकोनट ऑइल
- जोजोबा ऑइल
- एक बोअर-ब्रिसल वाले ब्रश का इस्तेमाल करें: हालाँकि आपको अधिकतर ब्रश के इस्तेमाल से बचना चाहिए लेकिन बोअर ब्रश इनमे एक एक्सेप्शन है | यह ब्रश स्पेशल नेचुरल ब्रिसल से बनाया जाता है जो बालों के टेक्सचर के समान ही होता है | इसका उपयोग विशेषरूप से बालों को डैमेज किये बिना स्कैल्प से पूरे बालों की टिप्स तक बालों के ऑइल को खींचने के लिए किया जाता है | अगर आपके बाल बहुत रूखे हैं और आप इन बेजान बालों में फिर से जान डालना चाहते हैं तो इन ब्रश में इन्वेस्ट करना काफी अच्छा होगा | इन ब्रशेज को इस्तेमाल करने के तरीके नीचे दिए गये हैं:
- बाल धोने से पहले रात तक का इंतज़ार करें क्योंकि रात में बालों की रूट्स से काफी ऑइल निकलेगा |
- एक चौड़े-दांत वाले कंघे से उलझे हुए बाल सुलझा लें |
- स्कैल्प से नीचे टिप्स तक ले जाते हुए बालों को ब्रश करें | बालों के दूसरे सेक्शन पर जाने से पहले काफी बार पहले सेक्शन पर ही ब्रश रिपीट करें |
- सभी बालों पर अच्छी तरह से ब्रश होने तक लगातार ब्रश करते रहें | ब्रश फिनिश करने के बाद सॉफ्ट और सिल्की फील होना चाहिए | इसके एक या दो घंटे बाद शैम्पू करें |
संपादन करेंहेल्दी हेयर्स को बढ़ने दें
- खुद को स्कैल्प मसाज दें: स्कैल्प की मसाज करने से बालों की रूट्स के नज़दीक सर्कुलेशन उत्तेजित होता है जिससे बाल बढ़ते हैं | बाल धोने से पहले पहले हर बार मसाज करने की आदत डालें | अँगुलियों की टिप्स से स्कैल्प को सर्कुलर मोशन में मलें औए सिर के हर हिस्से में मसाज करें |
- बोनस के तौर पर, हेड मसाज से स्ट्रेस और सिरदर्द भी कम हो जाते हैं |
- एक्स्ट्रा बूस्ट के लिए ऑइल मसाज आजमायें | कोकोनट ऑइल, आलमंड ऑइल, ऑलिव ऑइल या जोजोबा ऑइल से स्कैल्प में मसाज करें और मसाज करने के बाद बाल धो लें |
- नेचुरल हेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें: बाज़ार में उपलब्ध कई प्रोडक्ट्स बालों को स्वस्थ रखने का दावा करते हैं जबकि उनमे मौजूद इन्ग्रेडियेंट्स इससे बिलकुल विपरीत होते हैं | आपके शैम्पू, कंडीशनर और स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स के उपयोग के कारण बाल नार्मल से भी ज्यादा ड्राई और ब्रिटल हो सकते हैं | इनकी बजाय नेचुरल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें और ऐसे प्रोडक्ट्स का उपयोग करने से बचें जिनमे निम्नलिखित हानिकारक इन्ग्रेडियेंट्स हों:
- सल्फेट्स: यह शैम्पू और अन्य क्लीनजर्स में पाया जाता है और ये बालों से नेचुरल ऑयल्स की परत निकाल देता है और बालों को शुष्क बना देता है |[४]
- सिलिकॉन: यह कंडीशनर्स में पाया जाता है और बालों में जमा होकर कुछ समय बाद बालों को डल बना देता है |
- अल्कोहोल्स: ये स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स में पाए जाते हैं और बालों में ड्राईनेस बढाते हैं |
- बालों को अंदर से पोषण दें: हम जो भी खाते या पीते हैं उसका असर हमारे बालों पर भी होता है | अगर आप चाहते हैं कि आपके बाल सुंदर दिखें तो जरुरी है कि आपके शरीर को भी पोषण मिले जिससे बाल स्ट्रोंग और हेल्दी रूप से बढ़ सकें | हेल्दी हेयर पाने के लिए नीचे दी गयी सलाह आजमायें:[५]
- खूब सारे ऐसे न्यूट्रीशियस फूड्स खाएं जो बालों के लिए लाभदायक हों | इन्हें खाने का उद्देश्य काफी प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड और आयरन की पूर्ती करना है | इसके लिए सामन फिश, नट्स, अवोकेडो और फ्लेक्ससीड्स का इस्तेमाल करें |
- खूब सारा पानी पियें और हाइड्रेटेड रहें | इससे बाल ड्राई होने से बचेंगे |
- धूम्रपान छोड़ें | सिगरेट्स स्मोक करने से अंततः बाल डैमेज हो सकते हैं |
- बालों को धूप और दूसरे एलिमेंट्स से प्रोटेक्ट करें: बिना प्रोटेक्शन के लम्बे समय तक धूप में रहने से बाल जल सकते हैं | स्किन के समान ही बालों को भी प्रोटेक्ट करने की जरूरत होती है इसलिए जब आपको मालूम हो कि आपके एक घंटे से भी ज्यादा समय तक डायरेक्ट सन लाइट में रहना होगा तो बालों को कवर करके जाएँ |
- अगर आपको पूरे दिन धूप में रहना हो तो बालों को प्रोटेक्ट करने के लिए सन हैट पहनें |
- पूल में, स्विम कैप पहनकर केमिकल्स से बालों की सुरक्षा करें |
- बहुत सर्दियों के मौसम में, बालों को ठंडी और शुष्क हवाओं से बचाने के लिए गर्म हैट पहनें |
- रेगुलर ट्रिम कराएँ: इन सभी स्टेप्स से नए स्वस्थ बाल बढना शुरू होने लगेंगे | बालों को हर दो से तीन महीने में ट्रिम कराते रहें जिससे ड्राई और डैमेज एंड्स को हटाया जा सके | ऐसा करने से कई महीनों बाद आपके पुराने, डैमेज हेयर, सुन्दर नए बालों से रिप्लेस हो जायेंगे |
- शाइनी और स्मूथ हेयर पाने का एक और तरीका यह है कि आधा वाइट विनेगर और आधा पानी मिलकर इस मिक्सचर को बालों में लगायें और शैम्पू करने से पहले धो लें |
- बाल धोने से कुछ मिनट पहले कंडीशनर बालों में लगाकर छोड़ दें |
- कर्ली हेयर में सल्फेट रहित शैम्पू का इस्तेमाल करें क्योंकि सल्फेट कर्ली या वेव्ड हेयर्स को ड्राई कर देता है |
- ऐसी चीज़ों का इस्तेमाल न करें जो हीट देती हैं जैसे स्ट्रैटनर, ब्लो ड्रायर, कर्लर और ऐसी ही अन्य चीज़ें |
- लीव-इन कंडीशनर का उपयोग करने पर या कंडीशनर लगाने पर ड्राई एंड्स पर ही फोकस करें और इसे पूरा न धोएं | सिलिकॉन रहित कंडीशनर लगायें | इसके लिए आप इन्टरनेट पर सर्च कर सकते हैं क्योंकि ड्राई हेयर्स के लिए सही प्रोडक्ट्स ढूंढना काफी मुश्किल होता है |
- एक अच्छे सैलून में बालों को ट्रिम कराएं और अगर हो सके तो उनसे डीप कंडीशनिंग करने के लिए कहें |
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January 14, 2019, 2:30 pm
क्या आपकी स्टाइल बोरिंग हो गई है या फिर आप बचपन से अपने वही पुराने लुक को देख-देखकर थक चुके हैं? क्या आप एक नया स्टाइल अपअपनाना चाहते हैं, लेकिन आपको समझ नहीं आ रहा है, कि आखिर इसकी शुरुआत कैसे की जाए? फिर चाहे आप एक नया हेयरकट ढ़ूंढ़ रहे हैं या फिर बस मौजूदा चीजों में ही कुछ बदलाव करने का सोच रहे हैं, तो आपके लिए ऐसी सभी तरह की टेक्निकस और प्रोडक्ट्स मौजूद हैं, जिन्हें आप ट्राइ करके देख सकते हैं। अपने चेहरे के शेप, अपने बालों को और अपनी स्टाइल को ध्यान में रखकर चलें और आप अपने लिए एक बेहतर हेयरस्टाइल पा लेंगे!
संपादन करेंडेली लुक के ऊपर काम करना
- अपनी स्थिति के बारे में सोचें: अगर आप रोज के लिए एक बिल्कुल नई स्टाइल चुन रहे हैं, तो अपनी लाइफ की सारी डीटेल्स को अपने मन में लेकर चलना, आपके लिए बेहतर होगा। अपनी जरूरतों, अपने ऑफिस, आपके पास में बालों को स्टाइल करने का कितना वक़्त रहता है और आप आपके इस डेली लुक के ऊपर कितनी मेहनत करने को तैयार हैं, इन सबके बारे में सोचें।
- आपके द्वारा चुनी हेयरस्टाइल के मुताबिक, उसे आपकी पर्सनालिटी के साथ अच्छी तरह से सूट करना चाहिए। आपको अपनी इस नई हेयरस्टाइल के साथ कम्फ़र्टेबल भी होना चाहिए, तो इसलिए ऐसी कोई भी हेयरस्टाइल न चुन लें, जो आपके अपने पर्सनल टेस्ट के साथ मैच ही न करती हो। अगर आपके स्टाइललिस्ट आपके लिए किसी ऐसी हेयरस्टाइल की सलाह देते हैं, जिसके साथ आप कम्फ़र्टेबल नहीं हैं, तो आप जो भी फील कर रहे हैं, उसे बता दें और फिर अपने लिए कुछ और तलाश लें।
- एक नया हेयरकट करा लें: अगर आप किसी ऐसे हेयर स्टाइललिस्ट के पास जाते हैं, जिसे आप पहले से जानते हैं, तो ये आपके लिए मददगार हो सकता है, लेकिन अगर आप एक नए हेयर स्टाइलिस्ट को सर्च करना चाह रहे हैं, तो अपने कोवर्कर्स या फ्रेंड्स से रेकमंडेशन मांग लें या फिर इंटरनेट पर चेक करे, और किसी लोकल सलोन की रेटिंग्स और रिव्यूस के ऊपर ध्यान दें।
अपने साथ में अपनी पसंद की हेयरस्टाइल्स की फोटो लेकर जाएँ और अपने स्टाइलिस्ट से पूछ लें, अगर वो लुक आपके चेहरे के हिसाब से सही नजर आता हो, तो।
लंबी ट्रिम — और सिर के किनारों पर एक पतली, यहां तक कि काफी शॉर्ट ट्रिम भी दिखाते हैं।[१]
पोम्पेडोर (Pompadour): पोम्पेडोर एक अंडरकट हेयरकट है, जो आपके सिर के साइड में शॉर्ट कट्स दिखाता है, लेकिन लंबे बालों को ब्रश करके आपके सिर के सबसे हाइ पॉइंट तक रखा जाता है। इसे एल्विश पारस्ले के द्वारा काफी मशहूर बना दिया गया है।
क्विफ (Quiff): ये स्टाइल पोम्पेडोर की तरह ही है, इसमें लंबे बालों को आपके सिर के पीछे ले जाने के बजाय, सामने की तरफ ब्रश किया जाता है।
बज़ कट (Buzz cut): बज़ कट्स में बालों को स्कैल्प के काफी करीब तक कट किया जाता है, ये काफी लो-मेंटेनेंस हैं, लेकिन फिर भी स्टाइलिस हैं।[२]}}
- अपने बालों को पार्ट कर लें: जब आप बालों को पार्ट करने की जगह चुने लें, फिर अपने चेहरे के आकार और आपके नेचुरल पार्ट के बारे में सोचें। अगर आपका चेहरा राउंड है, तो बालों को बीच से पार्ट न करें - ये आपके गोलाकार को और भी बड़ा दिखाएगा। अगर आपकी जॉ (jaw) शार्प है और चीकबोन्स हाइ हैं, तो एक पार्ट, जो एक साइड से दूर हो, वो इन क्वालिटी को हाइलाइट करेगा। आमतौर पर,
एक ऐसा पार्ट, जो सेंटर से कुछ इंच दूर हो, वो ज़्यादातर लोगों के ऊपर सही काम करता है।
आपके पसंद के लुक को पाने के लिए इनके साथ में और भी एक्सपेरिमेंट करके देख लें।
- आप आपके बालों को पार्ट करने के लिए अपनी उंगलियों या कोम्ब का यूज कर सकते हैं। एक बात का ध्यान रखें, कि फिंगर-कोम्बिंग से ज्यादा वेवी हेयर, ज्यादा नेचुरल लुक मिलता है, वहीं एक पतली दांत वाली कोम्ब का यूज करने से आपकी हेयरस्टाइल और भी जमी हुई और स्ट्रक्चर में बनेगी।
- बालों को कोम्ब करें: अगर आप आपके बालों को किसी भी डाइरेक्शन में ऊपर स्पाइक न कर रहे हों, आप देखेंगे, कि ज़्यादातर हेयरस्टाइल्स में कोम्ब करने के बाद एक ही प्राइमरी डाइरेक्शन में जाते हैं। आप इन्हें सामने, पीछे, ऊपर, किसी एक साइड में या सीधे नीचे भी कोम्ब कर सकते हैं। आपके ऊपर सही लगने वाली स्टाइल को पाने के लिए कुछ स्टाइल्स के साथ एक्सपेरिमेंट करके देख लें।
- एक हेयर प्रोडक्ट चुनें: हम में से ज़्यादातर लोगों को बालों को स्टाइल करने के लिए पानी और कोम्ब के अलावा और भी दूसरी चीजों की जरूरत पड़ती है। अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट्स के ऊपर एक्सपेरिमेंट करते हुए, पहले कुछ कम महंगे ब्रांड्स के साथ स्टार्ट करें। अगर आपको उनमें से कुछ पसंद आ जाता है (जैसे कि हेयर क्ले), तो फिर आप इसके लिए एक सही ब्रांड को चुन सकते हैं। यहाँ पर आपके लिए यूज करने लायक कुछ प्रोडक्ट्स दिए हुए हैं, साथ ही ये आपके लुक को पाने में मदद भी करेंगे: या और लंबे हैं, तो मूज आपके बालों में वेव्स और कर्ल्स को भी डिफ़ाइन कर सकता है। बेहतर रिजल्ट्स पाने के लिए, इसे गीले बालों पर लगा लें और अपने बालों को पूरी तरह से सूख जाने दें।
जेल: पोमेड (pomade) से अलग, जेल में अल्कोहल मौजूद होता है, जो बालों को ड्राइ कर देता है और इन्हें एकदम कड़क सा बना देता है। स्ट्रॉंग होल्ड पाने के लिए, जेल को गीले बालों पर लगाएँ।
पोमेड, हेयर वेक्स या हेयर क्ले: इन प्रोडक्ट्स का यूज अपने बालों पर ऐसे शेप्स, जैसे कि पोम्पेडोर्स या कर्ल्स (नेचुरली स्ट्रेट हेयर पाने के लिए) पाने में करें, जिसे पाना मुश्किल है। एक बात का ध्यान रखें, कि इन प्रोडक्ट्स को निकालने के लिए बालों को कई बार भी धोना पड़ सकता है, तो इसलिए इन्हें बहुत जरा सा अप्लाई करें। अगर आपके बाल शॉर्ट, मीडियम या पतले हैं, तो आपके लिए एक पी साइज़ अमाउंट भो काफी रहेगा। शाइनी, वेट लुक पाने के लिए पोमेड या हेयर वेक्स का यूज करें; मेट, नेचुरल टोन को पाने के लिए हेयर क्ले का यूज करें।
हेयर ग्लू: क्या आपने कभी सोचा है, कि कुछ लोगों के मोहव्क (mohawks) किस तरह से ऐसे सीधे खड़े रहते हैं? वो लोग शायद ग्लू के कुछ वेरिएशन (ये असल में ग्लू नहीं होता, एक तरह का हेयर जेल होता है) का यूज करते हैं, जो उनके बालों को मजबूती से होल्ड करके रख सकता है। हालांकि, प्रोडक्ट्स को लेकर काफी सावधान रहें और इन्हें लगाने के पहले, बीच-बीच में अपने बालों को अच्छी तरह से धोते भी रहें।}}
- सही स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स का यूज करें और हेयरस्प्रे (ऑप्शनल) से सेट कर लें: प्रोडक्ट्स और हेयरस्टाइल के हिसाब से, आपको अपने बालों को कोम्ब करने से पहले, कुछ तरह के स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स अप्लाई करना हो सकते हैं। अगर आप आपके बालों के स्ट्रक्चर के दिनभर में खराब होने या बालों के लटक जाने को लेकर परेशान हैं, तो फिर स्टाइलिंग खत्म करने के बाद फौरन अपने बालों को हेयरस्प्रे से गीला कर लें। आप चाहें तो लाइट या स्ट्रॉंग होल्ड
(बस इतना याद रखें, कि "स्ट्रॉंग होल्ड" का मतलब "ज्यादा अल्कोहल" होता है, जो आपके बालों को और भी कड़क लुक दे सकता है) वाले प्रोडक्ट्स भी चुन सकते हैं।
- अपने हेयर स्प्रे को स्प्रे करते वक़्त, अपने बालों से कम से कम छह इंच की दूरी पर रखने की पुष्टि करें। इसे अपने बालों पर बहुत ज्यादा भी स्प्रे न करें, नहीं तो आपके बाल एक-साथ चिपके हुए और बहुत कड़क लगने लगेंगे।
- हेयर वेक्स भी अपनी हेयरस्टाइल को सेट करने का एक आसान तरीका होता है। बस इसकी जरा सी मात्रा को तब तक अपनी उँगलियों के बीच रगड़ें, जब तक कि ये सॉफ्ट न हो जाए और फिर इसे अपने बालों की स्ट्रेंड के बीच में लगा लें।
संपादन करेंकिसी इवैंट के लिए स्टाइल करना
- अपनी स्टाइलिंग जरूरतों और स्थिति के बारे में विचार करें: आप आपके बालों को क्यों स्टाइल कर रहे हैं? क्या आप प्रोम पर जाने वाले हैं? अपनी गर्लफ्रेंड के पेरेंट्स से मिलने वाले हैं? बस यूँ ही एक कूल हेयर लुक पाना चाह रहे हैं? अपने लुक को स्थिति के हिसाब से मैच करने लायक बनाएँ।
- क्वालिटी प्रोडक्ट्स यूज करें: अगर आपने आपकी डेली स्टाइल में सस्ते प्रोडक्ट्स यूज करके शुरुआत की है, तो अब आपको स्पेशल ओकेशन के लिए बेहतर क्वालिटी के प्रोडक्ट्स को यूज करने के बारे में सोचना चाहिए।
सस्ते प्रोडक्ट्स के बिल्ड-अप (जमने) या बालों पर अनचाहा लुक, जैसे कि, आपके बालों को बहुत ज्यादा ड्राइ या बहुत ऑइली बनाने की संभावना ज्यादा होती है।
- किसी खास ओकेशन से पहले इन प्रोडक्ट्स को कई बार यूज जरूर करें, ताकि आपको पता चल जाए, कि ये प्रोडक्टस आपके बालों पर किस तरह से रिएक्ट करने वाले हैं।
- इनपुट की मांग करें: अगर आप एक फॉर्मल इवैंट, जैसे कि वेडिंग (वेडिंग पार्टी के एक गेस्ट या मेम्बर की तरह) पर जा रहे हैं, तो आप किसी से इवैंट के लिए स्टाइलिंग हेल्प की मांग कर सकते हैं। एक प्रोफेशनल स्टाइलिस्ट, पेरेंट या यहाँ तक कि आपकी डेट भी आपके ऊपर क्या अच्छा लगता है, के ऊपर आपको सजेशन दे सकते हैं।
- हर एक चीज़ को क्रिस्प और नीट रखें: आपके स्पेशल इवैंट की हेयरस्टाइल के लिए सबसे जरूरी पहलू ये भी होता है, कि आपको इन्हें ऐसे दिखाना होता है, जैसे कि आपने इन्हें परफेक्ट बनाने के लिए काफी मेहनत की है।[३]
- आपके पार्ट को एकदम शार्प लुक देने के लिए, इन्हें कोम्ब की मदद से तैयार किया जाना चाहिए।
- आपको अपने बालों को ठीक आपके द्वारा चाही हुई जगह पर बनाए रखने के लिए प्रोडक्ट्स का यूज करना चाहिए।
- ऐसे क्वालिटी प्रोडक्ट्स, जो आपके बालों में शाइन या वेट लुक लाते हैं, वो अक्सर किसी इवैंट के लिए एकदम सही काम करता है।
- एक “रिफ्रेशर” प्लान बनाएँ: अगर आपके द्वारा अटेण्ड किए जाने वाला इवैंट एक या दो घंटे से ज्यादा वक़्त तक चलने वाला है, तो आपको आपके बालों के नीट लुक को बनाए रखने के लिए, इन्हें रिफ्रेश करना होगा। ये अपनी जैकेट के पॉकेट के अंदर एक छोटी सी कोम्ब रखने, मेन्स रूम में जाकर इसे गीला करने और इसे अपने बालों में फेरने जितना आसान भी हो सकता है। ये आपके स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स (खासतौर पर हेयर जेल) को री-एक्टिवेट कर देती है और साथ ही आपके बालों को इवैंट के आखिर तक एकदम पहले जैसा ही बनाए रखने में मदद करेगी।
संपादन करेंअपनी हेयरस्टाइल को बदलना
- अपने फेशियल शेप का निर्धारण करें: वैसे तो ये बात सबको पता है, कि हर एक स्टाइल सबके ऊपर अच्छी नहीं लगती है। ये आपके फेशियल शेप और फीचर्स पर काफी ज्यादा निर्भर करती है। अपने चेहरे के आकार का पता लगाने का एक बहुत आसान तरीका ये है, कि आप एक आईने के सामने खड़े हो जाएँ और
एक बार सोप या मेकअप पेंसिल के जरिए अपने चेहरे (इसमें बालों और अपने कानों को न शामिल करें) की आउटलाइन को मार्क कर लें।
अब आप आपके चेहरे के शेप को खुद ही देख सकेंगे।
- एक ऐसी स्टाइल चुनें, जो आपके चेहरे के आकार को सूट करे: जैसे ही आप अपने चेहरे का आकार निर्धारित कर लेते हैं, फिर एक ऐसी हेयरस्टाइल को तलाशने की कोशिश करें, जो आपके शेप को सूट करती हो। अब क्योंकि आपको अपने बालों के ऊपर एक स्टाइल बनाने के लिए इन्हें लंबा करना होता है, इसलिए इसमें आपके पेशेंस (धैर्य) की जरूरत पड़ेगी। यहाँ पर आपके चेहरे के हिसाब से स्टाइल के कुछ सजेशन दिये हुए हैं:
- अपने हेयर टाइप का पता लगाएँ: क्या आपके बाल वेवी, स्ट्रेट, टेक्सचर्ड या कर्ली हैं? क्या ये पतले, मीडियम या मोटे हैं? कुछ खास तरह की हेयरस्टाइल्स आपके बालों पर बेहतर काम कर सकती हैं और आपकी स्टाइलिंग को और आसान भी बना सकती है।
- एक ऐसी हेयरस्टाइल चुनें, जो आपके बालों के टाइप से मैच करती हो: हालांकि, इनमें से कुछ स्टाइल्स किसी भी हेयर टेक्सचर के ऊपर काम कर सकती हैं, और ज़्यादातर कुछ खास हेयर टाइप के ऊपर अच्छी बनती हैं।
पता करें, कि आपके बाल नेचुरली कैसे रहते हैं
और ऐसी हेयरस्टाइल तलाशें, जो उनकी इस आदत को बेहतर बनाती हो।![Style Your Hair (Male) Step 15 Version 4.jpg]()
- अगर आपके बाल किसी भी कंसिस्टेंसी के साथ स्ट्रेट हेयर हैं, तो प्रोहिबिशन हाइ-एंड-टाइट (Prohibition High-and-Tight) को चुनें, इन्हें बढ़ने दें (उतने लंबा, जब तक कि ये पतले न लगने लगें), फ़्लो होने दें और इन्हें कोम्ब करें, या क्रॉप करें।
- हाइ-एंड-टाइट बहुत शॉर्ट बालों को फीचर करती है, वहीं आपकी गर्दन और कलमों के बालों को भी छोटा करती है। टॉप को जरा सा, लगभग एक और आधा इंच तक लंबा होना चाहिए। स्टाइल करने के लिए, टॉप कोम्ब को जगह पर बनाए रखने के लिए जेल का यूज करें।[४] अगर आपके बाल वेवी और कर्ली हैं, तब इस हेयर स्टाइल को बिल्कुल भी न चुनें।
- मेसी लुक के लिए अपने बालों को बढ़ने दें, अपने बालों को बस आपके कंधों के नीचे तक बढ़ने दें। स्टाइल करना सिंपल है, बस अपने बालों को टॉवल से सुखा लें और इनके ऊपर हल्की सी टेक्सचर क्रीम अप्लाई कर लें।[५]
- फ़्लो और कोम्ब स्क्वेर कट के साथ स्टार्ट होते हैं, लेकिन ये साइड्स पर और टॉप पर काफी लंबे होते हैं। अपने गीले बालों पर मूज अप्लाई करें, फिर इन्हें पीछे की तरफ कोम्ब कर लें।[६] अगर आपके बाल कर्ली हैं, तो इसे अवॉइड करें।
- क्रॉप्ड हेयर को खासतौर पर साइड्स और टॉप पर एक-समान शॉर्ट काटा जाता है। इस लो-मेंटेनेंस कट के लिए आपको किसी भी तरह के स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स की जरूरत नहीं पड़ती है।[७]
- अगर आपके बाल कर्ली या वेवी हैं, तो एक पोम्पेडोर (pompadour) को चुनने का विचार करें, इन्हें बढ़ने दें या क्रॉप कर लें।
- पोम्पेडोर सिंपली एक क्लासिक क्लासिक हेयरकट होता है। ब्लेंडेड कट को एक 2 टू 1 के रेशो में ऊपर से साइड तक किया जाना चाहिए। इसका सीधा सा मतलब ये है, कि आपको आपकी साइड को ऊपर के मुक़ाबले जरा ज्यादा छोटा छोड़ना है, लेकिन एकदम छोटा भी नहीं रखना है। पोमेड के साथ इसे स्टाइल करें और टॉप को अपनी जगह पर कोम्ब कर लें।[८] अगर आपके बाल काफी पतले, स्ट्रेट या फाइन हैं, तो इस स्टाइल को अवॉइड कर दें।
- मेसी लुक के लिए अपने बालों को बढ़ाने के लिए, बस अपने बालों को कंधों के नीचे तक बढ़ने दें। स्टाइलिंग सिंपल होती है, बस अपने बालों को टॉवल से सुखा लें और इनके ऊपर हल्की सी टेक्सचर क्रीम अप्लाई कर लें।[९] ज्यादा से ज्यादा बेड-हेड लुक पाने के लिए, अपने स्टाइलिस्ट से एक हेयर जेल के साथ और ज्यादा टेक्सचर और स्टाइल एड करने को कहें।
- क्रॉप्ड हेयर को खासतौर पर साइड्स और टॉप पर एक-समान शॉर्ट काटा जाता है। इस लो-मेंटेनेंस कट के लिए आपको किसी भी तरह के स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स की जरूरत नहीं पड़ती है।[१०]
- अगर आपकी रिसीडिंग हेयरलाइन (receding hairline) हैं, तो अपने बालों को शॉर्ट ही रखें। अगर आप जरा एडवेंचरस फील कर रहे हैं, तो आप सब-कुछ शेव कर सकते हैं और सिर्फ दाढ़ी को भी बढ़ा सकते हैं।
- स्टाइल्स की वेराइटी ट्राइ करके देखें: हेयरस्टाइल को लेकर किसी तरह के नियम नहीं होते हैं। हो सकता है, कि ये सजेशन आपके काम आएँ, और आप भी आखिरकार अपने लिए एक ऐसी हेयरस्टाइल पा लें, जो आपको कम्फ़र्टेबल फील कराने के साथ-साथ, आपको भी पसंद भी आए। जब तक आपको आपकी पसंद की कोई स्टाइल न मिल जाए, तब तक अलग-अलग तरह की हेयरस्टाइल्स को ट्राइ करने से भी न घबराएँ।
- एक साइडबर्न (कलमों की) लेंथ चुनें: एक
क्लासिक साइडबर्न की एवरेज लेंथ, आपके कान के मिडिल पॉइंट तक होती है,
लेकिन इसे आपके फेशियल फीचर्स और हेड शेप के हिसाब से एडजस्ट किया जा सकता है। आप चाहे जो भी लेंथ चुनें, साइडबर्न को आपकी स्टाइल से मैच करना चाहिए, जैसे कि अगर आपके बाल शॉर्ट हैं, तो साइडबर्न को भी शॉर्ट और अच्छी तरह से ट्रिम करके ही रखा जाए। साइडबर्न्स, एक लंबी, लूज हेयरस्टाइल के लिए काफी लॉन्ग और मोटे भी हो सकते हैं।[११]
- लंबे साइडबर्न्स आपके चेहरे को असल में संकरा बना सकती हैं, वही ऐसी साइडबर्न, जो आपके मिड-ईयर लेंथ से छोटी हैं, उनका ठीक उल्टा इफेक्ट मिल सकता है। आमतौर पर, शॉर्ट साइडबर्न्स लंबे चेहरे के साथ अच्छी तरह से काम करती हैं, वहीं लंबी साइडबर्न्स छोटे चेहरों को लंबा बना सकती हैं।[१२]
- बहुत ज्यादा हेयर प्रोडक्ट्स भी यूज करना अवॉइड करें, क्योंकि ये बिल्ड-अप कर सकते हैं और आपके बालों को अनहैल्दी बना सकते हैं। बिल्ड-अप को रोकने के लिए अपने बालों को रेगुलरली धोया करें।
- आप जिस भी स्टाइल को रखना चाहते हैं, उसे तय करें, फिर अपने बालों को उसी हिसाब से कट करा लें।
- अगर आपको अपने बालों के ऊपर कैसा लुक चाहिए, को लेकर कन्फ़्यूजन है, तो एक स्टाइलिस्ट से सलाह ले लें। वो आपको उनकी तरफ से प्रोफेशनल सलाह भी दे सकेंगे।
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January 15, 2019, 2:30 pm
अगर आपका अभी हाल ही में कोई फोटो शूट होने वाला है या आपको किसी पब्लिक फंक्शन में जाना है, तो हो सकता है, कि ऐसे में आपको अपना वजन कम करना एकदम नामुमकिन सा लगता हो। हालाँकि, एक प्रोपर डाइट और एक्सर्साइज़ रूटीन के साथ, आप तेजी से कम कर सकते हैं और वजन को आप से पर्मानेंटली दूर रख सकते हैं।
संपादन करेंतेज़ी से वजन कम करने के लिए अपनी डाइट में कुछ बदलाव करना
- एक्स्ट्रा कैलोरीज़ को कट कर दें: अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, खासकर किसी वजह से बहुत जल्दी, तो आपको आपकी डाइट में से कुछ कैलोरीज़ को कट करना होगा। कैलोरीज़ कट करना, वजन कम करने की मेथड का सबसे जरूरी हिस्सा होता है।
- अगर आप डेली 500 कैलरीज़ कट कर लेते हैं, तो आप हर हफ्ते लगभग तक वजन कम कर सकेंगे। एक वेट लॉस रेट के साथ आप ढाई से तीन महीने के अंदर अपने लक्ष्य को पा लेंगे।[१]
- आप और ज्यादा कैलोरीज़ भी कट कर सकते हैं, लेकिन एकदम बहुत ज्यादा लो-कैलोरी डाइट फॉलो करने की सलाह नहीं दी जाती है। अगर आप पूरे दिनभर में भरपूर खाना नहीं खाएँगे, तो आप लीन मसल्स को खो देने और न्यूट्रीएंट्स की कमी होने के रिस्क में रहेंगे। इसके साथ ही, आपके वजन कम करने की रेट भी धीमी हो जाएगी और ये ज्यादा दिनों तक बनी भी नहीं रह पाएगी।[२]
- आपके द्वारा दिनभर में ली जाने वाली कैलोरी काउंट को रखने और दिनभर के इनटेक के ऊपर नजर बनाए रखने में मदद के लिए एक ऑनलाइन फूड जर्नल या स्मार्टफोन एप का यूज करें।
- अपने कार्बोहाइड्रेट इनटेक को कम करें: कई स्टडीज़ में ऐसा दिखाया गया है, कि अगर आप डाइट के जरिए अपने वजन में तेज़ी से कमी देखना चाहते हैं, तो आपको एक लो-कार्ब डाइट फॉलो करना चाहिए।
![Lose 10 Kg Fast Step 2 Version 3.jpg]()
- लो-कार्ब ईटिंग एक ऐसा डाइटिंग प्लान है, जिसका सारा फोकस आपके दिनभर के टोटल कार्बोहाइड्रेट इनटेक को मिनिमाइज़ करने के ऊपर होता है। इनकी वजह से वजन में तेज़ी से कमी और ज्यादा फेट टिशूज में कमी होते हुए देखा गया है।[३]
- कार्बोहाइड्रेट काफी तरह के फूड्स में पाया जाता है, जिसमें फ्रूट्स, स्टार्ची वेजिटेबल्स, फलियाँ, डेयरी प्रोडक्ट्स और ग्रेन्स शामिल हैं।
- चूंकि इनकी एक बड़ी वेराइटी मौजूद है, इसलिए आमतौर पर बहुत एकदम लो-कार्ब डाइट फॉलो करने की सलाह नहीं दी जाती है, ऐसा इसलिए क्योंकि इसे फॉलो करके आप न्यूट्रीएंट्स की एक काफी बड़ी रेंज को मिस कर सकते हैं।
- इन फूड ग्रुप्स को पूरी तरह से लिमिट करने के बजाय, ज़्यादातर कार्ब-रिच ग्रुप्स को और उन न्यूट्रीएंट्स को कम करने की कोशिश करें, जिन्हें आप दूसरी जगह से पा सकते हैं। लिमिट: ग्रेन्स (ब्रेड, राइस, पास्ता, क्रैकर्स या टोर्टिला), हाइ शुगर फ्रूट्स और स्टार्ची वेजिटेबल्स।[४]
- अगर आप इन कार्बोहाइड्रेट रिच फूड्स की सर्विंग्स लेने का फैसला करते हैं, तो इनके उचित सर्विंग साइज़ पर ही टिके रहें: ग्रेन्स के 1/2 कप्स,[५] स्टार्ची वेजिटेबल्स के 1 कप,[६] और एक कप फ्रूट्स।[७]
- लीन प्रोटीन और प्रोड्यूस भर लें: दोनों प्रोटीन और प्रोड्यूस (फ्रूट्स और वेजिटेबल्स) कैलोरीज़ में काफी लो और कई न्यूट्रीएंट्स में काफी हाइ होता है। इन दोनों का कोंबिनेशन मिलकर वजन कम करने में इन्हें बेहतर बनाता है।
- प्रोटीन आपकी डाइट के लिए और वजन कम करने के लिए काफी जरूरी होता है। ये आपके बॉडी फंक्शन में मदद करता है, लीन मसल मास को मेंटेन करते हैं और दिनभर आपको सेटीस्फाइ फील कराने में मदद करते हैं।[८]
- हर एक मील और स्नेक में प्रोटीन की 3 – 4-oz सर्विंग्स को शामिल करें।[९] एग्ज, पॉल्ट्री, सीफूड, टोफू या लो-फेट डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे आइटम्स को शामिल करें।
- फ्रूट्स और वेजिटेबल्स कैलोरी में लो होने के साथ-साथ, फाइबर में और दूसरे न्यूट्रीएंट्स में हाइ होते हैं। प्रोटीन के साथ ही, ये आपके मील को बढ़ाने में मदद करते हैं और साथ ही कम कैलोरी के साथ ही आपको सेटीस्फाइ फील करने में भी मदद करते हैं।[१०][११]
- हर मील में लो-शुगर फ्रूट्स (एप्पल, स्ट्रॉबेरी, ब्लेकबेरी, रसबेरी या क्रेनबेरीज) या वेजिटेबल्स की एक या दो सर्विंग्स लें। 1/2 कप फ्रूट्स, और 1 कप वेजिटेबल्स या दो कप हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ जुड़े रहें।
- स्नेक्स की मात्रा को लिमिट करें: बार-बार स्नेक्स लेना, एक न्यूट्रीशन से भरपूर वेट लॉस डाइट का एक अहम हिस्सा हो सकता है। हालांकि, बहुत ज्यादा स्नेक्स लेने से वेट गेन भी हो सकता है। वेट लूज करने की कोशिश के चलते, आप कितनी बार और कितने स्नेक्स लेते हैं, के ऊपर अपनी नजर बनाए रखें।
- अगर आप बहुत तेज़ी से वजन कम करना चाहते हैं, तो आप से जितना हो सके, स्नेक्स इनटेक को उतना ही कम करने की कोशिश करें। ये एक्स्ट्रा कैलोरीज़ आपके वजन कम होने के रेट को धीमा कर सकते हैं।
- आप अगर स्नेक्स को शामिल कर रहे हैं, तो हर स्नेक की कैलोरी को 100 पर स्नेक तक ही लिमिट करें।[१२]
- इसके अलावा, केवल तभी स्नेक लें, जब आपको सच में भूख लगी हो और आपको स्नेक लेने की जरूरत हो या फिर तब, जब इंटेन्स वर्कआउट के दौरान आपको एनर्जी में बूस्ट की जरूरत हो।
- लो कैलोरी, न्यूट्रिशियस स्नेक्स के उदाहरण में, फ्रूट का छोटा सा पीस, एक पूरा लो-फेट ग्रीक योगर्ट, कुछ 1 मुट्ठी भर मिक्स्ड नट्स या हार्ड बोइल किया हुआ एग शामिल हैं।
- पानी भरपूर लें: पानी वजन कम करने के लिए ली जाने वाली एक बहुत अच्छी ड्रिंक है। इस मशहूर मान्यता के विपरीत, भरपूर पानी न पीने की वजह से वाटर रिटेनिंग और वाटर ब्लोट की परेशानी होती है — इसलिए बहुत ज्यादा पानी पीने से बचें। इसलिए एडिशनल वाटर गेन को रोकने के लिए, इस कैलोरी-फ्री ड्रिंक से खुद को भर लें।
- डेली कम से कम 8-13 पानी के ग्लास या और दूसरे शुगर-फ्री ड्रिंक्स को लेने का लक्ष्य बनाएँ। आप चाहें तो फ्लेवर्ड वाटर या अनस्वीटंड डिकेफ कॉफी या टी भी लेकर देख सकते हैं।[१३]
- अगर आप डिहाइड्रेटेड हैं, भले ही जरा सा भी, तो भी आपको भूख का अहसास होगा, जबकि असल में आपको प्यास लगी है।[१४] इस गलती से बचने के लिए, 8-13 ग्लास वाले नियम से जुड़े रहें।
- इसके साथ ही, खाना खाने के ठीक पहले या जब आपको भूख का अहसास हो, तब एक बड़ा ग्लास भरकर पानी पीना आपके पेट को भरा हुआ अहसास कराने में और आपकी पूरी भूख की फीलिंग को कम करने में मदद करेगा।
- शुगर वाले ड्रिंक्स, अल्कोहल या कैलोरी वाले किसी भी ड्रिंक को लिमिट कर दें या पूरी तरह से छोड़ दें। लिक्विड कैलोरीज़ असल में आपके द्वारा वजन कम करने के लिए की हुई सारी कोशिशों पर पानी फेर देती हैं।
संपादन करेंफिजिकल एक्टिविटीज़ के जरिए वेट लॉस करने की कोशिश करना
- अपनी कार्डियो को बढ़ा लें: अपनी डाइट को बदलने के साथ ही, आपको कार्डियोवैस्क्यूलर एक्सर्साइज़ को भी एड करना होगा। डाइट और एक्सर्साइज़ का ये कोंबिनेशन, डाइट या एक्सर्साइज़ के अकेले के मुक़ाबले कहीं ज्यादा और जल्दी वेट लूज करने में मदद करेगा।[१५]
- हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट की कार्डियो एक्टिविटीज़ को करने का लक्ष्य बनाएँ। हालांकि, अगर आप चाहें तो और भी हैल्थ बेनिफिट्स के लिए इस टाइम को 300 मिनट तक भी बढ़ा सकते हैं।[१६]
- जब आप अपने लिए एक्सर्साइज़ चुन रहे हों, तब ऐसी एक्टिविटीज़ चुनने की कोशिश करें, जो आपके लिए मोडरेट-ईंटेंसिटी को हो। आपको अपनी साँसों को बढ़ाना है, पसीना लाना है और अपनी हार्ट रेट को बढ़ाना है।
- आपको किसी खास हार्ट रेट के लेवल तक पहुँचने की कोई खास जरूरत नहीं हैं। आपके एग्जर्शन स्केल (1 पूरी तरह से सहन करने लायक और 10 आपके द्वारा हैंडल कर सकने लायक हाइएस्ट ईंटेंसिटी एक्सर्साइज़) पर 10 में से 6-7 पर पहुँचने का लक्ष्य रखें।
- जॉगिंग, रनिंग, रोविंग मशीन (rowing machine) यूज करना, एरोबिक क्लासेस करना या एलिप्टिकल यूज करने जैसी एक्सर्साइज़ करके देखें।
- एक HIIT एक्सर्साइज़ भी एड कर लें: एक तरह की कार्डियो एक्सर्साइज़ को HIIT या हाइ ईंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग के नाम से जाना जाता है। इस तरह के कार्डियो को आपकी एक्सर्साइज़ रूटीन में एड कर लेने से, वजन कम करने की स्पीड को बढ़ाने में मदद मिलेगी।[१७]
- HIIT एक्सर्साइजेज़ काफी अच्छी तरह से हार्ट रेट को बढ़ा सकती हैं। स्टडीज़ में पता चला है, कि इस तरह की एक्सर्साइज़ फेट से कैलोरी की एक अहम मात्रा को कम करने में और आपके द्वारा एक्सर्साइज़ कंप्लीट करने के बाद, आपके मेटाबोलिज़्म को बढ़ाने में मदद करती हैं।[१८]
- अपने 1-2 कार्डियो वर्कआउट को एक HIIT वर्कआउट बना लें। HIIT और एक समान--गति के कार्डियो (जैसे कि 30 मिनट की जॉगिंग) का कोंबिनेशन वजन कम करने के लिए काफी अच्छा होता है।
- HIIT रूटीन का एक उदाहरण ये हो सकता है: 1 मिनट के लिए स्प्रिंट (sprint) करना, उसके बाद 2 मिनट के लिए जॉग करना और इसे ही 3-5 बार या जितनी बार तक आप से हो सके रिपीट करते रहना शामिल है।
- रेगुलर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग शामिल करें: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक और टाइप की एक्सर्साइज़ है, जो वजन कम करने में मदद करती है। हालांकि, इस तरह की एक्सर्साइज़ आपके वजन को लंबे वक़्त तक मेंटेन करके रखने में मदद करती है।
- स्ट्रेंथ या रजिस्टेंस ट्रेनिंग से अकेले सारी कैलोरी बर्न नहीं हुआ करती है। हालांकि, ये आपका लीन मसल मास बढ़ाने में और कैलोरीज़ बर्न करने की आपकी शरीर की क्षमता को बढ़ाने में मदद करती हैं।[१९]
- हर हफ्ते कम से कम 1-2 दिनों की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को शामिल करें। हर एक मेजर मसल ग्रुप के ऊपर काम करें और इन एक्टिविटीज़ को करने में कम से कम 20 मिनट जरूर बिताएँ।[२०]
- वेट लिफ्टिंग, आइसोमेट्रिक एक्सर्साइजेज़, योगा और पाइलेट्स (pilates) जैसी सारी एक्सर्साइजेज़ आपको स्ट्रेंथ देने में और लीन मसल मास को बढ़ाने में मदद करती हैं।
- पूरे दिनभर में ज्यादा से ज्यादा मूव करें: प्लान की हुई, स्ट्रक्चर्ड एक्सर्साइज़ में शामिल होने के साथ ही, आपके द्वारा दिनभर में मूव करने की आदत को भी बढ़ाने की कोशिश करें। ये भी आपके द्वारा दिनभर में बर्न की जाने वाली कैलोरी की मात्रा को बढ़ाने में मदद करेगी।[२१]
- आप कार्डियो एक्सर्साइज़ के जरिए खास मात्रा में कैलोरी को बर्न कर सकते हैं। आपकी डेली लाइफ़स्टाइल एक्टिविटीज़ को बढ़ाने से आपके द्वारा हर दिन में बर्न की जाने वाली टोटल कैलोरीज़ की मात्रा में बढ़त आएगी।
- लाइफ़स्टाइल एक्टिविटीज़ वो सारी चीज़ें होती हैं, जिन्हें आप आमतौर पर किसी या एवरेज दिन में किया करते हैं।[२२] इसमें सीढ़ियाँ चढ़ना, घर के काम करना, अपनी कार से या कार तक चलकर जाना और खड़े रहना भी लाइफ़स्टाइल एक्टिविटीज़ में शामिल होता है।
- इस तरह की एक्टिविटीज़ अकेले ही काफी सारी कैलोरीज़ बर्न कर सकती हैं। लेकिन अगर आप इन्हें बढ़ा लेते हैं और दिनभर में मूव या वॉक करते रहते हैं, तो आपकी टोटल कैलोरी में फर्क जरूर आएगा।
- अपने एक पूरे दिन के बारे में सोचें और सोचकर देखें, कि ऐसी कौन सी जगह है, जहां आप जरा ज्यादा मूवमेंट या और भी स्टेप्स एड कर सकते हैं। क्या आप जरा और दूर पार्क कर सकते हैं? क्या आप और ज्यादा सीढ़ियाँ चढ़ सकते हैं? क्या आप आपके लंच के दौराना वॉक पर जा सकते हैं?
संपादन करेंअपने वेट लॉस को मैनेज करना
- अपने डॉक्टर से बात करें: कभी-कभी, जब आप तेज़ी से वजन काम करने की कोशिश कर रहे हों, खासकर एक ज्यादा मात्रा के वजन को, तो ऐसे में आपका अपने डॉक्टर से बात कर लेना काफी जरूरी हो जाता है। किसी भी नए डाइट या एक्सर्साइज़ प्लान को फॉलो करना शुरू करने से पहले, अपने डॉक्टर से बात कर लेना एक अच्छा आइडिया होता है।
- आप कितना वजन कम करना चाहते हैं और वो आपके लिए कितने वजन को कम करने की कोशिश को हैल्दी मानते हैं, के ऊपर बात करें।
- साथ ही, अगर आपको वजन कम करने में परेशानी हो रही हो, तो भी अपने डॉक्टर के टच में बने रहें। वो ऐसी किसी भी हैल्थ कंडीशन के बारे में पता लगाने के लिए आपके कुछ टेस्ट कर सकते हैं, जो शायद आपके वजन कम करने के बीच में रुकावट डाल रही है।
- इसके साथ ही, आपके डॉक्टर आपके लिए एक लोकल रजिस्टर्ड डाइटीशियन या मेडिकल देखरेख में तैयार किए हुए डाइटिंग प्रोग्राम की सलाह दे सकते हैं।
- एक फूड जर्नल रखें: फूड जर्नल्स वजन कम करने के लिए काफी अच्छे टूल्स होते हैं।[२३] आप जब अपनी डाइट को शुरू कर रहे हों, तब आपके द्वारा खाई जाने वाली चीजों का हिसाब रखने के लिए एक जर्नल लिखना शुरू कर दें।
- आपके द्वारा दिनभर में खाए जाने वाले किसी भी मील, स्नेक्स, ड्रिंक्स और जरा सी भी चीज़ का ट्रेक रखें। आप आपकी जर्नल के साथ में जितना ज्यादा सही तरीके से सब लिखेंगे, आपकी जर्नल आपके लिए उतनी ही ज्यादा उपयोगी साबित होगी।
- अगर आपको ऐसा लगे, कि आपका वजन जरा भी कम नहीं हो रहा है या फिर आपका वजन बढ़ना फिर से शुरू हो गया है, तो वापस आकार अपनी फूड जर्नल को पढ़ लें। एक्स्ट्रा स्नेक्स, बड़े पोर्शन या लिक्विड कैलोरीज़ के ऊपर ध्यान दें। अगर आपको किसी तरह की कोई आदत नजर आती है, तो अपना वजन कम करने में मदद पाने के लिए उन्हें फिक्स करने की कोशिश करें।
- लगातार जर्नल में लिखते रहने से आपको हिसाब में रहने में मदद मिलेगी। अगर आपके पास में एक जर्नल होगी, जिसमें आप अपने खाए हुए जरा से भी पोर्शन को लिखेंगे, तो ऐसे में आप खुद ही किसी बड़े पोर्शन को खाने की हिम्मत नहीं जुटा पाएंगे।[२४]
- अपनी फिजिकल एक्टिविटीज़ को बढ़ा लें: वैसे तो आपने वजन कम करने की कोशिश करना शुरू करते वक़्त पहले ही अपने लिए एक नया फिजिकल एक्टिविटी रूटीन चुन लिया होगा। हालांकि, अगर आपको ऐसा लगता है, कि आप वजन कम नहीं कर पा रहे हैं या आपने कुछ वजन बढ़ा लिया है, तो अपनी एक्टिविटीज़ को बढ़ा लेना आपके लिए मदगर साबित हो सकता है।
- वैसे तो 150 मिनट की एरोबिक्स एक्टिविटी करने की सलाह दी जाती है, ज़्यादातर हैल्दी एडल्ट्स इस अमाउंट को 300 मिनट पर वीक तक भी बढ़ा सकते हैं। बढ़े हुए लेवल के साथ आप और ज्यादा कैलोरीज़ बर्न कर सकते हैं और आप वजन कम करना फिर से शुरू या जारी रख सकते हैं।[२५]
- आपको अपनी एकसरसाइज़ की ईंटेंसिटी को भी बदलने के बारे में सोचना चाहिए। अगर आप ज़्यादातर दिनों बस वॉक ही किया करते हैं, तो 1-2 दिन जॉग भी कर लिया करें। बढ़ी हुई ईंटेंसिटी का भी यही मतलब है, कि आप ज्यादा केलोरी बर्न कर रहे हैं।
- किसी भी तरह की डाइट प्लान या फिजिकल एक्टिविटी रूटीन को शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लिया करें।
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January 18, 2019, 4:00 pm
हमारे सामने चुनने के लिए न जाने कितनी ही सारी हेयरस्टाइल्स मौजूद हैं, लेकिन कभी-कभी इनमें से किसी एक को चुनना भी काफी मुश्किल काम बन जाता है। हेयरस्टाइल चुनते वक़्त, आपको अपने चेहरे के आकार का ध्यान रखना होता है या आपको रोजाना किस तरह से अपने बालों को बनाना है, और दूसरे फीचर्स पर भी ध्यान देना होता है। या फिर हो सकता है, कि आप किसी मौके पर किसी खास आउटफिट के ऊपर अच्छी लगने वाली एक परफेक्ट हेयरस्टाइल की तलाश में हों। किसी भी तरह से क्यों न हो, लेकिन अगर आप अपने मन में, आपके ऊपर क्या अच्छा लगेगा को लेकर चलेंगे, तो ऐसे में एक हेयरस्टाइल चुनना काफी मजेदार भी बन सकता है!
संपादन करेंअपने चेहरे के आकार के हिसाब से एक हेयरस्टाइल चुनना
- राउंड (गोल) चेहरे वाली महिलाएँ लेयर्स कट, एक असिमेट्रिकल (asymmetrical) कट या डिफ़ाइंड पिक्सी (defined pixie) कराएँ: राउंड चेहरे वाली महिलाएँ लंबे बालों पर लेयर्स कट रखकर या छोटे बालों के साथ एक बोल्ड स्टेटमेंट भी दे सकती है। आपके कंधों से नीचे जाने वाले बाल या बोब (bob) में आपके चेहरे पर डेफ़िनेशन एड करने लायक लेयर्स होनी चाहिए।[१]
- छोटे बालों के लिए, असिमेट्रिक बोब या डिफ़ाइंड पिक्सी कराकर देखें। इनमें से कोई भी कट आपके सॉफ्ट फीचर्स में एंगल और शेप एड कर देगा।
- राउंड शेप चेहरे वाले पुरुषों के फीचर्स को और तराशने के लिए साइड और बैक शॉर्ट कराएं: राउंड शेप चेहरे वाले पुरुष टॉप पर बहुत लंबे बाल रखकर, और साइड और बैक पर काफी शॉर्ट या शेव बाल रखकर एक तराशे हुए फीचर का भ्रम पैदा कर सकते हैं। लुक को पूरा करने के लिए साइड पार्ट या बालों के लंबे टॉप सेक्शन पर मेसी फ्रिंज कर के देखें।[२]
- अगर आपको फेशियल हेयर अच्छे लगते हैं, तो एक पतली, अच्छी तरह से ग्रूम की हुई दाढ़ी, जो आपके एडम्स एप्पल के करीब जाती है, वो भी आपके राउंड शेप चेहरे पर अच्छी लग सकती है।
- हार्ट-शेप चेहरे वाली महिलाएँ ब्लंट बैंग्स (blunt bangs) या सेंटर पार्ट कर के देखें: हार्ट शेप के चेहरे चीकबोन्स के आसपास, ऊपर काफी चौड़े होते हैं और चिन (ठुड्डी) की तरफ आते-आते ये एक पॉइंट तक आ जाते हैं। ऐसे बैंग्स, जो आपके माथे पर से सीधे कट होकर आते हैं, वो हार्ट-शेप चेहरे के चौड़े हिस्से को फ्रेम करके काफी अच्छे से काम करती है।[३]
- अगर आपको बैंग्स नहीं पसंद हैं, लेकिन आपका चेहरा हार्ट-शेप का है, तो उसे कम करने के लिए सेंटर पार्ट करके देखें। एक साइड पार्ट आपके चेहरे को और लंबा बनाने का भ्रम पैदा करती है, जो कि राउंड शेप के लिए तो अच्छा लगता है, लेकिन हार्ट-शेप चेहरे पर बिल्कुल भी नहीं जँचता।
- इस फेस शेप में लगभग हर तरह की लंबाई और लेयर्स के टाइप अच्छे लगते हैं।
- स्क्वेर-शेप के चेहरे वाली महिलाएँ लेयर्स, वेव्स या एक डायमंड कट कराएँ: स्क्वेर शेप चेहरे वाली महिलाओं की जॉलाइन (जबड़ा) काफी चौड़ी होती है और इस शेप के चेहरे में दूसरे शेप से कहीं ज्यादा एंगुलर फीचर्स पाए जाते हैं। इस शेप के चेहरे में एंगुलर और बोक्सी स्टाइल्स की अपेक्षा सॉफ्ट हेयरस्टाइल्स ज्यादा बेहतर लगती हैं।[४]
- स्क्वेर-शेप चेहरे में ज़्यादातर लंबाई अच्छी लगती है, खासकर अगर आप एन्ड्स पर लेयर्स और/या वेव्स एड कर दें, तो।
- एक डायमंड कट पीछे से लंबा होता है और सामने से शॉर्ट और ये स्क्वेर चेहरों पर वेवी बालों के साथ काफी खूबसूरत लगते हैं।
- अगर आप बैंग्स कराती हैं, तो अपनी स्टाइल को सॉफ्ट बनाने के लिए चारों तरफ स्ट्रेट रखने के बजाय, इन्हें साइड में ही रखें।
- स्क्वेर फेस वाले पुरुष अपनी साइडबर्न्स (कलमों) को शॉर्ट रखें और अपने बालों को ऊपर की तरफ स्टाइल करें: स्क्वेर फेस वाले पुरुष पोम्पेडोर (pompadour) जैसी अपवर्ड स्टाइल अपनाकर अपने चेहरे में जरा सी लेंथ एड कर सकते हैं। अपनी साइडबर्न्स को कानों के ऊपर तक रखना भी इस लेंथ को एड करने का एक और तरीका है।[५]
- अगर आपको फेशियल हेयर्स अच्छे लगते हैं, तो ऐसे में एक लंबी दाढ़ी भी आपके स्क्वेर चेहरे पर अच्छी लगेगी।
- अगर आप लंबे बाल रखना पसंद करती हैं, तो एक जूड़ा भी आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। ये आपके साइड्स को छोटा बनाए रख सकता है और जूड़ा काफी ऊँचा होता है और ये पूरी तरह से आपकी पसंद पर निर्भर करता है।
- ट्राएंगुलर शेप के चेहरे वाले पुरुष और महिलाएँ अपने टॉप पर वॉल्यूम बनाकर रखें: ट्राएंगुलर-शेप के चेहरे टेंपल्स और चीकबोन्स पर काफी सँकरे होते हैं और उनकी जॉलाइन काफी चौड़ी होती है। अपने बालों को लंबा रखकर और टॉप पर टेक्सचर्ड रखने से आपके चेहरे को एक सही अनुपात में बनाए रखने में मदद मिलती है।[६]
- अगर आपके बालों में कर्ल्स हैं, तो इन्हें टॉप पर बढ़ने दें और फिर इन्हें एक मेसी पोम्पेडोर में सेट कर लें।
- अगर आपको फेशियल हेयर्स पसंद हैं, तो एक मोटी दाढ़ी या अच्छी तरह से ग्रूम की हुई गोटी (goatee) आपकी जॉलाइन के एंगल्स को बदल सकते हैं।
- ट्राएंगुलर चेहरे वाली महिलाएं बैंग्स के साथ एक लेयर्ड बोब भी करा सकती हैं। सामने की तरफ मौजूद फ्रिंज, एक चौड़े माथे का भ्रम तैयार जर सकती हैं।
- अगर आपका चेहरा ओवल-शेप का है, तो अलग-अलग स्टाइल्स के साथ एक्सपेरिमेंट करें: ओवल-शेप चेहरे को अच्छे अनुपात वाला चेहरा माना जाता है और ये आमतौर पर किसी भी तरह की स्टाइल को काफी खूबसूरती से निभा लेता है। अपनी फेवरिट स्टाइल पाने के लिए हेयर मैगजीन्स और इन्टरनेट पर मौजूद पिक्चर्स को ब्राउज़ करें और अगली बार कट कराने के लिए इन्हें अपने साथ अपने हेयरड्रेसर के पास लेकर जाएँ।[७]
- अपने बड़े माथे को बैंग्स से खूबसूसरत बनाएँ: अगर आपका माथा काफी बड़ा है और आप इसे जरा सा खूबसूरत बनाना चाहते हैं, तो ऐसे में बैंग्स आपके लिए बेस्ट साबित हो सकते हैं। अगर आपका चेहरा हार्ट- या ओवल-शेप का है, तो स्ट्रेट एक्रोस बैंग्स चुनें।[८]
- राउंड- और स्क्वेर-शेप के चेहरे पर साइड-स्वेप्ट बैंग्स काफी अच्छे लगते हैं।
- साइड-पार्ट के जरिए अपनी नाक से सारा ध्यान दूर ले जाएँ: अगर किसी वजह से आपको अपनी नाक नहीं अच्छी लगती है, तो आप एक डीप साइड-पार्ट के जरिए इसकी ओर से सारा ध्यान हटा सकते हैं। साथ ही साइड-पार्ट्स आपके चेहरे पर लंबाई का भ्रम तैयार करते हैं और ये सारे अटेन्शन को आपके माथे और चिन (ठुड्डी) की तरफ ले जाते हैं और चेहरे के सेंटर से दूर ले जाते हैं।[९]
- अगर आपके फीचर्स छोटे हैं, तो एक पिक्सी कट कराएं: छोटी आँखें, नाक और मुँह लॉन्ग, लेयर्ड बालों के साथ छिप जाते हैं। अगर आपके फेशियल फीचर्स काफी छोटे हैं, तो अपने बालों को शॉर्ट ही रखें। पिक्सी कट्स और चिन-लेंथ बोब आपके फीचर्स पर ज़्यादातर अटेन्शन लेकर आते हैं और उन्हें ज्यादा अनुपात में दिखाने में मदद करते हैं।[१०]
- छोटे फीचर्स वाले पुरुषों को उनके बालों को छोटा रखने और बहुत ज्यादा फेशियल हेयर को अवॉइड करना चाहिए, नहीं तो उनके फीचर्स इन काफी सारे बालों के नीचे छिप से जाएंगे।
- लंबी गर्दन को लंबे बालों से छिपा लें: अगर आपको गर्दन काफी लंबी है और आप इसे छिपाना चाहती हैं, बस अपने बालों को बढ़ा लें। अपनी गर्दन की लंबाई से सारा ध्यान हटाने के लिए इन्हें स्ट्रेट या वेव्स में ही रहने दें।[११]
- अगर आपके बाल अभी काफी छोटे हैं, तो इन्हें लंबा होने में कुछ महीनों का वक़्त लग सकता है। बालों को बढ़ाते वक़्त, इनमें और ज्यादा लंबाई एड करने के लिए, क्लिप-इन एक्सटेंशन का यूज करें। आप चाहें तो पहले कुछ विग्स लगाकर भी अलग-अलग स्टाइल्स को ट्राइ कर सकती हैं।
संपादन करेंकिसी खास मौके के लिए स्टाइल चुनना
- एक लेसी (lacy) ड्रेस के साथ लूज, वेवी अपडू (wavy updo) करें: लेसी ड्रेसेस काफी रोमांटिक होते हैं और इसके साथ में मैच करने वाली हेयरस्टाइल भी जरूरी होती है। लूज वेव्स के साथ एक अपडू करने का विचार करें और लुक को पूरा करने के लिए फूल या बैरेट्स (barrettes) लगाकर देखें। अगर आपके बाल नेचुरली स्ट्रेट हैं, तो आपके द्वारा इन्हें स्वीप अप करने से पहले इनमें वेव्स एड करने के लिए रोलर्स या कार्लिंग आइरन का यूज करें और कुछ बार इन्हें पीछे की तरफ ट्विस्ट कर लें।[१२]
- अपने लुक को पूरा करने के लिए, अपने अपडू को बॉबी पिन्स और डेकोरेटिव बैरेट्स के जरिये सिक्योर कर लें।
- हाल्टर (halter) ड्रेस के साथ एक हाइ, मेसी, फिशटेल ब्रैड (चोटी) ट्राइ करके देखें: हाल्टर ड्रेसेस एक ऐसी स्टाइल के साथ और भी खूबसूरत लगती है, जो उसके लॉन्ग स्ट्रेपी अपीयरेंस को कोम्प्लीमेंट करता हो। अपने बालों में जरा सा वॉल्यूमाइज़र एड करें और बालों को ऊपर एक पोनीटेल में खींच लें। एक लूज फिशटेल ब्रैड बना लें और इसे एक इलास्टिक हेयरबैंड से सिक्योर कर लें।[१३]
- अगर आपके बालों में इस लुक को पाने के लायक लेंथ और वॉल्यूम न हो, तो बालों को ऊपर खींचने से पहले इनमें कुछ क्लिप-इन एक्सटेंशन एड करके देखें।
- मर्मेड (mermaid) ड्रेस के साथ साइड-स्वेप्ट (side-swept) वेव्स करें: मर्मेड ड्रेसेस काफी एलिगेंट होती हैं; इनके साथ में एक पूरी एलिगेंट हेयरस्टाइल बनाकर अपने लुक को पूरा करें। अपने बालों को एक बड़ी, लूज ब्रैड में बांधकर और इसे ऐसे ही रातभर के लिए छोड़कर लूज वेव्स पाएँ। फिर इवैंट से पहले इसमें एक स्टाइलिंग सीरम एड कर लें और अपने सारे बालों को एक साइड कोम्ब कर लें।[१४]
- अपनी वेव्स को पूरा करने और इस एलिगेंट स्टाइल को पूरा करने के लिए कुछ हेयरस्प्रे एड करके देखें।
- वन-शोल्डर्ड ड्रेस के साथ एक बेलेरियन (ballerina) बन करके देखें: वन-शोल्डर्ड ड्रेसेस का एक बोल्ड और ड्रामेटिक अपीयरेंस होता है, इसलिए अपने बालों को ऊपर रखकर और इन्हें सामने से हटाकर, इन ड्रेसेस को मिलने वाला सारा अटेन्शन इन तक पहुंचा दें। अपने बालों को एक हाइ पोनीटेल में खींच लें और इस टेल को बीच में पूरा आखिरी तक लपेटते जाएँ। इस बन को बॉबी पिन्स के जरिए सिक्योर कर दें।[१५]
- अगर आपके बाल बहुत पतले हैं या भरपूर लंबे नहीं हैं, तो इस लुक को पाने के लिए एक्स्टेंशंस या सॉक बन का यूज कर लें।
- इस लुक को और भी स्लीक और मॉडर्न बनाने के लिए, फ्रिज (frizz) और उड़ने वाले बालों को ठीक करने के लिए, बालों में कुछ जेल या मूज यूज करके देखें। फिर, अपने बालों को पीछे एक पोनीटेल में खींच लें और जूड़ा बना लें।
- विंटेज लुक पाने के लिए अपने छोटे बालों को एक साइड पर कर्ल और पिन कर लें: अगर आपके ऐसे बॉब हैं, जो चिन- या शोल्डर-लेंथ के हैं, तो इन्हें बड़े रोलर्स से या कर्लिंग आइरन से कर्ल करके 1920s स्टाइल तैयार कर लें और कर्ल्स को हेयरस्प्रे से सेट कर लें। सारे कर्ल्स को एक साइड पर कोम्ब कर लें और बॉबी पिन्स के जरिए इन्हें एक जगह पर पिन कर दें।[१६]
- किसी भी लेंथ के बालों पर फ्लावर या स्टोन वाले बैरेट्स एड करें: किसी भी लेंथ के बालों को एक या कई तरह के बैरेट्स से संवारा जा सकता है। लंबे बालों पर इन्हें एक अपडू में लगा लें और छोटे बालों को, बैरेट्स लगाने से पहले कर्ल्स या ट्विस्ट करके स्टाइल करें।[१७]
- बेस्ट लुक पाने के लिए ऐसे बैरेट्स को चुनें, जो आपकी ड्रेस या ज्वेलरी से मैच करता हो।
- क्लासिक लुक पाने के लिए अपने बालों को पीछे की तरफ कर लें या एक पोम्पेडोर बना लें: लड़के अपने बालों को पोमेड (pomade) के साथ पीछे कोम्ब करके, फौरन एक फॉर्मल लुक पा सकते हैं। पोम्पेडोर बनाने के लिए, अपने गीले बालों की साइड को पोमेड के जरिए पीछे कर लें। एक राउंड ब्रश लें और अपने सिर के पीछे से शुरू करते हुए, अपने बालों को अपवर्ड और फॉरवर्ड पुश करते-करते ब्रश को पीछे की तरफ रोल करें और इन पर ब्लो-ड्रायर से हॉट एयर भी डालते जाएँ।[१८]
- अब जब तक कि आपके बालों का ऊपरी हिस्सा लंबा और राउंडेड न हो जाए, तब तक अपने माथे के ऊपर इस तरह से रोल करते हुए ब्रश करना जारी रखें। इस पर और भी पोमेड लगा लें और कुछ हाइ-होल्ड स्प्रे के जरिए इस स्टाइल को सेट कर लें।
- बेहतर रिजल्ट्स पाने के लिए, अपने ब्लो ड्रायर में नोजल अटेचमेंट का यूज करें। ये हवा के फोकस को, आपके द्वारा ठीक किए जाने वाले किसी खास सेक्शन पर बनाए रखने में मदद करेगा।
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January 18, 2019, 4:00 pm
क्या आपको कभी लगता है कि किसी ने काले जादू से आपको शापित किया है या आप पर कोई जादू किया है? अगर ऐसा है, तब चिंता मत करिए। कुछ साधारण तकनीकें हैं जिनसे आप यह टोटका तोड़ सकते हैं।
संपादन करेंजानिए कि क्या आप शापित हैं
- देखिये कि क्या किसी के पास आपको शाप देने का कोई कारण है: अपने उन कारणों पर विचार करिए जिनके कारण शायद आपको शाप दिया गया हो। क्या ऐसा कोई है जो आपका बुरा चाहता होगा? क्यों? किसी अनजान द्वारा शाप दिया जाना असामान्य होता है, तो संभावना यही है कि आपके किसी परिचित को आपसे कोई समस्या होगी। ये कुछ सामान्य शाप और टोटके हैं जो आप पर किए जा सकते हैं:
- प्यार का जादू, आपको प्यार हो जाए जबकि आप स्वाभाविक रूप से वैसा न चाहते हों
- बदले का टोटका
- दुर्भाग्य का जादू
- भीषण क्रोध में दिया शाप
- नींद की कमी और बुरे सपनों की श्रंखला
- देखिये कि क्या आपका भाग्य कुछ खास ही बुरा रहा है: अगर आपका भाग्य लगातार कुछ अधिक ही खराब रहा है, तब समझ लीजिये कि किसी ने आप पर दुर्भाग्य का टोटका किया है। अगर दुर्घटना पर दुर्घटना होती रही हैं, और कुछ तो गड़बड़ लगता है, तब संभव है कि आपको वह टोटका हटाने के लिए कुछ करना होगा। अगर यह टोटका किया गया है तब ये परिस्थितियाँ उत्पन्न होने की संभावना है:
- आप बिना किसी स्पष्ट कारण के बीमार हो जाएँ (और वह मामूली जुकाम नहीं हो)
- आपको किसी टेस्ट में बुरे नंबर मिलें, हालांकि आपने खूब पढ़ाई की हो और आपको विश्वास हो कि आप बढ़िया करेंगे
- हॉट डेट पर जाने से ठीक पहले आपको एक्ने का अटैक हो जाए, हालांकि आपको हफ़्तों से पिम्पल न निकले हों
- बास्केट बॉल के खेल में जीतने वाला पॉइंट बनाने से पहले आप अटक कर गिर जाएँ
- जो कार आप चलाते हों वह बिगड़ जाए, और जिसके कारण आप साल की सबसे बड़ी पार्टी में न जा पाएँ
- आप को पता चले कि बिना किसी वार्निंग के आपके परिवार को शहर छोड़ना पड़ेगा
- समझ लीजिये कि बुरी बातें हमेशा शाप नहीं होती हैं: चाहे जितनी भी बुरी चीज़ें क्यों न हों, संभावना यह है कि शाप का आपके भाग्य से कोई संबंध न हो। चाहे आपके कुछ शत्रु हों भी, इसकी संभावना बहुत ही कम है कि उनमें से किसी के पास आपको दूर से हानि पहुंचाने की क्षमता होगी। जो कुछ भी हो रहा है, उस पर विचार करिए और देखिये कि क्या कोई कारण है जिससे आप अपने जीवन को जिस दिशा में ले जाना चाहते है वह उधर नहीं जा पा रहा है। यदि आप कारण नहीं सोच पाते, और आपको यकीन है कि किसी को आपसे मलाल है, तब उन तकनीकों की ओर बढ़िए जिनसे इस टोटके से छुटकारा पाया जा सकता है।
- जैसे कि, यदि आपका प्रेमी किसी और के लिए आपसे संबंध तोड़ लेता है, तब शायद यह इसलिए नहीं होगा कि दूसरी लड़की ने बुरी नज़र का टोटका किया है; हो सकता है कि वही किसी दूसरी राह पर जाना चाहता हो।
- या अगर आपको हाइव्स (hives) होती है, तब शायद आपको शेल फिश या नट्स से एलर्जी हो। आपको उसकी जांच करानी चाहिए।
- वैसे, अगर आपको यकीन हो कि आपका कोई शत्रु है जो आपको नुकसान पहुंचाना चाहता ही है, आपको निस्संदेह उस टोटके को तोड़ने के लिए क़दम उठाने चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह वास्तविक हो।
- अपनी रक्षा के लिए ताबीज़ लीजिये: ताबीज़ वह चीज़ है जिसे बुरी नज़र, जादू टोना और शाप से बचने के लिए इस्तेमाल करते हैं। ताबीज़ पास में रखने शाप या जादू का असर कमजोर होता है ताकि उससे आपको नुकसान न हो।
- ताबीज़ कोई भी ऑब्जेक्ट हो सकता है जिसका शक्तिशाली अर्थ हो और जो आपके लिए पवित्र हो। कोई खास गहना, आपकी प्रिय बीच से उठाई हुई कोई सीपी, या यहाँ तक कि आपका बचपन में बालों में पहना जाने वाला रिबन भी ताबीज़ हो सकता है।
- ताबीज़ या तो अपने गले में पहनिए या उसे हर समय अपनी जेब में रखिए।
- नमक और जादूई जड़ी बूटियों वाला स्नान करिए: रिचुयल स्नान में उस बुरी एनर्जी को साफ़ करने की क्षमता होती है जो आपको नुकसान पहुंचा रही है। अगर आपको लगता है कि आप शापित हैं, तब कुछ मोमबत्तियाँ जलाइए और नहाने के लिए टब में गरम पानी भर लीजिये। जब आप उसमें आराम से डूबे हुये हों, केवल पॉज़िटिव विचारों को मन में आने दीजिये। सफ़ाई की क्षमता बढ़ाने के लिए उसमें निम्न में एक या अनेक छिड़किए:
- एक चुटकी नमक
- हाइसोप (hyssop)
- बासिल (basil)
- मगवोर्ट(Mugwort)
- पैचुली (patchouli)
- वेटिवर (Vetiver)
- वर्मवूड (Wormwood)
- "अनक्रॉसिंग (uncrossing)" धूप जलाइए: वही जादुई जड़ी बूटियाँ "अनक्रॉसिंग" प्रभाव के लिए जलाई भी जा सकती हैं, जिसका अर्थ है कि वे शाप या जादू को तोड़ती हैं। ज़रूरी नहीं है कि लिस्ट में दी गई सभी जड़ी बूटियाँ इस्तेमाल की जाएँ, मगर जितनी ले सकते हों उतनी ले कर उनका एक बंडल बना लीजिये। इस बंडल को एक धागे से बाँधिए, फिर उसे (अच्छा हो कि बाहर या किसी सुरक्षित सर्फ़ेस पर) आग में जला दीजिये। बंडल के जल जाने तक, शाप समाप्त हो चुका होगा।
- चूंकि कहा जाता है कि मगवोर्ट, वर्मवूड और वेटिवर में बुरी आत्माओं को भगाने और शाप तोड़ने की विशेष शक्ति होती है, आप शायद कुछ अपने साथ रखना चाहेंगे। कपड़े की एक छोटी थैली में इन जड़ी बूटियों को रख कर अपनी कमर में बांध लीजिये या अपनी जेब में रख लीजिये।
संपादन करेंपॉज़िटिव एनर्जी का इस्तेमाल करना
- टोटका तोड़ने के लिए हंसी का इस्तेमाल करिए: काला जादू अपनी शक्ति निगेटिव एनर्जी से लेता है, और उसके विलोम, पॉज़िटिव एनर्जी, में उसे कमजोर करने की शक्ति होती है। इस मामले में, हंसी वास्तव में सबसे बढ़िया इलाज होती है, क्योंकि इसका इस्तेमाल किसी भी प्रकार के शाप के विरुद्ध बहुत प्रभावी तरीके से किया जा सकता है। आपको किसी अनुष्ठान या जादू की ज़रूरत नहीं है: केवल अपनी पॉज़िटिव एनर्जी के कुएं की।
- जब आपको अपने आसपास शाप का असर दिखे, कुछ मज़ाकिया सोचिए और हँसिये। किसी बिलकुल मज़ाकिया वीडियो या किताब के बारे में सोचिए और अपने आपको उसका पूरा मज़ा लेने दीजिये कि उससे आपको कैसा लगता है।
- जब आपका सामना उस व्यक्ति से हो जिस पर आपको शक है कि उसने आप पर टोना किया है, मुस्कुराइए और मित्रवत रहिए। एक दो चुट्कुले सुनाइए और साथ में हँसने की कोशिश करिए। चाहे उस व्यक्ति को वह हँसने लायक नहीं भी लगेगा, उसकी शक्ति आपकी पॉज़िटिव एनर्जी के दम से कमजोर पड़ जाएगी।
- एक बाइंडिंग टोटका करके देखिये जिससे दुष्टता अच्छाई में बदल जाती है: यह एक पॉज़िटिव व्हाइट जादू का टोटका है जो आध्यात्मिक रूप से किसी व्यक्ति की निगेटिव एनर्जी को पॉज़िटिव में बदल देती है, ताकि वह आपको अपने शाप और जादू से नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा या सकेगी। बाइंडिंग टोटका अपने सबजेक्ट को नुकसान नहीं पहुंचाता; वह बस व्यक्ति को आपको और हानि पहुंचाने से रोक देता है। एक मोमबत्ती पर उस आदमी का नाम लिखिए। जब वह जले, तब ये शब्द दोहराते रहिए:
- मैं तुम्हें अंधेरे से आगे ला कर रोशनी में रखता हूँ। तुम्हारा अतीत मेरा वर्तमान न प्रभावित कर सके। मेरा भविष्य रात जैसा अंधेरा न हो। मैं तुम से खुले दिल और खुली बाँहों से मिलता हूँ, और तुम्हें वापस प्रकाश में ले चलता हूँ। तो उसे धूल होने दो।[१]
- आध्यात्मिक हीलर से बात करिए: यदि आप आश्वस्त हैं कि आप पर काला जादू हुआ है, तब शायद समय आ गया है कि आप किसी आध्यात्मिक हीलर से बात करें जो अनुष्ठानों की श्रंखला से इसे हटाने में मदद कर सके। किसी ऐसे से बात करिए जो समझ सके कि आप पर क्या बीत रही है और शाप हटाने का उचित तरीका जानता हो ताकि आपका जीवन फिर से उज्ज्वल हो सके।
- यदि आप धार्मिक हैं तब शायद आप गाइडेंस के लिए अपने धार्मिक गुरु से बात करना चाहेंगे।
- साइकिक से बात करने से भी मदद मिल सकती है, मगर ध्यान रहे कि कोई ऐसा हो जो औथेंतिक (authentic) हो और जिसे जादू टोने का अच्छा ज्ञान हो।
- शायद किसी थेरपिस्ट से बात करने से भी सहायता मिले जो मेडिटेशन, हिपनोसिस या अन्य तकनीकों का इस्तेमाल कर सके जिससे आपके जीवन में अधिक पॉज़िटिव एनर्जी लाई जा सके।
- कृपया नोट करें: आपका किया हुआ टोटका आप पर तिगुने नियम के अनुसार तीन गुना अधिक कठोरता से वापस आ सकता है।
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January 19, 2019, 4:30 pm
ड्राई फ़ास्ट, फास्टिंग का वो प्रकार है जो बगैर कुछ खाये और बगैर कुछ भी पिए किया जाता है। एक सॉफ्ट ड्राई फ़ास्ट में नहाना और दाँतों को ब्रश करना शामिल होता है लेकिन ड्राई फ़ास्ट (या ब्लैक फ़ास्ट) में पानी किसी भी तरह से यूज़ नहीं किया जाता है।
- अपना फ़ास्ट स्टार्ट करने के लिए कोई डेट चुनें: कुछ लोग ड्राई फ़ास्ट छुट्टियों के दौरान करना पसंद करते हैं तो वहीँ कुछ लोग बदलते मौसम में तो कुछ पूर्ण चांदनी रात जब हो तब करना पसंद करते हैं। ये भी तय करें कि कितने समय के लिए आप ड्राई फ़ास्ट करना चाहते हैं और इसे अपने कैलेंडर में लिख लें। ड्राई फ़ास्ट 3 दिनों में पूरा हो जाता है और इससे अधिक दिनों के लिए ये रेकमेंड भी नहीं किया जाता है।
- ये तय करैं की आप सॉफ्ट ड्राई फ़ास्ट करना चाहते हैं या पूरी तरह से ड्राई फ़ास्ट पर जाना चाहते हैं। कुछ लोग एक साथ एक के बाद एक ड्राई फ़ास्ट करते हैं और हर 24 घंटे में किसी एक निश्चित समय पर पानी या फिर कुछ फल लेना पसंद करते हैं।
- ये तय करें कि आप ड्राई फ़ास्ट के लिए तैयार हैं कि नहीं। सामान्यतः अगर आप पहले फ्रूट, जूस या वॉटर फ़ास्ट कर लेते हैं तो इससे आपको अपनी मेन्टल और फिजिकल स्ट्रेंथ के बारे में पता चल जाएगा और फिर आप ड्राई फ़ास्ट करने के बारे में सही निर्णय ले पाएंगे। अगर आपका शरीर बहुत ज्यादा टॉक्सिक हैं तो हो सकता है कि इससे एक ज्यादा मात्रा में टॉक्सिन्स आपके शरीर में रिलीज़ हो जायें जो कि जानलेवा हो सकते हैं। इसलिए ड्राई फास्टिंग पर जाने से पहले अगर आप वाटर फास्टिंग करते हैं तो वो बेस्ट है।
- एक फ़ास्ट से दूसरे फ़ास्ट पर जाना (transitioning into fasting) शुरू करें: कोई भी फ़ास्ट सफलतापूर्वक तभी किया जा सकता है जब आपका शरीर और आपका मन उसके लिए पूरी तरह से तैयार हो। कैफीन जैसी हानिकारक चीज़ों को फ़ास्ट से एक हफ्ते पहले ही अपनी डाइट से बाहर कर देना एक अच्छा स्टेप है। कुछ वेजेटेरियन फूड्स, लिक्विड सलाद, और क्लींजिंग टी बॉडी को डेटॉक्स करने में हेल्प करेंगी। अपनी डेली कैलोरी/खाने में कटौती करना भी लाभकर होगा।
- खूब सारा पानी पियें। आपका यूरिन फ़ास्ट पर जाने से पहले क्रिस्टल क्लियर होना चाहिए। कुछ लोग अपने डाइजेशन को रेस्ट देने के लिए फ़ास्ट पर जाने से पहले कोलोनिक (colonic) या सॉल्ट वॉटर फ्लश करना पसंद करते हैं।
- अपने शरीर का ध्यान रखें: फ़ास्ट के दौरान आपकी बॉडी हील हो रही होती है इसलिए उस समय अपने शरीर का ध्यान रखें। ये सबसे सही समय होता है रेस्ट करने का, मेडिटेशन करने का और आपको जिससे शांति मिले वो काम करने का। इस समय अपने आप को प्रकृति से जोड़ कर रखें। बहुत से लोग एक्टिविटीज़ जैसे ताई ची (Thai Chi) को अपनी एनर्जी को बढ़ाने में यूज़ करना पसंद करते हैं। अपने पैरों को ऊपर कर सोना, जो कि डेटॉक्स का ही एक पार्ट है आपको हलके फुल्के सिरदर्द से आराम दिलाने में मदद करेगा।
- फ़ास्ट के दौरान अपनी बॉडी के द्वारा दिए जाने वाले संकेतों को समझें: फिर भले ही ये संकेत आपको अपना फ़ास्ट समय से पहले खत्म करने की ऒर इशारा क्यों न करें। तेज़ भूख कई बार पेटदर्द का कारण बनती है जो की बाकी पेटदर्द से अलग होता है। अपने सलाइवा और यूरिन को भी मॉनिटर करते रहें जिससे आपको हाइड्रेशन लेवल का पता चलता रहेगा। बहुत ज्यादा गर्मी और तेज़ धूप में भी जाने से बचें।
- फ़ास्ट से अपने रेगुलर रूटीन पर उसी तरह धीरे वापस जायें जैसे आप आये थे: इसके लिए पानी से शुरुआत करें, हायड्रेटिंग फ्रूट्स, सब्ज़ियाँ और सलाद लेना शुरू करें। अपनी कैलोरी और खाने की मात्रा धीरे धीरे बढ़ायें, जिससे आपकी डायजेस्टिव ट्रैक्ट अपने पुराने रूटीन पर वापस आ सके। अपने बॉडी के संकेतों को समझना जारी रखें।
- ड्राई फास्टिंग के ऊपर बनाये गए वीडियो, आर्टिकल्स और ब्लॉग्स पढ़ना और देखना जारी रखें जिससे आप अपने आप को मोटीवेट रख सकें।
- फास्टिंग के लिए कोई शांत जगह चुनें, संभव हो तो अपने काम से छुट्टी ले लें।
- फास्टिंग के तुरंत बाद ज्यादा खाने से आपको पाचन सम्बन्धी समस्या जैसे गैस, वजन का बढ़ना या फिर डिप्रेशन हो सकते हैं।
- फ़ास्ट के पहले अगर आप अपने आप को अच्छी तरह से हाइड्रेट नहीं रखेंगे तो गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स और दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
- अगर आप किसी तरह की दवाई पर हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह लिए बगैर फ़ास्ट पर न जायें, क्योंकि इस दौरान आपके द्वारा ली जाने वाली दवाओं की डोज़ को एडजस्ट करना पड़ सकता है।
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January 20, 2019, 4:30 pm
वेजाइनल डिस्चार्ज (Vaginal discharge) महिलाओं में होने वाला एक आम लक्षण है और ये होना पूरी तरह से नॉर्मल भी है और साथ ही ये इस आपकी वेजाइना (Vagina) के सही ढंग से फंक्शन कर रहे होने की गवाही भी देता है। आपको किसी भी तरह के इन्फेक्शन से बचाकर रखने के लिए, आपके वेजाइना में एक नेचुरली एसिडिक पीएच (acidic pH) रहता है। एक हैल्दी वेजाइना रेगुलरली डिस्चार्ज को बाहर निकालती रहती है, जो बदले में, आपके शरीर से डेड सेल्स और बैक्टीरिया को दूर करती है। हालाँकि, इस बात पर भी ध्यान जरूरी है, कि कुछ मामलों में, वेजाइनल डिस्चार्ज किसी तरह के इन्फेक्शन का या बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। एक नॉर्मल से लेकर एक एब्नॉर्मल डिस्चार्ज के बीच के अंतर की पहचान होना, वेजाइनल हैल्थ को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है।
संपादन करेंनॉर्मल वेजाइनल डिस्चार्ज को खुद से डायग्नोज़ करना
- वेजाइनल डिस्चार्ज के फंक्शन्स को समझें: वेजाइना में एक खास लाइनिंग (अस्तर) होती है, जिसमें ग्लैंड्स (ग्रंथियां) होती हैं जो रोजाना थोड़ी-थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ को बाहर निकालती हैं। रेगुलर, डेली होने वाले वेजाइनल डिस्चार्ज का मकसद पुरानी, खराब हुई सेल्स को और जहाँ तक हो सके रोग पैदा करने वाली चीजों को या "फ़ोरेन बॉडीज (बाहरी चीजों)" को इकट्ठा करना और इन्हें वेजाइना से बाहर निकालना होता है। इसके साथ ही, ये डिस्चार्ज बैक्टीरिया और यीस्ट के हैल्दी बैलेंस को बढ़ावा देता है और ये इन्फेक्शन के खिलाफ सुरक्षा देते हैं।
- दूसरे शब्दों में कहें, तो ज़्यादातर वेजाइनल डिस्चार्ज आपके लिए अच्छे होते हैं। डिस्चार्ज शरीर को सुरक्षित रखने का, उसका अपना एक नेचुरल तरीका होता है।
- सोने के दौरान हर 80 मिनट में महिलाओं का सामान्य डिस्चार्ज होगा। ये एक नॉर्मल फिजोयोलोजिकल फंक्शन होता है (पुरुषों को भी सोते वक़्त हर 80 मिनट के अंतर पर एक बार इरेक्शन होता है)।
- नॉर्मल वेजाइनल डिस्चार्ज कैसा दिखता है, समझें: नॉर्मल वेजाइनल डिस्चार्ज आमतौर पर क्लियर या मिल्की व्हाइट होता है और अगर होगा, तो हो सकता है, कि इसमें हल्का सा ओडर (गंध) भी हो। ये पानी के जैसा पतला या गाढ़ा और चिकना सा भी हो सकता है, लेकिन इसकी कंसिस्टेंसी आमतौर पर स्मूद और लम्प फ्री (lump free) होनी चाहिए।[१]
- प्रीमीनोपोजल (premenopausal) महिलाओं में, रोजाना लगभग 1 चम्मच भर के बराबर व्हाइट या क्लियर वेजाइनल डिस्चार्ज होना नॉर्मल है।[२] हालाँकि, वेजाइनल डिस्चार्ज का अमाउंट और इसके गुण महिलाओं के हिसाब से अलग-अलग भी हो सकते हैं।
- आपके डिस्चार्ज में आने वाले नॉर्मल चेंजेस के पीछे के कारणों को जानें: आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के लुक, स्मेल (गंध) या हल्के से भी अलग नजर आने के पीछे न जाने कितने ही कारण मौजूद हो सकते हैं। अगर आप अपने डिस्चार्ज को लेकर चिंता में हैं, तो ये देखने के लिए, कि अगर आप इन दी हुई किसी भी कंडीशन में से गुजर रहे हैं या अभी हाल ही में गुजर चुके हैं, इस दी हुई क्विक लिस्ट को देखें। ये सब बहुत ही कॉमन - लेकिन पूरी तरह से नॉर्मल - आपके डिस्चार्ज के बदलने के पीछे की वजह हैं:
![Diagnose Vaginal Discharge Step 3 Version 4.jpg]()
- ओव्यूलेशन (Ovulation): ओव्यूलेशन के दौरान, डिस्चार्ज की मात्रा में बढ़त हो जाती है। डिस्चार्ज ज्यादा क्लियर, लसलसा और चिकना होगा। इस बदलाव के पीछे की वजह, एग के फर्टिलाइजेशन के लिए तैयार होने के दौरान स्पर्म (शुक्राणु) के लिए रास्ता आसान बनाना है।[३]
- मेंस्ट्रुएशन (Menstruation: आमतौर पर मेंस्ट्रुअल साइकल के पहले और फौरन बाद में आपको एक थिक और व्हाइट डिस्चार्ज नजर आएगा।[४]
- प्रेग्नेंसी और प्रसव के बाद (post-partum): प्रेग्नेंट महिलाओं को अक्सर ही डिस्चार्ज की मात्रा में बढ़त और इसकी कंसिस्टेंसी में एक बदलाव महसूस होता है। ये खासतौर पर डिलिवरी के आखिरी कुछ हफ्तों में, जब डिस्चार्ज और ज्यादा मोटा और वजनदार हो जाता है, तब कहीं ज्यादा नजर आने लगता है। डिलिवरी के बाद, महिलाओं को जो डिस्चार्ज महसूस होता है, उसे “लोकिया (lochia)" बोला जाता है। इस खास तरह के डिस्चार्ज में ब्लड, छोटे-छोटे क्लोट्स (थक्के) और प्रेग्नेंसी के दौरान यूटेरस की लाइनिंग में बने टिशूज की परत शामिल रहती है। वक़्त के साथ-साथ, ये पानी की तरह पतला, गुलाबी डिस्चार्ज बन जाएगा और आखिर में एकदम पूरा खत्म हो जाएगा।[५]
- मीनोपोज (Menopause): मीनोपोज के दौरान एस्ट्रोजन (estrogen) के लेवल के कम हो जाने की वजह से आमतौर पर डिस्चार्ज में भी कमी आती है।[६]
- सेक्सुअल अराउजल (Sexual arousal): पानी जैसा डिस्चार्ज, जो एकदम क्लियर या हल्का सा व्हाइट होता है, वो सेक्सुअल एक्साइटमेंट का एक संकेत होता है। इस डिस्चार्ज का मकसद सेक्स के दौरान वेजाइना को किसी भी चोट से बचाए रखने के लिए चिकनाई प्रदान करना होता है।[७]
- अपने नॉर्मल डिस्चार्ज को "साफ करने" से न घबराएँ: आपका डिस्चार्ज आपके शरीर की रक्षा करने का प्राकृतिक तरीका है। पानी मारने (Douching) को भी कभी-कभी ठीक माना जाता है।
- अगर आपको अपने अंडरवियर और कपड़ों में गीलापन अच्छा नहीं लगता है, तो ऐसे में आपको अपने अंडरवियर में एक पेंटी-लाइनर पहनने के बारे में सोचना चाहिए। इन्हें किसी भी ग्रोसरी स्टोर्स, ड्रग स्टोर्स और फार्मेसी से, और इसी तरह की किसी भी स्टोर्स से खरीदा जा सकता है। अगर आप सस्ते और ज्यादा नेचुरल सोल्यूशन पाना चाहती हैं, तो चाहें तो अपने घर में मौजूद फैब्रिक्स का या क्राफ्ट स्टोर से खरीदकर, इसका इस्तेमाल करके, आप खुद ही अपने लिए पेंटी लाइनर्स बना सकती हैं।
संपादन करेंएब्नॉर्मल वेजाइनल डिस्चार्ज को खुद से डायग्नोज़ करना
- आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के कलर और टेक्सचर की जाँच करें: ये अगर आपके आमतौर पर होने वाले डिस्चार्ज से कुछ अलग वेजाइनल डिस्चार्ज के जैसा नजर आता है, तो इसके एब्नॉर्मल होने की उम्मीद है और ये किसी तरह के इन्फेक्शन या वेजाइनल एनवायरनमेंट में आए किसी बदलाव का लक्षण भी हो सकता है। इसे पहचानने का एक सीधा-साधा नियम ये है, कि अगर डिस्चार्ज क्लियर या व्हाइट नहीं है, तो शायद आपको कोई प्रॉब्लम हो सकती है। पैथोलोजी के कुछ बहुत कॉमन लक्षणों में ये कुछ लक्षण शामिल हैं:[८]
- व्हाइट, थिक, लम्पी (lumpy) डिस्चार्ज, जिसकी वजह से खुजली आ रही हो।
- हरा और फ़ोम जैसा डिस्चार्ज।
- ग्रे कलर लिए, पीलापन लिए, ब्राउनिश या ग्रीनिश डिस्चार्ज।
- गंदी-महक वाला डिस्चार्ज
- दर्द, खुजली या जलन, या ब्लीडिंग (खून) के साथ हुआ डिस्चार्ज।
- ऐसा डिस्चार्ज, जो सामान्य से भारी या ज्यादा मोटा हो।
- वेजाइनल डिस्चार्ज का मूल्यांकन करें: डिस्चार्ज की जाँच करने के लिए, अब मालूम करें, कि ऐसी कौन सी कंडीशन है, जो आपके साथ हो रहे एब्नॉर्मल डिस्चार्ज के पीछे की वजह हो सकती है। अगर आपका डिस्चार्ज, कलर और टेक्सचर की ‘नॉर्मल’ रेंज से बाहर है, तो ये इनमें से किसी एक की वजह से हो सकता है:
![Diagnose Vaginal Discharge Step 6 Version 4.jpg]()
- बैक्टीरियल वेजिनोसिस (bacterial vaginosis): ये बच्चे को जन्म दे सकने की उम्र वाली महिलाओं में होने वाले एब्नॉर्मल डिस्चार्ज के पीछे की एक काफी कॉमन वजह होती है।[९] बैक्टीरियल वेजिनोसिस, "बुरे" बैक्टीरिया की वजह से होने वाला एक बहुत हल्का इन्फेक्शन होता है। आमतौर पर यहाँ पर "अच्छे" और बुरे टाइप के बैक्टीरिया होते हैं और अच्छा टाइप, बुरे टाइप की बढ़त को लिमिट में रखने में मदद करता है। बैक्टीरियल वेजिनोसिस के केस में यही बैलेंस खराब हो चुका होता है और वहाँ पर बहुत सारे बुरे बैक्टीरिया हो जाते हैं।[१०] इसके लक्षणों में ग्रे कलर लिए हुए-पीला, चिकना, फिश जैसी-स्मेल वाला डिस्चार्ज, इसके साथ ही वेजाइना में खुजली या जलन भी होना शामिल है। दुर्गंध वाले ज़्यादातर डिस्चार्जेस बैक्टीरियल वेजिनोसिस की वजह से ही हुआ करते हैं।[११]
- वेजाइनल कैंडिडियासिस (vaginal candidiasis/यीस्ट इन्फेक्शन): अगर आपका डिस्चार्ज व्हाइट तो है, लेकिन ये मोटा और लम्पी (कॉटेज चीज़ के जैसा) है, तो ये यीस्ट इन्फेक्शन हो सकता है। कलर और टेक्सचर में हुए बदलाव के साथ ही, आपको जलन और खुजली का अहसास भी होगा। यीस्ट इन्फेक्शन में आमतौर पर किसी गहरी गंध का निर्माण नहीं होता है। ये इन्फेक्शन्स, महिलाओं में होने वाले वेजाइनल इन्फेक्शन के दूसरे सबसे कॉमन टाइप हैं। ये खासतौर पर डायबिटीज़ के या इम्यून में अक्षम पेशेंट में, एंटीबायोटिक्स के किसी नियमित डोज़ के बाद नजर आते हैं।[१२]
- ट्राइकोमोनिअसिस (Trichomoniasis): ऐसा डिस्चार्ज, जो रंग में थोड़ा हरा सा हो, और जिसका टेक्सचर ‘झागदार’ हो, आमतौर पर ट्राइकोमोनिअसिस का लक्षण होता है। ट्राइकोमोनिअसिस, एक ऐसा इन्फेक्शन है, जो ट्राइकोमोनास (trichomonas) की वजह से होता है, ये ट्राइकोमोनास एक सिंगल-सेल पैरासाइट, जो कि किसी सेक्सुअल पार्टनर के साथ आ जाता है। ये इन्फेक्शन्स ऐसे तीसरे सबसे कॉमन इन्फेक्शन होते हैं, जो आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के ऊपर असर डाल सकते हैं, साथ ही ये वेजाइनल इचिंग या पैन भी देते हैं।[१३]
- STIs (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन्स): कभी-कभी क्लैमिडिया (chlamydia) और गोनोरिया (gonorrhea) जैसे कॉमन STIs भी वेजाइनल डिस्चार्ज में हुई बढ़त के पीछे की एकमात्र वजह होते हैं। इस डिस्चार्ज के गुण अलग जरूर हो सकते हैं, लेकिन इसका रंग अक्सर ही फीका सा (मतलब कि, ग्रे, यलो, ग्रीन) होता है, ये मोटा और गंदी-महक वाला होता है। महिलाओं को सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान दर्द भी महसूस हो सकता है, साथ ही बाद में स्पॉटिंग या ब्राउन डिस्चार्ज भी हो सकता है।[१४] बैक्टीरियल वेजिनोसिस, कैंडिडियासिस और ट्राइकोमोनिअसिस सेक्सुअली फैल भी सकते हैं।
- वेजाइनल या सरवाईकल कैंसर (Vaginal or cervical cancer): एक बात का ध्यान रखें, कि वेजाइना या सर्विक्स के कैंसर की वजह से बहुत कभी ही एब्नॉर्मल डिस्चार्ज होता है।[१५]
- एब्नॉर्मल डिस्चार्ज के दूसरे कारणों के ऊपर विचार करना: ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं, जो वेजाइनल एनवायरनमेंट के ऊपर असर डाल सकती हैं।
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- वेजाइना को किसी नए तरह के क्लीनिंग एजेंट या हाइजीन प्रोडक्ट के संपर्क में लाना, भी इसके ऊपर असर दिखा सकता है। डिटर्जेंट और फैब्रिक सॉफ्टनर्स, फेमिनाइन स्प्रेज, क्रीम्स, डौश (douches) और कोंट्रासेप्टिव फोम, जेलीस या क्रीम में पाये जाने वाले केमिकल्स वेजाइना को और/या वेजाइना के आसपास की स्किन को इरिटेट कर सकते हैं। एंटीबायोटिक्स जैसे मेडिकेशन्स भी इन्फेक्शन की संभावना को बढ़ा सकते हैं। इनमें से कोई भी आपके लक्षणों और वेजाइनल डिस्चार्ज की वजह हो सकता है। सोचकर देखिये, कि आपने अभी हाल में ऐसा क्या नया इस्तेमाल किया था और कब आपको आपका ये डिस्चार्ज अलग सा महसूस हुआ। एक बार जब आप इसकी संभावित वजह को मालूम कर लें, इसे कम करने की कोशिश करें और देखें अगर आपको आपके लक्षणों में कमी होते हुए या पूरी तरह से गायब होते हुए नजर आएँ। उदाहरण के लिए, अगर आपने अभी हाल ही में कपड़े धोने के लिए किसी नए डिटर्जेंट का इस्तेमाल करना शुरू किया है, तो कुछ वक़्त के लिए इस्तेमाल करना अवॉइड करें, और आपके पुराने ब्रांड को ही इस्तेमाल करें। अगर लक्षण गायब हो जाते हैं, तो समझ लीजिये कि आपको असली कारण मिल चुका है! हालाँकि, अगर आपके द्वारा अभी हाल ही में इस्तेमाल किए किसी नए केमिकल के ऊपर विचार कर लेने के बाद भी, अगर आपके लक्षण अभी भी बने हुए हैं, तो ऐसे में आपको डॉक्टर के पास जाने के बारे में सोच लेना चाहिए।[१६]
- सिस्टमेटिक इलनेस भी आपके वेजाइनल एनवायरनमेंट के बैलेंस को बिगाड़ सकती हैं। उदाहरण के लिए, डाइबिटीज़ की मरीज किसी महिला में, फंगल इन्फेक्शन (यीस्ट इन्फेक्शन की तरह ही) होने का खतरा कहीं ज्यादा रहता है।[१७]
- ऐसा टैम्पून (tampon) को लगाने के बाद उसे भूल जाना भी गंदी स्मेल के साथ होने वाले वेजाइनल डिस्चार्ज की एक अनकॉमन वजह होती है। अगर आपको भी ऐसा शक है, कि आपने टैम्पून इस्तेमाल करने के बाद, इसे अपने अंदर ही छोड़ दिया है, तो फिर आप अपनी खुद की तरफ से जाँच कर सकती हैं। हाँथों को अच्छी तरह से धोकर शुरुआत करें और फिर अपने एक पैर को बाथटब या टॉइलेट के ऊपर रख लें। आप अपनी वेजाइना में जितना अंदर तक जा सकती हों, जाएँ और कुछ ढूँढने की कोशिश करें। अगर आपको टैम्पून तो मिल गया है, लेकिन आपको इसे खींचकर बाहर निकालने वाला धागा नहीं मिल रहा है, तो फिर उसे पकड़ने के लिए अपनी उंगली और अंगूठे का इस्तेमाल करें और उसे बाहर खींच लें। सुनिश्चित करें कि टैम्पून अभी भी पूरा बरकरार है; अगर ये टूटना शुरू हो चुका है और आपको भी समझ नहीं आ रहा है, कि आपने इसके सारे टुकड़े बाहर निकाल लिए हैं या नहीं, तो क्योंकि आपके अंदर एक भी टुकड़ा नहीं छूटना चाहिए, इसलिए आपको अपने डॉक्टर से कांटैक्ट कर लेना चाहिए। एक बात और ध्यान में रखें, कि अगर आपको लग रहा है, कि आपने अपनी सर्विक्स को पूरी तरह से जाँच लिए है, और अब ऐसा कुछ भी नहीं छूटा रह गया है, तो यहाँ पर सच में कुछ भी नहीं है। अगर आपको अभी भी ऐसा लग रहा है, कि अंदर कुछ तो छूटा है, लेकिन आप उसे ढूँढ नहीं पा रही हैं, तो फिर अपने डॉक्टर को कांटैक्ट करें, क्योंकि एक वही हैं, जो आपकी अच्छी तरह से जाँच कर सकते हैं।[१८]
- अपने फिजीशियन से सलाह लें: अगर अपनी तरफ से जाँच करने के बाद भी, आपको ऐसा लग रहा है, कि डिस्चार्ज अभी भी एब्नॉर्मल है, तो अपने डॉक्टर के पास जाएँ। हालाँकि अपनी बॉडी के ऊपर और बॉडी में आने वाले बदलावों पर करीब से नजर रखना बेहद जरूरी है, लेकिन फिर भी आपको किसी भी खास कंडीशन के लिए अपने खुद के डायग्नोज़ के ऊपर निर्भर नहीं रहना चाहिए। आपके हैल्थ केयर प्रोवाइडर को आपकी जाँच करने दें, हर एक जरूरी टेस्ट्स कराएँ, और किसी भी जरूरी एक्शन या ट्रीटमेंट के लिए भी फ़ैसला करें।[१९]
- इसके साथ ही, इसे लेकर एक और गलत अवधारणा ये है, कि अगर आपको पहले कभी कोई यीस्ट इन्फेक्शन (वेजाइनल कैंडिडियासिस) हुआ था, तो अब आप आपके पहले के एक्सपीरियंस के हिसाब से, इसे भी डायग्नोज़ कर सकती हैं। यीस्ट इन्फेक्शन के ट्रीटमेंट को आप किसी भी फार्मेसी से और ड्रग स्टोर से काफी आसानी से ओवर-द-काउंटर और चाहें तो घर पर भी पा सकती हैं। हालाँकि, अगर इस कैंडिडियासिस के लिए मौजूद ओवर-द-काउंटर ट्रीटमेंट के बाद भी आपका इन्फेक्शन बना हुआ है, तो फिर आपको आपके फिजीशियन के पास जाने की सलाह दी जाती है।
- आपके फिजीशियन के साथ एक अपोइंटमेंट ले लें: आपको जब भी आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के एब्नॉर्मल होने का शक हो, इसके बाद आपको फौरन ही आपके डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए। डिस्चार्ज के कलर, कंसिस्टेंसी और फ्रिक्वेन्सी को डिस्क्राइब करने के लिए तैयार रहें।
- अगर आपके अभी पीरियड्स चल रहे हैं, तो अच्छा होगा अगर आप डॉक्टर के पास जाने से पहले अपने साइकल के पूरे होने तक इंतज़ार कर लें, बेशक अगर मुमकिन हो तो। लेकिन अगर ये लक्षण बहुत ज्यादा ही खास हो रहे हैं, तो फिर ऐसे में फिर चाहे आपके पीरियड्स ही क्यों न चल रहे हों, आपको फौरन ही डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए।
- अगर आप अपने रेगुलर डॉक्टर के पास नहीं, बल्कि एक वॉक-इन क्लीनिक पर जा रही हैं, तो अपनी पूरी मेडिकल हिस्ट्री को देने के लिए भी तैयार रहें।
- अपने डॉक्टर को ऐसी हर उन कंडीशन्स या एक्शन्स के बारे में भी बताएँ, जिनके इससे संबंधित होने की संभावना हो: उदाहरण के लिए, अगर आपको ऐसा लग रहा है, कि आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं या फिर आपने अभी हाल ही में असुरक्षित सेक्स किया है (मतलब कि, बिना कंडोम इस्तेमाल किए), तो अपने डॉक्टर को बता दें।
- फिजिकल चेकअप कराएँ, जिसमें पेल्विक (pelvic) की जाँच भी शामिल है:[२०] आपके लक्षणों के अनुसार, आपके डॉक्टर आपके लिए पेल्विक की आंशिक या पूरी जाँच करने के लिए कह सकते हैं। एक पूरी जाँच में, फ़ीमेल पेल्विक ऑर्गन्स कि एक्सटर्नल और इंटरनल एग्जाम शामिल होती है:
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- एक्सटर्नल एग्जाम — आपके हैल्थ केयर प्रोवाइडर आपकी वेजाइना की ओपनिंग और आपके वाल्वा (vulva) के फ़ोल्ड्स की जाँच करेंगे। विशेष रूप से, आपके डॉक्टर एब्नॉर्मल डिस्चार्ज, सिस्ट्स (cysts), जेनिटल वार्ट्स, जलन, या और किसी दूसरी कंडीशन की तलाश करेंगे।
- इंटरनल एग्जाम (a) — इंटरनल एग्जाम के दो भाग होते हैं: स्पेक्युलम (speculum) एग्जाम और बाईमेन्युअल एग्जाम। स्पेक्युलम एग्जाम में, आपके डॉक्टर बहुत ही आराम से आपकी वेजाइना में एक ल्यूब्रिकेटेट (चिकना किया) मेटल या प्लास्टिक स्पेक्युलम डालेंगे। स्पेक्युलम जब खुलेगा, तब ये वेजाइना की दीवारों को अलग करेगा। इसमें आपको किसी भी तरह का दर्द तो नहीं होगा, लेकिन ये जरा सा अनकम्फ़र्टेबल जरूर फील होगा। अगर आपको जरा भी दर्द हो, तो अपने हैल्थ केयर प्रोवाइडर को बता दें। वो स्पेक्युलम के साइज़ को या उसकी पोजीशन को एडजस्ट कर देगी। अगर वहाँ पर कोई खास तरह का वेजाइनल इन्फेक्शन हुआ होगा, तो इस समय आमतौर पर किए गए पैप (pap) टेस्ट को स्थगित कर दिया जा सकता है, क्योंकि पैप स्मियर के परिणामों से इसके रिजल्ट में कुछ बदलाव आने की संभावना हो सकती है। अगर ऐसा है, तो एक बार इन्फेक्शन के क्लियर होने पर, आपको फिर से पैप टेस्ट के लिए जाना होगा। पैप टेस्ट में, एक छोटे से स्पेच्युला को या एक छोटे से ब्रश के जरिये आपके सर्विक्स की सेल्स के सैंपल लिए जाएंगे। अब आपके सर्विक्स में क़ैसर वाले या कैंसर से पहले के सेल के होने का पता लगाने के लिए इस सैंपल की जाँच की जाएगी। STIs की संभावना के लिए, सर्विक्स से होने वाले डिस्चार्ज के सैंपल को भी लिया जाएगा। इसके अलावा, आपके डॉक्टर आपके वेजाइनल पीएच (pH) को जाचेंगे और जाँच के लिए आपके वेजाइनल डिस्चार्ज के सैंपल भी लेंगे।[२१]
- इंटरनल जाँच (b) — दूसरी जाँच, बाईमेन्युअल जाँच में आपके डॉक्टर एक हाँथ से आराम से आपके पेट को दबाते हुए, ग्लव के अंदर से एक या दो उंगलियाँ और ल्यूब्रिकेट हुई उंगली को आपके वेजाइना के अंदर डालेंगे। इस तरीके से आपके यूटेरस, ओवारीज, और फैलोपियन ट्यूब्स (fallopian tubes) के साइज़, शेप और पोजीशन को जाँचा जाता है, जो कि आपकी फर्टिलिटी और हैल्थ के ऊपर असर डाल सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक बढ़ी हुई यूटेरस का मतलब कि आप प्रेग्नेंट हैं या फिर आपको फाइब्रॉइड्स (fibroids) है, वहीं इस जाँच के दौरान आपके जुड़े हुए भाग (ओवरी/ट्यूब) में होने वाले दर्द या कोमलता महसूस होना, एक इन्फेक्शन, सिस्ट या मास (mass) होने की संभावना को दर्शाता है।[२२]
- कभी-कभी आपके डॉक्टर पेल्विक जाँच के हिस्से के रूप में, आपका रेक्टल एग्जाम भी कर सकते हैं। इसके लिए, आपके डॉक्टर किसी तरह के ट्यूमर या और दूसरी एब्नॉर्मल सी स्थिति की जाँच के लिए, ग्लव से ढँकी हुई एक उंगली को आपके रेक्टम में डालेंगे।[२३]
- अपने सैंपल को टेस्टिंग के लिए लैब में भेज दें: जाँच के बाद, आपके डॉक्टर सारे कल्चर्स और सैंपल्स को जाँच के लिए लैब में भेज देंगे। वेजाइनल डिस्चार्ज के लिए सबसे जरूरी टेस्ट, माइक्रोस्कोपिक एग्जामिनेशन या वेट प्रेप टेस्ट होता है। वेट प्रेप टेस्ट में, एक टेकनीशियन वेजाइनल डिस्चार्ज के सैंपल को एक सलाइन ( saline) के साथ मिक्स करेगा और फिर इस मिक्स्चर का एक ड्रॉप लेगा और इसे जाँचने के लिए एक स्लाइड के ऊपर रखेगा। इसे आमतौर पर डॉक्टर के ऑफिस में किया जाता है, इसलिए इसके रिजल्ट भी फौरन मिल जाते हैं।[२४]
- टेकनीशियन ट्राइकोमोनिअसिस, क्लू सेल्स (clue cells) और यीस्ट के लिए मीडियम और हाइ, दोनों पावर पर स्लाइड की सावधानी से जांच करेगा। ट्राइकोमोनिअसिस फ्लुइड, फूले हुए से ओर्गेनिज़्म होते हैं, जिन्हें काफी आसानी से उनके गुणों के बदलने की गति के जरिये पहचाना जा सकता है। क्लू सेल्स अजीब सेल्स होती हैं, सैंपल में जिनकी उपस्थिति का मतलब बैक्टीरियल वेजिनोसिस का होना है। आखिर में, यीस्ट को स्लाइड के ऊपर बडिंग या ब्रांचिंग फॉर्म में पहचाना जाता है। यीस्ट की उपस्थिति को पेप टेस्ट से भी पहचाना जा सकता है।[२५]
- अपने टेस्ट रिजल्ट का इंतज़ार करें: इन टेस्ट्स के मिलने के वक़्त के बारे में जानकारी लेने की पुष्टि कर लें, ताकि अगर आपको किसी ट्रीटमेंट या प्लान की जरूरत हो, तो आप फिर से अपने डॉक्टर से मिलकर उनके बारे में डिस्कस कर सकें।[२६]
- अगर आपके डिस्चार्ज की असली वजह किसी तरह का इन्फेक्शन नहीं है, तो ऐसे में साफ पानी में और साबुन के बिना ली हुई बाथ, इन लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है।
- एक्साइटेड (अराउज़) होने पर क्लियर डिस्चार्ज का होना एकदम नॉर्मल है।
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January 21, 2019, 5:30 pm
आपने इसे मूवीज में या फिर हो सकता है, कि पब्लिक में किसी को करते हुए देखा हो — फ्रेंच किस, रोमांटिक अफेक्शन दिखाने का एक ऐसा टाइमलेस और पेशनेट जेस्चर होता है, जिसमें दोनों पार्टनर अपनी जीभ (टंग) का इस्तेमाल करते हैं। फिर चाहे आप दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहते हों, आप भी बिना किसी झिझक के, बिल्कुल फ्रेंच की तरह किस करना सीख सकते हैं! अगर आप भी फ्रेंच किस करने के बारे में सीखना चाहते हैं, तो पहले स्टेप से शुरुआत करें।
- अपनी लिप्स (होंठों) को नरम रखें: एक सॉफ्ट, स्मूद और हल्का सा नमी वाला मुँह, किस करने के लिए बेहतर माना जाता है। आप अपनी तरफ से कोई कदम उठाएँ, इससे पहले जरूरी है, कि आप आपके होंठों के चिपचिपे या सूखे न होने की पुष्टि कर लें, नहीं तो इससे आपका पार्टनर डिसट्रेक्ट या आपके होंठों के चक्कर में रुक भी सकता है। अगर आप किस करने से पहले अपने होंठों को सॉफ्ट करना चाहते हैं, तो आपको दिये हुए इन कुछ फौरन किए जा सकने वाले तरीकों को करके देखना चाहिए:
- चेपस्टिक (chapstick) यूज करें। इसे अपने होठों के ऊपर घुमाएँ और फिर उन्हें एक-साथ प्रैस कर लें। (अगर आप एक लड़की हैं और आपके पास में फ्लेवर वाली चेपस्टिक मौजूद है, तो और भी अच्छी बात है!) इसके लिए ध्यान देने वाली बात सिर्फ यही है, कि आपको लिप बाम या ग्लॉस को, किस करने के एक घंटे या और पहले लगाना चाहिए, ताकि आपके पार्टनर को किस के दौरान आपके होंठों पर एक नरमी मिले, न कि इनके ऊपर लगी हुई ग्लॉस की मोटी परत।
- पानी पियें। सूखे होंठ डिहाइड्रेशन को दर्शाते हैं, तो इसलिए एक (या दो) बड़े ग्लास भरकर पानी पी जाएँ। आप भी नोटिस करेंगे, कि आपके होंठ 20 से 30 मिनट के अंदर स्मूद होने लग जाएंगे।
- अपने लिप्स को लिक (Lick) करें। अगर आप बहुत जल्दी में हैं और आपके पास में कुछ भी करने का वक़्त नहीं है, तो फौरन अपने होंठों पर अपनी जीभ फेर लें और उन्हें एक-साथ ज़ोर से प्रैस करें। ऐसा करने से ये बिना बहुत ज्यादा चिपचिपे हुए, हल्के से नरम बन जाएंगे। आप अपने किसिंग पार्टनर की आँखों में देखते वक़्त भी जरा सा छिपाकर, अपने होंठों पर अपनी जीभ फेर सकते हैं।
- अपनी साँसों को ताजा करें: जब आप किसी को किस करने जा रहे हों, फिर चाहे वो फ्रेंच किस हो या न हो, लेकिन आपको ऐसा ही लगेगा, कि आपकी साँसों में किसी तरह की बदबू बगैरह नहीं होनी चाहिए। चूंकि, फ्रेंच किस में आपका मुँह खुलने वाला है, इसलिए इसमें ताज़ी साँसें खासतौर से जरूरी होती हैं। अच्छी डेंटल हाइजीन की प्रैक्टिस करें। अगर आपको मालूम हो, कि आप किसी को किस करने वाले हैं, तो बस जल्दी से अपने दांतों को ब्रश कर लें या फिर कम से कम अपने मुँह को पानी से गार्गल ही कर लें।
- अगर आपको ऐसा लगता है, कि आप किसी को किस करने वाले हैं, तो घर से निकलते वक़्त अपने साथ साँसों के लिए मिंट्स (mints) या मिंट-फ्लेवर वाली गम लेकर निकलें। अगर आप इसे जताना नहीं चाहते हैं, तो आप जल्दी से एक ब्रेथ मिंट को खा सकते हैं या फिर बाथरूम में जाकर एक मिनट के लिए गम को भी चबा सकते हैं, इससे आप उसके सामने ऐसा दिखाने से भी बच जाएंगे, कि आप उसे किस करने को तैयार हैं।
- ऐसे फूड्स को अवॉइड करें, जिन्हें खाने के बाद मुँह में अजीब सी बदबू रह जाती है, खासतौर पर, लहसुन, कॉफी, प्याज, दूध और कॉर्न। अगर आप किस से पहले डिनर डेट पर गए हैं, तो बहुत सोच-समझ कर ही खाने की कोशिश करें।
- सही पल की तलाश करें: एक अच्छा किस-खासतौर पर फर्स्ट किस या फर्स्ट फ्रेंच किस—काफी ज्यादा टेंशन और इंटिमेसी में आने वाली बढ़त का एक चरम बिन्दु होता है। इसलिए एक ऐसे सही पल को चुनें, जिसमें आप और आपके पार्टनर के, किस करने के माहौल में खुद को पूरी तरह से ढ़ाल देने की पुष्टि होती हो। आपकी अपनी प्राइवेसी होनी चाहिए और आप दोनों को ही स्ट्रेस या डिसट्रेक्शन फील करने के बजाय, रोमांटिक फील होना चाहिए। ये वक़्त कब सही होगा? ये पूरी तरह से दोनों की परिस्थितियों पर निर्भर करेगा, लेकिन यहाँ पर कुछ ऐसे साइन हैं, जिन्हें आपको ध्यान में रखना होगा:
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- आपके पास पूरी प्राइवेसी है। हो सकता है, कि आप आपकी बाल्कनी में अकेले हों या फिर पार्क में किसी एक खाली बेंच पर बैठे हों, आपको इस बात की कोई चिंता करने की जरूरत ही नहीं, कि कोई आपको बीच में रोक देगा।
- सामने वाला इंसान हिंट पर हिंट दे रहा है, जैसे कि नजरों को पकड़ने की कोशिश करना और आपके होंठों की ओर देखना या फिर आपके बहुत करीब बैठना या खड़े होना। आपके पार्टनर के जेंडर के अनुसार, उनकी बॉडी लेंग्वेज भी आपको इस बात की काफी जानकारी दे देती है, कि ये वक़्त अपने कदम आगे बढ़ाने के लिए सही है या नहीं।
- आप आपकी काफी अच्छी गुजरी डेट के आखिरी पड़ाव पर हैं। कार में या फिर पोर्च, ये दोनों ही एक गुडनाइट किस देने के लिए काफी अच्छी सेमी-प्राइवेट लोकेशन हो सकती हैं।
- अगर सब कुछ ठीक लग रहा हो। अगर आपके मन में किसी को किस करने के लिए काफी ज्यादा इच्छा हो रही हो, तो बहुत ज्यादा न सोचें, बस इसे कर डालें। (अगर आपको ऐसा महसूस हो, कि आपके द्वारा किया हुआ काम, सामने वाले को सही नहीं लगा, तो खुद को ऐसी ही किसी अजीब या और भी बदतर परिस्थिति में डालने के लिए तैयार कर लें।)
- पूछ लें। अगर आपको समझ नहीं आ रहा, कि सामने वाला भी इसे फील कर रहा है, या नहीं, तो खुद ही टॉपिक को छेड़ दें। अपने उस स्पेशल इंसान (किसी को बिना उसकी मर्जी के किस करना) को किस करने के चांस को मिस कर देने से बेहतर है, कि आप जरा सा अजीब बनकर पूछ उससे पूछ लें और कोन्फ़िडेंस से आगे बढ़ें।
- आइ कांटैक्ट बनाएँ: सामने वाले की आँखों में गहराई से झाँकें। अगर आप आपके मकसद को और ज्यादा स्पष्ट करना चाहते हैं, तो धीरे से अपनी नजरों को उनकी होंठों तक ले आएँ, और वापस फिर से उनकी आँखों में देखने लग जाएँ। अगर आप चाहें तो एक इंटेन्स आइ कांटैक्ट बनाकर, उसे कुछ सेकंड के लिए तोड़ दें और फिर वापस उस की ओर देखें। ये सामने वाले को ऐसा दर्शाने का एक तरीका है, कि आप उसे किस करना चाहते हैं और आपको उन्हें देखकर एक सुकून मिल रहा है।
- लड़कियाँ भी, चाहें तो जरा ज्यादा फ़्लर्टी बनने के लिए, लड़के की ओर देखें, नीचे देखें और फिर उनकी आँखों में देख सकती हैं।
- मुस्कुराएँ: अगर आप उसे किस करने के बारे में सोचकर भी एक्साइटेड हो रहे हैं, तो ये दिखाएँ! एक स्माइल किसी भी परिस्थिति को हल्का और मजेदार बना सकती है, साथ ही दोनों को सेफ और रिलेक्स फील करने में भी मदद करती है। आपकी स्माइल के सॉफ्ट और सच्चे होने की पुष्टि कर लें, और इसे एक जबरदस्ती की, बहुत बड़ी या बहुत ज्यादा इंटेन्स स्माइल न बनाएँ। हँसते हुए, धीरे-धीरे अपनी स्माइल में अपने होंठों को दिखाते जाएँ। अपने उस फ्यूचर पार्टनर को दिखाएँ, कि आपको उसके साथ कितना अच्छा लग रहा है। आप जैसे आइ कांटैक्ट रखते हैं, इसे वैसे ही बनाए रखना जारी रखें या इस तक वापस आने से पहले इसे कुछ वक़्त के लिए छोड़ दें।
- आप चाहें तो हँसते वक़्त अपने दांतों को दिखाने के बजाय, अपने होंठों को बंद करके भी मुस्कुरा सकते हैं, जो कि रोमांटिक या आकर्षक लगने के बजाय, कहीं ज्यादा फ्रेंडली भी लग सकती है।
- टच बेरियर (स्पर्श बाधा) को खत्म करें: जब आप आपके पसंद के उस इंसान के साथ में अकेले हों और आप मुस्कुरा रहे हों और उसके साथ में आइ कांटैक्ट भी बना रहे हों, फिर आप तय कर सकते हैं, कि आप बिना टच किए उसे किस करना चाहते हैं या फिर आप पहले टच बेरियर को तोड़ना चाहते हैं। ये उसके साथ पैरों को टच करके बैठना, उसके हाँथों को पकड़ना, अपने हाँथों को उसके घुटने के ऊपर रखना, उसके हाँथ पर दबाना या फिर बस उसे एक लगाव वाला कोई संकेत देने जैसा कुछ भी हो सकता है। अगर आपने उसे पहले लिप्स पर किस किया है, तो फिर टच बेरियर को तोड़ना आपके लिए कहीं ज्यादा नेचुरल फील होगा और आपको उसके होंठों को छूने की कोशिश करने से पहले, उसे छूने की कोशिश करना होगी, ताकि आप दोनों और भी कम्फ़र्टेबल फील कर सकें।
- आप चाहें तो उसे किस करने की कोशिश की तरह भी टच बेरियर को तोड़ सकते हैं। अगर आप खड़े हुए हैं, तो आप किस करने की कोशिश करते हुए, उसके हाँथों को, उसकी गर्दन को या फिर उसके कंधों को छू सकते हैं। अगर आप बैठे हुए हैं, तो अपने हाँथों को उसकी पीठ पर रख लें।
- आगे बढ़ें: जब भी आपको सही पल बनता नजर आए, फिर अपनी तरफ से आगे बढ़ना शुरू करें। आमतौर पर आपको कुछ इतने धीरे आगे बढ़ने की कोशिश करना चाहिए, ताकि उसके पास आपको न कहने का वक़्त रहे, लेकिन इतना भी धीमे नहीं, कि उस पल से सारा जोश ही निकल जाए। जब आपको ऐसा फील होने लगे, कि आपका किसिंग पार्टनर भी अगले स्टेप के लिए तैयार है, तो फिर आपको बिल्कुल भी नहीं भटकना चाहिए। तब तक अपनी बॉडी को उसकी बॉडी की तरफ बढ़ाते रहें, जब तक कि आप दोनों के सिर बस कुछ ही इंचेस की दूरी पर न आ जाएँ। यही वो वक़्त है, जब आपको अपने सिर को किसिंग के लिए सही पोजीशन में एंगल करना चाहिए।
- इसे धीमे-धीमे ही आगे बढ़ाएँ। स्लो अप्रोच, बीच में टेंशन और अपेक्षाएँ पैदा करती है। एक ऐसी स्पीड से आगे बढ़ें, जिसमें सामने वाले को भी अपने विचार रखने (या न रखने) का मौका मिले। जब वो आपको आते हुए देखेंगे, तो वो भी आप से मिलने के लिए आगे आएंगे, इसलिए ऐसे में धीमी गति से आगे बढ़ना ही सही रहेगा, ताकि आप दोनों के सिर आपस में टकराने से बचे रहें।
- अपने सिर को हल्का सा एक साइड झुकाएँ: सिर के मिलने की वजह से, आपकी नाक बीच में आ सकती हैं। इसकी बजाय, अपने सिर को बस जरा सा लेफ्ट या राइट तरफ झुका लें। अगर आप देखें, कि सामने वाला किसी एक डाइरेक्शन में आ रहा है, तो आप दूसरी तरफ हो जाएँ। अपने ऊपर इसे परफेक्ट तरीके से करने का दबाव न डालें। अगर आप और आपका पार्टनर एक-दूसरे के सिर के सामने आकर किस करने लगते हैं और आपकी नाक एक-दूसरे से टकराने लग जाए, तो आप खुद ही अपने सिर को एक कम्फ़र्टेबल पोजीशन में एडजस्ट कर लेंगे, जहाँ पर आपकी नाक इस तरह से नहीं टकराएगी।
- आपने इसके बारे में मूवीज में चाहे जो भी देखे होगा, लेकिन ये यहाँ पर कुछ भी स्लो मोशन में नहीं होने वाला है। आप उसके करीब आते हुए अपने सिर को हल्का सा मोड़ेंगे, और ये कछुए की स्पीड में नहीं होगा, तो इसलिए आपको इसे परफेक्ट बनाने के बारे में सोचने का वक़्त भी नहीं मिलेगा।
- अपनी आँखों को बंद रखें: आप दोनों जब कांटैक्ट में आएँ, उसके ठीक पहले, अपनी आँखों को बंद कर लें। आँखें खोलकर किस करना, आमतौर पर बेईमानी और असंतोष से जुड़ा हुआ है, और साथ ही आँखों को बंद रखने से आपको, आपके होंठों पर जो भी हो रहा है, उसके ऊपर फोकस करने में और उसे एंजॉय करने में मदद भी करता है। साथ ही, भले ही आपके मन में आपके किसिंग पार्टनर को जोश में देखने के खयाल के चलते, अपनी आँखों को खोलने का खयाल ही क्यों न आ रहा हो, लेकिन ये आपको बीच में ही रोक सकता है और आपको किस करने के मूड को भी खत्म कर सकता है। आँखों को बंद करना, असल में आपके ध्यान को, आपके साथ हो रही हर एक चीज़ के ऊपर करीब से देखने के बजाय, आपके मुँह पर और उस पल को जीने के ऊपर लगा सकता है।
- आप जब किस के बाद, एक दूसरे से दूर आएँ, तब आप धीरे-धीरे अपनी आँखों को खोल सकते हैं।
- अपने मुँह को किस करने की पोजीशन में रखें: ऐसे भी एकदम स्टिफ पकर (होंठों को एकदम ज़ोर से सामने की ओर निकालना) ना कर लें, कि जैसे आप आपकी दादी माँ को किस करने जा रहे हैं — ये न सिर्फ आपकी नॉन-रोमांटिक फीलिंग्स को दर्शाएगा, बल्कि ये आपके पार्टनर के लिए फ्रेंच किस शुरू करने में परेशानी भी खड़ी कर देगा। वहीं दूसरी ओर, अपने मुँह को एकदम लूज रखना भी ऐसा दर्शाता है, कि आपको इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। यहाँ पर इसे सही ढंग से करने के कुछ तरीके दिये हुए हैं:
- बहुत थोड़ा सा पकर (होंठो को आगे लाएँ) करें। अपने होंठों को हल्का सा आगे लेकर आएँ, ताकि आपको वहाँ की मसल्स में एक हल्की सी टेंशन महसूस हो।
- अपने मुँह को हल्का सा खोलें। शुरू में ही पूरे मुँह को खोलकर एकदम जोशीला किस करने के बजाय, अपने होंठों को बस इतना ही दूरी पर रखें, ताकि आपकी जीभ उनके बीच से निकल सके।
संपादन करेंएक जानकार की तरह फ्रेंच किस करना
- सामने वाले इंसान के होंठों पर हल्के से अपने होंठों को रगड़ लें: शुरू में बहुत हल्के से प्रैशर का इस्तेमाल करें, ताकि आपके लिप्स बहुत ही हल्के से आपके पार्टनर के लिप्स को छूकर गुजरें। ये आपको सीधे फ्रेंच किस पर ले जाने से पहले आपके बीच में और ज्यादा अपेक्षा और एक्साइटमेंट को एड करेगा। इसके साथ ही, इससे बिना ज्यादा कुछ जताए, आपके पार्टनर को ये भी समझ आएगा, कि आप और भी ज्यादा चाहते हैं।
- अपने मूवमेंट्स को स्लो रखें। बहुत तेजी से होने वाले हल्के किस में, तनाव को मुश्किल से कंट्रोल करने के चक्कर में सेक्सिनेस का एक जैसा लेवल नहीं होता है। ऐसे एक्ट करें, जैसे कि आपके पास में बहुत सारा वक़्त है-आपका किस खुद-ब-खुद अपनी स्पीड को पकड़ लेगा।
- मिजाज का जायजा लें: एक बार जब आप बिना टंग (जीभ) वाली किसिंग के चलते फ्रेंच किस के लिए एक मजबूत नींव बना लें, आप उसे कुछ छोटे-छोटे हिंट्स दे सकते हैं, कि अब आप और आगे बढ़ने को तैयार हैं। आमतौर पर, अगर आप अभी पहली बार उसे किस कर रहे हैं, तो आपको फ्रेंच किस की शुरुआत करने से पहले थोड़ा ज्यादा सावधानी बरतना होगी, क्योंकि ये एकदम से बहुत जल्दी, बहुत ज्यादा आगे बढ़ जाने लग सकता है। लेकिन इसके अलावा, यहाँ पर ऐसी कुछ और बातें मौजूद हैं, जिन्हें आपको, अपनी तरफ से टंग किसिंग के लिए तैयार होने का हिंट देने से पहले, माहौल को समझने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए:
- अपने मुँह को जरा और ज्यादा खोलें। बिना किसी रोक के उसे आने देने का ऑफर देने से, आप उसे खुद से ही टंग कांटैक्ट करने को तैयार कर लेंगे।
- लिप्स को कुछ इस तरह से लॉक करें, ताकि सामने वाले इंसान का नीचे वाला होंठ आपके दोनों होठों के बीच में रहे। फिर, अपनी जीभ को बहुत हल्के से, नीचे वाले होंठ पर घुमाएँ। इसे बहुत स्मूद, स्विफ्ट मोशन में करें, ताकि ये कांटैक्ट कुछ एक सेकंड से कम तक के लिए बना रहे। वो अगर दिलचस्पी ले रहे होंगे, तो वो भी इसके लिए प्रतिक्रिया देंगे।
- आपको ये भी मालूम होना चाहिए, कि आपको कब पीछे हटना है। अगर आपने ऊपर दी हुई दोनों ही टेकनिक्स को करके देख लिया है और आपके पार्टनर ने कोई रिस्पोंस नहीं दिया है, तो इसे अगली बार के लिए छोड़ दें और अपना सारा ध्यान सिंपल किसिंग पर लगाए रहें। इसे एक बहुत बड़ा मुद्दा न बना दें, या न ही उन्हें इसके लिए गिल्टी फील कराएँ।
- अपनी टंग (tongue) के साथ एक्सप्लोर करें: अगर सामने वाला इंसान भी दिलचस्पी लेते हुए नजर आए, तो आगे बढ़ें और फ्रेंच किसिंग शुरू करें। अपनी टंग को एक मोशन में और अपने टच को हल्का बनाकर रखना न भूलें। पहले अपनी जीभ को बहुत धीरे से अपने पार्टनर के मुँह में डालें। आप इसे या तो अपने पार्टनर के ऊपर या नीचे रखकर भी शुरुआत कर सकते हैं, या फिर अगर आप ज़रा ज्यादा बोल्ड फील कर रहे हैं, तो आप अपनी जीभ को चारों ओर भी घुमा सकते हैं। बस इतना सुनिश्चित कर लें, कि आपका पार्टनर भी आपके एक्शन के ऊपर रिस्पोंड कर रहा है, ताकि आप सिर्फ एक सीधी रखी जीभ को नहीं किस कर रहे हैं, नहीं तो आपके बीच का रोमांस बहुत जल्दी रुक जाएगा। यहाँ पर आपके लिए, फ्रेंच किस को एक्सप्लोर करते वक़्त ध्यान में रखने लायक बातें दी हुई हैं:
- प्लेफुल रहें। अपनी जीभ से बहुत आराम से उसकी जीभ को "पकड़ लें" और फिर उन्हें अगले मूव करने के लिए इन्वाइट करें।
- जीभ बहुत ज्यादा सेंसिटिव होती हैं, और सिर्फ अपने पार्टनर की जीभ को अपनी जीभ से छूना भी काफी आरामदायक और सुकून भरा हो सकता है।
- बहुत ज्यादा डीप में भी न जाएँ — अपनी जीभ को उसके गले में फँसा लेना, बहुत बड़ा टर्न-ऑफ हो सकता है। शुरू में एकदम ऊपर-ऊपर ही रहें। देखें, कि आपका पार्टनर आपके साथ किस हद तक जाना चाहता है और फिर उसी हिसाब से आगे बढ़ें।
- साँस लें: अगर आप बहुत लंबे वक़्त के लिए किस कर रहे हैं, तो ऐसे में साँस लेना भूलना काफी आसान है। इसे मानें या न मानें, लेकिन हाँफना और साँस लेने के लिए तड़पना, कहीं से भी रोमांटिक नहीं लगता। आप ऐसा सोच सकते हैं, कि एक जोश भरे किस में, बहुत सारे मिनट्स तक की नॉन-स्टॉप किस करना शामिल होता है, लेकिन अगर आप रोमांस फ़ैक्टर को और बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको अलर्ट और सचेत रहना पड़ेगा। एक बार आप एक लय में पहुँच जाएँ, फिर आप किस को बीच में रोके बिना भी, साँस लेने के लिए, बीच में ही एक कम्फ़र्टेबल पैटर्न तलाश लेंगे। यहाँ पर आपको मालूम होने लायक जानकारी दी हुई है:
- किस करते वक़्त आपकी नाक से हल्की-हल्की साँसें लेते रहें।
- एक ब्रेक लेने में भी न हिचकिचाएँ। अगर आप इसे सही ढ़ंग से कर लेते हैं, तो ये अब भी एक इंटिमेट और सेक्सी मोमेंट बन सकता है। अपने आपको कुछ इस तरह से, हल्का सा पीछे खींच लें, ताकि आपके माथे एक-दूसरे को छू रहे हों, आइ कांटैक्ट बनाएँ और मुस्कुराएँ।
- जब आप और आपके पार्टनर किस के साथ कम्फ़र्टेबल हो जाएँ, तब आप अपने मुँह से साँस लेने की कोशिश करना शुरू कर सकते हैं: साँसों को शेयर करना भी रोमांटिक हो सकता है (लेकिन ये हर किसी को पसंद नहीं आता।)
संपादन करेंएड्वान्स्ड टेक्निक्स में कुशलता हासिल करना
- इसमें भी चेंजेस करते रहें: किस अलग-अलग तरह की हुआ करती है: कोई दो, ठीक एक समान नहीं हुआ करती हैं। एक बार आप किसी को फ्रेंच किस करने के लिए, अपने आप में कम्फ़र्टेबल फील करने लग जाएँ, तो आपके मन में हर बार एक ही जैसी चीज़ें का खयाल आ सकता है, लेकिन अगर आप चीजों को और भी दिलचस्प बनाना चाहते हैं, तो आपको आपके मन में उठ रहे इन ख़यालों को रोकना होगा। दिलचस्पी बनाए रखने के लिए, आप धीरे-धीरे कुछ नई चीज़ें शामिल करते हुए एक अच्छी और कम्फ़र्टेबल रिदम बनाए रख सकते हैं। यहाँ पर आपके लिए बदलाव करते रहने के कुछ तरीके दिए हुए हैं:
- स्पीड: अपने किस की स्पीड को बदलते रहना, आपके पार्टनर को संभावित रूप से डराए बिना कुछ अलग करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। जैसे ही आप स्लो किस करने में पक्के हो जाएँ, फिर कुछ सेकंड्स के लिए जरा सी स्पीड बढ़ाकर देखें — इसे आप दोनों को कुछ वक़्त के लिए ब्रेथलेस बना देना चाहिए!
- डेप्थ (गहराई): एक बार आप किसी के साथ कम्फ़र्टेबल हो जाएँ, फिर जरा और ज्यादा गहराई से किस करने की कोशिश करें। इसे बढ़ाकर रखने का एक अच्छा तरीका, अपनी स्पीड को कंट्रोल में रखना है। या, अगर आप चीजों को जरा ज्यादा फ्लर्टी और प्लेफुल बनाना चाहते हैं, तो फिर से वापस ऊपरी किस पर आ जाएँ।
- प्रैशर: एक डीप किस की तरह ही, एक हार्ड किस को भी ऐसी परिस्थितियों के लिए बचाकर रखना चाहिए, जिनमें आपको मालूम है, कि आप और आपका पार्टनर, दोनों ही कम्फ़र्टेबल हैं। अपनी जीभ के साथ जरा ज्यादा दबाव बनाएँ, लेकिन इसे मोशन में बनाए रखने की पुष्टि जरूर कर लें।
- दाँत: आप चाहें तो अपनी जीभ से, आपके पार्टनर के दांतों के सामने वाले हिस्से या पीछे के हिस्से को भी रब करके देख सकते हैं। ये एक ऐसी फीलिंग पैदा करेगा, जो आपके किस को और भी ज्यादा बेहतर बना देगी। आप अगर चाहें तो अपने दांतों से अपने पार्टनर के नीचे वाले होंठ को भी हल्के से पकड़ सकते हैं। एक बात का भी ध्यान रखें, कि हर किसी को अपनी किस के बीच में दांतों का आना पसंद नहीं होता है — इसलिए अपने दांतों को दूर रखने के लिए भी तैयार रहें।
- अपने हाँथों का इस्तेमाल करें: हालाँकि आपको अपने हाँथों को हल्का रखना चाहिए, खासकर अपने पहले किस में, जरूरी नहीं है, कि आपको अपने हाँथों को अपने साइड में ही रखना है। अपने हाँथों का इस्तेमाल करना और अपने पार्टनर के शरीर को छूना (इसे रिस्पेक्टफुल रखते हुए) भी आपके किस की रोमांटिक फीलिंग को बढ़ा देगा और साथ ही ये आपको अपने पार्टनर को और भी ज्यादा कनेक्टेड बनाकर रखने में मदद करेगा। एक बार जब आप आपके पार्टनर की बॉडी के साथ कांटैक्ट बना लेते हैं, फिर आप बिना बहुत ज्यादा उत्तेजित हुए समय-समय पर अपने हाँथों को मूव करते रह सकते हैं। यहाँ पर फ्रेंच किस के दौरान अपने हाँथों को इस्तेमाल करने के बारे में जानने लायक कुछ बातें दी गई हैं:
- एक आम नियम के अनुसार, पहले अपने हाँथों को अपने पार्टनर के हिप्स (कमर) पर रखते हुए शुरुआत करें, और फिर इन्हें धीरे-धीरे उनकी पीठ के ऊपर मूव करते रहें या उनके चेहरे से लेकर उनके बालों तक मूव करते रहें।
- अपनी पहली किस में, अपने पार्टनर के कंधों पर प्यार दिखाना भी शामिल है। इससे ऐसा नजर आएगा, कि आप उनके साथ कितने कम्फ़र्टेबल हैं।
- अपने हाँथों से पार्टनर के चेहरे को, गालों को और उसकी गर्दन को प्यार करें।
- या फिर, एक पुराने तरीके के रूप में: सिंपल तरीके से बस अपने हाँथों को अपने पार्टनर के चारों तरफ लपेट लें।
- अपने पार्टनर की बॉडी लेंग्वेज को पढ़ें: हर कोई कुछ अलग तरीके से किस किया करता है, और हर एक इंसान एक किस में अलग-अलग चीजों को एंजॉय करते हैं — किस करने का कोई "सही" तरीका नहीं होता। अच्छी किसिंग में गिव-और-टेक (आदान-प्रदान) शामिल होता है, तो इसलिए अपने पार्टनर की बॉडी लेंग्वेज पर ध्यान दें और ऐसे हर उस संकेत के ऊपर ध्यान दें, जिससे ये पता चले, कि आप जो कर रहे हैं, वो उसे पसंद आ रहा है। ध्यान में रखने लायक सबसे जरूरी बात ये है, कि आपके पार्टनर को आपकी किसिंग और आपके इस प्यार भरे जेस्चर में कम्फ़र्टेबल फील करना चाहिए।
- हर किसी को एक ही तरह से किस करना या किस पाना नहीं पसंद होता है, तो इसलिए हो सकता है कि आपके किसी पुराने पार्टनर ने किस करने की किसी एक मेथड को पसंद किया हो, लेकिन आपका नया प्यार शायद उसे न पसंद करे। आपको असली सिग्नल्स को समझते आना चाहिए और एक ऐसी स्टाइल को पकड़ना चाहिए, जो कि आप दोनों के लिए ही कम्फ़र्टेबल हो।
- अगर आपका पार्टनर कभी भी खुद को दूर कर लेता है या फिर अनकम्फ़र्टेबल नजर आता है, समझ लीजिये, कि अभी आपको इसे कुछ स्लो करने की जरूरत है।
- आपके पार्टनर को भी आपको वापस किस करने दें और वो जो भी कर रहे हैं, जब तक आपको उसमें कोई तकलीफ न हो, तब तक उन्हें वही करने दें।
- उन सारे क्लू (इशारों) को समझने की कोशिश करें, जो आपको बताते हैं, कि आपके पार्टनर ने आपके द्वारा किए हुए किसी खास काम को कितना पसंद किया। अगर आप किसी तरह की शर्म या हया को महसूस करते हैं, या फिर वो भी वापस आपको और ज्यादा इंटेंसिटी के साथ किस करते हैं, तो आप सही दिशा में जा रहे हैं।
- प्रेक्टिस करें: अच्छी फ्रेंच किसिंग में किसी भी तरह की अच्छी किसिंग की तरह ही, प्रेक्टिस की जरूरत पड़ती है। आप इसे जितना ज्यादा करेंगे, आप और बेहतर बनते जाएंगे। इसके साथ ही, आप किसी एक इंसान के साथ में जितनी ज्यादा प्रेक्टिस करेंगे, उतना ज्यादा ही आप उन्हें किस करने में और दोनों के हिसाब से सही स्टाइल बनाने में कम्फ़र्टेबल भी फील करेंगे। बस इसलिए, क्योंकि आपने आपके फर्स्ट किस को उतने शिद्दत के साथ नहीं किया है, इसका मतलब ये नहीं निकलता कि आपके किसिंग पार्टनर का रोमांस बर्बाद हो चुका है; पेशेंस रखें और तब तक धीमे-धीमे और आराम से किस करते रहें, जब तक कि आपको एक ऐसी रिदम न मिल जाए, जो आप दोनों के लिए सही काम कर सके।
- इसके साथ ही, न ही खुद को बहुत ज्यादा सीरियसली लें। अगर आपने कुछ करने की कोशिश की, जो कि पूरी तरह से फेल हो गई, तो इसके ऊपर हँसें, माफी माँगें और फिर से ट्राइ करें। अगर आप एक निराशाजनक किस के बाद एकदम हारे हुए इंसान की तरह बर्ताव करेंगे, तो इससे आप सिर्फ अपने पार्टनर के लिए चीजों को और भी बदतर बना रहे होंगे, और यहाँ पर ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है।
- ज़्यादातर पहले किस, प्यार करने की ज़्यादातर पहली कोशिशों की तरह ही, ऐसी कोई चीज़ नहीं होती, जिनके बारे में आप दिन रात सोचते रहें। मजे की बात तो — कोशिश करते हुए, इसमें एक साथ बेहतर बनने में है।
- कम्युनिकेट करें: अगर आपको सच में आपके पार्टनर के किस करने का तरीका पसंद आया है, तो उन्हें बता दें। अगर आपको इसमें कुछ नहीं पसंद आया, तो उसके बारे में भी आपके पार्टनर को बता दें, लेकिन इसे बहुत ही सावधानी के साथ बताएँ और साथ ही उनके द्वारा की हुई, आपकी पसंद की किसी चीज़ के लिए उनकी तारीफ भी करें। अगर आपका पार्टनर आपके साथ सच्चा है और आपके साथ कभी कुछ भी नहीं छिपाता है, तो कोशिश करें, कि आप इसके ऊपर ओवररिएक्ट न करें या न ही इससे हर्ट फील करें, नहीं तो इसकी वजह से आपका पार्टनर आगे से आपके साथ बात करने में हिचक महसूस करने लग जाएगा।
- चाहे किस पूरी तरह से गलत ही क्यों न हुआ हो, अगर आप दोनों ही इसके ऊपर हँसने में कामयाब हो जाते हैं, तो ये अभी भी एक इंटिमेट अफेयर हो सकता है! जरूरी बात ये है, कि आप दोनों ही अपनी फीलिंग को लेकर ईमानदार हैं और इंप्रूव करने की कोशिश भी करना चाहते हैं।
- आपको अपने पार्टनर को ये बताते हुए भी कम्युनिकेट करने की कोशिश करनी चाहिए, कि वो कितने आकर्षक लगते हैं और आप उन्हें कितना पसंद करते हैं। इस बात को एकदम स्पष्ट कर दें, कि आप उनके साथ में कितने खुश हैं और फ्रेंच किसिंग फिर और भी नेचुरली होना शुरू हो जाएगी।
- एक एक्टिव पार्टनर बनें। अगर कोई आपको फ्रेंच किस कर रहा है और आप उन्हें ये करते रहने देना चाहते हैं, तो बस सीधे बैठे न रहें, बल्कि आप भी किस में मग्न हो जाएँ। उनके एक्शन का जवाब दें और एक-एक करके अपनी जीभ और लिप्स के मूवमेंट्स की बागडोर अपने हाँथ में संभालें। अगर आप किस के किसी भी हिस्से में अनकम्फ़र्टेबल हैं, तो खुद को पीछे खींचने में या आराम से अपने होंठों को बंद करने में बिल्कुल भी न हिचकिचाएँ। इससे आपके पार्टनर को एक हिंट मिलेगी।
- आप किसी किस को कितनी देर तक रोक सकते हैं, इसके लिए कोई नियम नहीं है। अगर आपको किसी भी वक़्त अनकम्फ़र्टेबल फील होता है, तो किस को वहीं पर रोक दें; नहीं तो फिर, इसे बस उस वक़्त तक एंजॉय करें, जब तक कि आप दोनों ही खुद को एक-दूसरे से, आमतौर पर एक-साथ दूर न कर लें। कुछ लोगों को आपके द्वारा दूर जाने के बाद, अपने पार्टनर के अपर और लोअर लिप्स को हल्के से चूसना भी काफी रोमांटिक लगता है। आप दोनों एक साँस लेने के फिर से एक-दूसरे को किस करते भी पा सकते हैं।
- फ्रेंच किस के दौरान बहुत सारा सलाइवा (लार) बनता है और ये आपके रोमांटिक मोमेंट के बीच में रुकावट भी डाल सकता है। एक अंतराल के बाद, किस को रोके बिना इसे अंदर लेते जाएँ। अगर आपको ऐसा करने में कोई परेशानी हो रही है, तो एक पल के लिए खुद को बाहर खींचने में भी न कतराएँ। खुद को बाहर खींचते वक़्त मुसकुराना, आपके पार्टनर को ये जता सकता है, कि आप सिर्फ एक छोटा सा ब्रेक ले रहे हैं, न कि उनके प्यार को रिजेक्ट कर रहे हैं।
- ध्यान रखें कि फ्रेंच किस से हर्पीस (herpes) और मोनोन्यूक्लियोसिस (mononucleosis, जिसे मोनो के नाम से भी जाना जाता है) जैसी संक्रामक बीमारियां फैलने के खतरा रहता है।
- अगर आप कभी भी अनकम्फ़र्टेबल फील करते हैं या फिर आपके पार्टनर के द्वारा किए जा रहे किसी भी मूव में आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं, तो खुद को पीछे खींच लें और आपके पार्टनर को भी पता चलने दें, कि आप रुकना चाहते हैं। एकदम दृढ़ रहें। और न बोलने में कोई बुराई नहीं है।
- अगर आप दोनों को ही या आप में से किसी एक को भी ब्रेसेस (braces) लगे हैं, तब भी आप दोनों किस कर सकते हैं, लेकिन आपको बस इतनी सावधानी रखनी होगी, कि आपके ब्रेसेस एक-दूसरे से न टकराएँ। साथ ही, ब्रेसेस को अपनी जीभ से टच करना भी अवॉइड करें (आप गलती से खुद को कट भी कर सकते हैं)। ब्रेसेस के साथ किस करने के लिए इससे जुड़ी जानकारियाँ जुटा लें।
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January 22, 2019, 5:30 pm
हम सभी लोग रोजाना किसी न किसी तरह का कोई फैसला करते ही हैं; हम लोग जो भी बोलते हैं और जो भी करते हैं, वो हमेशा ही उस फैसले का परिणाम होता है, फिर चाहे हमने इसे बहुत सोच-समझकर लिया हो या न लिया हो। आपकी हर एक चॉइस, चाहे वो बड़े से बड़ी हो या छोटी ही क्यों हो, सही निर्णय करने के लिए कोई आसान फॉर्मूला नहीं बना है। इसे करने के लिए अगर आप कुछ कर सकते हैं, तो वो ये कि आप अपने पास मौजूद ज्यादा से ज्यादा नजरियों को तलाशें और फिर एक ऐसा काम चुनें, जो आपको उस वक़्त के हिसाब से उचित और सही लग रहा हो। अगर आपको कोई बहुत बड़ा निर्णय लेना हो, तो ऐसे में आपको डर लगना स्वाभाविक है। लेकिन ऐसी कुछ सिंपल चीज़ें मौजूद हैं, जिन्हें करके आप इसे जरा कम डरावना जरूर बना सकते हैं, जिसमें सबसे बुरी परिस्थिति (वर्स्ट केस सिनारियो) को पहचानना, एक स्प्रेडशीट बनाना और अपने मन की आवाज को सुनना शामिल है। निर्णय लेने के तरीकों के बारे में ज्यादा जानने के लिए आगे पढ़ते जाएँ।
संपादन करेंअपने डर के कारण को समझना
- अपने डर के बारे में लिख लें: अपने डर के बारे में लिखना, आपको उनके बारे में एक समझ पाने की शुरुआत करने में मदद करेगा और जिसके परिणामस्वरूप आप एक बेहतर फ़ैसला ले सकेंगे। आपको क्या निर्णय लेना है, उसके बारे में लिखते हुए इसकी शुरुआत करें। इस फैसले को लेकर आपकी जो भी चिंताएँ हैं, उस हर एक चीज़ के बारे में वर्णन करें या उन्हें लिस्ट कर लें। आप खुद को जज किए बिना, अपने इन डरों को बाहर निकालने दें।[१]
- उदाहरण के लिए, आप आपकी जर्नल (डायरी) की शुरुआत, खुद से ये पूछकर कर सकते हैं, “ये कौन सा निर्णय है, जो मुझे करना है और अगर मैं गलती से कोई गलत फ़ैसला कर लूँ, तो उसकी वजह से ऐसा क्या हो सकता है, जिसके होने का डर मुझे सता है?”
- सबसे बुरी परिस्थिति के बारे में पहचान करें: एक बार जब आप आपके द्वारा लिये जाने वाले उस फैसले के बारे में और आपको उस फैसले के बारे में क्या डर है, के बारे में लिख लेते हैं, फिर इसे एक स्टेप आगे लेकर जाएँ। आपके सामने मौजूद हर एक संभावित विकल्प के बारे में वर्स्ट केस सिनारियो को सोचकर देखें। अपने फैसले को, अगर सब गलत भी हुआ, तो क्या गलत हो सकता है, के दायरे में रखने से आपकी फैसले लेने की प्रक्रिया डरावनी हो सकती है।[२]
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- उदाहरण के लिए, अगर आपके सामने, अपने बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त बिता सकने के लिए फुल टाइम जॉब करने या फिर पार्ट-टाइम जॉब करने के बीच में कोई एक फैसला लेना है, तो फिर आपके द्वारा लिए जाने वाले संभावित निर्णय के साथ में हो सकने वाले वर्स्ट केस सिनारियो के बारे में सोचकर देखें।
- अगर आप फुल टाइम जॉब को चुने रहना चाहते हैं, तो इसके लिए वर्स्ट केस सिनारियो यही होगा कि आप आपके बच्चों के बढ़ती उम्र के इतने जरूरी पलों को मिस कर देंगे और जब आपके बच्चे बड़े होंगे, तो वो इस बात के लिए आप से नाराजगी भी जता सकते हैं।
- अगर आप पार्ट टाइम जॉब को चुनते हैं, तो वर्स्ट केस सिनारियो में, आपके द्वारा अपने महीने भर के खर्चों को पूरा नहीं कर पाने की बात आएगी।
- तय करें, कि ये वर्स्ट-केस सिनारियो असल में होने वाला भी है या नहीं। हमारे लिए “चीजों के बारे में पहले से ही अनुमान लगा लेना” या फिर बिना सोचे समझे किसी भी चीज़ को लेकर, उसके बारे में हो सकने वाली सबसे बुरी संभावना को सोच लेना काफी आसान होता है। आपके द्वारा सोचे हुए सबसे बुरे केस के बारे में सोचें और फिर सोचें, कि वहाँ तक पहुँचने के लिए आपके साथ में क्या-क्या होने वाला है। क्या ऐसा ही है?[३]
- विचार करें, कि आपके द्वारा चुना हुआ फैसला परमानेंट (स्थायी) होने वाला है: एक बार आप उन सारी बातों के ऊपर विचार कर लें, जो कि आपके द्वारा फैसला करने के बाद में गलत हो सकती हैं, फिर सोचकर देखें, कि आपके द्वारा किए हुए फैसले को वापस बदला जा सकता है या नहीं। ज्यादातर फ़ैसलों को बदला जाना मुमकिन होता है, तो आप कम से कम इतना सोचकर तो सुकून पा ही सकते हैं, कि अगर बाद में जाकर कभी भी आपको आपके फैसले से नफरत होने लग जाए, तो आप हमेशा बाद में भी अपनी परिस्थिति को बदल सकते हैं।[४]
- उदाहरण के लिए, मान लीजिए, कि आपने आपके बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त बिताने के लिए, पार्ट-टाइम जॉब करने का पक्का फ़ैसला ले लिया है। इसके बाद, अगर आगे जाकर फिर कभी आपको अपने बिल बगैरह न भर पाने की मुसीबत का सामना करना पड़ता है, तो फिर आप अभी भी अपने लिए एक फुल टाइम जॉब की तलाश कर सकते हैं।
- अपने फ्रेंड्स और फ़ैमिली मेंबर्स से बात करें: ऐसा न फील करें, कि सारे कठिन फैसले बस आपको अकेले ही करने हैं। अपने कुछ ऐसे भरोसेमंद फ्रेंड्स और फ़ैमिली मेंबर्स के नाम चुनें, जो आपकी मदद कर सकें या कम से कम आपके विचारों को तो सुन सकते हों। अपने फैसले के बारे में सारी डिटेल्स शेयर करें साथ ही इसे लेने के बाद क्या गलत हो सकता है, से जुड़े आपके हर डर को भी शेयर कर लें। इससे आपके द्वारा अपने फैसले से जुड़े हुए आपके सारे डरों के बारे में बोलने मात्र से आपको बेहतर महसूस होने लग जाएगा और इसके साथ ही आपके फ्रेंड्स और फ़ैमिली मेंबर्स के पास में आपके लिए अच्छी सलाह भी हो सकती हैं।[५]
- आप किसी ऐसे इंसान से भी बात करके देख सकते हैं, जो कि इस परिस्थिति से एकदम दूर हो और जिसके पास में आपके लिए न्यूट्रल (निष्पक्ष) सलाह मौजूद हों। इस तरह की परिस्थितियों में एक थेरेपिस्ट अक्सर ही एक मददगार सोर्स माना जा सकता है।
- आप चाहें तो ऑनलाइन जाकर भी अपने जैसी परिस्थिति में फँसे हुए लोगों की तलाश कर सकते हैं। अगर आप बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त बिताने के लिए फुल-टाइम जॉब और पार्ट-टाइम जॉब करने के बीच में फैसला करना चाह रहे हैं, तो आप अपनी इस परेशानी को ऑनलाइन किसी पेरेंटिंग फोरम (parenting forum) पर भी डाल सकते हैं। फिर आपको कुछ ऐसे लोगों से सुझाव मिलने की संभावना है, जो ठीक आपकी ही तरह परिस्थिति में फँस चुके हैं, साथ ही कुछ लोग आपको बताएँगे, कि अगर वो आपकी जैसी स्थिति में फँसे होते, तो वो क्या करते।
संपादन करेंअपने निर्णय के बारे में विचार करना
- शांत रहें: बहुत सारे इमोशन्स का होना, फिर चाहे वो पॉज़िटिव हों या नेगेटिव, ये आपके द्वारा तर्कसंगत फ़ैसलों को कर सकने की काबिलियत पर असर डाल सकती है। जब आपको कोई फैसला करना हो, तो इसे करने का सबसे पहला कदम आमतौर पर ज्यादा से ज्यादा शांत रहने की कोशिश करना होता है। अगर आप शांत नहीं रह पा रहे हैं, तो अपने फैसले को उस वक़्त तक रोककर रखें, जब तक कि आप स्पष्ट रूप से न सोच पा रहे हों।[६]
- खुद को शांत करने के लिए कुछ गहरी साँसें लेने की कोशिश करें। अगर आपके पास में ज्यादा वक़्त है, तो एक शांत जगह पर चले जाएँ और लगभग 10 मिनट के लिए गहरी साँसों की एक्सर्साइज़ करके देखें।
- गहरी साँसों की एक्सर्साइज़ करने के लिए, पहले अपने एक हाँथ को अपने पेट पर, रिबकेज (ribcage) के नीचे और दूसरे को अपनी चेस्ट पर रखते हुए शुरुआत करें। आप जब साँसें लेंगे, तब आपको आपका पेट और चेस्ट बढ़ते/फूलते हुए समझ आने चाहिए।[७]
- अपनी नाक से धीरे-धीरे साँसें खींचें। 4-काउंट तक साँसें खींचते रहने का लक्ष्य बनाएँ। आपके लंग्स के बढ़ने के साथ ही, अपनी साँसों को महसूस करने पर ध्यान लगाएँ।
- साँसों को 1-2 सेकंड्स के लिए होल्ड करके रखें।
- अब अपनी साँसों को बहुत आराम से अपनी नाक के जरिए रिलीज कर दें। 4-काउंट तक एक्सहेल करने का लक्ष्य रखें।
- अब इस प्रोसेस हर मिनट में 6-10 बार करते हुए, लगभग 10 मिनट के लिए, रिपीट करें।
- ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश करें: ज़्यादातर सारे फैसले केवल तभी सही तरह से हो पाते हैं, जबकि आपके पास में उस निर्णय को करने के लिए सारी जरूरी जानकारियाँ मौजूद हों। फैसले करना, खासकर जब ये किसी जरूरी टॉपिक से जुड़ा हुआ हो, तब इसे लॉजिक के ऊपर निर्भर होना चाहिए। आपके निर्णय के बारे में आप से जितना हो सके, उतनी ज्यादा जानकारियाँ निकालने की कोशिश करें।[८]
- उदाहरण के लिए, अगर आप एक फुल-टाइम जॉब को जारी रखने और, अपने बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त बिता सकने की कोशिश के चलते, एक पार्ट टाइम जॉब को चुनने के बीच फ़ैसला करने की कोशिश कर रहे हैं, तो पहले आपको ये जानना होगा, कि ऐसा करने से, हर महीने आपको कितने पैसे का नुकसान होने वाला है। इसके साथ ही आपको ये भी सोचना होगा, कि आप अपने बच्चों के साथ कितना वक़्त बिताने वाले हैं। इस इन्फॉर्मेशन को तैयार रखें, इसके साथ ही इससे जुड़ी हुई और कोई इन्फॉर्मेशन भी, एक सही फ़ैसला लेने में आपकी काफी मदद कर सकती है।[९]
- इसके साथ ही आपको कुछ और दूसरे ऑप्शन्स के बारे में भी विचार करना होगा और उनके बारे में भी सारी इन्फॉर्मेशन इकट्ठी करनी होगी। उदाहरण के लिए, आप आपके एम्प्लोयर से ये पूछ सकते हैं, कि क्या ऐसा नहीं हो सकता कि हफ्ते में कम से कम कुछ दिनों के लिए ही सही, लेकिन आपके कुछ काम सिर्फ फोन पर बात करके ही किए जा सकें।
- अपनी प्रॉब्लम को समझने के लिए “पाँच क्यों/फाइव व्हाय्स (five whys)” टेक्निक का इस्तेमाल करें: अपने आप से पाँच बार “क्यों?” पूछना, आपको आपकी परेशानी के स्त्रोत को समझने में मदद कर सकता है और साथ ही ये भी समझने में आपकी मदद कर सकता है, कि आप एक सही वजह के लिए निर्णय ले रहे हैं या नहीं।[१०] उदाहरण के लिए, अगर आप अपनी फुल टाइम जॉब को ही करते रहने और अपने बच्चों के साथ में ज्यादा वक़्त बिताने के लिए, एक पार्ट टाइम जॉब चुनने के बीच फ़ैसला लेने की कोशिश कर रहे हैं, तो आपके लिए पूछे जाने वाले पाँच क्यों, कुछ इस तरह से होंगे:
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- “मैं पार्ट-टाइम जॉब के बारे में क्यों सोच रहा/रही हूँ?” क्योंकि मैं कभी भी अपने बच्चों की देखभाल नहीं कर पाता/पाती। “मैं क्यों कभी भी अपने बच्चों की देखभाल नहीं कर पाता?” क्योंकि मैं ज़्यादातर देर रात तक काम किया करता हूँ। “मैं क्यों ज़्यादातर देर रात तक काम किया करता हूँ?” क्योंकि हमारे पास एक नया अकाउंट आया है, जिसके लिए बहुत ज्यादा काम करना पड़ रहा है। “आप इसमें इतना ज्यादा वक़्त क्यों दे रहे हैं?” क्योंकि मैं अच्छे से काम करना चाहता हूँ, और इसके चलते शायद मुझे प्रमोशन भी मिल सकता है। “आप प्रमोशन क्यों पाना चाहते हैं?” ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने के लिए और अपनी फ़ैमिली को सारी सुविधाएँ देने के लिए।
- इस मामले में, ये पाँच सवाल दर्शाते हैं, कि आप प्रमोशन पाने की चाह रखते हुए भी अपने काम के टाइम में कमी करने के बारे में सोच रहे हैं। यहाँ पर आपके विचारों में एक टकराव है, जिसके लिए आपको अपने निर्णय को करने से पहले, इसके लिए काफी जाँच-पड़ताल करने की जरूरत है।
- ये पाँच क्यों ऐसा भी दर्शाते हैं, कि ये प्रॉब्लम टेम्पररी है -- आप सिर्फ इसलिए ज्यादा देर तक काम कर रहे हैं, क्योंकि आपके पास में एक नया अकाउंट आया है। सोचिए: जब आप अपने इस नए अकाउंट के साथ में कम्फ़र्टेबल हो जाएंगे, तब भी क्या आपको इतना ही ज्यादा वक़्त लगेगा?
- सोचकर देखिए, इसका किस-किस पर असर पड़ेगा: सबसे पहले, आपको इस बात पर विचार करना है, कि आपका फ़ैसला आपको किस तरह से प्रभावित करता है। खासतौर पर, आपका ये फ़ैसला, आपके अपने लिए बनाए हुए किसी नजरिए को किस तरह से प्रभावित करता है? आपकी अहमियत और आपके लक्ष्य क्या हैं? ऐसा फ़ैसला करना, जो कि आपकी “अहमियत के अनुकूल नहीं हैं” (जैसे कि, ये आपकी अपनी मान्यताओं के साथ मेल न खाते हों) आपको दुखी और असंतुष्ट महसूस करा सकते हैं।[११][१२]
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- उदाहरण के लिए, अगर आपकी जो आधारभूत मान्यताएँ हैं, वो आपकी पहचान में एक अहम भूमिका अदा करती है, ये आपकी महत्वाकांक्षाएँ हैं, तो ऐसे में पार्ट-टाइम जॉब को चुनना, इनके बीच एक तरह का मिसअलाइनमेंट दर्शा सकता है, ऐसा इसलिए है, क्योंकि अब आप अपने प्रमोशन पाने और कंपनी में अच्छी पोजीशन पाने के जुनून के पीछे नहीं भाग रहे हैं।
- आपकी मान्यताएँ भी कभी-कभी एक दूसरे के साथ भी मेल नहीं खा सकती हैं। उदाहरण के लिए, हो सकता है, कि अपने जुनून के पीछे भागना और अपनी फ़ैमिली की देखभाल करना, आपकी आधारभूत मान्यताएँ हो सकती हैं। ऐसे में किसी फैसले के ऊपर आने के लिए आपको इनमें से ही किसी एक को चुनना होगा। आपके द्वारा कोई फैसला लेने की वजह से आपकी किस मान्यता के ऊपर असर पड़ने वाला है, के बारे में जानकारी रखने से आपको एक फ़ैसला लेने में मदद मिलेगी।
- आपको इस बात के ऊपर भी विचार करना है, कि आपकी कोई परेशानी या आपका फ़ैसला, किसी दूसरे को किस तरह से प्रभावित कर सकता है। क्या इसके संभावित परिणामों में से कोई परिणाम आपके अपनों को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है? फ़ैसला करने की प्रक्रिया में दूसरों के बारे में भी सोचें, खासतौर पर अगर आप मेरिड हैं या आपके बच्चे हैं, तब तो ये आपके लिए और भी जरूरी बन जाता है।
- उदाहरण के लिए, पार्ट-टाइम जॉब करने का फैसला लेने का मतलब, कि आपके पास में ज्यादा वक़्त रहने वाला है, जो कि आपके बच्चों के ऊपर एक पॉज़िटिव प्रभाव डाल सकता है, लेकिन क्योंकि अब आप अपने प्रमोशन पाने के लक्ष्य को छोड़ रहे हैं, इसलिए ये आपके ऊपर एक नेगेटिव प्रभाव बना सकता है। इसके साथ ही, इससे आपकी इनकम में आई कमी की वजह से आपकी पूरी फ़ैमिली पर नेगेटिव प्रभाव भी पड़ सकता है।
- आपके सामने मौजूद सारे विकल्पों के बारे में सोच लें: एक नजर में तो आपको ऐसा लगेगा, कि आपके सामने और कोई दूसरा रास्ता नहीं मौजूद है, लेकिन ऐसा असल में होता नहीं है। भले ही आपको आपकी परिस्थिति एकदम सीमित ही क्यों न नजर आ रही हो, लेकिन फिर भी अपने लिए कुछ विकल्पों की लिस्ट बनाने की कोशिश करें। जब तक कि आपको एक पूरी लिस्ट न मिल जाए, तब तक उनके ऊपर विचार करना न शुरू करें। अगर आपको अपने लिए ऑप्शन्स की तलाश करने में तकलीफ हो रही है, तो अपनी फ़ैमिली या फ्रेंड्स के साथ मिलकर इसके ऊपर काम करें।[१३]
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- बेशक, जरूरी नहीं है, कि इसकी एक फिजिकल लिस्ट ही तैयार की जाए। आप इन्हें अपने मन में भी बनाकर रख सकते हैं!
- आप बाद में अपनी इस लिस्ट में से कुछ चीजों को बाहर भी निकाल सकते हैं, लेकिन कुछ क्रेज़ी आइडियाज से भी आपको ऐसे कुछ और क्रिएटिव हल मिल सकते हैं, जिनके बारे में आपने पहले सोचा भी न हो।
- उदाहरण के लिए, हो सकता है, कि आपको किसी और दूसरी कंपनी में ही एक ऐसी फुल-टाइम जॉब मिल जाए, जिसमें आपको बहुत ज्यादा ओवरटाइम करने की भी जरूरत न हो। आप अपने घर के कामों में मदद के लिए एक किसी इंसान को हायर भी कर सकते हैं, ताकि आपके पास में अपनी फ़ैमिली के साथ बिताने के लिए कुछ खाली वक़्त बच सके। आप चाहें तो अपनी फ़ैमिली के लिए शाम को एक “फ़ैमिली वर्क” भी सेट कर सकते हैं, जिसमें सभी लोग, एक रूम में रहकर, एक-साथ मिलकर अपना काम करते हैं और साथ ही आपको उनके साथ जुड़ा हुआ महसूस कराने में मदद करते हैं।
- रिसर्च से ऐसा भी मालूम हुआ है, कि बहुत सारे विकल्प होने की वजह से भी लोग कनफ्यूज हो जाते हैं और ये उनके लिए किसी भी एक निर्णय पर आना और भी कठिन बना देता है।[१४] एक बार आप अपनी लिस्ट बना लेते हैं, फिर आप इसमें से हर उस चीज़ को हटा सकते हैं, जो आपको जाहिर रूप से अस्वाभाविक लग रही हो। अपनी लिस्ट में सिर्फ पाँच ही ऑप्शन तक बचाकर रखने की कोशिश करें।
- अपने निर्णय से होने वाले वाले संभावित लाभों और हानियों के बीच तुलना करने के लिए एक स्प्रेडशीट बनाएँ: अगर आपकी परेशानी बहुत ज्यादा जटिल है और आप इसकी वजह से होने वाली कुछ संभावित चीजों को लेकर बहुत ज्यादा परेशान हैं, तो ऐसे में आपकी निर्णय लेने की प्रक्रिया में मदद पाने के लिए, एक स्प्रेडशीट बनाने के बारे में विचार करें। आप चाहें तो स्प्रेडशीट बनाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल (Microsoft excel) यूज कर सकते हैं या फिर इसे एक पेपर पर भी बना सकते हैं।[१५]
- स्प्रेडशीट बनाने के लिए, आपके द्वारा सोची जा रहे हर एक संभावित चॉइस के लिए एक कॉलम बनाएँ। हर एक कॉलम के अंदर, सारे संभावित परिणामों के लाभ और हानियों की तुलना करने के लिए, दो और सब-कॉलम बनाएँ। जो भी आइटम पॉज़िटिव है, उसके लिए एक + साइन का इस्तेमाल करें और जो आइटम नेगेटिव है उसके लिए – साइन का इस्तेमाल करें।
- आप चाहें तो आपकी लिस्ट में मौजूद हर एक आइटम को एक पॉइंट वैल्यू भी असाइन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप अपनी लिस्ट के “पार्ट-टाइम जॉब को चुनने” की वजह से “हर रात को अपने बच्चों के साथ डिनर करने का मौका मिलेगा” वाले आइटम को एक +5 पॉइंट्स असाइन कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ, आप आपकी इसी लिस्ट के एक और दूसरे आइटम, “हर महीने होने वाली इनकम में Rs.20,000 की कमी आएगी” को -20 पॉइंट्स असाइन कर सकते हैं।
- स्प्रेडशीट पूरी बना लेने के बाद, आप इन पॉइंट्स को एड कर सकते हैं और फिर तय कर सकते हैं, कि कौन से फैसले को सबसे ज्यादा स्कोर मिले हैं। बस इतना ध्यान रखें, कि आप सिर्फ इसी स्ट्रेटजी के बलबूते पर कोई एक फैसला नहीं ले सकते हैं।
- विचारों के बीच में कुछ जगह रहने दें: ज़्यादातर क्रिएटिव लोगों को शायद ये बात नहीं मालूम होगी, लेकिन ये बात सच है, कि उनके ज़्यादातर फैसले और हल, अक्सर उस वक़्त पर बाहर निकलकर आते हैं, जब वो या तो कुछ भी न सोच रहे हों, या फिर बहुत धीमी गति से सोच रहे हों। जिसका मतलब ये है कि, ज़्यादातर क्रिएटिव और इंटेलिजेंट सोल्यूशंस या आइडिया, मन की एक विचारहीन अवस्था से आते हैं। इसीलिए लोग मेडिटेशन किया करते हैं।
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- कोई भी फैसला लेने से पहले, जानकारी या ज्ञान इकट्ठा करना बेहद जरूरी होता है, लेकिन अगर आप सच में एक क्रिएटिव और इंटेलिजेंट फैसला लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कुछ वक़्त के लिए सोचना बंद या फिर अपनी सोच को कुछ धीमा करना होगा। साँसों का मेडिटेशन भी आपके विचारों के बीच में एक रुकावट लाने का एक ऐसा स्ट्रक्चर-लेस तरीका है, जो आपको क्रिएटिविटी और दुनियाभर के ज्ञान को आप में लाने में मदद करता है। क्योंकि इसके ऊपर आपको बहुत ज्यादा वक़्त नहीं देना होता है, इसलिए ये स्ट्रक्चर-लेस कहलाता है, इसमें आप कुकिंग, दांतों को ब्रश करना, वॉकिंग जैसे अपने रोज़मर्रा के कामों को करते वक़्त भी अपनी साँसों से जुड़ सकते हैं। और ज्यादा जानकारी पाने के लिए, इससे जुड़े हमारे दूसरे लेख पढ़ें।
- एक उदाहरण के ऊपर विचार करें: एक म्यूजीशियन के पास में, इन्स्ट्रूमेंट्स प्ले करने, गाने, गाना लिखने आदि, म्यूजिक बनाने के लिए ज्ञान और इन्फॉर्मेशन (टूल्स) मौजूद होती है, लेकिन वो उनकी क्रिएटिव इंटेलिजेंस ही है, जो उन्हें टूल्स के ऊपर कुछ नया करने को उकसाती है। जी हाँ, म्यूजिक इन्स्ट्रूमेंट्स के बारे में ज्ञान, सिंगिंग बगैरह भी जरूरी होते हैं, लेकिन गाने के लिए क्रिएटिव इंटेलिजेंस भी जरूरी होती है।
- आवेग में और सोच-समझकर किए जाने वाले फैसलों के बीच में अंतर करना सीखें: आवेग, आमतौर पर, कुछ समय बाद गायब हो जाता है। उदाहरण के लिए: खाने, शॉपिंग करने, घूमने आदि की चाह। हालाँकि, एक इंटेलिजेंट फ़ैसला अक्सर काफी समय तक दिमाग में घर करके रह जाता है। ये कुछ दिन, हफ्ते या महीनों तक भी बने रह सकता है।
- एक इंटेलिजेंट फैसला भी एक आवेग की तरह ही आपके मन में आ सकता है, लेकिन अगर आप अपने फैसले के ऊपर भी ठीक उसी तरह से फील हो, तो सावधान हो जाएँ। इसीलिए, सारी जानकारी इकट्ठी कर लेने के बाद, अपने आप से सवाल करते हुए बीच में कुछ वक़्त लेना, आपको एक इंटेलिजेंट फैसला करने में मदद कर सकता है।
- एक्सपेरिमेंट: कुछ गहरी साँसें लेने के बाद, आपने जिस काम को करने का तय किया है, उसकी तुलना उस वक़्त से करें, जब ये पहली बार आपके मन में आए थे।
- खुद को कुछ इस तरह से सलाह दें, जैसे कि आप आपके एक फ्रेंड हैं: कभी-कभी निर्णय पर से अपने कदम पीछे कर लेने से भी आपको एक सही निर्णय की पहचान करने में मदद कर सकते हैं। सोचकर देखें, कि आप आपके उस फ्रेंड को क्या सलाह देते, जो आपकी ही तरह की परिस्थिति से गुजर रहा है। आप उसे क्या फैसला लेने की सलाह देंगे? आप उन्हें उनके फैसले के बारे में क्या दिखाना चाहेंगे? आप उन्हें इस तरह की सलाह क्यों दे रहे हैं?[१६]
- इस स्ट्रेटजी का यूज करने के लिए, रोल प्ले करने की कोशिश करें। एक खाली चेयर के साइड में बैठ जाएँ और ऐसा सोचें, कि आप अपने आप से कुछ इस तरह से बात कर रहे हैं, जैसे कि आप कोई और हैं।
- अगर आप बैठना और अपने आप से बात नहीं करना चाहते हैं, तो ऐसे में आप चाहें तो खुद को सलाह देते हुए एक लेटर भी लिख सकते हैं। अपने लेटर की शुरुआत कुछ इस तरह से करें, “डियर ___, मैंने तुम्हारी परिस्थिति के ऊपर काफी विचार किया है और ऐसा सोचा है कि ____करना, तुम्हारे लिए बेस्ट रहेगा।” अपने लेटर में आपके विचारों (किसी और दूसरे इंसान की तरफ से आए हुए) को लिखते रहना जारी रखें।
- डेविल्स एडवोकेट (devil's advocate) खेलें: डेविल्स एडवोकेट खेलकर आपको ये तय करने में मदद मिलेगी, कि आप आपके फैसले के बारे में असल में क्या सोचते हैं, ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि आप इसमें एक विपरीत नजरिया लेकर चलेंगे और इसके ऊपर कुछ इस तरह से बहस करेंगे, जैसे कि अब यही आपका नजरिया है। उस विपरीत पॉइंट को लेकर अगर आपके द्वारा की जा रही ये बहस अचानक ही आपके लिए सही लगने लग जाती है, तो फिर अब आपके पास में सोचने के लिए एक और नई इन्फॉर्मेशन आ चुकी है।[१७]
- डेविल्स एडवोकेट खेलने के लिए, आपके द्वारा चुने हुए विकल्प के लिए मौजूद हर एक सही वजह के लिए बहस करने की कोशिश करें। अगर ये करना काफी आसान हो, तो फिर आपको समझ आ जाना चाहिए, कि आपको एक अलग ही विकल्प के बारे में सोचने की जरूरत है।
- उदाहरण के लिए, अगर आपका मन, अपने बच्चों के साथ ज्यादा वक़्त बिताने की चाह के चलते, पार्ट-टाइम जॉब करने के फैसले की ओर जाते जा रहा है, तो ऐसे में, आपको वीकेंड्स पर और वेकेशन पर अपने बच्चों के साथ काफी सारा क्वालिटी टाइम बिताने को मिल जाता है, सोचते हुए अपने फैसले के लिए विरोधाभास दिखाएँ। आप चाहें तो, ऐसा भी सोच सकते हैं, कि आपके द्वारा खोया हुआ पैसा और आपका प्रमोशन, आपकी फ़ैमिली के साथ डिनर को मिस कर देने की अपेक्षा कहीं ज्यादा ध्यान देने लायक बात है, क्योंकि इससे आप आपके बच्चों के साथ जरूरत से ज्यादा वक़्त बिताने लग जाएंगे। इसके साथ ही आपके अपने जुनून से उन लोगों को भी फ़ायदा मिलने वाला है, जो भी सोचने लायक बात है।
- सोचकर देखें, कि कहीं आप गिल्टी (guilty) फील तो नहीं कर रहे: गिल्ट के चलते कोई फैसला करना बहुत आम बात है, लेकिन गिल्ट कभी भी किसी सही निर्णय के पीछे की वजह नहीं होता है। गिल्ट की वजह से अक्सर, किसी काम और उसके परिणाम के ऊपर मौजूद हमारा नजरिया कुछ इस तरह से बदल जाता है, कि हम उनकी तरफ देखना (और उसमें अपनी मौजूदगी) ही छोड़ देते हैं।[१८] इस तरह के गिल्ट को कुछ ऐसी वर्किंग वुमन काफी ज्यादा महसूस करती हैं, जिनके ऊपर अपने वर्क और अपनी फ़ैमिली लाइफ को बैलेंस करने का दबाव रहता है।[१९]
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- गिल्टी फील करने की वजह से कोई काम करना भी हमारे लिए हानिकारक होता है, क्योंकि इसके चलते हम कुछ ऐसे फैसले भी कर लेते हैं, जो हमारी मान्यताओं के साथ मेल नहीं खाते हैं।[२०][२१]
- आपके फैसले में मौजूद “चाहिए” या “करना ही पड़ेगा” जैसे स्टेटमेंट्स को ढूँढना, इस तरह के गिल्ट को पहचानने का एक तरीका है।[२२] उदाहरण के लिए, “आप ऐसा सोच सकते हैं, कि अच्छे पेरेंट्स को अपना सारा वक़्त अपने बच्चों के साथ बिताना चाहिए” या फिर “एक ऐसा पेरेंट, जो इतने घंटों तक काम करता है, वो बुरा पेरेंट होता है।” इस तरह के स्टेटमेंट्स अक्सर आपके नहीं, बल्कि दूसरों के विचारों पर आश्रित होते हैं।
- इसलिए, आपके द्वारा लिए जा रहे निर्णय के गिल्ट पर आधारित होने की जांच करने के लिए, एक कदम पीछे लेकर देखें और असली परिस्थिति को जाँचने की कोशिश करें और इसके साथ ही आपकी खुद की मान्यताएं (आपकी आधारभूत विचारधारा, जिनकी आपकी लाइफ में अहमियत है) किसे सही बताती हैं, पर ध्यान दें। क्या आपके बच्चे आपके दिन-रात काम करने को लेकर सच में बेहद परेशान हैं? या आप सिर्फ इसीलिए ऐसा फील कर रहे हैं, क्योंकि किसी ने आप से ऐसा बोला है, कि आपको ऐसा करना “चाहिए”?
- अपने भविष्य के बारे में सोचें: आखिर में, सोचकर देखें, कि आप आगे कुछ सालों के बाद अपने इस फैसले के बारे में क्या सोचेंगे, ये आपके लिए फैसला करने का सबसे अच्छा तरीका होगा। सोचकर देखें, कि आप जब खुद को आईने में देखते हैं, तब अपने बारे में क्या सोचते हैं। आप आपके नाती-पोतों को इसके बारे में कैसे बताएँगे। यदि आपको इसके दीर्घकालिक प्रभाव पसंद नहीं आ रहे हैं, तो आपको अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।[२३]
- उदाहरण के लिए, क्या आपको ऐसा लगता है, कि 10 साल के बाद आपको अपने पार्ट-टाइम जॉब के फैसले को लेकर पछतावा होने वाला है? अगर ऐसा है, तो क्यों? ऐसा क्या है, जिसे आप 10 सालों तक एक फुल टाइम जॉब करके पा सकते हैं और 10 साल तक पार्ट-टाइम जॉब से नहीं पा सकते?
- अपने मन की आवाज पर भरोसा करें: आपको भी शायद खुद से ही ये अनुमान लग जाएगा, कि आपके लिए कौन सा फ़ैसला सही होने वाला है, तो इसलिए अगर आपको कुछ भी काम करते नजर नहीं आ रहा है, तो फिर बस अपने मन कि आवाज सुनें। अपने लिए वही फ़ैसला चुनें, जो आपको सही लगता है, फिर भले ही ये आपकी स्प्रेडशीट में कुछ और ही क्यों न नजर आ रहा हो। रिसर्च में ऐसा दिखाया गया है, कि ऐसे लोग, जो अपनी मन की आवाज सुनकर फैसला लेते हैं, वो टोल-मोल कर फैसले लेने वाले लोगों की तुलना में अपने फैसले को लेकर कहीं ज्यादा सेटीस्फाइ फील करते हैं।[२४][२५]
- अपने आप से पूछें, कि आप क्या करना चाहते हैं। संभावना तो यही है, कि आपको खुद से ही इस बात का अंदाजा लग जाएगा, कि कौन सा फैसला आपके लिए सही होने वाला है और आप खुद ही अपने फैसले की तरफ झुकाव महसूस करेंगे। यही वो अज्ञात परिवर्तन और वो डिसकंफ़र्ट है, जो आपके निर्णय को कठिन बना रहा है।
- एक शांत वातावरण में कुछ वक़्त बिताने से आपको अपने अन्तर्मन से संपर्क करने में मदद मिल सकती है।
- आप जितने ज्यादा निर्णय लेने की प्रैक्टिस करेंगे, ये आपके अन्तर्मन के विचारों को उतना ही ज्यादा बेहतर और स्पष्ट बनाते जाएगा।[२६]
- एक बैकअप प्लान तैयार रखें: आगे तक की सोच रखना, आपको किसी भी संभावित नेगेटिव रिजल्ट से होने वाली परेशानी से बचाने में मदद कर सकता है। आप किसी भी बुरे परिणाम से किस तरह से निपटेंगे, इसके लिए एक बैकअप प्लान तैयार रखें। फिर भले ही आपको आपके इस प्लान की कभी जरूरत न पड़ने वाली हो, लेकिन फिर भी अपने पास में एक बैकअप प्लान के होने से आपको किसी भी बुरी स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलती है। ऐसे लोग, जो किसी ऊंची पोजीशन पर हुआ करते हैं, उनके साथ में हमेशा ही कुछ गड़बड़ होने की संभावना चलती है, इसलिए वो अक्सर ही अपने साथ में एक बैकअप प्लान लेकर चलते हैं। ये स्ट्रेटजी, छोटे से छोटे फैसले करने में भी मददगार हो सकती है।[२७]
- एक बैकअप प्लान तैयार होने से आपकी किसी भी असफलता या अनचाहे परिणाम से निपटने की काबिलियत बढ़ जाती है। किसी भी असफलता से निपटने की आपकी काबिलियत, अक्सर आपके फैसले में सफलता पाने की काबिलियत को प्रभावित करती है।
- एक चयन करें: आप क्या फैसला करते हैं, कोई मायने नहीं रखता, हर एक परिणाम की ज़िम्मेदारी को स्वीकारने को तैयार रहें। अगर कुछ सही नहीं हो रहा है, तो लापरवाह होने के बजाय सचेत निर्णय लेने के लिए हमेशा बेहतर होता है। ऐसा करके, कम से कम आप आपके बच्चों को तो ये बता सकेंगे, कि आपने अपनी ओर से पूरी कोशिश की थी। अपने फैसले लें, और हमेशा अपने फ़ैसलों के साथ खड़े रहें।[२८]
- कोई भी सिनारियो परफेक्ट नहीं होता है। एक बार आप कोई फैसला कर लेते हैं, फिर आप से जितना हो सके, उतना बिना किसी खेद के और आपके द्वारा न चुने हुए दूसरे किसी विकल्प के बारे में सोचे बिना, इसे पूरे दिल से निभाने की कोशिश करें।
- अगर आपको बाद में जाकर अपने फैसले के ऊपर कोई भी विचार आए, तो ऐसा सोचने लगें, कि आपके द्वारा चुना हुआ कोई भी विकल्प, ठीक इसी तरह से काम करता। इस मामले में, आपके पास मौजूद सारे विकल्पों की अपनी कुछ खासियत और खामियाँ भी हो सकती हैं। अगर उनमें से कोई भी विकल्प, किसी दूसरे विकल्प से बेहतर साबित हो गया होता, तो आपने उसे तब ही चुन लिया होता।
- याद रखें, कि आपके पास में कोई फ़ैसला करने लायक भरपूर इन्फॉर्मेशन नहीं भी हो सकती है। अगर आपको अपने सामने मौजूद विकल्पों को कम करने में परेशानी हो रही है, तो ऐसे में थोड़ी सी और जांच-पड़ताल करके देख लें। इस बात को समझें, कि हो सकता है कि आपको जिस इन्फॉर्मेशन की जरूरत है, वो आपको मिल ही जाए। आपके पास में मौजूद सारी इन्फॉर्मेशन्स के ऊपर विचार करने के बाद, आपको आगे बढ़ना होगा और एक फ़ैसला करना होगा।
- आपके द्वारा फ़ैसला कर लेने के बाद, आपके सामने एक ऐसी नई इन्फॉर्मेशन भी आ सकती है, जो आपके द्वारा लिए गए असली फैसले को पूरी तरह से बदल डाले। अगर ऐसा होता है, तो एक बार फिर से फ़ैसला लेने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तैयार हो जाएँ। फ्लेक्सिबिलिटी होना, एक बहुत अच्छी स्किल होती है।
- अगर आपको जल्दी ही कोई फ़ैसला लेना हो या फिर आपका फ़ैसला इतना ज्यादा जरूरी न हो, तो फ़ैसला करने के लिए खुद को एक टाइम लिमिट दे दें। "बहुत ज्यादा सोच-विचार करने से कन्फ़्यूजन होने" का खतरा वास्तविक होता है। अगर आप इस वीकेंड पर किसी मूवी को देखने के ऊपर फ़ैसला करने की कोशिश कर रहे हैं, तो ऐसे में टाइटल्स लिखने में वक़्त न गँवाएँ।
- अगर आप बहुत ज्यादा भी कोशिश करेंगे, तो आप किसी बहुत छोटी सी और जाहिर बात को भी छोड़ सकते हैं। बहुत ज्यादा भी न सोचें।
- अपने लिए बहुत सारे विकल्प भी न तलाशें। रिसर्च से ऐसा मालूम हुआ है, कि हर तरफ से कोई उम्मीद की किरण न नजर आने की भावना, हमारे निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर देती है।[२९]
- अच्छाइयों और कमियों की एक लिस्ट बना लें! आप चाहें तो विकल्पों की लिस्ट भी बना सकते हैं, और इन्हें तब तक कम करते रह सकते हैं, जब तक कि आपको कोई संभावना न नजर आ जाए। फिर, एक अंतिम फैसले तक पहुँचने के लिए, दूसरों के साथ मिलकर इसके ऊपर डिस्कस करें।
- याद रखें, कि कुछ जगहों पर आपके मन में कोई फ़ैसला न करने का खयाल भी आ सकता है, जो कि सबसे ज्यादा बदतर फैसला हो सकता है।
- हर एक एक्सपीरियंस को एक लर्निंग एक्सपीरियंस की तरह ही ट्रीट करें। जरूरी निर्णय करके, आप हमेशा ही कठिन दौर से गुजरने के तरीको को सीखेंगे और यहाँ तक कि आपको मिली असफलताओं को भी अपने लिए एक लर्निंग एक्सपीरियंस की तरह इस्तेमाल करेंगे, जिसके साथ आप आगे बढ़ेंगे और जिसे स्वीकार भी करेंगे।
- खुद को बहुत ज्यादा स्ट्रेस में डालने से भी बचें। ये सिर्फ चीजों को और भी ज्यादा बदतर बना देगा।
- ऐसे लोगों से दूर ही रहें, जो ऐसा दिखाते हैं, कि वो जो सोच रहे हैं, वही आपके लिए सबसे सही रहेगा, लेकिन आपके सामने ऐसा दिखाते हैं, कि आप अपने मन की ही कर रहे हैं। उनकी सलाह सही भी हो सकती हैं, लेकिन अगर वो आपकी फीलिंग्स और आपकी चिंताओं को सुनने तक को तैयार नहीं हैं, तो वो आपके लिए शायद बहुत ज्यादा गलत भी हो सकते हैं। साथ ही ऐसे लोगों से भी दूर रहें, जो कि हमेशा आपके भरोसे को गलत ठहराते हैं।
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